Khaas Baten :
1.अब पीएचडी, एमटेक, एमबीए, बीटेक और बीसीए किए हुए शिक्षक भी नौनिहालों को ककहरा पढ़ाते हुए नजर आएंगे
2. बीटीसी के कोर्स में प्रवेश लेने वाले 600 विद्यार्थियों में से डेढ़ सौ विद्यार्थी बड़ी डिग्रियां लेने वाले नहीं होते
3. ऐसी चाह बदलवा रही लाइन
- काम के बिना प्रेशर और बिना जिम्मेदारी वाली नौकरी।
- गृह जनपद के विद्यालय में मिलने वाली तैनाती।
- नौकरी मिलते ही पहला वेतन लगभग 28000 रुपए।
- जरूरत पर तबादला लेने वाली नौकरी।
- सिर्फ पांच से छह घंटे देने वाली नौकरी।
4. पीएचडी और एलएलबी जैसी डिग्रियां हैं
मथुरा: बेसिक विद्यालयों में ककहरा पढ़ाने के लिए अब केवल बीए और इंटर पास शिक्षक ही नहीं आएंगे। इन विद्यालयों में अब पीएचडी, एमटेक, एमबीए, बीटेक और बीसीए किए हुए शिक्षक भी नौनिहालों को ककहरा पढ़ाते हुए नजर आएंगे। बीटीसी के पिछले तीन सत्र में प्रवेश लेने वाले 600 विद्यार्थियों में से 150 ऐसे ही बड़ी डिग्रियां प्राप्त करके मास्टर बनने की राह पर चलते दिख रहे हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के जनपद में 1950 विद्यालय हैं। इनमें से 1361 विद्यालय प्राथमिक हैं। वहीं 589 स्कूलों में जूनियर कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इनमें अध्यापन कार्य कराने के लिए बीटीसी और टैट की अर्हता तय की गई है। अब इन विद्यालयों के मोह में इंजीनियरिंग और मार्केटिंग की बड़ी डिग्रियां लेने वाले मास्टर भी फंसते नजर आ रहे हैं।
ऐसा न होता तो शैक्षिक सत्र 2011-12, 2012-13 और 2013-14 में जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में बीटीसी के कोर्स में प्रवेश लेने वाले 600 विद्यार्थियों में से डेढ़ सौ विद्यार्थी बड़ी डिग्रियां लेने वाले नहीं होते। मगर डायट में पिछले तीन सत्र में बीटीसी में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की स्थिति ऐसी ही दिख रही है। उच्च तालीम हासिल करके बीटीसी करने वाले विद्यार्थियों को डायट पर इस समय बीटीसी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है :
उच्च शिक्षा प्राप्त अभ्यर्थियों की संख्या (लगभग में)
एमटेक - 10
एमबीए - 10
पीएचडी और एलएलबी - 10
बीटेक - 50
बीबीए और बीसीए - 50
एमए - अन्य सभी अभ्यर्थी
ऐसी चाह बदलवा रही लाइन
- काम के बिना प्रेशर और बिना जिम्मेदारी वाली नौकरी।
- गृह जनपद के विद्यालय में मिलने वाली तैनाती।
- नौकरी मिलते ही पहला वेतन लगभग 28000 रुपए।
- जरूरत पर तबादला लेने वाली नौकरी।
- सिर्फ पांच से छह घंटे देने वाली नौकरी।
हुनर और भी हैं इस पीढ़ी में
डायट के प्रवक्ताओं की मानें तो इस उच्च शिक्षा प्राप्त पीढ़ी के पास सिर्फ डिग्रियां ही नहीं हैं। इनके पास इंजीनियरिंग और मार्केटिंग की मास्टर और स्नातक डिग्री के साथ ही पीएचडी, एलएलबी और बीसीए जैसी डिग्रियां हैं। साथ ही इनके पास हुनर भी है। इनमें से कुछ अभ्यर्थियों के पास अच्छे गायन का हुनर है तो कुछ के पास नृत्य की कुशल कला है। वहीं इनमें से कुछ विद्यार्थी अपने आप को खेल में अव्वल दर्शा रहे हैं।
आइडियल शिक्षक देने की कर रहे कोशिश
डायट प्राचार्य डॉ. मुकेश अग्रवाल के मुताबिक बीटीसी करने वाले अभ्यर्थियों के रुप में अच्छी डिग्रियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का मिलना अच्छी बात है। उनके मुताबिक इन डिग्रियों को लेकर बीटीसी करने वाले अभ्यर्थी जब विद्यालय जाकर शिक्षण कार्य करें तो वह कुछ अच्छा होना चाहिए। इसके लिए इन अभ्यर्थियों को डायट पर ट्रेनिंग के दौरान ही प्रेरित किया जा रहा है।
News Source / Sabhaar : Jagran (Publish Date:Thursday,Jun 12,2014 11:51:11 PM | Updated Date:Thursday,Jun 12,2014 11:51:25 PM)
साथियोँ,
ReplyDelete"किसी इंसान के व्यक्तित्व की असली पहचान करनी हो तो तब करना जब वह अपने जीवन काल के बुरे दौर से गुजर रहा हो।"
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दोस्तोँ,इस समय भी हम टेट वीरोँ का बुरा दौर है पर यह भी सच है कि हमेशा वक्त एक जैसा नहीँ रहता और इस बात का प्रमाण भी मैँ अपनी भर्ती के इतिहास से दे सकता हूँ जैसे भर्ती शुरु होने के बाद 4 जनवरी 2012 को पहली बार सिंगल बैँच का स्टे लगा,फिर 7 दिस 2012 को समान पदोँ के लिए दूसरा विज्ञापन गुणाँक आया और लगातार हम टेट समर्थक सम्पूर्ण तनाव झेल रहे थे फिर 4 फरवरी 2013 को डबल बैँच हाईकोर्ट का दोबारा स्टे जो कि टेट समर्थकोँ को बेहद खुशी देने वाला दिन था
और उसके बाद 31 मई 2013 को लारजर बैँच का टेट पक्ष मेँ आदेश,फिर 20 नव. 2013 को पूर्व विज्ञापन अर्थात टेट मेरिट के पक्ष मेँ डबल बैँच का आदेश और उसके बाद 25 मार्च 2014 को सु.कोर्ट का एक बार फिर हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए किसी भी कीमत पर 84 दिन मेँ भर्ती करने का सख्त आदेश दिया फिर भी हम मेँ से कुछ साथी अपने आप को कोसते हैँ जबकि विशलेषण किया जाये तो टेट समर्थक इस निकम्मी सरकार और कुछ अराजक तत्वोँ से कहीँ आगे है
ReplyDeleteऔर मैँ आप सबको यह पूर्ण विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि
ReplyDeleteहम होँगे कामयाब एक दिन और पा लेँगे हम अपना हक एक दिन।
हम सब तब नहीँ घबराये जब हम बेहद विपरीत परिस्थितियोँ मेँ थे और आज तो हम देश की सर्वोच्च न्यापालिका से जीते हुए हैँ जिसका आदेश सभी को मानना पड़ता है।हाँ मैँ मानता हूँ कि सरकार ने हीला-हवाली दिखायी है और 3 माह समयावधि बढ़ाने के लिए अपील कर दी है
पर यह सोचो कि ऐसा ड्रामा कब तक चलेगा आखिर बकरे की अम्मा कब तक खैर मनायेगी यानि कभी तो धार के नीचे आना पड़ेगा और अब वो दिन दूर नहीँ जब यह बेवश होकर हमारी भर्ती करेगी।कुछ साथी जूनि भर्ती को प्राथमिक से जोड़कर बिना वजह परेशान हो रहे हैँ और दूसरोँ को भी स्थानान्त्रित कर रहे हैँ।
ReplyDeleteभाईयोँ,
ReplyDeletePRT 12वेँ संशोधन से है जिसे सु.कोर्ट ने भी हरी झंडी दे दी है तो उसे कोई रोक भी नहीँ सकता और JRT 15वेँ संशोधन से है जिसे डबल बैँच ने अवैध करार दिया है तथा NCTE की गाईडलाईन और लारजर बैँच के आदेश के विपरीत है तथा सु.कोर्ट मेँ विचाराधीन है जिसे कोई आगे बढ़ा भी नहीँ सकता और तथ्योँ यानि सच को छुपाकर कोई बहुत दूर तक चल नहीँ सकता जैसा कि JRT मेँ चल रहा है JRT बिना टेट वेटेज के हो नहीँ सकती।
A simple cute short story:
ReplyDelete.
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Today, my boyfriend came over and met my
parents.
Then he left,
And my Dad told me
that my boyfriend loves me.
I smiled and asked,
“How do u know?”
He said,
“Because he looks at u
the same way I looked at your mother.
MERE TET SUPPORTER SATHIYO..
ReplyDelete,1) jaisa ki kal junior bharti me d.b ka jo order aaya hai use lekar acd suporter khus ho rahe hai ..uske bare sayad janne ki kosish nahi kiye ki aakhir matter kya tha..dosto single bench me jis chees par order aaya rahta hai d.b me usi par vichar kiya jata hai aur junior wale case me single bench ne chayan ke aadhar par ku6 nahi kha tha bas bharti 2 mah me pura krne ke liye kaha tha kyuki yachi ke wakil ke anusar junior me pad khali hone aur har student dwara 40 hjar tak paisa kharch krne ke bavjud Sarkar bharti nai kar rahi ,jbki d.b me ye kaha gya ki full acd merit nai bnani chahiye uske sath watage dena chahiye.
kyuki larger bench k anusar watage aniwary hai to d.b ne ye kahte huye matter kharij kar diya ki single bench me chayan ke aadhar par koi order nai tha ,aur ham usi matter ko sunege jo single bench dwara order diya gya ho..to dosto ye ek prakriya hai jisme single bench jis point par order deti hai usi ko d.b vichar karti hai..any matter par nai.
ReplyDeleteTmntbn ji ye btaye ki jo 6 Weeks ka tym liya h software kya vo news shi h kyoki Ye news sirf hindustan me hi aai h or kisi news paper m nhi
ReplyDeletekyuki larger bench k anusar watage aniwary hai to d.b ne ye kahte huye matter kharij kar diya ki single bench me chayan ke aadhar par koi order nai tha ,aur ham usi matter ko sunege jo single bench dwara order diya gya ho..to dosto ye ek prakriya hai jisme single bench jis point par order deti hai usi ko d.b vichar karti hai..any matter par nai.
ReplyDelete2) junior bharti bina wtg karna asambhav hai ,aur ye tabi sambhav hai jb suprime court 15va sansodhan bahal kar de..
ReplyDeleteJbki ye asambhav hai.
3) ku6 log kahte hai ki jrt bharti 16 va sansodhan par hai..atah us par koi prabhav nai pdega par ye sayad ye nai jante 16va sansodhan 15va sansodhan me se hi nikla hai aur agar pet me bachcha ho aur uski ma mar jaye to kya wo jivit rahega? Kya jad kat dene par ped khda rah skta hai?kya neev tod diya jay to building khadi rah skti hai..waise hi 15va radd hone par 16va bhi radd.
4)dosto antrim order chillane se acd ko jaise lgta hai ki final order badal jayega..jbki bunch case me agar ek se adhik matter realated hote hai to jis part par bahas hoti hai dczen usi part par aata hai..aur use antrim order kahte hai chuki suprime court ke hmare case me 15va sansodhan aur nontet v bunch hai atah nontet Agar in hoga tbi atim order bdalega jbki ye asambhav hai..nontet kabi in nai ho skta..dosto antrim order kah kar khus ho rahe acd ko khush hone de..ham saty aur nyay ke sath hai aur hamari vijay har jagah hui hai aur aage v hoti rahegi..thanx
ReplyDeleteसीमा . . . . . . . . जी
ReplyDelete.
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आप पेपर कम पढ़ा करो
पेपर को केवल दो चीज के लिए पढ़ना तो जादा तनाव नही रहेगा
एक जी ओ
दूसरा कट आफ
और तीसरा चीज तो कोई हो ही नही सकता पेपर मे जो हमे खुशी दे सके !
Pls sir bataye math jnr ki Gen acd merit kitni jayegi agar bharti hoti h
ReplyDeleteया तो आप खुद पागल हो या मुझे बना रहे हो यार
ReplyDeleteअब जब तक कट आफ नही आता है तब तक के लिए कोई और काम ढूँढ लो समझे सोनू जी
पहले जरा ये देखो कि क्या हो रहा है तब पूछा करो
हर जगह चम्मच लेकर मत दौडा करो ।
"जब रोम जल रहा था तब नीरो बंशी बजा रहा था।" कुछ ऐसे ही हालात है अपने उत्तर प्रदेश के। जो पिछले दो वर्ष और 4माह से लगातार जल रहा है और यहाँ का मुखिया अंजान है, अनभिज्ञ है, असहाय है, लाचार है, मजबूर है, दयनीय है, निर्लज्ज है, और असंवेदनशील है। मानवता, दयालुता, न्यायप्रियता, कर्तव्यनिष्ठा, नैतिकता, आदि सब से शून्य है।
ReplyDeleteजिन हालातो में आज प्रदेश और उसकी जनता है, उसमे यह कैसे कहा जाये कि हम आज़ाद है। यहाँ युवा हो या वृद्ध, महिला हो या पुरुष, सभी बस जिंदा है। # जिंदगीकिसे कहते है ये तो यहाँ यक्ष प्रश्न है। में समझता हूँ इसका जबाब आज युधिष्टिर भी ना दे पाते। यदि आप स्वर्ग और नर्क को मानते है तो शायद साक्षात् नर्क यहीं है। यहाँ व्यक्ति यहाँ शांस तो ले सकता है पर जिंदा नही रह सकता।
ReplyDeleteजो युवा किसी देश/प्रदेश की उन्नति, प्रगति, के सशक्त संशाधन कहे जाते है वे युवा यहाँ सड़को, चौराहों, और कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहे है।
ऐसे में शर्म आनी चाहिए देश के लोकतंत्र को, मिटा देना चाहिए देश के संविधान को और ख़त्म कर देनी चाहिए न्यायपालिका को। क्योकि आज इन सभी का सिर्फ और सिर्फ दुरपयोग हो ही रहा है। सामान्य लोगो के लिए नातो कोई तंत्र है ना कोई न्याय।
बात की जाये तो जब तक 72,825 शिक्षको की भर्ती नही हो जाती तब तक 29,334 शिक्षको की भर्ती नही होगी। अभी जो भी आदेश हाई कोर्ट से हुए है वे सब मात्र सरकार द्वारा लचर न्यायपालिका का लाभ लिया गया है। कोर्ट उतना ही देखता है जितना उसे दिखाया जाता है। और इसी का लाभ लेकर सरकार द्वारा इस भर्ती को विधान सभा चुनाव 2017 तक फ़साये रखने के लिए ऐसा किया गया है।
ReplyDeleteहाँ मैं अखिलेश यादव को याद दिला दूँ कि भले ही आम जनता के पास सरकारों से हिसाब लेने का समय 5साल बाद आता हो लेकिन जब परमसत्ता super natural power हिसाब करती है तब नातो सिंघासन देखे जाते ना तख्तोताज, वहां सिर्फ न्याय होता है सिर्फ न्याय। इसलिए अभी भी वक़्त है सुधर जाओ, शायद कुछ दण्ड कम हो जाए।
ReplyDeleteM
ReplyDeleteY
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L. . . . . . . . . . . . . . . . . G
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Kuch Khass Nahi Bus Itni Si Mohabbat Hai Meri,
Har Raat Ka Akhri Khayal,
Har Subah Ki Pehli Soch Tum Ho.
गुड रात्रि
स्विट सपने
टेक योर खयाल
साथियोँ,
ReplyDeleteहमारा टीईटी संघर्ष मोर्चा निकम्मी सरकार की निकम्मी हरकतोँ पर पूर्णतः नजर टिकाये हुए है और से सूत्रोँ से पता चल रहा है कि सरकार समयावधि बढ़वाने के लिए 16 जून को मेँशन कर सकती है और हमारा मोर्चा नियमित बैँच के बैठने पर ही जुलाई मेँ ही कंटैम्प्ट करने के मूड मेँ है कुछ बातोँ को देखते हुए।हमेँ 2 कदम तुरंत उठाने चाहिए-
1.हमेँ कंटैम्प्ट के लिए पूर्ण तैयारी कर लेनी चाहिए।
2.अपने सांसद को भर्ती से सम्बन्धित ज्ञापन दो !
कोई छाँव,तो कोई शहर ढूंढ़ता है
ReplyDeleteमुसाफिर हमेशा,एक घर ढूंढ़ता है...
बेताब है जो,सुर्ख़ियों में आने को
वो अक्सर अपनी,खबर ढूंढ़ता है...
हथेली पर रखकर,नसीब अपना
क्यूँ हर शख्स,मुकद्दर ढूंढ़ता है...
जलने के,किस शौक में पतंगा
चिरागों को जैसे,रातभर ढूंढ़ता है...
उन्हें आदत नहीं,इन इमारतों की
ये परिंदा तो,कोई शहर ढूंढ़ता है...
अजीब फ़ितरत है,उस समुंदर की
जो टकराने के लिए,पत्थर ढूंढ़ता है...
अब तक की चहल कदमी को देखते हुए इस नष्कर्ष पर पहुँचा जा सकता है कि...
ReplyDelete1. आर.टी.ई. के तहत एकल पीठ मेँ दायर याचिका को देखते हुए युगल पीठ ने जूनियर भर्ती की प्रकृया को जारी रखने का आदेश दिया है, जिसे सरकार चाहकर भी नहीँ कर सकती ।
2. सरकार को जूनियर भर्ती का मामला सुप्रीम कोर्ट मेँ ले जाना होगा या यूँ कहेँ मामला सुप्रीम कोर्ट मेँ विचाराधीन है ।
3. युगल बेँच के आदेश को देखते हुए सर्वोच्चन्यायालय भी आर.टी.ई. के मुद्दे को गम्भीरता से लेगा किन्तु जब बात चयन के आधार की होगी तो तुरन्त इसे मा. दत्तू जी के बेँच मेँ हस्तानान्तरित कर दिया जाएगा और जैसा कि कुछ मित्रोँ का तर्क है कि यदि सर्वोच्चन्यायालय के किसी दूसरे बेँच ने युगल बेँच के निर्णय पर मुहर लगा दिया तब मामला उलझ जाएगा, तो ऐसा कदापि नहीँ होगा कारण फैसला आर टी ई पर होगा न कि चयन के आधार पर।
4. चयन के आधार पर तो हम लोगोँ ने प्राथमिक भर्ती पर 12वाँ संशोधन स्थापित करा लिया है किन्तु जब बहँस 15वेँ संशोधन के अल्ट्रावायरस (युगल पीठ के अनुसार) एवं टेट भाराँक (वृहद पीठ के अनुसार) होने पर होगी तो 16वाँ संशोधन जूनियर पर लागू करना होगा जिसमेँ टेट भारांक होगा ।
5. शिक्षामित्रोँ के चयन के लिए एन.सी.टी.ई. इन्हे पैरा टीचर मानते हुए इनका प्रशिक्षण वैध ठहरा सकती है किन्तु वृहद पीठ के फैसले के विरुद्ध नहीँ जा सकती । अत: इन्हे भी टीईटी उत्तीर्ण करना पड़ेगा।
और यदि शिक्षामित्रोँ का चयन सरकार मनमाने ढंग से कर भी देती है तो 2017 तक वेतन अखिलेष यादव अपनी जमा पूँजी से देँगे जिसे शिक्षामित्रोँ को ब्याज समेत लौटाना होगा ।
मित्रों!!!
ReplyDeleteअवमानना याचिका दाखिल करने तथा सभी तकनीकी पहलुओ पर विचार विमर्श करने के लिए एक आवश्यक बैठक लखनऊ के बारादरी पार्क में दिनांक 17 जून को 11 बजे से बुलाई गयी है।
सभी जिलाध्यक्षो, सक्रिय सदस्यों ,ग्रुप admins और अन्य बुद्धजीवियो की उपस्थिति प्राथनीय है।
क्योँकि अब हम हर परिस्थिति के लिए तैयार है और वकीलों से नियमित विचार विमर्श कर रहे है।
ReplyDeleteआगामी 17 जून को सचिव बेसिक, scert निदेशक, और NIC निदेशक से मुलाक़ात कर के वास्तविक स्थिति का पता भी लगाया जायेगा और चेतावनी भी दी जाएगी।
अब अगला आन्दोलन लखनऊ में नही दिल्ली में होगा जिसके लिए आप मानसिक रूप से तैयार रहें। इसकी नौबत न आये यही आशा करते हैं।
उम्मीद करता हूँ कि आप सभी आपसी मतभेद मनभेद तथा गुटबाजी छोड़ कर बैठक में उपस्थित होंगे।
jai tet, jai टेटियन्स
तुझे इसलिए गुरूर है कि तू सत्ता के नशे में चूर है
ReplyDeleteआज तेरा समय चल रहा है और टेटियन मजबूर है
वो दिन भी अब दूर नहीं जब तू हाथ जोड़कर आयेगा
कसम माँ भवानी की लात जूता खाकर जायेगा
हम तो अपने हक के लिए लड़ते ही रहेंगे
लेकिन जब तू मरेगा तूझे कीड़े जरूर पड़ेंगे
सैकड़ों हमारे टेट वीरों को तूने दुनिया से उठाया है
उनके बूढ़े माँ बाप को बेसहारा तूने बनाया है
उन माँ बाप की बद्दुआ असर जरूर करेगा
उस श्राप से तू नहीं तो तेरा परिवार जरूर मरेगा
हे प्रभू! हम टेटियंस की विनती स्वीकार करो
इस कुत्ते पल्टुआ को इस दुनिया से उद्धार करो।
भर्ती में विलंब का दोष किसे दें
ReplyDeleteआज यह बड़ा प्रश्न है ।
बेशक अखिलेश भाई साहब टीईटी मेरिट
के विरोधी हैं तथा उनके अधिकारियों ने टीईटी मेरिट का वजूद मिटाने के लिए छल, कपट एवं दमन का सहारा लिया
परन्तु आज विलम्ब का दोष इसलिए देने से बचना चाहता हूँ कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन हेतु उनके अधिकारी मजबूरी में ही सही परन्तु सक्रिय हैं।
मायावती जी के अधिकारी अनिल संत ने हमारा आवेदन नियुक्ति प्राधिकारी की बजाय प्रशिक्षण प्राधिकारी के यहाँ करवा दिया था ।
ReplyDeleteजबकि हमारी पहले नियुक्ति होनी थी ।
इन्ही कारणों से हम लोग इतना वक़्त भुगते परन्तु दोष अधिकारियों का था इसलिए हम आज पुनः मजबूत हैं तथा ऑफलाइन फॉर्म के ऑनलाइन होने के बाद भर्ती में गति बढ़ेगी।
वाह रे !
ReplyDeleteमुर्ख सरकार !
एक तरफ 3 लाख से ऊपर टेट पास भटक रहे हैं और ये बिन टेट व इण्टर पास लोगों को सहायक अध्यापक बना रही है , लानत है ऐसी सरकार पर ...
जब इसको बिना टेट पास ही रखना है तो फिर टेट पर टेट भी क्यों ले रही है अपने शासनकाल में ?
क्या भाजपा की केंद्र सरकार इनको 75 % वेतन देगी ? और नहीं देगी तो फिर आगामी विधान सभा चुनाव में भाजपा को इनलोगों का वोट बिलकुल नहीं मिलेगा !
एक तरह से सपा ने भी गेम खेल दिया है क्यूंकि इसे तो सिर्फ सत्ता चाहिए चाहे वो किसी के लाश पर चलकर ही क्यों ना मिले ?
ReplyDeleteआखिर टेट पास का नियम सबके लिए बनाया गया तो फिर समाजवादी इन्हें क्यों बिन टेट पास रख रहे हैं सिर्फ वोट बैंक ही इनके लिए जरुरी है तो बड़े शर्म की बात है।
आखिर 3 लाख से ऊपर टेट पास वालों का क्या कसूर है ?
मुझे लगता है अगर कोर्ट से इनको नहीं रोका गया तो भाजपा की केंद्र सत्ता भी इनको वेतन का 75 % हिस्सा ख़ुशी से दे देगी क्यूंकि राजनीती में सबको अपने भले की रहती है और उसे भी यूपी में सत्ता चाहिए।
ReplyDeleteसच में राजनीती में कोई किसी का सगा नहीं होता , सब अपने लिए ही कार्य करते हैं।
जनता की समस्याओं पर गन्दी राजनीती करके वोट बटोरेंगे और जब इनके ऊपर आएगी तो सभी पार्टी वाले अपने मतभेद भूलकर एक हो जायेंगे।
कौन मुर्ख ---
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.0जनता मुर्ख।
✅ गरीब दूर तक चलता है..... खाना खाने के लिए......।
ReplyDelete✅ अमीर मीलों चलता है..... खाना पचाने के लिए......।
✅ किसी के पास खाने के लिए..... एक वक्त की रोटी नहीं है.....
✅ किसी के पास खाने के लिए..... वक्त नहीं है.....।
✅ कोई लाचार है.... इसलिए बीमार है....।
✅ कोई बीमार है.... इसलिए लाचार है....।
✅ कोई अपनों के लिए.... रोटी छोड़ देता है...।
✅ कोई रोटी के लिए..... अपनों को छोड़ देते है....।
✅ ये दुनिया भी कितनी निराळी है। कभी वक्त मिले तो सोचना....
✅ कभी छोटी सी चोट लगने पर रोते थे.... आज दिल टूट जाने पर भी संभल जाते है।
✅ पहले हम दोस्तों के साथ रहते थे... आज दोस्तों की यादों में रहते है...।
✅ पहले लड़ना मनाना रोज का काम था.... आज एक बार लड़ते है, तो रिश्ते खो जाते है।
✅ सच में जिन्दगी ने बहुत कुछ सीखा दिया, जाने कब हमकों इतना बड़ा बना दिया।
A
ReplyDeleteN
G
E
L
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Subah ka mausam jaise janat ka ehsaas
ankhon me neend or chai ki talash
jagne ki majburi thoda or sone ki aas
par apka din shub ho hamari gud morning k sath..
Good
Morning
प्रात:काल हो गया है मित्रों उठने का समय हो गया है
ReplyDeleteऔर आप सभी जानते ही हैं कि उठने के बाद हमको क्या करना है?
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आपने ठीक समझा.......
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हमको सबसे पहले ईश्वर को धन्यवाद देना है और फिर इन बाप-बेटों की इनकी पार्टी सहित "राजनैतिक मोक्ष" की कामना करनी है।
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चलो तो आओ आरम्भ करें
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हे परमपिता आपको कोटि-कोटि धन्यवाद जो कि आपने हमको एक नया दिन और एक नयी ऊर्जा दी जिससे कि हम देश,समाज और परिवार की सेवा के लिए कुछ कर सकेँ
लेकिन हमारी आप से एक ही कामना है कि हमारे इस प्रदेश उत्तर प्रदेश को जिन पागल नकटेढ़े बाप-बेटों ने बर्बाद कर दिया और इसे 'बलात्कार प्रदेश' बना दिया और हम युवाओ,बच्चों भिखारी बना दिया को उनकी नमाजवादी पार्टी सहित "राजनैतिक मोक्ष" प्रदान करें।
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इसी कामना और इच्छा के साथ आप सभी को
शुभ प्रभात
aaj kal jis prakar prt aur junior ko lekar rasa-kasi ho rahi h uska anzaam kahin aisa na ho ki:
ReplyDelete.
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Na Khuda Mila Na hi Visal-e-sanam
Na idhar ke rahe na udhar ke hum
७२८२५ शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में देरी का मुख्य कारण शिक्षामित्रों का समायोजन है ,,,,इनका फार्म भी निकलेगा फिरभी प्रक्रिया एक माह में पूरी जबकि हमारा फार्म डायटों पर रखा था तब भी ये चले ०३माह में अढ़ाई कोस........हमारी अवमानना याचिका में यह बात भी रखी जाये कि प्रशिक्षित टीईटी की भर्ती पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ठेंगा जबकि अप्रशिक्षित व बिना टीईटी के समायोजन हेतु दिन-रात एक.......
ReplyDeleteSubh prabhat mitro aaj Hindustan paper me sikshamitro ka samayojan ka news hai Jo 30 jun se prarambh hoga . Mitro Jo meeting 11 jun ko hui vo kewal in shiksamitro ke liye hi vishesh baithak thi. Kewal 72825 ke naam per ham logo ko murkh banaya gya hai. Inka main udhesya abhi bhi ham logo ki bharti latkane ki hai. Sawdhan ho jao bhaio inka band bajana padega. jai tet ekta.
ReplyDeleteइधर मैं ३-४ दिनों में देख रही हूँ की आप लोग
ReplyDeleteभर्ती को लेकर अत्यंत ही निराशा के गर्त में धंसते
जा रहे हैं इसका कारन है की इस समय
शैतानी ताकतें ( छद्म भेष लिए गुडांक धारी ) कुछ
अधिक ही सक्रिय हैं जब व्यक्ति अवसाद
की स्थित में पहुंच जाता है तो नेगेटिव
ऊर्जा सक्रीय होने लगती है और व्यक्ति इनके चंगुल
में फंस जाता है ................... आप लोग अपने
विवेक का स्तेमाल कीजिये यह सोचिये की अगर
सुप्रीम कोर्ट के आर्डर के तुरंत बाद बिना कोई
योजना बनाये बेसिक डिपार्टमेंट अगर
भर्ती स्टार्ट कर देता तो सोचिये इस अफरा-
तफरी के माहौल में कितने घुसपैठिये घुस
जाते ........... मौजूदा प्रक्रिया में स्टार्ट करने में
समय अवश्य लग रहा है लेकिन
धांधली की सम्भावना न के बराबर हो गयी है और
इस प्रक्रिया के माध्यम से आप एक-एक सीट्स
का विवरण जान सकेंगे और गवर्नमेंट ७२८२५ सीट्स में
किसी भी तरह की हेर-फेर नहीं कर
पायेगी ................. नहीं तो इतिहास गवाह है
की आज तक basic में
जितनी भी भर्ती का विज्ञापन आया है
कभी भी पूरे पद नहीं भरे गए हैं सिर्फ ३/४ पद
ही भरे गए हैं अतः आप सब लोग अपने आप
को अवसाद से बचाएँ ……………!!!---
नए विज्ञापन के आधार पर
ReplyDeleteभी शिक्षकों की भर्ती की मांग
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सूबे में 72825 शिक्षकों की भर्ती के
मामले में लगातार पेंच आ रहे हैं। अब बीएड सत्र
2011-12 व सीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने
सरकार से नए विज्ञापन के आधार पर नौकरी देने
की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय में
एसएलपी दायर की है। सीटीईटी उत्तीर्ण
अभ्यर्थी नरेंद्र कश्यप ने मुख्यमंत्री को भेजे गए
पत्र में मांग की है कि सपा सरकार द्वारा जारी किए
गए पूर्व के विज्ञापन के आधार पर भर्ती की जाए।
उनका कहना है कि टीईटी उत्तीर्ण मोर्चा के संबंध में
25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेशानुसार
भर्ती प्रकिया आरंभ की जाती है तो फिर बीएड सत्र
2011-12 व सीटीईटी पास अभ्यर्थियों के लिए
नौकरी की मुश्किल खड़ी हो जाएगी।
अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार भर्ती प्रक्रिया में
हमारा भी ध्यान रखे। दरअसल 30 नवंबर 2011
को सहायक प्राथमिक अध्यापकों की टीईटी हुई थी।
इसके बाद सपा सरकार ने सात अगस्त 2102
को नया शासनादेश जारी करते हुए सहायक
शिक्षकों की भर्ती शैक्षिक गुणांक के आधार पर करने
का निर्देश दिया।
LISTEN
ReplyDelete.
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MY
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ANGEL
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Ek pyaara sa Sach:
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Maafi Mangne ka ye Matlaab nahi ki Aap Galat ho,
Aur Koi Dusra Saahhi.., Par iska to ye matlab hota hai ki Aap Is Rishtey ki Dilse Kadar kerte ho
LISTEN
ReplyDelete.
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MY
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ANGEL
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Muje yun har baat pe ladna acha ni lagta,
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Acha lagta h ladne k bad tera pyar jatana,
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Aansu apne aankh ka girane me taklif hoti h,
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Magar acha lagta h,
Muje rota dkh tera gale se lagana,
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Bhul karne ki meri adat to nhi,
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Galti karta hu kyu k,
Acha lagta h tera har bat pe muje samjhana,
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Mera dil ni karta k teri baate na maanu,
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Magar kya karu,
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Acha lagta h tera gusse me mjpe haq jatana...........
कल अनिल कुंडू भाई , सुखदेव भाई दिल्ली गए थे और अधिवक्ता अमरिंदर शरण जी के ए.ओ.आर. विवेक सिंह जी से वार्ता की :
ReplyDelete१) उन्होंने ज्ञात कराया की आपकी टाइम एक्सटेंशन वाली फाइल मेंशनिंग के लिए १६ या १७ में से एक डेट को लगेगी और वो फाइल फिलहाल जज साहब के घर पर भी पहुंचा दी गयी है जिसे वे रीड करके ही निर्णय लेंगे की क्या करना है ?
२) अगर फाइल एक्सेप्ट करते हैं सुनने के लिए तो वे एक डेट निर्धारित कर देंगे की समय सीमा किन बिन्दुओ को देखके बढ़ाई जाये और ये भी हो सकता है की फाइल एक्सेप्ट न करें और साफ़ कह दें रेगुलर बेंच में जाइये और कंटेम्प्ट फेस कीजिये |
३) हम दोनों ही चीज़ों के लिए विवेक सिंह जी को १०००० की टोकन मनी दे आएं हैं और जैसे ही डेट लगेगी तो उनका मुंसिफ हमें इतल्ला कर देगा |
४) फ़िलहाल बेंच विक्रम जीत सेन और शिव कीर्ति सिंह (पूर्व एक्टिव सी.जे. उत्तर प्रदेश) की है और विक्रम जीत सेन गरीबों के जज कहलाते हैं |
५) देखिये शिक्षा मित्रों का जी.ओ और जूनियर का जी.ओ अगर ये निकलते हैं तो सुप्रीम कोर्ट में कैड़ा कंटेम्प्ट बनेगा क्यूंकि तथ्य नहीं छिपाएंगे हम लोग और ये सब चीज़ें दिखाकर प्राइमरी के लिए सरकार की उदासीनता का उल्लेख करेंगे |
६) अब बात आती है जूनियर की तो उन्होंने साफ़ उल्लेख किया की तुम्हारे खुद के लोग और सरकार के कुछ लोग ये सब कर रहे हैं और कुछ नहीं , आने दो फाइल इन्हे सुप्रीम कोर्ट का नहीं पता है ये मामला बंच होगा क्यूंकि १५ वे पे पहले ही बवाल है |
७) एक चीज़ जरूर कहना चाहूंगा हालांकि मुझे कहनी नहीं चाहिए पर जो नेता डी.बी. में रिट डाले थे टेट भारांक की और आज देख रहे हैं की काम उसी तरह हो रहा है तो उस वक्त हमें नौकरी के लिए क्यों रोक था ????? क्या सुप्रीम कोर्ट का चंदा मुंह लग गया है जो अब डी,बी में नहीं लड़ना चाहते हो |
८) अब कहाँ गए वे नेता जो सुप्रीम कोर्ट में डेट लगवा रहे थे तीन को, कल ढूंढे से नहीं मिले वहां , मेरा कोई राजनीतिक या चंदे के लिए मतभेद नहीं है और न ही हम चंदा लेके जाते हैं जहाँ जाता हूँ खुद का पैसा खर्च किया है पर ये फालतू की सहानुभूति क्यों लूट रहे हो ? केस लड़ने का चस्का लग गया है क्या जो अपनी नौकरी के आलावा सभी की कैविएट डाल रहे हो ?
९) खैर जो भी हो २०११ वाले साइंस बैच के बच्चे इस भर्ती से अलग होकर अपने चरित्र की प्रमाणिकता दे रहे हैं और उनका खुद का जमीर कुछ नहीं है, और तो क्या कहूँ कुछ नेता भी शामिल है और मेरी ये पोस्ट पढ़ने के बाद शाम को देख लेना ९९% सहानुभूति की पोस्ट आ जाएगी जिसमे खुद को दिल्ली दिखाया जाएगा ,,,,,,,,,,,, २०१३ वालों से कोई शिकायत नहीं है सभी अपनी नौकरी के लिए लड़ते हैं|
१०) अंत में एक ही बात कहूँगा कुंडू जी को सपोर्ट कीजिये क्यूंकि इन्होने २ दिन ऐसे दिखाए हैं टेट मोर्चे को सुप्रीम कोर्ट में एक तो ७ तारीख और एक मेंशनिंग वाली आगे देखते जाइये कंटेम्प्ट भी सबसे पहला हमारे मेरठ से ही होगा , गाली दे देंगे पर उन सबसे तो ठीक ही हैं जो नेता जनता के साथ विश्वासघात कर रहे हैं |
हम लगातार अवनीश भाई के व गणेश भाई के संपर्क में बने हुए हैं चिंता न कीजिये आपका लास्ट टाइम सपोर्ट चाहिए |
३ मुद्दे एहम हैं अब :
१) टाइम एक्सटेंशन और कंटेम्प्ट |
२) शिक्षा मित्रों का समयनियोजन |
३) जूनियर की झूठी भर्ती जो नेता करना चाह रहे हैं (आर्ट वालों जाग जाओ वर्ना आपका अहित तो हो ही रहा है )
Uma ji aap kya science walo ko hate karte hai.aap junior ki Bharti ko tet merit se ho.Iske liye court me triple bench Ka faisla Jo 15 we ko radd karte chuki hai ki copy court me dedo.and u can ask whether they should be recruited by 12 or 15 amendment. But why are u against the science group. Kya hamlogo me Tet morcha Ka sath nahi Diya hai
Deleteसभी लोग टीईटीयन्स को गलत कहते हैं । कि हर मामले में टांग अडाये रहते हैं , किसी को नौकरी पाते देख उन्हें खुशी नही होती , सब कुछ अपने हिसाब से चाहते हैं
ReplyDelete!
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पर उनकी गलती क्या है?
सिर्फ इतनी
कि जब उन्होंने देखा योग्यता से खिलवाड हो रहा है और सत्य की आबरू बचाने के लिये वह कोर्ट को सही बात बताने दौड पडे ,
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आज जब M.sc , M.ed , tet
M.a ,M.ed , tet
Jrf , Net , tet
M.phil , tet
और कुछ Ctet
क्वालीफाई लोग संघर्ष कर रहे हैं
तब सरकार B.A पास (शिक्षा मित्रों ) को थोडा प्रशिक्षण देकर सरकारी नौकरी देने जा रही है ।
क्या सरकार का यह कदम उचित है।
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सिर्फ इतनी सी दुहाई देकर कि इन्होंने 10 वर्ष प्राइमरी में अपनी सेवा दी है।
ऐसे में कल को इण्टर कालेज का चपरासी अगर यह कह दे कि मैंने 30 साल सेवा की है मुझे प्रधानाचार्य बनाओ , तो शायद यह सरकार ऐसा भी कर सकती है।
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कोई टीईटीयन किसी की नौकरी का रोडा नही बनना चाहता , बस वह इतना कहता है कि कार्य सही और नियमपूर्वक करो , और जब ऐसा न होते देख अदालत का दरवाजा खटखटाता है तो सबकी नजरों में दुश्मन बन जाता है।
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सचमुच अध्यापक पात्रता परीक्षा पास किये टीईटीयन्स ने यह सिद्ध कर दिया कि वो वास्तव में वह पात्र हैं , साढे आठ लाख की भीड में ढाई लाख लोग निकलना गेहूँ को भूसे से अलग करना ही है।
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और न्याय की छोटी शैली से लेकर सर्वोच्च शैली तक हर कदम पर गलत कार्यों पर सरकार को मात दी
परीक्षा पास की , बुद्धिमत्ता साबित की
हजारों के फार्म भरे , विश्वास साबित कर धन दे दिया
कोर्ट गये , एकता साबित कर कानूनी ज्ञान साबित कर दिया
ढाई साल लेटलतीफी , अपना धैर्य साबित किया
आन्दोलन हुये , अंहिसक होने के साथ साथ अपनी हक मांगने की जुझारू शक्ति भी साबित कर दी
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हर कदम पर सरकार ने इनकी पात्रता परीक्षा ली और ये जांबाज हर कदम पर कुंदन साबित हुये ।
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क्या अभी भी किसी को शक है कि टीईटीयन्स बेजोड नही , अगर सही की बात कहते हैं , तो बुरा क्या करते हैं ।
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शिक्षा मित्रों की तरह फिजूल में नही चिल्लाते कि हमें नौकरी दो बससस, हम कुछ नही जानते , रास्ता भले ही गलत हो
जिस भर्ती पर रिट या स्टे की बात करते हैं उसे सबूत के साथ कानूनी रूप से सभी को बताते हैं कि इस इस जगह पर यह भर्ती नियमों के खिलाफ जा रही है।
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सचमुच अभी तक प्राइमरी में लगे हुये सभी लोगों में सबसे तेज तर्रार और प्रतिभावान यही 72825 की भर्ती वाले भविष्य के टीचर होंगे ।
कठिन समय की इस घडी में भी अभी भी तीन साल से टीईटीयन्स डटे हैं और सरकार को नाकों चने चबाने पर मजबूर किये हैं । खुद सरकार हैरत में हैं ।
और जब सरकार उनका हक छीनकर शिक्षा मित्र जैसे लोगों को दे रही है। तो कलेजे पर धक्का सा लगता है।
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कुछ भी कह लीजिए या सोच लीजिए , टीईटीयन्स कभी भी बुराई का साथ नही दे सकते और अपना हक किसी और को लेने भी नही दे सकते , चाहे उनका हितैषी कोई भी हो।
I am totally agree with you.
ReplyDeleteAbe B A wala berojgar hai kya
DeleteOne more thing i want to mention mr.Umashankar pl read it very carefully.
ReplyDeleteIts my humble request.
As all u know that many candidates who have taken admission in btc having qualification such as B.E,MBA,B.TECH,B.PHARMA,COMPUTER SCIENCE,must be losers in their respective fields.
ReplyDeleteIt means according to you the candidates having science or b tech or MBA are better than you
DeleteBecause if someone having such good qualification will not opt for prt or jr level.If he have to go in education field he will work in their respective fields.
ReplyDeleteHm apna hq lekar rhenge .. agar es baar aandolan krna pda to aar paar ka krenge ..... sabhi tet yoddha koi ksar nhi chhodenge jai tet ..
ReplyDeleteA candidate having B.Tech degree will teach students of engineering college and will earn more respect and money.
ReplyDeleteBut this is possible with candidates having real caliber not passed out through cheating and supplementary.
Mr.Uma i request u must read it and share it with others and give your views.
ReplyDeleteRegards.
Agar 3 june ka aandolan puri trah safal ho jata mtlb hm usi din agar ek jut hokar apna hq liye bina justice liye bina vnha se na aaye hote to ab tk councling shuru bhi ho gyi hoti ...
ReplyDeletehum aur tum , gar s.m. bn jate. . . . . . . . . . . . . . .
ReplyDeleteDard dilon ke km ho jate.
कहते हैं 'दुखों में रात को नींद नही आती और
ReplyDeleteखुश होने पर भी रातों में नींद
नही आती'अजीब क़श्मकश में
जिन्दगी है..जल्द कभी इस सरकार में
आता ही नही...एक साॅफटवेयर बनता है
तो दुसरा बनता ही नही...फिर 6 सप्ताह
का समय चाहिये....अजीब प्रक्रिया चल
रही यहाँ ... पूर्ववर्ती सरकार में एक महीने
में 56 लाख डेटा फीड हो जाता है और तीन
महीने में 12लाख भी नही फीड हो पाता...और
अब देखो नया खेल जूनियर का एक बेंच ने
15वाँ रद्द किया क्योंकि वह समानता के
अधिकार का उल्लंघन करता है तो दुसरे
डी बी ने उसे बहाल कर भर्ती दो महीने मे
पूरी करने का आदेश दे दिया..निर्णय में
ही समानता नही तो असमानता का मामला हल
ही नही हुआ....गुणांक भाईयों की आदत के
बारें में क्या कहूँ...बेगानी शादी में
अब्दुल्ला दीवाना वाली हालत है......कल से
इतना गला फाड रहे हैं...अरे भाई यह
इंडिया है यहाँ काली की पूजा होती है और
फेयर एंड लवली भी सबबसे
ज्यादा बिकता है..अजीब कश्मकश में
जिंदगी है भाई...
Sathiyon,
ReplyDeletekai logo ke phone aa rahe jo ki bahut pareshan hai isliye mai do bate ispasht karna chahta hoo..
1. Nic dwara 6 hafte ka samay mange jane ke sambandh me...
Dekhiye, jaisa aap sabhi logo ko pata hai ki sabhi districts mein data software me feed kiya gaya hai....Jab ye data ek portal par laya jayega to sabse badi samsya isko synchronize karne sambandhi hogi..
Jaise kisi ek vyakti ka data kisi ek diet ne kuch aur feed kiya aur dusari ne kuch aur , to uska data ek platform par nahi open ho payega...isliyeNIC ne DATA ke Audit ko lekar 6 hafte ka samay manga hai....uske baad hi website open ki jayegi....website banne mein to ek din hi lagta hai lekin alag-alag diets ke data ko tally karne mein samay lagega...
2. Sarkar ke neeyat ko lekar....
Mai is baat ka prabal samarthak hoo ki agar counselling offline hoti to bhi koi badi dikkat nahi aani thi kyoki couselling TET merit par honi hai aur result ab change nahi kiya ja sakta , aur sath hi ab tak lagbhag 2 charan nipat bhi gaye hote...
lekin hamare advance CM ke chalte jo sachiv hai wo bhi advace hai aur wo online process kar rahe hai....unke koi bhi tark ho lekin mool baat ye hai ki ham sarkar ki neeyat is jagah se nahi samajh sakte ki wo bharti kar rahi hai ya bahana bana rahi hai...
To is dasha me hamare pass kuch vikalp shesh hai...
a. Agar sarkar ki date extension ki application SC me suni jati hai to hamara poora prayas ho ki extension ke sath sakth instruction ho ki ye last dead line hai...
b. Agar extension nahi mila to contempt kiya jayega....jiskolekar lagbhag 1 mahina lagega...kyoki pehle notice issue hoga....tabtak NIC ke hafte bhi poore ho jayenge...
In dono hi bato me main samasya hamare sath chal rahi parallel bhartio ko lekar hai.....jaise SM ki wa jr. ki
Jab tak hamara mamla clear na ho tab tak mere vichar se hame koi parallel channel open nahi hone dena chahiye....iskeliye TET morche ko 17 ki meeting mein karwayi tay karte hue tatkal prayas shuru kar dena chahiye....
दोस्तोँ
ReplyDeleteकहते हैं इनसान चोट खाकर बहुत कुछ सीख जाता है परन्तु उत्तरप्रदेश के संदर्भ में यह बात सही नहीं लगती है। प्रदेश सरकार तो जैसे यही मानती है कि सिवाय उसके अन्य कोई सोचने समझने की क्षमता रखता ही नहीं। इसी बदगुमानी के चलत्ते प्रदेश किस मुकाम पर आ पहुँचा है यह बात सभी जानते हैं, सिवाय यहाँ की सरकार के, जो कहती है कि अन्य प्र्देशों की तुलना में हमारे यहाँ अपराध कम है। कौन समझाए कि कम होना और ना होना दो अलग बातें हैं। जब आप मान रहे हैं कि अपराध है तो बात कम या ज्यदा की नहीं बल्कि उसे समाप्त करने की है। कहीं और से तुलना करके उसका महत्व आप घटा नहीं सकते हैं। इतना ही नहीं कुछ लोग जो सरकार की नुमाइन्दगी करते हैं वो कहते फिर रहे हैं कि हमने लैपटाप दिए, कन्या विद्या धन दिया लेकिन जनता ने फिर भी हमें धोखा ही दिया तो हम जनता को क्यों सुविधाएँ दें? वे सुविधाएँ उनसे लें जिन्हें उन्होने वोट दिए हैं। कैसी सोच है सरकार की? दरअसल गलती सरकार की नहीं जनता की ही है जो चंद पैसों पर और जाति या धर्म के नाम पर वोट देने जाती रही है। जनता के इन्हीं कृत्यों ने तो शासकों को निरंकुश बनाया है जो देश और प्रदेश को अपनी जागीर मान लेते हैँ और हम भी तब तक खुश रहते हैं जब तक कि आँच हमतक नहीं पहुँचती है, बिना यह सोचे कि हम क्या खो रहे हैं?
प्रदेश सरकार को वोटों के लिए अपने वोट बैंक को सरकारी खजाने से पैसों को लुटने में परहेज नहीं है परन्तु उसे विकास कार्य के लिए और आम जनता के लिए सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए धन की कोताही का अनुभव होता है। सरकार को डीजल पर चौथाई प्रतिशत का टैक्स थोप रही है जिसका दुश्प्रभाव जनाता को भोगना होगा परन्तु यह बात सरकार को क्यों समझ में आएगी। सरकार को तो लगता है कि वो फिर से केन्द्र से मिलनेवाली सहायता से कुछ पैसे बाँट देगी और जनता पुराने जख्म भूलकर फिर उसे चुन लेगी।
बिजली का रोना रोने वाली यह सरकार केन्द्र से उधार कोयला चाहती है और आवश्यक बिजली की खरीद भी उधार चाहती है। क्या सरकार बताएगी कि जो पैसे लोकलुभावन योजनाओं पर या सस्ती लोकप्रियता के लिए खर्च किए उसका उपयोग इन कामों के लिए क्यों नहीं हुआ जिससे हर तबके को फायदा होना था। वैसे भी यदि बिजली कि किल्लत है तो मुख्यमंत्री और उनके परिजनों के क्षेत्रों के लिए कहाँ से निर्बाध बिजली आपूर्ति हो रही है। अपराध भी कुछ खास लोगों द्वारा ही क्यों होते हैं और अपराधी पकड़ के बाहर क्यों रहते हैं और पकड़े भी गए तो लोग क्यों कहते हैं कि उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं है। जनता के बीच पनपते अविश्वास का कारण क्या कभी सरकार जानना चाहेगी? आखिर कबतक ये शुतुरमुर्ग बनी रहेगी? वैसे जितनी जल्द इसकी कुम्भकर्णी नीद टूटे प्रदेश और समाज के साथ खुद सरकार के लिए भी यह उतना ही अच्छा होगा।
दोस्तों
ReplyDeleteअब वो समय आ गया है। कि हमे अपने आंदोलन को पूरे देश के सामने ऐसी हठी सरकार के विरोध में एक नज़ीर पेश करनी पड़ेगी।
क्यों न लखनऊ वाली भीड़ एक साथ दिल्ली हावड़ा रूट (राजधानी/शताब्दी एक्स॰ ) बंद करवाया जाय चाहो तो पश्चमी उत्तरप्रदेश के किसी भी जगहे पर पूरा प्रदेश इक्कठा हो जाएगा और तब तक वह से नहीं हटेगा जबतक कॉउंसलिंग लेटर न जारी कर दिया जाय। और हर एक की जिम्मेवारी होगी की किसी भी साथी के साथ अन्याय न हो पाए। अगर एक ये दस को पकड़ा जा रहा है तो पूरे साथी एक साथ जेल जाने को तैयार रहे। देखते है किस जेल में इतनी जगह है की पूरे २ लाख लोगो को जेल में रख पाएगी।
कैसा सुझाव है, है तैयार आप ऐसी हठधर्मी सरकार को दिखा दे। सलाह और सुझाव दे। कब तक सहन करोगे। क्यों नहीं टूट रहा सब्र का बांध हम सब का।
जय टेट मेरिट
दोस्तो,
ReplyDelete72825 भर्ती के बारे मे जिस तरह की सूचनाये मिल रही है, वो हम सभी के लिए ठीक नही है..
शासन की कछुआ गति से कार्य करना केवल एक दिखावा और छलावा मात्र लग रहा है ....इसके लिए हमे अपनी दूसरी रणनीति के बारे मे सोचना है,,,,
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17 जून तक अगर कोई दिशा -निर्देश जारी नही किये जाते, तब इस परिस्थिति मे हमे """"दो विकल्पो """"" के लिए तैयार रहना होगा......
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1-court of contempt
2-भर्ती के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करके दबाव बनाना .......
..............court of contempt के लिए हमे regular bench खुलने का इंतजार करना चाहिए व उससे पहले हमे इस दूसरे विकल्प को पूरी दृढता व निष्ठा , एकता के साथ करना चाहिए ...........क्योकि हाथ पर हाथ रखकर बैठने से अन्य भर्तियो को पूरा होता देखना ठीक नही है....
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फिर बता रहा हूँ कि 72825 सिर्फ टी.ई.टी. मेरिट पर ही होगी, ,,,यह अटल सत्य है, जिसे बदला नही जा सकता......
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परिस्थितियो को देखते हुए ये मेरे अपने विचार है,,अभी हमे 17 जून तक का प्रतीक्षा करनी चाहिए .....
जय.हिन्द.जय टी.ई.टी......
लौट आई मेरी चिट्ठी
ReplyDeleteतुम्हें लिखी हुई..........................
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नाम तो तुम्हारा था मगर
पता मेरा ही लिखा था
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तुम साथ नहीं हो अब
ये तो याद ही नहीं था
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चलो ये भी ठीक ही हुआ
चिट्ठी मिली नहीं तुम्हें..........................
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पुरानी यादे लिखी थी
उस कागज के टुकड़े पे।
तुम भी हाल-ए-दिल पढ़ती, रोती,
चली आती सब कुछ छोड़ के।
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या यूँ भी होता
तुम जवाब ही नहीं देती..........................
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नहीं चाहती हो
यादे बीते दिनोकी,
जान के ये, टूटे दिल को
और ठेस पहुचती।
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यही सोचके तो मैंने
लिखा था पता खुद का..........................
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ना तुमने पढ़ी
ना मेरी उम्मीद टूटी
लौट आई मेरी चिट्ठी मेरे ही पास
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जो कभी मैने तुम्हें लिखी थी।
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जो कभी मैने तुम्हें लिखी थी।
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जो कभी मैने तुम्हें लिखी थी।
एक बुढिया का दामाद बहुत काला था,
ReplyDeleteवो पहली बार ससुराल गया !
बुढिया :-- दामाद जी, कम से कम एक
महिना तुम यहाँ रुको,
दूध, दही खाओ मौज करो...
इसी बहाने हमें भी दूध, दही मिल जायेगा !
दामाद :-- क्या बात है सासु माँ,
आज बहुत प्यार जता रही हो मुझ पर ?
बुढिया :-- ऐसी कोई बात नहीं है,
दरअसल कल
हमारी भैस का बच्चा
मर गया तुम्हे देखकर भैस कम से कम दूध तो दे
देगी !
साथियों नमस्कार,
ReplyDeleteआज एक - दो दिनों से भर्ती को लेकर जो माहौल बना हुआ है निश्चित रुप से हर टेट साथी इससे परेशान हैं, पर मित्रों आप सब ज्यादा उलझकर अपने आप को परेशान ना करें, और यह सोचें कि हम सबने मिलकर इस सपा सरकार को भारत के सर्वोच्च न्याय के मन्दिर माननीय सुप्रीमकोर्ट में लाकर इतना लताड़ दिया है कि 72825 शिक्षको की भर्ती करने के बाद भी यह इस 72825 शिक्षक भर्ती को जिन्दगी भर नही भुलेगी,,, क्योंकि किसी भी साम्राज्य के पतन के समय की तत्कालिन परिस्थितियाँ, साम्राज्य के पतन के इतिहास में अहम भूमिका निभाती हैं ! हमें गर्व होना चाहिए कि सपा सरकार के विनाश का कारण हम भाग्यशाली 72825 टेट साथी बन सकें ! साथियों, खुश रहें और ये सोचे के हमारी भर्ती कोई रोक नही सकता... माननीय सुप्रीमकोर्ट ही हम सब को सपा सरकार से ज्वाइनिंग लेटर दिलवाऐगी !
जय टेट
जय सुप्रीमकोर्ट
एक बात मेरे समझ में नहीं आ रही है कि क्या कोर्ट को गुमराह करना इतना आसान होता है? वो भी एक ही मुद्दे पर दो-दो बार?
ReplyDeleteखैर हाई कोर्ट में जो किया सो किया क्या सर्वोच्च न्यायालय में भी ऐसे ही गुमराह किया जा सकता है?
सरकार अगर कानून से खेल रही है तो क्या उसको रोकने का कोई तरीका नहीं है?
जैसे ही जूनियर वाला केस सुप्रीम कोर्ट में लगे उससे पहले टेट संघर्ष मोर्चा इस केस में एक केवियट दाखिल कर दें, क्योंकि उस समय सुप्रीम कोर्ट में यह बताना बहुत जरूरी है कि सरकार हाई कोर्ट में न्यायपालिका को गुमराह करके एक साजिश के तहत कमजोर केस बनाकर सुप्रीम कोर्ट आयी है जानबूझकर याचिका खारिज करवाने।
कैसे कोई भी सिंगल बेंच सुप्रीम कोर्ट के आदेश और उसके द्वारा फिलहाल रद्द किए गए 15 वें संशोधन पर भर्ती का आदेश दे सकती है?
या तो सुधीर अग्रवाल दोषी हैं या सरकार, दोनों निर्दोष नहीं हो सकते। ये सब मामला 15वें संशोधन से जुड़ा हुआ है जो सरकार किसी तरह से बहाल करवाना चाहती है।
ReplyDeleteअब बात करते हैं अपनी भर्ती का, एक बात आप लोगों अपने दिमाग में बैठा लीजिये 15वाँ संशोधन रहे या भाड़ में जाये उससे हमारी भर्ती पर रत्ती मात्र का असर नहीं पड़ने वाला, क्योंकि हमारे विज्ञापन के समय 15 वाँ संशोधन गर्भ में भी नहीं आया था जन्म लेना तो दूर की बात।
Bilkul Sahi baat hai good brother is tark ko samay aane per court ko bhi awagat karana padega. Thanks
Deleteक्या सुप्रीम कोर्ट की कोई भी बेंच यह कहेगी कि 2011 की भर्ती 2013 के नियम से पूरी की जायें? भले ही 2013 का नियम दुनिया का सबसे बेहतरीन भर्ती का नियम क्यों न हो वो नियम कभी पश्चगामी नहीं हो सकता तो हमारी भर्ती को लटकाने का षड्यंत्र रचने वाली सरकार को तभी रोका जा सकता है, उसके अधिकारियों को कई केस में जेल भेजा जाए
ReplyDeleteजिस प्रकार से हाई कोर्ट में जबरदस्ती हमारे केस को लार्जर बेंच से जोड़ा गया था वो कोई भूला नहीं होगा।
ReplyDeleteखरे के दलालों ने अंतिम समय में हमारे केस को लार्जर बेंच से जुड़वाया, हरकोली जी उस दिन हमारे केस में आदेश देने वाले थे लेकिन मुफ्त का पैसा खाने की लत ने हमारे केस को उस लार्जर बेंच में घसीट लाया जहाँ एक मिनट भी हमारे केस पर कोई सुनवाई नहीं हुई क्योंकि हमारे केस से कोई लेना देना ही नहीं था, केस वापस डबल बेंच में आया।
जो रास्ता मोर्चा वालों ने बनाया आज सरकार उसी रास्ते पर चल रही है अब हमारे भगवान लोगों से करबद्ध निवेदन है उनका चरण छूकर हृदय से निवेदन कर रहा हूँ अब हम लोगों की जिंदगी से न खेलें,
ReplyDeleteनौकरी के बाद उन्हें भी समाज में सम्मान मिलेगा, सब कुछ पैसो से नहीं पाया जा सकता। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कोई भी धैर्य रखने की स्थिति में नहीं है, अब केस फसा तो अनर्थ हो जायेगा। पता नहीं कितने लोगों का सब्र का बांध टूटेगा कुछ नहीं कहा जा सकता, कुछ भी हो सकता है।
इस बार मेरा निवेदन है भगवान लोगों से अब इस बार कोई गंदा खेल न खेलें ईमानदारी से केस को 15 वें संशोधन से अलग करवा लें।
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteभारत सबसे जवान देश हैं। देश ६५% आबादी ३५-४०की उम्र की हैं।
ReplyDelete.
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टेट उर्तीण युवा चार साल से नौकरी की बाटजोह रहे । बेरोजगार युवकों से भर्ती के नाम पर हाजारो रूपये का बैंक ड्राफ्ट , दो बार आवेदनपत्र जमा कराया गया हैं।
कानूनी पेचीदगियों में भर्ती ४साल से लटकी हैं।अवेदन के नाम पर हाजारो रूपये देने बाद बेरोजगार युवा हाजारो रूपये खर्च कर कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे हैं।सुप्रीम कोर्ट ने ३माह में २०११ के विज्ञापन के आधार पर भर्ती आदेश दिया जिसकी समय सीमा १७जून पूरी हो गयी और भर्ती नही शुरू हुयीं?२०१३के विज्ञापन का क्या हो गा पर उहापोह की स्थित हैं? दोनो ही बिज्ञापन पर भर्ती हो जाए तब भी सहायक अध्यापको २लाख पद प्रदेश में खाली ही रहे गे।प्रदेश के मुख्यमंत्री युवा बेरोजगारो पीड़ा समझते होगे क्योंकि वे स्वयम् ३५ साल के युवा हैं। मुख्यमंत्री जी बड़े दिल एवं मजबूत इरादे से फैसला करे तो दोनो ही विज्ञापन पर भर्ती हो जायेगी।सभी टेट उर्तीण बीएड बेरोजगारो को नौकरी मिल जाएगी।सरकार मजबूत फैसला ले तो भर्ती मुकदमों के पचड़ों मुक्त हो जाये और बेरोजगार युवको का भविष्य सवर जायेगा। युवकों का जो मानसिक एवं आर्थिक शोषण हो रह हैं ,की समस्या का स्थायी समाधान 'नौकरी' हैं न कि बेकारी भत्ता और लैपटाप। अब देश की राजनीति की दिशा युवा शक्ति के हाथो में हैं। ऐसे में युवा बेरोजगारो के भविष्य से खिलवाड़ किसी भी राजनैतिक दल को भारी नुकसान पहुचा सकता हैं?
Aaj itni bhi mayyassar nahi maikhaane me jitni hum chor diya karte the paimaane me.
ReplyDeleteभगवान ने दुनिया में हर आदमी को आज़ाद और
ReplyDeleteसमझदार बना कर भेजा हैं !
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अब वह शादी कर ले तो भगवान
की क्या ग़लती है !!
1 औरत सड़क पर गोद में अपने बच्चे को लेकर
ReplyDeleteरोये जा रही थी, 1 मारवाड़ी ने उसे
रोक कर उसके रोनेका कारण
पूछा....औरत बोली-बच्चा बीमार है
और दवा के लिए पैसे नहीं हैं।
मारवाड़ी सेठ ने जेब से 1000 का नोट
दिया और कहा कि जाओ जाकर
दवा करवाओ और बच्चे के लिए फ्रूट और
दूध भी ले लेना,बाकी जो बचे मुझे लाकर
लौटा देना यहीं खडा हूँ मैंथोड़ी देर
बाद औरत आई और 800 रूपयेलौटाती हुई
बोली कि 100 डाक्टर ने लिए,80 के
फ्रूट और 20 का दूध आया।।
मारवाड़ी सेठ खुश हुआ और सोचने
लगा कि"नेकी कभी बेकार
नहीं जाती"डाक्टर को फीस भी मिल
गई, बच्चे को दवा,दूध और फ्रूट भी मिल
गए..............और मेरा नकली नोट
भी चल गया....
17 की शाम को contempt के नाम पर भारी भरकम
ReplyDeleteचन्दा माँगती पोस्ट्स हेतु अपने आपको मानसिक रूप से तैयार कर
लें जबकि प्रियरंजन द्वारा दी जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट
में hc की भाँति contempt की कोर्ट अलग से होती ही नहीं ,,,
दत्तू साहब की कोर्ट खुलने पर वो स्वयं decide करेंगे कि उन्हें
फाइनल आर्डर पर स्थाई भर्ती करानी है या अंतरिम
भर्ती ना कर पाने पर नितीश्वर कुमार को तलब करना है ......
कभी मोहब्बत कर्ज़ में ली थी
ReplyDeleteतुझसे नींदों की ज़मानत अभी तक जप्त है..
gov. Ko jo 3 mahine mile the bharti karne ko usme usne shikshamitro k samayojan ki rooprekha taiyar karne me kharch kia aur unka g.o bhi jari kar dia....gov.ne sup.cort ke order ka apman kia isliye upgov. Ko aisi saja de ki sabhi rajyo ke liye ek najeer ban jaye
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तुम दूर से देखकर मुस्कुराओ तो कुछ नहीं
पास आकर खिलखिलाओ तो कुछ बात बने
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ओस तो हर रोज गिरती है कलियों पर आकर
इसे शबनम बनाओ तो कुछ बात बने
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तुम्हे देखकर तो नज्मे छापते है शायर बहुत
रूबरू शब्द ना मिल पाएं तो कुछ बात बने !
सतीश का सात वर्षीय बेटा
ReplyDeleteदूसरी कक्षा मैं प्रवेश पा गया ....
क्लास मैं हमेशा से अव्वल
आता रहा है !
पिछले दिनों तनख्वाह मिली तो
सतीश उसे नयी स्कूल ड्रेस और
जूते दिलवाने के लिए बाज़ार ले गया !
बेटे ने जूते लेने से ये कह कर
मना कर दिया की पुराने जूतों
को बस थोड़ी-सी मरम्मत की
जरुरत है वो अभी इस साल
काम दे सकते हैं!
अपने जूतों की बजाये उसने
अपने दादा की कमजोर हो
चुकी नज़र के लिए नया चश्मा
बनवाने को कहा !
सतीश ने सोचा बेटा अपने दादा से
शायद बहुत प्यार करता है
इसलिए अपने जूतों की बजाय
उनके चश्मे को ज्यादा जरूरी
समझ रहा है !
खैर सतीश ने कुछ कहना जरुरी
नहीं समझा और उसे लेकर
ड्रेस की दुकान पर पहुंचा.....
दुकानदार ने बेटे के साइज़
की सफ़ेद शर्ट निकाली ...
डाल कर देखने पर शर्ट एक दम
फिट थी.....
फिर भी बेटे ने थोड़ी लम्बी शर्ट
दिखाने को कहा !!!!
सतीश ने बेटे से कहा :
बेटा ये शर्ट तुम्हें बिल्कुल सही है
तो फिर और लम्बी क्यों ?
बेटे ने कहा :पिता जी मुझे शर्ट
निक्कर के अंदर ही डालनी होती है
इसलिए थोड़ी लम्बी भी होगी तो
कोई फर्क नहीं पड़ेगा.......
लेकिन यही शर्ट मुझे अगली
क्लास में भी काम आ जाएगी ......
पिछली वाली शर्ट भी अभी
नयी जैसी ही पड़ी है लेकिन
छोटी होने की वजह से मैं उसे
पहन नहीं पा रहा !
मैं खामोश रहा !!
घर आते वक़्त सतीश ने बेटे से पूछा :
तुम्हे ये सब बातें कौन सिखाता है
बेटा ?
बेटे ने कहा:
पिता जी मैं अक्सर देखता था
कि कभी माँ अपनी साडी छोड़कर
तो कभी आप अपने जूतों को
छोडकर हमेशा मेरी किताबों
और कपड़ो पैर पैसे खर्च कर
दिया करते हैं !
गली- मोहल्ले में सब लोग कहते
हैं के आप बहुत ईमानदार
आदमी हैं और हमारे साथ वाले
राजू के पापा को सब लोग
चोर, कुत्ता, बे-ईमान, रिश्वतखोर
और जाने क्या क्या कहते हैं,
जबकि आप दोनों एक ही
ऑफिस में काम करते हैं.....
जब सब लोग आपकी तारीफ
करते हैं तो मुझे बड़ा अच्छा
लगता है.....
मम्मी और दादा जी भी आपकी
तारीफ करते हैं !
पिता जी मैं चाहता हूँ कि मुझे
कभी जीवन में नए कपडे,
नए जूते मिले या न मिले
लेकिन कोई आपको
चोर, बे-ईमान, रिश्वतखोर या
कुत्ता न कहे !!!!!
मैं आपकी ताक़त बनना चाहता हूँ
पिता जी,
आपकी कमजोरी नहीं !
बेटे की बात सुनकर अब सतीश निरुतर था!
आज उसे पहली बार उसको
उसकी ईमानदारी का इनाम मिला था !!
आज बहुत दिनों बाद आँखों में
ख़ुशी, गर्व और सम्मान के
आंसू थे...
विजय पंडित जी
ReplyDelete.
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अब चलो एक बार फिर से पढ़ो कि मैने क्या और किसके लिए लिखा था
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आज जब M.sc , M.ed , tet
M.a ,M.ed , tet
Jrf , Net , tet
M.phil , tet
और कुछ Ctet
क्वालीफाई लोग संघर्ष कर रहे हैं
तब सरकार B.A पास (शिक्षा मित्रों ) को थोडा प्रशिक्षण देकर सरकारी नौकरी देने जा रही है ।
क्या सरकार का यह कदम उचित है।
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It hurts, when I am not able to talk to
you
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It hurts, when I am not able to share
my feelings with you
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It hurts, when I am not able to see
you
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but
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you are in my heart feeling you inside me is my art (Writing)
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I just need to close eyes for the
conversation to start
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I care you
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and
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I need you
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I miss you
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and
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I love you ,
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Be Mine 4ever...
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Be Mine 5ever...
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Be Mine 6 ever...
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Be Mine 7ever...
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Be Mine 8ever...
मित्रों-----------------------मुझे लगता है अब आंदोलन करने का कोई औचित्य नही है । ये सरकार कानों में रुई डाल कर बैठी हुई है। जब लखनऊ आंदोलन का इस पर कोई असर नही हुआ तो दिल्ली में आंदोलन करने से कुछ नही होने वाला । अच्छे दिनो के सपने दिखाने वाले मोदी जी की इस सरकार के कुकृत्यों के प्रति चुप्पी भी एक सन्देह पैदा करता है कि कही अन्दर ही अन्दर इन लोगों में कोई गठबन्धन तो नही हो गया ? वैसे भी मुलायम ये सब करने मे बहुत पारंगत हैं । जब तक काँग्रेस का पलड़ा भारी था , उसकी गोद मे बैठे थे क्या पता अब मोदी जी को भी मोहिनी मंत्र दे दिये हों -----अब जो कुछ भी करना है कोर्ट के माध्यम से ही किया जाय तो ज्यादा अच्छा है ।
ReplyDeleteएक बार अवमानना की सुनवाई हो गई और मा. दत्तू जी अपने पूरे फार्म मे आ गये, फिर देखिए मजा------इनके अधिकारी नाक रगड़ के भर्ती पूरी न करवाए तो कहिएगा ।
इसलिए इस समय हमें अपनी ऊर्जा कोर्ट की कार्यवाही में लगानी चाहिए ।और बढ़-चढ़ के अपने साथियों का यथासम्भव सहयोग करने का प्रयास करना चाहिए ------------
रोज सिर्फ इतना करो -
ReplyDelete!
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गम को "Delete"
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.खुशी को "Save"
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.रिश्तोँ को "Recharge"
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.दोस्ती को "Download"
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.दुश्मनी को "Erase"
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.सच को "Broadcast"
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.झूठ को "Switch Off"
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.टेँशन को "Not Reachable"
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.प्यार को "Incoming"
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.नफरत को "Outgoing"
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.हँसी को "Inbox"
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.आंसुओँ को "Outbox"
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.गुस्से को "Hold"
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.मुस्कान को "Send"
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.हेल्प को "OK"
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.दिल को करो "Vibrate"
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.फिर देखो जिँदगी का "RINGTONE"
कितना प्यारा बजता है!
उच्चतम न्यायालय का आदेश उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए किसी भी आदेश को सुपरसीड करता है। इसलिए हमें घबराने की कोई आवश्यकता नहीं किन्तु वर्तमान सरकार के नेतृत्व वाली व्यवस्था के होते हुए हमारा प्रत्येक कार्य निष्फल ही होगा और स्पष्ट शब्दों में जब तक समाजवादी पार्टी है तब तक प्राथमिक विद्यालयों में हमारी नियुक्ति दूर की कौड़ी है। स्पष्ट है की यदि आप प्राथमिक विद्यालयों में जल्दी नियुक्ति पाना चाहते हैं तो इस सरकार को जल्दी से बर्खास्त भी किया जाना चाहिए। आप हमारा विरोध कीजिये किन्तु यदि मैं कहीं गलत हूँ तो उसे भी बताइये। लतिहर (लातों के भूत ) लोग कोर्ट कचहरी की भाषा नहीं समझते।
ReplyDeleteनमस्कार दोस्तों,
ReplyDelete!
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.उत्तर प्रदेश में एक ही पद (शिक्षक) हेतु चयन के आधार
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.●प्राथमिक => टेट मेरिट
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.●जूनियर => गुणांक मेरिट
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.●शिक्षामित्र => बिना टेट समायोजित।
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.ये सपा है बाबू मोशाय।
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.और इसका अंत निकट है।
Supreme court of India ka 84 days me 72825 shikshako ki bharti karne sambandhi order ka abhi tak anupalan nahi kiya gaya..feeding scanning v.c software inhi sab me ulhaz kar hum rah gaye aur 58000 shiksha mitro ka with out tet samayogan karne ka aadhesh bhi kar diya gaya pura shedule ghoshit ho gaya unka ye hai sarkar ki niyat tet qualified test se inko allergy hai..
ReplyDeletehum bus apas me ladte rahenge koi kahega 15 radd hai koi kahega 12 final order me radd karwa denge..bus lado aapus me tet pass karke ghar me u.p ka yuva baitha hai aur s.m malai khayenge.. wah
एक तरफ जहाँ शिक्षामित्रों के समायोजन की समय सारिणी जारी हो गयी ऐसे खुशनुमा माहौल में जो कि शिक्षामित्रों के लिए है मै कह रहा हूँ कि सरकार शिक्षामित्रों को समायोजित नहीं करना चाहती है वरना ये सारिणी जुलाई की बजाय जून की होती ।
ReplyDeleteजुलाई में सरकार को शिक्षामित्रो के लिए तीन व्यूह भेदना होगा जबकि जून में सिर्फ एक ही भेदना होता।
क्या आपको पता है, दुनिया का सबसे पहला हवाई जहाज
ReplyDeleteकहां उड़ा था?
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जानिए इस छोटे से ब्रेक के बाद...
सर्फ एक्सेल- दाग अच्छे हैं
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अमुल माचो- बड़े आराम से
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गार्नियर- टेक केयर
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असली मसाले सच! सच!- एमडीएच एमडीएच
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हम में है हीरो- हीरो मोटो
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लैला को करना था इंप्रेस, तो मजनू ने खाई मिंटो फ्रेश
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हाय हैंडसम हाय हैंडसम- फेयर ऐंड हैंडसम क्रीम फॉर मेन
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शो में आपका एक बार फिर से स्वागत है!
दुनिया का सबसे पहले हवाई जहाज !
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.'हवा' में उड़ा था!
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.और देखो एड !
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ReplyDeleteY
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Apna bhi Koi Ek din intezaar karega, aankhon hi
Aankhon mein koi Izhaar karega,
kya hua yaar
aaj akele hai hum,
par kabhi Koi Hum se bhi
Pyaar karega.
Mr tet merit nahi to
ReplyDeletebharti bhi nahi aap poori
tarah theek bol rahe ho
jab tak ye nikaammi spa
gov h tab tak 72825 hona
muskil l but eski kya
guarnty h ki es gov k baad
bsp hi aayegi chalo maan
liya bsp hi aa gayi toooo
jab spa acd waalo k liye
kuch nahi ker rahi h to
bsp hi hamare liye kya ker
legi so pls ab koi aur
tariika try karna hoga
warna poori life job miskil
h prag baliyan m.zn
उ॰ प्र॰ के सभी भाबी बीएड करने वाले भाई बहनो से बस इतना कहुगाँ
ReplyDeleteअगर सरकारी कालेज मिल जाये तो कर लेना पेड कालेजो से बीएड कर के समय रु की बरबादी मत करना ।
जूनियर वाले भाई लोग किधर गए ?
ReplyDeleteहाई कोर्ट से भर्ती का आर्डर तो आ ही गया है कराओ यार भर्ती या फिर सब हेकड़ी खत्म हो गयी आपलोगों की।
मुझे भी जॉइनिंग लेटर लेना है यारों जूनियर टीचर का , जल्दी करवाओ।
पर एक बात समझ में नहीं आ रहा जूनियर भाइयों कि जब जूनियर भर्ती का आर्डर लेही आये हो तुमलोग तो फिर ये "चंदे" किसलिए इकट्ठे कर रहे हो आपलोग ?
क्या जूनियर पर अभी भी खतरा है क्या "सुप्रीम कोर्ट" का ?
भाई भर्ती जल्दी कराओ मुझे जॉइनिंग लेटर चाहिए बस हाँ।
सरकार जो भी भर्ती निकाल रही है
ReplyDeleteउसमें अधिकारियों से ऐसे नियम बनवाती है
कि जान बूझकर कोई न कोई कमी डाली जाये और आगे चलकर भर्ती फंसे
और आवेदक हजारों रूपये की चपेट में आकर फिर कोर्ट कचहरी के चंगुल में फंस जाते है,
दाद देनी पडेगी ऐसे शासक की और ऐसे शासनकारी की
क्या ज्ञान है , क्या योजनायें बनाता है , क्या फितरत है
और बुरे बन जाते है हम सब मासूम लोग ,
नही चाहिए ,
ऐसा इंसान बिल्कुल नही चाहिए ,
यह मानवता पर धब्बा है,
नौजवानों का खून पीने वाला हैवान है ।
इसके दिल में दया नही है ।
इसकी आँखों का पानी मर चुका है।
इसका बस चले तो हम सबको जिन्दा दीवाल में चुनवा दे
यह इंसान नही महामारी बीमारी है जो प्राण ले लेती है।
लानत है ऐसी पैदाइश पर
सूचना:
ReplyDeleteजस्टिस प्रदीप सिंह बघेल जी बहुत
सुलझे हुये तथा सविधान के मर्मज्ञ न्यायाधीश हैं।
बीटीसी वालों की याचिका पर शिक्षामित्रों के समायोजन पर स्थगन हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है।
वस्तुतः मै शिक्षामित्रों का विरोधी नहीं हूँ परन्तु ७२८२५ की
भर्ती इनके कारण असुलभ हो रही है अतः इनकी समय सारिणी का ७२८२५ की भर्ती की सारिणी के पूर्व ही जारी हो जाने का विरोध करता हूँ।
मै इनके प्रशिक्षण के साथ था इनका प्रशिक्षण हुआ और आज इनके समायोजन का विरोध करता हूँ अतः इनका समायोजन ७२८२५ की नियुक्ति के पहले तो कदापि नहीं होगा ।
यदि बीएड अकादमिक और बीटीसी बेरोजगार साथ आये तो फिर शिक्षामित्रों का समायोजन कभी नहीं हो पायेगा।
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा में कई सदस्यों के परिवार के लोग शिक्षामित्र हैं अतः विचारों में मतभेद हो गया है।
टीईटी मेरिट के समर्थकों की ७२८२५ की नियुक्ति तो शिक्षामित्रों के बाद भी तय है क्योंकि इनके बाद भी इतनी रिक्ति शेष है बीएड/बीटीसी शिक्षामित्र जिन्होंने टीईटी उत्तीर्ण किया है हम उनके साथ हैं यदि मात्र इन्हें समायोजित किया जाता तो संभवतः हम विरोध भी न करते।
जिनको यह विचार पसंद न आये वे इस पोस्ट से दूर ही रहें।
धन्यवाद।
चलिए शिक्षा मित्रों का जी.ओ ७ जुलाई को बहुत सही अब क्लियर है है की सरकार की क्या मंशा छिपी हुई है इनके लिए ???????
ReplyDeleteपता है मामला कोर्ट में जाएगा और
जूनियर पे आर्डर आये हुए भी आज आज १६ दिन हो गए हैं सरकार कितनी उतावली है करने के लिए ये भी दिख रहा है ?
अदालत में एक मुकदमे की सुनवाई चल रही थी
ReplyDeleteदादी माँ की गवाही होनी थी.
याददाश्त ठीक है या नहीं,
यह परखने के लिए बचाव पक्ष के वकील ने पूछा- “अम्मा,
क्या आप मुझे जानती है?”
दादी– “जानती हूँ ? … एक नंबर का चोर और कमीना है तू … बचपन में दूसरों के घर से चीज़ें चुरा कर भाग जाता था … स्कूल जाने के नाम पर रोता था … ये तो बता तू वकील कैसे बन गया रे?”
वकील सकपका गया और बात बदलने के लिऐ सामने खड़े अभियोजन पक्ष के वकील की ओर इशारा करते हुए बोला- “अच्छा अम्मा जी, आप इनको जानती हैं क्या?”
दादी– “इसको? अरे इसके तो मैं पूरे खानदान को जानती हूँ … जब ये छोटा था तब इसका शराबी बाप नशे में धुत होकर मेरे घर के सामने वाली नाली मे पड़ा रहता था और इसकी माँ झाडू से पीटती रहती थी. ये खुद अव्वल नंबर का छिछोरा था और कोई भी इसे अपने घर में घुसने नहीं देता था”
जज साहब चिल्लाये– “ऑर्डर
ऑर्डर!”
फिर दोनों वकीलों को अपने
पास बुलाकर धमकाते हुए
फुसफुसाए– “कमीनो, अगर तुम लोगों ने इससे मेरे बारे में कुछ भी पूछा तो तुम्हें अभी सीधा दोनों को जेल भिजवा दूंगा !
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Kabhi Dekhni Ho Mohabbat ,
" To Meri Chahaton Mein Aa Jaana "
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Kabhi Jo Karni Ho Mujh Se Baatein ,
" To Meri Yaadon Mein Aa Jaana "
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Kabhi Jo Sun'ni Ho Awaz Mere Dil Ki ,
" To Meri Dhadkanon Mein Aa Jaana "
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Kabhi Jo So Na Pao Meri Yaad Mein ,
" To Meri Raaton Mein Aa Jaana "
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Kabhi Jo Pao Khud Ko Akaila Sa ,
" To Meri Baahon Mein Aa Jaana "...
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लेकिन जब भी आना बड़े प्यार से और धीरे से आना
कि मुझे भी खबर न होने पाए ।
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गुड नाइट
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टेक केयर
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मीठे सपने
MITRO,,,
ReplyDeleteYE KHULA CHALANGE HAI sapa Ka,,,
1.76 lakh s.m. Jyada pyare aur kabil hain,,,
ye 2017 me inko dubara satta dilwayenge
Aur 3 lakh se jyada MSc/MA/Phd/ Net/TET/CTET/btc/JRF,,,tumhari koyi aukat nahi hai,,,,tumhare baska 2017 me dubara se aane se rokna nahi hai,,,
tum to bus aaps me lado,,,kabhi prt , kabhi jrt , kabhi science me hi ladkar mar jao,,,
मैँ दावे के साथ वादा करता हूँ कि जिस तरह से इस असंवैधानिक कुकृत्योँ से कुसज्जित सरकार ने इन शिक्षाशत्रुओँ को समायोजित करने की रुपरेखा तैयार की है ठीक वैसे हीँ एक अभियान के तहत इन्हे हटाकर रिकवरी की जाएगी...
ReplyDeleteभाई अश्विन शुक्ला जी के अनुसार-
RTE के तहत सूचना में विभाग ने बताया कि शिक्षामित्र संविदा शिक्षक हैं(राजेश पाण्डेय इलाहाबाद के पास पत्र उपलब्ध) जबकि NCTE को बताया कि ये अप्रशिक्षित अध्यापक हैं?
भाई कमाल हो गया ,न्यायालय से NCTE तक गोलमाल ही गोलमाल ,गड़बड़झाला ही गड़बड़झाला फैला रखा है इस सात पुस्तों की झूठी सरकार ने !
तुझे इसलिए गुरूर है कि तू सत्ता के नशे में चूर है
ReplyDeleteआज तेरा समय चल रहा है और टेटियन मजबूर है
वो दिन भी अब दूर नहीं जब तू हाथ जोड़कर आयेगा
कसम माँ भवानी की लात जूता खाकर जायेगा
हम तो अपने हक के लिए लड़ते ही रहेंगे
लेकिन जब तू मरेगा तूझे कीड़े जरूर पड़ेंगे
सैकड़ों हमारे टेट वीरों को तूने दुनिया से उठाया है
उनके बूढ़े माँ बाप को बेसहारा तूने बनाया है
उन माँ बाप की बद्दुआ असर जरूर करेगा
उस श्राप से तू नहीं तो तेरा परिवार जरूर मरेगा
हे प्रभू! हम टेटियंस की विनती स्वीकार करो
इस कुत्ते पल्टुआ को इस दुनिया से उद्धार करो।