LT Grade Teacher Recruitment UP : प्रशिक्षित स्नातक एल0टी0 ग्रेड के सहायक अध्यापक/अध्यापिका के रिक्त पदों हेतु विज्ञापन - वाराणसी मण्डल
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सुप्रभातम् दोस्तों !!
ReplyDeleteमरने से पहले रावण ने लक्ष्मण को बताई
ReplyDeleteथी ये 3 बातें --
--जिस समय रावण मरणासन्न अवस्था में
था,
उस समय श्रीराम ने लक्ष्मण से
कहा कि इस
संसार से नीति, राजनीति और
शक्ति का महान्पंडित विदा ले
रहा है, तुम
उसके पास जाओ और उससे
जीवन की कुछ ऐसी शिक्षा ले
लो जो और
कोई नहीं दे सकता।
श्रीराम की बात मानकर लक्ष्मण
मरणासन्न
अवस्था में पड़े रावण के सिर के
नजदीक जाकर खड़े हो गए। रावण ने कुछ
नहीं कहा।
लक्ष्मणजी वापस रामजी के पास
लौटकर आए।
तब भगवान ने कहा कि यदि किसी से
ज्ञान
प्राप्त करना हो तो उसके चरणों के
पास
खड़े होना चाहिए न कि सिर की ओर।
यह बात सुनकर लक्ष्मण जाकर इस रावण के
पैरों की ओर खड़े हो गए।
उस समय महापंडित रावण ने लक्ष्मण
को तीन
बातें बताई जो जीवन में
सफलता की कुंजी है।
1- पहली बात जो रावण ने लक्ष्मण
को बताई
वह ये थी कि शुभ कार्य
जितनी जल्दी हो कर डालना और अशुभ
को जितना टाल सकते हो टाल
देना चाहिए
यानी शुभस्य शीघ्रम्। मैं श्रीराम
को पहचान नहीं सका और उनकी शरण में
आने
में देरी कर दी, इसी कारण मेरी यह
हालत हुई।
2- दूसरी बात यह कि अपने
प्रतिद्वंद्वी,
अपने शत्रु को कभी अपने
से छोटा नहीं समझना चाहिए, मैं यह भूल
कर
गया | मैंने जिन्हें साधारण वानर और
भालू
समझा उन्होंने मेरी पूरी सेना को नष्ट
कर
दिया | मैंने जब ब्रह्माजी से
अमरता का वरदान मांगा था तब मनुष्य
और
वानर के अतिरिक्त कोई मेरा वध न कर
सके
ऐसा कहा था क्योंकि मैं मनुष्य और
वानर
को तुच्छ समझता था। मेरे से गलती हुई।
3- रावण ने लक्ष्मण को तीसरी और
अंतिम
बात ये बताई कि अपने जीवन का कोई
राज
हो तो उसे
किसी को भी नहीं बताना चाहिए।
यहां भी मैं चूक गया क्योंकि विभीषण
मेरी मृत्यु का राज जानता था। ये मेरे
जीवन की सबसे बड़ी गलती थी...
कुछ एक जिलों ने काऊन्सलिंग उपरांत कैटेगरी वाइज अपना डाटा आनलाइन किया है ।
ReplyDeleteइन डाटा और समाचार पत्रो का अवलोकन करने पर एक बात तो 100% निश्चित है कि हर एक जिले मे पुरुष/विज्ञान/अनारक्षित की 20 से 25% (या इससे ज्यादा भी ) सीटें अभी भी खाली है ।
अतः पुरुष विज्ञान अनारक्षित वाले, जिन्होंने काऊन्सलिंग करा लिया है वे सब के सब सुरक्षित हैं ।
एक मोटा अनुमान
ReplyDeleteप्राइमरी अद्ध्यापक 72825 के सन्दर्भ में =>
रिक्तियों की संख्या - 72825
10% शिक्षा मित्रों (7283) को हटाने के बाद बची सीटें - 65542
65542 में आधी आधी सीट पुरुष एवं महिला
पुरुष - 32771
महिला - 32771
पुरुष में आधे (16385) कला वर्ग एवं आधे (16385) विज्ञान वर्ग
अब कला वर्ग में 50% आरक्षण के बाद बची सीटें - 8192
सामान्य कला पुरुष - 8192
सामान्य विज्ञानं पुरुष - 8192
सामान्य कला महिला - 8192
सामान्य विज्ञानं महिला - 8192
लगभग सीटें
प्रश्न यह है की जब पौने तीन लाख अभयर्थियों ने टेट परीक्षा पास की है तो क्या पूरे उत्तर प्रदेश में हर वर्ग में 5000 भी ऐसे लोग नहीं होंगे जो अपने वर्ग के आधार पे ऊँची मेरिट रखते हो l
मेरी कितनी नीचे जाएगी आप खुद आकलन कर सकते है
"मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ। और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो॥'' (
ReplyDelete____________________________________________________________ कुलुस्सियों 3:16-17 )
क्या भारत का सिस्टम आम
ReplyDeleteजनता को धोखा देता है...???
आप खुद देखिये....
1- नेता चाहे तो 2 सीट से एक साथ चुनाव
लड़ सकता है !!
लेकिन....
आप दो जगहों पर वोट नहीं डाल सकते,
2-आप जेल मे बंद हो तो वोट नहीं डाल
सकते..
Lekin....
नेता जेल मे रहते हुए चुनाव लड
सकता है.
3-आप कभी जेल गये थे,
तो
अब आपको जिंदगी भर कोई सरकारी
नौकरी नहीं मिलेगी,
Lekin....
नेता चाहे जितनी बार भी हत्या
या बलात्कार के मामले मे जेल
गया हो, वो प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति
जो चाहे बन सकता है,
4-बैंक में मामूली नौकरी पाने के लिये
आपका ग्रेजुएट होना जरूरी है..
Lekin.....
नेता अंगूठा छाप हो तो भी भारत
का फायनेन्स मिनिस्टर बन सकता है.
5-आपको सेना में एक मामूली
सिपाही की नौकरी पाने के लिये
डिग्री के साथ 10 किलोमीटेर दौड़ कर
भी दिखाना होगा,
लेकिन....
नेता यदि अनपढ़-गंवार
और
लूला-लंगड़ा है तो भी वह आर्मी,
नेवी
और ऐयर फोर्स का चीफ
यानि
डिफेन्स मिनिस्टर बन सकता है
और
जिसके पूरे खानदान में आज तक
कोई स्कूल नहीं गया.. वो नेता
देश का शिक्षा मंत्री बन सकता है
और
जिस नेता पर हजारों केस चल
रहे हों..
वो नेता पुलिस डिपार्टमेंट
का चीफ यानि कि गृह मंत्री बन सकता है.
LAST MEIN.........
agar mujhe ye pahle se pata hota ki jail me rahne se jail mantri bana ja sakta hai to main kabka ban chuka hota....
सारा कुछ लिखना चाहूँ तो लाखों
पेज भर जायेंगे....
यदि
आपको लगता है की इस सिस्टम
को बदल देना चाहिये..
नेता और जनता, दोनो के लिये
एक ही कानून होना चाहिये..
तो
मैं लडा ,
ReplyDeleteखुब लडा ,
कोर्ट में लडा ,
घर में लडा ,
पडोसियों से लडा ,
रिस्तेदारों से लडा ,
अपनो से लडा ,
पुलिस से लडा ,
गिरफ्तारी दी ,
पर जीता मै ही ,
जीती मेरी जिद ,
जीता मेरा जूनून
जीती मेरी भर्ती ,
मेरी टेट मेरीट............
Which sentence is right?
ReplyDelete(1) I know god is great.
(2) I know the god is great.
(3) I know THE GOD is great.
(4) I know The God is great.
(5) I know God is great.
हिमाँशु राणा जी को मैँ सिर्फ इतना सुझाव दे सकता हूँ कि वर्तमान परिपेक्ष्य मेँ यदि आपने आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे को उठाया तो इसमेँ दो राय नहीँ कि आपकी परछाईँ भी आपका साथ छोड़ दे ।
ReplyDeleteअत: कोई भी कदम उठाइये तो परिणाम का आकलन करके ।
अब तक प्रदेश में 72,825प्राथमिक शिक्षको की भर्ती हेतु दो चरण की काउंसलिंग पूरी हो चुकी है और परिणाम भी आना प्रारंभ हो गये है। प्रारम से इस भर्ती को पूर्ण कराने का अथक प्रयास करने वाले हमारे कई साथी आज भी डाइट तक नही पहुंचे है और कई साथियों की उम्मीद भी धूमिल होने लगी है। जो वास्तविक अधिकारी है इस भर्ती के, जो वास्तव में सभी तरह से योग्य व पात्र है उन्हें सपा सरकार की कुटिल रणनीति के कारण निराश होना पड़ रहा है। वही इस कठिन परिस्तिथि में बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि टेट संघर्ष मोर्चा,उत्तर प्रदेश का शीर्ष नेतृत्व केबल अपने हक तक सीमित हो गया है।
ReplyDeleteकाउंसलिंग करा चुके मोर्चा के नेता/सामान्य अभ्यर्थी/फर्जी दामादों को अब नियुक्ति की चिंता है ना कि भर्ती के सकुशल तथा साफ-सुथरी पूर्ण होने की।
वास्तव में टेट संघर्ष मोर्चा का उदय ही स्वार्थ वश हुआ था लेकिन उद्देश्य अच्छा, संवैधानिक, नीति पूर्ण और सत्य का था इसलिए पूर्ण भी हुआ लेकिन आज भी हम वास्तविक उद्देश्य से कोषों दूर है और इस बार फिर आपको उठ खड़ा होना है। अपने अधिकार की लड़ाई कभी किसी नेता के भरोशे नही लड़ी जाती इसलिए उठिए अभी समय है।
ReplyDeleteअब मुद्दों की बात :-
ReplyDelete●काउंसलिंग में फर्जीवडा
आप सभी से निवेदन है कि हर डाइट पर कम से कम 5-5 साथियों की टीम बना लीजिये और RTI के तहत दूसरी काउंसलिंग में चयनित आवेदकों का डाटा प्राप्त कीजिये। बाकी ये सब कैसे करना है अगली पोस्ट में पूरा विधवत बताऊंगा।
●रिसफ्लिंग के माध्यम से अनारक्षित वर्ग का शोषण
जातिगत आरक्षण या अन्य किसी भी तरह का आरक्षण तथा रिसफ्लिंग भारत के संविधान में लिखित है और दुर्भाग्य से कानून भी है। जिसके विरुद्ध हम इस भर्ती में नही है लेकिन जिस तरह इस कानून का दुर्प्रयोग इस भर्ती में अनारक्षित वर्ग को ठगने के लिए हो रहा है में उसका विरोधी हूँ
पोस्ट बहुत लम्बी हो रही है इसलिए अगली पोस्ट में सभी जानकारी विस्तृत रूप में देने का प्रयाश करूंगा।
धन्यबाद
जय हिन्द जय टेट जय भारत
!! सत्यमेव जयते सर्वदा !!
साथियो द्वतीय चरण की काउंसिलिंग 22-30 सितम्बर की अवधि में निर्विघ्न रूप से संपन्न हुई, किन्तु resuffling को लेकर विवाद की परछाई भी छोड़ गई. किन्तु साथियो एक बात स्पष्ट है कि टी०ई०टी० संघर्ष मोर्चा का गठन टी०ई०टी० मेरिट एवं धांधली को रोकने के लिए ही हुआ था, और हम अपने लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर हैं. टी०ई०टी० संघर्ष मोर्चा का एक ही धर्म व् एक ही जाति है वो है टी०ई०टी० मेरिट,,,,, resuffling के विवाद में किसी टी०ई०टी० संघर्ष मोर्चा के योद्धा को न घसीटें तो ही उचित होगा.... हाँ ये भी सही है कि किसी को लगता है, उसके साथ अन्याय हो रहा है तो उसका सम्बिधानिक अधिकार है कि उपयुक्त मंच पर अपनी समस्या को उठाये और न्याय की मांग करे.
ReplyDeleteकई-एक जनपदों से फर्जी अभ्यर्थी भी पकडे गए एवं धांधली की ख़बरें भी आई. किन्तु काउंसिलिंग करा चुके अभ्यर्थियों का डाटा SCERT से फ़िल्टर होने के बाद सभी फर्जी अभ्यर्थी बाहर हो जायेंगे, ऐसा पूरा विश्वास है.
अगली काउंसिलिंग दीवाली के बाद अनुमानित है. अगली काउंसिलिंग के पहले दो मुख्य बातों पर टी०ई०टी० संघर्ष मोर्चा को काम करने की जरुरत है......
ReplyDelete1. 08/10/2014 को कंटेम्प्ट की डेट लगी है जिसकी समुचित तैयारी एवं पैरवी कि जाये जिससे द्वतीय काउंसिलिंग कानूनी रूप से वैध हो सके.
2. तीसरी काउंसिलिंग से पहले सुनाश्चित किया जाये कि जो अभ्यर्थी जूनियर में काउंसिलिंग करा चुका है वो किसी भी प्रकार ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स ने बिना काउंसिलिंग में प्रतिभाग न करने पाए जिससे टी०ई०टी० संघर्ष मोर्चा के लिए अधिकाधिक योगदान देने वाले साथियों को लाभ मिल सके.
धन्यवाद,
जय हिन्द, जय टी०ई०टी०.
जब तक मानवता खुद पर शर्मिंदा है,
ReplyDeleteसमझ लो क़ि रावण अभी जिन्दा है।
1. तिरुअनन्तपुरम का पुराना नाम
ReplyDeleteक्या है ?
उत्तर: त्रिवेंद्रम
2. न्यूफाउंडलैंड में कौनसी दो जल
धाराएं मिलती हैं ?
उत्तर: लेब्रोडोर (ठंडी जल धारा)
तथा गल्फस्ट्रीम (गर्म जल धारा)
3. सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग
(NH-7) कहाँ से कहाँ तक है ?
उत्तर: वाराणसी से कन्याकुमारी तक
(2369 किमी)
4. कराकोरम राजमार्ग किन
दो देशों को जोड़ता है ?
उत्तर: पाकिस्तान और चीन को
5. साराजेवो किसकी राजधानी है ?
उत्तर: बोसनिया व हर्जेगोविना की
6. क्रिकेट खेल के लिये चर्चित शारजाह
कहाँ है ?
उत्तर: संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
7. युर्ट किस प्रजाति का घर है ?
उत्तर: खिरगीज का
8. क्यूराइल द्वीपों को लेकर किन
दो देशों के बीच विवाद है ?
उत्तर: रूस और जापान में
9. पूर्व सोवियत संघ के किस नगर
का नाम पुनः सेन्ट पीटर्सबर्ग
रखा गया है ?
उत्तर: लेनिग्राड का
72825 शिक्षक भर्ती का प्रारम्भ ही लगता है स्थापित मान्यताओं और मानदण्डो के टुटने के लिए हुआ....एक से बढ कर एक फैसले और बहस इस तथ्य को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त हैं..
ReplyDelete.
अब आने वाले वक्त में भी ऐसा लगता है कि कुछ और ऐतिहासिक फैसले आ सकते है मसलन रिशफलिंग के मुद्दे...
.
नियुक्ति को लेकर बहुत से दोस्त प्रश्न कर रहें हैं तो उनको बता दूँ सरकार अभी इस मामले में गम्भीर नही हैं साथ ही साथ इस मामले में संगठन ने अभी तक कोई एप्रोच नही किया..
संगठन फर्जी लोगो को बाहर करने के लिए टेट अंक पत्र के वेरिफिकेशन के पश्चात ही कुछ रणनीति बना पायेगा..वैसे मेरा पर्सनल व्यू था कि वेरिफिकेशन के बाद नियुक्ति पत्र हम सभी के लिए अच्छा कदम था और यह हमारे दावे को और मजबुती प्रदान करता...सोचिए अगर यह जरुरी नही होता तो SM को रात के 12 बजे क्यो देने की आवश्यकता पड गयी..
.
मेरिट के बारे मे भी कुछ प्रश्न है तो इतना तय है कि समान रुप से सीटे भरी नही और अभी तक लोगों ने सेफ्टी और कनेक्टिविटी को ही सर्वोपरि रखा है पर तीसरे चक्र में अब लोग नौकरी को महत्तव देंगे....
तीसरे चक्र के बाद शोर कुछ थमता सा दिख सकता है..
मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी,
ReplyDeleteयूँ तो कहने को यहां इंसान बहुत है,
वक्त पे ना पहचाने कोई अलग बात है,
वैसे तो शहर में अपनी पहचान बहुत है,
Mere sabhi mitro ne apni counceling karva li hai.Jo kabhi na to tet morche ko aarthhik sahyog kiya na hi kabhi aandolan mein Lucknow gaye. (Kewal mere mitra Shailendra Singh ko chhodkar ).mughe lagta hai kii is tet ke liye 100se117ank vaalo ka yogdaan sabse adhik raha hai... .
ReplyDeleteMere sabhi mitro ne apni counceling karva li hai.Jo kabhi na to tet morche ko aarthhik sahyog kiya na hi kabhi aandolan mein Lucknow gaye. (Kewal mere mitra Vipin kumar (99) ko chhodkar ).mughe lagta hai kii is tet ke liye 100se117ank vaalo ka yogdaan sabse adhik raha hai... .
कल पहली बार मुझे अपनी गरीबी का एहसास हुआ,,,,
ReplyDeleteजब बच्चोँ ने कहा, चाचू आज मेला है !!!
मित्रो prt भर्ती में इस समय बहुत से मुद्दों पर घमासान मचा हुआ है । ये होना ही था जब पिछले 3 साल से कुछ लोग prt में अपनी सीट फिक्स समझ रहे थे अब उन्हें अपनी कुर्सी हिलती नज़र आ रही है । इसलिए अब ऐसे लोगो को हर चीज में कमी नज़र आ रही है ।
ReplyDeleteमित्रो कुछ मुद्दे जो इस समय उठाये जा रहे है उनको मै अपनी समझ के अनुसार क्लियर कर रहा हूँ जिससे जो समझना चाहते है वो समझ जाये और जो समझना ही नहीं चाहते वो हल्ला मचाते रहे ।
कई मुद्दों को क्लियर कर रहा हूँ इसलिए पोस्ट लम्बी हो गयी है इसलिए थोडा धैर्य से पढ़ें --
ReplyDelete1-रिस्फ्लिंग का मुद्दा सबसे अहम है । इसमें जो कुछ भी कहा जा रहा है उसमे से कुछ मुद्दे सही है जैसे किसी व्यक्ति को कितने स्तरों पर आरक्षण मिले । लेकिन इसका प्रचार बहुत ही गलत तरह से किया जा रहा और टीइटी मोर्चे को सवर्ण और अन्य जातियों में बाटने का गंदा प्रयास किया जा रहा है । संविधान के अनुसार आरक्षण जिसे मिला हुआ है उससे कोई कोर्ट छीन नहीं सकती । अगर कही गलत हो रहा है और सरकार कोई अस्म्वैधानिक कार्य कर रही है तो उसके लिए कोर्ट जरुर जाईये लेकिन अपनी स्वार्थ पूर्ती के लिए टेट मोर्चे को बाटने का गन्दा प्रयास न किया जाय ।
2-दूसरा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है टेट काउंसलिंग में धाधली का । मै सिर्फ ये कहूँगा प्रदेश में काउंसलिंग कितने लोग करवा रहे है सिर्फ इसको देखकर बवाल न मचाये । प्रथम काउंसलिंग में पेपर में न्यूज़ आई लगभग 7000 लोगो ने काउंसलिंग करवाई उसके बाद डाइट्स ने लगभग 5400 लोगो की लिस्ट scrt भेजी लेकिन उसमे से scrt ने सिर्फ 4500 लोगो को ही सही पाया । अब जो लोग धाधली चिल्ला रहे है वो पूरे प्रदेश से scrt पर इकठ्ठा हो और उन 4500 लोगो की लिस्ट की मांग करे और उसमे से अवैध लोग पाए जाते है तो ऐसे लोग धाधली के आरोप और सुबूत लेकर कोर्ट जरुर जाये । यही काम वो दूसरी काउंसलिंग के लिए भी कर सकते है । उसके लिए scrt से फाइनल डाटा आने का बस इंतजार कर ले । फालतू में केवल धाधली धाधली न चिल्लाये और अनावश्यक टेट मोर्चे को दोष न दे । अगर रियल में इतने लोग सही काउंसलिंग करवा रहे है तो इसमें टेट नेता या कोई दूसरा क्या कर सकता है ।
ReplyDeleteकाउंसलिंग में किसी को इस आधार पर नहीं रोका जा सकता की उसने टेट की लडाई नहीं लड़ी है । और यही बात टेट की लड़ाई लड़ने वालो पर भी लागू होती है की उन्होंने टेट की लड़ाई लड़ी है इसलिए इस भर्ती में उनका सेलेक्सन अनिवार्य है , ऐसा कोई संविधान नहीं बना है वरना जो लोग आज काउंसलिंग में प्रकट हुए है वो हर आन्दोलन में भी नजर आते ।
3- रैंक जारी ना करने को लेकर भी कुछ लोग धाधली बता रहे है जबकि रैंक जारी ना करने का मुख्य कारण है की समय कम होने के कारन डाइट स्तर पर लिए गये प्रत्यावेदनो का निस्तरण नहीं किया गया जिसके कारण रैंक जारी नहीं की जा सकती ।जितने गुना लोगो की काउंसलिंग करवानी होती है उन सभी लोगो का डाटा पहले nic टेट अंक के आधार पर तैयार कर लेता है और डाइट से मिले फीडिंग में मर्ज कर देता है उसके बाद उसे डाइट को चेक करने के लिए भेज देता है उसके बाद डाइट से रिपोर्ट मिलने के बाद लिस्ट फाइनल करके मेरिट निकाल दी जाती है । पहली counc में nic ने डाटा सीधे जारी कर दिया था इसलिए उसमे जादा कमिया थी लेकिन दूसरी counc में डाटा को पहले डाइट से चेक करवाया गया है उसके बाद मेरिट जारी हुई है । इसी कारन केवल जिनका ओरिजिनल फीडिंग नहीं हुआ था उसको छोड़ बाकी सभी का डाटा लगभग सही था अगर उनका टेट रिकॉर्ड सही है तो ।
ReplyDelete4-कुछ लोग टेट रिजल्ट ऑनलाइन ना करने को भी धाधली बता रहे है जबकि सच उनको भी पता है कि जिनको भी counc के लिए बुलाया गया है उनका डाटा बिलकुल उनकी मार्कशीट से मिल रहा है । अगर ऐसा न होता तो अब तक तूफ़ान आ चुका होता ।
ReplyDeleteदूसरी बात टेट रिजल्ट को ऑनलाइन किया जाए जबकि अभी उसकी जांच भी चल ही रही है । फिर भी अगर किसी को लगता है कि टेट का जो डाटा scrt ने जारी किया है वो गलत है तो तुरंत कोर्ट जाये क्योकि पिछले 3 साल से यही तो सबसे बड़ा मुद्दा है और कपिला से जरुर हाथ मिला ले क्योकि वो तो इसकी ताक में बैठा है की कहा धाधली मिल जाये ।
फिर भी अनआफ़िसियलि टेट मोर्चे के पास टेट का रिजल्ट है जिसमे से वो सभी के टेट मार्क चेक कर रहा है हर जिले में फिर ऐसे में इस मुद्दे में कोई दम ही नहीं है ।
5- अब एक खरी बात कहूँगा जो सायद कुछ लोगो को बहुत ख़राब लगेगी । जो लोग भी टेट मेरिट की लडाई लड़े है वो अपने स्वार्थ के लिए ही लड़े है इसमें उन्होंने दूसरो पर कोई एहसान नहीं किया है । ऐसे लोग अच्छी तरह जानते थे की उनका चयन अकेडमिक से भी किसी हाल में नहीं होना है । टेट मेरिट निश्चित रूप से थोड़ी हाई जरुर है लेकिन जिनका नम्बर टेट में जनरल 100 के आस पास है और वो अपने को टेट भर्ती का हकदार समझ रहे थे तो उन्हें ये बात समझना चाहिए की ये सिर्फ उनकी गलत फहमी थी क्योकि जब कपिला का 92 नम्बर है टेट में और obc होकर भी वो इसके विरोध में था तो जनरल के लोग100 नम्बर या इसके आस पास पाकर अपने को भर्ती में कैसे अंदर समझ रहे थे । एक बात ये भी रही की पुरुष वर्ग को महिला आरक्षण के कारन भी कम से कम 5 अंक का नुकसान जरुर हुआ जिसका अंदाज़ा किसी को नहीं था । वरना टेट मेरिट सामन्य की जरुर 105 के आस पास आ जाती । फ़िलहाल मेरा इरादा किसी को ठेस पहुचाने का नहीं है।और मै भी चाहता हूँ की सभी को जाब मिल जाये क्योकि आज के समय में कोई ये नहीं कह सकता की किसी को जॉब की जादा जरुरत है और किसी को कम । मित्रो जॉब तो 2.5 लाख लोगो में से 72 हजार को ही मिलनी है चाहे अकेडमिक से हो या टीइटी से । बाकी का दिल टूटना ही है । अब ये किसके भाग्य में है ये तो ऊपर वाला ही जानता है ।
ReplyDeleteधन्यवाद
मित्रो मैंने पहले ही बोला है की ये पोस्ट उन्ही के लिए है जो समझना चाहते है । बाकि लोग धाधली धाधली चिल्लाते रहे । मै पोस्ट में भी कह चूका हूँ और एक बार फिर कह रहा हूँ जिसके पास एक भी सुबूत मिले धाधली के वो कोर्ट तुरंत जाए या फिर कपिला से हाथ मिला ले । वो इसी ताक में बैठा है की कहा धाधली मिल जाये जिससे इस भर्ती प्रक्रिया को तुरंत रोका जा सके ।
ReplyDeleteजो लोग प्रथम काउंसलिंग में बाहर हुए है उनमे से जरुरी नहीं की प्रत्येक ने धाधली की हो या फर्जी मार्कशीट लगायी हो । उसमे से सबके साथ कुछ न कुछ कारण जरुर होगा । फिर भी अगर कुछ लोगो ने फर्जी मार्कशीट लगाकर काउंसलिंग करवाई थी तो उन पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई इसके लिए चिल्लाने वाले लोग खुद क्यों नहीं scrt से इस बात का जवाब मांगते । इसमें कुछ नेताओ को दोष क्यों देते हो भाई । क्या उन्हें सरकार ने नेता बनाया है या इस कार्य के लिए उन्हें कुछ स्पेसल पावर मिली है । वो भी आप ही की तरह भर्ती के सिर्फ एक पात्र है । इससे जादा उन्हें कोई पावर नहीं है । इसलिए किसी दुसरे पर आरोप लगाने के बजाय खुद आगे आईये तब पता चलेगा सरकारी विभागों में कितनी सुनवाई होती है ।
ReplyDeleteअकेडमिक वालो की तो जान निकाल ही रही है इसलिए वो तो ऐसे कमेन्ट करते है जैसे आज ही युद्ध का ऐलान हो गया है और वो किसी को जिन्दा नहीं छोड़ने वाले । जब की अकेडमिक से जादा धाधली तो कही होती ही नहीं है । लेकिन उससे जिसका हो जायेगा उसे धाधली कहा दिखाई पड़ेगी ।
ReplyDeleteSahi kaha sir jrt live example hai
Delete1) 2nd counseling ki smapti ke bad kitni seat bhari hai iska kisi ke pas athentic akada nahi..na hi jholachhap newspaper walo k pas na hi kisi aur ke pas..
ReplyDeletejb tk har diet ka data scert nai pahuchega aur waha cross cheking me farji logo ko nai nikala jayega tb tak actuval status pta nai chal payega,
2) dosto kisi v gadhe types ke logo dwara bina kisi tark ke failaye ja rahe afwah ko dhyan na de..avi v 50% ya usase ku6 kam ya ku6 jyada seat bharne ka anuman hai..lekin avi sahi sthiti bad me pta chalega..
ReplyDelete3) dosto jaisa ki scert ne 4 october tak har diet ko byora bhejne ko kaha hai par diet wale itne active nahi hai jo scert k aadesh ko man le ,
ReplyDeletedata bhejne me diet wale late latifi ye pakka hai..fir v agar ye 2 din bad v bhejte hai tb v 7 october ko scert khulega aur us din hmari lko team ko nideshak ji ne bulaya hai..tb kitni seat bhari iska byora mil jayega..
4) dosto ku6 diet walo ki mili bhagat se dhandhli jarur hone ka andesha hai magar wo farjiwada krne wale log scert aur n.i.c dwara pakad liye jayege ,so do'nt worry..
ReplyDelete5) dosto sikshamitro ,ex. Sarvice man aur freedome fi8ter ki kul milakar 8000+ seat ko 3rd counseling me add krane ke liye hamari lko team nideshak ji se kahege taki 3rd counseling me low merit walo ka fayda ho ..
ReplyDeleteSir plz reply lakhimpur 2nd counselling Ki selected list ka link kya hai
ReplyDelete6) dosto scert k manoj sir ke anusar agar 2nd counseling me 50% seat bhar gyi hogi to ye hamare liye ek bdi uplabdhi hogi..waise unke anusar 50% seat ya usase kam hi seat bharne ka anuman lgaya ja rha hai..ku6 8 ya 10 dist. Me jyada gahma gahmi ka ye mtlb nai ki har dist. Me yahi sthiti hai..atah aap log dhairy bnaye rakhe..merit avi aur low jayegi..
ReplyDelete7) dosto jaisa ki suprime court me contempt ki date 8 octuber lg gyi hai..ab gov. Ko jb s.c ki taraf se avmanna ki notice milegi tb ye aur jaldi krege aur jald sbko niyukti patra v dene lgege..
ReplyDelete8) 7 october ko lko team scert jayegi aur nideshak ji se milege agar apki koi smasya ho to unke sath jaaye aur apni baat rakhen ...
ReplyDeleteThanx
bye................
Shurbhi ........G
ReplyDeletemai jada sawl jawaaab me nahi padta hun pahle aap oopar ki post ko dhyaan se padhen shayad aapko apka jawab bhi mil jaaye.....
agar jawab na mile to fir wait karna hi sahi tareea hai..
THANKS & SORRY
एक्स सर्विसमैन और विशेष आरक्षण की सीटे भी ओपन हो इनको पता नहीं क्यों सभी वर्गों से काटकर मेरिट बनायीं जा रही है जबकि इसको काटना नहीं चाहिए बल्कि उनके आने पर उनको दी जानी चाहिए यह सामानांतर रिजर्वेशन में आती है इनको वेर्टिकाली काटा गया है जो की गलत है
ReplyDeleteQyunki mujhe bhi intjaar hai list ka...
ReplyDeleteमैंने दिया है, मुझे पाना है - यह भाव दुःख का रास्ता हैI
मैंने पाया है, मुझे देना है - यह भाव सुख का रास्ता है
____________________SHRI SHRI RAVISHANKAR
देख रहा हूँ कि कुछ लोग आज कल लॉ मेरिट के मसीहा बनकर अपना हित साधने में लगे है तो मेरा उनसे सिर्फ एक सवाल है कि क्या सामान्य वर्ग में ही लॉ मेरिट है ? क्या अन्य पिछड़ा वर्ग ,अनुसूचित जाति,अनुसूचित जन जाति में लॉ मेरिट वाले नहीं है ? अगर आप इतने ही बड़े इन्साफ पसंद और हक़ की लड़ाई लड़ने वाले हैं तो सभी लॉ मेरिट वालो के लिए लड़ो और इस लड़ाई में कोई तुम्हारा साथ दे या न दे ,मैं अवश्य दूंगा और फिर तुम्हें पुरे प्रदेश से चंदा मांगने की भी ज़रुरत नहीं पड़ेगी क्योंकि मैं अपनी और दूसरों की लड़ाई केवल अपने दम पर लड़ने की ताक़त रखता हूँ और अगर तुम ऐसा नहीं कर सकते तो टेट के रणछोड़ नेताओ की भांति स्वहित की लड़ाई को ,औरों के हक़ की लड़ाई कहने का ढोंग बंद करो दो |
ReplyDeleteजैसा कि आपने अब तक देखा होगा कि सरकार आपके नेताओ की हर नाज़ायज़ मांग तो मान लेती है लेकिन भर्ती में पारदर्शिता आये ऐसी किसी मांग को अस्वीकार कर देती है ,ऐसा क्यों ,क्योंकि वो चाहती है कि एक दिन इस भर्ती के रक्षक ही इसके भक्षक बन जाएँ |
ReplyDeleteआज आप कितना भी चिल्ला लें कि टेट का परिणाम ऑनलाइन होना चाहिए ,अयोग्य बहार होने चाहिए ,धांधली नहीं होनी चाहिए लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा क्योंकि अगर ये होना होता तो इस भर्ती की शुरुवात से ही हो गया होता | अभी मात्र काउंसलिंग हो रही है वास्तविक काम तो अभी होना बाकी है ,सरकारी नौकरी कोई खैरात नहीं जो ऐसे ही किसी को दे दी जाए |सरकार जैसे चाहती है उसे करने दो क्योंकि अभी गेंद उसके पाले में है ,भर्ती का असली चेहरा केवल माननीय सुप्रीम कोर्ट ही तय करेगा लेकिन उससे पहले ७२८२५ की काउंसलिंग की प्रक्रिया तो पूरी तो हो |
ReplyDeleteनेताओ पर लांछन लगाने का वक़्त बीत गया उन्हें जो चाहिए था उन्हें मिल चूका , आज आप सब उनके लिए उस चूसे हुए आम की तरह हो जिसमें अब चूसने के लिए कुछ नहीं ,कुछ भी नहीं !!!!!!
तीसरी काउंसिलिंग के पहले किसी भी दशा में रैंक जारी होना आवश्यक है अन्यथा पारदर्शिता के अभाव में भर्ती का भविष्य असुरक्षित है । एक-एक सीट का हिसाब आवश्यक है । वरना लोग मजबूरन कोर्ट की शरण लेंगे फिर डेट डेट का खेल चालू ।।
ReplyDeleteये अति गंभीर मामला है जिसको समय रहते दूर किया जाना नितांत आवश्यक है वरना सरकार तो यही चाहती है कि लडके कोर्ट जाएँ और धांधली सिद्ध कर के जाने अनजाने भर्ती को ही रद्द कराएं ।
टेट के अग्रिम बन्धु जितनी जल्दी इस बात को समझ लें उतना ही अच्छा ।। अत्यंत गंभीर विषय है ये । कहीं जाने अनजाने सरकार के मनसूबे कामयाब तो नही हो रहे ??
गम्भीरता से मंथन करें तटस्थ भाव से ।।
टेट नेताओं के अनुसार 1st काउंसिलिंग में SCERT द्वारा 800+ फर्जी लोग पकड़े गए, FIR क्यों नहीं हुयी, किसी भी समाचार पत्र में प्रकाशित क्यों नहीं हुआ। 2nd काउंसिलिंग में मेरिट ने अपनी उच्च पूर्णता का प्रदर्शन करते हुये टेट नेताओं की मौन स्वीकृति से प्रत्यावेदन की आड़ में हुये फर्जीवाड़े को प्रकट कर दिया है। सोशल और प्रिंट मीडिया ने सिद्ध कर दिया है कि फर्जीवाड़ा युद्धस्तर पर हुआ है, फिर भी टेट नेताओं के मौन व्रत नहीं टूट रहे हैं। टेट नेताओं के स्वार्थीपन, गैरजिम्मेदार और लचीले रवैये के कारण ही कम मेरिट वाले भाई-भन्धु कोर्ट जाने को विवश हो रहे हैं
ReplyDeleteDosto-
ReplyDeleteकाश 72825 चयन का आधार टेट मेरिट के बजाय टेट संघर्ष होता ।
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Bhai is councelling se to achchhe vo sangharsha ke din the kam se kam apne bhaiyo ka saath to tha.Aaj dil ro uthata hai jab koi bhai badi besabri se puchhata hai ki sir tet me 103 gen art hai kya chance hai ??? Hamara kahi ho jayega ??? Kya jabab du unhe .Pichhale teen saal se ghar baar chhodkar lucknow ki sadko par laathi dande khate ghume aaj jab laabh ki bari aayi to vo haramkhor barsaati medhak nikalkar councelling kara liye jine na Tet morche se matlab aur na tet fighters se. ,,,,,,Morche se hamara nivedan hai ki hame hamare in bhaiyo ke liye sochna padega varna ye job hame jeevan bhar kachotegi.
घुसपैठियो पर हो एफ.आई.आर. Bhai 72825 bharti me kuchh dakait sakriy ho gaye hai jo hamesha apni dulat aur shohrat ke dam par gareeb majlumo ke haq par daka dalte rahe hai.Ye kameene adhiktar tet fail hai aur farzi marksheet ke dam par job chahte hai.,,,,,Ham tet morche se kahna chahte hai ki bharti ho ya na ho par inhe jail bhejne ka prabandh kare.
ReplyDeleteमित्रो,
ReplyDelete72825 की काउन्सिलिंग का द्वितीय चरण समाप्त हो चुका है, जिनकी काउन्सिलिंग हो चुकी है, उनको ज्वाइनिंग लेटर की चिंता है और जो अभी लाइन मे है, उनको तृतीय काउन्सिलिंग का इन्तजार है ।
आपको बताते चले कि अक्टूबर माह मे प्रदेश की सभी डायट्स द्वारा काउन्सिलिंग करा चुके अभ्यर्थियो का डाटा एक विशेष फार्मेट मे एस.सी.ई.आर.टी. मे पहुचेगा, उसके आधार पर ही फर्जी कन्डीडेट्स बाहर होगे और सीटो की सही उपलब्धता ज्ञात हो सकेगी, उसी आधार पर यह तय किया जायेगा कि तृतीय काउन्सिलिंग मे 10 गुने बुलाये जाये अथवा 15 गुने ।
ReplyDeleteकाउन्सिलिंग करवा चुके अभ्यर्थियो की सूची डायट्स द्वारा निर्गत की जायेगी, तभी यह ज्ञात हो सकेगा कि आप अनन्तिम चयन सूची मे है, अथवा नही । ....यदि चयनित नही होगे तब आपके मूल प्रमाणपत्र वापस कर दिये जायेगे ।
ReplyDeleteअनन्तिम चयन सूची मे चयनित लोगो का डाटा केवल उसी जनपद मे show करेगा, जहॉ उन्होने काउन्सिलिंग करायी होगी, अन्य सभी आवेदित जिलो से नाम हट जायेगा ।
मित्रो,
ReplyDeleteमाननीय सर्वोच्च न्यायालय मे अवमानना केस की तारीख 8 अक्टूबर लग चुकी है, अब आगे की प्रक्रिया जल्दी ही सम्पन्न करा ली जायेगी ।
मेरा ऐसा मानना है कि प्रथम व द्वितीय चरण की काउन्सिलिंग मे 35000 के आस-पास सीट्स भर पायेगी, अगर ऐसा होता है तब कम से कम 6 काउन्सिलिंग अवश्य होगी ।
फर्जी अभ्यर्थी या 9-1-12 के बाद के बने प्रमाणपत्रो से शामिल अभ्यर्थी बाहर कर दिये जायेगे ।
कोई भी अभ्यर्थी रिसफलिंग को मुद्दा न बनाये क्योकि यह पूर्व की भर्तियो से चली आ रही एक सामान्य प्रक्रिया है, और जो लोग कोर्ट जाने की बात कर रहे है, उनको जाने दे, क्योकि प्रत्येक व्यक्ति, जिसका अहित होगा वह तो जायेगा ही, ( होना कुछ नही है) ।
ReplyDeleteतो अक्टूबर माह मे त्यौहारो का आनन्द ले और अपनी -अपनी डायट्स से डाटा को अतिशीघ्र SCERT भिजवाये ।
धन्यवाद
एस.सी.ई.आर.टी. से जो प्रथम काउन्सिलिंग मे बाहर हुए थे उनके टीईटी रोल नं. 6/7 अंको के थे, बाकी जो भी फर्जी अंक पत्रो से शामिल होगा । उस पर एफ. आई. आर. होगी
ReplyDeleteभाइयो अगर हम सब आरक्षित वर्ग में आते है तो
ReplyDeleteइसमें हमारा कोई दोष नहीं है और न हम किसी से भी
कमजोर या निम्न है। बस आज भी कुछ लोग झूठे अहंकार
में जी रहे है। एक तरफ वो टेट नेता अवनीश यादव से
पारदर्शिता की उम्मीद करते है वहीँ दूसरी तरफ उनको
यादव होने की वजह से अनारक्षित वर्ग का शत्रु भी मानते
है। जब समस्त आरक्षित वर्ग का अभ्यर्थी अनारक्षित
वर्ग का शत्रु है तो अवनीश यादव जी से ही इतनी आशा
क्यों है ? क्योकि अनारक्षित वर्ग के ज्यादातर लोग जानते
है कि आरक्षण नहीं फर्जीवाडा बड़ी व् मुख्य समस्या है।
जय टेट मेरिट।
एक किसान था.
ReplyDeleteउसके खेत में एक पत्थर का एक हिस्सा ज़मीन से
ऊपर निकला हुआ था जिससे ठोकर खाकर वह
कई बार गिर चुका था और कितनी ही बार
उससे टकराकर खेती के औजार भी टूट चुके थे.
रोजाना की तरह आज भी वह सुबह-सुबह
खेती करने पहुंचा और इस बार वही हुआ,
किसान का हल पत्थर से टकराकर टूट गया.
किसान क्रोधित हो उठा, और उसने निश्चय
किया कि आज जो भी हो जाए वह इस
चट्टान को ज़मीन से निकाल कर इस खेत के
बाहर फ़ेंक देगा.
वह तुरंत गाँव से ४-५
लोगों को बुला लाया और सभी को लेकर वह
उस पत्त्थर के पास पहुंचा और बोल, ” यह
देखो ज़मीन से निकले चट्टान के इस हिस्से ने
मेरा बहुत नुक्सान किया है, और आज हम
सभी को मिलकर इसे आज उखाड़कर खेत के बाहर
फ़ेंक देना है.” और ऐसा कहते ही वह फावड़े से
पत्थर के किनारे वार करने लगा,
पर यह क्या ! अभी उसने एक-दो बार
ही मारा था कि पूरा-का पूरा पत्थर ज़मीन
से बाहर निकल आया. साथ खड़े लोग
भी अचरज में पड़ गए और उन्ही में से एक ने हँसते हुए पूछा , “क्यों भाई , तुम तो कहते थे कि तुम्हारे
खेत के बीच में एक बड़ी सी चट्टान दबी हुई है ,
पर ये तो एक मामूली सा पत्थर निकला ??”
किसान भी आश्चर्य में पड़ गया सालों से
जिसे वह एक भारी-भरकम चट्टान समझ
रहा था दरअसल वह बस एक छोटा सा पत्थर
था ! उसे पछतावा हुआ कि काश उसने पहले
ही इसे निकालने का प्रयास
किया होता तो ना उसे इतना नुकसान
उठाना पड़ता और ना ही दोस्तों के सामने
उसका मज़ाक बनता .
.
.
*हम भी कई बार ज़िन्दगी में आने
वाली छोटी-छोटी बाधाओं को बहुत
बड़ा समझ लेते हैं और उनसे निपटने की बजाय
तकलीफ उठाते रहते हैं. ज़रुरत इस बातकी है
कि हम बिना समय गंवाएं उन मुसीबतों से लडें ,
और जब हम ऐसा करेंगे तो कुछ ही समय में चट्टान
सी दिखने वाली समस्या एक छोटे से पत्थर के
समान दिखने लगेगी जिसे हम आसानी से हल
पाकर आगे बढ़ सकते हैं.
फर्रूखाबाद डाइट पर आज संम्पर्क किया
ReplyDeleteतो निम्न जानकारी मिली॥
1 चयनितो की लिस्ट 7 या 8 अक्टूबर को लगेगी
2 फर्रूखाबाद मे काउन्सलिँग कराने वाला प्रत्येक अभ्यार्थी 100 प्रतिशत सुरक्षित है चाहे वो किसी भी वर्ग का हो बशर्ते प्रमाणपत्र फर्जी ना हो
3 महिलाओ के लिये बिशेष खुशखबरी
कला विज्ञान दोनो मे आरक्षित एवं अनारक्षित सीटे लगभग 40प्रतिशत खाली है
5 पुरूष कला एवँ विज्ञान वर्ग आरक्षित सीटे (एस सी , एस टी, और संभवता कुछ ओबीसी)खाली है॥
6 सामान्य कला वर्ग पुरुष 45 सीट मे तीन एससी , तीन विकलांग ,14 ओबीसी ले गये
सामान्य वर्ग के अभ्यार्थियो को मिली 25 से कम सीट
उपरोक्त जानकारी अपने स्तर से प्राप्त की गयी है जिसमे त्रुटिया संभव है
लोग बारबार चिल्ला रहें हैं
ReplyDeleteधाधलि हो रही है,धाधलि हो रही है
लेकिन जब कहता हूँ कि सबूत दो तो कहते हैं
कि बस धाधलि हो रही है,,,अरे फिर तुममे
और जावेद उस्मानि मे अन्तर क्या रह गया ?
यार एक बात तो सभी को पता है
ना कि tet 2011 में 2 लाख 70 हजार पास
हुए हैं चयन होगा 72825
लोगों का तो लगभग 2 लाख लोग बाहर
होगे,,,
आरक्षण
ReplyDeleteका
नहीं .................
फर्जीवाड़े
का
विरोध
करे।
वर्तमान में टेट संघर्ष मोर्चा के अधिकांश सामान्यं
ReplyDeleteअभ्यर्थी आरक्षित वर्ग को अपना दुश्मन मान रहे है।
अतः आवश्यकता एक ऐसे समूह की है जो आरक्षित
वर्ग के हितो की रक्षा कर सके। जातिवाद के घोर
विरुद्ध है पर अगर कोई सिर्फ सरकारी नौकरियो में
आरक्षण का विरोध करेगा तो ये न्यायसंगत नहीं होगा।
इसी में tet २०११ के रिजल्ट को ऑनलाइन और R.T.I. करने की मांग की जानी चाहिए और रैंक जारी न करने का मुद्दा उठाया जाना चाहिए .......क्योकि इसी की आड़ में धांधली की जा रही है .........
ReplyDelete.
.
साथ ही मांग की की जानी चाहिए प्रत्यावेदन के बहाने कितने अभ्यर्थियों को इस भर्ती में फर्जी तरीके से घुसाया गया है .....उनकी डिटेल मांगी जानी चाहिए....
टेट उत्तीर्ण 72825 भर्ती में अगर हिमाँशु राणा को लगता
ReplyDeleteहै कि प्रत्येक अनारक्षित और आरक्षित शिक्षक की
नौकरी पा जायेगा तो ये उनका भ्रम है।
टेट 2011 उत्तीर्ण लगभग 3 लाख लोग है और
पद 72825 ही है तो सामान्य सी बात है बहुत से भाई
बहन शिक्षक नहीं बन पाएंगे। अब इसके लिए आरक्षण
को दोष दिया जाना बस एक सोची समझी चाल है।
100 से 110 वाला सामान्य शुरू से ठगा गया है पहले
उनको झूठा दिलासा दिया गया कि वो शिक्षक अवश्य
बन जायेगे व् 100 तक मेरिट जाएगी ऐसा कहने वाले
कुछ अति आशावादी व्यक्तिओ ने सामान्य अभ्यर्थियो
के साथ बस मजाक किया था। बात 108 से 110 सामान्य
की तो वो अभी भी कहीं न कहीं भर्ती में है बस उसने
ज्यादा आवेदन किये हो।
भर्ती में किसी भी प्रकार की धांधली का हम विरोध
करते है परन्तु आरक्षण व्यवस्था का विरोध कदापि नहीं
कर पाएंगे। 103 अंक वाले हिमांशु राणा बस लाखो
अनारक्षित अभ्यर्थियो को ठगने का कार्य कर रहे है।
जय टेट मेरिट।
दो आदमी थे, बहुत बीमार, दोनों को हॉस्पिटल
ReplyDeleteके एक ही कमरे में रखा गया था. एक
आदमी थोडा ठीक था, वो कम से कम आराम से
बैठ सकता था, उसे एक खिड़की के सामने बेड
मिला, उसे रोज एक घंटा doctors बेठने देते थे, उसके
lungs में कुछ problem थी . पर
दूसरा आदमी इतना lucky नहीं था, उसे सारा दिन
बिस्तर पर लेटे लेटे बिताना पड़ता था. वो और कुछ
कर भी नहीं सकता था. वो दोनों कुछ ही समय में
घुल मिल से गए. एकदूसरे से घंटो बातें करते, यही एक
वो साधन था जिससे वे दिन बिता देते थे. अपने
परिवारे के बारे में, अपने घर के बारे में, नौकरिया,
etc. सब topics पर बातें करते थे.
जब कभी भी पहला आदमी जब बैठ सकता,
तो वो अपने साथी को खिड़की के बहार का दृश्य
उसे सुनाता.
और दूसरा आदमी रोज उसकी बातें सुनता, और अपने
मन में सब imagine करता. उसे बड़ा अच्छा लगता,
कम से कम वो बहार के हलचल तो सुन प् रहा था.
बहार की दुनिया की झलक महसूस तो कर
पा रहा था. उसके लिए ये कम नहीं था.
खिड़की वाला आदमी हमेशा सामने वाले
को बताता, खिड़की से एक तालाब नजर
आता था. सुंदर से दृश्य, सुहान्वाना सा. बतखे
पानी में तेर रही होती, बच्चे छोटी छोटी sailing
मॉडल boats पर घूमते. युवा प्रेमी, हाथ में हाथ
डाले, संपूर्ण गार्डन में घूमते दिख जाते थे.
दूसरा आदमी अपने साथी की हर कही बात
को सुनता, आँखे बंद करता और
सोचता की दुनिया कितनी खुबसूरत है, जब ठीक
था तो उसने कभी ध्यान ही नहीं दिया. कुछ समय
से जैसे वो सब भूल ही गया था, न
तो अपनी पत्नी से प्रेम से बातें की, न ही उसे
अच्छा समय दिया. और न ही अपने
बच्चो को ठीक से खिला पाया.
काम के मारे बसस चिडता ही तो था वो. सब पर
बस चिड ही आती थी. आज उसे एहसास
हो रहा था. कुछ देर बाद वो फिर उसके narration
को सुनने लगा.
कई दिन, कई हफ्ते बीत गए.
एक सुबह, नर्स जब आई तो उसे
पता चला की खिड़की पर बैठा आदमी की death
हो चुकी है. she वास अपसेट, called the hospital
attendants to take the body away.
दूसरा आदमी भी दुखी हुआ, पर कुछ समय बाद उसने
nurse से कहा अगर वो खिड़की वाले बेड पर शिफ्ट
हो सके तो.
nurse ने उसे ख़ुशी शिफ्ट करा दिया.
धीरे धीरे, और दर्द से वो थोडा बैठा. आज
वो बहार का नजारा देखने वाला था, सुंदर
जहाँ जो कब से उसे नजर नहीं आया था.
पर वो खिड़की तो केवल एक ख़ाली दिवार
की तरफ मुह किये हुए थी, उसके सामने कोई
एसा नजारा नहीं था, जैसा उसके साथी ने
बताया था. उसने nurse से पूछा की आखिर उस
आदमी ने उससे ये सब बातें क्यों कही थी?
nurse ने बाते की वो आदमी तो देख
भी नहीं सकता था, that he was blind.
nurse ne kaha, “ शायद वो तुम्हे
जिंदगी की हसीनं तस्वीर दिखा रहा हो, शायद
तुम्हे बस encourage कर रहा हो, की जिंदगी बहुत
खुबसूरत है…”
मेरी तो यहीं राय है कि अब हम सभी अपने अनुमानों, आंकलनों और चिंताओं को कुछ विराम दें.. और मस्तिष्क को शान्त बनाएं रखें क्योंकि ये सभी गतिविधियां हममें निराशा और कुंठा का ही संचार करेंगी। बस कुछ ही दिनों की बात है.. सारी स्थितियां स्पष्ट हो जाएंगी। अनायास ही स्वयं पर अवसाद हावी न होने दें क्योंकि हमारे वश में जो भी था हमने किया.. अब परिणाम विधाता के हाथों में है। तो बस मन से आशावान रहते हुए परिणाम की प्रतीक्षा करें.. यूं तनाव लेने से कुछ नहीं होगा।
ReplyDeleteअरे आप तो वे लोग हैं.; जिन्होंने दूसरी काउंसलिंग में भाग लिया है, जरा उनके बारे में भी विचार करिए जिनका सूची में नंबर भी नहीं आया और जिन्होंने अपने लिए लखीमपुर को एक सुरक्षित सीट के रूप में चुना था। यदि यहां भीड़ के चलते सीटें फुल हो जाने से आपके दस्तावेज वापस भी किए जाते हैं तो भी आपको किसी अन्य जगह काउंसलिंग में उन सभी अभ्यर्थियों से पहले स्थान मिलेगा जो इस बार कम मेरिट की वजह से काउंसलिंग में शामिल नहीं थे।
ReplyDeleteमैं तो कहूंगा कि धैर्य बनाए रखें और अपनी अटकलों को विराम देते हुए अब अंतिम सूची जारी होने की प्रतीक्षा करें।
धन्यवाद
मित्रों अपनी भर्ती के सम्बन्ध में TET संघर्ष मोर्चा द्वारा दायर "न्यायालय की अवमानना"वाद पर सुनवाई 08 अक्टूबर को माननीय मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति हंडयाल लक्ष्मीनारायण स्वामी दत्तू की पीठ के समक्ष 18 वें नम्बर पर होगी-
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteआज कुछ लोग कम मेरिट वालों को लुटने से बचा रहे हैं ।
ReplyDeleteजब कम मेरिट वाले इनको चन्दा दे रहे थे तो वो लूटना नहीं था।
उस वक्त उनको अपने बाप से पैसा लेकर केस लड़ना चाहिए था।
आज कम मेरिट वाले जब खून के आंसू रो रहे हैं तो तो ये शीर्ष नेता लोग काउंसिलिंग कराकर सुप्रीम कोर्ट से अतिशीघ्र नियुक्ति पत्र लेने हेतु
अवमानना निकाल रहे हैं।
जबकि भर्ती में जालसाजी व्यापक स्तर पर है।
अब जिनके लिए यह संघर्ष करो या मरो का हो वे आगे आयें और अपने हक के लिए लड़ें।
ReplyDeleteआप को कुचलकर लोग आगे बढ़ चुके हैं।
बहुत लोगों को मेरी बात बुरी लगेगी क्योंकि मै निःस्वार्थ भाव से बोलता/लिखता हूँ।
ReplyDeleteवस्तुतः अब सामान्य वर्ग कला 110-111 अंक से कम वालों का तो किसी हाल पर चयन होते नहीं दिख रहा है। उनके लिए वर्गीकरण रद्द होना ही एकमात्र विकल्प है ।
वस्तुतः मुझे पता है कि साइंस वर्ग , शिक्षामित्र , महिला एवं काउंसिलिंग करा चुके लोग कभी वर्गीकरण समाप्त देखना नहीं चाहेंगे।
उम्र के आधार पर छूट चयन के आधार पर छूट की गारंटी नहीं है।
ReplyDeleteअतः यह छूट भी रद्द करायी जा सकती है लेकिन इसका लाभ सिर्फ कला पुरुष सामान्य के 111-114 अंक तक वालों को ही नौकरी दिला सकती है।
स्नातक/परास्नातक के आधार पर बीएड में भी विवाद की स्थिति है।
अतः इन सब विवाद का निपटना जरुरी है।
इसी के साथ मै किसको क्या सहायता दी जाये मै इस पर कोई सुझाव नहीं दे रहा हूँ।
रैंक और टेट सीडी का डिटेल मिलना बहुत जरुरी है।
यदि आप सुप्रीम कोर्ट में पार्टी हैं और आपकी अभी काउंसिलिंग नहीं हुयी है तो
आप
सुप्रीम कोर्ट में सम्पूर्ण चयन (72825 पदों पर ) के बाद नियुक्ति की बात कह सकते हैं।
प्रेम चाहिये तो समर्पण खर्च
ReplyDeleteकरना होगा।
विश्वास चाहिये तो निष्ठा खर्च
करनी होगी।
साथ चाहिये तो समय खर्च करना होगा।
किसने कहा रिश्ते मुफ्त मिलते हैं ।
मुफ्त तो हवा भी नहीं मिलती ।
एक साँस भी तब आती है जब एक साँस
छोड़ी जाती है ...
अगर नेतागण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियो को लाभ पंहुचा रहे
ReplyDeleteहोते तो ये दशा न होती अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओ की।
वैसे ये अनारक्षित और आरक्षित की विवाद की जड़ महिलाओ
का लखीमपुर और सीतापुर प्रेम ही है।
रोज सिर्फ इतना करो -
ReplyDelete🔺गम को "Delete"
🔺खुशी को "Save"
🔺रिश्तोँ को "Recharge"
🔺दोस्ती को "Download"
🔺दुश्मनी को "Erase"
🔺सच को "Broadcast"
🔺झूठ को "Switch Off"
🔺टेँशन को "Not Reachable"
🔺प्यार को "Incoming"
🔺नफरत को "Outgoing"
🔺हँसी को "Inbox"
🔺आंसुओँ को "Outbox"
🔺गुस्से को "Hold"
🔺मुस्कान को "Send"
🔺हेल्प को "OK"
🔺दिल को करो "Vibrate"
फिर देखो जिँदगी का "RINGTONE" खुशी कितना प्यारा बजता है...
#From :: Shasant
यदि आपको सुखी रहना है तो किसी से अपनी तुलना नहीं करो । ‘आप’ आप ही हो। आप के समान कोई नहीं। फिर क्यों दूसरों से अपनी तुलना करना, इर्षा करना ? आइये इस बात को एक कहानी के माध्यम से समझते हैं -
ReplyDeleteएक कौआ जंगल में रहता था और अपने जीवनसे संतुष्ट था। एक दिन उसने एक हंस को देखा, “यह हंस कितना सफ़ेद है, कितना सुन्दर लगता है।” , उसने मन ही मन सोचा।
उसे लगा कि यह सुन्दर हंस दुनिया में सबसे सुखी पक्षी होगा, जबकि मैं तो कितना काला हूँ ! यह सब सोचकर वह काफी परेशान हो गया और उससे रहा नहीं गया, उसने अपने मनोभाव हंस को बताये ।
हंस ने कहा – “वास्तिकता ऐसी है कि पहले मैं खुदको आसपास के सभी पक्षिओ में सुखी समझता था। लेकिन जब मैने तोते को देखा तो पाया कि उसके दो रंग है तथा वह बहुत ही मीठा बोलता है। तब से मुझे लगा कि सभी पक्षिओ में तोता ही सुन्दर तथा सुखी है।”
अब कौआ तोते के पास गया।
तोते ने कहा – “मै सुखी जिंदगी जी रहा था, लेकिन जब मैंने मोर को देखा तब मुझे लगा कि मुझमे तो दो रंग ही , परन्तु मोर तो विविधरंगी है। मुझे तो वह ही सुखी लगता है।”
फिर कौआ उड़कर प्राणी संग्रहालय गया। जहाँ कई लोग मोर देखने एकत्र हुए थे।
जब सब लोग चले गए तो कौआ उसके पास जाकर बोला –“मित्र , तुम तो अति सुन्दर हो।कितने सारे लोग तुम्हे देखने के लिए इकट्ठे होते है ! प्रतिदिन तुम्हे देखने के लिए हजारो लोग आते है ! जब कि मुझे देखते ही लोग मुझे उड़ा देते है।मुझे लगता है कि अपने इस ग्रह पर तो तुम ही सभी पक्षिओ में सबसे सुखी हो।”
मोर ने गहरी सांस लेते हुए कहाँ – “मैं हमेशा सोचता था कि ‘मैं इस पृथ्वी पर अतिसुन्दर हूँ, मैं ही अतिसुखी हूँ।’ परन्तु मेरे सौन्दर्य के कारण ही मैं यहाँ पिंजरे में बंद हूँ। मैंने सारे प्राणी में गौर से देखे तो मैं समझा कि ‘कौआ ही ऐसा पक्षी है जिसे पिंजरे में बंद नहीं किया जाता।’ मुझे तो लगता है कि काश मैं भी तुम्हारी तरह एक कौआ होता तो स्वतंत्रता से सभी जगह घूमता-उड़ता, सुखी रहता !”
मित्रों, यही तो है हमारी समस्या। हम अनावश्यक ही दूसरों से अपनी तुलना किया करते है और दुखी-उदास बनते है। हम कभी हमें जो मिला होता है उसकी कद्र नहीं करते इसीके कारण दुःख के विषचक्र में फंसे रहेते है। प्रत्येक दिन को भगवान की भेट समझ कर आनंद से जीना चाहिए। सुखी होना तो सब चाहते है लेकिन सुखी रहेने के लिए सुख की चाबी हाथ करनी होगी तथा दूसरों से तुलना करना छोड़ना होगा। क्योंकि तुलना करना दुःख को न्योता देने के सामान है।
मैं उपरवाला बोल रहा हूँ, जिसने ये पूरी दुनिया बनाई वो उपरवाला.
ReplyDeleteतंग आ चूका हूँ मैं तुम लोगों से,
घर का ध्यान तुम न रखो और चोरी हो जाये तो, "उपरवाले तूने क्या किया".
गाड़ी तुम तेज़ चलाओ और धक्का लग जाये तो, "उपरवाले........".
पढाई तुम न करो और फेल हो जाओ तो, "उपरवाले.........".
ऐसा लगता है इस दुनिया में होने वाले हर गलत काम का जिम्मेदार मैं हूँ.
आजकल तुम लोगो ने एक नया फैशन बना लिया है, जो काम तुम लोग नहीं कर सकते, उसे करने में मुझे भी असमर्थ बता देते हो!
उपरवाला भी भ्रष्टाचार नहीं मिटा सकता,
उपरवाला भी महंगाई नहीं रोक सकता,
उपरवाला भी बलात्कार नहीं रोक सकता.......
ये सब क्या है?
भ्रष्टाचार किसने बनाया?
मैंने?
किससे रिश्वत लेते देखा है तुमने मुझे?
मैं तो हवा, पानी, धुप, आदि सबके लिए बराबर देता हूँ,
कभी देखा है कि ठण्ड के दिनों में अम्बानी के घर के ऊपर मैं तेज़ धुप दे रहा हूँ, या गर्मी में सिर्फ उसके घर बारिश हो रही है ?
उल्टा तुम मेरे पास आते हो रिश्वत की पेशकश लेकर,
कभी लड्डू,
कभी पड़े,
कभी चादर.
और हा,
मेरे नाम पे पूरा डब्बा खरीदते हो,
एक टुकड़ा मुझपर फेंक कर बाकि खुद ही खा जाते हो.
ये महंगाई किसने बनाई?
मैंने?
मैंने सिर्फ ज़मीन बनाई,
उसे "प्लाट" बनाकर बेचा किसने?
मैंने पानी बनाया,
उसे बोतलों में भरकर बेचा किसने?
मैंने जानवर बनाये,
उन्हें मवेशी कहकर बेचा किसने?
मैंने पेड़ बनाये,
उन्हें लकड़ी कहकर बेचा किसने?
मैंने आज तक तुम्हे कोई वस्तु बेचीं?
किसी वस्तु का पैसा लिया?
सब चीज़ों में कसूर मेरा निकालते हो।
अभी भी समय है
सुधर जाओ
वरना
फिर मत कहना................
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ये प्रलय क्यूँ आई...
दुसरी काउन्सिलिंग होने के साथ ही सबसे ज्यादा दुष्प्रचार कुछ लोगो द्वारा केवल अपने स्वार्थ के लिये यह किया जा रहा है कि जनपद मे सीटें फुल हो गयी है। सीतापुर अौर लखीमपुर तथा एक दो जनपदो को छोडकर अन्य किसी भी जनपद की सीट फुल नही हुयी है। अभी तो एक दो जनपदों को छोडकर किसी ने अपना डाटा ही शो नही किया है। इसी प्रचार के चलते कुछ लोग मोर्चे मे यह कर फूट डाल रहे है कि यदि एकेडेमिक मेरिट बनती तो सबका हो जाता और इस भर्ती मे भारी फर्जीवाडा हो रहा है तो उन लोगो से मै यह कहना चाहता हूं कि पहली बात मेरिट चाहे जिसकी भी बने भर्ती तो केवल ७२८२५ ही होगे दूसरी बात फर्जीवाडे की तो इसे रोकने का हर सम्भव प्रयास मोर्चे के द्वारा किया जा रहा है तथा इसमे एससीईआरटी भी हमारी पूरी मदद करने का आश्वासन दे रहा है पर जो लोग यह कह रहे है कि एकेडेमिक मेरिट बनती तो फर्जीवाडा न हो पाता तो उनकी सोच पर ही हसी आ रही है क्योंकि यह तो सब जानते है कि यूपी मे हाईस्कूल इन्टर ग्रेजुएशन तथा बीएड की डिग्रियाँ कैसे खरीदी जाती है। यहाँ जो बच्चा इन्टर मे ८०% नम्बर लाता है वो अपना ग्रेजुएशन का एडमिशन फार्म भी बिना टीचर की मदद के नही भर पाता। अगर एसा नही है तो क्यो अखबारों मे खबर आती है कि फला स्कूल के अध्यापक ने साधारण गुणा का सवाल या जनवरी-फरवरी की स्पेलिंग भी सही नही लिख पायी, वो तो पूर्व मे हुयी भर्ती मे एकेडेमिक मेरिट से ही भर्ती हुए है। क्या वे फर्जी नहीं है ? इस भर्ती मे तो टेट मोर्चे के सक्रिय सदस्य अपनी नजर रखे है जबकि वह भर्ती तो सरकार ने निकाली ही केवल अपने लोगो को फायदा देने के लिये निकाली थी, वहाँ वो पूरी तरह अपनी मनमानी करते अौर कोई उन्हें रोक भी नही पाता। मै यह नही कहता कि इस भर्ती मे फर्जीवाडा होने दिया जाये बल्कि इसके लिये दूसरों को दोष देने के बजाय स्वयं भी इसे रोकने के लिए आरटीआई आदि के द्वारा प्रयास किया जाना चाहिए । लो मेरिट वालो को धैर्य बनाए रखना चाहिये। अभी उतनी सीटें नही भरी है जितना प्रचार किया जा रहा है। संयम से काम ले तथा दूसरों के बहकावे मे न अायें। बाकी अाप लोग स्वयं समझदार है।
ReplyDeleteसच्चाई स्वीकार करो हर व्यक्ति अपनी असफलता या सफलता का स्वंम जिम्मेदार है
ReplyDeleteआपको लक्ष्य के अनुसार दौड लगानी चाहिऐ थी सभी नियम पहले ही पता थे तो अब रोना चिल्लाना क्यो और वे जो आरक्षण पर उपदेश दे रहे हैं वो 50%आरक्षण चाह रहे क्या अगर नही तो अनारक्षित में अगर तुमसे अधिक अंक लाकर आरक्षित लोग आ रहे है तो तुम्हारी योग्यता कहां गयी इसलिए किसी को कमजोर न समझें योग्यता हमेशा आगे रहती है चाहे किसी भी वर्ग का हो ।।।
धन्यवाद
जय टेट
एक बाल्टी दूध
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एक बार एक राजा के राज्य में महामारी फैल गयी। चारो ओर लोग मरने लगे। राजा ने इसे रोकने के लिये बहुत सारे उपाय करवाये मगर कुछ असर न हुआ और लोग मरते रहे। दुखी राजा ईश्वर से प्रार्थना करने लगा। तभी अचानक आकाशवाणी हुई। आसमान से आवाज़ आयी कि हे राजा तुम्हारी राजधानी के बीचो बीच जो पुराना सूखा कुंआ है अगर अमावस्या की रात को राज्य के प्रत्येक घर से एक – एक बाल्टी दूध उस कुएं में डाला जाये तो अगली ही सुबह ये महामारी समाप्त हो जायेगी और लोगों का मरना बन्द हो जायेगा। राजा ने तुरन्त ही पूरे राज्य में यह घोषणा करवा दी कि महामारी से बचने के लिए अमावस्या की रात को हर घर से कुएं में एक-एक बाल्टी दूध डाला जाना अनिवार्य है ।
अमावस्या की रात जब लोगों को कुएं में दूध डालना था उसी रात राज्य में रहने वाली एक चालाक एवं कंजूस बुढ़िया ने सोंचा कि सारे लोग तो कुंए में दूध डालेंगे अगर मै अकेली एक बाल्टी पानी डाल दूं तो किसी को क्या पता चलेगा। इसी विचार से उस कंजूस बुढ़िया ने रात में चुपचाप एक बाल्टी पानी कुंए में डाल दिया। अगले दिन जब सुबह हुई तो लोग वैसे ही मर रहे थे। कुछ भी नहीं बदला था क्योंकि महामारी समाप्त नहीं हुयी थी। राजा ने जब कुंए के पास जाकर इसका कारण जानना चाहा तो उसने देखा कि सारा कुंआ पानी से भरा हुआ है। दूध की एक बूंद भी वहां नहीं थी। राजा समझ गया कि इसी कारण से महामारी दूर नहीं हुई और लोग अभी भी मर रहे हैं।
दरअसल ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि जो विचार उस बुढ़िया के मन में आया था वही विचार पूरे राज्य के लोगों के मन में आ गया और किसी ने भी कुंए में दूध नहीं डाला।
मित्रों , जैसा इस कहानी में हुआ वैसा ही हमारे जीवन में भी होता है। जब भी कोई ऐसा काम आता है जिसे बहुत सारे लोगों को मिल कर करना होता है तो अक्सर हम अपनी जिम्मेदारियों से यह सोच कर पीछे हट जाते हैं कि कोई न कोई तो कर ही देगा और हमारी इसी सोच की वजह से स्थितियां वैसी की वैसी बनी रहती हैं। अगर हम दूसरों की परवाह किये बिना अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने लग जायें तो पूरे देश मेंबर ऐसा बदलाव ला सकते हैं जिसकी आज हमें ज़रूरत है।
बदलाव की शुरुआत स्वयम् से करे फिर अपने परिवार से
ReplyDeleteअच्छाई का प्रसार होने मे समय लगता है किन्तु बुराई क्षण मात्र मे फैल जाती है
"बक्श देता है 'खुदा' उनको, ... !
ReplyDeleteजिनकी 'किस्मत' ख़राब होती है ... !!
वो हरगिज नहीं 'बक्शे' जाते है, ... !
जिनकी 'नियत' खराब होती है... !!"
न मेरा 'एक' होगा, न तेरा 'लाख' होगा, ... !
न 'तारिफ' तेरी होगी, न 'मजाक' मेरा होगा ... !!
गुरुर न कर "शाह-ए-शरीर" का, ... !
मेरा भी 'खाक' होगा, तेरा भी 'खाक' होगा ... !!
जिन्दगी भर 'ब्रांडेड-ब्रांडेड' करने
वालों ... !
याद रखना 'कफ़न' का कोई ब्रांड नहीं होता ... !!
कोई रो कर 'दिल बहलाता' है ... !
और कोई हँस कर 'दर्द' छुपाता है ... !!
क्या करामात है 'कुदरत' की, ... !
'ज़िंदा इंसान' पानी में डूब जाता है और 'मुर्दा' तैर के
दिखाता है ... !!
'मौत' को देखा तो नहीं, पर शायद 'वो' बहुत
"खूबसूरत" होगी, ... !
"कम्बख़त" जो भी 'उस' से मिलता है,
"जीना छोड़ देता है" ... !!
'ग़ज़ब' की 'एकता' देखी "लोगों की ज़माने
में" ... !
'ज़िन्दों' को "गिराने में" और 'मुर्दों' को "उठाने
में" ... !!
'ज़िन्दगी' में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री"
होगी, ... !
ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी ।
मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से ना जाने कौनसी "मुलाक़ात" "आख़री होगी" ... !!
BYE..............
स्वच्छता की बात होती है तो घर के बर्तन । पूजा में प्रयोग होने वाले बर्तन मूर्तियाँ आदि भी तो साफ होनी चाहिए।
ReplyDeleteइन उपायों से आपके घर की एक-एक चीज चमक जाएगी....?
दीपावली में अब कुछ ही समय शेष रह गया है,
इसी वजह से सभी के घरों में साफ-सफाई दौर चल रहा है,
घर में रखी सभी वस्तुओं को चमकाने के लिए कई प्रकार के प्रयास किए जाते हैं,
लेकिन फिर भी कई बार घर की कुछ वस्तुएं ठीक से चमक नहीं पाती है,
यहां कुछ टिप्स दी जा रही हैं जिनसे आपके घर की हर चीज चमक जाएगी,
और पुरानी वस्तुएं भी नई जैसी लगेंगी.......
1. आपके घर में तांबे की वस्तुओं को साफ करने के लिए,
"डस्टर पर" "थोड़ा-सा कैचअप" लगाकर रगड़ें,
एक मिनट ऐसे ही रखने के बाद साफ की गई वस्तु को धो लें...
2. यदि आपके यहां कोई एल्यूमीनियम के बर्तन हैं,
और वे ज्यादा गंदे हो रहे हैं तो,
दो सेबों के छिलके डालकर उसमें पानी भर लें,
इसे उबाल लें। बर्तन बिल्कुल साफ हो जाएगा...
3. पीतल और कांसे के बर्तन को साफ करने के लिए,
कटे हुए आधे नीबू पर नमक छिड़ककर सामान पर रगड़ें,
इससे जंग लगी वस्तुओं को भी साफ किया जा सकता है...
4.आज के समय में लगभग सभी के घरों में लकड़ी के फर्नीचर अवश्य ही होते हैं,
इन्हें साफ करने के लिए 2 भाग तेल और 1 भाग नीबू के रस के मिश्रण से सफाई करें...
5.खिलौने साफ करने के लिए खाने वाला सोड़े को पानी में मिलाकर इस्तेमाल करें,
फिर सादे पानी से धो लें...
6.सफेद सिरके में टिशू पेपर या सूती कपड़े के टुकड़े को भिगोकर,
नल की टोटी के चारों ओर लपेट दें,
पच्चीस मिनट बाद पेपर हटाएं,
टोटी बिल्कुल साफ मिलेगी...
7.फर्नीचर के पायों पर बने पानी के निशान मिटाने के लिए,
फर्नीचर के दाग वाली जगह पर एक मटर के दाने जितना टूथपेस्ट लगाएं,
नम, मुलायम कपड़े से दाग वाले स्थान पर,
टूथपेस्ट फैलाएं और जरा-सा घिस दें कपड़े से पोछें......
इन उपायों को अपनाने से आपके घर की,
हर वस्तु एकदम चमक जाएगी,
साफ हो जाएगी......
main in 3 news par hun
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1- Union Public Service Commission (UPSC)
2- CHILD CARE LEAVE FOR UP GOVERNMENT TEACHERS
3- प्रशिक्षित स्नातक एल0टी0 ग्रेड के सहायक अध्यापक/अध्यापिका के रिक्त पदों हेतु विज्ञापन - वाराणसी मण्डल