सरकारी नौकरी शिक्षक भर्ती/नियुक्ति परिणाम / टीईटी Sarkari Naukri Recruitment/Appointment Result. Latest/Updated News - UPTET, CTET, BETET, RTET, APTET, TET (Teacher Eligibility Test) Merit/Counselling for Primary Teacher(PRT) of various state government including UP, Bihar
Wednesday, October 22, 2014
68 comments:
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शुभ प्रभात दोस्तोँ !
ReplyDelete.
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बाद मरने के भी रहना है अगर दुनियाँ में
आओ दौलत की जगह नाम कमाया जाए.
मै भी भली प्रकार से जानता हूँ कि पीजी बेस मामले में NCTE
ReplyDeleteइनको भर्ती में जायज बतायेंगी और मनीष सिंह की डिवीज़न बेंच की
SLP में NCTE अपना काउंटर लगा भी चुकी है जिसमें पीजी के आधार पर स्नातक में 45 फीसदी से कम अंक के आधार पर बीएड करने वालों को भी पात्र बताया है।
जबकि अपनी भर्ती में अनिल संत का शासनादेश इस समय महत्त्वपूर्ण है।
यदि सब पर स्नातक में 45 फीसदी का ही पात्र करना था तो 50 फीसदी का जिक्र क्यों करते ?
अतः अनिल संत के शासनादेश को परिवर्तित कराकर जिसको चाहो शामिल कराओ परन्तु अनिल संत का शासनादेश बदलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सरकार की SLP ख़ारिज कराओ या फिर SLP पर फाइनल आर्डर कराओ।
ReplyDeleteइसके अतिरिक्त यदि आप शासनादेश की गलत व्याख्या कराते हो तो
फिर यह गलत होगा।
नियम की बात करोगे कि पीजी बेस योग्य हैं तो फिर
महिला पुरुष का विभाजन भी गलत है उसके लिए शासनादेश का पालन क्यों करवा रहे हो?
यदि विधि की बात करना है तो सब कुछ विधि की बात करो।
ReplyDelete1. जिसने बीएड किया है और UPTET 2011 उत्तीर्ण करने के साथ 09 जनवरी 2012 तक बीएड की डिग्री
प्राप्त की हो तथा आवेदक हो।
2. महिला पुरुष कला विज्ञान शिक्षामित्र का वर्गीकरण रद्द हो।
3. LT, CT , BT और D.ed. को भी शामिल करो।
जहाँ अपना स्वार्थ हो यदि विधि के अनुरूप न हो तो यह कहना कि यह अनिल सन्त के G.O. के अनुसार है।
जहां अपना स्वार्थ हो यदि अनिल संत के शासनादेश में न हो तो यह कहना कि
यह विधिक रूप से होना चाहिए।
यह सरासर अन्याय है
अतः यदि अनिल संत के अकॉर्डिंग भर्ती करना है तो
फिर NCTE से सत्र वाइज योग्यता पता करके जिस वर्ष 50 फीसदी का मानक रखा गया है उस वर्ष 50 फीसदी करो और जिस वर्ष छूट है उस वर्ष वालों को 45 फीसदी पर लो।
आरक्षित वर्ग को पांच फीसदी छूट उसी वर्ष के अनुसार
अनुमन्य हो।
अगर ये सब बातें नहीं होती है तो फाइनल सूची प्रकाशन नहीं होने दिया जायेगा। मेरा व्यक्तिगत किसी से विद्रोह नहीं है अतः जो भी व्यक्तिगत तौर पर इस मामले से मुझसे जुड़ें हो तो क्षमा करें।
ReplyDeleteजिस भी किसी ने काउंसिलिंग करा ली है उनको बधाई परन्तु जिस चयनित के अन्दर छल कपट है उनकी चुनौती मै स्वीकार करने को तैयार हूँ।
धन्यवाद।
"और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करना उन को अच्छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके। परन्तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा; और द्वार बन्द कर के अपने पिता से जो गुप्त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।''
ReplyDelete( मत्ती 6:5-6 )
क्या खाक मनाऊँ और दिवाळी....???
ReplyDeleteहाँथ मेँ फूटी कौड़ी नहीँ,
और जेब भी बिल्कुल खाली !!!
बच्चे कहते पटाखे लाओ,
बीवी कहती साड़ी.....
बाबू कहते लोटा लाओ,
अम्मा कहती थाली,,,,,
फसल तो ले गये हुद-हुद माँमा,
धान की बची न बाली,,,,
नौकरी को ले गये मुलायम काका,
प्रेमिका भी दे गयी गाली !!!
तो भइया कैसे मनाऊँ दिवाली ???
टेट संघर्ष मोर्चे के जो कार्यकर्ता रैंक जारी किये जाने की माँग कर रहे हैं उन्हें अपने आपसे एक सवाल अवश्य पूछना चाहिए कि रैंक जारी ना होने में उनका हित है या अहित..... 10 गुना अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग में कट आफ के नजदीक के अभ्यर्थियों का चयन होना या ना होना उनके द्वारा काउंसिलिंग कराने के लिए उपयुक्त जिले के चुनाव पर निर्भर है तथा सही जिले का चुनाव इतने कारकों पर निर्भर है कि रैंक जारी ना होने की स्थिति में यह लाटरी सिस्टम जैसा बन जाता है !
ReplyDeleteनज़रें जो जौहरी की हों तो बिखरे पड़े हैं हीरे
ReplyDeleteकोयला कभी भी हीरे को हीरा नहीं बताता है |
"सफ़ाई देने में, और स्पष्ट करने में
ReplyDeleteअपना समय बर्बाद न करें, लोग वही सुनते
हैं, जो वे सुनना चाहते हैं"
“जिन्दगी की राहों में बहुत से यार
ReplyDeleteमिलेगें हम क्या हमसे भी अच्छे हजार
मिलेगें इन अच्छों की भीड में हमे
ना भूला देना हम कहॉ आपको बार बार
मिलेगें ”
@द्वारा पीलीभीत रिजर्व टाइगर @
सावन बीता भादों बीता
ReplyDeleteक्वार मास भी जाए रीता
खड़ी दिवाली दरवाजे पर
सजना तुम कब आओगे घर
दिल, दीपक सा जलता पल-छिन
राह तकूँ तारीखें गिन गिन
जल्दी आऊँगा दोबारा
सन्देशा था यही तुम्हारा
माँग सेन्दुरी तुम्हें पुकारे
कङ्गन फिरते मारे मारे
हो गईं पलकें बोझिल मेरी
प्रियतम अब तुम करो न देरी
देखो सजना जल्दी आना
चटख रङ्ग की मेंहदी लाना
नई साड़ियाँ ली हैं मैंने
उन पर पहनूँगी मैं गहने
कितनी बातें साथ तुम्हारे
करनी मुझको साँझ सकारे
दिल का हाल सुनाऊँगी मैं
तुमको भी दुलाराऊँगी मैं
भर कर रबड़ी वाला कुल्ला
तुम्हें खिलाऊँगी रसगुल्ला
खीर-पकौड़ी जो बोलोगे
पाओगे, जब मुँह खोलोगे
तुम्हें बोलने दूँगी ना मैं
होंठ खोलने दूँगी ना मैं
कितना मुझे सताते हो तुम
साल गए घर आते हो तुम
बात सिर्फ मेरी ही ना है
बच्चों का भी यह कहना है
गाँव आज पहले से उन्नत
क्यूँ न यहीं पर करिए मेहनत
यहाँ काम है और पैसा भी
लाओगे तुम जो जैसा भी
जीवन यापन हम कर लेंगे
सागर - अँजुरी में भर लेंगे
यहाँ ज़िन्दगी भी है सुखकर
साथ रहेंगे, हम सब मिल कर
पौंछ पसीना, कष्ट हरूँगी
फिर न कभी कम्प्लेन करूँगी !
इस दिवाली किसी और के सूने द्वार पर,दिल की दहलीज़ पर कोई एक दीप प्यार भरा रख कर ज़रूर देखिए ,अन्दर तक उजियारा दमक जायेगा ! मै रख रहा हूँ और आप सब तो मुझ से हर हाल में बेहतर हैं तो फिर देर कैसी ?
ReplyDelete!
!
"आखँ की छत पे टहलते रहे काले साए,
कोई पलकों में उजाले नहीं भरने आया,
कितनी दीवाली गयीं ,कितने दशहरे बीते,
इन मुंडेरों पे कोई दीप ना धरने आया....!"
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ReplyDeleteकश्मीर में सर्दी न होती,
ReplyDeleteमुंबई में गर्मी ना होती........
हम भी हर त्यौहार मनIते अगर ,
इस जिस्म पर ये वर्दी ना होती।।।।
लावारिस फिरती है रौशनी(कार & रोड लाइट) ,
ReplyDeleteशहर की सड़कों पर रात भर,
और उधर दुनिया भर का अँधेरा
निगल लेता है कच्ची बस्तियों को !
पूरे 5 साल 9 महीनों बाद डीजल के दाम कम हुए है जिन्हें अब भी अच्छे दिन नहीं दिख रहे उनसे अनुरोध की वो अपनी आँखे दान कर दे I
ReplyDelete!
राष्टहित में जारी
जिस प्रकार राम विलास पासवान को देखकर यह पता चल जाता है कि देश की सत्ता किसके हाथों में जाने वाली है उसी तरह देखकर आप किसी मुकदमें का परिणाम पहले ही ज्ञात कर सकते हैं।
ReplyDeleteइस समय शिक्षामित्र बनाम बीटीसी/बीएड विवाद में अभी शिक्षामित्रों के पक्ष में नहीं हूँ परन्तु मेरे मुताबिक अगर बीटीसी/बीएड वालों ने सही दिशा में लड़ाई न लड़ी तो मै अपने आप को इस मामले से अलग भी कर सकता हूँ।
अभी जो हालात है शिक्षामित्रों के पक्ष में अधिकतम दो तरह से है -
१- यदि फ्रेश रिट से मुकदमा लड़ा गया तो शिक्षामित्र अधिकतम टीईटी उत्तीर्ण वाले अस्थाई नियुक्ति विवाद निपटने तक पा सकते हैं।
२. ओल्ड रिट पर विवाद निपटने तक शिक्षामित्रों का समायोजन रुक सकता है बशर्ते कि बीएड वाले RTE के अवलोक में अनुपालन हेतु खुद को विकल्प के रूप में प्रस्तुत कर पायें!
इस प्रकार से यूपी में कोर्ट RTE के अवलोक में न्यायाधिकार क्षेत्र से परे जाकर कोई फैसला करे
टीईटी उत्तीर्ण लोग हमेशा अपने आप को विकल्प के तौर पर प्रस्तुत करें।
उदाहरण के तौर पर जैसे सरकार कहे कि RTE के अनुपालन में योग्य की कमी में अयोग्य चुनना पड़ रहा है तो टीईटी उत्तीर्ण बीटीसी/एसबीटीसी/बीएड वाले कूद पड़ें कि हम योग्य हैं कृपया अयोग्यों को न चुनें।
आज हर कोई सहमत है कि शिक्षामित्र टीईटी पास करके शिक्षक बनें अर्थात यदि मायावती जी होतीं तो सबको टीईटी पास कराकर शिक्षक बनातीं और सब उनके (शिक्षामित्र) प्रशिक्षण के फाल्ट को भूल जाते।
आज अखिलेश जी ने टीईटी
ReplyDeleteसे राहत देकर बीएड वालों का जख्म हरा-भरा कर दिया है।
जब अशोक खरे ने शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण पर स्थगन लगवाया था तो सरकारी वकील केएस कुशवाहा और आरएन सिंह ने प्रशिक्षण से स्थगन हटवाया था ।
अतः आरएन के बेटे वीके सिंह जीके सिंह को बीएड वाले कदापि हायर न करें यदि बीटीसी वाले करते हैं तो उनको करने दें।
अब अशोक खरे के मामले में यह कहोगे कि उन्होंने भी तो कुछ लोगों को ट्रेनिंग में शामिल कराने का केस लड़ा था जबकि पूर्व में वे ट्रेनिंग का विरोध कर चुके थे या उस उस वक़्त भी कर रहे थे और आज भी करने को तैयार हैं।
तो आपको बता दूँ कि अशोक खरे हमेशा सरकार के विरुद्ध केस लड़ते हैं चाहे जीतें चाहे हारें।
प्रशिक्षण में शामिल कराने का मामला सरकार के विरुद्ध था !
कल जब शिक्षामित्र गये कि हमारा केस ले लो बोले कि आपका केस तो सरकार लड़ेगी।
ReplyDeleteतब शिक्षामित्रों ने कहा कि हम अपनी तरफ से रखना चाहते हैं
तो खरे ने कहा कि हम सरकार के साथ नहीं खड़े होंगे।
आपको अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि अशोक खरे ऐसे लॉयर हैं जो कि यूपी बेसिक नियमावली के रूल १४(३) पर बारहवें और पन्द्रहवें दोनों संशोधन को चुनौती दे चुके हैं।
जब १२वां संशोधन चैलेन्ज किये तो जस्टिस दिलीप गुप्ता ने कहा कि चयन का आधार टीईटी मेरिट करना सरकार का नीतिगत मामला है।
पन्द्रहवें संशोधन को भी जस्टिस टंडन, हसनैन और अमित स्थालेकर नीतिगत मामला बता चुके थे ।
जबकि आर्टिकल १४ में फंसाकर जस्टिस अशोक भूषण ने उसे खंड-खंड कर डाला।
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteइस तरह से कोर्ट कचेहरी का मामला जिसकी समझ में आये बड़ा रोचक होता है तथा अंत में बता दूँ कि राजेश पाण्डेय को विश्वास में लेकर उनकी २८००४/११ की पुनः सुनवाई करा ली जाये जिससे मायावती जी ने जो जिन्द बोतल में बंद करके रखा वह अखिलेश के लिए घातक सिद्ध हो जाये।
ReplyDeleteअगर अखिलेश टीईटी पास कराकर रखते तो वह जिंद सदैव बोतल में बंद रहता।
जिंद को सदैव बोतल में बंद रखने में ही यूपी सरकार की और अखिलेश की भलाई थी ।
धन्यवाद।
आपके सुझाव का सभ्य भाषा में स्वागत है।
दीपक की ज्योति मुबारक हो,
ReplyDeleteइस को अपना अंतर देना,
जब हवा चले , इस के सम्मुख,
अपनी हथेलियाँ कर देना"
... शुभ दीपावली!
ना दिल जलाइए, ना दुल्हिन जलाइए ,
ReplyDeleteसिगरेट के कसों में, ना तन जलाइए ।
हाँ साथ- साथ प्रीत के दीपक जलाइए ,
दिल से दिल मिले वो दिवाली मनाइये ।।
सभी साथियों को दिवाली की अनेक-अनेक शुभ कामनाये।
डीजल की कीमत में कटौती का समाचार समीप आ रहे त्यौहार के दिनों में ख़ुशी ले कर आया हैI सरकार महंगाई नियंत्रण के बारे में गंभीर नज़र आती है|
ReplyDeleteसुख चाहते हो तो रात में खाना नहीं
ReplyDeleteशांति चाहते हो तो दिन में सोना नहीं
सम्मान चाहते हो तो व्यर्थ बोलना नहीं
प्यार चाहते हो तो ye group छोड़ना नही... !
रिश्ते होते है ‘One Time’
हम निभाते है ‘Some Time’
याद किया करो ‘Any Time’
आप खुश रहे ‘All Time’
यही दुआ है मेरी ‘Life Time’.
एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था। अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं"। उसके पिता ने स्नेह से उसके सिर पर हाथ फिराया।
ReplyDeleteवो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं"। पिता की आँखों से आंसू निकल गए।
पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था। उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं। आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं। मेरा बेटा जन्म से अँधा था। आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं।
...
नेत्रदान करे। किसी के जीवन में रौशनी भरे।
...
चयन हो या न हो
ReplyDeleteपर इससे जिन्दगी के अवसर खत्म नही होते , जिन्दगी की खुशियाँ खत्म नही होतीं , आने वाला पल और कल और भी सुनहरा हो सकता है ।
इसके हर लम्हे को शिददत से जियें क्योंकि सबकुछ वापस आ सकता है सिवाय समय को छोडकर ।
और अपनी यादें कडवी कदापि न बनायें ।
मेरी तरफ से इस दीपावली 2014 की सभी को हृदय से ढेरों बधाईयाँ ।
I wish a very happy and prosperous happy diwali to all my friends on this blog.
ReplyDeleteI want to advice madam sadhana mishra,that now u should stop filing writs here and there along with yadav babu instead u marry some gabru tet passed candidates who have been selected for 72825 and enjoy your life.
ReplyDeleteDo not ruin your precious life,and pay attention to my selfless advice.
ReplyDeleteEnjoy married life.
ReplyDeleteसाधना मिश्रा और हिन्दुस्तान अखबार दोनों का एक ही मकसद है ,टेट मेरिट समर्थकों को टेंशन देना ,,,, इस टेंशन वितरण कार्यक्रम में हमारे कुछ भूतपूर्व साथियों के योगदान होने की सम्भावना से भी इनकार नही किया जा सकता ,,,, ये टेट मेरिट समर्थकों की इच्छा पर निर्भर है कि वो इससे टेंशन लेते हैं या तफरी ....
ReplyDeletefm,ur,art- 113, 20-05-85
ReplyDeletefm,sc,art- 95, 05-07-80
fm,obc,art- 107, 04-12-85
fm,sc,sci- 89, 11-07-87
fm,obc,sci- 105, 02-07-80
male,sc,art- 108, 29-01-90
male,obc,art- 116, 10-09-87
male,sc,sci-105, 01-07-77
male,obc,sci- 115, 20-08-72
आर्ट ऑफ़ लिविंग ने १०५०० सोलर लैम्प्स आंध्र,जम्मू कश्मीर,कर्नाटक,झारखण्ड,मणिपुर,त्रिपुरा और अन्य राज्यों में दीपावली के पर्व पर वितरण किया।
ReplyDeleteHappy diwali a Prt sir. .. apke karan bot se tet mitro ki diwali achi jayegi
ReplyDeleteJaroor ho sakta hai.
ReplyDeleteAaj diwali ke mauke par mai bhi ek shayri kehna chahta hoon dost aur dushman dono log gaur karen,waise mera dusman koi nahi hai.
ReplyDeleteKAUN KEHTA HAI BUDHE ISQ NAHI KARTE,FARK SIRF ITNA HAI KI LOG UNPAR DOUBT NAHI KARTE"
ReplyDeleteI am Rahul and i wanna be your part of your Organization i read in News Website.
ReplyDelete.
ReplyDelete.
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तुम कभी मेरे सामने बैठ के हंसी नहीं,
पर मुझे पता था तुम खिलखिलाती हुई कैसी लगोगी,
मुझे देख तुम्हारे चेहरे पे एक शरारती सी मुस्कराहट आ जाती थी,
और मैं तुम्हे देख के और भी शरीफ हो जाता था..
कई बार ऐसा हुआ..
कि इंटरवल में सिर्फ दोनों ही क्लास में रह गए,
तुम अपना टिफिन लेके आगे वाली सीट पर बैठीं रहीं,
और मैं पीछे वाली सीट पे बैठ के कभी तुम्हें तो कभी खिड़की के पार देखता रहा..
कुछ देर बाद तुम्हारी सहेलियां तुमको साथ लंच के लिए ले गयीं, छेड़ती हुई..
और मैं वहीँ बैठा रहा..दिल की धड़कनो के थमने तक..
उस दौर में भूख भी तो नहीं लगती थी..
कितनी बार छुट्टी में तुम मुझ देख के साइकिल धीमी कर लेतीं,
और मुझे समझ ही नहीं आता था कि रुक जाऊं, या मुड़ जाऊं, या तेज निकल जाऊं..
ख़ैर प्यार और इज़हार मेरी किस्मत में "either" "or" की भूमिका में रहे..
अब जब भी कभी "पहला नशा सुनता हूँ"
तो मन करता है
मैं भी अपनी जर्सी हवा में उड़ा के स्लो मोशन में अपनी अधूरी कहानी जी लूँ...
тнe ριℓιвнeeт яєѕєяνє тιgєя
ReplyDeleteटाईगर जी आपको हमारा सादर प्रणाम।
ReplyDeleteरामदेव भाई कैसे है, आप।
ReplyDeleteबॉय - I love you
ReplyDelete.
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गर्ल - तुम पागल हो क्या .....
मैं शादी शुदा हूँ...
मेरा पति है,
और
एक boyfriend भी है ऑफिस मे,
और
मेरा ex - boyfriend मेरे पड़ोस मे
रहता है ,
और
कल ही मेरे boss ने प्रपोज किया है
और
मै उन्हे मना नही कर सकती...
और
वैसे भी मेरा एक school friend के साथ सीरियस मैटर है.....
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बॉय - (काफ़ी देर देखने के बाद )
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देख ले कहीं अड्जस्ट होता हो तो.....
कुछ मूर्ख लोग आज कल गणेश दिक्षित की कोसने में लगे हुए है की वो जिसको चाहते है in करा देते है ।
ReplyDeleteअगर दिक्षित जी में इतना पॉवर होता की निदेशक उनकी बात माने तो अब तक सब को नियुक्ति मिल गयी होती और गणेश दिक्षित यूँ प्राइमरी की जॉब के लिए परेशान न होते ।
जब कहते है की इस दिन scert का घेराव करना है तो सबको काम आ जाते है और अब जब लड्डू खाने के दिन आये तो चले क़ानून बताने अरे खुद भी जा कर लखनऊ में डेरा डालो और आप ही डाटा ओन लाइन करवा लो ।।।
ReplyDeleteब्रेकिंग.................
ReplyDeleteप्राइमरी 72825
हाई कोर्ट इलाहाबाद लखनऊ बेंच में साधना मिश्रा(कपिल देव यादव)12th संशोधन पर मामला डबल बेंच में गया अब इस केस की सुनवाई 29 अक्तूबर को डबल बेंच में होगी ।
शुभ दोपहरी मित्रो,,,,,,
ReplyDeleteपटाखे जलाते समय बरते सावधानी #######
दिवाली पर पटाखे जलाने का मन किसे नहीं करता, लेकिन कई बार ये पटाखे जानलेवा बन जाते हैं। इससे त्योहार का मजा किरकिरा हो जाता है। पटाखों से जलने का सबसे ज्यादा खतरा उन्हें होता है, जो जल्दबाजी में, बिना सोचे-समझे, बिना सावधानी बरते और टशन दिखाने के लिए या दूसरों को परेशान करने के मकसद से गलत तरीके से पटाखे जलाते हैं। सबसे ज्यादा नुकसान अनार से पहुंचता है। इसके अलावा रॉकेट, सुतली बम, स्काई शॉट्स, लड़ी, चकरी जैसे पटाखे जलाते वक्त भी कई बार जरा सी असावधानी खतरनाक बन जाती है।
ऐसे बरतें सावधानी
आतिशबाजी के दौरान कुछ सावधानियां जरूरी हैं। आतिशबाजी के दौरान पानी या रेत से भरी बाल्टी साथ रखें। सिल्क, सॉटन, नेट, जॉर्जेट जैसे कपड़ों के बजाय कॉटन के लूज और अधिक से अधिक ढंकने वाले कपड़े पहनें। इस दौरान जूते या चप्पल जरूर पहनें। पटाखों के स्टाक को दूर व सेफ जगह पर रखें ताकि उनमें चिंगारी न लग जाए। साड़ी, सूट या कुर्ता पायजामा पहन कर पटाखे जला रहे हैं, तो दूरी का ख्याल रखें। आसपास कोई गाड़ी या ज्वलनशील चीज न रखें। आतिशबाजी के बाद साबुन से हाथ धोने के बाद ही कुछ खाएं।
पटाखे जलाने का सेफ तरीका
अनार : दिवाली पर हर साल अनार से जलने के केस सबसे ज्यादा होते हैं। अनार के फटने से हाथ जलने का खतरा रहता है। अनार को खुले में सतह पर रख कर ही जलाएं। अपना जलाते समय अपना चेहरा या शरीर का कोई भी हिस्सा उसके ऊपर न ले जाएं। अनार माचिस, मोमबत्ती या किसी अन्य तरीके से जलाने के बजाय फुलझड़ी से जलाना सेफ है। अच्छी क्वॉलिटी और कंपनी के अनार ही खरीदें।
चकरी : चकरी को चिकनी सतह और ओपन में जलाएं। खुरदुरी सतह पर चकरी फटने का खतरा रहता है। चकरी जलाते वक्त आसपास कोई ज्वलनशील चीज न रहने दें। कई लोग तगारी, मटकी या किसी और बड़े बर्तन में रखकर चकरी जलाते हैं। यह खतरनाक हो सकता है।
रॉकेट : रॉकेट सबसे शानदार है तो खतरनाक भी। इसे किसी पतली मुंह वाली बोतल में रखकर छत से चलाएं। बोतल में थोड़ी रेत डालकर उसे सीधा करके ही आग लगाएं। ध्यान रहे कि रॉकेट का निचला हिस्सा रेत में न दब जाए। रॉकेट को हाथ में पकड़ कर बिल्कुल न चलाएं। सड़क पर रॉकेट चला रहे हैं, तो यह देख लें कि ऊपर बिजली या केबल के वायर न लटक रहे हों।
सुतली बम : सुतली बम को भी सेफ तरीके से जलाएं। सुतली बम को फुलझड़ी से न जलाएं, क्योंकि इससे यह पता लगना मुश्किल हो जाता है कि बम की बत्ती जली है कि नहीं और वह एकदम से फूट सकता है। सबसे सेफ तरीका है एक कागज जलाकर उसपर थोड़ी दूरी पर सुतली बम रख दें और दूर हट जाएं। बम पर मटकी, बर्तन, कचरा कूड़ा आदि न रखें।
स्काई शॉट्स : रंग-बिरंगे स्काई शॉट्स छत पर चलाएं तो बेहतर है। स्काई शॉट्स में बत्ती तो एक ही जलानी पड़ती है, लेकिन शॉट्स कई निकलते हैं। ऐसे में केवल बाहर निकल रही बत्ती को ही जलाएं। स्काई शॉट्स जब चलते हैं, तो इसके निचले हिस्से में भी धमाका होता है। इसे जलाने के बाद पर्याप्त दूरी पर खड़े हो जाएं। अगर सड़क पर रखकर स्काई शॉट्स चला रहे हैं, तो देख लें कि ऊपर तार न लटके हों।
लड़ी : दिवाली पर लड़ियां जलाने का खासा क्रेज रहता है। लड़ी जलाते वक्त आसपास ज्वलनशील पदार्थ न रहने दें। लड़ी को सतह पर सीधा रख कर जलाएं। हाथ में पकड़कर जलाने के बाद लड़ी को इधर उधर न फेंके। लंबी लड़ी को खुली और चौड़ी जगह पर रखकर ही चलाएं। लड़ी जलाते वक्त उसकी बत्ती के मुंह पर लगे कागज को हल्का सा छील दें, ताकि वह एकदम से ना चल जाए।
वक़्त अच्छा ज़रूर आता है;
ReplyDeleteमगर वक़्त पर ही आता है!
कागज अपनी किस्मत से उड़ता है;
लेकिन पतंग अपनी काबिलियत से!
इसलिए किस्मत साथ दे या न दे;
काबिलियत जरुर साथ देती है!
दो अक्षर का होता है लक;
ढाई अक्षर का होता है भाग्य;
तीन अक्षर का होता है नसीब;
साढ़े तीन अक्षर की होती है किस्मत;
पर ये चारों के चारों चार अक्षर, मेहनत से छोटे होते हैं!........
जिंदगी में दो लोगों का ख्याल रखना बहुत जरुरी है!
पिता: जिसने तुम्हारी जीत के लिए सब कुछ हारा हो!
माँ: जिसको तुमने हर दुःख में पुकारा हो!
काम करो ऐसा कि पहचान बन जाये;
हर कदम चलो ऐसे कि निशान बन जायें;
यह जिंदगी तो सब काट लेते हैं;
जिंदगी ऐसे जियो कि मिसाल बन जाये!
भगवान की भक्ति करने से शायद हमें माँ न मिले;
लेकिन माँ की भक्ति करने से भगवान् अवश्य मिलेंगे!
अहंकार में तीन गए;
धन, वैभव और वंश!
ना मानो तो देख लो;
रावन, कौरव और कंस!
'इंसान' एक दुकान है, और 'जुबान' उसका ताला;
जब ताला खुलता है, तभी मालुम पड़ता है;
कि दूकान 'सोने' कि है, या 'कोयले
एक दिन मैं कॉलेज से घर आने के लिये
ReplyDeleteनिकला आसमान
में बादल थे...
लग रहा था कि बारिश होने वाली थी...
इसलिए सोचा कि घर जल्दी पहुँच जाऊँ पर रास्ते
में
ही बारिश शुरू हो गई और मैं भीग गया...!!!
.
घर जाते ही बड़ी बहन ने कहा -: "थोड़ी देर रुक
नही सकते थे...??"
.
बड़े भाई ने कहा -: "कहीं साइड में खड़े
हो जाते ...??"
.
पापा ने कहा -: "खड़े कैसे हो जाते..!! जनाब
को बारिश में भीगने का शौक जो है..??"
.
.
.
इतने में मम्मी आई और सिर पर टॉवेल रखते हुऐ
बोली -: "ये बारिश भी ना... थोड़ी देर रुक
जाती तो मेरा बेटा घर आ जाता...!!!"
'माँ' तो 'माँ' होती है...
अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्होंने काकोरी काण्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, जिसमे क्रान्तिकारियों द्वारा ब्रिटिश राज के विरुद्ध युद्ध छेड़ने की मंशा से हथियार खरीदने के लिये ब्रिटिश सरकार का ही खजाना लूट कर एक ऐतिहासिक घटना को अंजाम दिया था|
ReplyDeleteआज उनकी जयंती पर शत् शत् नमन|
"सब से मेल मिलाप रखने, और उस पवित्रता के खोजी हो जिस के बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा।''
ReplyDelete____________________________________________________________________________________________________________________ इब्रानियों 12:14 )
चलो मिलकर दीवाली ऐसी मनाएं
ReplyDeleteदीए तो जलाएँ पर दिल ना जलाएँ
शुभ दीपावली
एक मूर्ति बेचने वाले के लिए -
ReplyDeleteगरीबो के बच्चे भी खाना खा सके
त्योहारों में,
तभी तो भगवान खुद बिक जाते है बाजारों में.....
दुनियादारी से रुबरु हुआ
ReplyDeleteतो जाना जिस्म मे जमीर
का होना उतना जरुरी नही..!
जितना जेब मे रुपये का होना है ..!!
Mai sahi hoon rajan singh.
ReplyDeleteAapko bhi diwali mubarak ho.
ReplyDeleteAur muft me meri ek salah
ReplyDeleteAap jitna Tiger ko yaad karte ho,agar aap uska aadha bhi dhyan sadhana mishra par lagate toh fir aap fayde me rahte (ab aage batane ki jaroorat nahi hai ki kish prakar se aap samajhdar ho)
ReplyDeleteAgar aapko meri baat me dum lage toh fir contact karna.
ReplyDeleteAgar aapko meri baat me dum lage toh fir contact karna.
ReplyDeleteMere dost mujhe sadhna ki sadhna karne ki jarurat nahi jise ho vo sok se kare. No problem
ReplyDeleteOk,fir aap tiger ki bhi itni bhakti mat karo.
ReplyDeleteMain sirf namaskar karne aata hu. Maine koi or comment nahi kiya ha apka halchak jarur pucha.
ReplyDeleteThik hai agar aap dil se aisa kehte hai toh fir mai mafi chahta hoon agar ,agar kuch galat laga ho toh .
ReplyDeleteTmntbbn sir/aprt sir n rajesh Ji aap dono ko deepwali Ki Hardik shubhkamnayen may ma laxmi n lord ganesha shower their blessings for u both HAPPY DIWALI
ReplyDeleteस्वीकार हों दीपावली की शुभकामनाएँ,
ReplyDeleteहैं छिपी इसमें सदभावनाएँ।
गणपति विघ्न मिटाएँ,
मान-बुद्धिधन सदा लुटाएँ।
सरस्वती ज्ञान का भंडार दें,
राशि बढ़े ऐसा वरदान दें।
लक्ष्मी करें धन की कृपा,
दें सभी की दरिद्रता मिटा।
प्यार का दीप जलता रहे,
नफरत का धुंआ छटता रहे।
सदा मन मे दीवाली रहे,
पृथ्वी हरी-संपदा वाली रहे॥
आपक़ो और आपक़े परिवारज़ऩो क़ो दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाऎ। आपकी दीपावली मगंलमय हो