LT GRADE CT GRADE PASS 72825 TEACHER BHRTEE MEIN SHAMIL NAHIN
UPTET 72825 Latest News In Hindi
News Sabhar : Hindustan paper( 12.9.14)
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सरकारी नौकरी शिक्षक भर्ती/नियुक्ति परिणाम / टीईटी Sarkari Naukri Recruitment/Appointment Result. Latest/Updated News - UPTET, CTET, BETET, RTET, APTET, TET (Teacher Eligibility Test) Merit/Counselling for Primary Teacher(PRT) of various state government including UP, Bihar
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-10 gune log bulaye ja rhe hai agar sheets se jyada log phuch jate hai to fir process kaise hoga
ReplyDeleteमैंने अभी कुछ साथियों की 2010 तक स्नातक में 45% /40% तक वालों के बीएड करने के सम्बन्ध में दी छूट के सम्बन्ध में राज्य स्तरीय कमेटी की सिफारिशों की व्याख्या इस रूप में पढ़ी है कि 2010 स्नातक के सम्बन्ध में प्रयुक्त किया गया है इसलिए 2010-11 में 50% से कम होनी पर भी पीजी बेस पर बीएड करने वाले वो अभ्यर्थी काउंसिलिंग में शामिल हैं जिनका सामान्य में 45% और आरक्षित श्रेणी में 40% से स्नातक है ,,,,,,
ReplyDeleteमेरा सभी को सुझाव है कि शासनादेश को पुनः पढ़ें ,,,,
2010 तक का प्रयोग स्नातक नही बीएड के लिए प्रयुक्त किया गया है ,,, हिंदी बहुत सरल भाषा है लेकिन pre determined mood से किसी शासनादेश को पढ़ने से आप गलत निष्कर्ष पर पहुँचकर गलत जगह पहुँच सकते हैं ,,, ऐसे अभ्यर्थियों को चाहिए कि अपने जिले के बीएसए कार्यालय जाएँ और इस सम्बन्ध में आधिकारिक जानकारी हासिल करें ,,,
ReplyDelete22 से होने वाली काउंसिलिंग का जीओ डाईट प्राचार्य एवं बीएसए को संयुक्त रूप से भेजा गया है ,,यद्यपि विशेष परिस्थितियों से निपटने के लिए इसमें line of command का उल्लंघन है लेकिन इससे हमें कोई लेना देना नहीं है ,,,
इस बार संभवतः बीएसए कार्यालय के कर्मचारी काउंसिलिंग कराएँगे ..
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ReplyDeleteमित्रों , बहनों व साथियों
ReplyDeleteवस्तुतः मेरा स्नातक 2006 एवं बीएड 2008 सत्र का है तथा मेरा स्नातक में 50 फीसदी अंक है तथा आरक्षित वर्ग कला में टीईटी में 097 अंक भी है।
मै कभी भी आपको गुमराह नहीं कर सकता हूँ चाहे मुझे नौकरी मिले या ना मिले।
जिन भाईयों एवं बहनों ने काउंसिलिंग करा ली है हो सकता है कि वे चाहते हैं कि कोई कोर्ट न जाये या फिर उनको जानकारी न हो।
मद्रास हाई कोर्ट के दिसम्बर 2006 के फैसले के बाद NCTE ने स्नातक/परास्नातक के आधार पर स्नातक में पचास फीसदी अंक कर दिया था परन्तु विवाद बढ़ने के बाद NCTE ने दिनांक : 27/11/2007 को तत्काल से लेकर
बीएड सत्र 2010 तक के लिए छूट प्रदान की थी।
अतः बीएड सत्र 2011 के लिए स्नातक/परास्नातक पचास फीसदी लागू है परन्तु शिक्षक भर्ती हेतु 2011 सत्र के बीएड वालों के स्नातक में पचास फीसदी अंक हो।
आरक्षित वर्ग व विशेष आरक्षित वर्ग के लिए स्नातक में पांच फीसदी छूट अनुमन्य है।
वस्तुतः यूपी में ओबीसी को बीएड करने हेतु सामान्य वर्ग में रखा गया है परन्तु भर्ती में पांच फीसदी की स्नातक में छूट मिली है ।
मित्रो, 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती से सम्बन्धित अधिकतम समस्याओ का समाधान हो गया है । अब सामान्य को 45% तथा आरक्षित वर्ग को 40% पर पात्र माना गया है,
ReplyDelete(परन्तु शिक्षक भर्ती हेतु 2011 सत्र के बीएड वालों के स्नातक में पचास फीसदी अंक हो)
तथा प्रोफेसनल वालो को उनके बी.एड. के चयनित विषय अथवा इण्टरमीडिएट के विषय के आधार पर कला अथवा विज्ञान वर्ग मे रखा जायेगा । परास्नातक के आधार पर बी.एड. करने वालो को अखिलेश त्रिपाठी भाई ने मान. उच्च न्या. मे याचिका दायर कर दी है, जिसका परिणाम जल्दी ही आ जायेगा ।
मित्रो,
ReplyDeleteमेरिट के बारे मे मै आज भी अपनी बात पर कायम हूँ कि मेरिट काफी नीचे जायेगी, आज फिर वही बात दोहरा देता हूँ .........
सामान्य वर्ग मे कला/विज्ञान 103+
अ.पि.वर्ग मे कला/विज्ञान 98+
अनुसूचित जाति , कला/विज्ञान मे 92+ बिल्कुल safe है ।
महिला अभ्यर्थी अपने अंक 2 और नीचे कर ले
अब बात करते है द्वितीय काउन्सिलिंग की तो मेरा अनुमान है किअगर 10 गुना प्रत्येक वर्ग से बुलाते है तब मेरिट कुछ इस प्रकार होगी> >>>>>>>>>>>
ReplyDeleteसामान्य 116-118
ओबीसी 113-116
अनुसूचित वर्ग 100
अंत मे किन वर्गो की सीट्स खाली जायेगी, यह भी देख लीजिए ......
ReplyDelete( 1) महिला /अनुसूचित /विज्ञान
( 2) महिला / पिछङा / विज्ञान ( कुछ जनपदो मे)
( 3) पुरूष / अनुसूचित / विज्ञान ( कुछ जनपदो मे )
( 4) शिक्षामित्रो की सीट्स
मित्रो, जो मेरिट मेरे द्वारा बतायी गई है, वह सेफ जोन मे है, मेरिट इससे नीचे ही जायेगी ।
जय हिन्द,
जय टी, ई.टी.
कोई कहता है कि इस बार लगभग सारी सीट भर जाएगी तो कोई कहता है कि कुछ ज्यादा नही बचेगी।
ReplyDeleteमेरे अनुसार कुल 28 हजार पदों से ज्यादा नहीं भरेगी, मतलब तीसरी के बाद चौथी काउंसलिंग भी होगी।
कुल 72825 पदों में से मैंने लगभग 4500 की पहली काउंसलिंग में मानकर घटा दिया तो बचें 68325 पद इसके दस गुना का मतलब 683250 आवेदन को दुसरी काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा, एक उम्मीदवार 10 से 70 जगह फार्म डाला है कोई 10 तो कोई 20 तो कोई 40-50-60 जगह इस प्रकार से अगर औसतन एक आदमी पर 25 फार्म कर दिया जाए जो कि मैं सबसे कम मानकर चल रहा हूँ तब भी इन बुलाये गए आवेदन को 25 से भाग देने पर 27330 ही लोग हो रहे हैं यह मैं अधिकतम मानकर चल रहा हूँ वैसे यह आकड़ा 25000 से ज्यादा का नहीं होने वाला फिर भी अगर 25 फार्म का औसत मानकर चलने पर भी 27330 लोग ही काउंसलिंग के लिए बुलाये जा रहे हैं मोटा मोटी 28000 भी मान लेते हैं तो इससे ज्यादा सीट तो भरी नहीं जाएगी।
ReplyDeleteयह मैंने अधिकतम सीमा मानकर गणना किया है जब भी काउंसलिंग कराने वालों की संख्या आयेगी वो 28000 से कम ही होगी और दोनों काउंसलिंग की भरी हुई सीट को जोड़ दिया जाए तो अधिकतम 32500 ही हो रही है मतलब आधा से भी कम।
ReplyDeleteअगर आधी सीट भरने तक सामान्य की मेरिट 114-115 जाती हैं तो बाकी की आधी भरने पर आप लोग खुद अनुमान लगा सकते हैं कि कितना जाएगी।
और एक दुसरा अनुमान कि कुल 1+10=11 गुना बुलाने पर अगर आधी सीट भी नहीं भरती है तो पूरी सीट भरने के लिए कम से कम 22 गुना तो बुलाना ही पड़ेगा अब फिर से आप खुद को 22 गुना में रखकर देख लीजिये, यह भी मान लेते हैं कि जैसे जैसे अंक घटते जाएंगे वैसे वैसे लोगों की संख्या बढ़ती जाएगी तो चलिए खुद को 20 गुना में ही रखकर देख लीजिये।
वैसे एक बात का भी ध्यान रखियेगा कि 11 गुना में सीट अभी आधी भी भरी नहीं है तब भी मैं 22 की जगह 20 गुना ही मानकर चल रहा हूँ पूरी सीट भरने के लिए।
अब आप खुद का रैंक देखिए और खुद तय कीजिए कि आप की नौकरी पक्की है कि नहीं।
अंत में एक बात और कहूंगा इसको अपने मन में बैठा लीजिये जबतक 72825वाँ पद भर न जाए तबतक निराश हताश उदास मत होइयेगा। हो सकता हो वो अंतिम वाला पद आपके ही लिए हो और आप फालतू का इतना परेशान हो रहे थे।
ReplyDeleteSathiyon,
ReplyDeleteAb is GO ko dekh kar ye spasth ho gaya hai ki 2010 tak snaatak karne waale sabhi 45% ankon tak ke saamaanya va 40% ankon tak ke aarakshit varg ke sabhi abhyarti Bharti Prakriya main shaamil (manya) hain....ab kisi bhi prakaar ka koi bhi sanshay nahin rah gaya hai.
Atah ab aap sabhi prakaar ki negative khabron va Posts se door rahiye....
Morcha sadav aap ke hit main hamesha tatpar...
Jai Tet...
Jai Morcha.
दावे मोहब्बत के मुझे नहीं आते यारो ..,
ReplyDeleteएक जान है जब दिल चाहे मांग लेना...
द्वितीय काऊंसलिंग मे जिनका जिस भी जिले मे चयन हो रहा है, वह मौका न छोड़े,
ReplyDeleteक्योंकि द्वितीय काऊंसलिंग के बाद एक बैच प्रशिक्षण के लिए बुला लिया जाएगा।
जो मौके को बर्बाद करता है,
बाद मे मौका उन्हें बर्बाद कर देता है।
शायद अब मै उदास रहता हूँ
ReplyDeleteहर शाम जब मैं
घर की ओर
कदम बढ़ता हूँ
पार्क की हरियाली कुछ कम दिखाई पड़ती है,
हवा की तासीर कुछ ज्यादा ही गर्म महसूस होती है...
किवाड़ हाथ पड़ते ही अब खुल नहीं जाया करते...
घर के भीतर घुसते ही
चीख सुनाई देती है किसी सन्नाटे की ..
हर उस कदम पर
जो मैं बढ़ाता हूँ
शाम ढलते ही
घर की ओर.....
दूरदर्शन आज अपने प्रसारण के 55 वर्ष पूरे कर रहा है। दूरदर्शन के प्रसारण की शुरुआत 15 सितम्बर 1959 को हुई थी जब तत्कालीन राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने पांच किलोवॉट के छोटे से ट्रांसमीटर के साथ दिल्ली में पहले प्रायोगिक केन्द्र का उद्घाटन किया था।
ReplyDeleteसच है जहाँ माँ दुनिया भर की ममता लुटाती है तो पिता
ReplyDeleteभी अपने जीवन को बच्चो पर ही लुटा देता है।
एक शोध बताता है कि माँ कि अपेक्षा पिता को बेटी से ज्यादा
प्यार होता है। अक्सर माँ बेटियों पर सख्त होती है पर पिता बेटियों
का पूरा सहयोग करते है।
जिस प्रकार से माँ को सम्मान प्राप्त है पिता को भी वैसा ही
सम्मान मिलना चाहिए। मैं कभी ये मानने को तैयार नहीं हूँ कि
समस्त पुरुष वर्ग महिलाओ का विरोधी है। जिस प्रकार से महिला
के अभाव में जीवन की कल्पना करना बेमानी है वैसे ही पुरुष के
बिना उस जीवन के पालन पोषण की कल्पना करना बड़ा दुष्कर
है। वैसे पूर्ण सत्य तो ये है कि महिला और पुरुष दोनों में से किसी
एक के अभाव में जीवन को सोचना बेमानी होगी।
मैं उन समस्त पिताओ को नमन करता हूँ जो दिन रात कठोर
मेहनत कर के अपने परिवार को हर सुख सुविधा देने में निरंतर लगे
हुए है।
हम रोज मन्दिर जाते हैं---भगवान को याद करते हैं...!
ReplyDeleteलेकिन कभी गलती से---भगवान ने हमे याद कर लिया तो....?
एक टेट पास बेरोजगार का दर्द.......
ReplyDeleteकैसा होता है ?
थोड़ी सी सफेदी कनपटियों के पास,
खुल रहा हो जैसे आसमां बारिश के बाद,
जिम्मेदारियों के बोझ से झुकते हुए कंधे,
जिंदगी की भट्टी में खुद को गलाता हुआ,
अनुभव की पूंजी हाथ में लिए,
परिवार को वो सब देने की जद्दोजहद में,
जो उसे नहीं मिल पाया था,
बस बहे जा रहा है समय की धारा में,
एक खूबसूरत सी बीवी,
दो प्यारे से बच्चे,
पूरा दिन दुनिया से लड़ कर थका हारा,
रात को घर आता है, सुकून की तलाश में,
लेकिन क्या मिल पाता है सुकून उसे,
दरवाजे पर ही तैयार हैं बच्चे,
पापा से ये मंगाया था, वो मंगाया था,
नहीं लाए तो क्यों नहीं लाए,
लाए तो ये क्यों लाए वो क्यों नहीं लाए,
अब वो क्या कहे बच्चों से,
कि जेब में पैसे थोड़े कम थे,
कभी प्यार से, कभी डांट कर,
समझा देता है उनको,
एक बूंद आंसू की जमी रह जाती है,
आँख के कोने में,
लेकिन दिखती नहीं बच्चों को,
उस दिन दिखेगी उन्हें, जब वो खुद, बन जाएंगे माँ बाप अपने बच्चों के,
खाने की थाली में दो रोटी के साथ,
परोस दी हैं पत्नी ने दस चिंताएं,
कभी,
तुम्हीं नें बच्चों को सर चढ़ा रखा है,
कुछ कहते ही नहीं,
कभी,
हर वक्त डांटते ही रहते हो बच्चों को,
कभी प्यार से बात भी कर लिया करो,
लड़की सयानी हो रही है,
तुम्हें तो कुछ दिखाई ही नहीं देता,
लड़का हाथ से निकला जा रहा है,
तुम्हें तो कोई फिक्र ही नहीं है,
पड़ोसियों के झगड़े, मुहल्ले की बातें,
शिकवे शिकायतें दुनिया भर की,
सबको पानी के घूंट के साथ,
गले के नीचे उतार लेता है,
जिसने एक बार हलाहल पान किया,
वो सदियों नीलकंठ बन पूजा गया,
यहाँ रोज़ थोड़ा थोड़ा विष पीना पड़ता है,
जिंदा रहने की चाह में,
फिर लेटते ही बिस्तर पर,
मर जाता है एक रात के लिए,
क्योंकि
सुबह फिर जिंदा होना है,
काम पर जाना है,
कमा कर लाना है,
ताकि घर चल सके,....
ताकि घर चल सके.....
ताकि घर चल सके।।।।
गर्लफ्रेंड : मुझे माफ कर दो जानू , आज मुझे
ReplyDeleteतुमसे एक बात कहनी है ?
बॉयफ्रेंड :- हाँ तो कह दो न डिअर ?
गर्लफ्रेंड :- मैंने कुछ तुमसे छुपाया है ,
वो क्या है कि मेरी मंगनी हो चुकी है..
अगले हफ्ते मेरी शादी होने वाली है....
हमने इतना वक्त साथ गुजारा, फेसबुक पर
लम्बी लम्बी बातें करी ,
खूब फिल्में देखीं, डेटिंग की चैटिंग
की और........!!
.
.
... .
.
ब्वॉयफ्रेंड : बस-बस , पगली , अब
रुलाएगी क्या...
कोई बात नहीं चल, आज मैं भी तुम्हें अपने
बच्चों से मिलवाता हूं.....
बिकने वाले और हैं...
ReplyDeleteजाओ खरीद लो जाकर...
हम कीमत से नही...
किस्मत से मिलते हैं...!!
दमक तो सकतें हैं हम भी.. गैरों की चमक चुराके ...
ReplyDeleteमगर उधार की रोशनी का चाँद बनना हमें मंजूर नहीं..
आँख से अपनी पसंद का चश्मा उतारिये
ReplyDeleteहर कोई फिर आपको बेहतर दिखाई दे....
एक छोटी सी कहानी
ReplyDelete◆~एक बार एक लड़का अपने
स्कूल की फीस भरने के लिए
एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे तक कुछ सामान बेचा
करता था,
◆~एक दिन उसका कोई
सामान नहीं बिका और उसे
बड़े जोर से भूख भी लग रही
थी.
◆~उसने तय किया कि अब
वह जिस भी दरवाजे पर
जायेगा,
उससे खाना मांग लेगा.
दरवाजा खटखटाते ही एक
लड़की ने दरवाजाखोला,
◆~जिसे देखकर वह घबरा
गया और बजाय खाने के
उसने पीने के लिए एक गिलास
पानी माँगा.
◆~लड़की ने भांप लिया था
कि वह भूखा है, इसलिए वह
एक बड़ा गिलास दूध का ले आई.
◆~लड़के ने धीरे-धीरे दूध पी
लिया. "कितने पैसे दूं.?
"लड़के ने पूछा."
पैसे किस बात के.? "लड़की
ने जवाव में कहा."
◆~माँ ने मुझे सिखाया है कि
जब भी किसी पर दया करो
तो उसके पैसे नहीं लेने चाहिए.
◆~तो फिर मैं आपको दिल
से धन्यबाद देता हूँ."
◆~जैसे ही उस लड़के ने वह
घर छोड़ा, उसे न केवल
शारीरिक तौर पर शक्ति मिल
चुकी थी,
◆~बल्कि उसका भगवान्
और आदमी पर भरोसा और
भी बढ़ गया था.
◆~सालों बाद वह लड़की
गंभीर रूप से बीमार पड़
गयी,
लोकल डॉक्टर ने उसे शहर
के बड़े अस्पताल में इलाज
के लिए भेज दिया.
◆~विशेषज्ञ डॉक्टर होवार्ड
केल्ली को मरीज देखने के
लिए बुलाया गया,
◆~जैसेही उसने लड़की के कस्वे का नाम सुना,
उसकी
आँखों में चमक आ गयी.
◆~वह एक दम सीट से उठा
और उस लड़की के कमरे में
गया. उसने उस लड़की को
देखा,
एकदम पहचान लिया
और तय कर लिया कि वह
उसकी जान बचाने के लिए
जमीन-आसमान एक कर देगा.
◆~उसकी मेहनत और लगन
रंग लायी और उस लड़की
कि जान बच गयी.
डॉक्टर ने अस्पताल के
ऑफिसमें जा कर उस
लड़की के इलाज का बिल लिया.
◆~उस बिल के कोने में एक
नोट लिखा और उसे उस
लड़की के पास भिजवा दिया.
◆~लड़की बिल का लिफाफा
देखकर घबरा गयी, क्योँकि
उसे मालूम था कि बीमारी
से तो वह बच गयी है
लेकिन बिल की रकम जरूर
उसकी जान ले लेगी.
◆~फिर भी उसने धीरे से
बिल खोला, रकम को देखा
और फिर अचानक उसकी
नज़र बिल के कोने में पेन से
लिखे नोट पर गयी,
◆~जहाँ लिखा था,"एक
गिलास दूध द्वारा इस बिल
का भुगतान किया जा चुका है.
नीचे डॉक्टर होवार्ड केल्ली
के हस्ताक्षर थे.
◆~ख़ुशी और अचम्भे से
उस लड़की के गालों पर
आंसू टपक पड़े उसने ऊपर
कि ओर दोनों हाथ उठा कर
कहा, "हे भगवान! आपका
बहुत-बहुत धन्यवाद".
आपका प्यार इंसानों के दिलों
और हाथों द्वारा न जाने
कहाँ- कहाँ फैल चुका है.
एक बार यु.पी. के रहने वाले एक बाप ने जेल में बंद
ReplyDeleteअपने बेटे को पत्र लिखा... " बेटा मुझे खेतो में आलू
बोने है लेकिन में बुड्डा हो गया हूँ इसलिए खेतो में
खुदाई नहीं करपा रहा हूँ..काश की तू
यहाँ होता तो हम मिलकर आलू बो देते...अब मुझे
अकेले ही पूरा खेत खोदना पड़ेगा.." बेटे ने वापस
पत्र लिखा -बापू तू पागल हो गया है क्या? तू खेत
मतखोदना वहा मेने हथियार छुपा रखे हैं...अगर तूने
खेत खोद दिए तो में बर्बाद हो जाऊंगा...लैटर भेजते
ही दुसरे दिन कई पुलिस वाले उस किसान के खेत पर
गए और हथियार ढूंढ़ने के लिए पूरा खेत खोद
डाला..लेकिन वहा उन्हें एकभी हथियार
नहीं मिला..बेटे ने वापस पत्र लिखा - बापू अब तू
खेत मेंआलू बो देना..मैं जेल से तेरी इतनी ही मदद
करसकता हूँ...
"भाई उत्तर प्रदेश का हूँ सेवा बाप
की नही करूंगा तो कैसे चलेगा"
: ईलाका कीसी का भी हो !!
पर धमाका हमारा ही होगा !!!
"तुमने" किया न "याद" कभी भूल कर हमे________
ReplyDelete"हमने" तुम्हारी याद मैं सब कुछ भुला दिया।
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteवाराणसी स्टाइल what apps chat :-
लड़का : का ए ?
लडकी : का ए ?
लडका : का हैरौ ए ?
लडकी : कछु ना ..भैसंन
की सानी कर री हूँ
लडका : खानौ खा लियौ?
लडकी : हओ .
लडका : का खायो ?
लडकी : तेरी मईया कौ सर.. अबे
रोटी और सब्जी खाई और का.
लडका : जादा ना खइयो मोटी है
जाएगी.
लडकी : तेरे बाप को खा रहीऊ का?
लडका : भाग यहाँ ते भाड मे जा.
लडकी : तू जा , निपूते, कुत्ता,
सत्यानासी , अब करियो मेसज ..भाई
ते कह के
तेरी टाट ना फुडबाई
तौ बोलियो.....
It's not a varanasi style...Mr.
DeleteTmn
एक शराबी झूमता हुआ घर की ओर जा रहा था कि अचानक रुक गया। उसके पीछे-पीछे दो लड़कियां किसी बात पर आपस में झगड़ते हुए चल रहीं थीं।
ReplyDeleteएक लड़की – “भगवान करे तेरी शादी इस शराबी से हो जाए … ”
दूसरी लड़की – “नहीं, भगवान करे तेरी हो जाए… ”
.
.
.
.
.
.
.
.
.
शराबी - “मैं रुकूं …. या जाऊं ?
!
ReplyDelete!
मुझे
!
तुम
!
मिल
!
गये
!
हमदम
!
सहारा
!
हो तो
!
ऐसा हो . . . . . . . . . . . !
!
!
!
जिधर
!
देखूं
!
उधर
!
तुम हो
!
नजारा
!
हो तो
!
ऐसा हो. . . . . . . . . . . . . !!
!
!
नज़रेँ ढूँढ रही हैँ बेतहाशा आपको,...
काश कि दुनिया मेँ तुम ही तुम होते....
GOOD NIGHT 98
!
ReplyDelete!
मुझे
!
तुम
!
मिल
!
गये
!
हमदम
!
सहारा
!
हो तो
!
ऐसा हो . . . . . . . . . . . !
!
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जिधर
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देखूं
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उधर
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तुम हो
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नजारा
!
हो तो
!
ऐसा हो. . . . . . . . . . . . . !!
!
!
मत पुछो कितनी मोहब्बत है मुझे तुमसे,
कभी सावन मेँ बारिश की बूँदो को गिन
सको तो समझ
जाना...
शुभ रात्रि..
ITS MATHURA VRANDAVAN STYLE...... I THINK SO.....
ReplyDeleteyes its bulandshaher style too....
ReplyDeleteye bharatpur(raj) style haai.......
ReplyDelete