इलाहाबाद : पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में गणित-विज्ञान शिक्षकों की भर्ती के लिए सोमवार को पांचवी काउंसिलिंग आरंभ हुई। दो दिवसीय काउंसिलिंग के पहले दिन विज्ञान वर्ग के अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय ममफोर्डगंज स्थित काउंसिलिंग सेंटर पर सुबह आठ बजे से अभ्यर्थियों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। दस बजे शैक्षिक एवं जाति प्रमाणपत्रों की जांच हुई, फिर आगे की कार्रवाई की गई। पहले दिन 106 अभ्यर्थी काउंसिलिंग में शामिल हुए, जबकि 160 बुलाए गए थे। इसमें सामान्य में 31 में नौ, पिछड़ा वर्ग में 72 में 29, एससी के 63, विशेष आरक्षण विकलांग में पांच अभ्यर्थियों ने काउंसिलिंग कराई, एसटी का कोई अभ्यर्थी शामिल नहीं हुआ। गौरतलब है कि 29336 पदों के लिए निकली गणित-विज्ञान शिक्षक भर्ती में अधिकतर पद अभी खाली हैं। पद भरने के लिए इस बार एक पद पर 20 अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। मंगलवार को गणित अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग होगी।
एसएससी में यूपी के 111 युवाओं का चयन
जासं, इलाहाबाद : दीपावली के मौके पर युवाओं के लिए खुशखबरी है। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की मल्टी टास्किंग (एमटीएस) 2014 परीक्षा में उत्तर प्रदेश के 111 युवाओं का चयन हुआ है।
एसएससी के मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय अधिकारी जय प्रकाश गर्ग ने बताया कि एमटीएस का फाइनल परीक्षा परिणाम जारी हो गया है। इसमें 111 युवा उत्तर प्रदेश के एवं एक बिहार के युवा का चयन हुआ है।
आरओ/एआरओ मुख्य परीक्षा खत्म
इलाहाबाद : समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा 2013 की मुख्य परीक्षा सोमवार को पूरी हो गई। दूसरा निबंध का प्रश्नपत्र शांतिपूर्ण तरीके से निपट गया। लोकसेवा आयोग इलाहाबाद के परीक्षा नियंत्रक महेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस परीक्षा में 9271 प्रतिभागी पंजीकृत थे उसमें से 8395 छात्रों ने परीक्षा दी
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सुप्रभात मित्रों
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नाम छोटा है मगर दिल
बडा रखता हूं !
पैसों से उतना अमीर नही हूं !!
मगर अपने यारों के गम खरीदने
की हैसियत रखता हूं !
मुझे ना हुकुम का ईक्का बनना हैं
ना रानी का बादशाह !!
मैं जोकर हूं जोकर ही अच्छा हूं !
जिस के नसीब में आऊंगा
बाज़ी पलट दूंगा !!
"तुम सुन चुके हो, कि कहा गया था; कि अपने पड़ोसी से प्रेम रखना, और अपने बैरी से बैर। परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। जिस से तुम अपने स्वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनो पर अपना सूर्य उदय करता है, और धमिर्यों और अधमिर्यों दोनों पर मेंह बरसाता है। क्योंकि यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों ही से प्रेम रखो, तो तुम्हारे लिये क्या फल होगा? क्या महसूल लेने वाले भी ऐसा ही नहीं करते? और यदि तुम केवल अपने भाइयों ही को नमस्कार करो, तो कौन सा बड़ा काम करते हो? क्या अन्यजाति भी ऐसा नहीं करते? इसलिये चाहिये कि तुम सिद्ध बनो, जैसा तुम्हारा स्वर्गीय पिता सिद्ध है॥''
ReplyDelete( मत्ती 5:43-48 )
२०११ में हिन्दुस्तान अखबार कह रहा था कि ९० वालों तक को नौकरी मिल जायेगी तब तक तों कोई भर्ती भी नही हुई थी उसके बाद तों १००००,८००० बी०टी०सी० वाली भर्ती पूरी हो चुकी २९९३४ वाली भी लगभग पूरी होने को है उसके बाद भी मेंरिट कम होने का नाम नही पता नही लों मेंरिट वालों का क्या होगा जब ११४ तक वालों के डाक्यूमेंटस वापिस हों रहें हैं ।
ReplyDeleteकिसी और के फूल लाने की प्रतीक्षा न करो|
ReplyDeleteअपना बागीचा खुद लगाओ और अपनी आत्मा का श्रृंगार खुद करो|
हमने समाचार पत्रों की लगभग हर बात को बकवास माना लेकिन हिन्दुस्तान की एक खबर को गाँठ से बाँध लिया की १०० अंक से उपर केवल ३६००० हजार लोग हैं और इसे सिद्ध करने के लिए कुछ लोगों ने कथित आरटीआई का हवाला देना भी शुरू कर दिया l
ReplyDeleteभर्ती में कुछ हद तक धांधली सम्भव है परन्तु इतने बडे पैमाने पर सम्भव नहीं की १०० से उपर ३६००० लोग ही हों, लगभग ४०००० लोग काउन्सलिंग भी करा लें और मेरिट अभी ११७ और १११ पर अटकी रहे l
वास्तव में हिन्दुस्तान की खबर पर विश्वास करना ही हम पर भारी पड रहा है l
यदि इतने बडे स्तर पर धांधली संभव होती तो महिलाओं की मेरिट भी नीचे न जाती ,और कुछ वर्गों में ८३ जाना तो असंभव ही था l
अब एकेडमिक गधे कह रहे हैँ कि फर्जीवाड़ा हो रहा है,,,,,,,
ReplyDeleteऔर मिसाल दे रहे हैँ हिन्दुस्तान समाचार पत्र की,
तो उन गधोँ को बता देँ कि फर्जीवाड़ा सिर्फ जूनियर भर्ती मेँ हो रहा है, जिसमेँ टीईटी फेल भी काउंसलिँग करवा चुके हैँ, सबूत चाहिए तो मेरे इनबाक्स मेँ आ जाओ.....
पहले जूनियर का डाटा आनलाइन तो करवाओ,,,,,!
और रही बात हिन्दुस्तान पेपर की तो इन गधोँ को बता देँ कि मेरिट कब की 100 अंक के नीचे (83) आ चुकी है,,,!!!
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ReplyDeleteनिगाहें आज भी हिंदुस्तान के उस पत्रकार को ढूढती हैं जिसने कहा था
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९० से १४० के बीच महज ६०८०८ टेट पास हैं !
SCERT-- आदर्श वाक्य--सबको इत्ना कनफ्यूज कर दो कि समझ मे ना आये कि सान्स किधर से ले और ...... !
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रुल्स आर फार फूल्स ,!
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कई काऊन्सिलिन्ग करवाओ, नही नही एक करवाओ, अच्छा चलो कई करवाओ, अरे रुको जरा नही , जाओ जाओ फिर रुको देखते हैं -------
सर्वेँद्र विक्रम सिँह
कैसी भी हो एक
ReplyDeleteबहन होनी चाहिये..........।
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बड़ी हो तो माँ- बाप से बचाने वाली
छोटी हो तो हमारे पीठ पिछे
छुपनेवाली..........॥
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बड़ी हो तो चुपचाप हमारे पाँकेट मे
पैसे रखने वाली,
छोटी हो तो चुपचाप पैसे निकालने वाली.........॥
छोटी हो या बड़ी,
छोटी-छोटी बातों पे
लड़ने वाली,एक बहन
होनी चाहिये.......॥
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बड़ी हो तो ,
गलती पे हमारे कान खींचने
वाली,
छोटी हो तो अपनी गलती पर,
साँरी भईया कहने वाली...
खुद से ज्यादा हमे प्यार करने
वाली एक बहन होनी चाहिये.... ....॥
# From : : MANU & मोनिका
मेरे अपने कहीं कम न हो जाएँ ............!!
ReplyDeleteइस डर से ___मुसीबत में किसी को आजमाता नहीं.....!!!
टी.ई.टी विशेषांक-
ReplyDelete!
जनरल में ११३-११४ की सर्वाधिक मौज काट सकती है पूछिये कैसे-
आ!
१- टी.ई.टी विशेषज्ञों की माने तो जनरल ११४ या ११५ इस बार समाप्त हो सकती है उसका प्रमुख कारण भेड़ चाल है अभी-अभी कुछ ऐसे-ऐसे महानुभावो हैं जिन्होंने ओवर कॉन्फिडेंस के चलते १२० और ११९ नंबर पाकर मात्र ५ फार्म डाले थे जहा नाम आया ओवर फ्लो और रेसफलिंग का शिकार हो गए और जहा गए नहीं वहा उनसे नीचे वाले सेलेक्ट हो गए अब तीसरी में कही और जिले में भरे ही नहीं थे ।
कहने का मतलब साफ है अब जिसने ज्यादा फार्म डाले है किस्मत भी उनकी ही जोर मारेगी कम फार्म डालने वाला ज्यादा अंक पाकर भी बाहर रह जायेगा और ज्यादा फार्म डालकर कम अंक पाने वाला भी भीतर ।
२- ऊपर के उदाहरण से साफ़-साफ़ समझ आ गया होगा ११३-११४ ही मौज काटेगा जायज सी बात है विशेषज्ञ अभी ११३ को और ११४ के कुछ लोगो को तीसरी लिस्ट से बाहर बता रहे है
लेकिन जैसा कि अभी शिक्षामित्रों की सीट्स को जी ओ के अनुसार ८ ग के मुताविक बची हुई सीट्स जो ६००० करीब और बाकी कोटा की सीट्स सभी वर्गो को वापिस की जाएँगी बस यही लोग अपने अपने जिलो में वापिस सीट्स पाकर वही सिलेक्शन भी पाएंगे ऐसा मेरा मानना है बाकी आप सभी के सुझाव आमंत्रित है -
नोट- गंदे शब्दो का इस्तेमाल करने वाले लोग गंदे जबाब सुनने के लिए भी तैयार रहें !
Gande sabd to aap sab se jyada use karte hai apne blog thik se padna or batao ki tum teacher banane layak ho k nahi
Deleteकुछ लोगों को आज भी लग रहा है कि 72825 भर्ती में जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है वरना gen male की मेरिट 100 तक आ जाती .... कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि टेट मोर्चे के नेताओं के पास ऐसा कौन सा जादू है कि मोर्चे के कार्यकर्ताओं को जो भी समझाना चाहते हैं समझा देते हैं ,,, सबसे पहले तो इन लोगों ने नया विज्ञापन आने पर लोगों को समझाया कि 20-25 हजार खर्च करके एकेडमिक से चयन हेतु आये विज्ञापन में फॉर्म भर दो वरना 30-11-11 की चयन प्रक्रिया से बाहर हो जाओगे ,, टेट मेरिट समर्थकों ने उनकी अपील पर उससे भी ज्यादा फॉर्म भर डाले जितने 30-11-11 के ड्राफ्ट की फोटोकापी लगाकर भरे थे
ReplyDeleteजब लोगों ने new ad में इस उम्मीद में फ़ार्म भर दिया कि इसी में टेट मेरिट बन जायेगी तो नेताओं ने समझाना शुरू कर दिया कि टेट मेरिट तो अब बन नहीं सकती लेकिन टेट का वेटेज मिल सकता है ,,, ज्यादातर लोगों ने उनकी इस बात को भी मान लिया लेकिन मोर्चे के कुछ पैरवीकारों द्वारा डलवाई नए विज्ञापन में टेट के वेटेज की याचिका की फ़ाइल टंडन ने यह कहते हुए फेंक दी इस विज्ञापन में तो पद ही नहीं हैं .... उसके बाद आया जूनियर का विज्ञापन और नेताओं ने समझाना शुरू कर दिया कि एकेडमिक से सबका चयन हो जाएगा ,, ,,
ReplyDelete72,825 शिक्षक भर्ती पर सबसे बड़ी खबर
ReplyDeleteये हैं रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
एससीईआरटी के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने समिति की रिपोर्ट के आधार पर शुक्रवार को इसका शासनादेश जारी कर दिया। उन्होंने साफ किया कि प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में इसी के आधार पर कार्यवाही की जाए।
राज्य स्तरीय समिति की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
-अनारक्षित श्रेणी के वे अभ्यर्थी जिनके स्नातक में 45 प्रतिशत से कम अंक हैं व आरक्षित श्रेणी के वे अभ्यर्थी जिनके 40 प्रतिशत से कम अंक हैं, चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाएंगे।
-बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली एवं प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 के शासनादेश में एलटी व सीटी अभ्यर्थियों के आवेदन के लिए कोई प्रावधान नहीं है। इस कारण ये शामिल नहीं हो सकते हैं।
-इग्नू व राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से दो वर्ष का पत्राचार बीएड करने वाले चयन प्रक्रिया के लिए अर्हता रखते हैं।
एक वर्षीय स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी अर्ह
-बीटेक, बीफार्मा, बीएससी आईटी, बीएससी कृषि, बीएससी गृह विज्ञान आदि प्रोफेशनल कोर्स को विज्ञान वर्ग में व बीसीए को इंटर के आधार पर विज्ञान/कला वर्ग में रखा जाए।
राज्य सरकार और केंद्र सरकार की बहुत से परीक्षाए एक ही तिथि में आयोजित की जाती हैं जिससे अक्सर ये होता है की परीक्षार्थी अपने स्वविवेक से यह निर्धारित करता है की उसे कहा परीक्षा देने जाना चाहिए। तब तो किसी ने रिट नही डाली की फीस ली गयी है तो उनको भी बिना बुलाये परीक्षा कैसे संपन्न कर ली गई।
ReplyDeleteअब मामला कोर्ट में गया है तो वहा से उलटे पाँव आना तो तय है और अपने मुर्खता पर इन महाशय को जीवन भर पछतावा होता रहेगा।
एक बात और भी सुनो !
ReplyDeleteहर जुर्म पे उठती हैं उँगलिया सिर्फ मेरी तरफ,
क्या मेरे सिवा इस देश में मासूम हैं सारे...!!!
शायरी शॊक नहीं,
ReplyDeleteऔर नही कारोबार मेरा,
बस दर्द जब सह नहीं पाता,
तो लिख लेता हूँ...
ऐसे अभ्यर्थी जो आप के साथ आन्दोलन करने नहीं आये , आपके साथ मिलकर ज्ञापन नही दिया , आपके साथ बैठकर मीटिंग नहीं की , आपके साथ टीईटी पर सैकड़ों घंटे नही बिताये , जरा जरा सी बात पर उत्तेजित नही हुये और न ही सामने आकर हो हंगामा किया ।
ReplyDeleteशायद आज उन्हीं लोगों को डाईट पर काउसिंलिंग करवाते देखकर कम नंबर वालों के बरदाश्त से बाहर हो रहा है।
तो गलती आपके आंकने की हुई है उन काउसिंलिंग करवाते अभ्यर्थियों से नहीं
आप लोग आरोप लगाने लगते हैं कि रैंक क्यों नही जारी हुई डाटा क्यों नही आन लाईन हुआ । तो टीईटी नेता एससीईआरटी डाईरेक्टर को इसी मुददे पर ज्ञापन दे देकर और गुजारिश कर करके थक गये हैं मगर उन्होंने एक न सुनी ।
ReplyDeleteऔर वो क्यों सुने भी , आपके चाचा लगते हैं क्या जो भर्ती पर हर कदम आपसे पूछकर उठाये , हर नियम आपके मन का बनाये । जो कि उनके अधिकार क्षेत्र की बात है। वो भी कानूनन
चालिये ठीक है मान लिया कि भर्ती में धांधली हो रही है , तो जाओ जाकर रोक लो अगर है दम ,,
जरा जरा सी बात पर कोर्ट चल देते हैं , अरे वकील तो बैठा ही है अपनी दुकान चलाने के लिये यह कहकर कि तुम बिल्कुल सही हो ,,,पर कन्टेम्नट में कैसा भगाया था , जरा याद कर लेना । या ताउम्र लडते रहो और क्योंकि भाग्य बहुत खराब है।
ReplyDeleteऔर धांधली उत्तर प्रदेश की किस भर्ती में नही होती ,।।।।और अभी तक की कौन सी शिक्षक भर्ती धांधलीविहीन रही है जरा बताइये ,क्या लिखित क्या इन्टरव्यू क्या एकेडमिक , कैसे भी हुई हो
इस भर्ती को अगर कोई यह कहता है कि यह रदद हो जायेगी या मैं रदद करवा दूंगा , इसमें ऐसा नही ऐसा करवा दूंगा , नियुक्ति पत्र नहीं बंटने दूंगा बस मेरा साथ दो , मुझे चन्दा दो ।
ReplyDeleteतो जाओ पहले 20% धांधली सिद्ध करो फिर दिवास्वप्न देखो और दिखाओ । क्योंकि किसी भी भर्ती को रोकने के लिये कोर्ट के सामने बडे पैमाने पर धांधली साबित करके दिखानी होती है।
जो कि आप इस जीवन में तो क्या किसी जीवन में नहीं कर पायेंगे ।
वरना फिटर फिटर कर रहे हो , ज्यादा नादानी और कर दी तो पूरी जिन्दगी फिटर फिटर हो जायेगी ।
समय रहते सचेत हो जाइये , भविष्य में अभी और भी राहें बन सकती हैं वरना अवसाद युक्त कईयों आत्महत्या कर चुके हैं और मैं भविष्य में मै अब और किसी की आत्महत्या देखना नहीं चाहता ।
आज जो कुछ भी मैँ लिख रहा हू कृपया ध्यान से पढ़ेँ,,,,
ReplyDelete.
अभी 11 गुने काउंसलिँग(1पहली10दूसरी) मेँ औसत कटाफ मेँ गिरावट 10 अंको की हुई है।
और सीटेँ पूर्ण हुई हैँ लगभग 50% , जबकि अभी तक काउंसलिँग करवाने वालोँ का औसत आवेदन था 20/
अब ये औसत बढ़कर लगभग होगा 50/
और बुलाया कितना जा रहा है 10 गुना ।
अब एक अभ्यर्थी एक सीट लाक करेगा तो 49 जगह से हटेगा न ।
जबकि सामान्य, विज्ञान वर्ग का अभ्यर्थी 118 अंको पर सीतापुर मेँ चयनित हुआ है और 119 कला वर्ग का ।
पूर्वाँचल मेँ आज भी कुछ जनपदोँ मेँ सामान्य वर्ग की लगभग 60-65% सीटेँ रिक्त हैँ ।
अब आप अनुमान लगा सकते हैँ कि मेरिट कितनी जा सकती है ।
कृपया अवसाद मेँ न रहेँ और दूसरोँ को अवसादग्रस्त होने से भी बचाएं !
वैधानिक प्रकृया के अन्तर्गत, एक अनारक्षित श्रेणी का अभ्यर्थी 103 अंक लाकर पहली या दूसरी काउंसलिँग मेँ कैसे आ सकता है ???
ReplyDeleteअब अपने स्वार्थ के लिये वह व्यक्ति भारतीय संविधान या आरक्षण को समाप्त करना चाहे, तो इसमेँ आरक्षित वर्गोँ (OBC,SC,ST,PH,FF) का क्या दोष !!!
वह अमुक व्यक्ति कहता है कि सामान्य महिला की मेरीट, द्वितीय काउंसलिँग मेँ 107 तक क्योँ गयी ???
तो भाई लिँग भेद के लिए तो अब भगवान से भी लड़ना पड़ सकता है,,,,,!
वैधानिक प्रकृया के अन्तर्गत, एक अनारक्षित श्रेणी का अभ्यर्थी 103 अंक लाकर पहली या दूसरी काउंसलिँग मेँ कैसे आ सकता है ???
ReplyDeleteअब अपने स्वार्थ के लिये वह व्यक्ति भारतीय संविधान या आरक्षण को समाप्त करना चाहे, तो इसमेँ आरक्षित वर्गोँ (OBC,SC,ST,PH,FF) का क्या दोष !!!
वह अमुक व्यक्ति कहता है कि सामान्य महिला की मेरीट, द्वितीय काउंसलिँग मेँ 107 तक क्योँ गयी ???
तो भाई लिँग भेद के लिए तो अब भगवान से भी लड़ना पड़ सकता है,,,,,!
और हाँ ये वही अमुक व्यक्ति है जो कल तक उच्चप्राथमिक भर्ती का अभ्यर्थी होते हुए भी प्रबल विरोधी था और आज-कल सामान्य/विज्ञान वर्ग के अभ्यर्थियोँ को दहशत मेँ लाकर रुपया कमाने की सोच रहा है ।
किसी ने इससे पूछा कि कल तक तो तुम जूनियर की भर्ती को Ultra-Virus Amendmend कहकर स्टे
ळेने जा रहे थे तो आज इतने बड़े हितैशी कैसे हो गये भाई !!!
बन्धुओँ, आप लोगोँ का वह त्याग व्यर्थ नहीँ जाएगा और संघर्ष मोर्चा आप लोगोँ के चयन हेतु कटिबद्ध है ।
बस तीसरी कटाफ आने दीजिए, न इन टपोरियोँ की दुकान बन्द हो जाए तो फिर कहना !
plz tmntbn ji provide chitrkoot n jhansi l.t. ghrade advrtsemnt.
ReplyDeleteसाथियो मेरिट हाई करने के लिए तीन कारक मुख्य रुप से जिम्मेदार हैं प्रथम कारक में दूरस्थबी एड वाले अन्दर कराए गये कुछ टेटनेताओं का हित साधने के लिए 7000सीटें चलीं गयीं दूसरा कारक मैं औपबन्धिक काउन्सलिंग को मानता जिसकी बहाली के लिए टेटनेता जोर लगा रहे ध्यान रहे औपबन्धीक काउन्सलिंग वाले आज की स्थिति में 6000से अधिक है जिनमें 90%फर्जी टेटमार्क वाले "भाइयो " हैं तीसरा कारक में जूनियर को प्रायमरी में छूट देना मानता हुँ इसके अलावा एक अन्य कारक भी प्रभावी है --बड़ी संख्या मे श्रवणह्रास कृत्रिम रुप से बढ जाना मुझे अत्यन्त खेद है ये सब मिलकर कम मेरिट पर बज्रपात में जुटे है जिससे कम मेरिट की नीँद हराम है यह भारी अन्याय है इस अन्याय को रोकना टेटमोर्चे का कर्तव्य बनता है अन्यथा टेटमोर्चे की विश्वसनीयता खत्म हो जायेगी
ReplyDeleteओवरफ्लो का शिकार हुए समस्त अभ्यर्थी शायद इस बार भी....
ReplyDelete.
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कुछ की तो मजबूरी रहेगी गोंडा बहराइच बलरामपुर कुशीनगर गाज़िपुर जाने की क्योंकि अतिआत्मविश्वास में उन्होंने बहुत कम फार्म डाले थे,और कुछ विद्वान ऐसे भी होंगे जिनका अन्य जगह नाम आने पर भी यहीं के लिए दौड़ लगाएँगे...
यदि सारे अभ्यर्थी ध्यानपूर्वक जिले का चयन करें तो 117 अंक से नीचे के अभ्यर्थियों को मौका मिल सकता है...
कम मेरिट वालों, आप चिंता न करो आप शिक्षामित्रों की सीट अपने जिले में पाओगे, और अभी तो SCERT और NIC कुछ ""हाई मेरिट "" अखिलेश परिवार के अभ्यर्थियों को पैवेलियन भी भेजेंगे...
plz its urgnt.
ReplyDeleteमेरे पास नही है आप रोजगार समाचार बाजार से लाकर पढ़ लो पता चल जाएगा !
ReplyDeleteplz sir i knw u wil help me.
ReplyDeleteतरक्की की फसल (चंदा) , हम भी काट लेते,,,,
ReplyDeleteथोड़े से तलवे (नेतागिरी) , अगर हम भी चाट लेते!!!!
sir ap mjhe nirash na karen.
ReplyDeletebohat khub sir.plz
ReplyDeleteभाइयों और बहनो किस डाइट पर कॉउंसलिंग कराना है इसका फैसला आप अपने विवेक से करें किसी के कहने के अनुसार नहीं lयह आपके भविष्य का मामला है कहीं ऐसा न हो आपको जीवन भर पछताना पड़े l अभी SCERT द्वारा रिक्त सीटों का विवरण आने दीजिये तब सोच समझ कर फैसला लीजियेगा l इस मौके को व्यर्थ न करें,मेरे जैसे कई लोग है जिनको मौका ही नही मिला अतः इसकी अहमियत समझें l
ReplyDeleteबाकी आप खुद ही समझदार हैं l
sir kahan h ap?
ReplyDeleteयहाँ पर कोई भी बहुत महान और मेरिट का धुरँधर नही है जो सबको मेरिट के बारे मे सही सही जानकारी उपलब्ध करा सके
ReplyDeleteसब लोग आपकी ही तरह बी॰एड॰ + टीइटी हैं !
फिर भी बार बार एक असफल कोशिश की जाती जिससे आप लोगों के मूर्खतापूर्ण प्रश्नो के मूर्खतापूर्ण उत्तर मिलता रहता है जबकि उसमे कोई सच्चाई नही होती है
इसलिए अपने जिले का चुनाव बड़े ठंडे दिमाग से करें किसी के कहने मे न आएँ उसी तरह जैसे जब अपने बी॰एड॰ की काउं॰ कराते समय नही पूछा टीइटी देते समय नही पूछा 2011 का फार्म भरते समय किसी से नही पूछा ठीक उसी तरह अब भी किसीसे न पूछो अपना काम खुद करो
हम लोग यहाँ पर समस्या टीइटी काउं॰ संबंधी निवारण के लिए हैं न कि आपके घर शादी जमीन मकान बच्चे का नामकरण जैसे निजी काम के लिए ?
हम अभी तो यहीं पर हैं !
ReplyDeleteशहजहाँपुर के प्राचार्य ने बताया है कि हमारे यहाँ कोई भी एवरफ्लॉ नही है जितने लोग आए थे उन लोगों की सीट लाक हो गई है बाकी आप लोग अपने स्तर से पता कर लो कि ये खबर सही है कि नही !
ReplyDeleteधन्यवाद !
"सब प्रकार की कड़वाहट और प्रकोप और क्रोध, और कलह, और निन्दा सब बैरभाव समेत तुम से दूर की जाए। और एक दूसरे पर कृपाल, और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो॥''
ReplyDelete( इफिसियों 4:31-32 )
पटाखो कि दुकान से दूर हाथों मे,
ReplyDeleteकुछ सिक्के गिनते मैने उसे देखा...
एक गरीब बच्चे कि आखों मे,
मैने दिवाली को मरते देखा.
थी चाह उसे भी नए कपडे पहनने की...
पर उन्ही पूराने कपडो को मैने उसे साफ करते देखा.
तुमने देखा कभी चाँद पर बैठा पानी?
मैने उसके रुखसर पर बैठा देखा.
हम करते है सदा अपने ग़मो कि नुमाईश...
उसे चूप-चाप ग़मो को पीते देखा.
थे नही माँ-बाप उसके..
उसे माँ का प्यार आैर पापा के हाथों की कमी मेहंसूस करते देखा.
जब मैने कहा, \"बच्चे, क्या चहिये तुम्हे\"?
तो उसे चुप-चाप मुस्कुरा कर \"ना\" मे सिर हिलाते देखा.
थी वह उम्र बहुत छोटी अभी...
पर उसके अंदर मैने ज़मीर को पलते देखा
रात को सारे शहर कि दीपो कि लौ मे...
मैने उसके हसते, मगर बेबस चेहरें को देखा.
हम तो जीन्दा है अभी शान से यहा.
पर उसे जीते जी शान से मरते देकखा.
नामकूल रही दिवाली मेरी...
जब मैने जि़दगी के इस दूसरे अजीब से पहेलु को देखा.
कोई मनाता है जश्न
आैर कोई रेहता है तरस्ता...
मैने वो देखा..
जो हम सब ने देख कर भी नही देखा.
लोग कहते है, त्योहार होते है जि़दगी मे खूशीयो के लिए,
तो क्यो मैने उसे मन ही मन मे घूटते और तरस्ते देखा?
Very heart touching poem...
Deleteन तो गणेश दीक्षित सचिव हैँ और न ही न्यायाधीश हैँ अब भला सर्वेन्द्र विक्रम सिँह जी गणेश की सलाह क्योँ मानने लगे| अगर सारे अधिकारीगण गणेश दीक्षित की सलाह मानते हैँ तो हमे टेट मेरिट के लिये क्योँ सुप्रीम कोर्ट तक लडना पडा| अगर सर्वेन्द्र जी गणेश की इतनी ही सुनते हैँ तो काउँसलिँग तो जून मे ही खत्म हो जानी चाहिये|गणेश दीक्षित की पोस्ट मे ऐसा कहाँ लिखा है कि उन्होने 2007-08 और 2010 वाले पी जी बेस वालोँ को इन करा दिया गणेश अगर इतनी बडी हस्ती होते तो प्राइमरी मास्टर बनने के लिये न परेशान रहते|
ReplyDeleteरही बात इन और आउट होने की तो जिसका हित प्रभावित होगा तो वो कोर्ट जायेगा ही|जैसे विनोद कुमार 2007और 2010 वालोँ को बाहर कराने की रिट किये हैँ | नवीन श्रीवास्तव जी 45% कम स्नातक वालोँ को इन करवाने की स्पेशल अपील किये हैँ और NCTE ने 45% से कम वालोँ के फेवर मे जवाब (counter) लगाया है ,कोई आदमी थोडे पैसे खर्च करके काउँटर एफिडेविट निकलवा के पढ ले|मान लो 28 तारिख की सुनवाई मे 45% से कम वालोँ को कोर्ट Allow कर देती है तो इसके लिये भी गणेश दीक्षित को दोषी ठहराओगे|जिसको लगता है सर्वेन्द्र विक्रम जी ज्ञापन देने से IN & OUT कर देते है तो थोडे पैसे खर्च करके लखनऊ आ जाये और गणेश के संग ज्ञापन देकर देख ले|गणेश दीक्षित का कार्य SCERT से सूचनायेँ आम टेटियन तक पहुँचाना है|होना 72825का है अतः जिसका हित प्रभावित हो रहा है उसे रिट करनी चाहिये चाहे कारण धाँधली हो रिशफलिँग के पक्ष मे या विपक्ष मे या किसी को IN होना हो या किसी को OUT.
कमी में भी गुण देखना.....
ReplyDeleteबहुत समय पहले की बात है , किसी गाँव में एक किसान रहता था . वह रोज़ भोर में उठकर दूर झरनों से स्वच्छ पानी लेने जाया करता था . इस काम के लिए वह अपने साथ दो बड़े घड़े ले जाता था , जिन्हें वो डंडे में बाँध कर अपने कंधे पर दोनों ओर लटका लेता था .
उनमे से एक घड़ा कहीं से फूटा हुआ था ,और दूसरा एक दम सही था . इस वजह से रोज़ घर पहुँचते -पहुचते किसान के पास डेढ़ घड़ा पानी ही बच पाता था .ऐसा दो सालों से चल रहा था .
सही घड़े को इस बात का घमंड था कि वो पूरा का पूरा पानी घर पहुंचता है और उसके अन्दर कोई कमी नहीं है , वहीँ दूसरी तरफ फूटा घड़ा इस बात से शर्मिंदा रहता था कि वो आधा पानी ही घर तक पंहुचा पाता है और किसान की मेहनत बेकार चली जाती है . फूटा घड़ा ये सब सोच कर बहुत परेशान रहने लगा और एक दिन उससे रहा नहीं गया , उसने किसान से कहा , “ मैं खुद पर शर्मिंदा हूँ और आपसे क्षमा मांगना चाहता हूँ ?”
“क्यों ? “ , किसान ने पूछा , “ तुम किस बात से शर्मिंदा हो ?”
“शायद आप नहीं जानते पर मैं एक जगह से फूटा हुआ हूँ , और पिछले दो सालों से मुझे जितना पानी घर पहुँचाना चाहिए था बस उसका आधा ही पहुंचा पाया हूँ , मेरे अन्दर ये बहुत बड़ी कमी है , और इस वजह से आपकी मेहनत बर्वाद होती रही है .”, फूटे घड़े ने दुखी होते हुए कहा.
किसान को घड़े की बात सुनकर थोडा दुःख हुआ और वह बोला , “ कोई बात नहीं , मैं चाहता हूँ कि आज लौटते वक़्त तुम रास्ते में पड़ने वाले सुन्दर फूलों को देखो .”
घड़े ने वैसा ही किया , वह रास्ते भर सुन्दर फूलों को देखता आया , ऐसा करने से उसकी उदासी कुछ दूर हुई पर घर पहुँचते – पहुँचते फिर उसके अन्दर से आधा पानी गिर चुका था, वो मायूस हो गया और किसान से क्षमा मांगने लगा .
किसान बोला ,” शायद तुमने ध्यान नहीं दिया पूरे रास्ते में जितने भी फूल थे वो बस तुम्हारी तरफ ही थे , सही घड़े की तरफ एक भी फूल नहीं था . ऐसा इसलिए क्योंकि मैं हमेशा से तुम्हारे अन्दर की कमी को जानता था , और मैंने उसका लाभ उठाया . मैंने तुम्हारे तरफ वाले रास्ते पर रंग -बिरंगे फूलों के बीज बो दिए थे , तुम रोज़ थोडा-थोडा कर के उन्हें सींचते रहे और पूरे रास्ते को इतना खूबसूरत बना दिया . आज तुम्हारी वजह से ही मैं इन फूलों को भगवान को अर्पित कर पाता हूँ और अपना घर सुन्दर बना पाता हूँ . तुम्ही सोचो अगर तुम जैसे हो वैसे नहीं होते तो भला क्या मैं ये सब कुछ कर पाता ?”
सीख-दोस्तों हम सभी के अन्दर कोई ना कोई कमी होती है , पर यही कमियां हमें अनोखा बनाती हैं . उस किसान की तरह हमें भी हर किसी को वो जैसा है वैसे ही स्वीकारना चाहिए और उसकी अच्छाई की तरफ ध्यान देना चाहिए, और जब हम ऐसा करेंगे तब “फूटा घड़ा” भी “अच्छे घड़े” से मूल्यवान हो जायेगा.
Like....
Deleteसभी दोस्तों को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteआप सभी का दिन शुभ हो ।।
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteजब हम किसी सफल
ReplyDeleteव्यक्ति को देखते हैं तो केवल
उसकी सफलता को देखते हैं।
इस सफलता को पाने की कोशिश
में वह कितनी बार असफल
हुआ है, यह कोई
जानना नहीं चाहता।
जबकि असफलता का सामना करे बिना शायद
ही कोई सफल होता है।
FILE
अमेरिका के रोनाल्ड रीगन
फिल्मों में अभिनेता थे।
पहली बार गवर्नर का चुनाव
लड़े तो लोगों ने हंसी उड़ाई,
लेकिन वे जीत गए। दो बार
गवर्नर रहने के बाद जब उन्होंने
राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने
का फैसला किया तो पार्टी ने
उन्हें
प्रत्याशी नहीं बनाया।
चार साल बाद फिर उन्होंने कोशिश
की, फिर
भी कामयाबी नहीं मिली।
चार साल बाद उन्होंने फिर कोशिश
की और सफल हुए और
भारी बहुमत से अमेरिका के
राष्ट्रपति बने। हमारे
यहां भी इस तरह के कई
उदाहरण हैं जो कई असफलताओं के बाद
सफल हुए। भारतीय फिल्मों के
महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने करियर
की शुरुआत में लगातार
नौ असफल फिल्में दीं, फिर वे
सफल हुए। ऐसे कई उदाहरण हैं।
असफलता, सफलता के साथ-साथ
चलती है।
आप इसे किस तरह से लेते हैं, यह आप
पर निर्भर करता है, क्योंकि हर
असफलता आपको कुछ
सिखाती है। असफलता में राह
में मिलने
वाली सीख
को समझकर जो आगे बढ़ता जाता है वह
सफलता को पा लेता है। सफलता के लिए
जितना जरूरी लक्ष्य और
योजना है,
उतना ही जरूरी असफलता का सामना करने
की ताकत भी।
जिस दिन आप तय करते हैं
कि आपको सफलता पाना है,
उसी दिन से अपने
आपको असफलता का सामना करने के लिए तैयार
कर लेना चाहिए, क्योंकि असफलता वह
कसौटी है जिस पर
आपको परखा जाता है कि आप सफलता के
योग्य हैं या नहीं। यदि आप में
दृढ़ इच्छाशक्ति है और आप हर
असफलता की चुनौती का सामना कर
आगे बढ़ने में सक्षम हैं तो आपको सफल
होने से कोई नहीं रोक सकता।
तो हो जाइए तैयार
सफलता की राह में आने
वाली मुश्किलों का सामना करने के
लिए, क्योंकि हर सफल व्यक्ति के
पीछे
उसकी असफलताओं
की भी कहानी होती है ।
टाईगर जी को हमारा सादर प्रणाम।
ReplyDeleteटाईगर जी कैसे है, आप?
ReplyDeleteप्रत्यावेदन के आधार पर कराए गई लगभग 85 से 95 प्रतिशत काउंसिलिंग बिल्कुल फर्जी है सीधी सी बात है कि जिन लोगों ने 122-123 या 118-119 अंक प्राप्त किए हैं उनका कहीं न कहीं फ्रेश में हुआ होगा पर वे फर्जी अंकपत्र/बिना आवेदन पत्र के सहारे वहीं से अंदर घुसना चाहते हैं जहाँ से उनका "जुगाड़" है...
ReplyDeleteजो लोग फ्रेश भर्ती की मोहर लगा रहे हैं उनको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि आजमगढ़ जौनपुर गाजीपुर लखीमपुर सीतापुर में डायट के हरामजादे बाबुओं ने पैसे लेकर लोगों का बैक डेट में काउंसिलिंग किया है, इसी वजह से योग्य अभ्यर्थी बाहर हो गये हैं, आगे भी योग्य अभ्यर्थी बाहर होते रहेंगे और किसी के पास कोई प्रूफ नहीं रहेगा जिससे वो इस बात को अदालत में चुनौती दे सके....
ReplyDeleteफिलहाल प्रत्यावेदन के आधार पर घुसे पड़े लोगों को बाहर करने के लिए न्यायालय की शरण ली जाएगी क्योंकि इन मा@र@@ का उन स्थानों पर आवेदन ही नहीं मिलेगा जहाँ इन सालों ने काउंसिलिंग करवाई है और डायट तथा SCERT इनका बचाव भी नहीं कर सकते, पुनः दोहराता हूँ प्रत्यावेदन के आधार पर घुसे पड़े लोगों को बाहर करने के लिए न्यायालय की शरण ली जाएगी...
ReplyDeleteआपके अनुसार प्रत्यावेदन के आधार पर काउंसलिंग कराने वालों में 5-15% लोग फर्जी नही है तो क्या उन्हें भी सिर्फ इस आधार पर बाहर कर देना उचित होगा??
Deleteडाइट,scert, nic या किसी भी सज्जन को अगर किसी भी प्रकार का कोई भी संशय हो तो हरसंभव जांच के उपरान्त ही नियुक्ति प्रदान की जाये .....।मैंने इसी प्रकार ही काउन्सलिंग करायी है बिना किसी फर्जीवाड़ा के ,अगर सबको बाहर कर दिया गया तो .........तो क्या...कर दे बाहर........
"सितारों के आगे जहाँ और भी है.........................शुभरात्रि।।।।
प्राइमरी भर्ती में धांधली ka rag अलापने वाले गुणांक धारियों जूनियर भर्ती में तुम्हे धांधली नजर नहीं आ रही है …… ! ७२८२५ भर्ती में तो दाल में ek aadh kala til मिलेगा लेकिन जूनियर भर्ती में तो पूरी दाल ही काली है lekin uske खिलाफ आवाज नहीं निकल रही क्यूंकि जूनियर भर्ती गुणांक से हो रही है............ हद होगई स्वार्थ परकता टेट मेरिट से भर्ती हो तो धांधली नज़र आती है और गुणांक से हो तो .............!..................!!!---
ReplyDeleteसभी के लिए सुलभ है
ReplyDeleteख़ुशी ...
मगर यह उन लोगो की
राह देखती ...है
जो दूसरों की
खुशी को ...
प्राथमिकता देते है !!
104obc female sciece pillibhit mai kya chance hai
ReplyDeleteTiger ji me ap logo ke post daily padata hu aur har bar confuse hu ki ek post me ap khte ho kg psatyavedan k naam par dhandhli ho rahi h dusri post me kahto ho dhandhli chillane walo ko 72825me hi dhandhli dikhti h jrt me ni kal tmntbn jo ki ap hi ha kah rahe the ki scrte kya dhandhli chillane walo k hisab se kam karegi jo cd online etc.sab apke kahne se karti jayegi.unka apna adhikar ha uske hisab se kam karenge kabi ap scrt ko support karte ho kabi dhandhali ke point ginate ho ki kaha kaha dhandhli ho rhi ha ye sab kya ha ye Rajesh bhae bhi likhte ha kabi aarkshan sahi batate ha kabi aarkshan ke naam par gen. Walo ko bhadkate ha. Ye kya ha plz clear it. Me ap logo ka adar karte hue apni bat rakh raha hu me janta hu ki apne kafi struggle kiya ha is bharti ko shuru karane me.
ReplyDeleteDev parmod ji ap sahi kahte hai aisa hi hai. Mujhe lagta hai ki yaha ek hi naam se kai log likhte honge. Isliye sirf yahi nahi rajesh ji ke comment me bhe kai baar contradiction najar ata hai. Lakin mujhe lagta hai rajesh ji ke comment jayada realiable hai. Ye meri niji rai hai.
ReplyDelete"और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करना उन को अच्छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके। परन्तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा; और द्वार बन्द कर के अपने पिता से जो गुप्त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।''
ReplyDelete( मत्ती 6:5-6 )
अभी कल एक पडोसी ने कुटिल मुस्कान के साथ पूछा- भाई क्या हुआ तुम्हारा ??
ReplyDeleteमन में तो आया बोल दू की कही नहीं हुआ और न होगा
पर हिम्मत नहीं थी की फिर उसका चेहरा खुश हो जाता
पर
अगली बार ( हो जाने पर ) उसके पूछने पर जरुर बोल दूंगा की कही नहीं हुआ
और उसके सवालो से मुक्ति पा जाऊंगा भले ही पीछे वि व्यंग करे की भाई हमे तो पता था इसका नहीं होना
ख़ैर अभी जिनका हो गया उनके लिए हर दिन होली और हर रात दिवाली है
और बाकी के लिए
हैप्पी दिवाली !
Sir teen saal se to me bhi is I sawal se pareshan hun kya relative kya neighbour n kya friends sab puch puch ke khush the Ki nahin ho ra hai aaj ho gaya to sab ke muhn bane hain
Deleteकिसी के किसी को इन कराने से कोई इन नही हो जाता ,और ना ही कोई किसी को आउट करा सकता है ,,20007-8 और 2010-11 में बीएड करने वाले below 50% gen और below 45%रिजर्व श्रेणी के अभ्यर्थी संजय सिन्हा ने अभ्यर्थियों (टेट नेताओं) द्वारा उपलब्ध कराये गए साक्ष्यों के आधार पर in किये हैं ,,अब कोर्ट विनय वर्मा की याचिका पर इन नेताओं द्वारा दिए साक्ष्यों का परिक्षण करके सही गलत का निर्णय करेगा
ReplyDeleteयदि कोई व्यक्ति टेट2011 और 30-11-11 के जीओ के अनुसार पात्र नही होगा तो कोर्ट उसे बाहर करने का आदेश देगा और सरकार उसे बाहर कर देगी .... यदि कोई विधिक रूप से पात्र होगा तो उसे कोई बाहर नहीं कर सकता,,,, किसी अभ्यर्थी की पात्रता का परिक्षण करने का अधिकार कोर्ट को है ना कि संजय सिन्हा या टेट मोर्चे के नेताओं को .....
ReplyDeleteसभी साथियों को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनायें .....
आप समस्त मित्रो को धनतेरस और दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये।
ReplyDeleteजब मन में हो मौज बहारों की
चमकाएँ चमक सितारों की,
जब ख़ुशियों के शुभ घेरे हों
तन्हाई में भी मेले हों,
आनंद की आभा होती है
उस रोज़ 'दिवाली' होती है ।
जब प्रेम के दीपक जलते हों
सपने जब सच में बदलते हों,
मन में हो मधुरता भावों की
जब लहके फ़सलें चावों की,
उत्साह की आभा होती है
उस रोज़ दिवाली होती है ।
जब प्रेम से मीत बुलाते हों
दुश्मन भी गले लगाते हों,
जब कहींं किसी से वैर न हो
सब अपने हों, कोई ग़ैर न हो,
अपनत्व की आभा होती है
उस रोज़ दिवाली होती है ।
जब तन-मन-जीवन सज जाएं
सद्-भाव के बाजे बज जाएं,
महकाए ख़ुशबू ख़ुशियों की
मुस्काएं चंदनिया सुधियों की,
तृप्ति की आभा होती है
उस रोज़ 'दिवाली' होती है .
।।।दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।।।
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के
ReplyDeleteदिन ही धन्वन्तरि का जन्म हुआ
था इसलिए
इस तिथि को धनतेरस के नाम से
जाना जाता है। धन्वन्तरी जब प्रकट हुए थे
तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था।
भगवान धन्वन्तरी चुकि कलश लेकर प्रकट
हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन
खरीदने की परम्परा है।
HAPPY DHANTERAS
prt में बहुत सारी अनियमितताएं हैं, जिससे इनकार नहीं किया जा सकता है.. फिर भी भर्ती पूर्णतः की ओर अग्रसर है, ये संतोष का विषय है .. जब तक २०११ टेट रिजल्ट ऑनलाइन नहीं किया जाता तब तक prt में धांधली को रोका जाना संभव नहीं है.. अतः पहला प्रयास तीसरी काउंसलिंग के पहले टेट २०११ के रिजल्ट को ऑनलाइन किये जाने पर होना चाहिए और दूसरा प्रयास प्रत्येक काउंसलिंग के बाद सारी डाइट का डाटा category wise सार्वजनिक किये जाने पर होना चाहिए जिससे सरकारीतंत्र को मनमानी करने से रोका जा सके.. परन्तु इन महत्वपूर्ण विषयों के लिए संघर्ष करने के बजाय टेट संघर्ष मोर्चे के नेता बकैती करने में व्यस्त रहते हैं... मेरा नेताओं से विनम्र निवेदन है कि इन दोनों महत्वपूर्ण विषयों को क्रियान्वित करवाने का प्रयास करें जिससे आपके भाई-बंधुओं और आन्दोलन के साथियों का भला हो सके.
ReplyDeleteधन्यवाद!!
गाँव का सीधा-साधा आदमी क्या जानता था? नकली दूध बनाना या मावा बनाना ये तो किसी हल्दीराम, बिकानो, बीकानेरवाला, ब्रिटानिया, कैडबरिस, कुरकुरे, रिलायंस … के दिमाग की उपज थी जिसने किसी वीरू सहस्त्रबुद्धे से खोज कराई और फंसा दिया लोगों को मुनाफाखोरी के काले धंधे में … गिफ्टपैक का भरोसा दिलाकर हलवाइयों को बेरोजगार बना दिया। मटर-मठरी को छोड़कर टेढ़ा है पर मेरा है पर ज्यादा भरोसा है कुछ मीठा हो जाये में जलेबी छोड़कर कैडबरिस चॉकलेट से सेलिब्रेट कर रहे हैं। नुक्कड़ का हलवाई चाउमीन बेच रहा है … खाली चीनी वस्तुओं के बहिष्कार से कुछ नहीं होगा नुक्कड़ के हलवाई को भी सपोर्ट करो।
ReplyDeleteHappy Dhanteras, Diwali, Jamghant, Bhaiyadooj
ReplyDeleteHamare sabhi mitro prt and jrt and aur bhi jo is side se jude ho aap sabhi ki Dhanteras 2014, Diwali, Jamghant, Bhaiyadooj ki dher sari subhkamnaye. Ish Subh Diwali per Ravan ke papo ka wajan kam ho jayega jo bahut salo se badhte badhte kafi heavy ho gaya hai aaur ushi me prt ho or jrt me eak bhole bhale ki jindagi sawar aaur khushi se khil uthi gi Aisa mera aap sab ke liye mangal kamna hai..Sachache Darbar Ki Jai.
ReplyDelete.
ReplyDelete.
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ये "दिवाली" ज्यादा खास होगी ।
क्यूंकि तू मेरे दिल के पास होगी...।।
क्या जमाना आ गया है लोग एक हाथ में 65 हजार का IPhone और दूसरे में कटोरी लिये गोलगप्पे वालों के आगे फ्री के अर्क के लिये गिड़गिड़ा रहे हैं।
ReplyDeleteआज धन तेरस है "उसने" कहा मुझे भी कुछ सोने
ReplyDeleteका चाहिए
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तकिया ले जा रहा हुँ.....
Mehengai apni jagah..
ReplyDeleteDosti apni jagah..
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Aap ko meri aur se diwali ki gift new iphone 6.....
abb bas thanxx mat bolna.......
This comment has been removed by the author.
ReplyDelete"रेस मे जीतनेवाले घोडे
ReplyDeleteको तो पता भी नही होता कि जीत
वास्तव मे क्या है , वो तो अपने
मालिक द्दवारा दी गई तकलिफ
कि वजह से ही दौडता है , इसलिए
यदि आपके जीवन मे कभी कोई
तकलीफ आए तो समझ
लें कि उपरवाला
आपको जिताना चाहता है।
पोता-दादी मा, क्या हम हमेशा 5
ReplyDeleteही रहेंगे, आप, मम्मी, पापा, बहन और
मैं ?
दादी- 'नहीं बेटा, जब
आपकी शादी हो जायेगी तो हम 6
हो जायेंगे !'
पोता- 'फिर बहन
की शादी हो जायेगी और वो अपने घर
चली जायेगी तो हम फिर से 5
हो जायेंगे ?'
दादी- 'फिर
आपका बेटा हो जाएगा तो हम फिर से
6 हो जायेंगे !'
पोता- 'फिर आप मर जायेंगी तो हम
फिर से 5 हो जायेंगे !!'
दादी -'चुप'
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteDICTIONARY ही एक ऐसी जगह है
ReplyDeleteजिसमें:
1. Death, Life से पहले आती है।
2. End, Start से पहले आता है।
3. Divorce, Marriage से पहले आता है।
4. Child, Parents से पहले आता है।
5. Evening, Morning से पहले आती है।
6. Result, Test से पहले आता है।
7. Destination, Struggle से पहले आता है।
8. Dinner, Lunch से पहले आता है।
9. Doctor, Fever से पहले आता है।
केवल एक चीज़ Dictionary में
सही आती है
और
वह है
'FRIENDS', जो Relatives से पहले
आते हैं।
#From :: AVI
गुड नाईट दोस्तों
ReplyDeleteपेनकिलर कभी ना खायें …. अगर किडनी बढ़िया रखनी है तो | पैरासिटामॉल कभी ना खायें .... अगर शरीर, पेट आदि सभी अच्छा रखना है तो…. वो तो टी.वी. पे ऐसे ही दिखाते है "क्या हुआ सर दर्द हुआ कुछ लेते क्यों नही ? हाँ पैरासिटामॉल, आह अच्छा हुआ | " अच्छा नही हुआ पैरासिटामॉल से नही हुआ उसे रुपया मिला था... वो तो एक्टिंग कर रहा था और तुम सचमुच में खाकर ओर बीमार हो जाओ | पैरासिटामॉल है, पेनकिलर है, एंटीबायोटीक है, हे भगवान! बचके रहना इन एंटीबायोटीकों से और पेनकिलर से | घर पे पड़ी हो तो गटर में फेंक देना किसी को मुफ्त में भी मत देना |
फीके दूध में (गरम दूध हो) हल्दी डालकर पियो एंटीबायोटीक का बाप है | कभी एंटीबायोटीक की जरुरत पड़े तो शुद्ध हल्दी हो गरम दूध ...शक्कर न डाला हुआ उसमे मिलके पियो | दूध का दूध एंटीबायोटीक का एंटीबायोटीक ...बढ़िया हो जायेगा | पेनकिलर दर्द होता है तो थोडा खानपान में ध्यान रखे ..जौ का दलिया और जौ के अट्टे की रोटी खायें, तो शरीर में अन्दर जहाँ भी सुजन है जिसके कारण तकलीफ होती है वो चली जायेगी | जो आदमी जौ का दलिया और जौ की रोटी खाता है उसको बुढ़ापे में और जब तक जीयेगा तब तक किडनी ख़राब नहीं होती|
आइए जानें, ऐसी ही कुछ दवाओं के बारे में जिनका बहुत अधिक सेवन फायदे की जगह नुकसान का कारण बनता है।
पेनकिलर
छोटे-छोटे दर्द पर पेनकिलर खाना फायदे का सौदा नहीं। इस बारे में वरिष्ठ चिकित्सकों का मानना है कि अक्सर लोग दर्द के लिए ब्रूफेन, एस्पिरिन, कोंबिफ्लेम जैसी दवाएं ले तो लेते हैं लेकिन बार-बार पेनकिलर लेने का नुकसान बड़ा होता है। सबसे बड़ी बात यह कि पेनकिलर दवाएं दर्द का इलाज नहीं हैं बल्कि दर्द से दिमाग को भटकाने में मदद करती हैं।
इनके या इनके अलग-अलग कांबिनेशन के अधिक सेवन से एसिडिटी, उल्टी, डायरिया, पेट दर्द जैसी शिकायतें हो सकती हैं जबकि लंबे समय तक ऐसी दवाएं लेना किडनी और ब्लड प्रेशर से संबंधित समस्याओं का सबब हो सकता है। ये दवाएं हड्डियों को कमजोर तक कर सकती हैं।
नींद की दवाएं
नींद की दवाओं पर अगर आपकी अधिक निर्भरता है तो कम से कम डॉक्टर की सलाह के बिना कोई प्रयोग कतई न करें। एल्फैक्स, जेपलोन या डोर्मिन जैसी दवाओं के सेवन से आपको नींद तो आ जाएगी, लेकिन लंबे समय तक इनका इस्तेमाल आपको अवसाद, अनिद्रा और याददाश्त से संबंधित समस्याओं का शिकार बना सकता है।
नींद आने के लिए दवाओं से अधिक अपने रुटीन, एक्सरसाइज और डाइट पर ध्यान देना फायदेमंद है।
एंटीबायोटिक्स
खुद अपना इलाज करने की होड़ में आप कई बार एंटीबायोटिक दवाओं, पेनकिलर या दूसरी दवाओं से कांबिनेशन बनाकर लेते होंगे, इससे संक्रमण दूर हो या न हो लेकिन डायरिया, एलर्जी, त्वचा के रोग जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इनके अधिक इस्तेमाल से शरीर की प्रतिरोधी क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है।
पेट के लिए दवाएं
कांस्टिपेशन जैसी पेट की समस्याओं से राहत के लिए लोग अक्सर लूज़ सिरप या डुल्कोलक्स जैसी दवाएं लेते हैं लेकिन इनका लंबे समय तक इस्केमाल आंतों और किडनी के लिए अच्छा नहीं है। डॉ. का मानना है कि इनके बजाय इसबगोल अब भी अधिक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है।
कंट्रासेप्टिव दवाएं
चिकित्सकों के अनुसार, गर्भ निरोधक दवाओं जैसी एस्ट्रोजन इमरजेंसी कंट्रासेप्टिव पिल के लगातार सेवन से महिलाओं में दूध कम बनता और ये दवाएं मोटापे की वजह बन जाती हैं। यही वजह है कि विदेशों में एस्ट्रोजन अब बैन है।
जून की तपती दोपहर में एक मजदूर सड़क के बीच में खड़ा चिल्ला रहा था - अरे, कोई मेरी बेटी को बचाओ.
ReplyDelete.
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दो बदमाश उसे बिल्डिंग के अंदर ले गए हे।
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उस की पुकार पर एक सेठ ने ड्राइवर से गाडी रोकने को कहा।
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सेठ और मजदूर उस अधबनी बिल्डिंग में घुस गए ।
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तभी एक लड़की भागती हुई बाहर आई। सामने सेठ को देख उस के कदम ठिठक गए,
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पापा कहते हुए वो सेठ जी से लिपट गई।
ये देख मजदूर चुप चाप अपनी राह चल पड़ा ।
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ये सब देख सेठजी ने पीछे से आवाज़ दे कर पूछा, तुम तो कह रहे थे कि अंदर तुम्हारी बेटी है।
मजदूर बोला - सेठजी, क्या तुम्हारी और क्या मेरी बेटियां..
ये तो सबकी सांझी होती हैं। ये सुन सेठ जी भी मजदूर के सामने नतमस्तक हो गए ।
मित्रो, काश सबकी सोच ऐसी ही हो जाये तो हमारे देश की तस्वीर ही बदल जाये ?
बड़े चुपके से छोड़ा था आपने गुलाब हमारे दर पे,
ReplyDeleteकम्बखत न जाने कहाँ से बकरी आ गयी और खा गयी
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अब इसमे मेरा क्या कसूर
मुश्किलें जरुर है, मगर ठहरा नही हूँ मैं.
ReplyDeleteमंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूँ मैं.
कदमो को बाँध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,
रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूँ मैं.
सब्र का बाँध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,
दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नही हूँ मैं.
दिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,
मोहब्बत से जरा कह दो, अभी बदला नही हूँ मैं
साथ चलता है, दुआओ का काफिला,
किस्मत से जरा कह दो, अभी तनहा नही हूँ मैं...
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Wo jo dil me tera mukaam hai kisi or ko diya nhi
Wo jo rishta tujhse ban gya hai
Kisi or se wo bna nhi
Wo jo pyaar tujhse ho gya
Kisi or se wo hua nhi
Wo jo raaz tujhse hai keh dia
Kisi or se wo kaha nahi
Wo jo sukh mile teri zaat se
Kisi or se wo mila nhi
Tu bsa hai aankhon me jis tarh
Koi or aisa bsa nhi
Tu hua jitna qareebtar
Koi or etna hua nhi
Tera naam dil me hai jis tarh
Koi naam aisa hua nhi
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ReplyDeleteтнe ριℓιвнeeт яєѕєяνє тιgєя
ReplyDelete