Court ke Order Ke Baad Govt ne Adhikareeon se Ray Mangee :-
Jald Samadhan Hone Ki Ummeed -
Ab Ya to Sarkar Adalat Kee Unchee Bench Mein Jaye Ya Fir Court Order Ko Maane
Ye Neeche Dee Gayee Pick Kee Jaankaree Social Media Par Share Kee Jaa Rahee hai -
Ab Ya to Sarkar Adalat Kee Unchee Bench Mein Jaye Ya Fir Court Order Ko Maane
Photocopy ke sath tet ki prt wali original marksheet jama hone se wo authentic ho jayega jisase koi bhi abhyarthikewal ek hi dist me counseling kra payega ..jisake liye original marlsheet jma krwayi jati h..
ReplyDeletePr durbhagya sachiv ji ka ki etani bekar wayvastha ko dho rhe h jhan information ka koi flow hi nhi h.
etani bekar shiksha wyavastha ka bhagwan hi malikh h.
Bharat bhai ye kaisa order h.isme to couns.smbandhi koi yesa order gove. Ko fallo krne hetu nirdesit hi nhi h.jisase hm jrt walo ko prt couns.me arhta prdan kre .bharat bhai jra padh kr smjhayie hme bhi.
Deletepls koi mujhe btay ki meri B.A first year aur second year marksheet m name ka sanshodhan hua tha aur nai marksheet ban gyi but purani jma nhi hui counciling m f.e.david lgaya par purani marksheet maangi gyi to maine de di ab meri nai aur purani doni jma ho gyi h to verification m koi problm hogi ya nhi
DeleteJrt + prt hona chahiye..
ReplyDeleteaur jo eska virodh krta h wo dunia ka sabse swarthi h sabse bada nikkamma h...
Bhiyo prt walo aaj 2 oct ko badi sankya me allahabad ke aajad maidan phuche.
ReplyDeleteZeehsan khan jitna parchar tum jrt ko badnam karne me laga raha ho kai dino se us se lagta hai tum chate ho koi jrt me na jaye aur tumhara jrt me ho jaye.
ReplyDeleteMe prt me hu
ReplyDeleteBhai aap prt me h to jrt me apni rai kripa kr ke na de..
Deletehttp://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do
ReplyDeletemai court order ki baat kr rha hu..
sachiv ji etne kabil rahte to jrt walo ko etna pareshan nhi hona padata.
sachiv ji desh ke dusare MANMOHAN h jinko kuch malum nhi.
टी.ई.टी नेताओ का एक और फर्जीवाड़ा- पहली लिस्ट में जो बार-बार कहा जा रहा था कि 5750 में से 1250 बाहर किये गए, जब हिमांशु ने अपने माध्यम से फतेहपुर के एक साथी को एस.सी.ई.आर.टी के डायरेक्टर के पास भेजा और पूंछा कि सर, उनकी लिस्ट चाहिए वो हँसे और बोले किन फर्जी लोगो की लिस्ट मेरे यहाँ न पहली में फर्जीवाड़ा हुआ न दूसरी में। तब तुरन्त हिमांशु के साथी भाई बोले सर पर गणेश जी ने यही बताया था पहली से 1250 बाहर किये गए डायरेक्टर बोले हा हा हा हा हा हा गणेश क्या यहाँ का डायरेक्टर है। साथी भाई ने ' सर 2011 का रिजल्ट ऑनलाइन करवा दीजिये '' डायरेक्टर साहब ने साफ-साफ मना करते हुए कहा कि ऐसा ईम्पॉसिबल है'' अब मेरी बात पर विश्वास नहीं तो तुरन्त फ़ोन उठाइये और अपने नेताओ से पहली लिस्ट में फर्जी लोग जो बाहर किये गए है, उनकी लिस्ट एस.सी.ई.आर.टी पर डलवाने की बात करिये
ReplyDeleteजब नेता जी की डायरेक्टर से इतनी तगड़ी लिंक है कि उन्होंने अभी तक 1- 45 प्रतिशत वालो को अंदर कराया 2- पी.जी बेस वालो को अंदर कराया 3- दूरस्थ वालो को अंदर कराया 4- इस्लामिया यूनिवर्सिटी वालो को अंदर करने महोदय अलग से गए| तो क्या नियमतः रिजल्ट ऑनलाइन करने में भला क्या दिक्कत हो सकती है इन्हे, और फर्जी वालो की लिस्ट जारी करने में भी भला क्या दिक्कत हो सकती है, अब तो (basi jile ka hai) सी.बी.आई भी फर्जी कैंडिडेट पकड़कर लाने लगी
ReplyDeleteसलभ तिवारी जी की पोस्ट आई जिसमे उन्होंने हिमांशु की एक बात को सही ठहराया वो है जूनियर में ८३ से ९० वालो से रिलैक्स तो प्राइमरी में क्यों नहीं ४५ प्रतिशत वालो से जनरल को राहत मिल सकती है इस बात को उन्होंने अपनी पोस्ट में भी स्वीकारा है। अब रही बात हिमांशु की तो में उसके साथ कतई नहीं हूँ जो भर्ती पर स्टे लेना चाहे यदि हिमांशु ये बात एक बार भी मेरी पोस्ट पर कह दे आकर तो उनका साथ छोड़ दूंगा और संविधान को बदलने की ताकत में नहीं रखता लेकिन जैसा कि स्वयं सलभ कह रहे है कि कोई कोर्ट गया ही नहीं वरना रिलीफ मिलता जरूर अगर इस बार हिमांशु के जाने से नियमतः रेसफलिंग हो जाये तो भला किसको क्या परेशानी हो सकती है इसलिए सलभ की बात हिमांशु को जरूर माननी चाहिए। ये वही सलभ तिवारी है जिन्होंने टी ई टी नेताओ के चंदा चोरी का खुलासा आज से २ महीने पहले इसी फेसबुक पर किया था जिसके कारण इन्हे मू की भी खानी पडी थी
ReplyDeleteतीसरे कौश्लिंग के आसार दीखते कम। 7 अक्टूबर से रिटों का सैलाब हाई कोर्ट में। सभी वर्गों की सीट हुई फुल। टेट लीडरों की हुई कौन्श्लिंग बाकी जाये भाड़ में।
ReplyDeleteअदब से यकीं से कलमकार बोले ,
ReplyDeleteजुबां चुप रहे किरदार बोले।।।
फर्जीवाड़े पर आज सभी नेताओं की चुप्पी उनके किरदार को बयान कर रही है।
टेट के बड़े नेताओं की counseling हो चुकी है इसीलिए वे 843 लोगों को बाहर करने की फर्जी न्यूज़ दे रहे हैं।ताकि फर्जीवाडा पर बवाल ना हो और उन्हें joining मिल जाये।
ReplyDeleteवे अब बस नौकरी पाना चाहते हैं।
जैसे नेहरु ने pm बनने के लिए भारत का विभाजन भी स्वीकार कर लिया उसी तरह ये गणेश... सदानंद शलभ..... सब बड़े टेट लुटेरों ने घोटाला भी स्वीकार कर लिया है।
रमाबाई नगर पुलिस के पास जो टेट की cd थी उसमें 25 बार छेड़खानी की गई है।
ReplyDeleteसपा सरकार ने बिना बी एड पास लोगों का भी नाम उसमें जोड़ रखा है।
मेरिट हाई जाने का यही कारण है।
जागो मित्रों
ये सामान्य और ओबीसी की लड़ाई नहीं अपने हक़ की लड़ाई है।
भर्ती में पारदर्शिता लाओ और सामान्य के लिए 50% तथा ओबीसी के लिए स्नातक में 45% अनिवार्य किया जाये
मैं लडा ,खुब लडा ,कोर्ट में लडा ,घर में लडा ,पडोसियों से लडा ,रिस्तेदारों से लडा ,आपनो से लडा ,पुलिस से लडा ,गिरफ्तारी दी ,पर जीता मै ही ,जीती मेरी जिद ,मेरा जूनून मेरी भर्ती ,मेरी टेट मेरीट...
ReplyDelete● देख रहा हूँ रिशफलिंग को लेकर टेट संघर्ष मोर्चे का माहौल बहुत गर्म है..
ReplyDelete७२८२५ के इस बदलते मिजाज पर मेरा बस इतना ही कहना है की..
"तब्दीलियां जब भी आती हैं मौसम की अदाओं में ,,
'किसी' का यूँ ही बदल जाना बहुत याद आता है..!!
प्रत्येक व्यक्ति की अभिरुचि ,योग्यता और विषय क्षेत्र अलग-अलग होता है उसके साथ उसकी सीमाए भी जुडी होती है ।आप जिस बात पे बहस करना चाहते है उसपे बहस न्यायालय में हो चूका है और कालान्तर में होगा भी ।
ReplyDeleteमेरी भी पृष्ठभूमि कला वर्ग से है परन्तु यह मापदंड की कोई कसौटी नही है ।
फिर भी इस मुद्दे पर मेरी उनसे सामान सोंच/राय है ।
रही बात न्यायालय में दरवाजा खटखटाने की तो -प्रत्येक व्यक्ति वहा जीत/न्याय की आशा से ही जाता है परन्तु सदैव विजेता ही नही हो जाता क्योकि कभी-कभी न्याय व् विजय को हम अपनी व्यक्तिगत सीमायो से समझने की नाकाम कोशिश करते रहते है ।
इसके वावजूद लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबसूरती यही है कि वो सबको समान अवसर देते हुए भी "सकारात्मक विभेद "की एक रेखा खींच देता है जिसे आडम्बरयुक्त शब्द में "आरक्षण"कहा जाता है ।
रीसफलिंग के मुद्दे पे.......हम अँधेरी काल कोठरी में उस काली बिल्ली को ढूढने की कोशिश कर रहे है जो उस काल कोठरी में है ही नही "
ReplyDeleteपरन्तु कोई मानेगा नहीं और केवल बवाल होगा और उस बवाल में मूल मुद्दा गायब हो जाएगा ।
बिलकुल सही बोला था ।
आरक्षित वर्ष को भर्ती में शामिल होने के लिए 5 वर्ष की छूट मिली है ।
ReplyDeleteजबकि टीईटी में एक सामान अंक पाने पर अधिक उम्र को चयन का द्वितीय मानक बताया गया है अर्थात
यह एक अनिवार्य विषय है।
अनारक्षित रिक्ति पर जिस सामान्य वर्ग का अधिक उम्र का व्यक्ति भर्ती में सम्मिलित ही नहीं किया जा सकता है वहीं आरक्षित वर्ग का व्यक्ति उम्र की छूट लेकर सामान अंक पाने पर मेरिट में उस अंक पर शिखर पर जा रहा है।
यह समानता का उलंघन है ।
ठीक ऐसे ही 82-89 अंक प्राप्त करने वाला जनरल अभ्यर्थी अनुत्तीर्ण समझा जाता है तो फिर 82-89 अंक पाने वाले वाला आरक्षित किस तरह अनारक्षित की रिक्ति पर जनरल से प्रतिस्पर्द्धा कर सकता है??
यह विषय कोर्ट में चुनौती योग्य है अतः इस विषय पर फैसला जरुरी है।
उत्तर प्रदेश में बीएड करने वाले ओबीसी/जनरल के लिए
स्नातक/परास्नातक की योग्यता सामान थी।
जबकि इस भर्ती में जनरल के लिए स्नातक योग्यता 45 अथवा 50 फीसदी है
तथा ओबीसी के लिए 40 अथवा 45 फीसदी ही है।
इस तरह यह रिलैक्सेशन कितना खतरनाक है इसका परीक्षण जरुरतमंदों के लिए जरुरी है।
संविधान के अनुच्छेद 14 की तो आपको जानकारी होगी।
Dhayan se aap log padh lo specialy para 5.13)......aur pyar se comment me apni raay do.
ReplyDeleteYe supreame court ka order hai....aur supreame court constitution ke viprit toh order dega nahi.
5.11 SC, ST and OBC candidates in case of direct recruitment and SC and ST candidates in case of promotion, appointed on their own merit and not owing to reservation should not be shown against reserved quota. They will be adjusted against unreserved quota.
5.12 If an unreserved vacancy arises in a cadre and there is any SC/ST candidate within the normal zone of consideration in the feeder grade, such SC/ST candidate cannot be denied promotion on the plea that the post is not reserved. Such a candidate will be considered for promotion alongwith other candidates treating him as if he belongs to general category. In case he is selected, he will be appointed to the post and will be adjusted against the unreserved point.
5.13 Only such SC/ST/OBC candidates who are selected on the same standard as applied to general candidates shall be treated as own merit candidates. If any SC/ST/OBC candidate is selected by getting any relaxation in experience qualification, number of permitted chances in written examination, zone of consideration etc., he/she shall be counted against reserved vacancies. Such a candidate cannot be considered for appointment against an unreserved vacancy.
ReplyDelete5.14 SC/ST candidates appointed on their own merit (by direct recruitment or promotion) and adjusted against unreserved points will retain their status of SC/ST and will be eligible to get benefit of reservation in future/further promotions, if any.
ReplyDelete5.15 50% limit on reservation will be computed by excluding such reserved category candidates who are appointed/ promoted on their own merit.
Adjustment of Compassionate Appointees
5.16 A person selected for appointment on compassionate grounds should be adjusted in the reservation register/ reservation roster register against the appropriate category viz. SC/ST/OBC/UR category depending upon the category to which he belongs. For example, if he belongs to SC, he shall be adjusted against a vacancy reserved for SCs. Similarly if he is an ST or OBC candidate, he shall be adjusted against vacancy reserved for STs or OBCs, as the case may be. An unreserved category candidate shall be adjusted against an unreserved vacancy.
Lakhimpur me 3rd coun nahi hoge
ReplyDeleteYa hone ke aasar kam dikh rahe hain
Kya bakai 100 ke upar 1 lakha......
Hai ....................................................
Kya merit bakai 100 se neeche nahi jayegi ................................................
Hindustan ki khabar hui galat...........
Ab na to vijayadasmi achhi lag rahi
He aur nahi he badhai dene bale.......
कल क्या था, आज क्या है, देखकर बड़ा अज़ीब लग रहा है।
ReplyDelete.
आखिर अचानक ये परिस्थितयाँ बदल गई तो कैसे?
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कौन है इनका जिम्मेदार?????
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कल तक 105 टेट मार्क्स वाले सामान्य और 100 वाले OBC/SC अपने आपको कहीं न कहीं सुरक्षित मान रहे थे लेकिन आज ये सब अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, भर्ती से बाहर समझ रहे हैं।
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इसका एकमात्र कारण मुझे फर्जीवाड़ा ही समझ आ रहा है।
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तो फर्जीवाड़ा करने वाले हाइब्रिड़्स को अभी भी मुफ्त में सलाह दी जा रही है कि अभी भी समय है। अपना अभ्यर्थन स्वयम् ही निरस्त करा लें। नही तो बाद में खैर नही। बहुत महंगा पड़ने वाला है।
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कुछ हाइब्रिड़्स तो पकड़े जा चुके हैं लेकिन जो अभी पकड़ से बाहर हैं, वो भी जल्द ही NIC तक डाटा पहुँचते ही बाहर हो जाएंगे। लेकिन इन्हें सज़ा क्या मिलेगी, भविष्य ही बतायेगा। इतना ज़रूर है कि जो इक्का-दुक्का हाइब्रिड़ साथियों ने पकड़ा है, थाने में बंद एड़ियाँ रगड़ रहा है। अपनी गलती का पछतावा कर रहा है। लेकिन बचना बड़ा मुश्किल है।
काश........उसनेपहले सोचा होता....!!!!!
ReplyDelete.
कल फर्जी मार्कशीट के जरिए लोगों को अध्यापक बनाने वाले दो लोगों को क्राइम ब्रांच और बांसी पुलिस ने डायट के सामने से बुधवार को गिरफ्तार किया है। दोनों देवरिया जिले के रहने वाले हैं।
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उधर कुशीनगर में पकड़े गए मदनवीर सिंह आज सया थाने में बंद रो रहे हैं। उस घड़ी को याद करके पछता रहे हैं जब वो फर्जी मार्कशीट लेकर अपनी काउंसेलिंग कराने कुशीनगर डायट पर पहुँच गए थे। आज ये अपने 2 बच्चों और अपनी स्वर्गीय बीवी की दुहाई दे रहे हैं।
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इनकी दशा और इनके बच्चों के भविष्य को देखकर इन पर तरस तो आता है लेकिन इन्हें अगर छोड़ दिया गया तो उन बहुतों के साथ बहुत अनर्थ होगा जिन्होंने मेहनत से अंक अर्जित किए हैं। वो, उनके घरवाले और उनके परिजन कितनी आस लगाए बैठे हैं, सबको इन्हीं हाइब्रिड़्स के कारण आज कितना तनाव झेलना पड़ रहा है, ये क्या जाने!
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एक भाई के साथ जब मैं उनके घर से आ रहा था तो रास्ते में उनके एक परिचित मिले। बोले, “ मास्टर जी बन गए हो अब तो। कुछ दावत पानी हो जाए।”
ReplyDelete.
साथी बोले, “हाँ, भैय्या, क्यों नही। बस थोड़े दिन और रुक जाओ।”
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लेकिन ऐसा कहते समय उनकी क्या दशा थी, मैं ही जानता हूँ। आज वो अगर अपने आपको सुरक्षित जोन में नही महसूस कर रहे हैं तो इन्हीं हाइब्रिड़्स के कारण।
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क्या गलती है इनकी जो कल तक आस लगाए बैठे थे कि आज नही तो कल जोब मिल ही जाएगी लेकिन आज ये बहुत ही निराश हैं?????????
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कल भी एक ऐसे ही एक साथी का लेख पढ़ा जिसमें उनका दर्द साफ झलक रहा था। इस दर्द में वो अकेले ही नही, बहुत सारे साथी शामिल हैं।
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इस मामले में मैं इतना ज़रूर कहूँगा कि जो कल अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रहे थे, जिन्हें अपने ऊपर भरोसा था, वो आज भी सुरक्षित हैं। जोब उन्हें अवश्य मिलेगी लेकिन शर्त यह है कि ये हाइब्रिड़्स बाहर निकल जाएं। और ये बाहर होंगे भी। तीसरी काउंसेलिंग में अपने जिले का चुनाव करते समय जल्दबाजी न करें। अपने मार्क्स और कटऑफ को ध्यान में रखकर ही, अच्छी तरह से सोच-विचार करके ही अपना अगला कदम बढ़ाएं। तो किंचित भी निराश न हो।
हाँ,
ReplyDelete.
उनका तो निराश होना समझ आता है जो घर बैठकर तमाशा देखते रहे। लेकिन जो तन-मन-धन से शुरू से ही इस लड़ाई में लगे हैं, उन्हें सफलता ज़रूर मिलेगी, पूरी आशा है।
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लेकिन,
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इसके लिए कुछ मेहनत आपको भी करनी पड़ेगी।
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वैसे तो RTI भी एक विकल्प है जिससे सभी डायट्स से दोनों काउंसेलिंग्स की डिटेल ली जा सकती है लेकिन अगर S.C.E.R.T. अगर किसी भी तरीके से चयनित अभ्यर्थियों की लिस्ट निकाल दे तो सारी कहानी अपने आप स्पष्ट हो जाएगी। इसमें कोई लफड़ा ही नही। डायट्स से प्राप्त E-mail को ही तो ऑनलाइन करना है। फिर RTI के झंझट से मुक्ति....
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और दुष्टों का विनाश............।
Categiry of farzi candidate in 72825
ReplyDelete1-sansodhan ke samay 7-25 noumber badwane wale
2- farzi tet roll no or mark sheet wale
3- 2012 wale
4- graduation me 45%or 40% se kam wale
5-be.d bina ncte ke approve college se
6- pg base par be.d wale
7- other state ke candidate jo up ke farzi mool nivas se
8- farzi viklang
9- kuch dieto ki krapa se farzi control id jinka form bhi nahi the jo tet fail aaj 120 no tak laker
टेट ब्वाय नं एक —— reshuffling के मुद्दे पर मेरे चुप रहने का कारण यह है कि लोग मेरी बात को समझ नहीं पायेंगे यानी की मैंने अपनी काउसिलिंग करा लिया है और अब फालतू के मुद्दे पर पड़ना अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना है।
ReplyDeleteटेट ब्वाय नं दो— मेरिट हाई गई आ रही है। मुश्किल है चयन कोई रास्ता रिशिफिलिंग का गलत तरीका हां ये गलत तरीका है। अगर ये मामला कोर्ट में रखेंगे। सही रिशिफिलिंग होनी चाहिए।
अन्य 72825 टेट तीसरी काउंसिलिंग वेट में अनारक्षित— रिजर्वेशन और अब रिसिफिलिंग गलत रिसिफिलिंग लगती उपर से फर्जीवाड़ा रैंक जारी न करना मतबलब कही न कही ये सरकार की चाल है। अपने हित के लिए कोर्ट का दरजवाजा खटखटकाना जरूरी है। गलत आदमी सही मुद्दा उठाया है।
आरक्षण समर्थक— छूट है हम हमारे लिए सभी सींटे संविधान रिसफिलिंग सह है। ये चंदा चोर है। कहीं ऐसा हो सकता पहले क्यों नहीं आपत्ति की।
निष्कर्स— सभी को कोर्ट जाने का अधिकार है।
कुछ बातें————पारदर्शिता का मतबलब रैंक आनलाइन करना
फर्जीवाड़ा को चेक करना और उनका नाम रिजेक्ट लिस्ट में डालाना आदि।
रिसिफिलिंग का मामला कोर्ट में ही सुलझेगा फेसबुक में नहीं।
ज्यादा दीमाग नहीं लगाए अपना हित सोचिए सभी यही कर रहे हैं। बस इसी का नाम वे दे दे रहे हैं सबका हित। दूसरी बात सुप्रीम कोर्ट ने इस भर्ती को सही तरीके से करने के लिए कहा ना कि सभी मानकों को तिलांजलि देकर, भ्रष्टाचार, फर्जीवाड़ा, भाई—भतीजावाद,विशेषजाति प्रेम दिखा तो भारत की न्यायपालिका छोड़ेगी नहीं। सजग रहिए।
Lakheempur ki list jari>>> http://dietlakhimpur.org/
ReplyDelete1st cnsling me ETAH diet me diet pracharya ne tet fail candidates ki cnsling karva li thi jinko SCERT bhi nahi pakad saki thi. Inko RTI ke dwara hi pakda gaya tha aur diet pracharya ko hataya gaya tha.Isliye RTI dalo.
ReplyDeleteAccording to hindustan lakhimpur...more than 90%seats filled..
ReplyDeleteShalabh Tiwari
ReplyDeleteभाइयों क्या आप इनके विचार से सहमत हैं ?
Reshuffling प्रक्रिया की मनमानी व्याख्या करके मोटी रकम पीटने का जुगाड़ कर रहे लोगों को मेरी आज दोपहर की पोस्ट से मिर्ची लग गयी है ,,, टेट मेरिट का व्यापार करने वालों के लिए 100-115 वाले हमेशा से आसान शिकार रहे हैं,,, अभी तक तो 115-132 वाले इन्हें ठगते थे लेकिन इस बार 103 वाले की नजर इनकी जेब पर है ,,,यदि बात अधिक से अधिक वसूली की ना होती तो अब तक याचिका पड़ चुकी होती ,,, शैलेन्द्र श्रीवास्तव की फीस मात्र 35,000₹ है और शेष खर्च अधिकतम 15,000₹ होगा ,इससे ज्यादा रुपया तो कल मीटिंग में आने वाले लोगों ने किराए तथा खाने-पीने में खर्च कर दिया होगा ,, इन लोगों के अनुसार 50,000₹ खर्च करके याचिका करने से स्नातक में 5% की छूट का लाभ उठाकर बीएड करने वालों तथा आयुसीमा में छूट पाने वालों की reshuffling रुक जायेगी ,, कानूनन क्या सही और क्या गलत है इसका फैसला तो कोर्ट में होगा ना कि फेसबुक पर ,, यदि यह सब चन्दा वसूली और नेतागिरी के लिए नहीं हो रहा है तो रूपये का इंतजाम मैं किये दे रहा हूँ जिससे यथाशीघ्र सच और झूठ का पता भी चल जाए और लोग लुटने से भी बच जाएँ ,,,, राजेश पांडे ने शिक्षा मित्रों की ट्रेनिंग वाली याचिका reopen कराने के लिए टेट मेरिट वालों से collection किया था जो कि पूरी तरह सुरक्षित होगा ,,, उनसे 50,000 ₹ लेकर वकील का पेमेंट किया जाए जिससे जल्द से जल्द सबको पता चल सके कि कौन किसे बेवकूफ बना रहा है ,,,, हाँ यदि किसी को भर्ती फँसाने का दिवास्वप्न देखने का शौक हो तो जाकर कपिलदेव के clients से चन्दा वसूले ,,, यदि वकील की फीस का इंतजाम उपरोक्त तरीकों से ना हो पाए तो कल की मीटिंग में गए लोग मुझे हिमांशू राणा 103 सामान्य पु विज्ञान के चयन का एक भी फार्मूला बता दें तो मैं अपने पास से पूरी फीस देने को तैयार हूँ ,,, यदि किसी टेट मेरिट समर्थक ने ईश्वर प्रदत्त टेट मेरिट से हो रही भर्ती फँसाने के लिए चंदे में चवन्नी भी दे दी तो उसे गौ हत्या के समान पाप लगेगा ,,
आप सभी का स्वागत है।जरा resuffling के सही नियमो को ताक पर रखवा कर भरती करवाना चाहते है।
ReplyDeleteविज्ञापन को नियमो को ताक़ पर रखवा कर मास्टर बनाना चाहते है।
फर्जीवाड़े को चरम सीमा पर लाकर पत्नी सहित मास्टर मास्टरनी बनाना चाहते है।
तो जरा रुक जाइए इतनी जल्दी भी क्या है।
5.13 Only such SC/ST/OBC candidates who are selected on the same standard as applied to general candidates shall be treated as own merit candidates. If any SC/ST/OBC candidate is selected by getting any relaxation in experience qualification, number of permitted chances in written examination, zone of consideration etc., he/she shall be counted against reserved vacancies. Such a candidate cannot be considered for appointment against an unreserved vacancy.
मैं किसी आरक्षित वर्ग के भाई को ठेस नहीं पहुचाना चाहता हूँ लेकिन यह मेरे निजी विचार नहीं है बल्कि सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट है अगर किसी भाई या बहन की भावनायें आहत होती है तो मैं छमाप्रार्थी हूँ l
शुभ रात्रि भाइयों l
As per my calucalations more than 14500 out of 18212 general women seats have been filled after completion of 2nd counseling.
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