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UPPSC Lecturer (IT) Interview Date/ Schedule 2014
UPPSC Interview Call Letter 2014
Download Interview Date Schedule for Uttar Pradesh
PSC Lecturer (Information Technology) Check Interview Call Letter for
UPPSC Lecturer (Information Technology) 2014 Check Interview Dates Cut
Off Merit List
With Reference to Advertisement No. 04/2012-13,
Department No. S-12/38 Uttar Pradesh Public Service Selection had
invited application for recruitment of 24 posts of Lecturer (Information
Technology) in Technical Education Department.
UPPSC had shortlisted the candidates and prepare a
Merit list for candidates qualified for Interview. Selected Candidates
now have to appear for Interview on various dates. Interview Schedule is
available for Lecturer (IT) on Uttar Pradesh PSC website.
Date of Interview :- Interviews for these
various posts will scheduled to be held from 05th, 07th, 10th, 11th and
12th November, 2014 on various day and time.
Interview Call Letter :- Call letters to
eligible candidates for the interviews are being sent. Eligible
candidates not receiving the call letters may contact the office of the
Commission.
Important Note :-
All the candidates are directed to must bring all original certificates
with a photograph at the time of the interview otherwise candidate
would be deprived of the interview.
► Candidates have to attain minimum qualifying marks to be eligible for Final Selection.
► Candidates have to fill form attached with Interview Call Letter.
► Candidates need to be present for Interview with all necessary documents.
►
Candidates who will not get updation about Interview. They can get
their Interview Call Letter after showing proper documents verifying
their candidature.
Advt. Sr. No. | Advertisement Name | Sr. No. | Department Name | Post Name | Department No. | Visible Upto Date |
1.
| 4/2012-2013 Dated:- 18/08/2012
| 1.
| TECHNICAL EDUCATION DEPARTMENT U.P.
| Lecturer Information Technology | S-12/38 | 12/11/2014 |
Candidates can download Interview Schedule for Lecturer (IT) from the link given below:-
How to Download UPPSC Lecturer (IT) Interview Call Letter 2014
- Open the UPPSC Official Web page uppsc.up.nic.in
- Search of Lecturer (IT) interview call letter link
- Click of UPPSC Lecturer (IT) Interview 2014 Call Letter link
- Enter the details and submit the link and download the Call Letter
- Take a print out of the Call Letter
Published at
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शुभ प्रभात दोस्तोँ
ReplyDeleteप्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में 54 फीसदी पात्र
प्राइमरी स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए दो चरणों की काउंसलिंग में 54 फीसदी अभ्यर्थी पात्र पाए गए हैं। इसके अलावा पांच फीसदी अभ्यर्थियों के मामले विचाराधीन हैं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) को पात्र अभ्यर्थियों का ब्यौरा सौंप दिया है। इससे इन अभ्यर्थियों का शिक्षक बनना लगभग तय हो गया है। तीसरे चरण की काउंसलिंग के लिए संशोधन प्रक्रिया अब 28 अक्तूबर तक चलेगी, इसके चलते मेरिट 1 या 2 नवंबर को जारी की जाएगी।
प्रशिक्षु शिक्षक के पदों पर भर्ती के लिए दूसरे चरण की काउंसलिंग के बाद ज्यादातर जिलों की आधी से अधिक सीटें भर गई हैं। एससीईआरटी को जिलों से मिले ब्यौरे के आधार पर 54 फीसदी अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने के लिए पात्र पाया गया है और पांच फीसदी अभ्यर्थी पर विचार चल रहा है। इन मामलों पर एससीईआरटी स्तर पर जल्द निर्णय कर लिया जाएगा।
तीसरे चरण की काउंसलिंग 3 से 12 नवंबर तक होनी है। एससीईआरटी ने 15 से 21 अक्तूबर तक डायट प्राचार्य और बीएसए के लिए आवेदनों के आधार पर की गई डाटा फीडिंग की त्रुटियों को ऑनलाइन संशोधन की समय-सीमा रखी थी, लेकिन दिवाली की छुट्टी के चलते समय-सीमा 28 अक्तूबर तक बढ़ा दी गई है।
एक या दो नवंबर को जारी होगी मेरिट ।
TMNTBBN sir ji suparbhat!
ReplyDeleteSir aap ne kal rat 8 baje koi sambhavit merit ke bare me kaha tha
ReplyDeleteसधाना मिश्रा नामक विदूषक की एक रिट ने आजकल फेसबुक पर काफी हो-हल्ला मचा रखा है,,,इनका दावा है की 29 अक्टूबर के बाद टेट मेरिट विलाप करना प्रारम्भ कर देगी और अकेडमिक मेरिट का परचम फिर से बुलंद होगा। निरहुआ को अकेडमिक भाइयों की दुर्दशा और अकेडमिक मेरिट की मृग मरीचिका देखकर बड़ा दुःख होता है क्योंकि अभी तक तो कपिलदेव अकेले ही इनका मानसिक और आर्थिक शोषण करते रहे किन्तु अब उनका कुनबा बढ़ने लगा है, सधाना मिश्रा भी अकेडमिक भाइयों के चंदे से फलने-फूलने का स्वप्न संजोये लखनऊ में डेरा डालने की योजना बनाये बैठे हैं। निरहुआ अपने वीर टेटियन्स को अकेडमिक सेनापति कपिलदेव की कुछ पुरानी बातें/पोस्ट याद दिलाना चाहता है जिसमे अकेडमिक भाइयों समेत कपिलदेव का हर बार यही दावा हुआ करता था की इस बार जो रिट पड़ी है वो टेट मेरिट को दफन कर देगी, किन्तु हर बार टेट मेरिट अस्मिता के रखवालों ने अकेडमिक खेमे के मंसूबों को मटियामेट कर टेट का परचम बुलंद किया,,एक समय हमारे टेट जाँबाजों को गाफिल जानकार सरकारी वकील सत्यमित्र गर्ग ने अचानक "अर्जेंसी मेंशन" करवाकर अपना व्यूह रचा था, लेकिन उन्हें सपने में भी गुमान नहीं था की रातों-रात टेट योद्धा ना केवल दिल्ली पहुँच जायेंगे बल्कि न्याय-समर में मजबूती के साथ खड़े भी मिलेंगे।
ReplyDeleteदूसरों के बहते हुए आसूं पोछना भी एक तरह से स्वच्छ भारत अभियान का एक हिस्सा है ।
ReplyDeleteकरके देखिये अच्छा लगेगा ...
साथियों !
ReplyDeleteहम टेटियन्स का यही इतिहास रहा है की दुश्मन चाहे अचानक आक्रमण करे अथवा पूर्वनियोजित योजना के अनुसार, हम रणभूमि में उसे मुंहतोड़ जवाब देने हेतु सदैव तत्पर रहते हैं। सधाना मिश्रा वाली रिट के बारे में तरह-तरह की अफवाहें जानबूझकर फैलाई जा रही हैं और यह दावा किया जा रहा है की यह टेट मेरिट के लिए खतरा बन सकती है,,,लेकिन इनका दावा उसी तरह निराधार साबित होगा जिस तरह आज तक कपिलदेव यादव का होता आया है,,,इस मामले से निपटने और सधाना मिश्रा की 'रूपए हड़प' नीति को नवाबों की सरजमीं लखनऊ में ही दफ़न कर देने के लिए टेट मोर्चे ने अपनी योजना पहले ही सोच रखी थी और इस पर कार्यवाही कोर्ट खुलने के साथ ही शुरू कर दी जायेगी। अनिल बागपत जी कल सुबह तक लखनऊ में होंगे और लखनऊ टीम (गणेश दीक्षित,राकेश यादव,अवनीश यादव इत्यादि) भी इस सन्दर्भ में 27 को अग्रिम कार्यवाही की कमान संभालेंगे,,,टेटमोर्चे की ओर से बसपा सरकार में चीफ स्टैंडिंग काउन्सिल (CSC) रहे जयदीप नारायण माथुर जी के खड़ा किये जाने की संभावना है,,चूँकि सधाना मिश्रा ने हमें पार्टी नहीं बनाया है अतः अपने लॉयर से सलाह करके हम सोमवार/मंगलवार को इम्प्लीडमेंट/इंटरविनिंग एप्लीकेशन के तहत अपना पक्ष रखने हेतु पार्टी बनेंगे। निरहुआ अपने सभी टेट बंधुओं से निवेदन करता है की अफवाहों में ना फँसे एवं अपने टेट संगठन पर पूर्ण विश्वास बनाए रखें,,सधाना मिश्रा के रिट का पोस्टमार्टम सोमवार को रिट की कॉपी मिलने के बाद कर दिया जाएगा। अतः निश्चिंत रहें और उन अफवाहों का मुंहतोड़ जवाब दें जो अकेडमिक भाइयों द्वारा हमारा मनोबल कमजोर करने के किये फैलाई जा रही हैं। हम कल भी पूरी कर्तव्यनिष्ठा और बहादुरी के साथ लड़े थे और आगे भी टेटियन्स के जुझारूपन का परिचय दुश्मन को देंगे।
शुभकामनाओं के साथ,,
जय टेट- शुभ दिन
जितनी भीड़ बढती जा रही है ज़माने में,
ReplyDeleteउतने ही लोग अकेले होते जा रहे है"
शिक्षा मित्र कोर्ट की हियरिंग ना होने की ऐसे खुशी मनाते हैं जैसे बकरे की अम्मा चाँद ना निकलने के कारण ईद ना मनाने की ख़ुशी मनातीं हैं .......
ReplyDeleteपर आज नहीं तो कल चाँद भी निकलेगा , ईद भी मनेगी और बकरा भी कटेगा
शिक्षा जैसे महत्ब्पूर्ण मुद्दे पर टेट में छूट मिलना बहुत मुस्किल है क्यूँ की मुद्दा बच्चों के भविष्य से जुड़ा है !!
शिक्षकों की भर्ती को तीसरी
ReplyDeleteकाउंसिलिंग 3 नवम्बर से 12
नवम्बर तक : 10 गुना से 20
गुना तक बुलाये जायेंगे अभ्यर्थी-
शिक्षकों की भर्ती को तीसरी काउंसिलिंग 3
नवम्बर से 12 नवम्बर तक : 10 गुना से 20
गुना तक बुलाये जायेंगे अभ्यर्थी-
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। परिषदीय प्राथमिक
स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए
तीसरी काउंसिलिंग तीन से 12 नवंबर तक
सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में
होगी। तीसरी काउंसिलिंग में विशेष आरक्षित
(आरक्षित श्रेणी के तहत आरक्षण) श्रेणियों के
लिए उपलब्ध सीटों के बीस गुना और अन्य
श्रेणियों के लिए दस गुना अभ्यर्थी बुलाये जाएंगे।
शुक्रवार को सचिव बेसिक शिक्षा एचएल
गुप्ता की अध्यक्षता में विभागीय और नेशनल
इन्फारमेटिक्स सेंटर (एनआइसी) के
अधिकारियों की बैठक में यह फैसला हुआ।
अब तक 53 जिलों से प्राप्त सूचना के मुताबिक
दूसरी काउंसिलिंग में इन जिलों में तकरीबन 55
फीसद सीटें भर गई हैं। शेष जिलों से
दूसरी काउंसिलिंग के बाद उपलब्ध
सीटों का ब्योरा मिलने के बाद राज्य शैक्षिक
अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी)
यह विवरण एनआइसी को उपलब्ध करा देगा।
बैठक में तय हुआ
कि एससीईआरटी को एनआइसी को सभी जिलों में
उपलब्ध सीटों का ब्योरा 14 अक्टूबर तक
मुहैया करा देना है। वहीं कंप्यूटर पर लोड किये गए
अभ्यर्थियों के
डाटा की गड़बड़ियों को एससीईआरटी को 15 से
21 अक्टूबर तक दूर करना होगा।
गड़बड़ियां दूर करने के बाद यह
डाटा भी एनआइसी को उपलब्ध कराया जाएगा।
इसके आधार पर एनआइसी तीसरी काउंसिलिंग के
लिए मेरिट सूची तैयार करेगा जो पहली नवंबर
को प्रकाशित कर दी जाएगी। मेरिट सूची के आधार
पर तीसरी काउंसिलिंग तीन से लेकर 12 नवंबर तक
सभी जिला एवं प्रशिक्षण संस्थानों में आयोजित
होगी।
Tiger ji namaskar...maine 27 ko sitapur me male art unresurbe 119 dob 5.5.89 counselling karwai thi. Jabki wahan ka cut of 119 (3.5.89) tha .jabm mai 21.10.14 ko documents lene gaya to counter no 17 par document vapsi list me mera name aur sl. No. nahi tha .office me pata kiya to bataya gaya ki do.candidate ne apne document wapas.le liye kisse mera tatha ek ladke ka aur merit list me name aa gaya .aur documents wapas nahi honge. Sir please help.kya aise sambhav hai .kya sanshodhit.list jari hogi .kaise pata chalega ki mera selection hua hai ki nahi. Please help me sir.
ReplyDeleteKisi ko female obc art ki seats ke bare me Pata ho to please share kare ki kaha kaha Khali hai seats aur kitne bher chuki hai
ReplyDeleteKisi ko female obc art ki seats ke bare me Pata ho to please share kare ki kaha kaha Khali hai seats aur kitne bher chuki hai
ReplyDeleteकिसी गाँव में रहनेवाला एक छोटा लड़काअपने
ReplyDeleteदोस्तों के साथ
गंगा नदी के पार मेला देखने गया। शाम को वापस
लौटते समय जब
सभी दोस्त नदी किनारे पहुंचे तो लड़के ने नाव के
किराये के लिए
जेब में हाथ डाला। जेब में एक पाई भी नहीं थी।
लड़का वहीं ठहर
गया। उसने अपने दोस्तों से कहा कि वह और
थोड़ी देर
मेला देखेगा। वह नहीं चाहता था कि उसे अपने
दोस्तों से नाव
का किराया लेना पड़े। उसका स्वाभिमान उसे
इसकी अनुमति नहीं दे रहा था।
उसके दोस्त नाव मेंबैठकर नदी पार चले गए। जब
उनकी नाव
आँखों से ओझल हो गई तब लड़के ने अपने कपड़े
उतारकर उन्हें सर
पर लपेट लिया और नदी में उतर गया। उस समय
नदी उफान पर
थी। बड़े-से-बड़ा तैराक भी आधे मील चौड़े पाट को पार
करने
की हिम्मत नहीं कर सकता था। पास खड़े मल्लाहों ने
भी लड़के
को रोकने की कोशिश की।
उस लड़के ने किसी की न सुनी और किसी भी खतरे
की परवाह न
करते हुए वह नदी में तैरने लगा। पानी का बहाव तेज़
था और
नदी भी काफी गहरी थी। रास्ते में एक नाव वाले ने
उसे
अपनी नाव में सवार होने के लिए कहा लेकिन वह
लड़कारुका नहीं,
तैरता गया। कुछ देर बाद वह सकुशल दूसरी ओर पहुँच
गया।
उस लड़के का नाम था ‘लालबहादुर शास्त्री’.
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में 54 फीसदी पात्र
ReplyDeleteलखनऊ (ब्यूरो)। प्राइमरी स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए दो चरणों की काउंसलिंग में 54 फीसदी अभ्यर्थी पात्र पाए गए हैं। इसके अलावा पांच फीसदी अभ्यर्थियों के मामले विचाराधीन हैं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) को पात्र अभ्यर्थियों का ब्यौरा सौंप दिया है। इससे इन अभ्यर्थियों का शिक्षक बनना लगभग तय हो गया है। तीसरे चरण की काउंसलिंग के लिए संशोधन प्रक्रिया अब 28 अक्तूबर तक चलेगी, इसके चलते मेरिट 1 या 2 नवंबर को जारी की जाएगी।
प्रशिक्षु शिक्षक के पदों पर भर्ती के लिए दूसरे चरण की काउंसलिंग के बाद ज्यादातर जिलों की आधी से अधिक सीटें भर गई हैं। एससीईआरटी को जिलों से मिले ब्यौरे के आधार पर 54 फीसदी अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने के लिए पात्र पाया गया है और पांच फीसदी अभ्यर्थी पर विचार चल रहा है। इन मामलों पर एससीईआरटी स्तर पर जल्द निर्णय कर लिया जाएगा।
तीसरे चरण की काउंसलिंग 3 से 12 नवंबर तक होनी है। एससीईआरटी ने 15 से 21 अक्तूबर तक डायट प्राचार्य और बीएसए के लिए आवेदनों के आधार पर की गई डाटा फीडिंग की त्रुटियों को ऑनलाइन संशोधन की समय-सीमा रखी थी, लेकिन दिवाली की छुट्टी के चलते समय-सीमा 28 अक्तूबर तक बढ़ा दी गई है।
एससीईआरटी ने एनआईसी को सौंपी पात्रों की सूची
एक या दो नवंबर को जारी होगी मेरिट
मानव शरीर कि प्रकृति विद्युत रासायनिक है । कोई भी शक्ति जो मनुष्य के विद्युत रासायनिक व्यवस्था को बाधित करता है वो शरीर के शरीरक्रिया व्यवस्था को भी प्रभावित करेगा ।
ReplyDeleteसूक्ष्मतरंग चूल्हा, या माइक्रोवेव ओवन (60 to 90 GHz) एक रसोईघर उपकरण है जो कि खाना पकाने और खाने को गर्म करने के काम आता है। इस कार्य के लिये यह चूल्हा द्विविद्युतीय (dielectric) उष्मा का प्रयोग करता है। यह खाने के भीतर उपस्थित पानी और अन्य ध्रुवीय अणुओं को सूक्ष्मतरंग विकिरण का उपयोग करके गर्म करता है। मैग्नेट्रॉन इसका मुख्य अवयव है जो सूक्ष्मतरंगे पैदा करता है।
माइक्रोवेव ओवन का इतिहास :
माइक्रोवेव ओवन मूलतः नाजियों द्वारा अपने mobile support operations में उपयोग के लिए विकसित किया गया था। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद माइक्रोवेव ओवन पर जर्मनों द्वारा किया गया चिकित्सा अनुसंधान मित्र शक्ति के हात लगा। सोवियत संघ ने भी कुछ माइक्रोवेव ओवन निकाल लिया और उनके जैविक प्रभाव पर सबसे अधिक गहन शोध किया। और सोवियत संघ ने माइक्रोवेव ओवन की स्वास्थ्य के खतरों पर एक अंतरराष्ट्रीय (जैविक और पर्यावरण) चेतावनी जारी किया । अन्य पूर्वी यूरोपीय वैज्ञानिकों ने भी माइक्रोवेव विकिरण के हानिकारक प्रभावों की सूचना दी और इसके सख्त पर्यावरण सीमा निर्धारित किया। पर किसी अज्ञात कारणों से अमेरिका ने इसके हानिकारक प्रभावों के यूरोपीय रिपोर्टों को स्वीकार नहीं किया।
माइक्रोवेव ओवन के सूक्ष्मतरंग विकिरण भोजन को जेहरिला बना देता है –
ReplyDelete## उसमे कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों का गठन होता है :
1. मांस माइक्रोवेव ओवन में पकाने से उसमे d-Nitrosodiethanolamines नामक एक कैंसर पैदा करने वाली तत्व का गठन होता है ।
2. दूध और अनाज माइक्रोवेव ओवन में गरम करने या पकाने से उनके कुछ अमीनो एसिड परिवर्तित होक कैंसर पैदा करने वाली तत्व बन जाता है ।
3. बेबी फ़ूड को माइक्रोवेव ओवन में गरम करने से उसमे एक ऐसा तत्व उतपन्न होता है जो बच्चे की तंत्रिका तंत्र और गुर्दे के लिए ज़हर होता है ।
## भोजन की पोषक तत्वों के विनाश होता है :
1. रूसि शोधकर्ताओं ने अपने माइक्रोवेव ओवन परीक्षण में सभी खाद्य पदार्थों में 60 से 90% Food Value की कमी पायी ।
2. माइक्रोवेव ओवन में पके सभी खाद्य पदार्थों में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी, विटामिन ई, आवश्यक खनिज और lipotropic कारकों की कमी पायी गयी ।
## पैकेजिंग से खाद्य पदार्थों में विषैले रसायनों की रिसाव होता है :
1. माइक्रोवेव खाद्य पदार्थों जैसे पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज़, पॉपकॉर्न के ऊष्मा-शोशक पैकेजिंग से कई जहरीले रसायनों के रिसाव उसमे होता है ।
माइक्रोवेव ओवेन में पका खाना खानेवालों के शारीर में क्या होता है ?
## माइक्रोवेव में पके खाद्य पदार्थों के उपभोगताओं में पैथोजेनिक परिवर्तन पाया गया है, जैसे :
1. लसीका संबंधी विकार पाया गया जो कुछ प्रकार के कैंसर रोकने कि क्षमता को कम किया ।
2. रक्त में कैंसर सेल के गठन दर की वृद्धि हुई ।
3. पेट और आंतों के कैंसर होने की दर में बृद्धि आई ।
4. पाचन विकार की उच्च दर और उन्मूलन प्रणालियों के टूटने का क्रम देखा गया ।
माइक्रोवेव ओवेन में गरम किया हुआ रक्त से मौत :
ReplyDelete1991 में अमेरिका में एक मुकदमा नोर्मा लेविट नामक व्यक्ति के मौत से संबंधित था जो एक साधारण से कूल्हे की सर्जरी के बाद खून चढ़ाने से निधन हो गया । नर्स ने गलती से खून चढ़ाने से पहले उसको माइक्रोवेव ओवन में गरम किया था । महिला की मृत्यु हो गई थी जब उसने रक्त प्राप्त किया । रक्त चढ़ाने से पहले नियमित तौर पर गर्म किया जाता है लेकिन नहीं माइक्रोवेव ओवन में नही । इस घटना से पता चलता है कि माइक्रोवेव ओवन में गरम करने के दौरान रक्त एक घातक पदार्थ में बदल गया था ।
माइक्रोवेव बीमारी :
1950 में रडार के विकास के दौरान रुसीओं ने हजारो श्रमिको के ऊपर माइक्रोवेव के संपर्क में आने पर शोध किया था । उस शोध रिपोर्ट में बताया है .. इसका पहला लक्षण कम रक्तचाप और धीमी नाड़ी हैं , बाद में संवेदनिक तंत्रिका प्रणाली में उत्तेजना और उच्च रक्तचाप है । इस चरण में अक्सर सिरदर्द, चक्कर आना, आंख में दर्द, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, चिंता, पेट दर्द, तंत्रिका तनाव, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता, बालों के झड़न, पथरी, मोतियाबिंद, प्रजनन समस्याओं, और कैंसर की वृद्धि की घटना भी शामिल है । बाद में अधिवृक्क थकावट और हृदय रोग जैसे कोरोनरी धमनियों कि रुकावट और दिल का दौरा पड़ना भी शामिल है ।
References :
http:// articles.mercola .com/sites/ articles/ archive/2010/05/ 18/ microwave-hazard s.aspx
http:// www.health-scien ce.com/ microwave_hazard s.html
आज की न्यूज़ पढ़ी कि लगभग 54% पात्र पाए गए और 5% पर विचार चल रहा है । पर ये नही बताया जा रहा कि अपात्र लोग कितने बाहर किये जो फर्जी टेट अंक पत्र बनवा कर पात्र अभ्यर्थी की सीट्स पर कब्ज़ा किये हैं।।
ReplyDeleteक्यों टेट की मूल cd ऑनलाइन नही की nic ने ?
सब ऊपर से नीचे तक मिल जुल कर इस काले खेल में शामिल हो गये हैं तभी मेरिट डाउन नही हुई और सीट्स भर गई 59% ।
कम मेरिट वाले मेरे जैसे लोग तो इस तरह बाहर का रास्ता देखेंगे और फर्जी लोग जो टेट पास भी नही थे उन्होंने मार्कशीट बनवाकर counclng करवा ली।।
क्या हल है आखिर इस बीमारी का ???
.
ReplyDelete.
I
N
T
E
X
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W
A
L
I
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"कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए जमाने की...
हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती "
आप कितनी भी सच्चाई और ईमानदारी से आगे बढ़ते जाइये साहेब. . . . . .
ReplyDeleteकुछ लोग आपको पटखनी देने के लिए दिमाग के घोड़े दौड़ाएँगें..
संता :-- कौन सी कास्ट ( जाति ) के लोग अच्छे नागरिक होते हैं ?
ReplyDeleteबंता :-- बनिए ……!
संता :-- वो कैसे..?..
बंता :--
हर जगह लिखा होता है,
देश के अच्छे नागरिक "बनिए" !
देशभक्त "बनिए" !
समझदार "बनिए"!
इमानदार "बनिए"!
सच्चे "बनिए"!
पढेलिखे "बनिए"!
सामाजिक "बनिए"!
व्यवहारिक "बनिए"!
शाकाहारी "बनिए"!
सात्विक "बनिए"!
धामिर्क "बनिए"!
लेकिन बनिए , बिगडिए नहीं! !!!
लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर,
ReplyDeleteमैंने दर्द की अपने नुमाईश न की....
जब, जहाँ, जो मिला, अपना लिया,
जो न मिला, उसकी ख्वाहिश न की.....!!!
टीईटी और टीईटी मेरिट वकीलों की देन है।
ReplyDeleteजो लोग वकीलों की निंदा करते हैं यदि वे टीईटी मेरिट से नौकरी पा रहे हैं तो उन्हें चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।
U.P Vastav me kafi durbhagyasali state raha hai. Logo ne socha tha ki state ko yuva natratv milega to sayaad kuch hoga. Lakin jald hi chopat raja ki asliyat logo ke samne agayi. Pichle dino primary school me jab balko se ginti or a, b, c, d tak nahi sunaye gaye to vo teacher ko rebuke karte hai ki tum phadate kyo nahi, vo khud foreign degree dhark hai( vo kaise haasil ke hogi batane ki jarurat nahi) lakin vo mul karan ko nahi jaante, jab tak teacher bharti bhed-chaal se hogi to yahi haal hoga. Aaj primary ka istar patal me ja chuka hai to iska jimedar sarkar ki karyaparnali hai. 5 saal me koi bharti nahi hue hai. Prt ki bharti ko majak banake rakh diya hai. Lakho log aaj avsaadgrasth he. Court sarkar ke beech bairojgar pis kar rahe gaye hai. 3 saal se nataji ke isare par ek ajeeb khel khala ja raha hai, jisme bairojgar ball banker rah gaye hai, jinhe jab chaha jaise istamal kar liya. Netaji apna yeh ganda khel ab band karo varna ek din ek sailab uthega jo tumhara vinash kar daga. Ab sarkar, sadhna-kapil ki jodi ke kandhe par banduk rakhkar ek naye saajish rachne ki kosis kar rahi hai. Jaane yeh bharti kitne rang badlegi. Jaane kya hoga rama re..........lakin agli baar sp ka supda saaf nischit.
ReplyDeleteacademic wale farji marksheet chhapwakar is bharti ko sam-dam-dand-bhed kisi bhi niti se galat saabit karna chahte hain, yadi is najuk mod pe tet morcha se chook hui to ye ghatak sidhh hogi isliye morcha se agrah hai vo sirf councelling hi nahi apne sutron se is paksh pe bhi dhyan de. YE SAAJISH BILKUL IGNORE KARNE WALI NAHI HAI!!!!!!!!!!!!
ReplyDeleteसभी विद्वान साथियों को पता है की ''शिक्षा'' समवर्ती सूची का विषय है
ReplyDeleteजिस पर विधि निर्माण की शक्ति ''केंद्र सरकार'' तथा ''राज्य सरकार''
दोनों को है किन्तु संविधान के अनुच्छेद 254 के प्रावधानों के अनुसार
केंद्र तथा राज्य की विधि में विवाद होने पर राज्य विधि निष्प्रभावी होगी
केंद्र सरकार ने अपनी इसी शक्ति के प्रयोग में प्राथमिक शिक्षा का स्तर
सुधरने हेतु अपनी एक स्वायत्त निकाय ''राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ''
द्वारा प्राथमिक अध्यापकों की नियुक्ति में ''अध्यापक पात्रता परीक्षा '' की
अनिवार्यता 23 अगस्त 2010 को देश भर में लागु कर दिया और इस हेतु
सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिए
अध्यापक पात्रता परीक्षा, ''राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद '' के नियमानुसार
केवल एक पात्रता परीक्षा है यानि केवल यही कहा गया है की एक व्यक्ति
जो प्राथमिक अध्यापक के रूप में चयनित होगा उसे टी ई टी जरूर उत्तीर्ण
होना चाहिए
इसी क्रम में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने दिशा -निर्देश जारी करते हुए
कहा की यदि ''सेवायोजक एजेंसी (राज्य) चाहे तो टी ई टी के अंको का अधिभार
चयन प्रक्रिया में दे सकती है '' और अभ्यर्थी अपने टी ई टी अंकों में न्यूनतम उत्तीर्ण
अंक पाने के बाद भी बार-बार इस परीक्षा में ,अंक सुधार के उद्देश्य से सम्मलित हो सकेगा
शिक्षक चयन की प्रक्रिया ''राज्य'' पर छोड़ दी गई है बशर्ते वह ''राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ''
के टी ई टी की न्यूनतम अहर्ता को पूरा करता हो !
उत्तर प्रदेश सरकार ने 72825 प्रशिक्षु शिक्षक के चयन में यु पी टी ई टी 2011 को ही चयन का आधार बना लिया
ReplyDeleteऔर इसे विधि जमा पहनने के लिए अध्यापक सेवा नियमावली,1981 में 12 वां संशोधन भी कर दिया
जो शिक्षा के समवर्ती सूची में होने के कारण पूर्णतः न्यायसंगत है क्यों की इसमें केंद्र के किसी नियमों की
अवहेलना नही हुई है ।
अब साधना मिश्रा ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की ''टी ई टी अधिभार'' देने की शक्ति और
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश सरकार की ''चयन पद्धति'' को ही चनौती दे डाली है जब की इलाहाबाद उच्च न्यायलय की
पूर्ण पीठ तथा स्वयं माननीय सर्वोच्च न्यायालय इसे हरी झंडी दे चूका है
तो भाइयों इतना बड़ा लेख लिखने का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि
''हमारी भर्ती को कोई खतरा नहीं ''
फिर भी टी ई टी संघर्ष मोर्चा सतर्क है आप का अहित नहीं होने देगा
हाँ ,
दुश्मनों को ''मटियामेट'' जरूर कर देगा
जय टी ई टी मेरिट
Rampur aur brly ka btayen.
ReplyDeleteअब दो महत्वपूर्ण सवाल ये हैं कि साधना मिश्रा काउंसिलिंग पर स्टे माँगेगी या नियुक्ति पर या दोनों पर... दूसरा सवाल यह है कि साधना के इलाहाबाद में याचिका ना करने के एवज में कपिलदेव ने कितने रूपये लिए .... यदि ये याचिका इलाहाबाद में होती तो अशोक खरे द्वारा 12th संशोधन रद्द करने सम्बन्धी चीफ जस्टिस के कोर्ट में पेंडिंग में पड़ी अपील से connect हो जाती जिसमे उत्तर प्रदेश सरकार टेट मेरिट की defendent है और हमारे मुख्य अधिवक्ता टेट मेरिट के विरुद्ध ,,, बहुत अजीब स्थिति हो जाती ना?
ReplyDeleteअंतिम बात ...... साधना मिश्रा ने चन्दा तो लिया लखनऊ हाई कोर्ट के जाने माने वकील एस के कालिया के नाम पर और हायर किया 10 हजारी वकील वी बी कालिया को .......
एकेडमिक टीम को अपने नक़ल से प्राप्त नंबरों की कसम है कि लखनऊ हाई कोर्ट से याचिका वापस मत लेना ,,,,, तथ्य छुपाकर आदेश कराकर हाईकोर्ट की दो बेंचों के बीच विवाद उत्पन्न करने का प्रयास साधना को बहुत महँगा पड़ेगा .....
फिलहाल अपने मन से 2 चीज निकाल दिजिये
ReplyDelete1-भर्ती पर स्टे लग जायेगा
2-भर्ती एकैडमिक से होगी
भर्ती सुप्रिम कोर्ट के अदेशनुसार ही होगी,
मतलब टीईटी मेरिट मे अब कोई बदलाव नही आयेगा
जिस साधना मिश्रा के केस को इतना हाइ लाइट किया जा रहा है वास्तव मे वह उतना ही कमजोर है,लेकिन फ़िर भी मोर्चा को तैयारी कर लेनी चाहिये,
क्युकी हारने वाले के पास कुछ नही है खोने को
साधना भौजी और कपिल कुकुर को जब दत्तू सर ने लात मार कर सुप्रीम कोर्ट से भगाया था तो एक आदेश भी दिया था की हाइ कोर्ट मे अपनी बात को रखो,और साफ़ साफ़ कहा था की हाइ कोर्ट जो भी आदेश देगी वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मूल धांचे मतलब टी ई टी मेरिट पर कोई हस्तक्षेप न करे,
हाइ कोर्ट मे जो मुद्दा नही सुना गया हो केवल वही सुना जाय
इसलिये निस्चिन्त रहो मित्रो
केवल आरोप लगाना ही आता है-
ReplyDelete#मैं देख रहा हूँ कि आजकल कुछ निराशावादी मित्र धांधली का राग ऐसे अलाप रहे हैं जैसे कि केवल वो ही 100 फीसदी ईमानदार हैं ,
#और टेट मेरिट से काउंसलिंग करा चुके या अधिक नंबर धारी लोग सब फर्जी हों
#ऐसे लोग जरा एक बात बताएं कि काउंसलिंग वाले दिनों में वो कितने दिन अपने गृह जनपद की डाइट पर गये हैं और कितनो का डाटा खुद चेक किया है,
अपने मन से अपनी मेरिट को सुरक्षित मानकर केवल फर्जीवाडे का हल्ला मचाते हैं ,
क्या टेट #नेता काउंसलिंग के समय हर जिले में हेलीकाप्टर किराये पर लेकर पूरे प्रदेश की डाइटों पर भागे डोलें ।
और ये धर्मात्मा अपना कार्य घर पर करें ??
#ये क्या कम है की आपकी हर समस्या को अपनी समस्या मानकर हमारे टेट मोर्चा अध्यक्ष और उनकी टीम दिन-प्रतिदिन एससीआरटी कार्यालय जाकर हर समस्या का उपर्युक्त हल निकलवाती है ।
#एक बात ध्यान रहे ये भर्ती अभी तक जिस भी मुकाम पर पहुंची है तो वो सब टेट मोर्चा की बदोलत है अन्यथा इतने विवादों के बावजूद ये भर्ती होनी असम्भव थी ।
अंत में बस इतना कहूँगा कि खुद जागरूक बनिए और दूसरों पर आरोप लगाना छोड़ दीजिये ।।
हमारे यहाँ एक पुरानी कहावत है कि
#माल ना रखावे आपनो और चोर ए गारी दे#
मतलब अपना सामान रखाते नहीं हैं और चोर को गाली देते हैं ।
लोग ट्रेफिक के रेड सिगनल में रुके या ना रुके
ReplyDeleteपर बिल्ली के रास्ता काटने पर !
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जरुर रुकते है ।।
ओवर फ्लो...एक ज्वलंत मुद्दा...!!
ReplyDelete७२८२५ प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती अनेक झंझावातों से निकलते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश में अपने सही मार्ग पर अग्रसर हो गयी है। जल्द ही सभी पात्र अभ्यर्थियों के हाथो में नियुक्ति पत्र भी होगा।
दोस्तों ये भर्ती प्रक्रिया माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संपन्न करायी जा रही है।
ReplyDeleteइस चयन प्रक्रिया को पूरी कराने की जिम्मेदारी SCERT को सौपी गयी है। जिसके दिशा निर्देश में सभी जनपदों की डाइट द्वारा ये चयन प्रक्रिया गतिमान है। जिसमे अब तक दो चरणों की काउंसलिंग भी पूरी हो गयी है। जैसे-जैसे ये प्रक्रिया आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे कुछ समस्याएँ भी सामने आ रही हैं। पहले चरण की काउंसलिंग के पश्चात् प्रमुख रूप से स्नातक ४५%और ५०% का मुद्दा आया जिसका समाधान समस्या निवारण समिति द्वारा जैसे तैसे कर दिया गया। पहले चरण की काउंसलिंग की खास बात ये रही की इसमें पदों के सापेक्ष ७२८२५ अभ्यर्थियो को कॉल किया गया और पद भरे महज ४५०० के आस-पास।
इस मामले को SCERT ने तुरंत संज्ञान में लेते हुए दुसरे चरण की काउंसलिंग में १० गुना अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया। जिसके सकारात्मक नतीजे भी सामने आये और अब तक मिली सूचना के अनुसार लगभग ५३% पद भर चुके हैं। लेकिन इसके साथ ही १० गुना के कुछ नकारात्मक पहलू भी सामने आये हैं।जो निम्न हैं---
१-अभ्यर्थी अपने चयन को सुनिश्चित करने के लिए ज्यादा सीटों वाले जनपदों जैसे सीतापुर,लखीमपुर,कुशीनगर आदि जनपदों की तरफ बेहद तेज़ी से भागे जिसका परिणाम ये हुआ की कम सीटों वाले जनपद की अधिकांश सीटें रिक्त रह गयी और ज्यादा सीटों वाले जनपद ओवरफ्लो हो गए।
२-ओवरफ्लो में सबसे ज्यादा विकट स्थिति पुरुष कला वर्ग की थी। ओवरफ्लो से बचने के लिए हमारे कुछ बुद्धजीवियों द्वारा ये सुझाव भी दिया गया था कि काउंसलिंग के लिए उन्ही जनपदों का चयन करे जहाँ आपका कटऑफ आपसे २-३ अंक नीचे हो। कटऑफ का यइ फार्मूला भी आजमगढ़ जैसे जनपद में फेल हो गया।आजमगढ़ में जनरल/ओबीसी पुरुष कला वर्ग के अभ्यर्थी अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। यहाँ पर जनरल/ओबीसी पुरुष कला वर्ग का कटऑफ ११९/११५ अंक था। कटऑफ फोर्मुले के अनुसार जनरल १२०-१२१ अंक और ओबीसी ११७-११८ अंक तक के अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग में भाग लिया लेकिन जब डाइट पर अनंतिम चयन सूची चस्पा की गयी तो जनरल १२२ अंक DOB १२-०३-१९७७ और ओबीसी ११९ अंक DOB ३०-०१-१९८० तक के अभ्यर्थियों का चयन हो गया बाकि के अभ्यर्थी ओवरफ्लो हो गए।वही दुसरे जनपदों में ११८-११९ तक के जनरल और ११४-११५ तक के ओबीसी अभ्यर्थियों का चयन सुनिश्चित हो चूका था।
३-ओवरफ्लो हुए इन अभ्यर्थियों को ये कहकर समझाया जाने लगा कि 'तीसरी काउंसलिंग में तो आपका चयन पक्का है,अभी आधी से ज्यादा पद खाली हैं.!!'
४-अब सवाल ये है कि SCERT द्वारा जब १० गुना बुलाने पर अभ्यर्थी ओवरफ्लो हो रहे हैं तो तीसरी काउंसलिंग में फिर से १० गुना अभ्यर्थी बुलाया जाना कहाँ तक सही है ।
५-अब तीसरी काउंसलिंग के जो अभ्यर्थी ओवरफ्लो होंगे तो शायद उनके लिए अगली काउंसलिंग में चांस मिलना लगभग न के बराबर रह जाएगा।
ओवरफ्लो को कम से कम किया जा सके और अभ्यर्थियों का चयन सुनिश्चित किया जा सके इसके लिए हमें SCERT को निम्न बातों से अवगत कराना होगा--
१-सामान्य और आरक्षित वर्ग के अभ्यथियों को १० गुना से कम बुलाया जाये।
२-प्रत्येक डाइट पर अभ्यर्थियों के क्रमांक (serial no) की जो लिस्ट डाइट पर चस्पा की जाती है उसे तीसरी काउंसलिंग से पूर्व डाइट के वेबसाइट पर अपलोड की जाये ताकि अभ्यर्थी अपना जनपदवार क्रमांक देख सकें और अपना चयन काफी हद तक सुनिश्चित कर सकें। (ये लिस्ट ठीक उसी प्रकार अपलोड की जा सकती है जैसे प्रत्यावेदन के समय कंप्यूटर आईडी देखने जे लिए की गयी थी ।)
३-जिन अभ्यर्थियों का चयन हो चूका है उनकी सूची तीसरी काउंसलिंग के बाद जारी कराना।
दोस्तों इसके अलावा आपके भी कुछ सुझाव हों तो कृपया कमेंट के माध्यम से अवगत कराएँ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तो एक बार एक बच्चे ने उनसे सवाल पूछा कि उनमें इतनी ऊर्जा कहां से आती है। जवाब में मोदी ने कहा था कि योग उन्हें कड़ी मेहनत के लिए तैयार करता है। ये बात इसलिए हो रही है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना पहले ट्रेनिंग लिए, बिना किसी तैयारी के सियाचिन पहुंचकर सभी को चौंका दिया है।
ReplyDeleteनरेंद्र मोदी ने वहां कहा कि जब तक कोई इन बर्फीले ग्लेशियर को नहीं देखेगा, माइनस 30-40 डिग्री में जवान कैसे तैनात होता है, इसे नहीं देखेगा, तो उसे कल्पना नहीं आ सकती कि हमारी फौज, हमारे हवान कितनी कठिनाइयों के बीच, कितने दुर्गम इलाकों में, मातृभूमि की रक्षा के लिए पुरुषार्थ कर रहे हैं।
मोदी जितनी देर सियाचिन की बर्फीली पहाड़ियों में सैनिकों के बीच रहे, उनका चेहरा चमकता रहा। जबकि आमतौर पर ऐसे ही अचानक सियाचिन पहुंचने का मतलब है जबर्दस्त सिरदर्द, असामान्य ब्लड प्रेशर, सांस लेने में तकलीफ लेकिन मोदी को जैसे इतनी ऊंचाई से कोई फर्क नहीं पड़ा। जवानों से मिलने के बाद मोदी जब हेलीकॉप्टर की तरफ बढ़े तो भी ऐसा नहीं लगा कि उनकी सेहत पर कोई असर हुआ है।
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल पी एन हूण के मुताबिक ये आसान यात्रा नहीं थी। 15 हजार फीट से ऊपर ऑक्सीजन की कमी होती है, इसलिए कोई सीधा इतनी ऊंचाई पर नहीं जाता। पहले उसे परिवेश में ढलना पड़ता है। 1984 में जब हमने ये जगह हासिल की थी तब हमने अपने जवानों को कई दिन तक इस तरह की ऊंचाई पर रहने की ट्रेनिंग दी थी।
ऐसे में सियाचिन की 15 हजार फीट की ऊंचाई पर 64 साल के प्रधानमंत्री को इस तरह देखना देश के लिए एक बड़ा सवाल भी लेकर आया। सवाल ये कि आखिर वो कौन सी शक्ति है, जिसकी वजह से मोदी को 15 हजार फीट की ऊंचाई पर कोई दिक्कत नहीं हुई? आखिर वो कौन सा जादू है जो मोदी को सियाचिन पर भी आराम से जाने देता है? आखिर वो कौन सी ताकत है, जो मोदी को 18 घंटे तक काम की शक्ति देती है?
सियाचिन ग्लेशियर जाने की ये है प्रक्रिया
लेह के ट्रांजिट कैंप से सियाचिन जाने की पूरी एक प्रक्रिया है। लेह के ट्रांजिट कैंप में आपके ब्लड प्रेशर पर लगातार नजर रखी जाती है। 6 दिन तक लगातार आर्मी हॉस्पिटल में ब्लड शुगर और यूरीन की जांच होती है। 6 में से 4 दिन तीन से पांच किलोमीटर तक पैदल चलाया जाता है। जांच रिपोर्ट देखने के बाद सीएमओ स्टेज- II की इजाजत देता है। स्टेज-II का मतलब है सियाचिन बेस कैंप तक जाना। सियाचिन बेस कैंप में पहुंचने के बाद फिर 6 दिन रुकना होता है। पहले दो दिन मौसम के लिहाज से खुद को ढालना होता है। तीसरे दिन से बेस कैंप के आसपास पैदल चलाया जाता है। 6 दिन तक लगातार ब्लड प्रेशर पर नजर रखी जाती है। सारी जांच की रिपोर्ट ठीक आने पर स्टेज-III की मंजूरी मिलती है। स्टेज-III का मतलब होता है सियाचिन ग्लेशियर। यहां भारतीय सेना की करीब 150 पोस्ट हैं। आमतौर पर एक फौजी की सियाचिन पर सिर्फ 3 महीने के लिए तैनाती होती है लेकिन तीन महीने की तैनाती के लिए भी फौजियों को 3 हफ्ते की खास ट्रेनिंग लेनी पड़ती है।
साफ है कि सियाचिन तक पहुंचने के लिए दो-तीन हफ्ते की ट्रेनिंग जरूरी होती है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी कोई ट्रेनिंग नहीं ली। वो सीधे पहुंच गए सियाचिन, देश के जवानों के साथ दिवाली मनाने। उन जवानों के साथ जो करीब 30 साल से सियाचिन के बर्फीले रेगिस्तान में भारत-पाकिस्तान की फौज की सामरिक स्थिति को बनाए हुए हैं। मोदी अगर बिना किसी तैयारी के दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र में पहुंच गए तो इसका श्रेय योग को दिया जा रहा है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था जब किसी प्रधानमंत्री ने दुनिया के सबसे दुश्वार रणक्षेत्र में जाकर जवानों के साथ दीवाली मनाई हो।
सियाचिन में सबसे बड़ा दुश्मन है मौसम
सियाचिन यानी दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र। यहां दुश्मन से खतरा कम होता है और वहां तैनात फौजी दुश्मन की गोली से नहीं बल्कि बेरहम मौसम-दुर्गम ऊंचाइयों का मुकाबला करते हुए मारे जाते हैं। सियाचिन ऐसी जगह है जहां सिर्फ बर्फ ही बर्फ है, बर्फ के सिवा कुछ नहीं है। यहां सांस लेने के लिए पूरी ऑक्सीजन नहीं मिलती। पीने के लिए पानी नहीं मिलता। सियाचिन में अक्सर दिन में भी तापमान शून्य से 40 डिग्री नीचे और रात में माइनस 70 डिग्री तक चला जाता है।
सियाचिन की ऊंचाइयों पर देश की सरजमीं की रक्षा करते हुए 1984 से 2012 तक 846 सैनिक मारे जा चुके हैं। इसके बावजूद देश की सरजमी की रक्षा करने के लिए देश को यहां पूरे साल अपने फौजियों को तैनात रखना पड़ता है, क्योंकि सियाचिन में आमने सामने डटी हुई हैं भारत और पाकिस्तान की सेनाएं। यहां जाना कितना कठिन है इस बात का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि एक सामान्य नागरिक के तौर पर यहां पहुंचना नामुमकिन है। अगर आप बहुत अच्छे पर्वतारोही हैं तभी भी आपको सियाचिन जाने के लिए कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है।
ReplyDeleteतैनाती से पहले होती है फौजियों की ट्रेनिंग
भारतीय फौजियों को सियाचिन की तैनाती के लिए कश्मीर के खिल्लनमर्ग के गुज्जर हट में करीब साढ़े तेरह हजार फुट की ऊंचाई पर एक विशेष ट्रेनिंग सेंटर बनाया गया है। सेना के इस ट्रेनिंग सेंटर को हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल कहते हैं। इसी स्कूल में सेना के जवानों को बर्फ पर रहने, पहाड़ काट कर ऊंचाई पर चढ़ने, भयंकर सर्दी में भी लड़ने की ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद सैनिकों को सियाचिन ग्लेशियर से पहले बने बेस कैंप तक ले जाया जाता है, जहां से सियाचिन की चौकियों पर तैनाती के लिए हेलीकॉप्टर से सफर करना पड़ता है। इन चौकियों पर रसद और गोला-बारूद की अपूर्ति भी हेलीकॉप्टर से ही की जाती है, और कोई सैनिक बीमार पड़ जाए तो उसे बेस कैंप के अस्पताल में पहुंचाने के लिए भी हेलीकॉप्टर का ही इस्तेमाल किया जाता है।
एक औसत आंकड़ा है कि अगर पूरी तरह फिट लोगों की 20 लोगों की टीम सियाचीन के लिए निकलती है तो सिर्फ 10 लोग ही वहां तक पहुंच पाते हैं। बाकी को बीच रास्ते में वापस लौटना पड़ता है। आपकी सेहत से जुड़ा एक भी पैरामीटर गड़बड़ होने पर तुरंत आपको वापस भेज दिया जाता है। ऐसे में दिल्ली से अक्टूबर के हल्के जाड़े में हमारे प्रधानमंत्री सियाचिन के लिए निकले और वहां तैनात सैनिकों का हौसला बढ़ाया।
योग ने बनाया मोदी को फिट और हिट
रिटायरमेंट के बाद की जिस उम्र में ज्यादातर लोग भक्ति और वैराग्य की बात करते हैं, उस उम्र में भारत के प्रधानमंत्री नौजवानों से लेकर कामकाजी लोगों के लिए हौसले और उम्मीद के प्रतीक बन गए हैं। हमेशा ऊर्जा से लबालब रहने वाले नरेंद्र मोदी को कहां से मिलता है ये सब। ये रहस्य नहीं। खुद प्रधानमंत्री कई मौकों पर इसका खुलासा कर चुके हैं। बहुत कम लोगों को ये पता होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को योग में महारथ हासिल है। वो योग के तमाम आसन आसानी से कर लेते हैं। योग ही उन्हें वो शक्ति देता है जिसके चलते वो सियाचिन की बर्फीली पहाड़ियों पर बिना किसी तैयारी के पहुंच गए। सैनिकों से मिले और घंटों वहां बिताए। योग के साथ मोदी का रिश्ता दशकों पुराना है। हर रोज अपने व्यस्त कार्यक्रम में से कुछ वक्त निकालकर मोदी योग जरूर करते हैं। योग के प्रति उनकी आस्था ही है जिसकी वजह से उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने का आह्वान किया था। ये योग ही है जो मोदी को फिट रहे हैं और हिट भी रखे है।
१.वफ़ा की उम्मीद मत रखो इस दुनियाँ से, जब दुआ
ReplyDeleteकबूल ना हो तो लोग
भगवान
बदल लेते हैं।
२. रिश्तों की खूबसूरती एक दूसरे की बात बर्दाश्त
करने में
है;
खुद जैसा इंसान तलाश करोगे तो अकेले रह जाओगे।
३. ऐसा छात्र जो प्रशन पूछता है, वह पांच मिनट के
किए मूर्ख रहता है;
लेकिन जो पूछता ही नहीं, वह ज़िंदगी भर मूर्ख
रहता है।
४. किसी ऐसे सपेरे की तलाश है, जो आस्तीन में छुपे
सांप निकाल
दे।
५. दुनिया का उसूल है:
जब तक काम है, तेरा नाम है, वरना दूर से ही सलाम है।
६. ऐ मेरे मालिक, तुझको कुछ बनाना ही है तो मुझे
शून्य बना दे,
ताकि
जिससे भी जुड़ जाऊँ वो दस गुणा हो
जाए।
७. # ज़िंदगी में आप जितना कम बोलते हैं,
आपकी उतनी ज्यादा सुनी जाएगी।
८. # दुनिया में रहने की सबसे अच्छी दो जगह;
या तो किसी के दिल में, या किसी की दुआओं में।
९. जिंदगी में हद से ज्यादा ख़ुशी और हद से
ज्यादा गम
का कभी किसी से
इज़हार मत करना क्योंकि ये
दुनिया बड़ी ज़ालिम है। हद से ज्यादा ख़ुशी पर 'नज़र'
और हद से ज्यादा
गम पर 'नमक' लगाती है।
जिंदगी के 7 सबसे मुश्किल और आसान काम :-
ReplyDeleteक) दोस्ती करना आसान है, पर निभाना मुश्किल
ख) प्यार करना आसान है, पर पाना मुश्किल
ग) भरोसा तोडना आसान है, पर करना बहुत मुश्किल
घ) याद करना आसान है, पर भुलाना मुश्किल
ड़) झूठ बोलना आसान है, पर सच सुनना मुश्किल
च) किसी को रुलाना आसान है, पर हँसाना मुश्किल
छ) किसी के बगैर मरना आसान है, पर जीना मुश्किल
"धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे। धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे। धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है। धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण तुम्हारी निन्दा करें, और सताएं और झूठ बोल बोलकर तुम्हरो विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें। आनन्दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था॥''
ReplyDelete________________________________________________________________________________________________मत्ती 5:8-12 )
किसी को तकलीफ देना
ReplyDeleteमेरी आदत नही--
बिन बुलाया मेहमान बनना
मेरी आदत नही---
मैं अपने गम में रहता हूँ
नबाबों की तरह---
परायी ख़ुशी के पास जाना
मेरी आदत नही---
सबको हँसता ही
देखना चाहता हूँ मै----
किसी को धोखे से भी
रुलाना मेरी आदत नही---
बांटना चाहता हूँ तो बस
प्यार और मोहब्बत----
यूँ नफरत फैलाना
मेरी आदत नही----
ज़िदगी मिट जाये
किसी की खातिर गम नही----
कोई बद्दुआ दे मरने की
यूँ जीना मेरी आदत नही----
सबसे दोस्त की हैसियत से
बोल लेता हूँ-----
किसी का दिल दुखा दूँ
मेरी आदत नही----
दोस्ती होती है
दिलों के चाहने पर----
जबरदस्ती दोस्ती करना
मेरी आदत नही--
मेरी आदत नही--
मेरी आदत नही--
G
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D
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