अभिनेता सलमान खान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा बन गए हैं
सलमान की बहन अर्पिता की शादी में शामिल होंगे मोदी!
सलीम खान ने कहा कि हां, मैं शादी के लिए पीएम मोदी को इनवाइट करूंगा और उम्मीद है कि इसमें शिरकत करने के लिए उन्हें वक्त मिल सकता है
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एक समय था जब सलमान खान फिल्म इंडस्ट्री में बदनामी से घिर चुके थे ,
लेकिन नरेंद्र मोदी के साथ सलमान के आने से सोशल मीडिया पर सलमान दोबारा से प्रसिद्दि पाने लगे हैं ,
अनेकों नरेंद्र मोदी फेन क्लब सोशल मीडिया पेजेस ने मोदी के सलमान की बहिन की शादी में शरीक होने की सूचना दी है
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उधर सलमान खान भी नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत आदि कार्यक्रमों से जुड़ रहे हैं :-
अभिनेता सलमान खान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा बन गए हैं। सलमान अपने हाथ में झाड़ू थामा और साफ सफाई को अंजाम दिया। साथ ही, उन्होंने लोगों को भी इसमें शामिल होने का न्योता भी दिया है। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सलमान के इस मुहिम से जुड़ने के लिए तारीफ की है
जिसके बाद सलमान ने ट्वीट कर कहा था कि मैंने और मेरे फाउंडेशन ने स्वच्छ भारत के लिए अपने सम्माननीय प्रधानमंत्री के आमंत्रण को स्वीकार लिया है। सलमान ने यह भी कहा था कि अपने स्वच्छ भारत के लिए मैं सौ प्रतिशत दूंगा
Above News source : Zee News
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सलमान खान की बहन अर्पिता की शादी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हो सकते हैं. बहन की शानदार शादी का सपना हर एक भाई का होता है. सलमान भी अपनी बहन अर्पिता की शादी बड़े ही धूमधाम से करना चाहते हैं. इस शादी में मोदी के शामिल होने की खबर जोरों पर है.
पिता सलीम खान और सलमान दोनों ही मोदी को आमंत्रण देने की योजना बना रहे हैं. मोदी ने भी शपथग्रहण समारोह में सलमान को पिता के साथ बुलाया था और दोनों ही समारोह में शामिल हुए थे.
अर्पिता की शादी 16 नवंबर हो होने वाली है. इसके लिए तैयारियां जोरों से चल रही है. सलीम खान ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा हां, मैं शादी के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित करूंगा और उम्मीद है कि इसमें शिरकत करने के लिए उन्हें वक्त मिलेगा. सलीम खान ने शादी की भव्यता को लेकर उठ रहे सवालों पर कहा मैं खर्चीली शादियों में विश्वास नहीं करता.
तीनों भाईयों में अर्पिता सलमान के सबसे ज्यादा करीब है. ऐसे में सलमान अपनी बहन की शादी में कोई कोर कसर नहीं रखना चाहते. पार्टी हैदाराबाद के पांच सितारा होटल में होगी. गौरतलब है कि अर्पिता बिजनेसमैन आयुष शर्मा के साथ रिलेशनशिप में हैं
News Source : Prbhatkhabar.com
आप एवं परिवार के समस्त सदस्यों को पावन पर्व दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभ-कामनाएं , यह पर्व आपके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ लाये , आप सभी परिवार सहित हर्ष-उल्लास के साथ यह पर्व मनाएं , यह पर्व आपके अंधकारमय जीवन में प्रकाश लाये , आप स्वस्थ्य रहें , मस्त रहें , धन की देवी " माँ लक्ष्मी " आप पर सदा महरबान रहें ! देवी " माँ सरस्वती " की असीम कृपा आप पर बनी रहे ! " श्री गजानन " आपको बल बुद्धि प्रदान करें ! आपका अपने परिवार के साथ असीम प्रेम और स्नेह का भाव जीवन भर बना रहे !
ReplyDeleteसर्वोच्च न्यायालय के अन्तरिम आदेशोपरान्त सिसोदिया वंश के एक राजकुमार ने चाणक्य जी से परामर्श लेकर एक राजाज्ञा प्रसारित किया है कि यदि वो चयन से वंचित हुए तो साधना भाभी के साथ मिलकर मा. दत्तू जी के साथ-साथ उन समस्त न्यायाधीषोँ की भारतीय नागरिकता रद्द करवा देँगे, जिन्होने लिँग/वर्ग भेद के आधार पर निर्गत विज्ञप्ति की बहाली मेँ अपना सर्वस्व योगदान दिया,,,,,,,है,,,,,,!
ReplyDelete"जो कुछ तुम ने आरम्भ से सुना है वही तुम में बना रहे: जो तुम ने आरम्भ से सुना है, यदि वह तुम में बना रहे, तो तुम भी पुत्र में, और पिता में बने रहोगे। और जिस की उस ने हम से प्रतिज्ञा की वह अनन्त जीवन है।''
ReplyDelete1 यूहन्ना 2:24-25 )
सबने ख़रीदा सोना, मैने इक सुई खरीद ली
ReplyDeleteसपनो को बुनने जितनी,डोरी ख़रीद ली !
शौक-ए-ज़िन्दगी,कुछ कम किये,
फ़िर सस्ते में ही, सुकून-ए-ज़िंदगी खरीद ली!!
शुभ दिपावली आप सभी को .!!
"सफ़ाई देने में, और स्पष्ट करने में
ReplyDeleteअपना समय बर्बाद न करें, लोग वही सुनते
हैं, जो वे सुनना चाहते हैं"
माँ 6 साल के बच्चे को पीटते हुये बोली,
ReplyDelete"नालायक, तूने भँगी के घर
की रोटी खायी, तू भँगी हो गया, तूने
अपना धर्म भ्रष्ट कर लिया. अब
क्या होगा?
.
.
बच्चे का मासूम सवाल : माँ, मैने तो एक
बार उनके घर की रोटी खाई,
तो मैं भँगी हो गया, । लेकिन वो लोग
तो हमारे घर की रात
की बची रोटी बर्षो से खा रहे हैं,
तो वो ब्राह्राण क्यों नही हो पाये??
दिवाली का टाइम है, सभी लोग
ReplyDeleteखरीदारियों में लगे हुए हैं। आपसे आग्रह है की
इस टाइम सड़क किनारे धंधा करने वाले
छोटे-छोटे लोगों से मोलभाव न करें…।
मिट्टी के दयुवे, लक्ष्मी गणेश आदि की मूर्तियाँ
खील-पताशे, झाड़ू-रंगोली, रंगीन पन्नियाँ, मोमबत्ती इत्यादि बेचने
वालों से क्या मोलभाव करना??
जब हम टाटा-बिरला-अंबानी-भारती के
किसी भी उत्पाद में मोलभाव नहीं करते
(कर ही नहीं सकते), तो दीपावली के समय
चार पैसे कमाने की उम्मीद में बैठे इन
रेहड़ी - खोमचे - ठेले वालों से "कठोर
मोलभाव" करना एक प्रकार का अन्याय
ही है... उसे यह बेचकर कोई शॉपिंग माल
नही बनाना है सिर्फ अपने परिवार के
लिए कुछ पैसे इकट्ठे करने हैं
ताकि वो लोग भी दीपावली मना सकें
मौल-भाव के लिए बाकी का पूरा साल है लेकिन इस टाइम उन लोगों को भी अपने बच्चों के लिए मिठाई आदि खरीदनी होती है। अगर गरीब बच्चों को खाना खिला सकें, उन्हें पुराने जूते कपड़े दे सकें या कुछ दोस्त मिल कर पैसे इक्कठे करके उन्हें मिठाई दे सकें तो और भी बढ़िया होगा।
क्या आप यह कर सकते हैं?
मेरी बात से सहमत हैं
तो सभी को जागरुक करें...
आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनांये।
हम प्रार्थना करते है कि परम्
ReplyDeleteपिता परमात्मा आपको
गणेश की सिद्धी
लक्ष्मी की वृद्धि,
चाणक्य की बुद्धि,
विक्रमादित्य का न्याय,
पन्ना सी धाय
कामधेनू सी गाय,
भीष्म की प्रतिज्ञा,
हरिश्चन्द्र की सत्यता,
मीरा की भक्ति,
शिव की भक्ति,
कुबेर की सम्पन्नता,
विदेह की विरक्ति,
तानसेन का राग,
दधीचि का त्याग,
भृर्तहरी का बैराग,
एकलव्य की लगन,
सूर के भजन,
कृष्ण की मित्रता,
गंगा की पवित्रता,
मां का ममत्व,
पारे का घनत्व,
कर्ण का दान,
विदुर की नीति,
रघुकुल की नीति प्रदान करे।
आपको दीपावली व नव वर्ष की हार्दिक शुभकामना..
आज भारत देश का सबसे बड़ा पर्व दीपावली है,
ReplyDeleteहम में से सभी ने अपने अपने स्तर पे दीपावली मनाने के लिये कुछ ना कुछ तैयारियाँ जरुर की होगी, जैसे पटाखे, मिठाईयाँ, नये कपड़े, गिफ्ट्स और भी बहुत कुछ,
आज हमारा आप सभी से विनम्र अनुरोध है कि,
आज के दिन किसी ऎसे व्यक्ति को भी कुछ उपहार दें जिस से आपका कोई पुराना परिचय ना हो, और जो किसी प्रकार के अभावो में हो,
जैसे किसी फूल बेचने वाले की बिटिया या किसी चाय की दुकान पे काम करने वाला बच्चा, घर के दूधवाले या काम वाली के बच्चे, या रात को सड़को पर जले हुए पटाखो के बीच कुछ पटाखे खोजते हुआ कोई बच्चा,
इन्हे आप 50-100 रुपये की चाकलेट तो दे ही सकते हैं,
या आप अपने शहर के 5-7 दोस्तो के साथ मिलकर,
किसी अनाथालय के बच्चो, किसी वृध्दाश्रम के बुजुर्गो, किसी मूक बाधिर स्कूल के हास्टल के बच्चो को, 500-600 रुपये के फल और मिठाईयाँ भी दे ही सकते हैं।
आपके 50-100 रुपये खर्च करने से आप पर कोई भार नहीं पड़ेगा, लेकिन ऎसा करके आप किसी की खुशी दोगुनी कर सकते हैं, और ऎसा करने से आपको जो मानसिक शांति मिलेगी वो अनमोल है।
जिसने भी कहा है सच ही कहा है, दुःख बाँटने से कम होता है और खुशियां बाँटने से बढ़ती है,
आठ साल का बेटा दीपावली के त्यौहार
ReplyDeleteपर अपनी माँ से बार-बार प्रश्न करता है
की माँ मेरे
पिता जी अभी तक
क्यों नही आए
हैं...उसकी माँ को पता चलता है
की उसका पति और उस बच्चे
का पिता सीमा पर युद्ध के दौरान शहीद
हो गया है....पर वो अपने बेटे से इस बात
को नही कह पाती.....
आइये पढ़ते हैं
ह्रदय को झकझोर देने वाले इस गीत को....
.
.
चारो तरफ़ उजाला पर अँधेरी रात थी।
वो जब हुआ शहीद उन दिनों की बात
थी॥
आँगन में बैठा बेटा माँ से पूछे बार-बार।
दीपावली पे क्यो ना आए
पापा अबकी बार॥
माँ क्यो न तूने आज भी बिंदिया लगाई है ?
हैं दोनों हात खाली न महंदी रचाई है ?
बिछिया भी नही पाँव में बिखरे से बाल हैं।
लगती थी कितनी प्यारी अब
ये कैसा हाल है ?
कुम-कुम के बिना सुना सा लगता है श्रृंगार....
दीपावली पे क्यों ना आए पापा...........
............॥
बच्चा बहार खेलने जाता है...और लौट कर
शिकायत करता है....
किसी के पापा उसको नये कपड़े लायें हैं।
मिठाइयां और साथ में पटाखे लायें हैं।
वो भी तो नये जूते पहन खेलने आया।
पापा-पापा कहके सबने मुझको चिढाया।
अब तो बतादो क्यों है सुना आंगन-घर-द्वार ?
दीपावली पे क्यों ना आए पापा...........
............॥
दो दिन हुए हैं तूने कहानी न सुनाई।
हर बार की तरह न तूने खीर बनाई।
आने दो पापा से मैं सारी बात कहूँगा।
तुमसे न बोलूँगा न तुम्हारी मैं सुनूंगा।
ऐसा क्या हुआ के बताने से हैं इनकार
दीपावली पे क्यों ना आए पापा.......................॥
वो आठ साल का बेटा तब अपनी माँ से कहता है....
मत हो उदास माँ मुझे जवाब मिल गया।
मकसद मिला जीने का ख्वाब मिल गया॥
पापा का जो काम रह गया है अधुरा।
लड़ कर के देश के लिए करूँगा मैं पूरा ॥॥॥
जय हिंद॥
जिस भी कपल को हँसते-मुस्कुराते बातें करते देखता हूँ तो मन में बस एक ही ख्याल आता है
ReplyDelete.
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या तो बीबी नई है
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या
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ये उसकी तो हो ही नहीं सकती ..
ReplyDelete.
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मैं अगर चाहु भी तो शायद ना लिख सकूं उन लफ़्ज़ों को
जिन्हे पढ़ कर तुम समझ सको की मुझे तुम से
कितनी मोहब्बत है!!!!!
ReplyDeleteभरी दुपहरी में अँधियारा सूरज परछाई से हारा
अंतरतम का नेह निचोड़े बुझी हुई बाती सुलगाएं
आओ फिर से दिया जलाएं || आओ फिर से दिया जलाएं
हम पड़ाव को समझे मंजिल लक्ष्य हुआ आँखों से ओझल
वर्तमान के मोहजाल में आने वाला कल न भुलाएँ
आओ फिर से दिया जलाएं || आओ फिर से दिया जलाएं
आहुति बाकी यज्ञ अधूरा अपनों के विघ्नों ने घेरा
अंतिम जय का वज्र बनाये नव दधिची हड्डिया गलाएँ
आओ फिर से दिया जलाएं || आओ फिर से दिया जलाएं
______अटल बिहारी बाजपेई
अगर सरकार ताजमहल में पान/गुटखा खाने की छूट दे दे तो ये लोग कुछ ही दिनों में उसे पीक मार मार कर
ReplyDelete!
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लालकिला बना देंगे..
जहां पूरा भारत दीवाली अपने घर पे मना रहा है
ReplyDeleteवहीं देश के पी एम मोदी जी जवानों के साथ दीवाली मनाने के लिये सीयाचीन मे हैं
रिट........
ReplyDeleteरिट........
रिट........
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3 साल होने को जा रहे हैं जो अब तक भी कुछ लटगंजुओं/लपटगंजियों का इस बेढ़ंगे शब्द से मन नही भरा।
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गलती हमारे कानून की भी है जो ऐसो को बार-बार मौका देता है। जिस फैसले पर 10+ जजों की मुहर लग चुकी हो, उसे आँखें दिखाने की इनमें कैसे हिम्मत हो जाती है? कानून को चाहिए कि दूसरों को परेशान करने के लिए जो ऐसा करे, उसे उल्टा लटकाकर तब तक कौड़े बजाए जाएं जब तक कि वो अपने सभी रिश्तेदारों तक की भी तौबा-तौबा न करने लग जाएं। या जब तक 72825 पूरी न हो जाए !
.
29 अक्टूबर को समय है जब साधना जैसो को ऐसी साधना के लिए तैयार कर दिया जाए कि इनका हाल देखकर इन जैसे औरों की बैंड़ इनसे पहले बज जाए !
दिवाली विशेषांक !
ReplyDelete!
रात का समय था, चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ
था , नज़दीक ही एक कमरे में चार मोमबत्तियां जल
रही थीं। एकांत पा कर आज वे एक दुसरे से दिल
की बात कर रही थीं।
:
पहली मोमबत्ती बोली,
” मैं शांति हूँ ,
पर मुझे लगता है अब इस दुनिया को मेरी ज़रुरत
नहीं है , हर तरफ आपाधापी और लूट-मार मची हुई है,
मैं यहाँ अब और नहीं रह सकती। …”
और ऐसा कहते हुए , कुछ देर में वो मोमबत्ती बुझ
गयी।
:
दूसरी मोमबत्ती बोली ,
” मैं विश्वास हूँ , और मुझे लगता है झूठ और फरेब
के बीच मेरी भी यहाँ कोई ज़रुरत नहीं है , मैं
भी यहाँ से जा रही हूँ …” , और
दूसरी मोमबत्ती भी बुझ गयी।
:
तीसरी मोमबत्ती भी दुखी होते हुए बोली , ”
मैं प्रेम हूँ, मेरे पास जलते रहने की ताकत है, पर
आज हर कोई इतना व्यस्त है कि मेरे लिए किसी के
पास वक्त ही नहीं, दूसरों से तो दूर लोग अपनों से
भी प्रेम करना भूलते जा रहे हैं ,मैं ये सब और
नहीं सह सकती मैं भी इस दुनिया से जा रही हूँ….”
और ऐसा कहते हुए तीसरी मोमबत्ती भी बुझ गयी।
:
वो अभी बुझी ही थी कि एक मासूम बच्चा उस कमरे
में दाखिल हुआ।
मोमबत्तियों को बुझे देख वह घबरा गया ,
उसकी आँखों से आंसू टपकने लगे और वह रुंआसा होते
हुए बोला ,
“अरे , तुम मोमबत्तियां जल क्यों नहीं रही , तुम्हे
तो अंत तक जलना है ! तुम इस तरह बीच में हमें कैसे
छोड़ के जा सकती हो ?”
:
तभी चौथी मोमबत्ती बोली ,
” प्यारे बच्चे घबराओ नहीं, मैं आशा हूँ और जब तक
मैं जल रही हूँ हम बाकी मोमबत्तियों को फिर से
जला सकते हैं।
“
यह सुन बच्चे की आँखें चमक उठीं, और उसने
आशा के बल पे शांति, विश्वास, और प्रेम को फिर से
प्रकाशित कर दिया।
:
जब सबकुछ बुरा होते दिखे ,चारों तरफ अन्धकार
ही अन्धकार नज़र आये , अपने भी पराये लगने लगें
तो भी उम्मीद मत छोड़िये….आशा मत छोड़िये ,
क्योंकि इसमें इतनी शक्ति है कि ये हर खोई हुई चीज वापस दिला सकती है !
कुछ 115 और उससे कम नंबर वाले बक बक करते फिर रहे हैं कि अगर उनका चयन ना हुआ तो वो भर्ती फँसा देंगे | मैं उन घातियों से कहना चाहता हूँ कि अगर तुम लोग इतने बड़े काबिल थे तो टेट के 3rd क्लास पेपर में इतने कम नंबर क्यों लाये ? जिसको लग रहा है कि भर्ती में धांधली हो रही है इसलिए उसका अब तक चयन नहीं हुआ तो अब वो आपको भी बेवकूफ बना रहा है !
ReplyDelete"हे.. मेरे.. 33 करोड़ देवी-देवताओं...
ReplyDeleteमुझे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए...
बस आप सब एक-एक रुपया दे दो..।
गुड रात्रि
अट्ठानबे और
इन्टैक्स वाली
शुभ प्रभात और आज का विचार
ReplyDelete!
कोशिश करते हो सफलता फिर
भी नही मिलती तो निराश मत होना उस
आदमी को याद करना - जिसने 21वे वर्ष
में बोर्ड मेम्बर का चुनाव लड़ा और हार
गया... 22 वे वर्ष में व्यवसाय
करना चाहा उसमे भी असफल हुआ,,, 27 वे
वर्ष में पत्नी ने तलाक दे दिया,,, 32 वे
वर्ष में सांसद पद के लिए खड़ा हुआ फिर
मात खा गया,,, 42 वे वर्ष में फिर सांसद
पद के लिया खड़ा हुआ फिर हार गया,,,,
47 वे वर्ष में उप- रास्ट्रपति पद के
लिया खड़ा हुआ पर फिर परास्त हुआ,,,,
लेकिन वही व्यक्ति 51 वे वर्ष में
अमेरिका का राष्ट्रपति था - अब्राहिम
लिंकन ,,, हिम्मत मत हारो नए सिरे से
यात्रा शुरु करो , कामयाबी जरुर
मिलेगी l
एक सुझाव : -
ReplyDeleteकृपया मै निवेदन करता हूँ ऐसे महापुरुषों से जो कि सच्चे टेट मेरिट समर्थक हैं परन्तु वे साधना मिश्रा की याचिका में अपना वर्तमान तलाशने लगे हैं।
उनकी इच्छा है कि वर्गीकरण रद्द हो जाये और उनका भला हो जाये।
जनरल 105-114 और ओबीसी 103-111 के लिए तो यह वर्गीकरण रद्द होना ही कल्याणकारी हो सकता है।
जबकि साधना का लक्ष्य वर्गीकरण रद्द करवाकर टीईटी मेरिट से भर्ती करवाना नहीं है।
साधना तो सिर्फ इस वर्गीकरण को मौजूदा प्रक्रिया में खोट के रूप में साबित करके उक्त भर्ती
को रोकना है।
साधना की याचिका बहुत दमदार नहीं है परन्तु परिस्थिति उसकी याचिका को दमदार बना रही है
ReplyDeleteक्योंकि स्टैंडिंग काउंसिल का जवाब भी आप जान लो ।
यूपी बेसिक रूल 14(3) पर हुये संशोधन 12 को सरकार वापस लेकर
संशोधन 15 ला चुकी है जिसे हाई कोर्ट की खंडपीठ अल्ट्रा वायरस घोषित कर चुकी है तथा हाई कोर्ट की खंडपीठ के फैसले को
सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है तथा मामला पेंडिंग है।
अतः मौजूदा समय में संशोधन 12 वजूद में नहीं है क्योंकि SLP पेंडिंग है तथा जो भर्ती चल रही है यह अमेंडमेंट 12 के आधार पर जारी हुये शासनादेश तथा विज्ञप्ति पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी अंतरिम आदेश पर चल रही है।
फिर क्या होगा आप खुद समझदार हो।
यदि अमेंडमेंट 15 पर जारी हुये ऐड को सरकार रिक्ति देना चाहे तो इसपर भी एक अंतरिम भर्ती संभव है परन्तु यह सरकार की मंशा पर निर्भर है।
लखनऊ बेंच में निर्भय सिंह, गणेश दिक्षित और अरविन्द सिंह की याचिकाओं की इस साधना मामले में कनेक्ट होना थोड़ा कठिन है क्योंकि
जस्टिस वीके शुक्ला भारत के टॉप मोस्ट सर्विस लॉयर भी रहे हैं !
उक्त की याचिका में बेसिक रुल 14(3) में संशोधन 15 को चुनौती दी गयी है जबकि साधना ने मुद्दा बेसिक रूल 14(3) पर संशोधन 12 का मुद्दा उठाया है अतः यह मामला सरकार बनाम साधना आदि ही रहेगा।
ReplyDeleteजिस किसी को वर्गीकरण से ऐतराज हो जस्टिस अशोक भूषण की खंडपीठ का फैसला लगाकर राहत प्राप्त कर सकता है।
इसकी सलाह ओपन पोस्ट में देना मै उचित नहीं समझता हूँ क्योंकि मै जानता हूँ कि तीसरी काउंसिलिंग के बाद लोग खुद मुझसे इस विषय पर तरकीब पूंछेंगे।
मै इसपर स्वतः फैसला तब लूँगा जब सरकार अनिल संत के शासनादेश से भटकने का बड़ा दांव खेलेगी।
धन्यवाद।
Tiger sir good morning .sir jrt me ab Jo seats vacants hai unki counseling nahi hogi kya? Sir pls tell me .pls sir
ReplyDeleteये PM
ReplyDeleteथकता नहीं..रुकता नहीं..सुस्ताता नही
नई दिल्ली। जिस समय देश भर में लोग दिवाली पर
छुट्टी लेकर घर-परिवार और दोस्तों के साथ वक्त
बिता रहे होंगे, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी जम्मू-कश्मीर में बाढ़ पीड़ितों के साथ होंगे।
उनका दुख-दर्द बांटेंगे। जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़
के बाद मोदी ने सबसे पहले
वहां का दौरा किया और 1 हजार करोड़ की मदद
का ऐलान भी किया था। हर मंच से उन्होंने कश्मीर
के लिए मदद की अपील भी की।
प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी ने आराम
नहीं किया है। वो खुद कहते हैं
कि उनकी डिक्शनरी में आराम का लफ्ज नहीं है
और ये दिखता भी है। 1 अक्टूबर की देर रात
मोदी अमेरिका दौरे से लौटे और अगले ही रोज
सुबह-सुबह स्वच्छ भारत अभियान में जुट गए।
ऐसा नहीं है कि ये सब कुछ मोदी के
प्रधानमंत्री बनने के बाद हुआ है। दरअसल ये
उनकी फितरत में है, उनकी आदत में शुमार है।
गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए भी उन्होंने अपने
अथक काम से गुजरात को तरक्की की नई
ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
मोदी की मेहनत और
उनकी कार्यशैली की बानगी पूरे देश ने तब
देखी जब बीजेपी ने उन्हें अपना प्रधानमंत्री पद
का उम्मीदवार बनाया। 13 सितंबर 2013 को ये
दायित्व संभालने के बाद से 10 मई 2014
को लोकसभा चुनाव का प्रचार खत्म होने तक
मोदी ने रिकॉर्ड 440 रैलियां कीं। 1350
रैलियां और चाय पर चर्चा थ्री डी के जरिए की।
प्रचार के लिए करीब 3 लाख किलोमीटर का सफर
तय किया। जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी तक,
अमरेली से अरुणाचल तक मोदी ने रैलियां कीं। ये
किसी एक नेता का किया हुआ अबतक का सबसे
बड़ा चुनावी कैंपेन था।
26 मई को मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ
ली और उसी रोज से काम में जुट गए। अगले
ही रोज पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ-साथ
तमाम पड़ोसी मुल्क के नेताओं के साथ मुलाकात
और द्विपक्षीय वार्ता की। पीएम बनते
ही मोदी ने साफ कर
दिया कि सरकारी दफ्तरों को अपना रुख बदलने
की जरूरत है। अपने काम और जनता के
प्रति जवाबदेह बनने की जरूरत है तो लाल किले
की प्राचीर से भ्रष्टाचार पर वार करते हुए
कहा कि मैं न खुद खाऊंगा और न किसी को खाने
दूंगा।
देश के आर्थिक हालात को पटरी पर लाने की पहल
हों, अर्थशास्त्रियोंऔर उद्योगपतियों के साथ
बैठक हो या फिर वैज्ञानिकों के प्रोत्साहन
की बात, हर जगह मोदी नजर आते हैं।
तभी तो मार्स मिशन की ऐतिहासिक सफलता के वे
न सिर्फ गवाह बने बल्कि श्रीहरिकोटा पहुंचकर
खुद देश के वैज्ञानिकों की पीठ थपथपाई।
जनधन योजना हो, गरीबों के लिए बैंक अकाउंट हो,
मेक इन इंडिया कैंपेन हो या स्वच्छ भारत कैंपेन,
मोदी ने बहुत कम वक्त में बहुत कुछ किया है। 4
महीने में ही पीएम मोदी ने भूटान, ब्राजील, नेपाल,
जापान और अमेरिका का दौरा किया। दुनिया भर के
तमाम बड़े नेताओं से मुलाकात की। जापान और
चीन के साथ बड़े आर्थिक समझौते किए। बहुत
सारा विदेशी निवेश भारत लाए।
विधानसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र और
हरियाणा में बिना थके, बिना रुके ताबड़तोड़
रैलियां कीं और पार्टी को दोनों ही राज्यों में
ऐतिहासिक जीत दिलाई और अब दोनों ही राज्यों में
बीजेपी पहली बार अपनी सरकार बना रही है।
एक के बाद एक सफलताओं के बावजूद मोदी रुक
नहीं रहे, सुस्ता नहीं रहे। 22 अक्टूबर को कैबिनेट
की बैठक में वे सरकार के कामकाज
का जायजा लेंगे और आगे की रणनीति बनाएंगे। 23
तारीख को दिवाली के दिन कश्मीर में बाढ़
पीड़ितों के साथ होंगे। 24 अक्टूबर को फिर
कैबिनेट की बैठक है। 25 अक्टूबर को मुंबई
जाएंगे। 26 को हरियाणा में पहली बीजेपी सरकार
के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होंगे।
इसी तरह हर रोज मोदी का कार्यक्रम तय
होता है। हर रोज वो काम में जुटे रहते हैं।
मैडिसन
ReplyDeleteस्क्वेयर के भाषण में उन्होंने खुद
बताया कि वो सिर्फ 4 घंटे सोते हैं। काम करने से
ही उन्हें ऊर्जा मिलती है। नवंबर के महीने में
उनकी दो-दो विदेश यात्राएं भी हैं। पहले
वो APEC के लिए चीन जाएंगे और फिर नवंबर में
ही SAARC बैठक के लिए एक बार फिर नेपाल
का दौरा करेंगे। साफ है कि ये पीएम
थकता नहीं...रुकता नहीं...सुस्ताता नहीं!
Sir pls tell me kya jrt me 6th counseling hogi ya nhi
ReplyDeleteAir agar nhi to vacant seats ka kya hogs?
ReplyDeleteजब से सधाना मिश्रा की रिट का ज़िक्र आम-ओ-ख़ास को मालूम हुआ है ,मुद्दाविहीन विधिज्ञाताओं को ७२८२५ की भर्ती में एक नया पेंच मिल गया है जिसके नट को अभी कुछ दिन तक इनके दुवारा खोलने का प्रयास किया जाएगा | वैसे अब तक इनके दुवारा इस भर्ती में कई पेंच खोजे जा चुके जिनके नट अभी तक ये खोल नहीं पाये ,मेरी जिज्ञासा सिर्फ इतनी है कि इस बार जो ये नया पेंच इन्हें मिला है इसका नट कभी खुलेगा या नहीं ???????
ReplyDeleteमगर क्या करें
समय बिताने को ये काम भी बुरा नहीं ग़ालिब !!!!
यश देव
ReplyDeleteलगता है आप पेपर नही पढ़ते हो
जिसमे साफ साफ लिखा है अब जूनियर की काउं नही होगी अब चाहे सीट बची हो या नही क्योँकि वैसे भी 10000 सीट छोड़कर काउं करा रही है सरकार तो फिर 200 सीट बचने से क्या होता है ?
ध्यान दो भाइयों इस दिवाली शाहरुख़खान की फिल्म रिलीज़ होने वाली है याद आया ये वही शाहरुख़ है जिसने ये कहा था के अगर मोदी जी प्रधानमन्त्री बने तो ये देश छोड़ देगा ।।लेकिन इसी गद्दार ने अभी तक देश नही छोड़ा ।। ये कभी भी हिन्दुओ की सहायता नही करता है जब उतराखंड में त्रासदी हुई इसने एक फूटी कोडी भी बाढ पीडितो को नही दी ।। और जब पाकिस्तान में बाढ़ आई तो इसने करोड़ो रुपये पाकिस्तान बाढ़ पीडितो के लिए भेजे । थोडा सोचो ये कमाता भारत से है हम सभी भारतीय इसकी फ़िल्मो को देखने जाते है । इसकी करोड़ो की कमाई का जरिया भी हम है और फिर भी इसके हाथ उतराखंड पीडितो की सहायता करने के लिए आगे नही बढ़े ।।तो ऐसे गद्दार की फिल्मो को देखकर हम क्यों गद्दार बने ।।हमारा भी फर्ज़ बनता हैं हम इस गद्दार की फिल्म को कभी देखने नही जाये ।और इस गद्दार की फिल्म कभी नही देखेगे ।। और इस जानकारी को लोगों को भी बताओ ।। इस गद्दार की फिल्म देखने से पहले कृपया उत्तराखंड बाढ़ में जो मरे उनको याद करना जहाँ इसने एक फूटी कोडी से भी किसीकी सहायता नही की और पाकिस्तान को अपना समझकर करोडो पाकिस्तान भेज दिए ।
ReplyDelete।।जय हिन्द ।।
yaani bharti radd! mamla fir court me.
ReplyDeletesab mila jula k tet11 valon ko court or sarkar dono bevkoof bana rahe hain. jo is bharti me dimag or time kharch karega vo nirash hi hoga! ese mudde court me kabhi final nahi hote, sarkar jo chahti thi ho raha hai or candidate chande k naam pe thage ja rahe hain.
ReplyDeletetmntbbn ji, sadhna k anusar galat adhaar pe bharti hogi hi nahi to bharti ka kya bhavishya hoga? justice delayed justice denied. faisla aane tak mostly settle ho chuke honge.
ReplyDeletesarkar or court candidates ke bhavishya se khel rahe hain or aapas me candidates virodhi groups bana katne marne ko taiyaar hain. ye bharti latki rahegi or vakilon ki jeb bharti jayegi. sab log dusari job try karen.
ReplyDeleteKuch hi dino me j&k me chunav hone wale h. Dont 4get
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