Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com
सरकारी नौकरी शिक्षक भर्ती/नियुक्ति परिणाम / टीईटी Sarkari Naukri Recruitment/Appointment Result. Latest/Updated News - UPTET, CTET, BETET, RTET, APTET, TET (Teacher Eligibility Test) Merit/Counselling for Primary Teacher(PRT) of various state government including UP, Bihar
Tuesday, October 28, 2014
72825 Teacher Recruitment
Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com
84 comments:
Please do not use abusive/gali comment to hurt anybody OR to any authority. You can use moderated way to express your openion/anger. Express your views Intelligenly, So that Other can take it Seriously.
कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय अभद्र शब्द या भाषा का प्रयोग न करें। अभद्र शब्दों या भाषा का इस्तेमाल आपको इस साइट पर राय देने से प्रतिबंधित किए जाने का कारण बन सकता है। टिप्पणी लेखक का व्यक्तिगत विचार है और इसका संपादकीय नीति से कोई संबंध नहीं है। प्रासंगिक टिप्पणियां प्रकाशित की जाएंगी।
GREAT Line Said By
ReplyDeleteMr. T. M. N. T. B. N. -
.
.
I m not a "HANDSOME"
.
.
But I give my "HAND" to "SOME" one who needs help
because
Beauty is in Heart,
not in Face
G
O
O
D
@M_O_R_N_I_N_G
दम नहीं किसी में, जो मिटा सके हमारी हस्ती को,
ReplyDeleteजंग तलवारो को लगती है, नेक इरादो को नहीं....||
Swami Vivekanand ne kaha tha
ReplyDelete"Samajhdar aadmi se ki gayi kuchh minute ki baat,
dhero kitabe padhne se kahi behtar hoti hai"
Is liye,
:
:
:
Call me..any time..
So give me your number sir
Deleteभाई-Salman,
ReplyDeleteबहन-Mayawati,
दामाद-Robert vadra,
बहू-Smriti
चाचा-Nehru
बाबा-Ramdev
दीदी-Mamta
बापू-Gandhi
ThankGod माँ अभीतक "भारत माँ" हैं !!
उस जीवन के वचन
ReplyDelete!
!
!
!
!
!
!
!
"और उस ने कितनो से जो अपने ऊपर भरोसा रखते थे, कि हम धर्मी हैं, और औरों को तुच्छ जानते थे, यह दृष्टान्त कहा। कि दो मनुष्य मन्दिर में प्रार्थना करने के लिये गए; एक फरीसी था और दूसरा चुंगी लेने वाला। फरीसी खड़ा होकर अपने मन में यों प्रार्थना करने लगा, कि हे परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि मैं और मनुष्यों की नाईं अन्धेर करने वाला, अन्यायी और व्यभिचारी नहीं, और न इस चुंगी लेने वाले के समान हूं। मैं सप्ताह में दो बार उपवास करता हूं; मैं अपनी सब कमाई का दसवां अंश भी देता हूं। परन्तु चुंगी लेने वाले ने दूर खड़े होकर, स्वर्ग की ओर आंखें उठाना भी न चाहा, वरन अपनी छाती पीट-पीटकर कहा; हे परमेश्वर मुझ पापी पर दया कर। मैं तुम से कहता हूं, कि वह दूसरा नहीं; परन्तु यही मनुष्य धर्मी ठहराया जाकर अपने घर गया; क्योंकि जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा; और जो अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा॥'' ___________________________________________________________________________________________ लूका 18:9-14 )
GOOD MORNING, TIGER JI...
ReplyDeleteमै कोई टाइगर वाईगर नही हूँ राजन !
ReplyDeleteऔर न ही कोई प्रभु हूँ कृपया सोच समझकर बोलेँ जिससे दूसरों को भी बुरा न लगे !
धन्यवाद !
Ab itna bhi mat daantiye mere bhai ko sirf tiger hi to Kaha hai..
Deleteजब ज्यादा चिलमधारी साधू इकठठे होते हैं तो लात जूता होना बिल्कुल तय हो जाता है ।
ReplyDeleteयही हाल 72825 के महाज्ञानी चिलमधारियों का है।
नंबर न तो एकेडमिक में सही हैं और न ही टीईटी में और चल दिये अपनी झोली उठाकर ताल ठोंक कर नौकरी लेने ।
मिलेगी बाबा जी की भभूत , चुपड लेना
जिसे देखो ज्ञापन का अंबार लगाये पडा है । जैसे इनसे तनख्वाह पा रहे हैं सभी सरकारी कर्मचारी ,
कोई कितना भी जोर लगा ले , काउसिंलिंगे नही रुकने वाली , हाँ जिन्दगी में आगे बढ़ने के जो दूसरे अवसर हैं वो जरूर रुक जायेंगे । जितनी काउसिंलिंगें होती जायेंगी , उतनी ही ये भर्ती लोहा बनती चली जायेगी ।
परन्तु जिस प्रकार मणि खोया हुआ नाग मणि के वियोग में इधर उधर सर पटक पटक कर मर जाता है उसी प्रकार कुछ काउसिंलिंगें पूर्ण हो जाने के पश्चात् भर्ती में चयनित न हो पाने के गम से कुछ का मरना और कुछ का पागल हो जाना तय लग रहा है ।
अब पल्टू सिंह को तो सदबुद्धि आने से रही तो भगवान् कम से कम चयनित न होने वाले अभ्यर्थियों का कुछ पार लगाने के लिये उन्हें दूसरे अवसर की कृपा अवश्य करे
pls tiger sir mujhe suggest kijiye maine gonda m couns karvai h pr waha pr mere intermediate k marks galat likhe hue the baad m un logo n correct kiya kya m safe hu????????????
ReplyDeleteसोमवार से रविवार तक आप सड़क पर गंदगी करते है, लड़कियाँ छेड़ते है, यातायात के नियम तोड़ते है, सड़क पर मर रहे आदमी से दूर भागते है, शराब पीते है, छुआछूत और जातिवाद को मानते है, दहेज लेते और देते हुए देखते है, अपाहिज लोगो का मज़ाक उड़ाते है, घर मे मर पीट करते है, रिश्वत लेते और देते हो और सिर्फ रविवार को सत्यमेव जयते देख कर आप भावुक हो कर बोलते हो कि "इस देश का कुछ नही हो सकता, हमारे देश मे ये क्यू हो रहा है, हमारे लोग ऐसे क्यू है, सरकार क्या कर रही है, सरकारी अफसर भ्रष्टाचारी है"| तो भाई साहब ! मैं आप से कहना चाहता हूँ कि आप बहुत बड़े वाले हैं !
ReplyDeleteजितनी भी कमियाँ होती है उसे आम जनता के माथे भी जड़ने का काम इन सरकारी कारिंदों ने बखूबी किया है और आम आदमी खुद भी भ्रम पालने लगा हाँ केवल सरकार दोषी नहीं हम भी है ....तभी यहाँ मिस्र जैसी क्रांति संभव नहीं हो पा रही .......क्यूंकि वो जानते है कि १२५ करोड़ एक साथ एक समय सुधर नहीं सकते है ...अब अखिलेश सरकार को ही लो जनता की क्या कमी थी जो ३ साल से ये सभी नौकरी रोके रखे है ??
ReplyDeleteएकल बेंच में हमारे विज्ञापन पर बहस
ReplyDeleteसिर्फ इस बात पर थी कि याची लोग कह रहे थे कि हमारा विज्ञापन ट्रेनी टीचर का है और प्रतिवादी कह रही थी कि उक्त नियुक्ति की शर्त सेवा नियमावली में नहीं है अतः उसने याचिका वापस ले लिया।
डिवीज़न बेंच ने अपने निर्णायक आदेश में वादी और प्रतिवादी दोनों की जिरह को ख़ारिज करते हुये उक्त भर्ती को RTE के तहत असिस्टेंट मास्टर/मास्ट्रेस की भर्ती बताकर बहाल किया।
उस समय जस्टिस अशोक भूषण पूरे शबाब में थे तथा उन्होंने उक्त मामले से सम्बंधित सबको कॉल किया ।
वादियों ने यदि पुराने विज्ञापन की त्रुटि को सहायक अध्यापक की शर्तों के रूप में उठा दिया होता तो भूषण साहब उसका भी समाधान कर देते
परन्तु किसी भी पक्ष ने उसे नहीं उठाया राहुल अग्रवाल , अशोक खरे से लेकर सीबी यादव तक खामोश रहे ।
इसीलिए आज साधना मिश्र की याचिका पर लोगों को डराया जा रहा है।
उसमे कोई परेशानी नही होगी आपको क्योँकि जो गलती थी उनकी थी और वो उन्होने सही भी कर ली है !
ReplyDeleteJob Dental Surgeon Employees' State Insurance Corporation (ESIC) : Last date 17/11/2014
Delete06 Various Posts Central Ordnance Depot Mumbai : Last Date 31/10/2014
19 various posts National Human Rights Commission (NHRC) : Last Date 15/11/2014
399 various Posts Heavy Vehicles Factory (HVF) : Last Date 03/11/2014
26 Various Posts Ministry of Defence : Last date 24/10/2014
14 posts Judgment Writers High Court of Punjab and Haryana : Last date 31/10/2014
509 Posts Officers New India Assurance Company Limited (NIACL) : Last Date 03/11/2014
General Duty Medical Officer (GDMO) & Medical Officers Jobs NALCO : Last Date 31/10/2014
Supervisor, ASI and Stenographer Posts Madhya Pradesh Professional Examination Board : Last date 30/10/2014
Himachal Pradesh Subordinate Services Selection Board (HPSSSB) Various Jobs : Last Date 28/10/2014
High Court of Madhya Pradesh Various Jobs : Last date 27/10/2014
Central Tool Room and Training Centre Jobs : Last Date 31/10/2014
Various Posts Central Council for Research in UNANI Medicine (CCRUM) : Last Date 03/11/2014
मेरे द्वारा पहले ही बताया जा चुका है कि अब डाटा आनलाइन कराया जायेगा, और यदि तीसरी काउन्सिलिंग के पूर्व नही करते है तब कोर्ट से कराया जायेगा, सभी रिक्त सीटो का कैटेगरी के हिसाब से पूरा ब्यौरा बेबसाइट पर मिलेगा .....
ReplyDeleteमोदी सरकार को 3 नाम बताने मै 6 महीने लगे हैं
ReplyDelete800 नाम बताने मै 1600 महीने लगैंगे, यानि पूरे
134 साल
कालाधन लाने के लिए हजारों साल की जरूरत
पडेगी!
हमारे देश के कानून कितने निराले हैं !
ReplyDeleteआप ट्रेन में शराब नहीं पी सकते
जुर्माना हो जाएगा क्योंकि ये एक सामाजिक
बुराई है पर हवाई जहाज में पीकर जा सकते है यहाँ तक
आपके आर्डर पर हवा में भी शराब बियर उपलब्ध
हो जायेगी ये एक प्रोफेशनल स्टेटस है।
आप बस स्टैंड , रेलवे स्टेशन में धूम्रपान नहीं कर सकते इसके
लिए जुर्माना, पर यदि कोई एअरपोर्ट में
पीना चाहे तो वहा आपके लिए स्मोकिंग रूम उपलब्ध
है। यहाँ तक एअरपोर्ट में वाइन बार भी उपलब्ध है।
आप स्टेडियम जैसे सार्वजानिक स्थान पर पुलिस
सुरक्षा में बियर ,शराब पीते हुए मैच का लुत्फ़
उठा सकते है, पर यदि किसी सड़क किनारे खेत पर
दारु पिये तो पुलिस आपको दौड़ा दौड़ा कर
पीटेगी।
आप कसिनो में जितनी मर्जी लाखो का जुआ
लाटरी खेल सकते है .. पर यदि 2-4 लोग बैठकर
100-50 का जुआ भी खेले तो पुलिस पकड़ लेगी...
हालाँकि मैं इन सभी कृत्यों का कदापि समर्थन
नहीं कर रह! पर क्योंकि यह एक सामाजिक बुराई
ही कही जायेगी ..पर आप ही देखिये गरीबो और
आम लोगो के लिए अलग नियम बनाये जाते है और
अमीरों के लिए अलग...... दिए गए उदाहरण देने
का मेरा उद्दयेश सिर्फ इतना है कि आम इन्सान चाह
कर कुछ नहीं कर सकता और अमीर रुतबे वालो के लिए खुली छूट है !
Don't be angry bhai, yadi aapko tiger pasand nahi to nahe kahege, forgive me this time.
ReplyDeleteमेरा नाम उमाशंकर (मुरादाबाद) है !
ReplyDeleteयह अजीब मुल्क है, रिश्वत सुविधा शुल्क है ।
ReplyDeleteकाम होगा मरजी से, जल्दी है तो शुल्क
है ।
यह नदियों का मुल्क है, पानी भी भरपूर
है ।
बोतल में बिकता है, पन्द्रह रू. शुल्क है ।
यह शिक्षकों का मुल्क है, स्कूल भी खुब है ।
बच्चे पढने जाते नहीं, पाठशालाएं नि : शुल्क है ।
"उद्यमेन ही सिद्धयन्ति कार्याणि न मनोरथैः
ReplyDeleteन ही सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः"
.
साथियों !
टेट मोर्चा अपने कर्मक्षेत्र में सर्वदा उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जाना जाता है,,,और आज भी कर्मक्षेत्र में हमारे टेट योद्धा अपना मोर्चा जमा बैठे हैं,, अकेडमिक पक्ष ने सधाना मिश्रा नामक जो 'तुक्का' रणभूमि में उतारा है उसकी रिट की कॉपी हमारे अग्रणी टेट योद्धाओं को मिल चुकी है और उसका पोस्टमार्टम किये जाने की तैयारी चल रही है। गणेश दीक्षित, राकेश यादव, मुअज्जम भाई, ऋषि जी, राजेश यादव समेत लखनऊ हाई कोर्ट के अधिवक्ता बी के शुक्ला जी इस समय रिट की चिंदी उड़ाने की व्यवस्था करने में जुटे हुए हैं,,,सधाना मिश्रा रिट की सुनवाई न्यायधीश वी के शुक्ला (कोर्ट नंबर 4) की बेंच में होगी और अकेडमिक पक्ष इस रिट की पैरवी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता इसलिए 'हाई कोर्ट की तोप' समझे जाने वाले अधिवक्ता एस के कालिया, वी बी कालिया को हायर किया है। अपनी रिट और तोप वकीलों के दम पर इतराता अकेडमिक खेमा शायद यह भूल गया है की टेट मोर्चा सदैव "अभिमन्यु" ही मैदान में उतारता आया है और सदैव ही चक्रव्यूह तोड़ने में सफल रहा है,,इस बार भी ऐसा ही कुछ होने वाला है। अभी टेट मोर्चा के अग्रणी बन्धु अपने कर्मक्षेत्र में डटकर दुश्मन को नेस्तनाबूद करने की तैयारी में व्यस्त हैं,,फिलहाल आप सभी टेट भाइयों की दुआएँ हमारे साथ हैं और हम इस बार भी कामयाब होंगे।
बाकी सूचनायें अगली पोस्ट में,,,,
जय हिन्द-जय टेट।।
चाय नहीं थी तो क्या सब सुस्त और आलसी थे
ReplyDeleteसुबह खडे नही हो पाते थे ?
-कोलगेट नही था तो क्या भारतीय दतमजन
नही करते थे ?
- क्रिकेट नही था तो क्या भारतीय खेलते
ही नही थे ?...
- वैलेनटाइन नही था तो क्या भारतीय प्रेम
नही करते थे ?
- फेयरलवली नही थी तो क्या सब भारतीय
नारी काली थी ?
- स्कर्ट नही थी तो क्या भारत में
लडकियां पढती नही थी ?े
- डिस्को नही था तो क्या भारत में संगीत
नही था ?
- ओह माई गोड शब्द
नही था तो क्या भारतीय भगवान नही मानते
थे ?
- लाइफ बाय लक्स नहीं था तो भारतीय गले सडे
रहते थे ?
- पैंटीन नही था तो क्या सब गंजे हो जाते थे ?
- अंग्रेजी नही थी तो क्या भारत में कोई
ज्ञानी नही था ?
स्वदेशी अपनाए देश बचाएे
अगर सभी भारतीय 90 दिन तक
कोई भी विदेशी सामान नहीं ख़रीदे...
तो भारत दुनिया का दूसरा सबसे
अमीर देश बन सकता है..
सिर्फ 90 दिन में ही भारत के
2 रुपये 1 डॉलर के बराबर हो जायेंगे..
हम सबको मिल कर
ये कोशिश आजमानी चाहिए
क्युकी ये देश है हमारा..!!!!
यूरोप, अमेरिका ने
भारतीय आम को
जहरीला बताकर
उसके आयात को
बेन कर दिया.
और हम
जहरीले पेप्सी,
कोका कोला का
मजे से सेवन कर रहे है।
यदि करोडो
भारतीय किसानो को
आत्महत्या करने से
बचाना हो तो फ्रूट और
फ्रेश फ्रूट जूस का
सेवन करें !
काश
ReplyDelete!
!
!
!
!
!
दिलो का भी कोई चुनावी मौसम होता,
ज़ज्बातों के गड्ढे पाँच साल को ही सही, भर तो जाते...
Tiger ji, aise to bahut tarah ki samasyawo ke liye aapne sarkar aur s.c.e.r.t. ke khilaf aawaj uthaye hai.mere khyal se Ganesh dixit v aapke hi saath hai. Ek mamla aisha bhi hai jiske bare me shayad aaplogo ko pata nahi hai .Ager wakyi me aaplogo me dum hai to hum dekhana chahte hai ki is mamle ki jankari hone ke baad aaplog hamare liye kya karte hai?*** DIET AZAMGARH ***(2nd coun. Date- 28/9/2014 Male-obc)ZERO SEAT KE LIYE KARAYI GAYI COUNCELLING !!!tigerji and dixit ji , ye comment padne ke baad aapke samne do saral raste hai.(1)- unjan ban jaye , jaise ye comment aapne padha hi nahi.(2)- is mamle ke baare me aap apne aster se v pata kar le aur hame blog ke madhyam se suchit kare ki aaplog iske baare me kya kadam utha rahe hai aur hum logo ko v disha dikhaye ki hume kya karna chahiye.Aap pata kar le 28 sep. ko male art obc ke liye jo list lagi thi usme se kisi ek bhi aavyarthi ka chayan list me naam nahi tha jo 12 oct. ko diet pe lagayi gayi.Mudda ye v banta hai jab seat pahle hi bhar chuki thi to 350-55 avyarthi ka original jama karake unke sath itna bada dhokha kyu kiya gaya?Sure that, gadbadi to huyi hai.Aapko jankari de di gayi.Dikhalaye apna dum TIGER wala.Ya anjan bankar baith jaye BILLI banaksr.
ReplyDeleteTiger ji, aise to bahut tarah ki samasyawo ke liye aapne sarkar aur s.c.e.r.t. ke khilaf aawaj uthaye hai.mere khyal se Ganesh dixit v aapke hi saath hai. Ek mamla aisha bhi hai jiske bare me shayad aaplogo ko pata nahi hai .Ager wakyi me aaplogo me dum hai to hum dekhana chahte hai ki is mamle ki jankari hone ke baad aaplog hamare liye kya karte hai?*** DIET AZAMGARH ***(2nd coun. Date- 28/9/2014 Male-obc)ZERO SEAT KE LIYE KARAYI GAYI COUNCELLING !!!tigerji and dixit ji , ye comment padne ke baad aapke samne do saral raste hai.(1)- unjan ban jaye , jaise ye comment aapne padha hi nahi.(2)- is mamle ke baare me aap apne aster se v pata kar le aur hame blog ke madhyam se suchit kare ki aaplog iske baare me kya kadam utha rahe hai aur hum logo ko v disha dikhaye ki hume kya karna chahiye.Aap pata kar le 28 sep. ko male art obc ke liye jo list lagi thi usme se kisi ek bhi aavyarthi ka chayan list me naam nahi tha jo 12 oct. ko diet pe lagayi gayi.Mudda ye v banta hai jab seat pahle hi bhar chuki thi to 350-55 avyarthi ka original jama karake unke sath itna bada dhokha kyu kiya gaya?Sure that, gadbadi to huyi hai.Aapko jankari de di gayi.Dikhalaye apna dum TIGER wala.Ya anjan bankar baith jaye BILLI banaksr.
ReplyDeleteवक्त की यारी तो हर कोई करता
ReplyDeleteहै मेरे दोस्त.....
.
.
मजा तो तब है जब वक्त बदल जाये पर
यार ना बदले...!!!
#From : : AVI
कुछ लोग साधना मिश्रा केस को बहुत तूल दे रहे हैं।वास्तव में ये केस इस लायक भी नही है कि हम इसके बारे मे सोचे।न्यायालयो द्वारा यह एक सुस्थापित सिद्धान्त है कि कोई भी न्यायालय सरकार के नीतिगत फैसलों मे हस्तक्षेप नही करता ,जबतक कि किसी के अधिकारो का हनन न होता हो।कुछ लोग कहेंगे कि 15 संसोधन करके अकादमिक मेरिट से भर्ती करना भी तो सरकार का नीतिगत फैसला ही था।बेशक वो भी नीतिगत फैसला ही था,परन्तु मत भूलो कि ये संसोधन नयायालय द्वारा स्थापित इस सिद्धान्त के विपरीत था कि "खेल के बीच में नियम नही बदले जा सकते।"साथ ही उच्च न्यायालय ने ये भी कहा कि यह संसोधन समानता के अधिकार का भी उल्लंघन है।इसी लिए इसे विधि बाह्य घोषित कर दिया।
ReplyDeletePlease pura mamla bateye
Deleteलगता हमारे अकादमिक समर्थक मित्रों की मति मारी गई है तभी तो वें लोग ऊल-जलूल रिट डाल रहे हैं ,जिनसे उन्हे कुछ हासिल होने वाला नही है।अगर यें लोग वास्तव में जाब हासिल करना चाहते हैं तो नई विज्ञप्ति पर भी भर्ती कराने के लिए वाद दायर करें अन्यथा घूमते रहे कोर्ट कचहरी में।
ReplyDeleteईश्वर इन्हे सदबुद्धी दे...
B-ed,BTC 2012 vale jo TET 2011 me pass hai vo junior Bharti me kaisie shamil ho gye jabki B-ed aur TET ka certificate to ulta hi hai rules k according Pehle B-ed pass hona chahiye fir TeT Rajesh ji aap k hisab se kya hai
ReplyDeleteनिलमनी ज्योति :-
ReplyDelete.
.
खैर मुझे ये तो ठीक से नही पता है कि अब मेल हो या फिमेल ! क्योँकि आपने आज़मगढ़ की लिस्ट मे भी इसका जिक्र नही किया है !
लेकिन मै ये पूछना चाहता हूँ कि आपने अभी तक इसके लिए क्या कदम उठाया ?
और अभी कल भी आपने एक सवाल पूछा था जिसका मैने जवाब भी दिया था लेकिन तुमने उसका कोई रैस्पांस नही दिया अभी तक ?
या फिर सच सुनकर आपके सिंग गायब हो गये ?
मै भी आपके और सब लोगों की तरह से ही एक बी॰एड॰+टीइटी हूँ मैने कोई अतिरिक्त कोर्स नही किया है जो मै सरकार की सारी गलतियों के लिए खुद को ही जिम्मेदार समझूँ !
हाँ अगर ऐसा कुछ है तो उस सूची की कापी लेकर एससीइआरटी लेकर पहुँचे और गणेश जी को अवगत कराएँ और साथ मे उन सभी साथियों (350) को भी लें जो इस प्रक्रिया हो वंचित हैं !
अगर कुछ जादा हो गया हो उसके लिए क्षमा भी चाहूंगा !
धन्यवाद !
Azamgarh me huyi nainsafi ka naam " mission azamgarh " rakhate huye aapse iske baare me comment ka intjar hai.
ReplyDeleteYaha ke abhyarthiyo me sangathan nahi ban pa raha hai. Isliye aaplogo ke bade sangathan tak maine jankari pahuchayi hai.
Aisa nahi ki mai akela hu. 4-5 logo ka group banaya hu jo is nainsafi ke khilaf ladana chahte hai.
mager hume kuchh samajh nahi aa raha kya aur kaise kare.
अब यहाँ पर जवाब भी देकर ही कहीं (SCERT) जाना नही तो लोग बिल्ली मुझे नही , तुमको समझेंगे क्योँकि मै तो एक सीधा साधा जेंट्स हूँ !
ReplyDeleteएक पुराना ग्रुप कॉलेज छोड़ने के बहुत दिनों बाद मिला। वे सभी अच्छे कॅरियर के साथ खूब पैसे कमा रहे थे। वे अपने सबसे फेवरेट प्रोफेसर के घर जाकर मिले।
ReplyDeleteप्रोफेसर साहब उनके काम के बारे में पूछने लगे। धीरे-धीरे बात लाइफ में बढ़ती स्ट्रेस और काम के प्रेशर पर आ गयी। इस मुद्दे पर सभी एक मत थे कि, भले वे अब आर्थिक रूप से बहुत मजबूत हों पर उनकी लाइफ में अब वो मजा नहीं रह गया जो पहले हुआ करता था।
प्रोफेसर साहब बड़े ध्यान से उनकी बातें सुन रहे थे, वे अचानक ही उठे और थोड़ी देर बाद किचन से लौटे और बोले,
”डीयर स्टूडेंट्स, मैं आपके लिए गरमा-गरम कॉफ़ी लेकर आया हूँ , लेकिन प्लीज आप सब किचन में जाकर अपने-अपने लिए कप्स लेते आइये।"
लड़के तेजी से अंदर गए, वहाँ कई तरह के कप रखे हुए थे, सभी अपने लिए अच्छा से अच्छा कप उठाने में लग गये, किसी ने क्रिस्टल का शानदार कप उठाया तो किसी ने पोर्सिलेन का कप सेलेक्ट किया, तो किसी ने शीशे का कप उठाया।
सभी के हाथों में कॉफी आ गयी तो प्रोफ़ेसर साहब बोले,
"अगर आपने ध्यान दिया हो तो, जो कप दिखने में अच्छे और महंगे थे आपने उन्हें ही चुना और साधारण दिखने वाले कप्स की तरफ ध्यान नहीं दिया। जहाँ एक तरफ अपने लिए सबसे अच्छे की चाह रखना एक नॉर्मल बात है वहीँ दूसरी तरफ ये हमारी लाइफ में प्रॉब्लम्स और स्ट्रेस लेकर आता है।
फ्रेंड्स, ये तो पक्का है है कि कप चाय की क्वालिटी में कोई बदलाव नहीं लाता। ये तो बस एक जरिया है जिसके माध्यम से आप कॉफी पीते है। असल में जो आपको चाहिए था वो बस कॉफ़ी थी, कप नहीं, पर फिर भी आप सब सबसे अच्छे कप के पीछे ही गए और अपना लेने के बाद दूसरों के कप निहारने लगे।"
अब इस बात को ध्यान से सुनिये ...
"ये लाइफ कॉफ़ी की तरह है ;
हमारी नौकरी, पैसा, पोजीशन, कप की तरह हैं। ये बस लाइफ जीने के साधन हैं, खुद लाइफ नहीं ! और हमारे पास कौन सा कप है ये न हमारी लाइफ को डिफाइन करता है और ना ही उसे चेंज करता है। कॉफी की चिंता करिये कप की नहीं।"
"दुनिया के सबसे खुशहाल लोग वो नहीं होते जिनके पास सब कुछ सबसे बढ़िया होता है, पर वे होते हैं, जिनके पास जो होता है बस उसका सबसे अच्छे से यूज़ करते हैं।
सादगी से जियो। सबसे प्रेम करो। सबकी केयर करो। यही असली जीना है।”
कौन चाहता है ये भर्ती 2011 के मूल नियमो से न हो ????
ReplyDelete....कौन चाहता है कि जिन भाईयो के साथ तीन साल मिलकर लडे वो पीछे छूट जाये.????
कुछ ऐसे लोग जिनका मकसद केवल भर्ती को फसाये रखना है क्योकि इनका चयन किसी भी प्रकार संम्भव नही है .....अब चूकि ये अकेले तो भर्ती का बार भी बांका नही कर पा रहे है तो अपना कुनबा बढाने के लिए किसी भी हद तक जाने से भी परहेज नही कर रहे है ।
...... नेताओ से ये पूछो, नेताओ से वो पूछो .... नेता यहाँ झूठ बोले नेता वहाँ झूठ बोले और भी न जाने कौन कौन से आरोप नेताओ पर लगाने वाले लोग असल मे खुद ही झूठ बोलने का ठेका लेकर लोगो की भावनाओं को भडकाकर भर्ती को फसाने का दुस्वप्न देख रहे है ।
Well, said.
ReplyDeleteशिक्षामित्र मामले पर आज ही सुनवाई होगी सीजे कोर्ट ने सभी पक्षोँ को पूरी तैयारी के साथ केस के रिवाइज होने पर उपस्थित रहने का आदेश दिया ।
ReplyDeleteतीसरी काउंसलिन्ग में आपका चयन इस बात पर निर्भर करेगा
ReplyDeleteकि आप किस जिले में जा रहे हैं!
इस बार कई जिले ओवरफ्लो का शिकार होंगे!
मेरा अनुमान है कि इस बार सामान्य वर्ग में115तक पूर्णतया सुरक्षित रहेंगे!
इसके बाद के अंकों वालों का चयन सही जिले में के चुनाव पर निर्भर करेगा!
अधिक सीटों वाले जिलों में ओवरफ्लो होना तय है!
कुछ अधिक अंक वाले अपने ओवर कान्फिडेन्स की वजह से ओवरफ्लो का शिकार हो सकते हैं!
"Mission azmgarh"
ReplyDeletePure pradesh 28 sep. ki coucelling MALE ki huyi thi.maine likha v hai ki (art-male-obc) .
Aap apne astar se v jankari lene ki koshis kare.behtar hoga.
Kyuki abtak aisa anokha mudda aabhi tak aaplogo ke samne nahi aaya hoga Ye mamla bilkul 100'/. such hai.humlogo ki yaha koi nahi sun raha
magne per kuchh v nahi diya ja raha.bikul manmani huyi hai aur abhi v ho rahi hai.
Agar aaplog thoda v interest lenge to mera dava hai ye # ZERO SEAT KE LIYE COUNCELLING # ka mamla pure pradesh me abtak ki councelling ka ek aitihasik mamla bankar samne aayega.
Aapko pata hi hai ki azamgarh ki list v vapas bheji gayi hai. isase itna to jahir ho hi raha hai ki gadbadi kiya gaya hai.
Phir ye mouka kyu gawa rahe hai.kis baat ka morcha banaye baithe hai.baithe rahe chupchap meri tarah.
Me sc female tet marks 88 hai. Mere couselling letter me lakimpur a ya, or mene sitapur karai, kisi presani k chalte me me lakimpur nahi ja pai. Please tell me ki mujhe next counselling me kya krna chaiye.
ReplyDeletePlease suggest me ki kya krna chaiye. Kya merit vahi rhegi ... Please reply.
ReplyDeleteदुशमन पथर मारे तो उसका जवाब फुल से दो,
ReplyDelete--महात्मा गांधी
पर वो फुल उसकी कबर पर होना चाहिये !
-नरेन्द्र मोदी
लेखपाल संघ की मुख्य सचिव से वार्ता विफल
ReplyDeleteलखनऊ (ब्यूरो)। लेखपालों की हड़ताल खत्म कराने के लिए मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में लेखपाल संघ के पदाधिकारियों के साथ हुई वार्ता भी विफल हो गई। ग्रेड पे बढ़ाने की मांग पर वित्त विभाग की असहमति ने वार्ता को पटरी से उतार दिया। संघ ने हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है।
लेखपाल ग्रेड पे व भत्ता बढ़ाने तथा लेखपाल भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता स्नातक करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर पिछले काफी समय से आंदोलन पर हैं। लेखपालों ने करीब सात हजार रिक्त पदों के बस्ते वापस कर इन क्षेत्रों के काम ठप कर दिया है। हड़ताल खत्म कराने के लिए सोमवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें प्रमुख सचिव राजस्व सुरेश चंद्रा, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद आलोक कुमार, सचिव वित्त अजय अग्रवाल, लेखपाल संघ के अध्यक्ष रवींद्र नाथ त्रिपाठी व महामंत्री अवधेश सिंह चौहान आदि शामिल हुए। संघ की मांगों पर विस्तार से वार्ता हुई। इसमें लेखपालों को लैपटॉप व सीयूजी मोबाइल देने, स्टेशनरी व साइकिल भत्ता बढ़ाने जैसी मांगों पर सहमति बनती नजर आई।
शासन की ओर से यह भी बताया गया कि संघ की मांग के क्रम में कानूनगो के 1308 पदों के सृजन का निर्णय हो गया है। मगर बात जब ग्रेड पे और स्नातक शैक्षिक योग्यता करने की शुरू हुई तो सचिव वित्त ने इस पर असहमति जताई । उनका तर्क था कि ग्रेड पे बढ़ाने से बड़ी संख्या में दूसरे विभागों से यही मांग उठेगी। संघ के पदाधिकारी ग्रेड पे व स्नातक योग्यता पर सहमति न बनने की दशा में हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने आंदोलन जारी रखने का फैसला किया। साथ ही चेतावनी दी कि यदि मांगें न मानी गईं तो एक दिसंबर से लेखपाल पूरी तरह से कामकाज ठप कर देंगे।
ग्रेड पे बढ़ाने पर वित्त विभाग की असहमति से नहीं बनी बात, जारी रहेगी हड़ताल
Tiger ji, log aapse apni baat puchhate hai aur aap v puri jimmewari se jawab dete hai.
ReplyDeleteKabhi aapne socha hai aisa kyu hai.
Phir "mission azamgarh"" ke bare me itna nuteral kaise ho sakte hai aap.
Apne sangathan se is bare me vichar- vimarsh kare.
Aapse hum badi umeed lagaye baithe hai. Nirash na kariyega.
B-ed,BTC 2012 vale jo TET 2011 me pass hai vo junior Bharti me kaisie shamil ho gye jabki B-ed aur TET ka certificate to ulta hi hai rules k according Pehle B-ed pass hona chahiye fir TeT Rajesh ji aap k hisab se kya hai
ReplyDeleteजब तुम आनंद को नहीं जानते तब वह एक कल्पना है| और जब तुम उसे जान जाते हो, तब वह तुम्हारा ही स्वरुप बन जाता है|
ReplyDeleteएक मशहूर प्रेरक वक्ता ने समारोह में कहा - "मैंने अपनी जिंदगी के सबसे अच्छे साल उस औरत के बाहों मे गुजारे, जो मेरी पत्नी नहीं थी ...।"
ReplyDeleteसब एक दम से चुप हो गए। .
;
;
तब उसने बात आगे बढ़ाते हुए कहा - "वह औरत मेरी माँ थी".
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
वहाँ मौजूद एक व्यक्ति ने यही कथन अपने घर में दारू पीने के बाद आजमाना चाहा....।
किचन में काम कर रही पत्नी के पास जाकर बोला - "मैंने अपनी जिंदगी के सबसे अच्छे बरस उस औरत के बाहों मे गुजारे जो मेरी पत्नी नहीं थी....।"
पर इसके बाद वह भूल गया और बुदबुदाया - मुझे याद नहीं आ रही वो औरत कौन थी..... ।;
;
;
;
;
;
;
;
;
;
;
;
बाद मे उसे जब होश आया तो वो अस्पताल में था ।
उबलते हुए पानी के फेंके जाने से बुरी तरह झुलस गया था बेचारा ।
MORAL- यदि आप नकल नहीं कर सकते तो इससे बचिए ।।''''
तीसरी काउंसिलिंग में 113 तक मेरिट आ ही जायेगी ,,4th में sm कोटे की सीट्स वापस आने पर 1अंक गिरना तय ही है !
ReplyDeleteकल वाले केस में तकनीकी रूप से सरकार हमारे पक्ष में रहेगी क्योंकि 3 नवम्बर से 3rd काउंसिलिंग कराने के निर्णय को defend करना उसका विधिक कर्तव्य है ,,,, टेट मोर्चे ने कल जो किया था वो अक्षम्य है ,, कल क्या करेगा ये कल ही पता चलेगा .... कल के केस के कारण बिलकुल भी ना घबराएँ क्योंकि काउंसिलिंग करा रहे scert निदेशक को सहायक अध्यापक की भर्ती के केस में पार्टी बनाया ही नहीं जा सकता ,,, एकेडमिक की सुप्रीम कोर्ट की वकील कृतिका ने दत्तू साहब से हाई कोर्ट जाने की स्वतंत्रता माँगी थी ,हो सकता है अब लखनऊ हाई कोर्ट का कालिया हरदोई के जिला न्यायालय में केस ले जाने की प्रेयर करे और न्यायमूर्ति वी के शुक्ला मन ही मन यह सोचते हुए अनुमति दे दें किये ससुरे एकेडमिक वाले ग्राम पंचायत तक पहुँचने का नया रास्ता खोज रहे हैं क्योंकि टेट मेरिट भर्ती एक्सप्रेस का टिकट लेने लायक नंबर ला नहीं पाए ....
कपिल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में order modification application डालकर पूछा था कि टेट के बैड पार्ट को हटाकर टेट मेरिट से भर्ती के सिंगिल बेंच के आदेश का पालन करने के लिए सरकार ने क्या किया ,,,कोई जाकर गधों के उस सरताज को बता दे कि इसी नेक काम के लिए ही तो काउंसिलिंग कराई जा रही है ,,,
ReplyDeleteटेट मेरिट से ट्रेनी टीचर के नाम पर हो रही काउंसिलिंग के बाद डाईट से भेजे जिसके टेट के नंबर कानपुर देहात के CJM कोर्ट में सीलबंद लिफ़ाफ़े में रखी सीडी से मेल खा जायेंगे वो ही होगा टेट का गुड पार्ट और उसे बनाया जाएगा सहायक अध्यापक ...
खबर मिली है कि कल सीडी & रैंक ऑनलाइन कराने की माँग लेकर गए लोगों को सर्वेन्द्र विक्रम सिंह जी ने यह कहकर भगा दिया कि कोर्ट जाओ और सीडी &रैंक जारी करने का आदेश कराओ ,,सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में हो रही भर्ती में बाधा पहुँचाने वाले हाई कोर्ट के किसी भी आदेश को मानने के लिए सरकार बाध्य नहीं है ....
तीसरी काउंसलिंग के लिए ये लोग तैयार रहे
ReplyDeleteपुरुष कला सामान्य -ओबीसी -अनु.-अजजा
113-108-98-83
पुरुष विज्ञान
111-106-87-83
लखनऊ बेंच का खर्च बहुत ज्यादा नही आने वाला...वकीलों की फौज नही खडी करके एक या दो वकीलों को रखा जाये तो कोई बुरा नही है...पैसे की जरुरत हो जिला स्तर पर इसकी सूचना अग्रणी बंधुओं द्वारा दिया जाय और आवश्यकता के अनुसार ही सहयोग लिया जाय...मेरे ख्याल से इसमे कोई बुराई नजर नही आती..सुप्रीम कोर्ट वाली गलती न हो...पारदर्शिताकी बात करने वाले पैसे का हिसाब अपने जिला संगठन से लें , लेकिन यहाँ ब्लाग और फैसबुक से नही !
ReplyDeleteजो मित्र हैप्पी न्यू ईयर फिल्म देखना चाह रहे हैं वो पहले इस घटिया फिल्म बारे के मैं जान ले जिससे आपका समय और पैसा दोनों बच सके अगर आप इसको पड़ने के बाद भी फिल्म देखने जाये तो कसम केजरीवाल की आप से बड़ा सुतिया दूसरा नही होगा
ReplyDelete“किस्मत बड़ी कुत्ती चीज़ हैं, ये किसी भी वक़्त पलट सकती हैं”- फिल्म में शाहरुख ख़ान बार-बार ये डायलॉग बोलते हैं. मगर शायद वो ये समझते नहीं कि दर्शकों को उनसे बेहतर फिल्मों की उम्मीद है. अगर बार-बार नए पैकेट में पुराना माल मिलेगा तो उनकी किस्मत वाक़ई पलट भी सकती है. कहने को तो हैपी न्यू ईयर में वो सारे मसाले हैं जिनका इंतज़ार शाहरुख के फैन्स को होता है. लेकिन फराह ख़ान की पिछली फिल्मों मैं हूं ना और ओम शांति ओम जहां ये मसाले सही तादाद में थे, हैपी न्यू ईयर में उनका रेशियो बिगड़ गया है. पूरे तीन घंटे ये लंबी ये फिल्म अंत तक आते आते काफ़ी उबाऊ हो जाती है.
चंद्रमोहन शर्मा उर्फ़ चार्ली (शाहरुख ख़ान) के पिता मनोहर (अनुपम खेर) मज़बूत तिजोरी बनाने के माहिर थे. लेकिन चरण ग्रोवर (जैकी श्रॉफ़) उन्हें एक हीरों की चोरी में फंसा कर जेल करवा देता है जहां वो खुदकुशी कर लेते हैं. चार्ली 8 साल तक चरण ग्रोवर से बदला लेने का प्लान बनाता है. इस प्लान के मुताबिक उसे चरण ग्रोवर के तीन सौ करोड़ के हीरे चुराने हैं जो दुबई की एक मज़बूत तिजोरी में रखे हैं. चोरा के लिए चार्ली अपनी एक टीम चुनता है जिसमें तिजोरी खोलने का एक्सपर्ट (बमन ईरानी), कंप्यूटर हैकर (विवान शाह) और एक्स्लोसिव एक्सपर्ट (सोनू सूद) है. फिर इस टीम में नंदू भिड़े (अभिषेक बच्चन) को शामिल किया जाता है क्योंकि वो चरण ग्रोवर के बेटे का हमशक्ल है
हीरों की इस चोरी में इनके लिए जो सबसे बड़ी मुश्किल है वो ये है कि जिस दिन हीरे दुबई में आने वाले हैं उसी दिन वहां वर्ल्ड डांस चैंपियनशिप का फिनाले हैं. चार्ली पूरी टीम के साथ इस डांस चैंपियनशिप में हिस्सा लेने का फैसला करता है. इस चैंपियनशिप के बहाने कोई उन पर चोर होने का शक नहीं करेगा. इस काम के लिए वो बार डांसर मोहिनी (दीपिका पदुकोण) को अपनी डांस टीचर बनाते हैं. ज़ाहिर है फिल्म के अंत में वो ना सिर्फ बड़ी आसानी से हीरे चुराते हैं बल्कि वर्ल्ड डांस चैंपियनशिप भी जीतते हैं.
Ye Galat baat hai aapne story ku batayi ab film dekhne ka kya Matlab....
Deleteऐसा नहीं है कि फिल्म के सब्जेक्ट में एंटरटेनमेंट की गुंजाइश नहीं थी लेकिन यहां कहानी बड़ी धीमी रफ़तार से आगे बढ़ती हैं. इंटरवल से पहले फिल्म में हर एक किरदार का एंट्री सीन है और हर एक सीन में कॉमेडी करने की कोशिश की गई है. इनमें कुछ सीन पर हंसी भी आती है. ये पूरी टीम बेवकूफों की टीम लगती है और उनके किरदार ज़ाहिर भी यही करते हैं. लेकिन फिर दूसरे भाग में ये फिल्म ख़ुद को सीरियसली लेने लगती है. कहानी का एक अहम ट्रैक डांस पर आधारित है और फिल्म की डायरेक्टर मशहूर कोरियोग्राफ़र फराह खान है लेकिन इसके बावजूद ये डांस सीक्वेंस बेहद बचकाने और हल्के हैं.
ReplyDeleteचार्ली की टीम चोरी के बड़े प्लान के साथ आई है लेकिन फिल्म में एक मिंनट के लिए भी नहीं लगता कि वो किसी भी लायक हैं. सब कुछ नौटंकीनुमा लगता है. शाहरुख ने वही किया है जो वो अपनी हर एक फिल्म में करते हैं. अभिषेक बच्चन डबल रोल में हैं लेकिन दोनों ही रोल में ओवर एक्टिंग करते नज़र आते हैं. सोनू सूद, बमन ईरानी और विवान शाह ने अपना अपना किरदार ढंग से निभाने की कोशिश की है. गानों के अलावा दीपिका पदुकोण को ज़्यादा कुछ करने को नहीं मिला है. मगर चक दे इंडिया वाले डायलॉग को बोलते हुए वो काफ़ी अच्छी लगी हैं.
विलेन बने जैकी श्रॉफ़ के भी ज़्यादा सीन नहीं हैं. यानि तीन घंटे की फिल्म में कोई भी किरदार उभर कर नहीं आ पाता और फिल्म भेलपूरी से ज़्यादा कुछ नहीं बन पाती. फराह ख़ान ने शाहरुख के साथ पहले दो बेहतर फिल्में बनाई थीं और बॉलीवुड के कई फॉर्मूलों पर स्पूफ़ भी किया था. लेकिन यहां कई बार लगता है कि वो ख़ुद कन्फ़्यूज़ थी कि वो चोरी पर आधारित एक सीरियस फिल्म बना रही थी या ऐसी फिल्मों पर स्पूफ़ कर रही थीं. कॉमेडी के नाम पर शाहरुख अपने पुराने डायलॉग का बार-बार मज़ाक उड़ाते हैं, अभिषेक बार-बार उल्टी करते हैं, बमन ईरानी को मिरगी के दौरे पड़ते हैं और सब हंसते हैं, सोनू सूद के बहरेपन का मज़ाक और दीपिका पदुकोण राखी सावंत के अंदाज़ में अंग्रेज़ी बोलने की कॉमेडी.
जिन मित्रो को ये पढ़के हंसी आ रही है ये फिल्म उन्ही के लिए है और शायद ऐसे दर्शकों की कमी नहीं है.. फिल्म के अंत में तीन सौ करोड़ के हीरो चुराने वालों की देशभक्ति भी जागती है और शाहरुख तिरंगे की शान पर एक भाषण भी देते हैं. लेकिन तब तक दर्शक सोच रहे होते हैं कि आख़िर कब ख़त्म होगी ये फिल्म? लंबाई इतनी ज़्यादा है कि फिल्म के कुछ एक अच्छे सीन भी याद नहीं रहते. लेकिन ये डायलॉग याद रहता है कि क़िस्मत बड़ी कुत्ती चीज़ है. शाहरुख को भी ये डायलॉग याद रखना चाहिए. क़िस्मत कभी भी पलट सकती है.
एक कहावत है कि
ReplyDeleteगरीब की लुगाई, सबकी भौजाई।
आज प्राईमरी भर्ती की यही हालत हो गई है। जूनियर भर्ती में(जैसा कि सर्वविदित है कि 14000 सीट खाली होने के उपरांत भी 4000 सीट पर काउं॰ हुई है) जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है, लेकिन कोई कहने को तैयार नहीं है। सभी को प्राईमरी भर्ती में ही कमियां नजर आ रही हैं क्योंकि सभी की दुनियां प्राईमरी तक ही सीमित रह गई है, इसके आगे अब लोगों ने सोचना छोड़ दिया है सभी को इसी में धांधली नजर आ रही है और आज तक जितनी भर्तियां हुईं उनमें कोई धांधली नहीं हुई। बस सभी तीन लाख टी ई टी पास लोग इसी 72825 में घुस जाना चाहते हैं। सरकार की मजबूरी समझो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण ये भर्ती कर भी रही है नहीं तो सरकार टेट मेरिट से भर्ती कभी नहीं करती और जब वो एकेडमिक से भर्ती करती तो कोई धांधली धांधली नहीं कह पाता।
Uma shankar aap ne sahi kaha ki garib ki aurat sabhi ki bhauji(babhi)hoti hai,usi tarah se sadhna mishra bhi sabhi ki bhauji hai.
ReplyDeleteJob Dental Surgeon Employees' State Insurance Corporation (ESIC) : Last date 17/11/2014
ReplyDelete06 Various Posts Central Ordnance Depot Mumbai : Last Date 31/10/2014
19 various posts National Human Rights Commission (NHRC) : Last Date 15/11/2014
399 various Posts Heavy Vehicles Factory (HVF) : Last Date 03/11/2014
26 Various Posts Ministry of Defence : Last date 24/10/2014
14 posts Judgment Writers High Court of Punjab and Haryana : Last date 31/10/2014
509 Posts Officers New India Assurance Company Limited (NIACL) : Last Date 03/11/2014
General Duty Medical Officer (GDMO) & Medical Officers Jobs NALCO : Last Date 31/10/2014
Supervisor, ASI and Stenographer Posts Madhya Pradesh Professional Examination Board : Last date 30/10/2014
Himachal Pradesh Subordinate Services Selection Board (HPSSSB) Various Jobs : Last Date 28/10/2014
High Court of Madhya Pradesh Various Jobs : Last date 27/10/2014
Central Tool Room and Training Centre Jobs : Last Date 31/10/2014
Various Posts Central Council for Research in UNANI Medicine (CCRUM) : Last Date 03/11/2014
Aur koi mane ya na mane mai to bhauji hi kahoonga.
ReplyDeleteBaki ye bhi aapne sahi hi kaha hai ki logon ko sari kami 72825 me nazar aati hai,baki sabkuch log bhool gaye hain.
ReplyDeleteBaki ye bhi aapne sahi hi kaha hai ki logon ko sari kami 72825 me nazar aati hai,baki sabkuch log bhool gaye hain.
ReplyDeleteJabki atal satya ye hai ki bharti logon ko sahi mauke de rahi(equal opportunity to every one),yahan par nakal walon ke hone ke chance bahut hi kaqm hai .
ReplyDeleteacademic wala base hone par u.p me sabhi ko malum merit kitni jati aur kish tarah ke logon ka hota (ganne ke khet waigarah me baithkar paper dene wale jyada hot bahut jyada)
ReplyDeleteacademic wala base hone par u.p me sabhi ko malum merit kitni jati aur kish tarah ke logon ka hota (ganne ke khet waigarah me baithkar paper dene wale jyada hot bahut jyada)
ReplyDeletebhio proff wale & invalid in h ya out
ReplyDeleteJisko dekho o hi visesgy ban Karl merit ki ma bahan jar ke chala ja RHA hai
ReplyDeleteEk baat sirf jankari hi share kriye gyan ki ma mat chodiye
ReplyDeleteb.k singh aaj bahut dino ke baad aaye ho,kahan par the.
ReplyDeleteKya AAU yar yha par to srvend vikram ka koi saala hai to koi heera lal ka
DeleteNice.....
ReplyDeleteYar Lakhimpur Kheri walo ne to had hi kar di 1 hafte se upar ho gaya hai Junior ki counsling karaehua ab tak merit nahi bata rahe ki fith counsling ke baad kin ka chayan hua.......Abhi primary bhi nikat hai par no updates........In babuo ki galti se nuksan candidates ko ho raha hai.......Kya kare
ReplyDeleteअकादमिक समर्थकों को समर्पित**
ReplyDeleteएक बार एक गाँव में नसबन्दी शिविर चल
रहा था,
लोगों को जबरन पकड़-पकड़ कर
नसबन्दी की जा रही थी,
ऐसे
में एक झोपड़े में जब कर्मचारी पहुँचे तो उन्हें
वहाँ एक अधेड़
व्यक्ति मिला। उन्होंने उसे भी पकड़
लिया और
जबरन
नसबन्दी कराने ले चले। उसने कहा कि “भाई
मेरी नसबन्दी हो चुकी है…” लेकिन
कर्मचारी फ़िर
भी नहीं माने तब वह भड़क कर बोला…
“साले…
लाइन
तो पहले ही काट चुके हो, अब क्या मीटर
भी उखाड़कर ले
जाओगे?
Jrt me prof. Aur prmotion ke sambandh me koi news hai kya plz share kare
ReplyDeleteजब घरवाली के ताने
ReplyDeleteहद से बाहर हो जाए ....
तो
तुरंत अपना जूता उठाये .....
और ..
.
..
.
.
.
.
...
.
....
....
...
.
.
..
. .....
.
घर से बाहर चले जाए ..
.
...
....
.बीच में आपने जो सोचा हैं
उसके लिए 56 इंच का सीना चाहिए ....
कुछ बात :
ReplyDeleteआपको बता दें कि जस्टिस वीके शुक्ल ने नये
विज्ञापन में वर्गीकरण न
होने पर दाखिल चुनौती को सेवा नियमावली के अधीन
नहीं पाया था इसलिए ख़ारिज किया था।
इसके पूर्व भी उत्तर प्रदेश
में नियुक्ति प्रक्रिया में कभी वर्गीकरण नहीं हुआ
था।
दूरस्थ/पत्राचार वालों को राहत सिर्फ प्रशिक्षु
शिक्षक नाम होने के कारण मिला है जबकि यह
असिस्टेंट टीचर की नियुक्ति प्रक्रिया है।
कुछ विन्दु पर और स्पष्टीकरण जरुरी है।
1. अमेंडमेंट 12 तभी रद्द होगा जब अमेंडमेंट 15
सुप्रीम कोर्ट की नजर में सही पाया जायेगा जिसे
कि अभी डिवीज़न बेंच ने अल्ट्रा वायरस किया है
तथा डीबी में इसे जस्टिस विपिन
सिन्हा ही मॉडिफाइड कर सकते हैं।
2. अमेंडमेंट 15 की बहाली तभी संभव है जब NCTE
की तिथि 11/02/2011 की अधिसूचना कोर्ट
अल्ट्रा वायरस करे।
3. पुराने विज्ञापन में वर्गीकरण के मुद्दे पर सुनवाई
नहीं हुयी है
अतः हाई कोर्ट की खंडपीठ मॉडिफाइड याचिका पर
आदेश पारित कर सकती है।
नोट: लोगों द्वारा प्रचारित भ्रामक ख़बरों पर ध्यान
न दें।
समय अच्छा हो तो आपकी गलती भी मजाक
ReplyDeleteलगती है,
और समय खराब हो तो मजाक भी गलती बन जाती है..!
अगर आप ईमानदार है..
ReplyDeleteया नही भी है तो भी...
सिर्फ़ आप को ईमानदार हमेशा ईमानदार दिखाने के लिए ईमानदारी वाला एक ही मफलर चाहिए बस...
आज हम गणित के जरिये बतायेगे आप कितने भाई बहन है -
ReplyDeleteविश्ववास नही हो रहा है ना ??
ये मजाक नही है ! चलो Try करके देखते है !
1- सबसे पहले भाइयो की सख्या जितने आप के भाई है !
2- अब उसमे 2 का अकं जोड ले !
3- अब उस मै 2 का गुणा करिये !
4- अब उसमे 1अकं और जोडिये !
5-अब उसमे 5 का गुणा करिये !
6- अब उस योग मे बहनो कि सख्या जोड ले !
7- अब कुल योग मे 25 घटा दिजिये !
8- अब आपको 2 अकं मिलेगे
पहला अकं भाई का दूसरा अकं बहन का !
आज की शाम साधना के नाम- ये वही नाम है, जिसने आजकल टी.ई.टी मोर्चे में खलबली मचा रखी है, वास्तविकता ये है कि ये एक मॉडिफाई रिट है जिसके पीछे भी टी.ई.टी मोर्चे पर 3 साल तक शनि बने रहे उसी कपिल का ग्रहण है | जिसने पहले भी टी.ई.टी मोर्चे को अभी तक 3 साल की सैलेरी मतलब प्रति चयनित व्यक्ति लगभग 9-9 लाख का नुकसान कराया है | मेरी समझ में ये नहीं आता कि आप सभी चयनित व्यक्ति इस समय अपने अपने घरो में रजाईयां ओढ़कर सो रहे है और वहा वो फिर से आपकी राशि पर ग्रहण बने का काम कर रहा है | टी.ई.टी मोर्चे ने कभी-भी कपिल पर जुर्माना लगवाने का कार्य नहीं किया है | जिससे आज भी वो बार-बार लौटकर आप सभी की जिंदगी से खेल रहा है ये काम वाक्स्तविकता में आपको खुद पूरा करना चाहिए क्यों कि मोर्चे ने आपको विजय श्री पहले ही दिलवा दी है इससे पहले आपके एक भी महीने की सैलेरी का नुकसान हो आगे बड़े और खुद लखनऊ में आकर लड़े ……
ReplyDelete"ज़िन्दगी में हमेशा समझौता करना सीखिए
ReplyDeleteक्योंकि,
थोडा सा झुक जाना किसी रिश्ते को हमेशा के लिए तोड़ देने से बहुत बेहतर है".
एक फकीर 50 साल से एक ही जगह बैठकर रोज की 5 नमाज पढता था.
ReplyDeleteएक दिन आकाशवाणी हुई और खुदा की आवाज आई
"हे फकीर.!
तु 50 साल से नमाज पढ रहा है, लेकिन तेरी एक भी नमाज स्वीकार नही हुई"
फकीर के साथ बैठने वाले दुसरे बंदो को भी दु:ख हुआ कि,
यह बाबा 50 साल से नमाज पढ रहे है और इनकी एक भी नमाज कबुल नही हुई.
खुदा यह तेरा कैसा न्याय.?
लेकिन फकीर दु:खी होने के बजाय खुशी से नाचने लगा.
दुसरे लोगो ने फकीर को देखकर आश्चर्य हुआ.
एक बंदा फकीर से बोला : बाबा, आपको तो दु:ख होना चाहिए कि आपकी 50 साल कि बंदगी बेकार गई.!
फकीर ने जवाब दिया : " मेरी 50 साल की बंदगी भले ही कबुल ना हुई तो क्या हुआ...!!! लेकिन खुदा को तो पता है ना कि मैँ 50 साल से बंदगी कर रहा हु"
इसिलिए दोस्तो जब आप मेहनत करते हो और फल ना मिले तो निराश मत होना,
क्युकिँ
भगवान को तो पता है ही कि आप मेहनत कर रहे है, इसिलिए फल तो जरुर देगें..!!
ये दोनोँ कालिए, साधना भाभी के गुमान हैँ,,,,!
ReplyDeleteजीती बाजी को पुन: जीतना संघर्ष मोर्चे का स्वाभिमान है...!!
डोँट फिक्कर.............
Namaskar sister, thanku for support me. Mera maksad kabhi kisi ka dil dukhane ka kabhe nahe raha hai, pahele kuch misunderstanding the, jo dur hogayi the, phir bhe yadi kisi ko bura laga ho to ek baar phir maafi chahuga kyoki mafi magne se vyakti chota nahe ho jata.
ReplyDelete