सरकारी नौकरी शिक्षक भर्ती/नियुक्ति परिणाम / टीईटी Sarkari Naukri Recruitment/Appointment Result. Latest/Updated News - UPTET, CTET, BETET, RTET, APTET, TET (Teacher Eligibility Test) Merit/Counselling for Primary Teacher(PRT) of various state government including UP, Bihar
Friday, July 5, 2013
विद्यालय में तैनाती को भटक रहे अनुदेशक
46 comments:
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ये है उ.प्र. के शिक्षा शत्रुओ
ReplyDeleteकी कर्तूते....अपने जैसा बनाने मे जुट
गये है देश के नौनिहालो को जब पढाये
होते तो सायद ये न
करना पडता जो हरकत इन्होने
किया है.. परीक्षा पास करने
का अर्थ होता है कि सही उत्तर
लिखना और सही उत्तर लिखने पर
नंबर मिलते हैं तब पास होता है।
लेकिन परिषदीय विद्यालयों में
कापियों को जांचने वाले शिक्षा शत्रुओ ने तो सब कुछ उलट
पलट कर रख दिया।
जिलाधिकारी ने बीआरसी में
जांची गई उत्तर पुस्तिकाओं
को पलटा तो पल भर के लिए
माथा पकड़ लिया। किसी कापी मे तो केवल प्रश्न
लिखा था लेकिन उसमे बिधिवत
न. दिये गये थे....हद तो तब
हो गयी जब कापी के अंदर कुछ
लिखा न होने के बावजूद भी कापी के
बाहर प्राप्तांक मे पास दिखाया गया। क्या??? ऐसे मजबूत
होगी शिक्षा की नींव?????
अंबेडकर के नाम पर
ReplyDeleteमायावती की कर्तूते देखिये.....अंबे
डकर के नाम पर
कितना बडा घोटाला किया......
प्राथमिक शिक्षा की हालत
कितना खराब है ...योग्य 72825 शिक्षक जिन्हे विद्यालय मे
होना चाहिये था वे अदालत के चक्कर
लगा रहे है....दूसरी ओर
प्रदेश में कहीं तो एक कक्षा में सौ-
सौ छात्रों को पढ़ाने के लिए एक
भी शिक्षक नहीं हैं तो कहीं एक कक्षा में पांच छात्रों को पढ़ाने के
लिए 40 शिक्षक और दूसरी में 60
बच्चों को पढ़ाने के लिए 18
शिक्षक भर्ती किए गए।
सवा दो करोड़ की गैर जरूरी किताबें
भी खरीद डाली गईं। यह सब कुछ नोएडा के गौतमबुद्ध
विश्वविद्यालय में
किया गया जिसका खुलासा लोकायुक्
की जांच में हुआ है। जांच में
विश्वविद्यालय के अहम पदों पर
बैठे अफसर तक गड़बड़ियों के लिए दोषी पाए गए हैं। सपा सरकार बनने के
बाद गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय
नोएडा के शिक्षाविदों ने सरकार से
विश्वविद्यालय में व्यापक
गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जांच
की मांग की थी जिस पर पूरे प्रकरण की जांच लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके
मेहरोत्रा को सौंपी गई थी।
लोकायुक्त ने जांच के लिए
एनसीईआरटी के पूर्व चेयरमैन और
इंदिरा गांधी मुक्त
विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ प्रोफेसर की दो सदस्यीय
समिति गठित कर उन्हें जांच
का जिम्मा सौंपा था। जांच में चौंकाने
वाले तथ्य सामने आए हैं। पता चला है
कि विश्वविद्यालय में अम्बेडकर
स्टडीज से जुड़े एक विषय के पांच छात्रों को पढ़ाने के लिए 40
शिक्षकों की भर्ती की गई। ऐसे
ही दूसरे विभाग के 60
छात्रों को पढ़ाने के लिए 18
शिक्षक रखे गए। शिक्षकों के
जिन पदों का विज्ञापन दिया गया, उससे एक पद ऊपर पर
भर्ती की गई। सवा दो करोड़ रुपए
की ऐसी किताबें खरीदी गई,
जिसकी उपयोगिता नहीं है।
हालांकि अभी इन
किताबों का भुगतान नहीं हो सका है। सूत्रों का कहना है
कि जांच में विश्वविद्यालय के
तत्कालीन कुलपति सहित
आधा दर्जन अफसर गड़बड़ी करने के
दोषी पाए गए हैं। लोकायुक्त
न्यायमूर्ति मेहरोत्रा ने बताया गौतमबुद्ध विवि में
गड़बड़ियों की जांच पूरी हो गयी है।
संबंधित रिपोर्ट जल्द ही राज्य
सरकार को भेज दी जाएगी। गौरतलब
है कि बसपा सरकार ने
सोसाइटी बनाकर नोएडा में गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय
की स्थापना की थी। जिसके पदेन
चेयरमैन व
कुलाधिपति मुख्यमंत्री हैं।
सोसाइटी में मुख्य सचिव अध्यक्ष
और प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास इसके सचिव हैं।
.KYUKI AB HAMARI LADAI NIRYAK BHUMIKA ME HAI AUR KISI V DATE PAR DECIZEN AA SAKTA HAI..JAISA KI PICHALE 3 DIN SE F.B PAR ACTIVE NA THA..HAMARE ALAHABAD KE FRIENDS NE BTAYA KI APNA CASE HARKOLI SIR HI DEKHEGE..YE JANKAR KAFI KHUS HUWA..AUR APNA CASE CAUSE LIST ME V SHOW KAR RAHA HAI KI 8 KO HARKOLI SIR AUR MANOJ MISHRA KI BENCH HI SUNEGI APNA CASE....
ReplyDeleteMANAV SHRI
ReplyDelete..... teri maa ki shaadi huyi hai ki nahi bas tu iska jawab humare saare group me dede.
bas itni si baat hai
कुछ बातें समझ नही आई..... आप मदद करें....??
ReplyDeleteदेश की मिडिया इतने बड़े बड़े न्यूज़ को एक हीं दिन में कैसे भूल गयी कम से कम 8/10 दिन तो मीडिया का विधवा विलाप बनता ही है इस बार क्यों नहीं किया........??
10 करोड़ रूपये ले जाने के लिए चार ट्रकों की जरूरत क्यों पड़ी जबकि इतने पैसे तो चार सूटकेस में आसानी से आ जाता फिर इतना झंझट क्यों किया....??
10 करोड़ रूपये गिनने के लिए दस मशीनें क्यों मंगाई गयी जबकि इतना पैसा तो कोई भी व्यक्ति अकेले गिन सकता है....??
10 करोड़ रूपये गिनने के लिए वो भी मशीनों द्वारा १२ -१६ घंटे का समय क्यों लगा जबकि ये सिर्फ दस मिनट का काम था....??
शुरुआत में थैलों में गहने होने की बात कही गयी थी आखिर वो गहने कहा गायब हो गये....??
हर बात में राजनीती खोजने वाली पार्टियों ने आखिर इसे राजनितिकरंग क्यों नही दिया......??
जो मनुष्य अपने चमत्कारों की पड़ताल करनें की आज्ञा नहीं देता, धोखेबाज है। जिसमें चमत्कारों की पड़ताल करनें का साहस नहीं होता, वह अन्धानुयायी होता है। जो पड़ताल किये बिना ही विश्वास कर लेता है, वह मूर्ख होता है।
ReplyDelete-डॉ. अब्राहम कोवूर
सत्य कड़वा होता है मित्रों...
ReplyDelete* मुफ्त मे मोबाईल कनेक्शन दे सकते हैं लेकिन
रोटी नहीं..
* ट्रेनों में मुफ्तWI FIमिल सकता है लेकीन
पीने कापानी नहीं
* बेकारों को रोजगारी भत्ता दे सकता है लेकिन रोजगार नही !!!
* गाँव-गाँव तक पेप्सी- कोला का जहर
पहुँचाया जा सकता है लेकिन पीने
का पानी नहीं!!!
* विदेशी कंपनियों का देश को लूटना और
गुलाम बनाना मंजूर है लेकिन
स्वदेशी उद्योग से आत्मनिर्भर
होना नहीं!!!
* विदेशों से उधार लाया जा सकता हैं
लेकिन कालाधन नहीं!!!
* खरबों रुपये के घोटाले किये जा सकतेहैं
लेकिन गरीबों की सब्सिडी केलिये
खजाने खाली!!!
* बलात्कार होने के बाद
महिला को मुआव्जा मिल सकता लेकिन
महिलाओं
को पहले से सुरक्षा नहीं!!
हो रहा भारत निर्माण........
एक अंग्रेज ट्रेन से सफ़र कर रहा था।सामने
ReplyDeleteगजोधर भैय्या बैठे थे।
अंग्रेज ने गजोधर से पूछा यहाँ कौन से स्टेट्स
घूमने वाले नहीं हैं ?
गजोधर : महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, हरयाणा,
यूपी।
अंग्रेज : 'क्यों ... क्या येपांच स्टेट्स भारतमें
नहीं हैं क्या ?'
गजोधर : 'नहीं ... ये खुद मेंमहाभारत हैं।'
अंग्रेज : 'ओह ~~~ इन स्टेट्स में जाना डेंजरस
है।'
[कुछ देर पश्चात]
अंग्रेज : 'मैं कैसे जान सकता हूँ
कि कौनसा व्यक्ति कौन से राज्य काहै ?'
गजोधर : 'बैठा रह शान्ति से... अभी दस घंटे के
सफ़र में सबसे मिलवा दूंगा'
[कुछ ही देर बाद हरियाणा काएक चौधरी मूंछों पे
ताव देता हुआ बैठ गया]
गजोधर : 'भाई ये हरियाणा है।'
अंग्रेज : 'इससे बात कैसे करूँ ?'
गजोधर "चुपचाप बैठा रह और मूंछों पर ताव
देता रह.. ये खुद बात करेगा तेरे से'
अंग्रेज ने अपनी सफाचट मूछों पर ताव दिया।
चौधरी उठा और अंग्रेज के दो कंटाप जड़े - 'बिन
खेती के ही हल चला रिया है तू ?'
थोड़ी देर बाद एक मराठी आ के बैठ गया।
गजोधर : 'भाई ये महाराष्ट्रहै ...'
अंग्रेज : 'इससे बात कैसे करूँ ?'
गजोधर : 'इससे बोल कि बाम्बे बहुत बढ़िया।'
अंग्रेज ने मराठी से यही बोल दिया
मराठी उठा और थप्पड़ लगाया- "साले बाम्बे
नहीं मुम्बई ... समझा क्या"
[थोड़ी देर बाद एक गुजराती सामने आकर बैठ
गया]
गजोधर : 'भाई ये गुजरात है ...'
अंग्रेज गाल सहलाते हुए : 'इससे कैसे बात करूँ?'
गजोधर : 'इससे बोल सोनिया गांधी जिंदाबाद।'
अंग्रेज ने गुजराती से यहीकह दिया
गुजराती ने कसकर घूंसा मारा - 'नरेन्द्र
मोदी जिंदाबाद।
[थोड़ी देर बाद एक सरदार जीआकर बैठ गए]
गजोधर : 'देख भाई ये पंजाब है ...'
अंग्रेज ने कराहते हुए पूछा - 'इससे कैसे बात
करूँ।'
गजधर : 'बात न कर बस पूछ ले कि 12 बज गए
क्या ?'
अंग्रेज ने ठीक यही किया।
अंग्रेज : 'ओ सरदार जी 12 बज गए क्या ?
सरदार जी ने आव देखा न ताव अंग्रेज
को उठा के नीचे पटक दिया।
सरदार : साले खोतया नू ... तेरे को मैं मनमोहन
सिंह लगता हूँ जो चुप रहूँगा।
पहले से परेशान अंग्रेज बिलबिला गया।
खीझ के गजोधर से बोला : 'सारे स्टेट्स
से मिलवा दिया अब यूं पी सेभी मिलवा दो'
गजोधर बोला - अबे
इतना भी नहीं समझता ?? तेरे को पिटवा कौन
रहा है ... ??? :) ;)
अमेरिका में पकड़े गये आंतकी डेविड हेडली ने शिकागो की कोर्ट के सामने स्वीकारा था कि इशरत जहां लश्कर-ए-तैयबा की एजेंट थी. 'मई 2004 में जावेद नाम का पाकिस्तानी एजेंट इशरत जहां के साथ अहमदाबाद के एक होटल में रुका था. अहमदाबाद में एक महत्वपूर्ण स्थान की रेकी कर आतंकी हमले की बड़ी योजना इस टीम ने तैयार की थी. परंतु समय पर गुजरात पुलिस ने इस षडयंत्र का पर्दाफाश कर दिया. यह खुलासा खुद डेविड कोलमैन हेडली ने किया है. हेडली कोई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का लाठीबाज कार्यकर्ता तो नहीं कि उस पर आरोप लगा दिया जाए कि उसने मोदी के इशारे पर इशरत जहां को आतंकी करार दिया.'
ReplyDelete'इस देश में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को आतंकी करार दे दिया जाता है, पर इशरत चूंकि बुर्काधारी मुसलमान है इसलिए उसे निर्दोष साबित करने का हरसंभव प्रयास होता है. कांग्रेस की इसी छद्म धर्मनिरपेक्षता ने धर्मांध मुसलमानों की हिम्मत बढ़ाई है. देशद्रोहियों को बल दिया है. हिंदू और मुसलमानों को अलग-अलग कर कांग्रेस राजनीतिक रोटी सेंक रही है. इसके लिए वह देश की सुरक्षा और प्रतिष्ठा को भी चूल्हे-भाड़ में धकेल रही है, यह भयंकर है.'
TU APNI TARAH FALTU KI CHEEZE COMMENT KARTA REHTA HAI.......KAAM KI CHEEZ TOH KARTA NAHI.......SUDHAR JA NAHI TOH GADHE KI SAWARI KE LIYE TAYYAR HO JA........ T M N T B B N. FULL FORM BATANE KI ZAROORAT TOH HAI NAHI.......GADHE HO TUM GADHE TET MERIT .......SUDHAR JAO.......
ReplyDeleteTU APNI TARAH FALTU KI CHEEZE COMMENT KARTA REHTA HAI.......KAAM KI CHEEZ TOH KARTA NAHI.......SUDHAR JA NAHI TOH GADHE KI SAWARI KE LIYE TAYYAR HO JA........ T M N T B B N. FULL FORM BATANE KI ZAROORAT TOH HAI NAHI.......GADHE HO TUM GADHE TET MERIT .......SUDHAR JAO.......
ReplyDeleteTU APNI TARAH FALTU KI CHEEZE COMMENT KARTA REHTA HAI.......KAAM KI CHEEZ TOH KARTA NAHI.......SUDHAR JA NAHI TOH GADHE KI SAWARI KE LIYE TAYYAR HO JA........ T M N T B B N. FULL FORM BATANE KI ZAROORAT TOH HAI NAHI.......GADHE HO TUM GADHE TET MERIT .......SUDHAR JAO.......
ReplyDeleteTU APNI TARAH FALTU KI CHEEZE COMMENT KARTA REHTA HAI.......KAAM KI CHEEZ TOH KARTA NAHI.......SUDHAR JA NAHI TOH GADHE KI SAWARI KE LIYE TAYYAR HO JA........ T M N T B B N. FULL FORM BATANE KI ZAROORAT TOH HAI NAHI.......GADHE HO TUM GADHE TET MERIT .......SUDHAR JAO.......
ReplyDeleteTU APNI TARAH FALTU KI CHEEZE COMMENT KARTA REHTA HAI.......KAAM KI CHEEZ TOH KARTA NAHI.......SUDHAR JA NAHI TOH GADHE KI SAWARI KE LIYE TAYYAR HO JA........ T M N T B B N. FULL FORM BATANE KI ZAROORAT TOH HAI NAHI.......GADHE HO TUM GADHE TET MERIT .......SUDHAR JAO.......
ReplyDeleteTET sathiyo
ReplyDeleteNamaskar
Kal (06/07/2013 ko 1:00 pm) ki prayag ki pawan
dharti pr tet k sabhi chhote bade sipahiyo ka
agrim swagat hai.
kal k sandarbh me kuchh purv sankalp hume aaj
hi lekar upasthit hona hoga...
(1)- behtar hoga atit pr manthon karne k bAjay
agrim ranniti ki charcha pr jor diya jay.
(2)- humara vichar vinimay maryadit bhAsa me
ho.
(3)- jo bhi nirnay liya jay samuhiq liya jay aur
bahumat k nirnAy ka samman karna sabhi apna
na kewal kartavy samjhe apitu wah badhaykari
bhi ho isaki uchit vayvastha ki jay.
(4)- yadi atit charcha prasngik lage to vo
prarambh se ho tatha prateyek ko bolane aur
apni baat rakhane ka mauka diya jay.
(5)-hum meeting me bina kisi purvagrah k
upasthit ho sath hi ek dusare k prati ek seema tk
udar rahe jaha tk humara laxy prabhavit na hota
ho.
(6)- pratek sarvan ashanka aur sandeh ka na
kewal samuchit samadhan khoja jay apitu
parasparik samvadhinata se utpann visangatiyo k
nivarnarth ek samuchit manch taiyar kiya jay
(7)-humari aapasi ladayi se humara a-hit
chhodkar kuchh khas nahi hone hola humari
paraspar ladayi k dusparinam nimn roop se nikal
kr samane aa rahe hai
(a)- humare advocates apni fee din doona rat
chauguna manmane dhang se badhane lage hai.
(b)- paraspar samvad k abhav me ek-2 advocate
ko double fee di gayi hai ye vastav me
durbhagypurn hai.
(c)- ek dusare ko nicha dikhane k chakkar me
hum kuchh ardhsaty aur apurn/ansiq baate kah
jaate hai jisase ek anavasyak bhram failata hai.
(d)-talmel ka abhav humare sram ,paisa aur
sabse mahtavpurn samay ko dheere-2 barbad kr
raha hai.
(8)- ant-tah aap aur hum milkar aayiye prarthana
kare bigat ki tarah hum aanewali tamam jaani
anjaani sabhi badhao ko ek baar fir safaltapurvak
paar kr lege .
Saty ke is mahasamar me ishawar humare sath
awasay rahega.
Jay TET
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteMr.tmntbbn jo bhi likhte hai achchhi bate likhte h aap logo ki tarah faltu bate nhi likhte aapko sahi aur achchhi jankariya dete h.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteVery good words by Dr. Kalam"Intezar karne walo ko sirf utna hi milta h jitana koshish karne wale chhod dete h"so don't wait try n try until get success.ok ji
ReplyDeleteरेफिक हवलदार - लायसेंस बताओ!
ReplyDeleteचालक - नहीं है साब!
ट्रेफिक हवलदार - क्या तुमने ड्रायविंग लायसेंस बनवाया है?
चालक - नहीं।
ट्रेफिक हवलदार - क्यों?
चालक - मैं बनवाने गया था, पर वो पहचान पत्र माँगते हैं। वो मेरे पास नही है।
ट्रेफिक हवलदार - तो तुममतदाता पहचान पत्र बनवा लो।
चालक - मै वहाँ गया था साब! वो राशनकार्ड माँगते है। वो मेरे पास नहीं है।
ट्रेफिक हवलदार - तो पहले राशन कार्ड बनवा लो।
चालक - मैं म्युनिसिपल भी गया था साब! वो पासबुक माँगते हैं।
ट्रेफिक हवलदार - तो मेरे बाप बैंक खाता खुलवा ले।
चालक - मैं बैंक गया था साब! बैंकवाले ड्रायविंग लायसेंस माँगते हैं।
(अंग्रेजों के समय से चले आ रहे देश के अफसरशाही पे एक व्यंग्य ..)
कभी मोदी vs आडवाणी
ReplyDeleteकभी मोदी vs राहुल गांधी
कभी मोदी vs नितीश कुमार
कभी मोदी vs मनमोहन सिंग
कभी मोदी vs Dग्विजय
कभी मोदी vs कॉंग्रेस
कभी मोदी vs पाकिस्तान
कभी मोदी vs अमेरिका
कभी मोदी vs लस्कर-ए-तोयबा
कभी मोदी vs हाफिस सईद
कभी मोदी vs चाइना
कभी मोदी vs अरविंद
कभी मोदी vs अखिलेस यादव
कभी मोदी vs मुल्लायम यादव
विरोधी बदलाए जाते हे पर शेर
नहीं बदलता यही कारण है की मैं मोदी का समर्थक हु,
समर्थक था,और तब तक रहूँगा | जब तक ये भारत
महासत्ता और विश्वगुरु ना बन जाये उसके बाद
भी रहूँगा......
देश द्रोहियों की क्या हो पहचान?? जो करे
मोदी का विरोध वो ही जान !!
Jidhar dekho ishq k bimar baithe h hazaro mar gaye lakho taiyar baithe h barbad hote h sale ladkiyo k piche or kahte h hum berojgar baithe h.right na
ReplyDeleteबधाई हो मित्रों :---
ReplyDeleteगुजरात सरकार को विश्व में दूसरी सबसे अच्छी राज्य सरकार घोषित किया गया है और इसे घोषित किया है इंटरनेशनल कोंसिल ऑफ़ यू.एन . ने ........
10 साल पहले गुजरात पर विश्व बैंक का 50,000 करोड़ रूपये क़र्ज़ था
लेकिन आज गुजरात सरकार के ही 1 लाख करोड़ रूपए विश्व बैंक में जमा हैं .
आज गुजरात में -----------
1.--कोई शराब की दुकान नहीं है .
2.--24 घंटे बिजली उपलब्ध है .
3.--100% महिलाये पढ़ रही हैं .
4.--पुरे भारत का 15% आयत गुजरात से होता है.
5.--शेयर मार्किट में 30% गुजरात का निवेश है .
6.--टाटा,रिलायंस ,फोर्ड ,नोकिया,बी.एम.डब्लू.,हौंडा इत्यादी सब गुजरात में हैं
और अगले 10 साल में ये सिंगापुर को पीछे छोड़ने वाला है ...
अब आप ही सोचो विकास पुरुष चाहते हो
या
विनाश पुरुष (राहुल
Mr.tmntbbn g aapk hi comments ka intjar tha.
ReplyDeleteघर पर डेढ किलो टमाटर रखे है क्या मुझ पर "आय से अधिकसंपत्ति रखने के" मामला बनता है?
ReplyDeleteदोस्तों 8 जुलाई सन् 2013 को हमारे केस की आखिरी सुनवाई होगी,
ReplyDeleteउस दिन order आने की संभावना बहुत कम है,लेकिन यह निश्चित है कि order को सुरक्षित रख लिया जायेगा।
अफसर -: आपका नाम क्या है..?
ReplyDeleteमोहन -: एम.पी.,
अफसर -: ठीक से पूरा बताओ
मोहन -: मोहन पाल,
अफसर -: आपके पिता का नाम? मोहन : एम.पी.,
अफसर -: इसका क्या मतलब है?
मोहन -: मनमोहन पाल
अफसर -: आप कहां रहते हैं?
मोहन : एम.पी., सर।
अफसर -: अच्छा, मध्य प्रदेश?
मोहन -: नहीं सर, महाराजपुर
अफसर -: ओह, हो ! तुम्हारी क्वालिफ़िकेशन क्या है?
मोहन -: एम.पी., सर।
अफसर -: अब यह क्या है?
मोहन -: मैट्रिक पास, सर।
अफसर -: तुम्हे यह नौकरी क्यूं चाहिए?
मोहन -: एम.पी., सर।
अफसर -: (गुस्से से) अब इसका क्या मतलब है?
मोहन -: मनी परोब्लम, सर।
अफसर -: अपनी विशेषता बताओ।
मोहन -: एम.पी., सर।
अफसर -: अरे, साफ-साफ बताओ।
मोहन -: मल्टिपरपज परस्नैलिटी।
अफसर -: इंटरव्यू यहीं खत्म होता है, आप जा सकते हैं।
मोहन -: एम.पी., सर।...??
अफसर -: अब इसका क्या मतलब है...?
मोहन -: मेरा परफ़ारमेंस...?
rahul smarty G
ReplyDeletebade dino ke baad dikhayi de rahe ho ,sab thik hai na?
दो मित्र रेगिस्तान में
ReplyDeleteजा रहे थे. राह् में दोनों में
किसी बात पर
विवाद हो गया. एक मित्र
ने दूसरे को एक जोर
का थप्पड़ मार
दिया. मार खाने वाले
मित्र ने बीना कुछ कहे रेत
पर लिखा --
"आज मेरे सबसे अच्छे मित्र ने
मुझे गाल पर थप्पड़ मारा."
वे इस झगड़े के बाद भी साथ
साथ चलते रहे और एक
नखलिस्तान
में पहुँचे. वहां उन्होंने ने
झील में स्नान करने
का विचार किया.
स्नान कराते समय, जिस
मित्र ने थप्पड़ खाया था,
वह् झील में
डूबने लगा पर दूसरे मित्र ने
उसे डूबने से बचा लिया.
ठीक होने के
पश्चात थप्पड़ खाने वाले
मित्र ने पत्थर पर लिख--
"आज मेरे सबसे अच्छे मित्र ने
मेरी जान बचे."
जिस मित्र ने मारा था और
जान भी बचाई थी ने बड़े
ही आश्चर्य
के साथ पूछा, "जब मैंने
मारा तो तुमने रेत पर
लिखा और अब
जान बचाई है तो पत्थर पर
लिखा है?"
मित्र ने जवाब दिया, "जब
कोई हमे दुःख पहुँचता है
तो उस बात
को रेत पर लिखना चाहिये
जिससे
कि क्षमाशीलता की लहरें
उसे
मिटा सकें पर जब कोई आपके
लिए कुछ अच्छा करता है
तो हमे
उसे पत्थर पर लिख
देना चाहिये ताकि वह्
कभी भी न मिट सके."
अपनी पीड़ा को रेत पर
अंकित करें और जिन्दगी के
सुखों को पत्थर पर लिखें.
मोरल : अपनी जिन्दगी में
क्या है उसके बजाय कौन है,
उसकी कीमत पहचान:...
Kal (06/07/2013 ko 1:00 pm) ki prayag
ReplyDeleteki pawan dharti pr tet k sabhi chhote
bade sipahiyo ka agrim swagat hai.
kal k sandarbh me kuchh purv
sankalp hume aaj hi lekar upasthit
hona hoga...
YE
ReplyDeleteHAI
TET
MERI
JAAN
hame pura yakin hai ki hamara uddeshy jald purn hone wala hai..iske bad v ye grup aagami tet exam ke liye madadgar bna rahega,,aur ham loksbha chunav tak modi par ek swasth rajnitik charcha v jari rakhege..kyuki teacher sirf bachcho ke future hi nahi waran desh ke future k liye v uttardayi hota hai..tavi aaj murali manohar joshi,sarvpalli radhakrisnan ,ex c.m mayawati jaise log nischit hi bhartiy rajniti me ek mahattvpurn bhumika me hai..aur kai example aur v hai..matlab hum bachcho k sath desh ke future ke prati apni jimmedari nibhate rahege..
jai tet.
Jai hind
jai bharat
milte hain baaaaaaaaaad me
ReplyDeleteतेरे आगोश में दम तोड़ गई
ReplyDeleteकितनी हसरतें...!!
फिर किसने तेरा नाम मोहब्बत रख
दिया...!!!!
ARE bhaiyo in acd walo ko kya ho gaya hai
ReplyDeleteye itne nirash kyu hai
acd group me ye tet supporting post kyu dale ja rahe hai
lagta hai in gadho ko tet merit ki jeet ka ehsaas ho gaya hai
aap bhi padhiye.......
शुभ संध्या साथियों,, आप सभी समाचार तो पा ही गए है
कि 8 july को हमारी केस कि सुनवाई के लिए हाई
कोर्ट कि cause list जरी हो गयी और अब
सभी संदेह भी खत्म होते जा रहे है कि,, कोर्ट बदल
रही हैं, कभी जज बदल रहे है,, सब कुछ पहले वाला है
कुछ नहीं बदला है,, बस सिर्फ सभी केस को एक साथ बंच
किया गया है जो कि भर्ती जल्दी सुरु होने कि ओर
संकेत कर रहा है,, अब लग रहा है कि इंतज़ार
की घडी समापन कि ओर जा रही है,, आठ तारीख
को हम सब फैसले के बहुत निकट हो जायेंगे,,
यदि भर्ती अभी सुरु नही हुई तो कम से कम ये
तो स्पष्ट हो जायेगा कि भर्ती कब और कैसे होगी,,,
इसलिए सभी साथी शांति से दुआ करे अब तो बस सब कुछ
स्पष्ट हो जाये,, वरना अब तो हद कि सीमा समाप्त
हो चुकी है,, फैसला क्या होगा ये तो आठ
को ही होगा लेकिन स्थिति को देखते हुए ये तो स्पष्ट
दिखाई दे रहा कि टेट को महत्व मिलने के संकेत
है,, फिर भी जो भी बस सही हो,, जिसे कोई ये ना कहे
कि अच्छे लगो के साथ बहुत बुरा हुआ,, बस सभी पात्र
को उनका लक्ष्य मिल जाये,,, धन्यवाद,,
MERE TET SUPPORTER SATHIYO,,,
ReplyDeleteJAISA KI AAP LOG
JANTE HAI KI HAMARA CASE AB HARKOLI G HI
SUNEGE,KYUKI WO HAMARE CASE KO KAFI DIN SE
SUN RAHE HAI.,
HAMARE CASE KI LIST 8 JULY KO
H.C KI WEBSITE PAR V COURT NO.33 ME SHOW
KAR RAHI HAI...
KU6 LOGO KA KAHNA HAI KI
HAMARE CASE PAR 8 JULY KO HI NIRNAY
AYEGA..JO KI GALAT HAI..
2) ACORDING TO
S.K.PATHAK ...8 JULY KO PAHLE CASE REFRESH
HOGA..MATLAB PURE CASE KO EK BAR FIR SE KYA
KYA HUWA THA.,WO BTAYA JATA HAI..FIR HAM
AAGE BAHAS KAREGE.,CHUKI KAFI DIN SE
HARKOLI G IS CASE SE DUR THE SO UNKE
SANGYAN ME PRATYEK CHEEJ DALI
JAYEGI..HAMARI BAHAS REJOINDER TAK
PAHUCHKAR T.B ME CHALI GAYI THI ,AUR JAISA KI
HAMARE REJOINDER NE USMANI COMETY KE HAR
AAROP KO DHUWA BANAKAR UDA DIYA THA AUR
HARKOLI SIR NE V USMANI REPORT KO EK
DAROGA KI KALPNIK REPORT KAHKAR KHARIJ KAR
DIYA THA..
3) ACORDING TO VIDHIK SALAHKAR
NAVIN SHARMA G....APNE CASE ME CAUSE LIST
ME JO FOR THE ORDER LIKH KE AA RAHA HAI
USKA MATLAB HAI AB HAMARE CASE KI BAHAS
ORDER KE LIYE HOGI...AUR JALD SE JALD MATLAB
KAVI V FINAL ORDER AA SAKTA HAI..
JAI TET.
Allahabad se mili suchna ke anusar aaj acd gadha ank dhariyo ki meeting me pure pradesh se kewal 26 log pahuche. meeting super flop rahi
ReplyDeleteye gadhe ab sarkar par dabaw banayenge jaha lathi charge ki prabal sambhawna hai
aaj academic bharti supporters ki meeting flop
ReplyDeleterahi kewal 26 log hi pahuch paye
jab chande kar ke third party banane ki bat hui
to kuchh logo ne kaha ki ve itane paise nahi dege
apas me gali galouj bhi hui
Apne aapko Bahut bada Bharti
ReplyDeletesuppoter khne wale ye Sudh Gadhnak
Samarthak hum pr Bharti latkane ka
aarop lagate the. Aur sara din sarkar
ki jai-jai kar krte nhi thakte the. Aaj
itne bechain kyo ho gaye hai. Mujhe
lagta hai jitna vishwas humare kuch
sathiyo ne apni jeet pr nhi kiya hoga
usse kahi jyada inhe apni haar pr
vishwas ho gaya hai.
Isliye dosto jiske man me kahi thoda
sa bhi dar baki hai to wo use bhi
tyag de, qki ab hum apne Vijay Divas
ki or badh rhe hai, Jeet humesha
Satya(Nyay, Kanoon) ki hi hoti aayi
hai.
Jai TET Merit
Jai Old Add
Gunank wale ab gadhe par chad kar aur chasma
ReplyDeletelaga kar up gov ke sath delhi india gate dekhne
jayenge .
Rictiyo ki sankhya >>> 72,825
Arhata/yogyata>> b.ed.+ tet
Chayan >>> acd arthat gadha ank ke aadhar par kiya jayega
मुझे इन्तजार है उस वक्त का जब श्री डीएनए तिवारी कहेंगे...
ReplyDeleteइशरत जहाँ मेरी बेटी थी.... ;)
SHIKSHA MITRAON KO BHI PASS KARNA HOGA TET COURT ORDER KE BAAD SARKAR NE BHI KAH DIYA..ISSI BAAT SE SAMAJ LO KI SARKAR HI SAB KUCH NAHI HOTI JO GALAT HAI WO HAI..
ReplyDeleteCOMPROMISING dose not mean that You are
ReplyDeleteWrong & someone is right.
It only means that you
value your RELATIONSHIP much more than your
EGO.
Great Night...!!! शुभ-रात्रि...!!! शब-ब-ख़ैर...!!!
96 48 20 73 47
81 82 80 33 09
सुप्रीम कोर्ट ने लैपटॉप, टेब, टीवी आदि का लालच देकर वोटरों को लुभाने की भ्रष्ट परम्परा को समाप्त करने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, तथा इसको बंद करने का कड़ा आदेश दिया है..
ReplyDeleteफूलवाला: साहब अपनी प्रेमिका के लिए फूल ले लो.
ReplyDeleteलड़का: मेरी प्रेमिका नहीं है.
फूलवाला: तो मंगेतर के लिए ले लो.
लड़का: मेरी कोई मंगेतर नहीं है.
फूलवाला: तो अपनी बीवी के लिए ले लो.
लड़का: मेरी बीवी नहीं है.
फूलवाला: ऐ दुनियाके खुशकिस्मत इंसान मेरी तरफ सेये
फूल फ्री में ले ले.
GUNANAK MEETING
ReplyDeleteAAJ KI GUNANK MEETING SE YE PATA CHALA KI AB INKO BHI SAMAJH ME AANE LAGA HAI KI SATYA KI JEET HONE WALEE HAI.EK TANASAH SARKAR JAISA CHAHE WAISA NAHI KAR SAKTEE HAI KYON KI YAHAN NYAY PALIKA JINDA HAI.JIS BAAT KO TET MERIT WALEY SURU SE KAH RAHE HAI WAHI BAAT ABHI TK DOUBLE BENCH NE KAHI HAI HAI KI EK SARKAAR KISI BHARTI PRAKRIYA KO BEECH ME NAHI BADAL SAKTEE.SAYAD ISSELIYE COUNSELING KE PAHLEY DIN HI STAY LAGA HAI.
: राजनीतिक दल फ्री न बांटे टीवी-लैपटॉप: SC
ReplyDeleteकोर्ट ने इस दिशा में निर्वाचन आयोग से राजनीतिक दलों को ऐसा करने से रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश तय करने को कहा है.
कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा जनता से टेलीविजन और लैपटॉप समेत अन्य मुफ्त उपहारों का वादा जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 के अंतर्गत एक भ्रष्ट परम्परा है. अदालत ने यह महत्वपूर्ण फैसला एक याचिका खारिज करते हुए सुनाया.
याचिका में तमिलनाडु की एक राजनीतिक पार्टी द्वारा मुफ्त में जनता को टेलीविजन दिए जाने का वादा किए जाने को भ्रष्ट परंपरा घोषित करने का अनुरोध किया गया था.
न्यायमूर्ति पी सताशिवम् और रंजन गोगोई ने कहा, “हालांकि कानून में साफ तौर पर ये कहा गया है कि जन प्रतिनिधित्व (आरपी) अधिनियम की धारा 123 के तहत चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वायदे 'भ्रष्टाचार' की श्रेणी में नहीं आते. मगर हम इस हकीकत से इनकार नहीं कर सकते कि किसी भी तरह का मुफ्त उपहार बेशक लोगों को प्रभावित करता है. यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की जड़ों को गहरा नुकसान पहुंचाता है.”
खंडपीठ के अनुसार, “ऐसा कोई कानून नहीं है जो चुनावी घोषणा पत्र की विषय वस्तु को नियंत्रित करता हो. इसलिए चुनाव आयोग को निर्देश दिया गया है कि वह मान्यता प्राप्त क्लिक करें राजनीतिक दलों के लिए दिशानिर्देश जारी करे."
उन्होंने कहा, “राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए आदर्श आचार संहिता में एक अलग हिस्सा चुनाव घोषणा पत्र से जुड़े दिशानिर्देशों का होना चाहिए.”
इस फैसले का व्यापक असर होने की संभावना है. इससे क्लिक करें मतदाताओं को लुभाने के लिए लैपटॉप, टीवी, मिक्सर और ग्राइंडर, बिजली के पंखे, हल्के वजन की सोने की थाली और मुफ्त खाद्यान्न जैसे मुफ्त उपहार का वादा करने वाले राजनीतिक दलों पर रोक लग सकती है.
अनोखा उदाहण
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मुफ्त उपहार का वायदा करने वाले राजनीतिक दलों पर रोक लग सकती है
इस फैसले का एक असर यह भी होगा कि दलों का चुनावी घोषणा पत्र चुनाव आयोग की क्लिक करें देख रेख के अंतर्गत आ जाएगा.
खंडपीठ ने कहा कि हालांकि चुनावी घोषणा पत्र आचार संहिता के लागू होने के पहले प्रकाशित किया गया है, चुनाव आयोग इसे आचार संहिता में शामिल करके एक अनोखा उदाहरण स्थापित कर सकता है.
खंडपीठ के मुताबिक़, “हम इस सच्चाई के प्रति सचेत हैं कि आमतौर पर राजनीतिक दल चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी करते हैं. ईमानदारी से कहा जाए तो ऐसे में, चुनाव आयोग को ऐसी किसी गतिविधि पर रोक लगाने का अधिकार नहीं होगा जो चुनाव की तारीख की घोषणा से पहले हुई हो.”
बेंच का मानना है, “फिर भी, इस संदर्भ में एक नई पहल की जा सकती है क्योंकि चुनाव घोषणा पत्र का मकसद चुनावी प्रक्रिया से सीधा जुड़ा हुआ है.”
पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 324 के तहत निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने और विभिन्न उम्मीदवारों के बीच बराबरी का मौका स्थापित करने के लिए चुनाव आयोग आदर्श चुनाव संहिता जैसे दिशानिर्देश जारी कर सकता है। जैसा कि उसने पहले भी किया है। घोषणापत्रों में मुफ्त उपहारों की घोषणा पर रोक लगाने वाले दिशानिर्देश आदर्श आचार संहिता में अलग हेड में शामिल किए जाएं
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