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-परीक्षार्थियों ने लगाई आपत्तियों की झड़ी
इलाहाबाद : राज्य शैक्षिक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में यदि कोई सवाल और उसके उत्तर गलत पाए जाते हैं तो उससे परीक्षार्थियों का नुकसान नहीं होगा। अधिकारियों के अनुसार इसके दो ही उपाय हो सकते हैं कि या तो सवाल को हटा दिया जाए या फिर उसके नंबर सबको बराबर दे दिए जाएं। दोनों ही स्थितियों में परीक्षार्थियों के परिणाम पर असर नहीं पड़ेगा। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि ऐसा स्थिति में क्या कया जाएगा।
टीईटी की उत्तरमाला वेबसाइट पर लोड होने के बाद से परीक्षार्थियों ने आपत्तियों की झड़ी लगा रखी है। यह संख्या मंगलवार को पांच सौ के करीब पहुंच गई बताई जाती है। कुछ सवालों पर तो परीक्षार्थियों ने प्रमाण के साथ यह बताया कि उनके उत्तर गलत हैं। सूत्रों के अनुसार सिर्फ प्राथमिक और अपर प्राथमिक परीक्षा ही नहीं बल्कि भाषा के सवालों पर भी परीक्षार्थियों ने सवाल उठाए हैं। अब विशेषज्ञ समिति इस पर विचार करेगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से जुड़े लोग हालांकि इसे असहज नहीं मानते। उनका कहना है कि चूंकि आपत्तियां ईमेल से मांगी गई हैं, इसलिए उनकी संख्या अधिक है। यदि रजिस्ट्री के जरिए आपत्तियां मांगने की पुरानी प्रक्रिया को बरकरार रखा जाता तो उनकी संख्या कम होती।
रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षाएं नवल किशोर स्पष्ट करते हैं कि आपत्तियों से परीक्षा का परिणाम पर कोई पेंच नहीं फंसेगा। यदि सवाल गलत होते हैं तो आम तौर पर दो ही निर्णय लिए जाते हैं कि या तो सवाल को निरस्त कर दिया जाए या फिर उनके नंबर बराबर बांट दिए जाएं। नंबर बांट दिए जाने की संभावनाएं ही अधिक हैं। यदि सवाल निरस्त कर दिया जाए तो उक्त नंबर को कम करके औसत का निर्धारण किया जाता है ताकि परीक्षार्थियों को नुकसान न पहुंचे
Sabhaar : Jagran ( 2.7.13)
Name
ReplyDeleteHon’ble Mr. Justice Laxmi Kanta Mohapatra
Member Administrative Comm.
Source
Bar
Date of Birth
10/06/1954
Initial Joining
16/09/1999
Joining at Allahabad
17/10/2012
Date of Retirement
09/06/2016
Graduated in Law from M S Law College,
Cuttack in 1977.
Enrolled as an advocate on Jan 25, 1978.
Practised mainly on Civil, Criminal, Service
and Labour Laws.
Was the retainer for South Eastern
Railway, IPICOL, OSFC, Stock Exchange,
Bhuwaneshwar, IMFA and others.
Elevated as Judge of High Court of Orissa
on Sep 16, 1999.
Transferred to Allahabad High Court and
took oath on Oct 17, 2012.
Mere tet suporter sathiyo...
ReplyDeleteacording to h.c wakil
navin sharma..
court no.3 me suna jayega ab
apna case jisme senior judge mahapatra ke bench
me hi suna jayega,,
par isase hamare case par koi
prabhav na pdega..do'nt worry july me axer
bench change hota..aur hamare sunwai ki har
bahas ki ek file ban chuki hai jisf koi v judge
samjh sakta hai..aur luxmikant mahapatra g
siksha mamlo ke ek senior judge hai..
so all tetians
do'nt worry hamara case 2 ya 3 date me final
hoga..
judges change hone se koi fark nahi
ReplyDeletepadega,kyunki case judge nahi lawyer
ladte hain,
harkoli ji ke tb me na hone par bhi
sabhi log(khas kr acd suppo.) ise gov.
ki chaal bata rahe the,
bt ab faisala apke samne hai,
so don't panic,we'll definitely win vry
soon and it is still 100% sure.
jai tet.
Bench me yah pravartan apekshit to nahi tha par ghabrane ke bajay, sirf apni ranneeti sawdhani se banane aur kriyanvit karne ki jarurat hai. Dhyan rahe ki Bench badli hai, mamla nahi, ab tak ke adesh aur nirnay nahi, aur na hi yahaan koi review honewala hai. Naye judges Harkauli-Mishrake kaam ko wahise aage badhayenge, jahan unhone use chhoda tha, aur kis disha me badhayenge, ye bhi Harkauli Ji ke har adesh me spasht hai. Sabse santoshjanak bat humare liye yahi hai ki Harkauli Ji ne Justice Tondon ki tarah kewalJubani jama-kharch karne ke bajay apni, ray, uske aadhar, uske auchitya, sabhi kuchh likhitme sahej diya hai, jise andekha kiya jana sambhav nahi.. Haan, ek baat hai, naye judges ko abtak ke mamle ko dekhkar khud faisla dene ko kahaa jaye, na ki kisi naye tareeke se ya kisi naye nazariye se bahas karke unhe bhramit karne ka kaaran bana jaye. Behtar hoga, ki 4 Feb ke DB ke order me diye gaye aadharon ko hi bus dohrate hue, order manga jaye,, is se alag kuchh bhi kahna jan-bujhkar mamle ko fansane ke barabar hoga.. Just wait and watch,
ReplyDeleteटेट साथियो हरकौली जी और मनोज मिश्रा के स्थान पर अब हमारा केसश्री लक्ष्मीकांत महापात्र और सुनीता अग्रवाल जी द्वारा कोर्ट नं 3 मे सुना जाएगा । बेँच बदलनाअपेक्षित तो नही था फिर भी इसमे निराश होने या हताश होने की बिल्कुल आवश्यकता नही है । हरकौली जी अपने विभिन्न आदेशो मेहमारी सभी बाधाएँ जड़ से समाप्त कर गए है । उन्होने अपनी राय तर्क और सिद्धांत लिखित रूप मे सुरक्षित कर दिए है जिनकी अनदेखीकोई जज नही कर सकता । उम्मीद है ज्यादा समय खराब नही होगा क्योंकि केस वही से शुरू होगा जहाँ हरकौली जी ने लाकर छोड़ा है ।उनके द्वारा 4 फरवरी और 12 मार्च को दिए गए आदेशो के अवलोकनमे ही अगला आदेश पारित होगा । उम्मीद है केस की ब्रीफिँग मे एकतारीख ही खराब होगी इसके बाद पूर्व की भाँति हमारा केस अपने लक्ष्य को जुलाई के अंत तक प्राप्त कर लेगा ।
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