BTC : भावी शिक्षक अब स्वास्थ्य , कला और संगीत भी पढ़ेंगे
बीटीसी का पाठ्यक्रम बदला गयालखनऊ। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने दो वर्षीय बीटीसी का पाठ्यक्रम बदल दिया है। नए पाठ्यक्रम को और रुचिकर बनाया गया है। इसमें कला, संगीत, शारीरिक शिक्षा, स्वास्थ्य और कंप्यूटर जैसे विषयों को शामिल किया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को प्रत्येक सेमेस्टर में इसमें से किसी एक विषय का चयन करना होगा। इन विषयों की केवल लिखित परीक्षा होगी और प्रयोगात्मक परीक्षा से छूट रहेगी। दो वर्षीय प्रशिक्षण को पूर्व की तरह चार सेमेस्टरों में ही रखा गया है। एससीईआरटी ने नए पाठ्यक्रम को लागू कर दिया है। इस साल शुरू हुए प्रशिक्षण में प्रशिणार्थियों को इसके आधार पर ही ट्रेनिंग दी जा रही है।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता बीटीसी है। राज्य सरकार परिषदीय स्कूलों में शिक्षण कार्य का माहौल बदलना चाहती है। वह चाहती है कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को जो शिक्षा दी जाए उसमें सामाजिक जानकारियों के साथ खेल, कला, संगीत, शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में भी पढ़ाया जाए। यह तभी संभव है जब शिक्षकों को इसकी जानकारी होगी। इसके तहत प्रत्येक सेमेस्टर में कई तरह के प्रयोगात्मक कार्य भी कराए जाएंगे। शिक्षा और बच्चों से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की भी समग्र जानकारी दी जाएगी।
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प्रशिक्षार्थियों की होगी ग्रेडिंग
बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों की ग्रेडिंग भी कराई जाएगी। लिखित परीक्षा में 80 प्रतिशत से अधिक पाने वाले को एक ग्रेड, 80 से 65 पर बी, 65 से 50 पर सी ग्रेड दिया जाएगा और 50 प्रतिशत से कम पाने वाला अनुत्तीर्ण होगा। आंतरिक परीक्षा में 85 प्रतिशत या उससे अधिक पर ए ग्रेड, 85 से 70 पर बी, और 70 से 60 पर सी ग्रेड दिया जाएगा। दो विषयों में फेल होने पर अगले सेमेस्टर में प्रवेश दिया जाएगा। दो से अधिक में फेल होने पर दोबारा उसी सेमेस्टर को पास करना होगा।
आयोग ही कराएगा शिक्षक भर्ती परीक्षा
इलाहाबाद। सूबे के सहायता प्राप्त डिग्री कालेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1652 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ही कराएगा। इसके लिए आयोग विश्वविद्यालयों तथा अन्य संस्थाओं से मदद लेगा। परीक्षा इलाहाबाद और लखनऊ में ही कराने की योजना है। इसके प्रारूप को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसी महीने परीक्षा तिथि घोषित होने की उम्मीद है।
असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए आयोग ने अप्रैल में आवेदन मांगा था। लिखित परीक्षा जुलाई में कराने का दावा किया गया था। इसके लिए कानपुर विश्वविद्यालय से संपर्क किया गया था लेकिन बात नहीं बन पाई। ऐसे में आयोग ने खुद ही परीक्षा कराने की पहल की है। वर्षों से बदहाल रहे आयोग के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है। यहां तक कि परीक्षा नियंत्रक का पद भी नहीं है। इसलिए अन्य विश्वविद्यालयों तथा संस्थाआें से मदद लेने की योजना बनाई गई है। आयोग के पास मैन पॉवर नहीं है। इस वजह से इलाहाबाद तथा एक-दो अन्य जिलों में ही परीक्षा कराने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए चार या छह चरण में परीक्षा कराने की योजना है। आयोग के अफसरों का यह भी दावा है कि परीक्षा जुलाई के आखिरी सप्ताह से अगस्त के पहले पखवारे के बीच हो जाएगी। हालांकि अभी तक की तैयारियों को देखते हुए इतनी जल्द परीक्षा की उम्मीद कम है। उप सचिव संजय सिंह का कहना है कि प्रारूप तैयार किया जा रहा है। कोशिश है कि जल्द से जल्द परीक्षा कराई जाए।
News Sabaar : Amar Ujala (10.06.2014)