HTET : शिक्षकों के पदों का रेशनेलाइजेशन (तर्क संगत) करने के नाम कक्षा में छात्रंे की संख्या बढ़ाई जा रही है
राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के पदों का रेशनेलाइजेशन (तर्क संगत) करने के नाम पर जोरशोर से तैयारी चल रही है। शिक्षा का अधिकार कानून व एनसीईआरटी के सभी प्रावधानों को दरकिनार करते हुए कक्षा में छात्रंे की संख्या बढ़ाई जा रही है तथा विषयों के साप्ताहिक पीरियड घटाए जा रहे हैं। 1इस बीच हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वजीर सिंह और महासचिव सीएन भारती ने स्कूलों में रेशनेलाइजेशन की नीति का प्रबल विरोध किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग अपनी खामियां छिपाने तथा नई भर्तियां करने से बचने के लिए प्रदेश की आंखों में धूल झोंक रहा है। शिक्षक नेताओं के अनुसार प्राथमिक विभाग में 45 बच्चों पर एक पद दिया जा रहा है, जबकि शिक्षा अधिकार कानून कहता है कि 30 बच्चों पर एक अध्यापक होगा। उन्होंने मांग की है कि अधिकतम 30 बच्चों व प्रति कक्षा/सेक्शन पर एक अध्यापक होना चाहिए। अपर प्राइमरी में 50 बच्चों तक एक सेक्शन तथा 100 बच्चों तक दो सेक्शन बनाए जा रहे हैं जबकि कानून 35 बच्चों के सेक्शन का है। प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार 43 साप्ताहिक पीरियड तक एक ही अध्यापक का पद दिया जा रहा है व दो-दो विषयों (विज्ञान-गणित, हिंदी-संस्कृत, सामाजिक-अंग्रेजी) का वर्कलोड इकट्ठा डाला जा रहा है जबकि मास्टर के पहले साप्ताहिक 36 ही पीरियड थे। विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, सामाजिक व हिंदी के साप्ताहिक पीरियड भी कम किए जा रहे हैं। विज्ञान एक प्रायोगिक विषय है, उसके केवल सप्ताह में पांच पीरियड दिए गए हैं। एनसीईआरटी/सीबीएसई सभी विषयों के आठ साप्ताहिक पीरियड देता है। सीएन भारती के अनुसार कक्षा 9 से 12वीं की स्थिति तो बिल्कुल ही डावांडोल है। कक्षा 9 से 12वीं को पढ़ाने के लिए 32 हजार प्राध्यापक चाहिए जबकि केवल आठ हजार प्राध्यापक ही कार्यरत हैं। वजीर सिंह ने बताया कि 13-14 जुलाई को जींद में राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है