According to Sujit Singh (TET Morcha ) On Facebook
TET Morcha Sadasya Sujit Singh Ke Facebook Par Dee Gayee Jankaree Ke Anusaar :-
yadav kapildev lal bahadur dwara dakhil impleadment application par kal 8 aug 2014 ko , hon. Dattu sir ki court me sunwai honi hai
जीभरके रोतेहैतो करार मिलता है,
ReplyDeleteइस जहां मे कहांसबको प्यार मिलता है,
जिंदगीगुजर जाती हैइम्तिहानो के दौर से,
एक जख्म भरता है तो दूसरा तैयार मिलता है!!
Simran:- Baau ji ..... Mujhe jaane dijiye ..... Mujhe jaane dijiye .... Raaj ShikshaMitra hai .... Aaj uske Case ki koi Sunwaainahihui aur na hi koi Date di gayi ...... Baau Ji ..... Usko Govmnt aur HC ne Lambe Latkaadiyahai ... Aisi Haalat me use mera sahara chahiye .... Baau ji .... Mujhe Mere RAJ (SM)ke paas jaane dijiye .....
ReplyDeleteBaau ji .... Plz mujhe jaane dijiye .... Aaj Mere JRT case me Govmnt ne koi jawaab nahi daakhil kiya ... Meri Jrt se Stayaaj bhi nahi hata ... Mai yahan akele Kya karoongi?... meri to Jrt ki counselling bhi ho chuki hai .... Plz Baau ji Mujhe jaane dijiye
.
Baau Ji :- JAA Simran.... JAA ........ Jee le apni zindagi is SM ke saath .... Vetan nahi milega to kya hua ...kam se kam iske paas NiyuktiPatra to hai ....... Magar ..... 72825 ki Counselling se pahle waapas aa jana
PRTYVEDN KI FEEDING ANPI POORTA K ANTI PADAV PR.
ReplyDeleteKYA BHAI KUCHH GLT LIKH DUYA KYA AUR GR GLT LAG RHA HO TO SAHI AAP HI LIKHO PR GLT KYA H ISE BHI BTANA ISE PATH KR
AAP SABHI LIKHTE THE N KI AISA SOFTWEAR AAYA H.KI EKPRTYAVEDK KA AGR EK PRTYAVEDN FEED HO GYA TO SARE PRTYAVEDN SWTAH HI FEED HO JAYENGE
TO MAHANUBHAWO AAJ 4 DIN SE YAHI PATH RAHA HU KI IS DIET ME ITNI FEEDING AUR IS DUET ME ITNI FEEDING
TO KY 2 LAKH LGBHAG PTYAVEDKO KI FEEDING NAHI HO PAYI
KYA O SOFTWEAR JHOOTA THA YA AAP LOGO KA O LEKH KI
AAJ ALLAHABAD DIET GYE VAHA J PRACHARY N BTAYA KI HAMARE YAHA LAGBHAG 1.25 LAKH PRTYAVEDN PRAPT HUYE JINME 60-70 HJAR KAGBHAG FEEDING HI CHUKI H.BAKI 2-3 DIN ME HO JAYEGI.
JB 1.25 LAKH ALLAHABAD NE KR DIYA TO JAHIR SI BAT H.KI IS SOFTWEAR NI ITNE AAVEDKO K PRTEK PRTYAVEDN FEED KR DIYE FIR SHESH KYA BACHA AB
BABA JI KA THULOO
MT MOORKH BANO
ReplyDeleteMT HME BANAWO
JAHA CHAHE WAHA BULAWO
PRASHASN KI LATHI PHLI CHAHE HME KHILAWO
PR MERE SB SUCH-2 BATAWO
KI YE FEEDING KA MAJRA KYA H.KYA WAKAHI ME SOFTWEAR H AISA YA
SB DHAKOSLE H.INKE
AATMGLANE BHI KOI CHEEJ HOTI H MERE DOST
ReplyDeleteSMJHO TO BHUT BADI BAT H.AUR N SMJHO TO......
KOI KHUSIYN SOOSITE NAHI KRTA.LOG USE MJBOOR KRTE H
AAPME SE GR KOI DHAIRYWAN H TO SAMNE AAYE HM USKA DHAIRY TOD KR DIKHA DOONGA.
AISA HI KUCHH JROOR HUWA HOGA US GATNA ME JO EK SATHI AUR BHI THA.
Q KI AAJ KL K MA-BAP BHI AADHUNIK HO GYE H.PADOSI SFL HUWA LAGE LUCTER DENE.( O DEKHO ABHI TK TO KMA HI RAHA THA. BHALE HI 3500 PATA THA.FIRI ME BTC HO GYI AUR AB 30000 LAGBHAG PAYEGA AUR EK YE LAKHO KHRCH KR DIYE.FIR BHI GHAR ME HI BAITHA H.BHOT HUWA IS SCHOOL KABHI US SCHOOL JATA H AUR CHALA AATA H KAHATA H KI PAISE THEEK THAK NAHI MIL RAHE THE... etc.)
Ye ek jhalk thi...
EK sathi aur bhi tha
MR.- TMNTBBN SARE SWAL SIRF AUR SIRF AAP SE.
ReplyDeleteQ KI HM SB JANTE H AUR MANTE BHI H KI JO JAJBA AAP ME H SMBHAVTAH HM ME SAYD KISI K PAS HO.
SO PLZ
AB BTAYEN KI FEEDING KA KARY KAHAN TK HUWA IS NYE SOFTWEAR K TAHAT
AAPKE HI BEECH KA EK TET KA SIPAHI
ALL OF-JY RAM JI KI
ReplyDeleteGOOD NIGHT
SUBHRATRI
SASREYKAL
SABBAKHAIR
सम्पूर्ण इस्तेमाल!
ReplyDeleteUpdated @ 12:39 PM IST
एक बार एक पजामा पहने हुए हिन्दुस्तानी से एक अंग्रेज ने पूछा, "आप का यह देशी पैंट (पजामा) कितने दिन चल जाता है?
हिन्दुस्तानी ने जवाब दिया, "कुछ ख़ास नहीं, मै इसे एक साल पहनता हूँ। उसके बाद श्रीमति जी इसको काट कर राजू के साइज़ का बना देती है। फिर राजू इसे एक साल पहनता है। उसके बाद श्रीमति जी इसको काट छांट कर तकियों के कवर बना लेती है। फिर एक साल बाद उन कवर का झाडू पोछे में इस्तेमाल करते हैं।"
अंग्रेज बोला, "फिर फेंक देते होंगे?"
हिन्दुस्तानी ने फिर कहा, "नहीं-नहीं इसके बाद 6 महीने तक मै इस से अपने जूते साफ़ करता हूँ और अगले 6 महीने तक बाइक का साइलेंसर चमकाता हूँ। बाद में मारदडी की हाथ से बनायीं जाने वाली गेंद में काम लेते हैं और अंत में कोयले की सिगडी (चूल्हा) सुलगाने के काम में लेते हैं और सिगड़ी (चुल्हे) की राख बर्तन मांजने के काम में लेते हैं।"
इतना सुनते ही अंग्रेज रफू चक्कर हो गया।
A touching short story with a
ReplyDeletegreat message:
After his father's death, the Son
decided to leave his mother at
old age home and visited her on
and off.
Once he received a call from old
age home....Mom very serious .....
please come to visit.
Son went and saw mom very
critical, on her dying bed.
He asked: Mom what can I do for
you.
Mom replied... "Please install fans
in the old age home, there are
none.... Also put a fridge for
betterment of food because many
times I slept without food".
Son was surprisedand asked:
mom, while you were here you
never complained, now you have
few hours left and you are telling
me all this, why?
Mom replied....."it's OK dear, I've
managed with the heat, hunger &
pain, but when your children will
send you here, I am afraid you
will not be able to manage!
Super...worth reading and to be
shared!
2012 में बीएड व 2011 में टीईटी उत्तीर्ण को मिली मान्यता
ReplyDeleteअमर उजाला इलाहाबाद (ब्यूरो)। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पहली बार 2011 में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में बिना बीएड परीक्षा पास किए सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों के पक्ष में अपना फैसला दिया है। आरटीआई से मांगी गई जानकारी में एनसीटीई के क्षेत्रीय निदेशक ने स्पष्ट किया है कि बीएड सत्र 2011-12 में शामिल वह अभ्यर्थी जो 2011 में टीईटी पास कर लिए थे, वह पूरी तरह से अर्ह हैं।
आरटीई से जानकारी मांगने वाले इन अभ्यर्थियों ने 2011-2012 में बीएड परीक्षा में शामिल होने का हवाला देकर टीईटी के लिए आवेदन कर दिया था। इस दौरान बीएड का परिणाम आने से पहले ही टीईटी पास कर लिया था।
बीएड का परिणाम बाद में आने के कारण उस समय टीईटी करवाने वाली संस्था यूपी बोर्ड ने इन छात्रों को प्रमाण पत्र जारी करने से मना कर दिया था। टीईटी पास इन अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार की ओर से 72825 शिक्षक भर्ती में भी आवेदन कर दिया था।
आरटीआई से मांगी गई जानकारी में एनसीटीई ने किया स्पष्ट
शिक्षक भर्ती की योग्यता नए सिरे से होगी तय
ReplyDeleteएससीईआरटी निदेशक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित
शैलेंद्र श्रीवास्तव
अमर उजाला लखनऊ। प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती की योग्यता नए सिरे से तय किए जाने पर मंथन शुरू हो गया है। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी के सुझाव पर नियमावली में संशोधन पर विचार होगा। इसके पीछे मुख्य वजह बड़ी संख्या में प्रोफेशनल कोर्स वालों का बीटीसी करना बताया जाता है।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली वर्ष 1981 में बनाई गई। इसमें समय-समय पर संशोधन किया जाता रहा है। इसमें शिक्षक भर्ती की योग्यता स्नातक व बीटीसी है। स्नातक में बीए, बीएससी व बीकॉम के बारे में स्थिति स्पष्ट है, लेकिन प्रोफेशनल कोर्स वालों के बारे में स्थिति साफ नहीं है। हालांकि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने बीटीसी के लिए प्रोफेशनल कोर्स वालों को स्नातक के समकक्ष मानते हुए पात्र मान रखा है। ऐसे में प्रोफेशनल कोर्स के बाद बीटीसी करने वाले भी शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर रहे हैं। शिक्षक भर्ती में काफी संख्या में प्रोफेशनल कोर्स वालों के आए आवेदनों पर पिछले दिनों शासन स्तर पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान कुछ अधिकारियों ने तर्क दिया कि शिक्षक भर्ती और बीटीसी करने की योग्यता अलग-अलग नहीं होनी चाहिए, क्योंकि बीटीसी करने वाला शिक्षक भर्ती के लिए पात्र है। इसलिए अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन पर विचार किया जाना चाहिए।
इसके आधार पर सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाते हुए उसे जल्द रिपोर्ट देने को कहा है। कमेटी में एससीईआरटी के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह अध्यक्ष तथा बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा सदस्य होंगे। कमेटी बीटीसी प्रशिक्षण की पात्रता, टीईटी की पात्रता और शिक्षक बनने की पात्रता का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देगी। इसके आधार पर तय किया जाएगा कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में कितना संशोधन जरूरी है।