कृषि निदेशालय में ठगों ने कराए थे इंटरव्यू
ठगी के शिकार कानपुर के सुधीर कुमार झा ने बयान में दी जानकारी
Forgery, Interview Corruption in India,
लखनऊ।
सचिवालय में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा करने के आरोपी कु़लदीप उर्फ भोलू व
हेमंत तिवारी ने कृषि निदेशालय के ऑफिस में इंटरव्यू कराए थे। ठगी के
शिकार कानपुर निवासी सुधीर कुमार झा ने पुलिस को अपने बयान में यह जानकारी
दी है। सुधीर ने बताया कि कुलदीप और हेमंत के साथ एक और व्यक्ति था, जिसे
उसने पहले नहीं देखा। पुलिस का मानना है कि यह तीसरा व्यक्ति सचिवालय का ही
कोई कर्मचारी हो सकता है। उसके बारे में पड़ताल की जा रही है।
सचिवालय
चौकी इंचार्ज एए अंसारी ने बताया कि सुधीर कुमार झा ने बीते शुक्रवार
राजधानी आकर अपने बयान दर्ज करा दिए हैं। अंसारी ने बताया कि इंदिरानगर के
सहारा ट्रेड सेंटर के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित तिवारी ट्रेडर्स नाम की
प्लेसमेंट एजेंसी ने सचिवालय में ग्रुप डी की भर्ती के लिए विज्ञापन दिया
था। इसी विज्ञापन को देखकर सुधीर और उसके साथी गौरव सक्सेना, देवानंद
मिश्रा, संदीप कुमार और ज्ञान प्रकाश दुबे ने करीब एक साल पहले हेमंत से
संपर्क किया था। सुधीर ने बताया कि कंपनी के ऑफिस में पारितोष त्रिपाठी,
इंद्रजीत सिंह, अजय पांडे सहित अन्य लोगों ने उनसे बातचीत की और शैक्षिक
दस्तावेज मंगाने के साथ ही अन्य औपचारिकताएं पूरी कराईं थीं। इसके बाद
उन्हें सचिवालय में इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। सुधीर ने पुलिस को बताया
कि सचिवालय पहुंचने पर वहां हेमंत तिवारी मिला। खुद को सचिवालयकर्मी बताते
हुए वह सभी अभ्यर्थियों को कृषि निदेशालय के ऑफिस ले गया। यहां उसे कुलदीप
और एक अन्य युवक मिला। सुधीर ने बताया कि कुलदीप और उसके साथ दूसरे युवक ने
इंटरव्यू लिया। इसके बाद सभी को नियुक्तिपत्र दे दिया गया। हालांकि, यह
नियुक्तिपत्र कृषि निदेशालय का था। सुधीर का कहना है कि उसने सचिवालय में
नौकरी की बात कही थी न कि कृषि निदेशालय में, इसलिए नियुक्तिपत्र लेने से
इन्कार कर दिया। इसके बाद हेमंत और कुलदीप ने 15 दिन में सचिवालय का
नियुक्तिपत्र देने की बात कहकर उन्हें वापस भेज दिया। सुधीर ने बताया कि
पंद्रह दिन बाद पांचों अभ्यर्थी फिर सचिवालय पहुंचे। इस बार उन्हें गेट
नंबर नौ पर बुलाया गया। कुछ देर बाद सचिवालय के स्वागताधिकारी का एक
कर्मचारी सबके लिए पास लेकर आया। इसके बाद भीतर जाकर सभी ने कुलदीप और
हेमंत से अपने नियुक्तिपत्र लिए।