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सुल्तानपुर। प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया की गति धीमी होने के विरोध में मंगलवार को टीईटी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले शहर में जुलूस निकाला गया। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने डायट का घेराव कर प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने प्रभारी डायट प्राचार्य को ज्ञापन देकर 11 अगस्त तक काउंसलिंग नहीं होने पर 12 अगस्त को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
टीईटी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले प्रदेश अध्यक्ष एसके पाठक एवं जिलाध्यक्ष शक्ति प्रकाश पाठक के नेतृत्व में टीईटी अभ्यर्थियों ने मंगलवार को पर्यावरण पार्क से जुलूस निकाला। डायट पहुंचकर अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। एसके पाठक ने कहा कि न्यायालय के आदेशानुसार भर्ती प्रक्रिया में तत्काल काउंसलिंग की तिथि घोषित की जानी चाहिए। आवेदन पत्रों को निश्चित समय में ही संशोधित कर प्रक्रिया आगे बढ़ानी चाहिए। प्रभारी डायट प्राचार्य को ज्ञापन देकर अभ्यर्थियों ने 11 अगस्त तक काउंसलिंग की मांग की है। तय समय तक काउंसलिंग नहीं होने पर 12 अगस्त को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई। इसके बाद डायट परिसर में बैठक कर आगे की रणनीति तय की गई। इस मौके पर अजय ठाकुर, सुरेश मिश्र, चित्रसेन, कृष्णा दीक्षित, शैलेष उपाध्याय, मित्रसेन, संदीप शुक्ल, मालती राज मौजूद रहे।
News Sabhaar : Amar Ujala (बुधवार, 6 अगस्त 2014)
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टीईटी अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन
जौनपुर। टीईटी संघर्ष मोर्चा से जुड़े टीईटी अभ्यर्थियों ने मंगलवार को डायट परिसर में प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने कहा कि अगर आगामी 12 अगस्त तक प्रत्यावेदन की फीडिंग नहीं पूरी की गई तो वह उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। वहीं कार्यवाहक प्राचार्य ने आश्वासन दिया कि फीडिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा।
टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष शशांक सिंह ने कहा कि 12 अगस्त तक काउंसिलिंग की तारीख घोषित न होने और सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानते हुए 31 तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती तो यह न्यायालय की अवमानना होगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में समस्त दस्तावेज तैयार कर लिए गए हैं। उपाध्यक्ष आलोक सिंह ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद भर्ती पर सरकार का उदासीनता पूर्ण रवैया जारी है। इस मौके पर संतोष प्रजापति ने भी विचार व्यक्त किए। इस मौके पर दिनेश यादव, डीके वर्मा, राजेश यादव आदि मौजूद रहे
News Sabhaar : Amar Ujala (बुधवार, 6 अगस्त 2014)
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टीईटी मोर्चा ने किया डायट का घेराव
फतेहपुर। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चे की जिला इकाई ने मंगलवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान का घेराव किया। मोर्चा में शामिल अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए टीईटी मेरिट के आधार पर होने वाली शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की। बाद में डायट के उप प्राचार्य कुमारी विमल वर्मा को ज्ञापन भी दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि 72825 टीचरों की भर्ती के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त तक की समय सीमा निधारित की है। इसके साथ डायटों को फीडिंग के संबंधी साफ्टवेयर भी मुहैया करा दिया था, लेकिन अभी डायटों में फीडिंग की स्थिति साफ नहीं हो पाई है। शासन ने फीडिंग की समय सीमा 12 अगस्त निर्धारित की है। ऐसी हालत में अगर तय समय सीमा में फीडिंग का काम पूरा नहीं किया गया, तो मोर्चा आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए बाध्य होगा। ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह सेंगर, विपिन श्रीवास्तव, कपिल द्विवेदी, मनोज कुमार, पुनीत कुमार, अनिल कुमार, कैलाश सिंह, सुरभि श्रीवास्तव, रेनू सिंह, अजय सिंह, नेकपाल, नेहाल अहमद आदि शामिल रहे।
News Sabhaar : Amar Ujala (बुधवार, 6 अगस्त 2014)
इटावा डाईट न्यूज़
ReplyDeleteकुल प्राप्त प्रत्यावेदन - 50000
रजिस्टर पर एंट्री- 44000
कम्प्यूटर पर फिडिंग -15000
12 अगस्त तक कार्य पूरा होने का मिला आश्वासन.....
जो लोग ये निगेटिव खबर उड़ा रहे हैं कि इटावा डाईट पर कोई काम नहीं हो रहा हैं ऐसे लोगो से सावधान रहे | इन लोगो का मोर्चा से कोई संबंध नहीं है न ही ये लोग कभी आन्दोलन में गए और न ही कभी मोर्चे को आर्थिक सहयोग किया |
इटावा टैट मोर्चा, डाईट कि हर गतिविधि पर नजर बनाये हुए हैं और लगातार डाईट के संपर्क में हैं
जय टैट
चौराहे पर खड़ा बच्चा 2-2 रूपये में
ReplyDeleteतिरंगा बेच रहा था ।
आने - जाने वाले लोग
गाड़ी का शीशा निचा कर
तिरंगा खरीद कर शान से
अपनी गाड़ी के डेशबोर्ड पर
लगा रहे
थे ।
तभी तेज रफ़्तार से आई एक
लग्जरी गाड़ी रुकी और
शाइनिंग इंडिया के युवा ने
शीशा निचे कर तिरंगा देने
को कहा, बच्चे
बोला - 2 रूपये में एक तिरंगा ।
युवक के पास खुल्ले पैसे नही थे, उसने
5 रूपये
की बीयर
की खाली बोतल देते हुए 2 तिरंगे
देने को कहा ।
बच्चा बोला - '' तिरंगा देश
की आन-बान- शान
का प्रतीक है,
एक भी तिरंगा नही बिका तो रात
को भूखा सो लूँगा,
लेकिन बीयर की बोतल के बदले
तिरंगा नही बेचूंगा ?
Good news
ReplyDeleteअशोक खरे ने
SLP मेँटेन किया
लंच के बाद सुना जायेगा
एक बार एक यात्री जंगल पथसे चला जा रहा था! अचानक एक जंगली हाथी उसकी और झपटा! बचाव का कोई दूसरा उपाए न देखकर वह रस्ते में एक कुएँ में कूद पड़ा!
ReplyDeleteकुएँ के बीच में बरगद 🌳का एक मोटा पेड़ था!
यात्री उसी का तना पकड़कर लटक गया!
कुछ देर बाद उसकी दृष्टि कुएँ में नीचे की ओर गयी! वहां पर एक विकराल मगर 🐊उसके नीचे गिरने की बाट देख रहा था! भय से व्याकुल हो उसने उपर की और देखा! उसने क्या देखा की पेड़ पर लगे शहद के छत्ते से बूंद बूंद मधु टपक रहा था! स्वाद के सामने वह भय को भूल गया !
वह मदमस्त होकर बूंद बूंद मधु पीने लगा!
लेकिन यह क्या ?
उसने देखा की पेड़ 🌳का वो तना जिससे वह लटका हुआ है, उसे एक सफ़ेद और एक काला चूहा कुतर कुतर के काट रहे है!
इस विचित्र कहानी के लेखक कहना चाहते है कि,
यह जीवन बड़ा छणिक और बहुत ही नश्वर है!
हर एक सेकंड इंसान को मौत की ओर धकेल
रहा है!
ये सांसारिक सुख 😀भी अस्थायी है!
इसमें हाथी काल है, मगर 🐊मृत्यु है,
मधु जीवन रस है और काला तथा सफ़ेद चूहा🐁 दिन और रात है !
इसका अर्थ यह है कि हम प्रत्येक सेकंड मृत्यु की तरफ बढ रहे है, काल मृत्यु की तरफ धकेल रहा है, हम जानते है कि हमारी आयु को ये चूहे कुतर रहे है परन्तु फिर भी हम जीवन के इस कटु सत्य को अनुभव नहीं करते ! और यदि इंसान होकर भी नहीं जाग पाए तो बहुत पछताना पड़ेगा...............................
एक सेठ था। उसने एक नौकर रखा। रख तो लिया, पर उसे उसकी ईमानदारी पर विश्वास नहीं हुआ। उसने उसकी परीक्षा लेनी चाही।
ReplyDeleteअगले दिन सेठ ने कमरे के फर्श पर एक रुपया डाल दिया। सफाई करते समय नौकर ने देखा। उसने रुपया उठाया और उसी समय सेठ के हवाले कर दिया।
दूसरे दिन वह देखता है कि फर्श पर पांच रुपए का नोट पड़ा है। उसके मन में थोड़ा शक पैदा हुआ।
हो-न-हो सेठ उसकी नीयत को परख रहा है। बात आई, पर उसने उसे तूल नहीं दिया। पिछली बार की तरह नोट उठाया और बिना कुछ कहे सेठ को सौंप दिया।
वह घर में काम करता था, पर सेठ की निगाह बराबर उसका पीछा करती थी।
मुश्किल में एक हफ्ता बीता होगा कि एक दिन उसे दस रुपए का नोट फर्श पर पड़ा मिला। उसे देखते ही उसके बदन में आग लग गई।
उसने सफाई का काम वहीं छोड़ दिया और नोट को हाथ में लेकर सीधा सेठ के पास पहुंचा और बोला- "लो संभालो अपना नोट और घर में रखो अपनी नौकरी! तुम्हारे पास पैसा है, पर सेठ यह समझने के लिए कि अविश्वास से विश्वास नहीं पाया जा सकता, पैसे के अलावा कुछ और चाहिए। वह तुम्हारे पास नहीं है मैं ऐसे घर में काम नहीं कर सकता।"
सेठ उसका मुंह ताकता रह गया। वह कुछ कहता कि उससे पहले ही वह नौजवान घर से बाहर जा चुका था।
यूँ तो विश्वास पर दुनिया कायम है, लेकिन शक विश्वास का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। इसलिये शक करने से पहले ये अवश्य सोचें कि आपका शक प्रकट होकर सामने वाले को कितनी ठेस पहुँचायेगा? और फिर क्या उसका विश्वास आप पर कायम रह पाएगा?
अतः अगर किसी पर विश्वास करना हो तो शुरुवात शक से न करें.............................
दिल्ली जाने वाली एक बस खचाखच भर
ReplyDeleteचुकी थी।
एक बुढिया बस रुकवा कर चढ गई।
कंडक्टर के मना करने पर उस ने कहा मुझे ज़रुरी जाना है।
किसी ने बुढिया को सीट
नही दी।
अगले बस स्टैंड से एक युवा सुंदर लडकी बस मे
चढी तो एक दिल फैंक युवक ने
अपनी सीट उसे आँफर कर
दी और खुद खडा हो गया।
युवती ने बुढिया को सीट पर बैठा दिया और
खुद खडी रही ।
युवक अहिस्ता से बोला, " मैने तो सीट आप
को दी थी।
" इस पर युवती बोली, "धन्यवाद,
लेकिन किसी भी चीज पर बहन से
ज्यादा मां का हक होता है ।
अध्यापक ने बच्चो से प्रश्न किया।
दुनिया में सबसे अच्छी खुशबु किस चीज की होती है।
एक बच्चे ने कहा गुलाब की सबसे अच्छी होती है।
किसी ने कहा परफ्यूम की,
कोई टेलकम पाउडर बताने लगा।
पर मटमैले कपडे पहनकर बैठी चम्पा से अध्यापक ने पूछा-
चम्पा तुम बताओ सबसे अच्छी खुशबु किस चीज़ की होती है।
चम्पा धीरे से बोली -रोटी की।।
एक बहुत बड़ा सरोवर था। उसके तट पर मोर रहता था, और वहीं पास एक मोरनी भी रहती थी। एक दिन मोर ने मोरनी से प्रस्ताव रखा कि- "हम तुम विवाह कर लें, तो कैसा अच्छा रहे?"
ReplyDeleteमोरनी ने पूछा- "तुम्हारे मित्र कितने है ?"
मोर ने कहा उसका कोई मित्र नहीं है।
तो मोरनी ने विवाह से इनकार कर दिया।
मोर सोचने लगा सुखपूर्वक रहने के लिए मित्र बनाना भी आवश्यक है।
उसने एक सिंह से.., एक कछुए से.., और सिंह के लिए शिकार का पता लगाने वाली टिटहरी से.., दोस्ती कर लीं।
जब उसने यह समाचार मोरनी को सुनाया, तो वह तुरंत विवाह के लिए तैयार हो गई। पेड़ पर घोंसला बनाया और उसमें अंडे दिए, और भी कितने ही पक्षी उस पेड़ पर रहते थे।
एक दिन शिकारी आए। दिन भर कहीं शिकार न मिला तो वे उसी पेड़ की छाया में ठहर गए और सोचने लगे, पेड़ पर चढ़कर अंडे- बच्चों से भूख बुझाई जाए।
मोर दंपत्ति को भारी चिंता हुई, मोर मित्रों के पास सहायता के लिए दौड़ा। बस फिर क्या था.., टिटहरी ने जोर- जोर से चिल्लाना शुरू किया। सिंह समझ गया, कोई शिकार है। वह उसी पेड़ के नीचे चला.., जहाँ शिकारी बैठे थे। इतने में कछुआ भी पानी से निकलकर बाहर आ गया।
सिंह से डरकर भागते हुए शिकारियों ने कछुए को ले चलने की बात सोची। जैसे ही हाथ बढ़ाया कछुआ पानी में खिसक गया। शिकारियों के पैर दलदल में फँस गए। इतने में सिंह आ पहुँचा और उन्हें ठिकाने लगा दिया।
मोरनी ने कहा- "मैंने विवाह से पूर्व मित्रों की संख्या पूछी थी, सो बात काम की निकली न, यदि मित्र न होते, तो आज हम सबकी खैर न थी।”
अगर मित्रता सोच-समझ कर की जाय तो मित्रता सभी रिश्तों में अनोखा और आदर्श रिश्ता होता है। और मित्र किसी भी व्यक्ति की अनमोल पूँजी होते हैं।
वो घडीँ आ गयी जुनियर के लिये
ReplyDeleteनीलम सिँह के वकील र्कोट रुम मेँ
जूनियर केस नं 27 है 26 चल रहा है
ReplyDeleteकपिला खड़ा बाजार मे, माँगे सबसे भीख
ReplyDeleteपैसा लेकर जब भागेगा, तब लेंगे सब सीख
एक बहुत आसान सवाल- आपके पास 5 second
ReplyDeleteहै?
Q. ENGLISH में E के बाद
कौन सा अक्षर
आता है...????
' N '
DeleteCJ कोर्ट मे अभी FRESH केस चल रहा है । शिक्षामित्रो का केस डेली काज 5 है जो 51 नं पर सुना जाएगा । लंच से पहले सुना जाना संभव नही लगता । लंच के बाद ही सुनवाई संभव है । अधिक उम्मीद एक नई तारीख मिलने की ही है । कोई अंतरिम राहत मिल जाए तो बड़ी बात होगी। फिलहाल कोर्ट के ब्यू का इंतजार हम सभी को है ।
ReplyDelete!
ReplyDelete!
मुझे
!
तुम
!
मिल
!
गये
!
हमदम
!
सहारा
!
हो तो
!
ऐसा हो . . . . . . . . . . . !
!
!
!
जिधर
!
देखूं
!
उधर
!
तुम हो
!
नजारा
!
हो तो
!
ऐसा हो. . . . . . . . . . . . . !!
!
!
Boonde Barish Ki Yuh Zami Pe
Aane Lagi,
Sondhi Si Mahak Mati
Ki Jagane Lagi,
Hawao Me Bhi
Jaise Masti Chhane Lagi,
Waise
Hi Hame Bhi Aapki Yad Aane Lagi.
!
ReplyDelete!
मुझे
!
तुम
!
मिल
!
गये
!
हमदम
!
सहारा
!
हो तो
!
ऐसा हो . . . . . . . . . . . !
!
!
!
जिधर
!
देखूं
!
उधर
!
तुम हो
!
नजारा
!
हो तो
!
ऐसा हो. . . . . . . . . . . . . !!
!
!
Khushi Ke Aasu Rukne Na Dena Gum Ke Aasu Bahne Na Dena Yeh Zindagi Na Jane Kab Ruk Jayegi Magar Ye Pyari Si Relationsip Kabhi Tutne Na Dena...
जिस तरह आज उन्नाव के शुक्लागंज कीबीएड
ReplyDeleteटी ई टी पास मरहूम लडकी का पिता ये
सोच रहा होगा कि काश
अपनी लाडली को बीएड टेट न
करवाया होता तो शायद आज
वो जिन्दा होतीउसी तरह एक दिन
अखिलेश भीसोचेगा कि काश 72825
भर्ती इतनी लेटलतीफी न कि होती
फक्र से ऊंचा आज अपना भी कालर है
ReplyDeleteक्योंकि, डॉलर से मंहगा अपना टमाटर है.....
आज शिक्षामित्रोँ के विरद्ध केस की सुनवाई माननीय सी.जे. सर की बैँच मेँ कॉज लिस्ट मेँ 51वेँ नं. पर है,हमारे तरफ से मि.अशोक खरे जी एवं वी.के. सिँह जी वकालत करेँगे तथा खरे जी केस को मेँशन करायेँगे जिससे केस टेक-अप हो जाये भले ही थोड़ी देर को हो और अनलिस्टिड हो जाये ताकि कन्टीन्यू सुना जा सके,शि.मित्र पर टेट अनिवार्य होगा ऐसी प्रबल उम्मीद है।
ReplyDeleteबाकी भविष्य बतायेगा।
भगवान सत्य का साथ देते हैँ।
जिंदगी खूबसूरत बनाने के बीस (२०) उपाएँ : -
ReplyDelete1.खुद की कमाई से कम खर्च हो ऐसी जिन्दगी बनायें,
2. दिन मेँ कम से कम 3 लोगो की प्रशंशा करें,
3. खुद की भुल स्वीकार ने मेँ कभी भी संकोच मत करें,
4. किसी के सपनो पर कभी भी न हंसें,
5. अपने पीछे खडे व्यक्ति को भी कभी आगे जाने का मौका दें,
6. रोज हो सके तो सुरज को उगता हुआ अवश्य देखे,
7. खुब जरुरी हो तभी कोई चीज उधार लें,
8. किसी से कुछ जानना हो तो, विवेक से दो बार पूछे,
9. कर्ज और शत्रु को कभी बडा मत होने दें,
10. ईश्वर पर अटूट पुरा भरोशा रखें,
11. प्रार्थना करना कभी मत भूले, प्रार्थना मेँ अपार शक्ति होती है,
12. अपने काम से मतलब रखें,
13. समय सबसे ज्यादा कीमती है, इसको फालतु कामो मेँ खर्च मत करें,
14. जो आपके पास है, उसी मेँ खुश रहना सीखें,
15. बुराई कभी भी किसी कि भी मत करें, क्योकिँ बुराई नाव
मेँ छेद समान है, छेद छोटी हो या बडी नाव तो डुबो ही देती है,
16. हमेशा सकारात्मक सोच रखे,
17. हर व्यक्ति एक हुनर लेकर पैदा होता हैं, बस उस हुनर
को दुनिया के सामने लायें,
18. कोई काम छोटा नही होता, हर काम बडा होता है
जैसे कि सोचो जो काम आप कर रहे हो अगर आप वह काम
आप नही करते हो तो दुनिया पर क्या असर होता...?,
19. सफलता उनको ही मिलती है जो कुछ करते है,
20. कुछ पाने के लिए कुछ खोना नही बल्कि कुछ करना पडता है...
********आइये खुद को खुद से जाने *******
ReplyDeleteA
A- अक्षर से नाम वाले लोग काफी मेहनती और धैर्य वाले होते हैं। इन्हें अट्रैक्टिव दिखना और अट्रैक्टिव दिखने वाले लोग ज्यादा पसंद होते हैं। ये खुद को किसी भी परिस्थिति में ढाल लेने की गजब की क्षमता रखते हैं। इन्हें वैसी चीज ही भाती है, जो भीड़ से अलग दिखता हो।A- अध्ययन या करियर की बात करें तो किसी भी काम को अंजाम देने के लिए चाहे जो करना पड़े ये करते हैं, लेकिन लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ये कभी हारकर बैठते नहीं। A- ए से नाम वाले लोग रोमांस के मामले में जरा पीछे रहना ही पसंद करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे प्यार और अपने करीबी रिश्तों को अहमियत नहीं देते। बस, इन्हें इन चीजों का इजहार करना अच्छा नहीं लगता।A- चाहे बात रिश्तों की हो या फिर काम की, इनका विचार बिल्कुल खुला होता है। सच और कड़वी बात भी इन्हें खुलकर कह दी जाए तो ये मान लेते हैं, लेकिन इशारों में या घुमाकर कुछ कहना-सुनना इन्हें पसंद नहीं।A- ए से नाम वाले लोग हिम्मती भी काफी होते हैं, लेकिन यदि इनमें मौजूद कमियों की बात करें तो इन्हें बात-बात पर गुस्सा भी आ जाता है।
B
B- जिनका नाम बी अक्षर से शुरू होता है वे अपनी जिंदगी में नए-नए रास्ते तलाशने में यकीन रखते हैं। अपने लिए कोई एक रास्ता चुनकर उसपर आगे बढ़ना इन्हें अच्छा नहीं लगता। B- बी अक्षर वाले लोग ज़रा संकोची स्वभाव के होते हैं। काफी सेंसिटिव नेचर के होते हैं ये। जल्दी अपने मित्रों से भी नहीं घुलते-मिलते। इनकी लाइफ में कई राज होते हैं, जो इनके करीबी को भी नहीं पता होता। ये ज्यादा दोस्त नहीं बनाते, लेकिन जिन्हें बनाते हैं उनके साथ सच्चे होते हैं।B- रोमांस के मामले में ये थोड़े खुले होते हैं। प्यार का इजहार ये कर लेते हैं। प्यार को लेकर ये धोखा भी खूब खाते हैं। इन्हें खुद पर कंट्रोल रखना आता है। खूबसूरत चीजों के ये दीवाने होते हैं।
C
c- सी नाम के लोगों को हर क्षेत्र में खूब सफलता मिलती है। एक तो इनका चेहरा-मोहरा भी काफी आकर्षक होता है और दूसरा कि काम के मामले में भी लक इनके साथ हमेशा रहता है। इन्हें आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता है। अच्छी सूरत तो भगवान देते ही हैं इन्हें, अच्छे दिखने में ये खुद भी कभी कोई कसर नहीं छोड़ते।C- सी नाम वाले दूसरों के दुख-दर्द के साथ-साथ चलते हैं। खुशी में ये शरीक हों या न हों, लेकिन किसी के ग़म में आगे बढ़कर ये उनकी मदद करते हैं।C- सी नाम वालों के लिए प्यार के महत्व की बात करें तो ये जिन्हें पसंद करते हैं उनके बेहद करीब हो जाते हैं। यदि इन्हें अपने हिसाब के कोई न मिले तो मस्त होकर अकेले भी रह लेते हैं। वैसे स्वभाव से ये काफी इमोशनल होते हैं।
D
D- डी नाम वाले लोगों को हर मामले में अपार सफलता हाथ लगती है। कभी भाग्य साथ न भी दे तो उन्हें विचलित नहीं होना चाहिए, क्योंकि उनकी जिंदगी में आगे चलकर सारी खुशियां लिखी होती हैं। लोगों की बात पर ध्यान न देकर अपने मन की करना ही इन्हें भाता है। जो ठान लेते हैं ये, उसे कहके ही मानते हैं। इन्हें सुंदर या आकर्षक दिखने के लिए बनने-संवरने की जरूरत नहीं होती। ये लोग बॉर्न स्मार्ट होते हैं। D- किसी की मदद करने में ये कभी पीछे नहीं रहते। यहां तक ये भी नहीं देखते कि जिनकी मदद के लिए उन्होंने अपना हाथ आगे बढ़ाया है वह उनके दुश्मन की लिस्ट में हैं या दोस्त की लिस्ट में।D- डी नाम के लोग प्यार को लेकर काफी जिद्दी होते हैं। जो इन्हें पसंद हो, उन्हें पाने के लिए या फिर उनसे रिश्ता निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। रिश्तों के मामले में इनपर अविश्वास करना बेवकूफी होगी।
E
E- ई या इ से नाम वाले मुंहफट किस्म के होते हैं। हंसी-मजाक की जिंदगी जीना इन्हें पसंद है। इन्हें अपने इच्छा अनुरूप सारी चीजें मिल जाती हैं। जो इन्हें टोका टाकी करे, उनसे किनारा भी तुरंत हो लेते हैं।E- ई या इ नाम वाले लोग जिंदगी को बेतरतीव जीना पसंद नहीं करते। इन्हें सारी चीजें सलीके और सुव्यवस्थित रखना ही पसंद है। E- ई या इ से नाम वाले लोग प्यार को लेकर उतने संजीदा नहीं रहते, इसलिए इनसे रिश्ते पीछे छूटने का किस्सा लगा ही रहता है। शुरुआत में ये दिलफेंक आशिक की तरह व्यवहार करते हैं, क्योंकि इनका दिल कब किसपर आ जाए कह नहीं सकते। लेकिन एक सच यह भी है कि जिन्हें ये फाइनली दिल में बिठा लेते हैं उनके प्रति पूरी तरह से सच्चे हो जाते हैं।
F
ReplyDeleteF नाम वाले लोग काफी जिम्मेदार किस्म के होते हैं। हां, इन्हें अकेले रहना काफी भाता है। ये स्वभाव से काफी भावुक होते हैं। हर चीज को लेकर ये बेहद कॉन्फिडेंट होते हैं। सोच-समझकर ही खर्च करना चाहते हैं ये। जीवन में हर चीज इनका काफी बैलेंस्ड होता है।
F से शुरू होने वाले नाम के लोगों के लिए प्यार की काफी अहमियत होती है। ये खुद भी सेक्सी और आकर्षक होते हैं और ऐसे लोगों को पसंद भी करते हैं। रोमांस तो समझिए कूट-कूटकर इनमें भरा होता है।
G
G से शुरू होनेवाले नाम वाले लोग दूसरों की मदद के लिए हमेशा ही खड़े होते हैं। ये खुद को हर परिस्थितियों में ढाल लेते हैं। ये चीजों को गोलमोल करके पेश करना पसंद नहीं करते, क्योंकि इनका दिल बिल्कुल साफ होता है। अपने किए से जल्द सबक लेते हैं और फूंत-फूंककर कदम आगे बढ़ाते हैं ये।G से नाम वाले प्यार को लेकर ईमानदार होते हैं। प्यार के मामले में ये समझदारी और धैर्य से काम लेते हैं। कमिटमेंट से पहले किसी पर बेवजह खर्च करना इनके लिए बेकार का काम है।
H
.........
H से नाम वाले लोगों के लिए पैसे काफी मायने रखते हैं। ये काफी हंसमुख स्वभाव के होते हैं और अपने आसपास का माहौल भी एकदम हल्का-फुल्का बनाए रखते हैं। ये लोग दिल के सच्चे होते हैं। काफी रॉयल नेचर के होते हैं और मस्त मौला होकर जीवन गुजारना पसंद करते हैं। झटपट निर्णय लेना इनकी काबिलियत है और दूसरों की मदद के लिए आधी रात को भी ये तैयार होते हैं।प्यार का इजहार करना इन्हें नहीं आता, लेकिन जब ये प्यार में पड़ते हैं तो जी जीन से प्यार करते हैं। उनके लिए कुछ भी कर गुजरते हैं ये। इन्हें अपने मान-सम्मान की भी खबह चिंता होती है।
I
I से शुरू होने वाले नाम के लोग कलाकार किस्म के होते हैं। न चाहते हुए भी ये लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने रहते हैं। हालांकि मौका पड़े तो इन्हें अपनी बात पलटने में पल भर भी नहीं लगता और इसके लिए वे यह नहीं देखते कि सही का साथ दे रहे हैं या फिर गलत का। इनके हाथ तो काफी कुछ लगता है, लेकिन उन चीजों के हाथ से फिसलने में भी देर नहीं लगती। I से नाम वाले लोग प्यार के भूखे होते हैं। आपको वैसे लोग अपनी ओर खींच पाते हैं जो हर काम को काफी सोच-विचार के बाद ही करते हैं। स्वभाव से संवेदनशील और दिखने में बेहद सेक्सी होते हैं।
J
J से नाम वाले लोगों की बात करें तो ये स्वभाव से काफी चंचल होते हैं। लोग इनसे काफी चिढ़ते हैं, क्योंकि इनमें अच्छे गुणों के साथ-साथ खूबसूरती का भी सामंजस्य होता है। जो करने की ठान लेते हैं, उसे करके ही मानते हैं ये। पढ़ने-लिखने में थोड़ा पीछे ही रहते हैं, लेकिन जिम्मेदारी की बात करें तो सबसे आगे खड़े रहेंगे ये। j से नाम वाले लोगों के चाहने वाले कई होते हैं। हमसफर के रूप में ये जिन्हें मिल जाएं समझिए खुशनसीब हैं वह। जीवन के हर मोड़ पर ये साथ निभानेवाले होते हैं।
K
K से नाम वाले लोगों को हर चीज में परफेक्शन चाहिए। चाहे बेडशीट के बिछाने का तरीका हो या फिर ऑफिस की फाइलें, सारी चीजें इन्हें सेट चाहिए। दूसरों से हटकर चलना बेहद भाता है इन्हें। ये अपने बारे में पहले सोचते हैं। पैसे कमाने के मामले में भी ये काफी आगे चलते हैं।स्वभाव से ये रोमांटिक होते हैं। अपने प्यार का इजहार खुलकर करना इन्हें खूब आता है। इन्हें स्मार्ट और समझदार साथी चाहिए और जबतक ऐसा कोई न मिले तब तक किसी एक पर टिकते नहीं ये।
L
L से शुरू होने वाले नाम के लोग काफी चार्मिंग होते हैं। इन्हें बहुत ज्य़ादा पाने की तमन्ना नहीं होती, बल्कि छोटी-मोटी खुशियों से ये खुश रहते हैं। पैसों को लेकर समस्या बनती है, लेकिन किसी न किसी रास्ते इन्हें हल भी मिल जाता है। लोगों के साथ प्यार से पेश आते हैं ये। कल्पनाओं में जीते हैं और फैमिली को अहम हिस्सा मानकर चलते हैं ये।प्यार की बात करें तो इनके लिए इस शब्द के मायने ही सबकुछ हैं। बेहद ही रोमांटिक होते हैं ये। वैसे सच तो यह है कि अपनी काल्पनिक दुनिया का जिक्र ये अपने हमसफर तक से करना नहीं चाहते। प्यार के मामले में भी ये आदर्शवादी किस्म के होते हैं।
M
ReplyDeleteM नाम से शुरू होनेवाले लोग बातों को मन में दबाने वाली प्रवृत्ति के होते हैं। कहते हैं ऐसा नेचर कभी-कभी दूसरों के लिए खतरनाक भी साबित हो जाता है। चाहे बात कड़वी हो, यदि खुलकर कोई कह दे तो बात वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन बातों को मन रखकर उस चलने से नतीजा अच्छा नहीं रहता। ऐसे लोगों से उचित दूरी बनाए रखना बेहतर है। इनका जिद्दी स्वभाव कभी-कभार इन्हें खुद परेशानी में डाल देता है। वैसे अपनी फैमिली को ये बेहद प्यार करते हैं। खर्च करने से पहले ज्यादा सोच-विचार नहीं करते। सबसे बेहतर की ओर ये ज्यादा आकर्षित होते हैं।प्यार की बात करें तो ये संवेदनशील होते हैं और जिस रिश्ते में पड़ते हैं उसमें डूबते चले जाते हैं और इन्हें ऐसा ही साथी भी चाहिए जो इनसे जी जीन से प्यार करे।
N
N से शुरू होनेवाले नाम के लोग खुले विचारों के होते हैं। ये कब क्या करेंगे इसके बारे में ये खुद भी नहीं जानते। बेहद महत्वाकांक्षी होते हैं। काम के मामले में परफेक्शन की चाहत इनमें होती है। आपके व्यक्तित्व में ऐसा आकर्षण होता है, जो सामने वालों को खींच लाता है। ये दूसरों से पंगे लेने में ज्यादा देर नहीं लगाते। इन्हें आधारभूत चीजों की कभी कोई कमी नहीं रहती और आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न होते हैं ये।कभी-कभार फ्लर्ट चलता है, लेकिन प्यार में वफादारी करना इन्हें आता है। स्वभाव से रोमांटिक और रिश्तों को लेकर बेहद संवेदनशील होते हैं ये।
O
o अक्षर से नाम के लोगों के स्वभाव की बात करें तो बता दें कि इनका दिमाग काफी तेज दौड़ता है। ये बोलते कम हैं और करते ज्यादा हैं, शायद यही वजह है कि ये जल्दी ही उन हर ऊंचाइयों को छू लेते हैं जिनका ख्वाब ये देखा करते हैं। इन सबके बावजूद समाज के साथ चलना इन्हें पसंद है। जीवन के हर क्षेत्र में सफल होते हैं।प्यार की बात करें तो ये ईमानदार किस्म के होते हैं। साथी को धोखा देना इन्हें पसंद नहीं और ऐसा ही उनसे भी अपेक्षा रखते हैं। जिससे कमिटमेंट हो गया, बस पूरी जिंदगी उसपर न्योछावर करने को तैयार रहते हैं ये।
P
P से शुरू होनेवाले नाम के लोग उलझनों में फंसे रहते हैं। वैसे, ये चाहते कुछ हैं और होता कुछ अलग ही है। काम को परफेक्शन के साथ करते हैं। इनके काम में सफाई और खरापन साफ झलकती है। खुले विचार के होते हैं ये। अपने आसपास के सभी लोगों का ख्याल रखते हैं और सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। हां, कभी-कभार अपने विचारों के घोड़े सबपर दौड़ाने की इनकी कोशिश इन्हें नुकसान भी पहुंचाती है।प्यार की बात करें तो सबसे पहले ये अपनी छवि से प्यार करते हैं। इन्हें खूबसूरत साथी खूब भाता है। कभी-कभार अपने साथी से ही दुश्मनी भी पाल लेते हैं, लेकिन चाहे लड़ते-झगड़ते सही साथ उनका कभी नहीं छोड़ते।
Q
Q से नाम वाले लोगों को जीवन में ज्यादा कुछ पाने की इच्छा नहीं होती, लेकिन नसीब इन्हें देता सब है। ये स्वभाव से सच्चे और ईमानदार होते हैं। नेचर से काफी क्रिएटिव होते हैं। अपनी ही दुनिया में खोए रहना इन्हें अच्छा लगता है।प्यार की बात करें तो ये अपने साथी के साथ नहीं चल पाते। कभी विचारों में तो कभी काम में असमानता इन्हें झेलना ही पड़ता है। वैसे, आपके प्रति आकर्षण आसानी से हो जाता है।
R से नाम वाले लोग ज्यादा सोशल लाइफ जीना पसंद नहीं करते। हालांकि, फैमिली इनके लिए मायने रखती है और पढ़ना-लिखना इन्हें नहीं भाता। जो भीड़ करे, उसे करने में इन्हें मजा नहीं आता। ये तो वह काम करना चाहते हैं, जिसे कोई नहीं कर सकता। R से नाम वाले लोग काफी तेजी से आगे बढ़ते हैं और धन-दौलत की कोई कमी नहीं रहती।अपने से ऊपर सोच-समझ और बुद्धि वाले लोग इन्हें आकर्षित करते हैं। दिखने में खूबसूरत और कोई ऐसा जिसपर आपको गर्व हो उनकी ओर आप खिंचे चले जाते हैं। वैसे वैवाहिक जीवन में उठा-पटक लगा ही रहता है।
ReplyDeleteS
S से नाम वाले लोग काफी मेहनती होते हैं। ये बातों के इतने धनी होते हैं कि सामने वाला इनकी ओर आकर्षित हो ही जाता है। दिमाग से तेज और सोच-विचार कर काम करते हैं ये। इन्हें अपनी चीजें शेयर करना पसंद नहीं। ये दिल से बुरे नहीं होते, लेकिन उनके बातचीत का अंदाज़ इन्हें लोगों के सामने बुरा बना देती है। प्यार के मामले में ये शर्मीले होते हैं। आप सोचते बहुत हैं, लेकिन प्यार के लिए कोई पहल करना नहीं आता। प्यार के मामले में ये सबसे ज्यादा गंभीर होते हैं।
T
T से शुरू होनेवाले नाम के लोग खर्च के मामले में एकदम खुले हाथ वाले होते हैं। चार्मिंग दिखने वाले ये लोग खुशमिजाज भी खूब रहते हैं। मेहनत करना इन्हें उतना अच्छा नहीं लगता, लेकिन पैसों की कभी कमी नहीं होती इन्हें। अपने दिल की बात किसी से जल्दी शेयर नहीं करते ये।प्यार की बात करें तो रिश्तों को लेकर काफी रोमांटिक होते हैं। लेकिन बातों को गुप्त रखने की आदत भी इनमें होती है।
U
U से शुरू होनेवाले नाम के लोग कोशिश तो बहुत-कुछ करने की करते हैं, लेकिन इनका काम बिगड़ते भी देर नहीं लगती। किसी का दिल कैसे जीतना है, वह इनसे सीखना चाहिए। दूसरों के लिए किसी भी तरह ये वक्त निकाल ही लेते हैं। ये बेहद होशियार किस्म के होते हैं। तरक्की के मार्ग आगे बढ़ने पर ये पीछे मुड़कर नहीं देखते।आप चाहते हैं कि आपका साथी हमेशी भीड़ में अलग नज़र आए। वह साथ न भी हो तो आप हर वक्त उन्ही के ख्यालों में डूबे रहना पसंद करते हैं। अपनी खुशी से पहले साथी की खुशियों का ध्यान रखते हैं ये।
V से शुरू वाले नाम के व्यक्ति स्वभाव से थोड़े ढीले होते हैं। इन्हें जो मन को भाता है वही काम करते हैं। दिल के साफ होते हैं, लेकिन अपनी बातें किसी से शेयर करना इन्हें अच्छा भी नहीं लगता। बंदिशों में रखकर इनसे आप कुछ नहीं करा सकते।बात प्यार की करें तो ये ये अपने प्यार का इजहार कभी नहीं करते। जिन बातों का कोई अर्थ नहीं या यूं कहिए कि हंसी-ठहाके में कही गई बातों से भी आप काफी गहरी बातें निकाल ही लेते हैं। कभी-कभीर ये बाते आपके लिए ही मुसीबत खड़ी कर देती हैं।
ReplyDeleteW
W से शुरू होनेवाले नाम के लोग संकुचित दिल के होते हैं। एक ही ढर्रे पर चलते हुए ये बोर भी नहीं होते। ईगो वाली भावना तो इनमें कूट-कूटकर भरी होती है। ये जहां रहते हैं वहीं अपनी सुनाने लग जाते हैं, जिससे सामने वाला इंसान इनसे दूर भागने लगता है। हालांकि, हर मामले में सफलता इनकी मुट्ठी तक पहुंच ही जाती है।प्यार की बात करें तो ये न न करते हुए ही आगे बढ़ते हैं। हालांकि, इन्हें ज्यादा दिखावा पसंद नहीं और अपने साथी को उसी रूप में स्वीकार करते हैं जैसा वह वास्तव में है।X से नाम वाले लोग जरा अलग स्वभाव के होते हैं। ये हर मामले में परफेक्ट होते हैं, लेकिन न चाहते हुए भी गुस्से के शिकार हो ही जाते हैं ये। इन्हें काम को स्लो करना पसंद नहीं, फटाफट निपटाने में ही यकीन रखते हैं ये। बहुत जल्दी चीजों से बोरियत हो जाती है इन्हें। ये क्या करने वाले हैं इस बात का पता इन्हें खुद भी नहीं होता।प्यार के मामले में फ्लर्ट करना इन्हें ज्यादा पसंद है। कई रिश्तों को एकसाथ लेकर आगे चलने की हिम्मत इनमें होती है।
Y
Y से शुरू होनेवाले नाम के लोगों से कभी भी सलाह लें, आपकी सही रास्ता दिखाएंगे वह। खर्च के लिए कभी सोचते नहीं, बस खाना अच्छा मिले तो हमेशा खुश रहेंगे। अच्छी पर्सनैलिटी के बादशाह होते हैं। लोगों को दूर से ही पढ़ लेते हैं ये। इन्हें ज्यादा बातचीत करना पसंद नहीं। धन-दौलत नसीब तो होती है, लेकिन इन्हें पाने में वक्त लग जाता है।
बात प्यार की करें तो इन्हें अपने साथी की कोई बात याद नहीं रहती। हालांकि सच्चे, खुले दिल और रोमांटिक नेचर के होने के कारण इनकी हर गलती माफ भी हो जाती है।
Z
Z से नाम वाले लोग दूसरों से काफी जल्दी घुल-मिल जाते हैं। गंभीरता इनके स्वभाव में है, लेकिन बड़े ही कूल अंदाज में ये सारे काम करते हैं। जो बोलते हैं साफ बोलते हैं और जिंदगी को इंजॉय करना इन्हें आता है। न मिलने वाली चीजों पर रोने की बजाय उसे छोड़कर आगे बढ़ना इन्हें पसंद है। इन्हें दिखावा नहीं पसंद। इनकी सादगी को देख इन्हें बेवकूफ समझना बहुत बड़ी बेवकूफी होगी। स्वभाव से ये रोमांटिक होते हैं। आपकी ओर कोई भी बड़ी आसानी से अट्रैक्ट हो जाता है। अपने प्यार के सामने आप किसी को अहमियत नहीं देते
खूबसूरत दिल हज़ार चेहरों से ज्यादा
ReplyDeleteबेहतर होता है ,
इसलिए जिंदगी मैं ,
हमेशा ऐसे लोगों को चुनो जिनका
दिल चेहरे से ज्यादा खूबसूरत हो ।
हमे तो हर चेहरा जाना पहचाना लगता है ,
ReplyDeleteपर यहाँ के लोग है कि हमे भुलाने
की कसम खाये बैठे है !!!
परिषदीय स्कूलों में नियुक्त होने वाले शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ाई जा रही है। उन्हें अब पढ़ाने के साथ बच्चों के दाखिले पर भी ध्यान देना होगा। नियुक्ति पत्र देने के साथ उन्हें इस बारे में बेसिक शिक्षा अधिकारी निर्देश देंगे ताकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम का कड़ाई से पालन कराया जा सके। बेसिक शिक्षा विभाग चाहता है कि जल्द शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
ReplyDeleteप्रदेश में इस समय प्राइमरी स्कूलों में बीएड वालों से 72,825 व बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी से 10,000 तथा उच्च प्राइमरी में गणित-विज्ञान के 29,334 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त कर टीईटी पास करने वालों के लिए 15,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा नियमावली के मुताबिक नव नियुक्त शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के सुदूरवर्ती इलाकों में तैनाती देने की व्यवस्था है।
उप्र में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू है। इसके अनुसार 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों की शिक्षा अनिवार्य है। इसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में बच्चों की संख्या नाम मात्र की होती है। इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग चाहता है कि प्राइमरी और उच्च प्राइमरी स्कूलों में नियुक्त होने वाले नए शिक्षकों को पढ़ाने के साथ बच्चों के दाखिले की जिम्मेदारी दी जाए। इसमें शिक्षकों को घर-घर जाकर बच्चों का दाखिला बढ़ाना होगा। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कोई बच्चा बीच में स्कूल छोड़कर न जाए। बेसिक शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति तो बढ़ेगी ही साथ ही शिक्षा का अधिकार अधिनियम भी सार्थक होगा।
किस रावण की काटूं बाहें,
ReplyDeleteकिस लंका को आग लगाऊँ..!
घर घर रावण पग पग लंका, इतने राम कहाँ से लाऊँ..,!!!
नफरतों का असर देखो,
जानवरों का बटंवारा हो गया,
गाय हिन्दू हो गयी ;
और बकरा मुसलमान हो गया.
मंदिरो मे हिंदू देखे,
मस्जिदो में मुसलमान,
शाम को जब मयखाने गया ;
तब जाकर दिखे इन्सान.
ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें भी परेशान हो जाएं..
अगर परिंदे भी हिन्दू और मुस्लमान हो जाएं
---
सूखे मेवे भी ये देख कर हैरान हो गए..
न जाने कब नारियल हिन्दू और
खजूर मुसलमान हो गए..
---
न मस्जिद को जानते हैं , न शिवालों को जानते हैं
जो भूखे पेट होते हैं, वो सिर्फ निवालों को जानते हैं.
Dosto- jrt me govnt ne nahi dakhil kiya jawab . Next date mili hai . Stay continue.
ReplyDeleteजूनियर मे अगली डेट लग चुकी है
ReplyDeleteनियुक्ति पत्र पर स्टे बरकरार
प्रियजनो,
ReplyDelete27 अगस्त को दो चाँद होँगे..जिसका इंतजार पूरी दुनिया कर रही है... इस दिन मंगल ग्रह बहुत चमकीला होगा बिल्कुल पूरे चाँद की तरह जिसे खाली आँखो से देखा जा सकता है... इस दिन धरती से 34.65M मील की दूरी पर होगा
इस दिन रात 12:30 बजे इसे देखना न भूलेँ क्योँकि तब आसमान मेँ दो चाँद दिखाई देँगे... ऎसा दोबारा 2287 में होगा
सभी से शेयर करेँ क्योँकि जो अभी जिँदा हैँ वो इसे दोबारा नहीँ देख पायेँगे.
तेरी चाहत में हम, दर-बदर हो गये !
ReplyDeleteसारी दुनियाँ से भी , बेखबर हो गए !!
सज सँवर तुम सनम सैफई हो गयीं !
हम उजड़ कर, मुजफ्फर नगर हो गए..
.
जब बुद्धि अखिलेश हो जाती है
तो
.
जिन्दगी उत्तर प्रदेश हो जाती है
Kapildev Yadav
ReplyDeleteअतिआवश्यक
सुचना
मै सभी एकेडमिक समर्थक साथियो से माफी चाहता हूँ
कि वकील को पुरी फीस ना
देने के कारण ८अगस्त को गर्वेश काबरा के अतिरिक्त कोर्ट
में हमारा कोई वकील
नही रहेगा । इतनी मुश्किल से डेट लगा था और बडे दुख
की बात है कि हम लोग
कोई सीनियर वकिल नही खडा कर पाये ।क्योकि एकेडमिक
टीम को लोगो ने सहयोग नही
किया केवल फेसबुक पर पोस्ट ही डालते रहे ।आज शाम
४बजे तक का वक्त है एकेडमिक समर्थक लोग आज सहयोग
करे अगर हम लोगो के पास १लाख रूपये तक
हो गया तो हम कोई वकील खडा कर सकते है ।
अन्यथा ८को कुछ नही होगा बाकि आप लोग खुद
समझदार है ।
नंगे पाव चलते इन्सान को लगता हैकि "चप्पल होती तो कितना अच्छा होता" !
ReplyDeleteबाद में,"साइकिल होती तो कितना अच्छा होता"!
उसके बाद,"मोपेड होता तो थकान नही लगती" !बद मेँ सोचता है:"मोटर साइकिल होती तो बातो-बातो मेँरास्ता कट जाता" !फिर ऐसा लगता है,"कार होती तो धूप नही लगती" !फिर लगता है कि,"हवाई जहाज होता तो इस ट्रैफिक का झंझटनही होता" !जब हवाई जहाज मेँ बैठकर नीचे हरे-भरे घास के मैदानदेखता है तो सोचता है कि "नंगे पांव घास मेंचलता तो दिल को कितनी तसल्ली मिलती" !..
""जरुरत के मुताबिक जिंदगी जीओ - ख्वाहिशों केमुताबिक नहीं !...
क्योंकि जरुरततो फकीरों की भी पूरी हो जाती है; परख्वाहिशें बादशाहों की भी अधूरी रह जाती हैं
इतिहास गवाह है स्टे कभी 6 से 7 महीना से पहले नही हटा है
ReplyDeleteजब तक सरकार यूपी के समस्त जिलों की प्रमोशन लिस्ट नही जारी करेगी तब तक स्टे बरकरार रहेगा
सरकार ने नहीं दाखिल किया जबाव
ReplyDeleteजूनियर मे अगली डेट लग चुकी है
नियुक्ति पत्र पर स्टे बरकरार
क्या बीत रही होगी उस भाई पर जिसकी प्यारी बहन राखी जैसे पर्व के पहले नौकरी न मिलने की निराशा में आत्महत्या करने पर मजबूर हो गयी...
ReplyDeleteहम सभी भाई उस बहन की पवित्र आत्मा की शान्ति के लिये ईश्वर से प्रार्थना करें .
ईश्वर परिवार के सभी सदस्यों को इस अपार दुःख को सहने की क्षमता प्रदान करें...
इस दुनिया में जीत और हार हर जगह चाहे कोर्ट हो या गेम या कुछ और हर जगह होती है २०११ में आवेदन करने वाली मृतका संध्या भी सपा सरकार से पीड़ित और इनकी गलतियों का खामयाजा भोगने को मज़बूर थी जिन्होंने चलती प्रक्रिया को बीच में बदलने की कोशिश कर युवती और अन्य लोगो को नौकरी के झूठे सपने दिखाए भगवान उसकी आत्मा को शान्ति दे और अग्रिम शान्ति की दुआए कपिल के लिए भी मांग लीजिये क्यों की कल के बाद ये भी सुसाइड करने वाला है क्यों की ये साला न जाने कितनी मौतों का जिम्मेदार है साले कमीने को नर्क में भी जगह न मिले
ReplyDeleteआप नहीं समझोगे भाई। ये सरकारी मानसिक पीड़ा जो हम झेल रहे हैं वो आत्महत्या तो क्या कुछ भी करवा सकता है।
ReplyDeleteजिस तरह आज उन्नाव के शुक्लागंज की
ReplyDeleteबीएड टी ई टी पास मरहूम लडकी का पिता ये सोच रहा होगा कि काश अपनी लाडली को बीएड टेट न करवाया होता तो शायद आज वो जिन्दा होती
उसी तरह एक दिन अखिलेश भी
सोचेगा कि काश 72825 भर्ती इतनी लेटलतीफी न कि होती ।
उसे अखिलेश के उपर मुकदमा ठोकना चाहिए
ReplyDeleteआज एक बात बिल्कुल साफ है गयी है कि
ReplyDeleteजूनियर भर्ती पर सरकार की मंशा संन्देह
पूर्ण है ।
अभी तक प्रफेशनल ,2011 और 2012 मामले पर
सरकार का ढुलमुल रवैया मन मे ये
आशा जगाता था
कि शायद सरकार किसी व्यवधान और
विवाद
से बचने के लिए चुप है । पर आज प्रमोशन वाले
मैटर पर
जबाब न लगाकर सपा ने एक बात स्पस्ट कर
दी है कि
1rt and 2nd काउसिंलिंग केवल बीएड
वालो भरमाने के लिए
की गयी थी ताकि शिक्षा मित्रो का समायोजन
बाधा
रहित हो जाये । और इस मामले मे सरकार
सफल भी रही हैं ।
दर्असल जूनियर ये वो आवेदक जिनका गुणाक
68 से अधिक है वो अपनी जाँब
पक्की मानकर घरो मे आराम फरमा रहे है ।
वर्ना अगर जूनियर के आवेदक जागरूक होते तै
सरकार कब को जबाव लगाने को बाध्य है
जाती । पर यहाँ तो अन्दर - बाहर
का धन्धा जोरो पर
चल रहा है
जय JRT ...................गयी JRT
आज विद्यालय में बहुत चहल पहल है ।
ReplyDelete.
सब कुछ साफ - सुथरा , एक दम सलीके से ।
.
सुना है निरीक्षण को कोई साहब आने वाले हैं ।
.
पूरा विद्यालय चकाचक ।
.
नियत समय पर साहब विद्यालय पहुंचे ।
.
ठिगना कद , रौबदार चेहरा , और आँखें तो जैसे जीते
जी पोस्टमार्टम कर दें ।
.
पूरे परिसर के निरीक्षण के बाद उनहोंने कक्षाओं का रुख
किया ।
.
कक्षा पांच के एक विद्यार्थी को उठा कर पूछा , बताओ देश
का प्रधान मंत्री कौन है ?
.
बच्चा बोला -जी राम लाल ।
.
साहब बोले -बेटा प्रधान मंत्री ?
.
बच्चा - रामलाल ।
.
अब साहब गुस्साए - अबे तुझे पांच में किसने पहुंचाया ?
पता है मैं तेरा नाम काट सकता हूँ ।
.
बच्चा -
कैसे काटोगे ?
मेरा तो नाम ही नहीं लिखा है ।
मैं तो बाहर बकरी चरा रहा था ।
इस मास्टर ने कहा कक्षा में बैठ जा दस रूपये मिलेंगे ।
.
तू तो ये बता रूपये तू देगा या मास्टर ?
.
.
साहब भुनभुनाते हुवे मास्टर जी के पास गए ,
कडक आवाज में पूछा -
क्या मजाक बना रखा है ।
फर्जी बच्चे बैठा रखे हैं ।
पता है मैं तुम्हे नौकरी से बर्खास्त कर सकता हूँ ।
.
.
गुरूजी -
कर दे भाई ।
मैं कौन सा यहाँ का मास्टर हूँ ।
मास्टर तो मेरा पड़ोसी दुकानदार है ।
वो दुकान का सामान लेने शहर गया है।
कह रहा था एक खूसट साहब आएगा , झेल लेना ।
.
अब तो साहब का गुस्सा सातवें आसमान पर ।
पैर पटकते हुए प्रधानाध्यापक के सामने जा पहुंचे ।
चिल्लाकर बोले ,
" क्या अंधेरगर्दी है
, शरम नहीं आती ।
क्या इसी के लिए तुम्हारे स्कूल को सरकारी इमदाद
मिलती है ।
पता है ,मैं तुम्हारे स्कूल की मान्यता समाप्त कर सकता हूँ
जवाब दो प्रिंसिपल साहब ।
.
प्रिंसिपल ने दराज से एक सौ की गड्डी निकाल कर मेज पर
रखी और बोला -
मैं कौन सा प्रिंसिपल हूँ
प्रिंसिपल तो मेरे चाचा हैं ।
प्रॉपर्टी डीलिंग भी करते हैं
आज एक सौदे का बयाना लेने शहर गए हैं ।
कह रहे थे ,
एक कमबख्त निरीक्षण को आएगा , उसके मुंह पे ये
गड्डी मारना और दफा करना ।
.
.
.
.
.
.
.
.
.
साहब ने मुस्कराते हुए गड्डी जेब के हवाले की और बोले -
आज बच गये तुम सब । अगर आज मामाजी को सड़क के ठेके
के चक्कर में शहर ना जाना होता , और अपनी जगह वो मुझे
ना भेजते तो तुम में से एक की भी नौकरी ना बचती ।
08/08/2014 को मा. सुप्रीमकोर्ट में कपिलदेव यादव की याचिका को लेकर हमारे टेट मेरिट सपोर्टर साथी असुरक्षा एवं चिंता व्यक्त कर रहे हैं, जो 2.5 वर्ष के लम्बे संघर्ष को देखते हुए उचित ही है उपरोक्त सुनबाई के बारे में गहनता से विचार करनेपर प्रतीत होता है कि ऊ०प्र० सरकार एवं कपिलदेव यादव दोनों मिलकर बहुत ही तालमेल से कार्य कर रहे हैं. एक तरफ उ०प्र० सरकार तय समय सीमा 31/08/2014 में 72825 प्रा०शि० की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण नहीं कर पा रही है जिससे अबमानना का खतरा उत्पन्न हो गया है वहीँ दूसरी तरफ शैक्षिक मेरिट सपोर्टर कपिलदेव यादव एवं अन्य को आगे कर मा. सुप्रीमकोर्ट से और समय लेते हुए दिखायी दे रही है, हमे सजगता दिखाते हुए दोनों विरोधियों की सारी कुटिल चालों पर विजय पाने के लिए प्रयास करते हुए 08/08/2014 की तारीख पर अपने एडवोकेट्स की उपस्थिति सुनश्चित कर भर्ती प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा का विरोध करना है जिससे उपरोक्त अप्लिकेसन को मा. न्यायमूर्ति महोदय या तो इसी दिन खारिज कर दे या टैग करते हुए फाइनल ऑर्डर के लिए पूर्व की SLP के साथ लगा दें. टेट मोर्चा की इलाहाबाद टीम सारी परिस्थिति पर नज़र रखे हुए है. उक्त अप्लिकेसन में जावेद उस्मानी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर टेट-2011 की धांधली को प्रमुखता से उठाते हुए भर्ती प्रक्रिया पर रोक की माँग की गयी है, प्रमुख प्रेयर एवं पेपर इस प्रकार हैं....
ReplyDeleteजावेद उस्मानी कमेटी की रिपोर्ट एवं मा. हाईकोर्ट के ऑर्डर के आधार पर टेट-2011 के BAD PART को पहले अलग किया जाये, फिर भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण किया जाये.
उक्त अप्लिकेसन में पेपर सपोर्ट के रूप में जावेद उस्मानी कमेटी की रिपोर्ट, मा. हाईकोर्ट इलाहाबाद की खंडपीठ के 20/11/2013 का आर्डर एवं 25/03/2014 का मा. सुप्रीमकोर्ट का आर्डर लगाया गया है.
धन्यवाद,
टी.ई.टी २०११ की कहानी मेरी जबानी- दो वक्त हाड़ तोड़ मेहनत करने वाले किसान के पुत्र धर्मेन्द्र की गाँव में केवल ४ एकड़ ज़मीन थी और बी एड से मास्टरी की उम्मीद लगाये अनपढ़ बाप ने वो भी गिरवी रखकर उसको पढ़ाया इसके बाद लड़के ने अपनी जिन्दी का सबसे डरावना सच टी ई टी २०११ दे डाला पास हुआ १२७ नम्बरो के साथ लेकिन उसको क्या पता था जब तक ये नौकरी क्लियर होगी तब तक उसके बाप की ज़मीन भी जा चुकी होगी और नौकरी भी नहीं मिलेगी ऐसे ही मेरे एक और मित्र अमित जी है जिनके पिता जी पानी की टिक्की घर पर बनाकर चंद रूपये इकठ्ठे किया करते थे वो तो आज भी अल्लाहाबाद में १२ वे स्थान पर है १३७ अंक पाकर लेकिन उनका हल भी कुछ हमारी तरह ही है न भूख लगती है न प्यास कुछ आतकवादी बनना चाहते है तो कुछ सुसाइड पर सुसाइड करके २० का अकड़ा पार कर चुके है ऐसी है ये आज की हकीकत- afsoos ...Dadrdnaak.......
ReplyDeleteगांधी, मत आना
ReplyDeleteअब देश में गांधी, मत आना मत आना, मत आना
सत्य, अहिंसा खोए अब तो खेल हुआ गुंडाना।
आज विदेशी कंपनियों का है भारत में ज़ोर
देशी चीज़ें अपनाने का करोगे कब तक शोर
गली-गली में मिल जाएँगे लुच्चे, गुंडे, चोर
थाने जाते-जाते बापू हो जाओगे बोर
भ्रष्टाचारी नेताओं को पड़ेगा पटियाना।
अब देश में गांधी, मत आना मत आना, मत आना।
डी.टी.सी. की बस में धक्का कब तक खाओगे
बिजली वालों से भी कैसे जान बजाओगे
अस्पताल में जाकर दवा कभी न पाओगे
लाठी लेकर चले तो 'टाडा' में फँस जाओगे
खुजली हो जाएगी जमुना जी में नहीं नहाना।
अब देश में गांधी, मत आना मत आना, मत आना।
स्विस बैंकों में खाता होना बहुत ज़रूरी है
गुंडों से भी नाता होना बहुत ज़रूरी है
घोटालों के बिना देश में मान न पाओगे
राष्ट्रपिता क्या, एम.एल.ए. भी ना बन पाओगे
'रघुपति राघव' छोड़ पड़ेगा 'ईलू ईलू' गाना
अब देश में गांधी, मत आना मत आना, मत आना।
खादी इतनी महँगी है तुम पहन न पाओगे
इतनी महंगाई में कैसे घर बनवाओगे
डिग्री चाहे जितनी हों पर काम न पाओगे
बेकारी से, लाचारी से तुम घबराओगे
भैंस के आगे पड़े तुम्हें भी शायद बीन बजाना।
अब देश में गांधी, मत आना मत आना, मत आना।
संसद में भी घुसना अब तो नहीं रहा आसान
लालकिले जाओगे तो हो जाएगा अपमान
ऊँची-ऊँची कुर्सी पर भी बैठे हैं बैईमान
नहीं रहा जैसा छोड़ा था तुमने हिंदुस्तान
राजघाट के माली भी मारेंगे तुमको ताना।
अब देश में गांधी, मत आना मत आना, मत आना।
होंठ पे सिगरेट, पेट में दारू हो तो आ जाओ
तन आवारा, मन बाज़ारू हो तो आ जाओ
आदर्शों को टाँग सको तो खूंटी पर टाँगो
लेकर हाथ कटोरा कर्जा गोरों से माँगो
टिकट अगर मिल जाए तो तुम भी चुनाव लड़ जाना।
अब देश में गांधी, मत आना मत आना, मत आना।
अगर दोस्ती करनी हो तो दाउद से करना
मंदिर- मस्जिद के झगड़े में कभी नहीं पड़ना
आरक्षण की, संरक्षण की नीति न अपनाना
चंदे के फंदे को अपने गले न लटकाना
कहीं माधुरी दीक्षित पर तुम भी न फ़िदा हो जाना।
अब देश में गांधी, मत आना, मत आना, मत आना।
Dil ko chu lene vali abhivyakti...
DeleteSach ko shabdo me pirona to koi apse seekhe
आज का अपडेट
ReplyDeleteJrT
next date
15/09/2014
जुनियर के लिये दुःखद हैँ
2- SM पर सुनवाई का उम्मिद बहुत कम कल ही बता दिया था
3- SC मेँ कल सुनवाई जिसके लिये मेँ खुद पैनी निगाह रखा हु
रात 11 बजेँ तक पुरी स्थति से अवगत करा दिया जायेगा
आज का दिन मंगलमय हो
Sandhya Bharti ke nivas par aj 4 tet sathi gaye the Ambrish Jaiswal Vinod Chaurasiya Subhash Chandra aur mai 72825 bharti govt dwara late kiye jane se Sandhya paresan rahati thi aur jab sm ka samayojan bina tet ke kar diya gaya to use laga ki ab tet aur bed se kuchh nahi hoga pichhale 4 dino se khana thik se nahi kha pa rahi thi Sandhya ke pita Gangasagar ji ne bataya ki family me kisi ko ye ahasas nahi tha ki vo suciede kar lagi dhikkar hai Akhilesh ko aur kitani jane loge
ReplyDeleteहमने तो कबका इसका बहिष्कार कर दिया है , पाप चरम पर है , जल्द ही घडा फूटने वाला है ।
ReplyDeleteटेट पास संध्या द्वारा की गयी आत्महत्या का दर्द मन में घर कर गया हैं| अफ़सोस होता हैं की जब सफलता की घडी इतनी नजदीक थी तो उस समय ये कमजोर क्यों पड़ गयी? जब हर घडी मर मर के ढाई साल काट लिए तो दो चार महीनो की ही तो और बात थी| क्या कारण था की उनके ऊपर कमजोरी हावी हो गयी|
ReplyDeleteसंध्या की मौत एक साधारण मौत या फिर जल्दबाजी में उठाया गया कदम नहीं हैं और न ही जीने की जिजीविषा समाप्त होना कारण हैं| अभी उम्र ही क्या थी उसकी? यह सरासर एक अलोकतांत्रिक सरकार की नाकामी का उदाहरण मात्र हैं| यु कहा जाये की सरकार ने उसे आत्महत्या करने को मजबूर किया हैं| उस जैसे कई लोग अपनी इहलीला समाप्त कर परलोक सिधार गए लेकिन फिर भी इस अंधी बहरी सरकार को कुछ समझ नहीं आ रहा हैं|
ReplyDeleteअंततः शिक्षामित् मामले की सुनवाई आज नही हो सकी । अगली डेट भी अभी तय नही । शाम तक मिल सकती है ।
ReplyDeleteदोस्तों सावधान सपा गोबरमेन्ट अपनी सबसे घिनौनी साजिश कर चुकी है.....
ReplyDeleteसुनियोजित साजिश....आपका डाटा गलत फीड किया.....फिर डाटा ऑनलाइन सही नहीं कराया......करीब 4 करोड़ के खर्चे से आपसे प्रत्यावेदन लिए....और अब डाटा फीडिंग में इसलिए देरी है कि येन केन प्रकारेण कोर्ट में भर्ती पहले 2012 वाले और अब कल कपिल को मोहरा बनाकर अटका दी जाए....संगठन के पुरोधा आपसे सहयोग न मिलने के कारण मजबूरन शिथिल पड़ते जा रहे हैं......जिसको सहयोग करना चाहिए उसे भी नहीं कर रहे.....पाठक जी ने अपने पोस्ट में अवनीश जी का खाता नंबर दिया है उनको सपोर्ट करिए.....अनिल कुंडू दिल्ली में कल के कपिल से मोर्चा लेने के लिए डेरा डाले हुए हैं......उनके सामने वकील की फीस की भारी दिक्कत है....उनको भी यथासंभव सहयोग करिए....दोस्तों कहीं ऐसा न हो कि मोर्चे के सामने योग्य और ईमानदार नेतृत्व का संकट खड़ा हो जाए....और सपा गोबरमेंट अपनी साजिश में कामयाब....जो अब तक होती दिख रही है....उसने साइंस में भी टेट अकेडमिक करने के लिए जूनियर भर्ती की है....? ....जूनियर और........भर्ती को ढाल बनाकर जहां टेट भर्ती की गर्दन पीछे से पकड़ने की तैयारी है....वहीं कल कपिल की याचिका के जरिए सामने से चुनौती देने की साजिश है.....कपिल वाली में वही विधवा विलाप है...रंडी रोना है (इस शब्द के लिए माफ करिेए) कि टेट परीक्षा में धांधली हुई.....वो भी उंगली (टेट में धांधली की झूंठी दलील) के जरिए गर्दन (टेट भरती) पकड़ना चाहता है...इसलिए सावधान हो जाईए.और 3 मार्च,25 मार्च वाले सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक प्रयास (वित्तीय और व्यक्तिगत,सामूहिक) कीजिए....देवियो और सज्जनो उसी तत्परता और भगीरथ प्रयास के साथ जो आपने प्रत्यावेदन देते वक्त दिखाया.......उसी श्रम ,उसी पुरुषार्थ,संसाधन की जरूरत है.....अगर आपने ये सब दिखाया तो सच मानिए आपकी भरती इसी महीने शुरू हो जाएगी....वरना घरों में बैठकर फेसबुक क्रांति के जरिेेए.....झूंठ मूंठ दावों के जरिेए कि वो हर गतिविधि पर पैनी नजर रखे हुए हैं.....अपने आपको गलतफहमी,भ्रम में बनाए रखिए.....मार्च से अगस्त आ चुका है.....अगर आंदोलन करना पड़े तो अब उसके लिए भी तैयार रहिए....सीसैट का ताजा मामला आपके समक्ष है....वो सड़कों पर उतरे तो केन्द्र भी समाधान को मजबूर हो गया.....चाहे सुप्रीम कोर्ट की कल की,आगे की सुनवाई हो या फिर डायट पर धरना प्रदर्शन ,या दिल्ली या दूसरी जगह हर जगह अपनी एकजुट और दमदार मौजूदगी सहयोग करिए....और फिर भी सपा गोबरमेंट न माने तो कंटेप्ट ऑफ कोर्ट के लिए भी तैयार रहिए.....यथासंभव सभी प्रकार से सहयोग करिेए.....भर्ती तभी संभव है....वरना बहुत कठिन है डगर भर्ती की?????
और आपको अग्रिम तौर पर ही रक्षाबंधन की दिली मुबारकबाद......कल की सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं.....टेटियंस का भविष्य उज्जवल हो
कॉलेज के ज़माने के दो रंगीन मिजाज दोस्त काफी दिनों बाद मिले !
ReplyDeleteपहला :- ओर सुना भाई , कैसी मौज मार रहा है ? और हाँ , वो तेरी गर्लफ्रेंड " प्यारी " ???
दूसरा ( दुखी होते हुए ) :- अब वो मेरी गर्लफ्रेंड नहीं है !...... क्या बताऊँ ....
पहला ( बात को काटते हुए ) :- सही किया भाई , वो पगली तेरे लायक कहीं से भी नहीं थी , पूरे कॉलेज की प्यारी थी , मैंने भी तुझे इसलिए नहीं बताया की तुझे दुःख लगेगा , मेरे ऊपर भी तो डोरे डाल रही थी !
दूसरा चिल्ला कर :- बेवक़ूफ़ , अब वो मेरी गर्लफ्रेंड नहीं , बीबी है !
मोरल :- खुद की कबर खोदने की जल्दी मत करो , पूरा सुनो तभी मुंह खोलो !
कॉलेज के ज़माने के दो रंगीन मिजाज दोस्त काफी दिनों बाद मिले ! पहला :- ओर सुना भाई , कैसी मौज मार रहा है ? और हाँ , वो तेरी गर्लफ्रेंड " प्यारी " ??? दूसरा ( दुखी होते हुए ) :- अब वो मेरी गर्लफ्रेंड नहीं है !...... क्या बताऊँ .... पहला ( बात को काटते हुए ) :- सही किया भाई , वो पगली तेरे लायक कहीं से भी नहीं थी , पूरे कॉलेज की प्यारी थी , मैंने भी तुझे इसलिए नहीं बताया की तुझे दुःख लगेगा , मेरे ऊपर भी तो डोरे डाल रही थी ! दूसरा चिल्ला कर :- बेवक़ूफ़ , अब वो मेरी गर्लफ्रेंड नहीं , बीबी है !
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मोरल :- खुद की कबर खोदने की जल्दी मत करो , पूरा सुनो तभी मुंह खोलो !
दादी माँ बनाती थी रोटी-------
ReplyDeleteपहली गाय की ,आखरी कुत्ते की....
हर सुबह सांड आ जाता था-----दरवाज़े
पर गुड़ की डली के लिए....
कबूतर का चुग्गा------किड
ियो(चीटियों) का आटा....
ग्यारस, अमावस,
पूर्णिमा का सीधा ---डकौत का तेल
काली कुतिया के ब्याने पर तेल गुड़
का सीरा........
सब कुछ निकल आता था उस घर से ,
जिसमें विलासिता के नाम पर एक टेबल
पंखा था........
आज सामान से भरे घर में --कुछ
भी नहीं निकलता
सिवाय लड़ने की कर्कश आवाजों के.......
मकान चाहे कच्चे थे-----लेकिन रिश्ते
सारे सच्चे थे...
चारपाई पर बैठते थे-----पास पास रहते
थे...
सोफे और डबल बेड आ गए----
दूरियां हमारी बढा गए....
छतों पर अब न सोते हैं-----बात बतंगड अब
न होते हैं.....
आंगन में वृक्ष थे----------सांझे सुख दुख
थे...
दरवाजा खुला रहता था----
राही भी आ बैठता था.......
कौवे भी कांवते थे------मेहमान आते जाते
थे.......
इक साइकिल ही पास था-----फिर
भी मेल जोल था.......
रिश्ते निभाते थे---------रूठते मनाते थे...
पैसा चाहे कम था------माथे पे ना गम
था...
मकान चाहे कच्चे थे------रिश्ते सारे
सच्चे थे...
अब शायद कुछ पा लिया है-------पर
लगता है कि बहुत कुछ गंवा दिया----
जब से शाजिया इल्मी के कांग्रेस ज्वाइन करने की खबर उडी हैं सरे बुजुर्ग कांग्रेसी बादाम और खजूर का सेवन बढ़ा दिए हैं और सुबह शाम जिम में जाकर पसीना भी बहा रहे हैं| कुछ तो मसाज पार्लर जाकर अपनी मसल्स भी ठोकवा कर मजबूत कर रहे हैं|
ReplyDelete
ReplyDeleteमेले में खोई गुजरिया
जिसे मिले मुझसे मिलाये ।
उसका मुखड़ा
चांद का टुकड़ा,
कोई नज़र न लगाये
जिसे मिले मुझसे मिलाये ।
मेले में खोई गुजरिया
जिसे मिले मुझसे मिलाये ।
खोये से नैना,
तोतरे बैना,
कोई न उसको चिढ़ाये
जिसे मिले मुझसे मिलाये ।
मेले में खोई गुजरिया
जिसे मिले मुझसे मिलाये ।
मटमैली सारी,
बिना किनारी,
कॊई न उसको लजाये
जिसे मिले मुझसे मिलाये ।
मेले में खोई गुजरिया
जिसे मिले मुझसे मिलाये ।
तन की गोरी,
मन की भोली,
कोई न उसे बहकाये
जिसे मिले मुझसे मिलाये
मेले में खोई गुजरिया
जिसे मिले मुझसे मिलाये ।
दूंगी चवन्नी
जो मेरी मुन्नी
को लाये कनिया उठाये
जिसे मिले मुझसे मिलाये
मेले में खोई गुजरिया
जिसे मिले मुझसे मिलाये ।
Dr. Harivansh Rai Bachchan
Ø जम्मू से श्रीनगर का मार्ग किस
ReplyDeleteदर्रे से होकर गुजरता है→बनिहाल
Ø पृथ्वी के केन्द्र में पाया जाने
वाला चुम्बकीय पदार्थ है→निकल
Ø किस पर्वतीय दर्रे से होकर
भारतीय तीर्थयात्री मानसरोवर
झील तथा कैलाश पर्वतीय घाटी के
दर्शन हेतु जाते हैं→माना दर्रा
Ø तिब्बत में मानसरोवर झील के पास
किस नदी का उद्गम स्रोत स्थित
है→सिन्धु, सतलुज, ब्रह्मपुत्र.
Ø कुल
अक्षांशों की संख्या कितनी है→180
Ø विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप
'माजुली' का निर्माण करने
वाली नदी हैं→ब्रह्मपुत्र
Ø पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव एवं
दक्षिणी ध्रुव को मिलाने
वाली रेखा क्या कहलाती है→देशांतर
रेखा
Ø स्थल मण्डल का तात्पर्य
है→पृथ्वी की बाह्य पपड़ी
Ø ख़ैबर दर्रे से कौन से दो देश जुड़े
हैं→अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान
Ø निम्न में से किस
नदी को 'बिहार का शोक'
कहा जाता है→कोसी
"आजादी के दीवाने भगत सिंह जी".. की फोटो को #नरेन्द्र मोदी की सरकार ने 5 और 10 रुपये के सिक्के पर ढालने का आदेश दिया है ।
ReplyDeleteरिजर्व बैंक अगस्त के अंतिम सप्ताह तक ये सिक्के देशवासियों के सामने प्रस्तुत करेगा..
आखिर जिस वीर सपूत को महानीच #कांग्रेस ने साठ सालों से आंतकियों की सुची में डाला हुआ था आखिर अब उस वीर की पुण्य आत्मा को शायद अब थोड़ी सी शांति मिले।
मोदी जी को बहुत- बहुत धन्यवाद और सभी राष्ट्रवादियों मित्रों को भी बधाई..
"आजादी के दीवाने भगत सिंह जी".. की फोटो को #नरेन्द्र मोदी की सरकार ने 5 और 10 रुपये के सिक्के पर ढालने का आदेश दिया है । रिजर्व बैंक अगस्त के अंतिम सप्ताह तक ये सिक्के देशवासियों के सामने प्रस्तुत करेगा.. आखिर जिस वीर सपूत को महानीच कांग्रेस ने साठ सालों से आंतकियों की सुची में डाला हुआ था आखिर अब उस वीर की पुण्य आत्मा को शायद अब थोड़ी सी शांति मिले। मोदी जी को बहुत- बहुत धन्यवाद और सभी राष्ट्रवादियों मित्रों को भी बधाई..
दुनिया का सबसे स्वार्थी समाज मानव समाज ही है ...
ReplyDeleteमेरी बात , मेरे विचार पर यकीन न हो अगर तो असभ्य क़बीले से शुरू हुए मानव समाज का इतिहास उठाकर देख लिया जाए, और देख लिया जाए वर्तमान के आईने में बहुमंजिली इमारतों में रह रहे सभ्य मानव समाज को भी !
= एक अपने सुरुआती दौर में इतना असभ्य इतना स्वार्थी रहा की क़बीले से निकलकर पूरी दुनिया को अपने कब्जे में ले लेना चाहता था तीर,भाला,बरछी और पत्थरों के हथियार के बल पर !
तो -
= दूसरा वर्तमान में इतना सभ्य इतना स्वार्थी हो गया है की बहुमंजिली इमारत के बीचोबीच अपने एक छोटे से फ्लैट में पूरी दुनिया को कैद कर लेना चाहता है कीबोर्ड , रिमोट, गन और अपने बड़बोलेपन की बदौलत !!
वाह रे मानव समाज तू क़बीले से बहुमंजिली इमारत तक सिर्फ स्वार्थी ही स्वार्थी रहा,सिर्फ सोषक ही सोषक रहा, सिर्फ अपने तक सिमटा,सिकुड़ा स्वार्थी !!
अफसोश क़बीले से बहुमंजिली इमारत तक का ये सभ्य - असभ्य सफर अबतक तूने सिर्फ अपने छुद्र स्वार्थ के लिए तय किया !!
जिन्दगी क्या है?
ReplyDeleteख़ुशी के दो -चार पल.
ख़ुशी क्या है?
हृदय में उठती तरंगों की हलचल.
हृदय क्या है?
भावनाओं का उद्गम-स्थल.
भावना क्या है?
एक अति सुन्दर वृति.
सुन्दर क्या है?
जो नयनों को भाए.
नयन क्या है?
जो वास्तविकता दिखलाए.
वास्तविकता क्या है?
ये सारा संसार.
संसार क्या है?
दुखों का भंडार.
दुःख क्या है?
सुख की अनुपस्थिति..
सुख क्या है?
मनचाहे की उपस्थिति.
मनचाहा क्या है?
खुशहाल जिन्दगी.
जिन्दगी क्या है?
ख़ुशी के दो-चार पल........
बस मुहोब्बत होनी थी
ReplyDeleteसो हो गयी, साहब !!
अब नसीहत छोडिये..
बस साथ दीजिए
और दुआ कीजिय!!!
मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए....
ReplyDelete......अभिमान मर जाएगा
====================
आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए.....
.... पत्थर दिल पिघल जाएगा
====================
दांतों को आराम देकर देखिए.........
...स्वास्थ्य सुधर जाएगा
====================
हाथों को कुछ काम देकर देखिए......
...चहुं ओर उजियारा पसर जाएगा
====================
जिव्हा पर विराम लगा कर देखिए...
.....क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा
=================
इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए..
....... खुशियों का संसार नज़र आएगा
न जाने कौन सा हादसा
ReplyDeleteअखबार में आ जायेँ
न जाने कौन सा सिक्का
बाजार मे आ जायेँ
अरे चोर उचक्को से भी दोस्ती कर
लो यारो
जाने कौन कल सरकार मे आ जाय
I ReAlizEd A vErY gOoD tHiNg aFteR a veRy bAd eXpeRieNce..
ReplyDeleteExtRa RdinAry cAre tO aNyoNe will giVe yOu alwAyS A blAmE, nOt pRaiSe !
65 साल से "आंतकवादी और दहशतगर्द" कहे जाने वाले..
ReplyDelete"आजादी के दीवाने भगत सिंह जी"..
की फोटो को नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने 5 और 10 रुपये के सिक्के पर ढालने का आदेश दिया है ।
रिजर्व बैंक अगस्त के अंतिम सप्ताह तक ये सिक्के देशवासियों के सामने प्रस्तुत करेगा..
मोदी जी को बहुत बहुत धन्यवाद..
और राष्ट्रवादियों को बधाई..
ये जानना बहुत जरुरी है ...
ReplyDeleteहम पानी क्यों ना पीये खाना खाने के बाद।
क्या कारण है |
हमने दाल खाई,
हमने सब्जी खाई,
हमने रोटी खाई,
हमने दही खाया
लस्सी पी ,
दूध,दही छाझ लस्सी फल आदि|,
ये सब कुछ भोजन के रूप मे हमने ग्रहण किया
ये सब कुछ हमको उर्जा देता है
और पेट उस उर्जा को आगे ट्रांसफर करता है |
पेट मे एक छोटा सा स्थान होता है जिसको हम हिंदी मे कहते है "अमाशय"
उसी स्थान का संस्कृत नाम है "जठर"|
उसी स्थान को अंग्रेजी मे कहते है
" epigastrium "|
ये एक थेली की तरह होता है
और यह जठर हमारे शरीर मे सबसे
महत्वपूर्ण है
क्योंकि सारा खाना सबसे पहले इसी मे आता है।
ये बहुत छोटा सा स्थान हैं
इसमें अधिक से अधिक 350GMS खाना आ सकता है |
हम कुछ भी खाते सब ये अमाशय मे आ जाता है|
आमाशय मे अग्नि प्रदीप्त होती है उसी को कहते हे"जठराग्न"।
|ये जठराग्नि है वो अमाशय मे प्रदीप्त होने वाली आग है ।
ऐसे ही पेट मे होता है जेसे ही आपने खाना खाया की जठराग्नि प्रदीप्त हो गयी |
यह ऑटोमेटिक है,जेसे ही अपने रोटी का पहला टुकड़ा मुँह मे डाला की इधर जठराग्नि प्रदीप्त हो गई|
ये अग्नि तब तक जलती हे जब तक खाना पचता है |
अब अपने खाते ही गटागट पानी पी लिया और खूब ठंडा पानी पी लिया|
और कई लोग तो बोतल पे बोतल पी जाते है |
अब जो आग (जठराग्नि) जल रही थी वो बुझ गयी|
आग अगर बुझ गयी तो खाने की पचने की जो क्रिया है वो रुक गयी|
अब हमेशा याद रखें खाना जाने पर हमारे पेट में दो ही क्रिया होती है,
एक क्रिया है जिसको हम कहते हे "Digestion" और दूसरी है "fermentation"
फर्मेंटेशन का मतलब है सडना
और डायजेशन का मतलब हे पचना|
आयुर्वेद के हिसाब से आग जलेगी तो खाना पचेगा,खाना पचेगा तो उससे रस बनेगा|
जो रस बनेगा तो उसी रस से मांस,मज्जा,रक्त,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र और अस्थि बनेगा और सबसे अंत मे मेद बनेगा|
ये तभी होगा जब खाना पचेगा|
यह सब हमें चाहिए|
ये तो हुई खाना पचने की बात
अब जब खाना सड़ेगा तब क्या होगा..?
खाने के सड़ने पर सबसे पहला जहर जो बनता है वो हे यूरिक एसिड (uric acid )
|कई बार आप डॉक्टर के पास जाकर कहते है की मुझे घुटने मे दर्द हो रहा है,
मुझे कंधे-कमर मे दर्द हो रहा है
तो डॉक्टर कहेगा आपका यूरिक एसिड बढ़ रहा है आप ये दवा खाओ, वो दवा खाओ
यूरिक एसिड कम करो|
और एक दूसरा उदाहरण खाना
जब खाना सड़ता है, तो यूरिक एसिड जेसा ही एक दूसरा विष बनता है जिसको हम कहते हे
LDL (Low Density lipoprotive)
माने खराब कोलेस्ट्रोल (cholesterol )|
जब आप ब्लड प्रेशर(BP) चेक कराने डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो आपको कहता है (HIGH BP )
हाई-बीपी है आप पूछोगे कारण बताओ?
तो वो कहेगा कोलेस्ट्रोल बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है |
आप ज्यादा पूछोगे की कोलेस्ट्रोल कौनसा बहुत है ?
तो वो आपको कहेगा LDL बहुत है |
इससे भी ज्यादा खतरनाक एक विष हे
वो है VLDL
(Very Low Density lipoprotive)|
ये भी कोलेस्ट्रॉल जेसा ही विष है।
ReplyDeleteअगर VLDL बहुत बढ़ गया तो आपको भगवान भी नहीं बचा सकता|
खाना सड़ने पर और जो जहर बनते है उसमे एक ओर विष है जिसको अंग्रेजी मे हम कहते है triglycerides|
जब भी डॉक्टर आपको कहे की आपका "triglycerides" बढ़ा हुआ हे तो समज लीजिए की आपके शरीर मे विष निर्माण हो रहा है |
तो कोई यूरिक एसिड के नाम से कहे,कोई कोलेस्ट्रोल के नाम से कहे, कोई LDL -VLDL के नाम से कहे समझ लीजिए की ये
विष हे और ऐसे विष 103 है |
ये सभी विष तब बनते है जब खाना सड़ता है |
मतलब समझ लीजिए किसी का कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे ध्यान आना चाहिए की खाना पच नहीं रहा है ,
कोई कहता हे मेरा triglycerides बहुत बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे डायग्नोसिस कर लीजिए आप ! की आपका खाना पच नहीं रहा है |
कोई कहता है मेरा यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट लगना चाहिए समझने मे की खाना पच नहीं रहा है |
क्योंकि खाना पचने पर इनमे से कोई भी जहर नहीं बनता|
खाना पचने पर जो बनता है वो है मांस,मज्जा,रक्त ,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र,अस्थि
और
खाना नहीं पचने पर बनता है यूरिक एसिड, कोलेस्ट्रोल
,LDL-VLDL|
और यही आपके शरीर को रोगों का घर बनाते है !
पेट मे बनने वाला यही जहर जब
ज्यादा बढ़कर खून मे आते है ! तो खून दिल की नाड़ियो मे से निकल नहीं पाता और रोज थोड़ा थोड़ा कचरा जो खून मे आया है इकट्ठा होता रहता है और एक दिन नाड़ी को ब्लॉक कर देता है
*जिसे आप heart attack कहते हैं !
तो हमें जिंदगी मे ध्यान इस बात पर देना है
की जो हम खा रहे हे वो शरीर मे ठीक से पचना चाहिए
और खाना ठीक से पचना चाहिए इसके लिए पेट मे ठीक से आग (जठराग्नि) प्रदीप्त होनी ही चाहिए|
क्योंकि बिना आग के खाना पचता नहीं हे और खाना पकता भी नहीं है
* महत्व की बात खाने को खाना नहीं खाने को पचाना है |
आपने क्या खाया कितना खाया वो महत्व नहीं हे।
खाना अच्छे से पचे इसके लिए वाग्भट्ट जी ने सूत्र दिया !!
"भोजनान्ते विषं वारी"
---------------
(मतलब खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर
है )
* इसलिए खाने के तुरंत बाद पानी कभी मत पिये!*
अब आपके मन मे सवाल आएगा कितनी देर तक नहीं पीना ???
तो 1 घंटे 48 मिनट तक नहीं पीना !
अब आप कहेंगे इसका क्या calculation हैं ??
बात ऐसी है !
जब हम खाना खाते हैं तो जठराग्नि द्वारा सब एक दूसरे मे मिक्स होता है और फिर खाना पेस्ट मे बदलता हैं है !
पेस्ट मे बदलने की क्रिया होने तक 1 घंटा 48 मिनट
का समय लगता है !
उसके बाद जठराग्नि कम हो जाती है !
(बुझती तो नहीं लेकिन बहुत
धीमी हो जाती है )
पेस्ट बनने के बाद शरीर मे रस बनने की परिक्रिया शुरू होती है !
तब हमारे शरीर को पानी की जरूरत होती हैं ।
तब आप जितना इच्छा हो उतना पानी पिये !!
जो बहुत मेहनती लोग है (खेत मे हल चलाने वाले ,रिक्शा खीचने वाले पत्थर तोड़ने वाले)
उनको 1 घंटे के बाद ही रस बनने
लगता है उनको घंटे बाद
पानी पीना चाहिए !
अब आप कहेंगे खाना खाने के पहले कितने मिनट तक पानी पी सकते हैं ???
तो खाना खाने के 45 मिनट पहले तक आप पानी पी सकते हैं !
अब आप पूछेंगे ये मिनट का calculation ????
बात ऐसी ही जब हम पानी पीते हैं
तो वो शरीर के प्रत्येक अंग तक जाता है !
और अगर बच जाये तो 45 मिनट बाद मूत्र पिंड तक पहुंचता है !
तो पानी - पीने से मूत्र पिंड तक आने का समय 45 मिनट का है !
तो आप खाना खाने से 45 मिनट पहले ही पाने पिये !
इसका जरूर पालण करे !
दोस्तों की दोस्ती भी क्या चीज है
ReplyDeleteखट्टी-मीठी ये यारी बड़ी लजीज़ है
दोस्तों बिन दुनिया सूनी है यारो
हर दोस्त को ये दोस्ती बड़ी अजीज़ है।
वो बारिश की मस्ती में बरसता जो शोर
वो काग़ज की नावें बहाने की होड़
वो हाथ बदलती पतंगों की डोर
वो बिजली के जाने पर हो-हो का शोर
हर दिल के ये यादें बड़ी करीब है
दोस्तों की दोस्ती भी क्या चीज है।
वो क्लासेस की बंकिंग कर कैंटीन में जाना
वो चाय की चुस्की और गप्पे लड़ना
वो असाईनमेंट की याद लास्ट डेट को आना
और जैसे भी तैसे भी जुगाड़ बिठाना
कुछ पाने और खोने की ये रीत है
दोस्तों की दोस्ती भी क्या चीज है।
हंसाती-रुलाती है दोस्ती
सताती-मनाती है दोस्ती
मुस्कुराती-खिलखिलाती है दोस्ती
गुदगुदाती-गुनगुनाती है दोस्ती
हर दिल में समाया बस यही गीत है
दोस्तों की दोस्ती भी क्या चीज है.....
आज एक बार फिर टी ई टी मोर्चा रामपुर( मैं सै. दानिश मियाँ, अंकित राठौर महेन्द्र पाल मौर्य और जगमोहन आदि ) डायट पहुंचा। लगभग आधे(76000 मे से 40000) प्रत्यावेदनो की रजिस्टर मे एन्ट्री। शायद ही बारह तक डाक की एन्ट्री हो पाये। फीडिंग कब होगी कुछ पता नहीं न ही कोई आदेश आया है।
ReplyDeleteज्यादा बहस करने पर बताया गया कि हमे टी ई टी रोल नं. फीड करने को कहा गया था वह हम पहले ही कर चुके थे।
कुल मिलाकर कहा जाये तो ढाक के वही तीन पात।
कुछ करो यारो ।
####स्पष्ट एवं खरी बात####
ReplyDelete(१)आप सभी १२-०८-१४को ही अंतिम लक्ष्य मानकर न चलें।
मेरिट आनलाईन करने हेतु सम्पूर्ण कार्य २०-८-१४ तक समाप्त होगा
(२)-आपके जिले में प्रत्यावेदन से फीडिंग नहीं हो रही है ,इससे परेशान न हों,क्यों कि प्रत्यावेदन से फीडिंग मात्र कुछ ही डायट पर होगी लेकिन १२ के बाद।
(३)अभी सिर्फ आपका कम्प्यूटर आई डी व टी इ टी रोल न० ही साफ्टवेयर में सबमिट किया जा रहा है वह भी आनलाईन किए डाटा &आपके मूल फार्मों की स्केन कापी से ।
(४)१२ के बाद आपके टी इ टी रोल न० को यूनिक आई डी मान कर डाटा मर्ज किया जायेगा (NIC द्वारा अपने मास्टर साफ्टवेयर पर) जिससे आपकी सभी जिलों की कम्प्यूटर आई डी एक जगह आ जायेगी।
(५) - इसके बाद NIC किन्हीं दो या तीन डायटों को मुख्य मानकर आपके प्रत्यावेदन से शुद्धिकरण करवायेगा। इससे आपके सभी जनपदों के फार्म शुद्ध हो जायेंगे।
(६)तत्पश्चात TET RESULT CD से डाटा पुनः मर्ज होगा ,जिससे सभी के tet अंक ,नाम ,जन्मतिथि वास्तविक हो जायेंगे ।चाहे आपने प्रत्यावेदन किया हो या नहीं। यह सब कार्य २० तक पूर्ण होगा।
(७)आपकी जिलेवार मेरिट २२,२३,२४ तथा काउंसिलिंग २६,२७,२८,२९ &फिर कोर्ट में सरकार का रोना धोना और १५ दिन का समय !
परन्तु मोर्चा हर हाल में २५-२६ में अवमानना वाद दायर कर देगा ।
सबसे पहला हवाई जहाज भारत मे बनाया गया था !
ReplyDelete________________________________________
अगर आज किसी को पूछा जाये के सबसे पहला हवाई जाहाज किसने बनाया?
तो ले देके हम सब एक नाम लेते है Write Brothers ने बनाया और उनके नाम से दर्ज है यह अविष्कार| हम बचपन से यह पढ़ते आये है के 17 दिसंबरसन 1903 को अमेरिका के कैरोलिना के समुद्र तट पर Write Brothers ने पहला हवाई जाहाज बना कर उड़ाया जो 120 फिट उड़ा और गिर गया| और उसके बाद फिर आगे हवाई जाहाज की कहानी शुरू होती है|
लेकिन पर अभी दस्तावेज़ मिले है और वो यह बताते है के 1903 से कई साल पहले सन 1895 मे हमारे देश के एक बहुत बड़े विमान वैज्ञानिक ने हवाई जाहाज बनाया और मुंबई के चौपाटी के समुद्रतट पर उड़ाया और वो 1500 फिट ऊपर उड़ा और उसके बाद नीचे आया !
जिस भारतीय वैज्ञानिक ने यह करामात की उनका नाम था “शिवकर बापूजी तलपडे” वे मराठी व्यक्ति थे| मुंबई मे एक छोटा सा इलाका है जिसको चिर बाज़ार कहते है, वहाँ उनका जन्म हुआ और पढ़ाई लिखाई की ! एक गुरु के सान्निध्य मे रहके संस्कृत साहित्य का अध्यन किया| अध्यन करते समय उनकी विमान शास्त्र मे रूचि पैदा हो गयी| आपको जानकर हैरानी होगी की भारत मे तो विमान बनाने पर पूरा एक शस्त्र लिखा गया है उसका नाम है विमानशास्त्र ! और हमारे देश मे विमान शास्त्र के जो सबसे बड़े वैज्ञानिक माने जाते है वो है “महर्षि भरद्वाज” | महर्षि भरद्वाज ने विमान शास्त्र की सबसे पहली पुस्तक लिखी, उस पुस्तक के आधार पर फिर सेकड़ो पुस्तकें लिखी गयी| भारत मे जो पुस्तक उपलब्ध है उसमे सबसे पुरानी पुस्तक 1500 साल पुरानी है और महर्षि भरद्वाज तो उसके भी बहुत साल पहले हुए|
शिवकर बापूजी तलपडे जी के हाथ मे महर्षि भरद्वाज के विमान शास्त्र की पुस्तक लग गयी और इस पुस्तक को आद्योपांत उन्होंने पड़ा| इस पुस्तक के बारे मे तलपडे जी ने कुछ रोचक बातें कहीं है जैसे –
> “इस पुस्तक के आठ अध्याय मे विमान बनाने की तकनिकी का ही वर्णन है”
> “आठ अध्याय मे 100 खंड है जिसमे विमान बनाने की टेक्नोलॉजी का वर्णन है”
> “महर्षि भरद्वाज ने अपनी पूरी पुस्तक मे विमान बनाने के 500 सिद्धांत लिखे है”
एक सिद्धांत (Principle) होता है जिसमे एक इंजन बन जाता है और पूरा विमान बन जाता है, और ऐसे 500 सिद्धांत लिखे है महर्षि भरद्वाज ने !! अर्थात मने 500 तरह के विमान बनाये जा सकते है हर एक सिद्धांत पर|
इस पुस्तक के बारे मे तलपडे जी और लिखते है के –
> “इन 500 सिद्धांतो के 3000 श्लोक है विमान शास्त्र मे”
यह तो (Technology) तकनिकी होती है इसका एक (Process) प्रक्रिया होती है, और हर एक तकनिकी के एक विशेष प्रक्रिया होती है तो महर्षि भरद्वाज ने 32 प्रक्रियाओं का वर्णन किया है| माने 32 तरह से 500 किसम के विमान बनाए जा सकते है मतलब 32 तरीके है 500 तरह के विमान बनाने के; मने एक विमान बनाने के 32 तरीके, 2 विमान बनाने के 32 तरीके; 500 विमान बनाने के 32 तरीके उस पुस्तक ‘विमान शास्त्र’ मे है| 3000 श्लोक है 100 खंड है और 8 अध्याय है| आप सोचिये यह किनता बड़ा ग्रन्थ है!
इस ग्रन्थ को शिवकर बापूजी तलपडे जी ने पड़ा अपनी विद्यार्थी जीवन से पढ़ा , और पढ़ पढ़ कर परिक्षण किये, और परिक्षण करते करते 1895 मे वो सफल हो गए और उन्होंने पहला विमान बना लिया और उसको उड़ा कर भी दिखाया| इस परिक्षण को देखने के लिए भारत के बड़े बड़े लोग गए| हमारे देश के उस समय के एक बड़े व्यक्ति हुआ करते थे ‘महादेव गोविन्द रानाडे’ जो अंग्रेजी न्याय व्यवस्था मे जज की हैसियत से काम किया करते थे मुम्बई हाई कोर्ट मे,! तो रानाडे जी गए उसको देखने के लिए| बड़ोदरा के एक बड़े राजा हुआ करते थे ‘गायकोवाड’ नाम के तो वो गए उसको देखने के लिए| ऐसे बहुत से लोगों के सामने और हजारो साधारण लोगों की उपस्थिति मे शिवकर बापूजी तलपडे ने अपना विमान उड़ाया|
और हैरानी की बात यह थी जिस विमान को उन्होंने उड़ाया उसमे खुद नही बैठे, बिना चालक के उड़ा दिया उसको| मने उस विमान को उड़ाया होगा पर कण्ट्रोल सिस्टम तलपडे जी के हाथ मे है और विमान हवा मे उड़ रहा है और यह घटना 1895 मे हुआ | जबकि बिना चालक के उड़ने वाला विमान 2 -3 साल पहले अमेरिका ने बनाया है जिसे ड्रोन कहते है और भारत मे सन 1895 मे लगभग 110 साल पहले तलपड़े जी ने ये बना दिया था ! और उस विमान को उड़ाते उड़ाते 1500 फिट तक वो लेके गए फिर उसके बाद उन्होंने उसको उतारा, और बहुत स्वकुशल उतारकर विमान को जमीन पर खड़ा कर दिया| माने वो विमान टुटा नही, उसमे आग लगी नही उसके साथ कोई दुर्घटना हुई नही, वो उड़ा 1500 फिट तक गया फिर निचे कुशलता से उतरा और सारी भीड़ ने तलपडे जी को कंधे पर उठा लिया| महाराजा गायकोवाड जी ने उनके लिए इनाम की घोषणा की, एक जागीर उनके लिए घोषणा कर दी और गोविन्द रानाडे जी जो थे उन्होंने घोषणा की, बड़े बड़े लोगों ने घोषनाये ईनाम की घोषनाये की |
तलपडे जी का यह कहना था की मैं ऐसे कई विमान बना सकता हूँ, मुझे पैसे की कुछ जरुरत है, आर्थिक रूप से मेरी अच्छी स्थिति नही है| तो लोगो ने इतना पैसा इकठ्ठा करने की घोषनाये की के आगे उनको कोई जरुरत नही थी लेकिन तभी उनके साथ एक धोखा हुआ| अंग्रेजो की एक कंपनी थी उसका नाम था ‘Ralli Brothers’ वो आयी तलपडे जी के पास और तलपडे जी को कहा यह जो विमान आपने बनाया है इसका ड्राइंग हमें दे दीजिये| तलपडे जी ने कहा की उसका कारण बताइए, तो उन्होंने कहा की हम आपकी मदत करना चाहते है, आपने यह जो अविष्कार किया है इसको सारी दुनिया के सामने लाना चाहते है, आपके पास पैसे की बहुत कमी है, हमारी कंपनी काफी पैसा इस काम मे लगा सकती है, लिहाजा हमारे साथ आप समझोता कर लीजिये, और इस विमान की डिजाईन दे दीजिये|
ReplyDeleteतलपडे जी भोले भाले सीधे साधे आदमी थे तो वो मान गए और कंपनी के साथ उन्होंने एक समझोता कर लिया| उस समझोते मे Ralli Brothers जो कंपनी थी उसने विमान का जो मोडेल था उनसे ले लिया, ड्राइंग ले ली और डिजाईन ले ली; और उसको ले कर यह कंपनी लन्दन चली गयी और लन्दन जाने के बाद उस समझोते को वो कंपनी भूल गयी| और वो ही ड्रइंग और वो डिजाईन फिर अमेरिका पहुँच गयी| फिर अमेरिका मे Write Brothers के हाथ मे आ गयी फिर Write Brothers ने वो विमान बनाके अपने नाम से सारी दुनिया मे रजिस्टर करा लिया|
तलपडे जी की गलती क्या थी के उनको चालाकी नही आती थी, ज्ञान तो बहुत था उनके पास| राजीव भाई कहते है के भारत मे सबसे बड़ी समस्या 12-15 साल मे उनको जो समझ मे आयी है के “हमको सब ज्ञान आता है, सब तकनिकी आती है, सब आता है पर चालाकी नही आती; वो एक गाना है न ‘सबकुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी ’ यह भारतवासी पर बिलकुल फिट है, और यह अंग्रेजो को अमेरिकिओं को कुछ नही आता सिर्फ चालाकी आती है| उनके पास न ज्ञान है न उनके पास कोई आधार है उनको एक हि चीज आती है चालाकी और चालाकी मे वो नंबर 1 है| किसी का दुनिया मे कुछ भी नया मिले वो चालाकी करके अपने पास ले लो और अपने नाम से उसको प्रकाशित कर दो|”
शिवकर बापूजी तलपडे जी के द्वारा 1895 मे बनाया हुअ विमान सारी दुनिया के सामने अब यह घोषित करता है के विमान सबसे पहले अमेरिकी Write Brothers ने बनाया और 1903 मे 17 दिसम्बर को उड़ाया पर इससे 8 साल पहले भारत मे विमान बन जुका था और देश के सामने वो दिखाया जा जुका था|
अब हमें इस बात के लिए लड़ाई करनी है अमेरिकिओं से और यूरोपियन लोगों से के यह तो हमारे नाम ही दर्ज होना चाहिए और Ralli Brothers कंपनी ने जो बैमानी और बदमाशी की थी समझोते के बाद उसका उस कंपनी को हरजाना देना चाहिए क्योकि समझोता करने के बाद बैमानी की थी उन्होंने|
राजीव भाई आगे कहते है Ralli Brothers कंपनी से धोखा खाने के कुछ दिन बाद तलपडे जी की मृत्यु हो गयी और उनकी मृत्यु के बाद सारी कहानी ख़तम हो गयी| उनकी तो मृत्यु के बारे मे भी शंका है के उनकी हत्या की गयी और दर्ज कर दिया गया के उनकी मृत्यु हो गयी; और ऐसे व्यक्ति की हत्या करना बहुत स्वभाबिक है के जिसका नाम दुनिया मे इतना बड़ा अविष्कार होने की संभावना हो| तो अगर हम फिर उस पुराने दस्तावेज खोले ढूंढें उस फाइल को, फिर से देखें तो पता चल जायेगा और दूध का दूध और पानी का पनी सारा सच दुनिया के सामने आ जायेगा|
आपने पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !
इसे अधिक से अधिक हर भारत वासी तक पहुंचाये !
ताकि सब भारतीय होने पर गर्व कर सकें !!
वन्देमातरम !
aaj tet morche ke sadsye saharanpur dayet pr gye.yha par fedding kam yudh ster par chal rha h.fedding ke liye 10 computer lagye gye h.or sara work theke par kraya ja rha h.inke anusar 11 tk fedding puri ho jayegi.
ReplyDeleteये सच है कि कुछ पल के लिए
ReplyDeleteपरेशानियों से घबरा कर आपको
बहुत कुछ कह बैठते है हम ......
पर सच ये भी है की -
ज़िन्दगी को भी प्यार हम आपसे ज्यादा
नहीं करते ..........
किसी और पर ऐतबार आपसे ज्यादा नहीं
करते .........
आप जी सके मेरे बिना तो अच्छी बात है ...
हम जी लेंगे आपके बिना ये वादा
नहीं करते …............
मंदिर में भी तभी जाते है हम
भगवान से कुछ मांगने.................
जब मेरे भगवान आपको
दुआओ की ज़रूरत होती है ........
वरना अए मेरे भगवान
हम आप के बाद अपना कोई
दूसरा भगवान भी नहीं रखते !!
बांसुरी भगवान श्री कृष्ण को
ReplyDeleteअति प्रिय है,
क्योंकि बांसुरी में तीन गुण है।
पहला
बांसुरी में गांठ नहीं है।
जो संकेत देता है
कि अपने अंदर
किसी भी प्रकार की
गांठ मत रखों।
मन में
बदले की भावना मत रखो।
दूसरा गुण
बिना बजाये ये बजती नहीं है।
मानो बता रही है कि
जब तक ना कहा जाए
तब तक
मत बोलो।
और
तीसरा
जब भी बजती है
मधुर ही बजती है।
अर्थात
जब भी बोलो, मीठा ही बोलो........
शिक्षामित्र विवाद:
ReplyDeleteबेसिक नियमावली 1981 का संशोधन 19 निरस्त होगा।
रूल 16 की शिक्षामित्रों से सम्बंधित उपधारायें भी रद्द होंगी।
शिक्षामित्रों के समायोजन का शासनादेश भी निरस्त होगा।
इस प्रकार यूपी गवर्नमेंट का दूसरा नीतिगत फैसला खतरे में है।
इससे पहले नियमावली का संशोधन 15 एवं 16 कोर्ट द्वारा निरस्त किया जा चुका है जो कि क्रमशः नियमावली की धारा 14(3) पर एवं 2 पर उपधारा (U) के रूप में निर्मित था।
डायट अम्बेडकरनगर 72825 मामले
ReplyDeleteको लेकर अति गंभीर है |
इस बार शिक्षामित्रों एवं
बीटीसी प्रशिक्षुओँ को इस पूरे मामले से
दूर रखा गया है |
अभी तक 10 डायट कर्मी और 15
प्राथमिक शिक्षक इस कार्य
को सम्पादित कर रहे थे परन्तु कल के
प्रदर्शन एवं सौहार्दपूर्ण बात चीत
का परिणाम ये निकला कि आज 15 और
प्राथमिक शिक्षक डायट जाकर इस कार्य
को सम्पन्न कराने में लग गये |
इस बात की पुष्टि प्राचार्य जी कल ही कर
चुके थे और आज खण्ड शिक्षाधिकारी ने
भी पुष्टि कर के सारा भ्रम दूर कर दिया |
दोस्ती फुल से करोगे तो महक जाओगे।
ReplyDeleteमदिरा से करोगे तो बहक जाओगे।।
सावन से करोगे तो भिग जाओगे।
हमसे करोगे तो बिगड़ जाओगे।।
और नहीं करोगे तो
!
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किधर जाओगे........
माचिस की जरूरत यहाँ नही पड़ती..
ReplyDeleteयहाँ आदमी आदमी से जलता है...
दुनिया के बड़े बड़े साइंटिस्ट
ये ढूँढ़ रहे हैं कि
मंगल ग्रह पर जीवन है या नही...
पर आदमी
यह नही ढूँढ़ रहा कि
जीवन में मंगल है या नही।
मेरठ कोर्ट में दिया गया पीड़ित युवती का बयान
ReplyDeleteपीड़ित युवती ने मेरठ कोर्ट में मंगलवार को बयान दर्ज
कराया।
पीड़ित के मुताबिक, 3 साल पहले जब मैं इंटर में पढ़
रही थी, तब पड़ोस में रहने वाली निशात ने मुझसे दोस्ती की।
निशात मेरे साथ बीए फाइनल तक साथ पढ़ी।
उसने तभी से
इस्लाम धर्म की अच्छाइयों को बताना शुरू कर दिया था, जब
मैं नौकरी तलाश रही थी। निशात ने मेरी मदद की और मदरसे
में 1500 रुपए प्रति माह की नौकरी दिलाई।
मदरसे में
अंग्रेजी और हिंदी पढ़ाने लगी थी। इसी बीच 29 जून को गांव
का सनाउल्ला अपनी बीवी समरजहां के साथ मिलकर ग्राम
प्रधान नवाब की मदद से बुर्का पहना कर मुझे बाइक से
उठा ले गए। पहले हापुड़ के मदरसे में रखा गया।
इसके बाद
गढ़ के दतोई के मदरसे में ले जाकर नशीला पदार्थ खिलाकर
चार लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद मदरसे में
रखकर बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन करा दिया।
जो शपथ
पत्र तैयार किया, उस पर जन्नत बुशरा नाम से हस्ताक्षर
भी उन्होंने खुद ही कर दिए। उसके बाद मैं घर लौट गई। आठ
जुलाई को हालत बिगड़ने पर सनाउल्ला को मामले
की जानकारी दी गई।
सनाउल्ला 23 जुलाई को वहां से पहले मेरठ ले गया,
जहां एक अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराया गया, जिसमें
गर्भाशय की फेलोपियन ट्यूब में गर्भधारण होने के कारण
मुजफ्फरनगर ले गए। वहां ऑपरेशन कराने के बाद
मुस्तफा कालोनी स्थित एक मदरसे में रखा गया।
वहां से
बाहर भेजने की तैयारी चल रही थी। पता चला की उससे पहले
भी कुछ युवतियों को बाहर भेजा जा चुका है। इसी के डर से
घबरा गई और वहां से भाग आई।
बाहर आकर इमरान नामक
युवक ने सहायता देकर बस स्टैंड तक पहुंचा दिया, जहां से
बस में सवार होकर मेरठ के भैसाली बस स्टैंड पहुंची और
परिजनों को मामले की जानकारी दी। मुजफ्फरनगर के मदरसे
में ढाई किलो गाय का मीट मंगाया गया। उसे खाने से इनकार
किया तो मछली बनवाई गई।
मछली भी खाने से इनकार
किया तो तब जाकर बिस्कुट लाकर दिए।
मदरसे में धर्म परिवर्तन से पहले
मौलाना सिद्दीकी की लिखी हुई आपकी अमानत
आपकी सेवा में किताब को पढ़ाया गया, जिसमें लिखा था कि,
इस्लाम धर्म में ही असली जन्नत है। बताया गया कि ईद के
मौके पर धर्म कबूलना जन्नत में जाने जैसा होता है। कुछ देर
तो मैं भी बहक गई थी। अपने धर्म से भटक कर इस्लाम में
विश्वास होने लगा था।
इस्लाम धर्म कबूल नहीं करने पर
भाई की हत्या करने की धमकी भी दी गई थी।
इराक और सीरिया का लुत्फ़ लीजिये अब अपने ही देश में,
ReplyDeleteआईये, कुछ दिन तो गुजारिये "उत्तर प्रदेश" में।
mai toh kabhi nahi karta.
ReplyDelete!
ReplyDelete!
मुझे
!
तुम
!
मिल
!
गये
!
हमदम
!
सहारा
!
हो तो
!
ऐसा हो . . . . . . . . . . . !
!
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जिधर
!
देखूं
!
उधर
!
तुम हो
!
नजारा
!
हो तो
!
ऐसा हो. . . . . . . . . . . . . !!
!
!
बहुत खुबसूरत है आँखें तुम्हारी
इन्हें बना दो किस्मत हमारी****......!!
हमें नहीं चहिये ज़माने की खुशियाँ
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी****....
dost aapki speeed kitni fast hai.
ReplyDeleteGREAT ! GREAT!
BAHUT KHUB.
ReplyDelete!
ReplyDelete!
मुझे
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तुम
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मिल
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गये
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हमदम
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सहारा
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हो तो
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ऐसा हो . . . . . . . . . . . !
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जिधर
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देखूं
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उधर
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तुम हो
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नजारा
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हो तो
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ऐसा हो. . . . . . . . . . . . . !!
!
!
Mere Dil Ki Har Dhadkan Tumhare Liye Hai
Meri Har Dua Tumhari Muskurahat Ke Liye Hai
Tumhari Har Adaa Mere Dil Ko Churane Ke Liye Hai
Ab To Meri Zindagi Tumhare Intezar Ke Liye Hai..
नदियों का जीवन अनबूझ कहानी है
ReplyDelete'अमृत' आब -ए-जमजम उसका पानी है
बिन पानी सब सून रहीम की जुबानी है
धरती की चाहत मे बरसता ये पानी है
कहीं रूप मे गंगा के,कहीं रूप मे यमुना के
ईश्वर ने धरती को बख्शी क्या निशानी है
मन चंगे कठौते मे उतार लो गंगा को
सदियों से कहती रैदास की वाणी है।
गैंगरेप पीड़िता का गायब मिला गर्भाशय।।
ReplyDeleteअगर ऐसा किसी मुस्लिम के साथ हुआ होता तो देश में
अबतक आग लग गयी होती..
लोग सडको पर हंगामा कर रहे होते..नेता और
मंत्री अपनी जान बचाते फिर रहे होते..
लेकिन पीडिता हिन्दू है...इसलिए कोई
हंगामा नही कोई प्रदर्शन नही सबको मुस्लिम वोट
चाहिए...
लेकिन क्या हिन्दुत्वादी संगठनो को भी मुस्लिम वोट
चाहिए ये संगठन कहा मर गए???
कैसे इतने बड़े काण्ड पर शांत बैठे है क्या प्रदेश सरकार से
या मोदी सरकार से या मुस्लिमो से
सभी हिन्दुत्वादी संगठन डर गए है??
कहा गयी RSS?? कहा गया BHP?? कहा है श्री राम
सेना?? कहा है बजरंग दल??? कहा है शिव सेना,
बीजेपी.....???
क्या सभी के सभी सेकुलर हो गये???
जो इतनी बड़ी घटना पर कोई हंगामा नही कोई
प्रदर्शन नही।
देश की बेटियो के हित के लिए शेयर करे
जूनियर पर सरकार के पास जबाब है नही या लगाना नही चाहती या शिक्षा मित्रों की ओर से दिमाग हटाने के लिये यह मात्र दिखावे के लिये शुरू की गयी है ।
ReplyDeleteअक्टूबर से सरकार पर नीलम आंटी की याचिका पर जबाब मांगा जा रहा है पर निकम्मापन इस कदर हावी हो चुका है कि जबाब दाखिल करने की फुरसत ही नही है।
मुझे लगता है सरकार के पास जबाब है ही नही ।
प्रमोशन लिस्टे उठाकर कोर्ट में पेश कर देने से क्या भर्ती हमेशा के लिये आर्टिकिल 14 का उल्लंघन भविष्य में भी नही करेगी ।
ReplyDeleteप्रमोशन लिस्टें पेश करना समस्या का अस्थायी समाधान है स्थायी नही ।
शिक्षा मित्रों का 58000 समायोजन चट पट रात दिन काम कराकर 15 दिन के अन्दर नियुक्ति पत्र बांट दिया ।
और जितनी भी खुन्नस है वो सब 72825 से निकाली जा रही है। और जूनियर का तो हाल ही न पूछों ,
जब जूनियर को भरनै की ताकत नही थी जिगर में तो क्यों दम भर दी कि 29334 शिक्षकों की भर्ती शीघ्र कर डालेंगे ।
ReplyDeleteशिक्षा मित्र मामले पर इतना तो तय हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार का उच्च न्यायालय पर इतना तो प्रभाव है ही आराम से 3 महीने मामला धीरे धीरे सुनवाई कराकर और लम्बी लम्बी तारीखें लगवाकर और जबाब दाखीली देर से कर के उलझा सकती है।
अब भरोसा नही रह गया है उत्तर प्रदेश के न्यायालयों के न्याय पर , ये कुछ भी निर्णय दे देते हैं । भला हो सुप्रीम कोर्ट का , अगर वो न हो तो जंगल राज कायम हो जाये।
इस समय शिक्षा मित्रों की खुशी परवान चढ रही है। और ये सब न्याय में हो रही देरी से बहुत आनंदित होते हैं । आज हुई हीला हवाली से तो और खुशी होंगे । तारीख मुझे अगली ज्ञात नही है पर शायद एक हफ्ते की कुछ लगी है।
ReplyDeleteऔर यह भी कन्फर्म है कि अगली सुनवाई पर क्या होगा , सीजे सरकार से इनके समायोजन परा जबाब मांगेगा और एक डेट फिर दे देगा और सरकार के जबाब कितनी जल्दी दाखिल होते हैं ये तो आप जानते ही हैं ।
कुल मिलाकर 2 या 3 महीने शिक्षा मित्रों की चांदी है। सरकार इस दौरान पूरी कोशिश करेगी कि नियुक्ति पा चुके शिक्षा मित्रों के प्रमाणपत्र जल्दी से जल्दी सत्यापिता कराकर एक किश्त वेतन निकाल दे ।
ReplyDeleteक्योंकि वेतन निकलने पर नौकरी दूसरा रुख ले लेती है।
फिर भी टीईटी से ये बच नही सकते चाहे वेतन रोककर देना पडे या वेतन पाकर । इसके लिये समय निर्धारित कर दिया जा सकता है।
जूनियर भर्ती अगर सरकार पहले कर ले तो बढिया है। इससे विज्ञान वर्ग वाले कम मेरिट में भी प्राइमरी में चयनित हो जायेंगे वरना यदि कहीं प्राइमरी की काउसिंलिंग शुरू हो गयी और जूनियर का यही हाल रहा तो मुझे नही लगता कि कोई अभ्यर्थी जूनियर के नियुक्ति पत्र का इंतजार करता रहेगा ।
ReplyDeleteBhai Satyendra Singh
ReplyDelete***********
ajj morcha ke sadaya crt me lage rahe .srkar ne date li. morcha crt se nideahalaya aaya vaha pr morcha ne sachiv se kafi der tk bat ki.unke anusar dono councling ko milakr lagbhag 14000 seat bheri hogi .ab tk 46 b.s.a. ne data bheja hai islea agli councling ki date nahi ty ho pa rahi hai.15 august tk 3rd councling ka g.o. jari ho skta hai.
jay jnr bherti
jay jnr morcha
प्राइमरी में चन्दा पुनः मांगा जा रहा है । पर इतना ध्यान रखें , कि एस एल पी टैग होनी ही होनी है अब चाहे चन्दा 1 लाख पंहुचे , या 10 लाख , हकीकत में यह,काम केवल एक जूनियर वकील भी कर सकता है जो 80000 पर तैयार रहते हैं । और हमारे केस से पहले से जुड़े भी हैं । अब आप सभी को इतना डरा दिया गया है कि ये बहुत महत्वपूर्ण रिट है और इसके लिये चार लाख चाहिए तो दिये रहो चन्दा ।
ReplyDeleteएक बात और , जूनियर पर वेटेज मामले पर तारीखें पर तारीखें लग रही हैं । पैसा चाहिए । कहाँ से आयेगा , बात को समझो तो समझदार , नही तो जो समझो
ReplyDeleteमैं बाप की ताकत था,मैं माँ की हिम्मत था,
ReplyDeleteमैं एक बेटा था,मैं मर नहीं सकता था.........
कई बार रोका अपनी,हिम्मत को छूटने से,
कई बार रोका अपने,हौसलों को टूटने से,
डराने आयी मुझको,कई बार ज़िन्दगी,
लेकिन मैं ज़िन्दगी से,डर नहीं सकता था,
मैं एक बेटा था, मैं मर नहीं सकता था..........
मेरी भी ख्वाइश थी कि, किसी आँख का नूर
बनू,
किसी के पहलू में चमकू, कोई कोहिनूर बनू,
पर मैं तो था आँखों का, बिखरा हुआ काजल,
मैं फिर किसी आँख में,संवर नहीं सकता था,
मैं एक बेटा था मैं मर नहीं सकता था..............
किसी ने इस दुनियां में,पागल बुलाया मुझको,
किसी ने मजनू सा,दीवाना बताया मुझको,
क्या करता था मैं तो,एक आशिक पुराना,
मैं किसी भी बात से,सुधर नहीं सकता था,
मैं एक बेटा था मैं मर नहीं सकता था.............
मुझे गाजी मियाँ की एक बात नहीँ समझ मेँ आयी, आज कोर्ट मेँ सुनवायी न होने पर इतने खुश क्योँ हैँ, जबकि इनकी नियुक्तिपत्र पर स्पष्ट लिखा है कि 'मामला उच्चन्यायालय मेँ विचाराधीन'
ReplyDeleteमतलब ये तो कपिल यादव से भी बड़ा बेवकूफ निकला।
अब न्यायालय मेँ सुनवायी न हो पाने को ये अपनी रणनीति बता रहा है और इसकी बात पर वो बेचारे जयकारा लगा रहे हैँ ।
पता नहीं कितनी मौतें होगी, दिल घबरा जाता है सोच कर, अब मैं उन लोगों को दोष भी नहीं दे सकता जिन्होंने आत्महत्या किया, वास्तव में यह दबाव झेलना बहुत मुश्किल होता जा रहा है, मैं खुद टूट जाता हूँ, लेकिन फिर भी इतना सोच रखा है जिस दिन ऐसी नौबत आ गई कि आत्महत्या करने को सोचना पड़ गया मैं मरने से पहले कुछ काम निपटा कर जाऊँगा। इतनी आसानी से नहीं मरने वाला। अगर इस भर्ती में अब रुकावट आयीं तो अब वो होगा जो सरकार सोच भी नहीं सकती। सच में इन तीन साल की यातना ने जिंदगी से मोह खत्म कर दिया है और जब किसी इंसान का अपनी जिंदगी से ही मोह खत्म हो जाता है तो वो बारूद से भी ज्यादा विस्फोटक बन जाता है।
ReplyDeleteमुझे मालूम है मेरे जैसे सैकड़ों लोग तैयार हैं।
अब हम लोगों के साथ कोई गंदी राजनीति हुई तो परिणाम खतरनाक होगा।
Shiksha Mitra case ka aj court me number nahi aaya aur ab next date hi lagegi..
ReplyDeleteItna Important case fir bhi no hearing today..
जिनको अपने आप पर भरोसा होता है,वे बिजनेस करते हैं...
ReplyDeleteऔर
जिनको अपने काम पर भरोसा होता है,वह जॉब करते हैं..............
मेरठ की घटना में जो
ReplyDeleteसबसे चौकाने वाली बात सामने आई
वो ये है की पीड़ित लड़की की
एक मुस्लिम सहेली पिछले तीन सालो से
उसका ब्रेनवाश करके
उसे इस्लाम के प्रति झुकाव बनाने की कोशिश कर रही थी ......
बाद में
उस मुस्लिम लड़की ने उसे एक साजिश के तरह
एक मदरसे में टीचर की नौकरी दिलवाई ........
यानी मित्रो ....
चेत जाओ .. यदि आपकी बहन-बेटी की सहेली
कोई मुस्लिम लड़की है .....
तो आप ध्यान रखे की कही वो
उसका ब्रेनवाश तो नही कर रही है या
उसे गलत रास्ते पर तो नही ले जा रही है .......
Yado ke us dher se
ReplyDeletephir ek panna nikla hai
Jaise chhichhle samundra ki ek boond
Yaad dila jati hai wo shaam
Jo thi maun
Per kah gayi nayno se
Apne us virah ko
Bus rah gayi thi Aj bhi
Wohi sisakti shaam
Soonapan liye
Sadiyon se veeran...
Ye sab kewal sikshamitro ki bharti ke liye hi sab hua hai.gov kewal ullu bana raha hai prt & jrt walo ko ab sikshamitro ki bharti ho chuki hai gov ki tension khatam ho gayi. ye baki ke g.o. kewal lolipop tha ham logo ke liye ab kewal intjar karte rahe baki bhagwal Jane Kya hoga ham sabhi ka
ReplyDeleteBhagwan ham sabhi ka bhala kare
कपिल ने अपने प्रेयर में कहा है कि बैड पार्ट
ReplyDeleteको गुड पार्ट से अलग किया जाय अब
इनको कौन समझाये कि बैड पार्ट होगा तब
तो अलग होगा...यह तो सर कार
का ढपोरशंख था जो बजा ही नही...कोई
प्रुफ सरकार यदि सरकार के पास होता तब
न पेश होता..हरकौली जी ने जाँच रिपोर्ट पर
कहा था कि किसी ने कह दिया कि कौआ
कान ले गया तो आप कौये को देख रहे हैं कान
को नही...उस रिपोर्ट की प्रासंगिकता पर
सटीक टिप्पणी उन्होने बहस के दौरान
कही...दूसरा प्रकरण तब आया जब
छापा मारकर ओ एम आर शीट की कार्बन
काॅपी जब्त करने पर सरकार ने जवाब
लगाया तब टंडन साहब ने
कहा था कि क्या कोई फ्राॅड करने वाला तीन
ममहीने तक सबूत अलमीरा में
रखेगा ताकि आप छापा मारे और उसे पकड
ले...सरकारी वकील चुप ही रहे....इन सारे
तर्कों के बावजूद हमे प्राॅपर प्लानिंग कर
लेनी चाहिए ताकि समय आने पर मूँहतोड
जवाब दिया सके....एकेडमिक वालो को कौन
समझाये अपना पैसा वह व्यर्थ न करें...कुछ
लपरझंडूस टाइप के लोग
उनको अपना निशाना बनाते
रहेंगे...जो समझदार थे आज वह टेट के साथ
खडे हैं...
शुक्लागंज मे
ReplyDeleteसुन के बडा अफसोस हुआ
बडा बुरा हुआ
पर एक बात देखने मे आयी है कल अब तक कि लोग किसी की मौत मे अपना हीत तलाशने मे लगे है
आज सुबह किसी एक ग्रुप पे पोस्ट पढी मैने
कि उसने इसलिये आत्महत्या की कि वो न्यु ऐड सपोटर थी
चलो लखनऊ चलके धरना दे
फिर अभी थोडी देर पहले एक पोस्ट पढी कि वो जूनियर सपोटर थी और तीसरी काउन्सलिँग ना होने से उसने आत्महत्या की चलो सचिवालय मेँ चलके तीसरी काउन्सलिँग की माग करे
वाह जी वाह बडे उत्तम विचार है कोई जान से चला गया किसी की बेटी किसी की बहन चली गयी
और यहा हरामजादे अपना अपना मतलब तलाश रहे है
किसी ने जाके उसके माँ बाप से मिलने की कोशिश करी ना जी ना हम क्यो जाये पहले आप जाओ
मैंने बहुत पहले ही बता दिया था जूनियर मे सरकार के पास जबाव है ही नही
ReplyDeleteभाजपा ने नितीश लालू को मिला दिया....
ReplyDeleteमुलायम सिंह और अमर सिंह को मिला दिया.... फिर भी कांग्रेसी कहते हैं भाजपा बाँटने वाली पार्टी है !!
एक बिचार ..........
ReplyDeleteइन्सान
जितना आपना कीमती समय
दुसरे की आलोचना या बुराई करने में
लगाता है ,
उतना समय सिर्फ खुद को और बेहतर बनाने में
आपना कीमती समय दे
तो ,
वो बहुत कम वक्त में आपनी ढेर
सारी खुशियों को पा सकता है .....
इसलिए चाहिए की आप
किसी की प्रसंसा न कर
सके तो उसकी बुराई
भी करने का हक
नहीं बनता है ......
भगवान् ने इन्सान को इस लिए
बनाया की वो खुद इस
धरती पर आकर हम सब के
आखो से
इस खुबसूरत संसार को देखना चाहता था ... उसे
महसूस करना चाहता था ...............................
ज़हरीले सांपो को आज जंगल में छोड़ आया
ReplyDeleteवक्त का सपेरा- यह कहकर की -
यहाँ .........................
ज़हरीले इंसान ही काफी है इंसानो को डसने के लिए !!
सचिव का जेल जाना ही ७२८२५ के साथ न्याय का मूल आधार है ।
ReplyDeleteउससे कम कुछ नही ।
चापलूसी का ज़हरीला प्याला आपको तब तक नुकसान नहीं पहुँचा सकता जब तक कि आपके कान उसे अमृत समझ कर पी न जाएँ।
ReplyDeleteकोशिश करो की कभी किसी की आँखों में आप की वजह से आंसू ना आयें...
ReplyDeleteआंसू तभी आते हैं जब दिल में दर्द होता है,
कभी किसी के दर्द की वजह ना बनो
आप से छोटे भी आप से ये सब अपने आप सीख जायेंगे...
और जब वो बड़े होंगे तो कभी आप की आँखों में आंसू नहीं आने देंगे....................
ab humari aaj ki duty puri ho chuki hai
ReplyDeleteN
A
M
S
T
E
Y......GOOD BOY...BAD BOY...