आखिर कब होगी मुख्य सेविकाओं की भर्ती(When will happen recruitment of Mukhya Sevikas )
-मुख्य सेविकाओं के 2132 पदों पर नियुक्ति को लेकर असमंजस
लखनऊ, जाब्यू : आंगनबाड़ी मुख्य सेविका के 2132 रिक्त पदों को लेकर असमंजस बरकरार है। 2006 से अब तक दो बार भर्ती प्रक्रिया अपनाने के बावजूद इसे पूरा नहीं किया जा सका।
पिछले साल जब भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई तो बसपा सरकार ने तय किया कि जुलाई से पहले सीधी भर्ती कर ली जायेगी, लेकिन शुरू में तमाम अड़चनें आई और चुनाव घोषित होते ही मामला अधर में पड़ गया। अब नई सरकार बनने के बाद फिर से विभाग ने सक्रियता बरतनी शुरू की है, लेकिन अभी भी कई तरह की दिक्कतें खड़ी हैं। ध्यान रहे कि वर्ष 2006 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में भी पदों को भरने के लिए आवेदन पत्र मांगे गये थे। तब उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी। पिछले साल बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने विज्ञापन जारी करते समय यह भी घोषणा की कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चार अगस्त 2006 को मुख्य सेविका के पदों पर भर्ती के लिए मांगे गये वैध आवेदन पत्रों को भी चयन प्रक्रिया में शामिल किया जायेगा। 2006 और 2011 के आवेदन पत्रों को मिलाकर चार लाख से अधिक अभ्यर्थी चयनित होने के लिए दावेदार हो गए। इससे विभाग को तमाम दिक्कतें आयी और पूरा स्टाफ आवेदन पत्रों को कम्प्यूटर में फीड करने में ही जुटा रहा।
ध्यान रहे कि सूबे में मुख्य सेविका के कुल 6643 पद हैं, जिसके सापेक्ष 2436 पद रिक्त हैं। निदेशालय बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने छह अप्रैल 2011 को 2132 पदों पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया, जबकि शेष पदों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रोन्नति दी जानी है। सीधी भर्ती में 448 पद अनुसूचित जाति, 42 अनुसूचित जन जाति, 576 पिछड़ी जाति और 1066 सामान्य वर्ग के लिए आवंटित किये गये हैं। इस संदर्भ में निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार देवेन्द्र नाथ वर्मा से बातचीत की गयी तो उन्होंने कहा कि 'प्रक्रिया चल रही है, सरकार का जैसा निर्देश होगा वह किया जाएगा।'
News : Jagran (3.4.12)
-मुख्य सेविकाओं के 2132 पदों पर नियुक्ति को लेकर असमंजस
लखनऊ, जाब्यू : आंगनबाड़ी मुख्य सेविका के 2132 रिक्त पदों को लेकर असमंजस बरकरार है। 2006 से अब तक दो बार भर्ती प्रक्रिया अपनाने के बावजूद इसे पूरा नहीं किया जा सका।
पिछले साल जब भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई तो बसपा सरकार ने तय किया कि जुलाई से पहले सीधी भर्ती कर ली जायेगी, लेकिन शुरू में तमाम अड़चनें आई और चुनाव घोषित होते ही मामला अधर में पड़ गया। अब नई सरकार बनने के बाद फिर से विभाग ने सक्रियता बरतनी शुरू की है, लेकिन अभी भी कई तरह की दिक्कतें खड़ी हैं। ध्यान रहे कि वर्ष 2006 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में भी पदों को भरने के लिए आवेदन पत्र मांगे गये थे। तब उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी। पिछले साल बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने विज्ञापन जारी करते समय यह भी घोषणा की कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चार अगस्त 2006 को मुख्य सेविका के पदों पर भर्ती के लिए मांगे गये वैध आवेदन पत्रों को भी चयन प्रक्रिया में शामिल किया जायेगा। 2006 और 2011 के आवेदन पत्रों को मिलाकर चार लाख से अधिक अभ्यर्थी चयनित होने के लिए दावेदार हो गए। इससे विभाग को तमाम दिक्कतें आयी और पूरा स्टाफ आवेदन पत्रों को कम्प्यूटर में फीड करने में ही जुटा रहा।
ध्यान रहे कि सूबे में मुख्य सेविका के कुल 6643 पद हैं, जिसके सापेक्ष 2436 पद रिक्त हैं। निदेशालय बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने छह अप्रैल 2011 को 2132 पदों पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया, जबकि शेष पदों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रोन्नति दी जानी है। सीधी भर्ती में 448 पद अनुसूचित जाति, 42 अनुसूचित जन जाति, 576 पिछड़ी जाति और 1066 सामान्य वर्ग के लिए आवंटित किये गये हैं। इस संदर्भ में निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार देवेन्द्र नाथ वर्मा से बातचीत की गयी तो उन्होंने कहा कि 'प्रक्रिया चल रही है, सरकार का जैसा निर्देश होगा वह किया जाएगा।'
News : Jagran (3.4.12)