लाखों टीईटी अभ्यर्थियों के साथ धोखा ǃ
(UPTET : Cheating with Lakhs of Candidates )
Article By - Abhishek Kant Pandey
टीईटी निरस्त करने और अध्यापक चयन नियमावली बदलने की तैयारी चल रही है। पिछली सरकार के समय में प्राथमिक विद्यालय में 72825 शिक्षाकों की भर्ती विज्ञापन को निरस्त कर अभ्यर्थीयों का 500 रूपये वापस कर दिया जायेगा। यानि यह सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेगी। लेकिन लाखों बेरोजगारों का क्या दोष जिन्होंने मेंहनत और ईंमानदारी से टीईटी परीक्षा उतीर्ण की और हजारों रूपये खर्च किया। और यह आशा रखी की
भारत का लोकतांत्रिक ढांचा के तहत नौकरी मिल जाएगी। लेकिन सरकार के बदलते ही निर्णय भी बदल दिया गया। पिछली सरकार के समय में निकली विज्ञप्ति को निरस्त करने की मंशा के चलते लाखों लोगों का भविष्य दांव में लग गया है।
क्या टीईटी को निरस्त करना उचित हैॽ
क्या यह सही है कि जिस टीईटी परीक्षा में इतने सवाल उठ रहे हैं तो ऐसे में सरकार को निश्पक्ष जांच कराकर दोषियों को सजा दिया जाना चाहिए। ऐसे लोगों को बाहर कर टीईटी से चयन करना चहिए जबकि किसी परीक्षा को निरस्त करना कहां की समझदारी है। वहीं टीईटी की मेरिट की हाईकोर्ट इलाहाबाद ने भी तारीफ की कहा जिस तरह से एकेडमिक प्रक्रिया से यह उचित है क्योंकि यहां सभी उम्मीद्वारों को सामान अवसर देता है। जिस तरह से बीटीसी 2011 में दर्जनों ऐसे फर्जी अभ्यर्थियों ने प्रवेश लिया और प्रशिक्षण भी कर रहे थे लेकिन जब इनकी मार्कशीट की जांच उप सचिव स्तर के अधिकारयों ने किया तो पता चला कि इनमें से कितने ऐसे प्रशिक्षु मिले जिन्होंने अपनी हाईस्कूल और इण्टर दूसरें दर्जे मे पास लेकिन इसी रोलनंबर में 70 प्रतिशत तक नंबर बढ़ाकर फर्जी मार्कशीट तैयार की है। ऐस फेर्जी प्रशिक्षुओं के परिजन शिक्षा विभाग में कार्यरत है और अपने पद का दुरपयोग इनका नंबर बढ़या है। यहां पर पूरी प्रक्रिया निरस्त नहीं की तो टीईटी की जांच ऐसे लोगों का पर्दापाश किया जाना चाहिए न की इस परीक्षा को निरस्त करना चहिए। संभव है कि इस परीक्षा को निरस्त करने वालों की मंशा अपने आपकों बचाना है।
एनसीटीई के द्वारा अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत टीईटी परीक्षा अनिवार्य होने से उत्तर प्रदेश की प्राइमरी स्कूलों में आध्यापक नियुक्ति प्रक्रिया में केवल एकेडमिक के अंक से चयन की नीति उचित नहीं है। जिस तरह से नकल एक बड़ी समस्या है और सभी बोर्ड और विश्वविद्यालय में सामान मार्किंग न होने से यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इण्टर उतीर्ण छात्र को बमुश्किल से 60 प्रतिशत अंक मिलता है जबकि सीबीएसई और आइएससी बोर्ड में औसत छात्र 70 से 80 प्रतिशत अंक आसानी से पा जाते हैं। वहीं इग्नू राजर्षिटण्डन ओपन विवि के अलावा प्रोफेशनल कोर्स जैसे बीबीए बीसीए बीएमस बीमास आदि में 70 प्रतिशत से अधिक अंक आसानी से मिलते है। ऐसे में शिक्षक चयन में एकेडमिक रिकार्ड से नौकरी देने पर यूपी बोर्ड और जिन्होंने इलाहाबाद बीएचयू जैसे विश्विविद्यालय से स्नातक किया है वहां टापर को भी 75 प्रतिशत नंबर नहीं मिलता है तो ऐसे में इन छात्रों के साथ अन्याय होगा। वहीं संपूर्णानंद विवि में 80 प्रतिशत नंबर आसानी से मिलता है और इस मामले में कई बार कोर्ट ने फर्जी मार्कशीट भी पकड़ा और संस्था को भी चेतावनी दी की सभी का डाटा बना कर रखे ताकी पता चले कि किताना नंबर किसने प्राप्त किया है। इन सबको देखते हुए टीईटी को चयन का आधार ज्यादा तर्क संगत है। जिसे एकेडमिक चयन के आधार चाहने वालों ने चुनौती दी लेकिन हाईकोर्ट ने
याचिका खारिज कर दी और कहा कि टीईटी मेरिट से चयन सही है।
Article By - Abhishek Kant Pandey (Prkhar Chetna)
@ MUSKI didi
ReplyDeleteKUMAR bhai jo kehna chahte h use mai saral shabdo mein explain karta hu.
FOUR categories of TETians
A:GUD marks in TET & GUD marks in ACD
B:GUD marks in TET & BAD marks in ACD
C:BAD marks in TET & GUD marks in ACD
D:BAD marks in TET & BAD marks in ACD
A:80% stu belongs 2 this category
B:05% stu belongs 2 this category
C:05% stu belongs 2 this category
D:10% stu belongs 2 this category
ye "B" aur "C" category k stu aapke blog par ladte rehte h.
"A" category wale sirf joining chahte h, selection base kuch bhi ho yehi log asli deserving stu h jinhe joining milni chahiye.
"D" ye log apni id change kar ke doosro k naam se comment karke aag mein ghee ka kaam karte h.
hi
ReplyDeleteBHai hum logo ko naukari kab milegi......
ReplyDeleteaur nai to ....jitna padhai me man lagya utna hi duse kamo me lagau...kasam se karodod kama luga.....mere ko bhai banenen ka...
Tet ke bare me khuch bhi ho pls batana jarur ...
gyanendra shukla
iit delhi
9310209056
are yaar koi beech ka raasta nikalna padega, ghalti sirf shashan ke nahi hamari bhi hai taali dono haath se bajti hai, maya ke sarkar hoti to kisi ke himmat nahi thee dharna pardharshan karne ke, 3-3 saal se intezar kar rahe hai ke behan ji kuch karengi lekin usne saara mamla hi pending me daal kar chalti bani, ab hamare chand ek saathi zabardasti sarkar se aisi cheez manwane par lage hai jo ke lafde me hai woh na khud khayenge na kisi ko khane denge,
ReplyDeleteSarfaroshi ki tamanna ab hmare dil me hai Dekhna hai zor kitna baaju e qaatil me hai, Sabhi se gujaarish hai ki zyada se zyada tadaad me lucknow pahunche, ab manzil zyada door nhi, hm zroor jeetenge
ReplyDeleteSarfaroshi ki tamanna ab hmare dil me hai Dekhna hai zor kitna baaju e qaatil me hai, Sabhi se gujaarish hai ki zyada se zyada tadaad me lucknow pahunche, ab manzil zyada door nhi, hm zroor jeetenge
ReplyDeletesaket hum zyada sarfarosh banne ke chakar me sab na gawan de,
ReplyDeletehaaaaaaaaaassaaaaaaaaaaaaa
ReplyDeletehieeeeeeeeeeeeeeee
haaaaaaaaasss........
hieeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeee
haaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa.........
AONLA
ReplyDeleteWell wisher kaya tum decide karoge ki job kise mile.job kiski hai ye dekna hai to lucknow dharna sthak pahunch.hil jayega tu yahan ka hal dekh kar.real teacher dekne ke liye humare pas aao.tet ko tumare jese logo ne majak bana diya hai.
ReplyDeleteReal teacher vo hota hai.jo khud sangharsh kare aur dusro ko sangharsh karna sikhaye.kyonki jindgi ki ka dusra naam sangharsh hai.ANSHANKARI SHIKSHAKO TUMHE KOTI KOTI NAMAN.VASTAV ME AAP REAL TEACHER HAI.@AKHILESH JI JYADA TANASAHI THEEK NAHI VARNA AAPKO YAAD HOGA PURE U.P. Me aapko keval B.s.p se24 lakh vote jyada mile hai.jabki aapne itni ghosna ki thi.aap yaad rakhna aap pure jeevan bhar ke liye c.m. Nahi bane.
ReplyDeleteशहर प्रतिनिधि, गोरखपुर : अब प्रशिक्षण, कार्यशाला, पाठ्यक्रम और नियुक्तियों संबंधी जानकारी के लिए लोगों को भागकर डायट कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा। शिक्षकों और आम जनता की परेशानियों को देखते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) स्वयं अपना वेबसाइट लांच करने जा रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो अप्रैल के दूसरे सप्ताह में इसकी विधिवत लांचिंग भी हो जाएगी। बेसिक शिक्षा परिषद, लखनऊ की बेवसाइट है। समय- समय पर राज्य स्तर की जानकारी इसके जरिए मिल जाती हैं। पर, जनपद और ब्लाक स्तर की योजनाओं के लिए शिक्षकों, शिक्षा मित्रों और बेरोजगारों को भटकना पड़ता है। कई बार तो छोटी- छोटी जानकारियों के लिए भी दूर- दूर से लोग डायट पर भगे आते हैं। समुचित जानकारी नहीं मिलने पर निराशा ही हाथ लगती है। बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी के चयन, प्रशिक्षण और नियुक्तियों के समय तो कार्यालय पर अफरा- तफरी का माहौल होता है। अब ऐसा नहीं होगा। इन सारी दिक्कतों को देखते हुए शासन ने डायट स्तर पर भी वेबसाइट तैयार करने का निर्देश जारी कर दिया है। विभागीय सूत्रों की माने तो इलाहाबाद, लखनऊ आदि की वेबसाइटें तो पहले से ही हैं। इधर, गोरखपुर ने तत्परता दिखाई है। राज्य परियोजना निदेशक की संस्तुति पर विभाग ने वेबसाइट को व्यवस्थित करने के लिए डाटा कलेक्ट करना भी शुरू कर दिया है। अब वेबसाइट पर डायट ने जितनी पुस्तकें प्रकाशित कराई हैं उसका पूरा लेखा- जोखा रहेगा। नए सत्र में नए पाठ्यक्रम और बदले गए पाठ्यक्रम की भी पूरी जानकारी रहेगी। बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी के आवेदन, उनके कट आफ, चयन और प्रशिक्षण का पूरा ब्यौरा दर्ज होगा। मेरिट लिस्ट की सूची भी दर्ज होगी। यही नहीं शिक्षकों का विभागीय कार्यशाला, प्रशिक्षण और परीक्षाओं की जानकारी भी अपडेट होती रहेगी। जिससे शिक्षकों की परेशानियां भी दूर होंगी। परिषद की पूरी योजनाएं भी अपडेट होती रहेंगी। विभाग की सभी छोटी- बड़ी जानकारियां दर्ज होने के चलते लोगों को आरटीआई का सहरा भी नहीं लेना पड़ेगा। जानकारियां वेबसाइट से ही मिल जाएंगी।
ReplyDeleteअब बीएसए दफ्तर में तैनात नहीं होंगे शिक्षक
ReplyDeleteराजीव दीक्षित, लखनऊ अब शिक्षकों को अपने दफ्तर से संबद्ध कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अपना काम नहीं ले सकेंगे। शिक्षक सिर्फ पढ़ायेंगे न कि बीएसए के दफ्तरों से संबद्ध रहेंगे। शिक्षकों को कार्यालयों से संबद्ध करने की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए शासन स्तर पर इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से खत्म करने की सहमति बनी है। इस संबंध में शीघ्र ही शासनादेश जारी होने की संभावना है। बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित स्कूल शिक्षकों की जबर्दस्त कमी से जूझ रहे हैं। परिषदीय स्कूलों में अभी करीब एक लाख 75 हजार शिक्षकों की कमी है। इसके बावजूद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षकों को कार्यालयों से संबद्ध कर लेते हैं। सुदूरवर्ती क्षेत्र में तैनात शिक्षक प्राय: बीएसए कार्यालय में संबद्धता की आड़ में शहरी इलाकों में तैनाती पा जाते हैं। भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़ी व्यवस्था में शिक्षक और बीएसए दोनों का हित सधता है। वहीं स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या और विकट रूप अख्तियार कर लेती है। इस व्यवस्था का दूसरा पहलू यह है कि शिक्षक संबद्ध तो होते हैं बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से लेकिन उनका वेतन आहरित होता है उनकी तैनाती के मूल स्थान से।
court court & only court
ReplyDeleteyadi sarkar ne jabardasti hamare upar apne nirnay thope to court hi akhiri rasta hai.
hum chup nahin baithenge.
niymawaki me sansodhan se pahle yachika pad jani chahiye.
Jo tet ranker abhi tak lko nahi pahunche jaldi pahunche kyunki ye hum sab ki ladai he
ReplyDeleteSthiyo jo 19 tetian 3 din se bina kuchh khaye piye bhukh hadtal par baithe he unka honsla badhana hum sabki jimmedari he
ReplyDeleteDosto
ReplyDeleteit is not enough to do hunger strike because govt. has no problem with this step. So now this is the time to come that we should stop the bus and railway tracks. you know that our friends is on hunger strike but there is not any coverage in the media, in the news channel than how people know about our demands.Govt think we will change the process these student may be few days on hunger strike than they will return their houses.Our brother on hunger strike but their is no official statement from the any leader even CM also who made the lot of promises before the election. So this is the right time that we have to do some violence to break the dram of this govt.
kewal darul safa par mat daitho
ReplyDeleteaage badho vidhan sabha ka gheraw karo.
sarkar apni manmani par utaru rahi to sadken aur railway tracks jam karo
putle funko.
नि:सन्देह उस क्रान्ति का जन्म हो चुका है, जिसकी हमारे प्रदेश की जनता को आवश्यकता थी ।
ReplyDeleteयहाँ का शासक उस नृप के समान हो चुका है जो सिँहासनारुढ़ होने के पश्चात यह भूल गया है कि वह जनता का प्रतिनिधि है।
ऐसे शासक से तो बेहतर अंग्रेजी हुकूमत थी । वो कुटिल राजनीति तो नही करते थे ।
muskan ji
ReplyDeletephir aap apne acd par behas kar rahi hai..kyoki aap hamesha with honour pass huyi hai par...
Main aapko already bata chuka hu ki main throughout topper raha hu...
Meri acd 321.87 % hai aur b.ed bhi kanpur univ. Se top kiya hai(batch-2010-11) par tet me 115 aur 110 hai..infact main bhi chah raha hu ki merit sirf tet ki hi bane...
Lekin aap baar baar apne acd aur honours ki baat karti hai
@veer kushwaha ji
ReplyDeleteaap behad hosiyar hain topper hain to muskan ji se kyon ulajh rahe hain
sarkar se ulajhiye ye vacancy latkwane par utaru hai.
aap bhi lucknow jaiye.
bahumat wali sarkar hai jaldi har nahin manegi.
ReplyDeletekuchh to ungli tedhi karni hi padegi
andolan me teji lao
aaj ya kal se sadkon par baith kar jam lagana suru karo.
Friends ap kahan hai ap Lucknow kyu nahi aa rahe hai. Dear friends hum yahan par lagatar kamajor padate ja rahe hai. Kyuki hamari sankhaya ungaliyo par ginane layak hai. Dosto hamara manobal badane ke liye turant LUCKNOW CHALE AAO. Hume ap logo ki jarurat hai ap ke sahyog ke bina hum kuch nahi kar payenge. So jahan bhi ho chale aao...ROHIT SINGH
ReplyDelete19hi q ao ham sb amarnansan kare.
ReplyDeletemar jay ge,mit jay ge.tet ki merit banwae ge.
tet merit zindabad balrampur.
blog editor why r u deleting my comments pls check and if any samasya please tell me otherwise chaping my comments after all i do mehnat to write it
ReplyDeleteblog editor please publish my previous comments at 8.25 am sunday i am waiting for that it is based on facts
ReplyDeletedanik jagran ke editorial mein bhi gov se kaha gaya hai ki sarkar ko dhandli ko dekhte hue tet nirast karna chaiye yeh sab sathi patrakarita karte hain inhe yeh kehana chaiye ki culprit hain unko saja di jaye likin haye re up yeh to wahi baat ka samarthan kar rahen hai jaise ki ghav ho jane par uska ilaz karne ke bajay us body part ko hi kat diya jaye
ReplyDeleteagar dubara tet ho to cbse board ya phir uppsc se karvaya jaye sabhi ko ek baar phir se apne knowodge ki jankari mil jayegi aur paper lage ki teacher selection ho na ki 5th std mein addmission ka sare nakalchii safa ho jayenge
ReplyDeleteKISI KAAM ME MAN NAHIN LAGTA ITNI ANDHER GARDI K KARAN PADHAI ME BHI
ReplyDeleteNAHIN.
SARKAR KO NISPAKCHH JANCH KARANI CHAHIYE NAKI TET NIRAST AUR PRAKRIYA ME PARIWARTAN.
YE 100% KEWAL BESIK SIKSHA VIBHAG ADHIKARIYON AUR UNK BACHHCHON KO FAYDA PAHUCHANE KI SAJIS HO RAHI HAI.
YE SARKAR TUSHTIKARAN KI HIMAYTI HAI YE VOTE K LIYE KUCHH BHI KAR SAKTI HAI.
sunil bhai u r 100 prct right. yeh to anaya ki parakastha hai tet exam aur stu ka majak bana ke rakh diya gaya agar main atankwadi hota to sabse pahle sanjay mohan ko maarta uske baad bom band ke vidhansabha ke ander ghus jata
ReplyDelete@UNKNWENJI
ReplyDeleteACC MERIT ME EKRUPTA NHIN HAI
ACC MERIT SE SELECTION SAHI HOTA TO FIR TEST KYON HOTE HAIN SABHI ME ACC SE CHAYAN HON.
ACHCHHE ACC WALE TET ME BHI ACHCHE NO LAYE HAIN
NKALCHI FAIL HUE HAIN
ISI LIYE WE CHUP BAITHE HAIN.
AUR GOV. KO THANKU BOL RAHE HAIN.
96 mein up board mein aprxm 20%first 40%secon 20% third fail aur baki fail aur 2011 mein 70% first 30% secon main janna chahta hua ki kya aaj ke stu jyada talented hain ya phir number dene ke attitude mein chang a gaya hai. agar jyada talented hain to tet jaise exam mein btc merit base select 200 mein 36 fail kaise aur agar no dene ke attitude mein change hai to phir 96 aur 2012 ke no ko ek jaisa man lena kya sahi hai. i am waiting for repl.
ReplyDeleteAre bhai jaha tak mujhe pata chala hai ki 200 btc walo me sirf 36 pass hue the aur jo paas hai wo muskil se 90 ke upar hai. Ye haal itne easy paper me tha.
Delete@SANDIP-SUJITJI
ReplyDeleteAPKA GUSSA JAYAJ HAI LEKIN KEWAL GUSSE SE KUCHH NAHIN HOGA
YADI LKO NA GAYE HON TO ABHI JAYEN
ISKE BAD SADKON PAR JAM LAGAYEN.
CHHAHE JO HO JAYE BUT TET KO BEKAR NAHIN JANE DENGE
DOOSHRA TET SAIKDON TETIONS KI LASH PA HOGA.
http://rashtriyasahara.samaylive.com/epapermain.aspx?queryed=10
ReplyDeletesee news....
Akal badhi hai, nahin nakal badhi hai.
ReplyDeleteI agree kuchh student honge jo yogya honge. Lekin jyadatar aise hai jo nakal ke bharose hain.
ACC WALON KO EK AUR AINA-
ReplyDelete1994 ME CLASS9&10 COM-BIND HOTE THE
AB ALAG ALAG ISKE ALAWA AB SUBJECT BHI ART & COMPUTER
IN SUBJECT ME 70 NO. SE KAM NAHIN MILTE.
अनशनकारी टीईटी अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़
ReplyDeleteसिविल अस्पताल में कराया गया भर्ती आमरण अनशन जारी जनरेटर व पानी का हुआ इंतजाम
लखनऊ (एसएनबी)। नियुक्ति सहित आठ सूत्री मांगों को लेकर शनिवार को यूपी टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले विधानभवन के सामने आमरण अनशन पर बैठे अभ्यर्थियों में दो की तबियत वालों में दो लोगों की तबीयत बिगड़ने पर प्रशासन ने सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डाक्टरों ने बताया कि उनकी हालत नार्मल है। आमरण अनशन पर बैठे अश्वनी कुमार यादव व मो. गुलजार सैफी की तबीयत बिगड़ते ही प्रशासन में हडकम्प मच गया। मौके पर तत्काल डाक्टरों की टीम ने पहुंचकर अनशनकारियों की जांच की और दो लोगों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। प्रदेश अध्यक्ष विवेकानन्द ने कहा कि टीइटी अभ्यर्थी की शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न के शिकार हो रहे है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार से उन्हें न्याय नहीं मिलेगा उनके साथियों का आमरण अनशन जारी रहेगा। विधानभवन के सामने रात में जनरेटर से लाइट व पानी के लिए टैंकर रखवायें गये । मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठने वालों में इमरान, नीतिन शुक्ल, सतेन्द्र शर्मा, सुधाकर सैनी, उमाशंकर मृत्युंजय सिंह, अमरेन्द्र, संजय कुमार, अशोक कुमार यादव, सतेन्द्र मिश्र आमरण अनशन पर बैठे हैं।
dainik jagran aur amar ujala walon ki ma mar gayi hai kya jo ab tetions ki khabar nahi chhap rahe hai.
ReplyDeleteisse to lagta hai k mediya bhi sarkar ka hi sath deti hai.
rashtriya sahara me hi khabar chapi hai.
शिक्षा मित्रों के भरोसे सूबे के सात हजार स्कूल
ReplyDeleteमुख्यमंत्री तक पहुंची शिकायत, तत्काल शिक्षकों की नियुक्ति करने की दी गई सलाह
•
अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। हर मोहल्ले, कस्बे, गांव के सभी बच्चे स्कूल जाएं, उन्हें यूनीफॉर्म और भोजन मिले, स्वास्थ्य की जांच हो और शिक्षा का अधिकार कानून के तहत ऐसी ढेरों बातें हैं, लेकिन प्राइमरी स्कूलों में आलम यह है कि सात हजार विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं। दो लाख से अधिक पद रिक्त होने और तीन बरस से नई तैनाती न होने का नतीजा है कि सत्र खत्म होने को है और सात हजार स्कूलों में कक्षाएं नहीं चलीं। जबकि मई के पहले हफ्ते में ही मुख्य परीक्षा है।
इलाहाबाद मंडल, फैजाबाद, लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ, झांसी, चित्रकूट, वाराणसी, मिर्जापुर, आजमगढ़, गोरखपुर मंडलों के 33 जिलों के 7025 स्कूलों में शिक्षक तैनात ही नहीं किए गए। इन विद्यालयों में केवल शिक्षा मित्र स्कूल चला रहे हैं। शिक्षा मित्रों के पास मिड डे मील से लेकर विद्यालय के कागजात की देखभाल तक का जिम्मा है। नतीजा है कि शिक्षा मित्र बच्चों को पढ़ा नहीं पा रहे हैं। बच्चे स्कूल जाते हैं, हुड़दंग करते हैं, खाना खाते हैं और वापस घर। स्कूलों में पढ़ाई न होने से नाराज अभिभावकों ने फरवरी माह में सर्व शिक्षा अभियान और मानव संसाधन विकास मंत्रालय से लिखित शिकायत की थी। उनका कहना है कि जब साल भर पढ़ाई और दो सत्रों की परीक्षा नहीं हुई तो अब फाइनल परीक्षा में बच्चे क्या लिखेंगे। प्रदेश की डेढ़ हजार से अधिक अभिभावक समितियों ने शिकायती पत्र में गंभीर आरोप लगाए हैं।
समिति की शिकायत पर सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों ने जांच कराई। पता चला कि शिक्षा मित्रों के पास मिड डे मील से लेकर विद्यालय के कागजात की देखभाल, भवन निर्माण समेत कई जिम्मेदारियां हैं। कुछ जगह शिक्षक तैनात किए गए हैं लेकिन कभी नहीं पहुंचे। जांच के बाद रिपोर्ट दी गई है कि किन जिलों में तत्काल कितने शिक्षकों की आवश्यकता है। सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भी भेजी गई है क्योंकि बेसिक शिक्षा विभाग मंत्रालय उन्हीं के पास है। उम्मीद है कि जल्द ही शिक्षकों की तैनाती को लेकर कोई फैसला होगा।
•पूरे सत्र में चलीं गिनती की कक्षाएं, अभिभावकों की शिकायत पर हुई जांच
•सर्वशिक्षा अभियान की रिपोर्ट, स्कूलों में भोजन बनने के सिवा कुछ नहीं हुआ
शिक्षा मित्रों के भरोसे सूबे के सात हजार स्कूल
ReplyDeleteमुख्यमंत्री तक पहुंची शिकायत, तत्काल शिक्षकों की नियुक्ति करने की दी गई सलाह
•अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। हर मोहल्ले, कस्बे, गांव के सभी बच्चे स्कूल जाएं, उन्हें यूनीफॉर्म और भोजन मिले, स्वास्थ्य की जांच हो और शिक्षा का अधिकार कानून के तहत ऐसी ढेरों बातें हैं, लेकिन प्राइमरी स्कूलों में आलम यह है कि सात हजार विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं। दो लाख से अधिक पद रिक्त होने और तीन बरस से नई तैनाती न होने का नतीजा है कि सत्र खत्म होने को है और सात हजार स्कूलों में कक्षाएं नहीं चलीं। जबकि मई के पहले हफ्ते में ही मुख्य परीक्षा है।
इलाहाबाद मंडल, फैजाबाद, लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ, झांसी, चित्रकूट, वाराणसी, मिर्जापुर, आजमगढ़, गोरखपुर मंडलों के 33 जिलों के 7025 स्कूलों में शिक्षक तैनात ही नहीं किए गए। इन विद्यालयों में केवल शिक्षा मित्र स्कूल चला रहे हैं। शिक्षा मित्रों के पास मिड डे मील से लेकर विद्यालय के कागजात की देखभाल तक का जिम्मा है। नतीजा है कि शिक्षा मित्र बच्चों को पढ़ा नहीं पा रहे हैं। बच्चे स्कूल जाते हैं, हुड़दंग करते हैं, खाना खाते हैं और वापस घर। स्कूलों में पढ़ाई न होने से नाराज अभिभावकों ने फरवरी माह में सर्व शिक्षा अभियान और मानव संसाधन विकास मंत्रालय से लिखित शिकायत की थी। उनका कहना है कि जब साल भर पढ़ाई और दो सत्रों की परीक्षा नहीं हुई तो अब फाइनल परीक्षा में बच्चे क्या लिखेंगे। प्रदेश की डेढ़ हजार से अधिक अभिभावक समितियों ने शिकायती पत्र में गंभीर आरोप लगाए हैं।
समिति की शिकायत पर सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों ने जांच कराई। पता चला कि शिक्षा मित्रों के पास मिड डे मील से लेकर विद्यालय के कागजात की देखभाल, भवन निर्माण समेत कई जिम्मेदारियां हैं। कुछ जगह शिक्षक तैनात किए गए हैं लेकिन कभी नहीं पहुंचे। जांच के बाद रिपोर्ट दी गई है कि किन जिलों में तत्काल कितने शिक्षकों की आवश्यकता है। सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भी भेजी गई है क्योंकि बेसिक शिक्षा विभाग मंत्रालय उन्हीं के पास है। उम्मीद है कि जल्द ही शिक्षकों की तैनाती को लेकर कोई फैसला होगा।
•पूरे सत्र में चलीं गिनती की कक्षाएं, अभिभावकों की शिकायत पर हुई जांच
•सर्वशिक्षा अभियान की रिपोर्ट, स्कूलों में भोजन बनने के सिवा कुछ नहीं हुआ
शिक्षा मित्रों के भरोसे सूबे के सात हजार स्कूल
ReplyDeleteमुख्यमंत्री तक पहुंची शिकायत, तत्काल शिक्षकों की नियुक्ति करने की दी गई सलाह
•अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। हर मोहल्ले, कस्बे, गांव के सभी बच्चे स्कूल जाएं, उन्हें यूनीफॉर्म और भोजन मिले, स्वास्थ्य की जांच हो और शिक्षा का अधिकार कानून के तहत ऐसी ढेरों बातें हैं, लेकिन प्राइमरी स्कूलों में आलम यह है कि सात हजार विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं। दो लाख से अधिक पद रिक्त होने और तीन बरस से नई तैनाती न होने का नतीजा है कि सत्र खत्म होने को है और सात हजार स्कूलों में कक्षाएं नहीं चलीं। जबकि मई के पहले हफ्ते में ही मुख्य परीक्षा है।
इलाहाबाद मंडल, फैजाबाद, लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ, झांसी, चित्रकूट, वाराणसी, मिर्जापुर, आजमगढ़, गोरखपुर मंडलों के 33 जिलों के 7025 स्कूलों में शिक्षक तैनात ही नहीं किए गए। इन विद्यालयों में केवल शिक्षा मित्र स्कूल चला रहे हैं। शिक्षा मित्रों के पास मिड डे मील से लेकर विद्यालय के कागजात की देखभाल तक का जिम्मा है। नतीजा है कि शिक्षा मित्र बच्चों को पढ़ा नहीं पा रहे हैं। बच्चे स्कूल जाते हैं, हुड़दंग करते हैं, खाना खाते हैं और वापस घर। स्कूलों में पढ़ाई न होने से नाराज अभिभावकों ने फरवरी माह में सर्व शिक्षा अभियान और मानव संसाधन विकास मंत्रालय से लिखित शिकायत की थी। उनका कहना है कि जब साल भर पढ़ाई और दो सत्रों की परीक्षा नहीं हुई तो अब फाइनल परीक्षा में बच्चे क्या लिखेंगे। प्रदेश की डेढ़ हजार से अधिक अभिभावक समितियों ने शिकायती पत्र में गंभीर आरोप लगाए हैं।
समिति की शिकायत पर सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों ने जांच कराई। पता चला कि शिक्षा मित्रों के पास मिड डे मील से लेकर विद्यालय के कागजात की देखभाल, भवन निर्माण समेत कई जिम्मेदारियां हैं। कुछ जगह शिक्षक तैनात किए गए हैं लेकिन कभी नहीं पहुंचे। जांच के बाद रिपोर्ट दी गई है कि किन जिलों में तत्काल कितने शिक्षकों की आवश्यकता है। सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भी भेजी गई है क्योंकि बेसिक शिक्षा विभाग मंत्रालय उन्हीं के पास है। उम्मीद है कि जल्द ही शिक्षकों की तैनाती को लेकर कोई फैसला होगा।
•पूरे सत्र में चलीं गिनती की कक्षाएं, अभिभावकों की शिकायत पर हुई जांच
•सर्वशिक्षा अभियान की रिपोर्ट, स्कूलों में भोजन बनने के सिवा कुछ नहीं हुआ
agar yogya teacher chune jate to basic school ki itni buri haalat na hoti
ReplyDeletesarkar acd ke jariye bharti karke apne sar ka bhooj hatane ka man bana chuki hai kam kam se itan to kar hi sakti hai ki 10 aur 12 ke marks acd merit mein na jode jayen lekin sarkar ke pass iske liye time kahan chacha bhatija paisa batorne aur jama karne ke kaam mein lagen hain
ReplyDeleteRastriya Sahara ka News Link kya hai,
ReplyDeletePost its content also.
in sabhi baaton ka jimmedar keval koi hai to mayawati bhrastachar ki intiha kar di aur do saal bed walon ke haq par daka dal kar bhaitee rahi aur jab gayi to tet pass ki halat kutton se bhi badtar kar ke gayi iski to.........
ReplyDeleteAbhee Lagta hai Media vale - Sarkar se Poochkar Khabren Chapenge.
ReplyDeleteItnee badee ghatna hone ke baad bhee, ve chup hain.
Yahan lakhon logon ka sawal hai, aaye din bhramak khabren jaroor chapenge.
TET Exam ke baare mein court ne kya kaha, uske paksj mein kya fesla deeya.(Aisee khabren kyon nahin chapee)
Media bahut galat kar raha hai.
lagata hai kisi prakar ka asar nahi hua is ansan ka isase saf najar aa raha hai ki ye kitani kamini sarkar hai.sabase badi saja hai jo hum bhugat rahe hai ye kalyug ke rakshas hai jo hamesa safed liwas me rahate hai .inaka badh kaun karega he prabhu apane bhukhe bhagato ki pariksha lena ab band karo.unako turat nyay dilao.
ReplyDeletehttp://rashtriyasahara.samaylive.com/epapermain.aspx?queryed=10
ReplyDeleteKuch vibhagon main bharti ki rok hataigi
tulsi ji kis page me hai...
ReplyDeleteyaar koi atmdah mat karna isse hamari baat media mein to highlight hogi aur sarkar bhi jhuk jayeegi likin yeh achi baat nahin
ReplyDeleteyaar koi atmdah mat karna isse hamari baat media mein to highlight hogi aur sarkar bhi jhuk jayeegi likin yeh achi baat nahin
ReplyDeletehumara pariwar abhi tak brahman ke dharm ko bidhiwat nibhata raha hai agar mere pariwar ne kabhi kisi ke sath galat nahi kiya hai ya maine abhi tak kisi ka nukasan nahi kiya hai to usaki sapath deta hu ki mere comment likhane ke 3 hour ke andar agar anasan par baithe bhaiyo ko rahat nahi mili to mai apane aap ko papi manate huye bhavishya me kabhi kucch nahi manguga aur aaj ke bad kabhi comment nahi karunga.pratigya hai pure blog par sabhi likhane walo ke samane.
ReplyDeletehttp://rashtriyasahara.samaylive.com/epapermain.aspx?queryed=10
ReplyDeleteTET main canditaes ki Tabiyat Bigsi
Sahara Samay
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TULSI
dosto 3 hour ke bad pata karane ki kripa karenge ki lko me kya hua aur jaisa bhi ho please jaroor likhenge.
ReplyDeleteab mai sidhe 1.21min par aaunga kewal yah janane ki kya hua.
ReplyDeletepandey ji aapka gussa jayaj hai lekin bhagwan satya ke saath tha hai aur rahega isliye man ko chota na karen hi sakta hai ki bhagwan ne aapke liye isse acha kuch socha ho
ReplyDeleteyaar koi atmdah mat karna isse hamari baat media mein to highlight hogi aur sarkar bhi jhuk jayeegi likin yeh achi baat nahin
ReplyDeleteअनशनकारी टीईटी अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़
ReplyDeleteसिविल अस्पताल में कराया गया भर्ती आमरण अनशन जारी जनरेटर व पानी का हुआ इंतजाम
लखनऊ (एसएनबी)। नियुक्ति सहित आठ सूत्री मांगों को लेकर शनिवार को यूपी टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले विधानभवन के सामने आमरण अनशन पर बैठे अभ्यर्थियों में दो की तबियत वालों में दो लोगों की तबीयत बिगड़ने पर प्रशासन ने सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डाक्टरों ने बताया कि उनकी हालत नार्मल है। आमरण अनशन पर बैठे अश्वनी कुमार यादव व मो. गुलजार सैफी की तबीयत बिगड़ते ही प्रशासन में हडकम्प मच गया। मौके पर तत्काल डाक्टरों की टीम ने पहुंचकर अनशनकारियों की जांच की और दो लोगों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। प्रदेश अध्यक्ष विवेकानन्द ने कहा कि टीइटी अभ्यर्थी की शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न के शिकार हो रहे है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार से उन्हें न्याय नहीं मिलेगा उनके साथियों का आमरण अनशन जारी रहेगा। विधानभवन के सामने रात में जनरेटर से लाइट व पानी के लिए टैंकर रखवायें गये । मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठने वालों में इमरान, नीतिन शुक्ल, सतेन्द्र शर्मा, सुधाकर सैनी, उमाशंकर मृत्युंजय सिंह, अमरेन्द्र, संजय कुमार, अशोक कुमार यादव, सतेन्द्र मिश्र आमरण अनशन पर बैठे हैं।
Posted BY
TULSI
Source = Sahara Samay
Sahara Samay LUCk edition Page 7
ReplyDeletePlease Publish Muskan JI
Kapil Bahadur wala Case no kitna hai. Please post karo
ReplyDeletehttp://allahabadhighcourt.in/casestatus/caseDetailA.jsp?type=WRIA&num=76039&year=2011
ReplyDeleteJ
ReplyDeleteMuskan ji, mai aap se request karooga ki aap es blog se judi sari news aajtak.in par mai bhi reportor pe beje.kya mallom en media walo ki ankhe khul jaye.
ReplyDeleteMuskan ji, mai aap se request karooga ki aap es blog se judi sari news aajtak.in par mai bhi reportor pe beje.kya mallom en media walo ki ankhe khul jaye.
ReplyDeletemuskan ji..muzhe ek baat samazh nahi aa rahi ki lkw mein itne bade aandolan ko media coverage kyu nahi mil rahi..yahan jaane kitno ki jaan daav par lagi hai..aur ye media wale(chahe wo print ho ya audio/video) puri tarah chup hai...aisa kyu???????
ReplyDeletebalki print media k kuch bade news paper(hindustaan,amarujala etc) ne to had hi kar di..inke column ko padhne par lagta hai ki ye khud TET k against hain..inhone hi TET ko jayada badnaam kiya..jabki exam bilkul fair hua tha..haan baad mein sanjay mohan jaise logo ne gadbadi karne ki koshish ki..jo shayad kar bhi nahi paaye..lekin kar sakte the..usse pehle hi arrest ho gaye..bus issi baat ko ye media walon ne itni hawa di ki jaise aajtak isse bada koi bura kaam hua hi na ho iss UP mein..muzhe to lagta hai ki in reporters k apne bhi TET failure hain..tabhi to ye apni duty bhulkar kuch bhi likhne par aamada hain...
mein in media walon se poochta hoon ki UP Board mein har saal khule-aam nakal hoti hai ..log theke par nakal karate hain..iss samay bhi joron par chal rahi...kya ye UP Board ke papers cancel ho jayenge...nahiiiiiii..kabhi nahi...bus TET ko cancel karna hai inhe.....chaahe kuch bhi likhna pade
.....
aur kya kahu iss media walon k baare mein..ye to bus bade-2 celebrity ko lekar baith jate hai..unki history batane lagte hai..kabhi sallu,kabhi katrina,kabhi saif..to kabhi karina...kab karenge shaadi????..bus issi mein lage rehte hai...inse ye poocho isse desh ka bhala hoga kya???????
in nachaniyo ne hi to desh ka beda gark kiya hua hai.. new generation ki to aadhi jindagai inhe dekne aur sunne mein hi nikal jaati hai..
kul milakar mein ye kehna chata hoon ki kya media apni duty sahi tarike se nibha raha hai....
no doubt ki media ki wajah se bahut se acche kaam hue hain..lekin kaam acche hi hone chahiye..bura thoda bhi nahi karo..jayada acche karne ka matlab ye nahi ki thoda bura bhi kar sakte ho..ye galat hoga..aur jab galat hoga to ungli bhi uthegi.....