सहारनपुर, जागरण संवाददाता : टीइटी के 'मायाजाल' को भेदने के लिए आलाअधिकारी माथापच्ची में जुटे हैं। परीक्षा रद करने को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। अफसरों का मानना है कि यदि प्रक्रिया रद की गई तो इसका हाल भी बीटीसी-2001 जैसा हो जायेगा। इसमें सरकार को बड़ी कानूनी उलझनों का सामना करना पड़ सकता है। नए विकल्पों की तलाश में अधिकारी गुडवर्क में जुटे हैं और पूरा मामला प्रदेश सरकार के विचाराधीन है।
प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक पदों पर नियुक्ति का इंतजार कर रहे टीइटी अभ्यर्थी असमंजस से गुजर रहे हैं। नियुक्ति के लिए समस्त बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से विज्ञापन जारी किया गया था, जिसे नियम विरुद्ध बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। प्रक्रिया पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाई गई है। दूसरी ओर टीइटी घोटाले में निदेशक माध्यमिक शिक्षा संजय मोहन सहित आधा दर्जन अन्य लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। घोटाले की जांच में कई और अधिकारियों के लपेटे में आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
प्रक्रिया रद हुई तो बड़ा उलटफेर!
विभागीय सूत्रों के मुताबिक यदि टीइटी प्रक्रिया रद्द हुई तो बड़े उलटफेर की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। टीइटी का बीटीसी-2001 जैसा हश्र न हो, इसे ध्यान में रखते हुए आलाअधिकारी ऐसा फ्रेमवर्क तैयार करने में जुटे है कि मौजूदा प्रक्रिया को ही सिरे चढ़ा दिया जाए। इसके पीछे अफसरों का मानना है कि ऐसा किए जाने की स्थिति में भविष्य की बड़ी कानूनी उलझनों से बचा जा सकेगा। दूसरा यह कि काउंसलिंग के दौरान अभ्यर्थी से ओएमआर की तृतीय प्रति व टीइटी प्रमाणपत्र मूल रूप में मंगाया जाये तथा इंटरनेट पर घोषित रिजल्ट से उक्त प्रमाण-पत्र की जांच की जायेगी।
यह थी टीइटी परीक्षा
प्रदेश शासन द्वारा टीईटी का जिम्मा माध्यमिक शिक्षा परिषद को सौंपा था। 13 नवंबर को प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर कराई गई थी। प्राइमरी के घोषित रिजल्ट में 2.70 लाख से अधिक अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के टीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में नौ जनवरी तक आवेदन पत्र मांगे गए थे। माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा जनवरी के दूसरे पखवाड़े में संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालयों से टीइटी प्रमाणपत्रों का वितरण कराया गया था।
News : Jagran (7.4.12)
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ReplyDeletebharti jald se jald shuru ki jaye
ReplyDeletebilkul sahee hai counselling ke time original photo copy omr ke present kerni chahiye; aur is tarah kitni gadbadi hui hai kisne ke hai pta chal sakta hai: aur pre advertisement ke anusaar chayan bhi ho jayega: no changing in process : nahee to supreme court to hai he:
ReplyDeleteha ha hu hu he he ho ho
ReplyDeleteGood idea of up government.
ReplyDeleteGood idea of up government.
ReplyDeleteHamare officers ki soch bilkul right hai.
ReplyDeleteye khatte-khatte comment delete karte
ReplyDeleterahiye......
apse ek request hai ki ye suchana
display kar dijiye ki..
tet merit se sambandhit kewal achhi-achhi comments ko hi display kiya jayega...
lekin ussse kuch nahi hone wala hai
kayonki ye to double bench me jane walo ko bhi achhi tarah se pata hai
ki vigyapan 100% nirast hoga...
we kewal is chalaki me gaye the ki
kisi tarah se stay hata kar niukti karawa lo baad me btc 2001 ki tarah se court se rahat le lenge...
Yadi asa ho jai to maza aa jai
ReplyDeleteDear Muskan ji,
ReplyDeletei am using your blog long time to share my views but today i felt so upset by seeing the comment on "official.." i dnt know what was the matter but the comment which shows in that list is showing very abusive language using by other members..i am requesting u to plz. del that bcoz sum of our sisters also seening that comment and which left a very bad impression on her..so plz its an request to you.
Regard's
TET Sangarsh Morcha,UP(W)
kya ho raha hai ye sab ab omr ki third copy ke liye log court jayenge kyon ki certificate ki compulsion lagai jaa sakti hai par omr sheet ki third copy ki nahi.
ReplyDeleteMr. dwi.raja,
DeleteKya aap ne omr ki copy fek di hai? Bhai sahab jab is prakriya ko lekar itne vivad chal rahe ho to aisi galti aap ne kaise kar di. Are ye to answer sheet ki copy hai, kya pata appli.forms ki photocopy, post office reciept, admit card, pratyek sansodhan ke bad mile marks ki internet copy ki bhi jaroorat pad jaye. Kripaya use dhood kar nikale, anyatha aap highcourt to kya suprimcourt bhi chale jay to bhi kuch nahi hone wala. Kyoki court ya sarkar, kisi ke paas fraud candidates ki jaach ke liye iske alawa anya koi vikalp nahi hai.
Kumar ji u r 100% right
ReplyDelete@ meenu ji or kamar ji
ReplyDeleteaap to kuch na bole to hi accha hai
ye dhokha har jaga nahi chalega...
ReplyDeleteashok khare double bench ko hi gumrah kar rahe the ki kewal ek aadmi ke karan 72825 ki niukti nahi roki ja sakati hai jabki unhe ye pata nahi tha ki iss tarah ki ek hi nahi aneko
yachikaye hain.
agar ashk khare jaisa wakil court
ko ye nahi samajha saka ki niyamo ke anusar ye vigyapan sahi hai
atah stay hata liya jaye.
vigyapan to 100% irasat hoga.
meri samajh me ye nhi ata ki ye log acchi tarah jante h inki is blog par koi larurat nhi hai,,,
ReplyDeletefir bhi pata nhi kyu apna dimag sahi karyo me kyu nhi laga paate?
@ kumar ji
ReplyDeleteab shayad apko yaha se chale jana chahiye.....
@rajeev kumar ji
ReplyDeleteakhir mujhe kayo chala jana chahiye
kaya mai gali galouj kar raha hoon.
ya phir अभद्र comment kar raha hoon.
bus mujhe samjha do mai chala jata hoon.
Kumar aur Meenu ji,
ReplyDeleteAgar aap logo ko tet samarthako ki baate pasand nahi aati to aap aise blog ko padte hi kyo hai? Aap aisa hi samajh le ki yah tet samarthko ka blog hai. Agar aap ko apne point rakhne hai to aap bhi apna ek naya blog shuru kar sakte hai jaha na aap ke comments delete hoge aur na koi aap ka virodh karega. Lekin yaha aap tet samarthako ke adde par hi unka virodh karenga to unko gussa aaega hi. Atah aap please yaha na aaye. Bahut baut dhanyawad.
mehnat ka phal jaroor milta hai aur sabi tet paas student ne mehnat se yeh pariksha paas ki hai isliye hamara viswash hai ki sabhi rukavaten door hongi aur jaldi hi bharti prakriya tet merit par hi shuru ho jayegi.
ReplyDeleteagar aisa nahi hota hai to sarkar anyay karegi aur akhilesh ji apane oopar mehnti logon ki barbadi ka daag lenge.jo bhavisya ke liye subh saket nahi hoga.
@ kumar ji
ReplyDeleteapki ray ki yaha koi jarurat nhi hai.... aap bin bulae mehman kyu ban rahe hai, apko bahot logo ne mana kiya hai yaha comment karne se
@ meenu ji
ReplyDeletemeri ray apke liye bhi kumar ji jaisi hi hai...
so plzzzzzzzzzzzzzzzzzzzz
kal k liye humare lawyer wahi hai kya?
ReplyDeleteसच है, विपत्ति जब आती है,
ReplyDeleteकायर को ही दहलाती है,
शूरमा नहीं विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं।
मुख से न कभी उफ कहते हैं,
संकट का चरण न गहते हैं,
जो आ पड़ता सब सहते हैं,
उद्योग-निरत नित रहते हैं,
शूलों का मूल नसाने को,
बढ़ खुद विपत्ति पर छाने को।
है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके वीर नर के मग में
खम ठोंक ठेलता है जब नर,
पर्वत के जाते पाँव उखड़।
मानव जब जोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है।
गुण बड़े एक से एक प्रखर,
हैं छिपे मानवों के भीतर,
मेंहदी में जैसे लाली हो,
वर्तिका-बीच उजियाली हो।
बत्ती जो नहीं जलाता है
रोशनी नहीं वह पाता है।
पीसा जाता जब इक्षु-दण्ड,
झरती रस की धारा अखण्ड,
मेंहदी जब सहती है प्रहार,
बनती ललनाओं का सिंगार।
जब फूल पिरोये जाते हैं,
हम उनको गले लगाते हैं।
वसुधा का नेता कौन हुआ?
भूखण्ड-विजेता कौन हुआ?
अतुलित यश क्रेता कौन हुआ?
नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ?
जिसने न कभी आराम किया,
विघ्नों में रहकर नाम किया।
जब विघ्न सामने आते हैं,
सोते से हमें जगाते हैं,
मन को मरोड़ते हैं पल-पल,
तन को झँझोरते हैं पल-पल।
सत्पथ की ओर लगाकर ही,
जाते हैं हमें जगाकर ही।
वाटिका और वन एक नहीं,
आराम और रण एक नहीं।
वर्षा, अंधड़, आतप अखंड,
पौरुष के हैं साधन प्रचण्ड।
वन में प्रसून तो खिलते हैं,
बागों में शाल न मिलते हैं।
कङ्करियाँ जिनकी सेज सुघर,
छाया देता केवल अम्बर,
विपदाएँ दूध पिलाती हैं,
लोरी आँधियाँ सुनाती हैं।
जो लाक्षा-गृह में जलते हैं,
वे ही शूरमा निकलते हैं।
बढ़कर विपत्तियों पर छा जा,
मेरे किशोर! मेरे ताजा!
जीवन का रस छन जाने दे,
तन को पत्थर बन जाने दे।
तू स्वयं तेज भयकारी है,
क्या कर सकती चिनगारी है?
hum nishhchit he jald is ladaayi mein jeetenge. mujhe poora vishwas hai. ek sher arz hai k
ReplyDelete" FALAK KO ZID HAI JAHA BIJLIYA GIRAANE KI,,
HUME BHI ZID HAI WAHA AASHIYAN BANANE KI.........".
I HOPE THIS SHER BRINGS MORE CONFIDENCE TO TETIANS SO THAT THEY REMAIN UNITED & FIGHT BACK FOR THEIR RIGHTS.... JAI HIND