UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates /
Teacher Recruitment News
72825 Teacher Recruitment, 29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment, Supreme Court of India,
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आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं , सुनने में आ रहा है कि टी ई टी मोर्चा ने अपनी तैयारी न होने की वजह से अगली तारीख 14 फरवरी के दिन सुनवाई की मांग रखी और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने अगली तारीख 14 फरवरी के दिन तारीख पर सुनवाई कि इजाजत दे दी है ।
आजकल सोशल मीडिया पर यह भी सुनने में आया है कि टी ई टी मोर्चा आपस में दो फाड़ हो चुका है और उनमें आपसी मतभेद हो गए हैं , कोई मुख्य वकील की अनुपलब्धता बता रहा है तो कोई धन की कमी बता रहा है जिस से वकील को पर्याप्त पैसा नहीं मिल पाने से वो अनुपलब्ध है , कोई केह रहा है कि टी ई टी मोर्चा ने कई जिलों में इकाइयां बनाई थी और वो इकाइयां अभी धन को देने में निर्णय नहीं कर पायी कि किसको देना है ।
एक और सबसे बड़ा कारण सुनने में आया है कि जब से जूनियर साइंस / मेथ की भर्ती निकली गयी तब से टी ई टी आर्ट्स वाले इसको बुरा मान बैठे हैं , और टी ई टी मोर्चा के नेताओं में टी ई टी आर्ट्स वाले भी हैं , और वे चाह रहे हैं सरकार द्वारा जूनियर शिक्षकों कि भर्ती का काउंसलिंग सम्बन्धी शासनादेश लागु न हो पाये (यह शासनादेश 5 और 8 फरवरी को मेरिट लिस्ट निकले जाने व 12 फरवरी से 29334 शिक्षकों कि सुप्रीम कोर्ट आदेशानुसार सशर्त काउंसलिंग से सम्बंधित था ) और इस कारण से तारिख लेने में थोड़ी देरी की जाये ।
उपरोक्त घटनाक्रम सोशल मीडिया से मिली जानकारी पर आधारित है |
आप लोग आज के घटना क्रम से सम्बंधित अपनी राय कमेंट के माध्यम से दे सकते हैं , और लेख में संसोधन के बारे में भी लिख सकते हैं
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क्या है टी ई टी मेरिट का इतिहास -
टी ई टी मेरिट से 72825 शिक्षकों की भर्ती का निर्णय मायावती / बसपा सरकार ने लिया था और उस समय कोर्ट ने टी ई टी मेरिट से भर्ती को
एन सी टी ई नियमावली के विरुद्द नहीं माना था ।
वास्तव में मायावती सरकार ने टी ई टी अंको के वेंट्ज का एक्सट्रीम / उच्चतम स्तर लिया था ( एन सी टी ई नियमावली के अनुसार भर्ती कि चयन प्रक्रिया में टी ई टी परीक्षा के अंको का वेटेज लिया जाना चाहिए , पर यह नहीं लिखा था कि कितना वेटेज लिया जाना चाहिए , और माया सरकार के शत प्रतिशत
वेटेज को कोर्ट ने एन सी टी ई नियम विरुद्द नहीं माना था )
उसके बाद समय गुजरता गया , नए नए केस अदालत के सामने आते गए और अदालत के निर्णयानुसार टी ई टी परीक्षा में गलत प्रश्नो का लाभ सभी अभ्यर्थीयों को दिया गया
उसके बाद एक अभ्यर्थी कपिल देव यादव ने एक नया दांव आजमाया कि 72825 शिक्षकों का विज्ञापन बी एस ए द्वारा नहीं जारी किया गया , बल्कि यह
सचिव द्वारा जारी किया गया है और यह नियमत सही नहीं है (हालाँकि किसी बी एस ए ने इस विज्ञापन मामले की शिकायत नहीं की )
और उसके बाद भर्ती पर स्टे पर स्टे चलता गया ।
और उस दोरान अभ्यर्थी अपनी शीघ्र भर्ती चाहते थे और टी ई टी मेरिट से भर्ती पर जोर पकड़ा हुआ था ।
लेकिन अचानक से नए समीकरणों का जन्म हुआ , उत्तर प्रदेश सरकार बदल गयी , टी ई टी परीक्षा पर धांधली / अनियमितताओं के आरोप लगे ।
और नयी सपा सरकार ने टी ई टी परीक्षा की अनियमितताओं / धांधली को दूर करने के लिए भर्ती टी ई टी मेरिट से न करने और इसको अकादमिक
मेरिट से करने का विज्ञापन निकाला ।
भर्ती अकादमिक मेरिट से किए जाने के बाद टी ई टी संघ दो भागों में बाँट गया - 1. टी ई टी मेरिट से भर्ती चाहने वालों का
2. अकादमिक अंको से भर्ती चाहने वालों का
उस दोरान इलाहबाद हाई कोर्ट ने होने निर्णय के दोरान कहा कि - यू पी सरकार को गुड पार्ट में से बेड पार्ट को अलग कर के भर्ती की जानी चाहिए
दूसरे निर्णय में - सरकार द्वारा नया विज्ञापन निकाले जाने से , कपिल देव यादव की याचिका स्व्यं समाप्त हो गयी
इस दोरान नए नए पेच भर्ती में लगते रहे , एक बड़ा विवाद नॉन टेट वालों की भर्ती को लेकर आया , और उसके लिए इलाहबाद हाई कोर्ट ने लार्जर बेंच गठित की , जिसमें लार्जर बेंच ने नॉन टेट अभ्यर्थीयों की भर्ती पर रोक लगा दी , मतलब नियमित शिक्षक बनने के लिए एन सी टी ई नियमानुसार
टी ई टी परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है
इसके बाद भर्ती में फिर अचानक मोड़ आया , जिसमे इलाहबाद हाई कोर्ट ने एन वक्त पर अकादमिक अंको से काउंसलिंग / भर्ती पर स्टे लगा दिया ।
फिर इसके बाद मामला कई रास्तों से होता हुआ इलाहबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच में पहुंचा , जिसमें इलाहबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीशों ने पाया
कि धांधली को सतही तोर से जांचा माना , और पर्याप्त सबूतों के अभाव में धांधली की बात को सही नहीं माना
(मायावती सरकार ने धांधली रोकने के लिए ओ एम् आर कॉपी की तीन प्रति बनवाई थी , जिसमें ओ एम् आर की एक कार्बन कॉपी अभ्यर्थीयों को दी थी ,
उत्तर पेन द्वारा गोले कर भरवाये गए थे जिस से उनको बाद में कोई परिवर्तित न कर सके , और नेगेटिव मार्किंग न रखे जाने का प्रावधान था जिस से
लोग ओ एम् आर में अधिक से अधिक पेन द्वारा उत्तर दें और बाद में उसे परिवर्तित कर किसी को फायदा न पहंुचाया जा सके )
और धांधली की बात नहीं पाए जाने पर , टी ई टी मेरिट से नियुक्ति के पुराने विज्ञापन को बहाल कर दिया ।
इस दोरान उत्तर प्रदेश सरकार ने जूनियर शिक्षकों की भर्ती में साइंस , मेथ अध्यापकों का शासनादेश जारी किया और कुछ समय पर्यान्त
साइंस / मेथ शिक्षकों कि भर्ती'का विज्ञापन जारी कर दिया ।
यह घंटना क्रम होने के बाद टी ई टी मोर्चा में एक और विभाजन सा हो गया और टी ई टी आर्ट्स और टी ई टी साइंस उत्तीर्ण
पुराना विज्ञापन बहाल होने व सरकार द्वारा किये गए 15 वे संसोधन को रद्द होने , उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुँच गयी
ऐसा सुनने में आ रहा है जब से जूनियर साइंस / मेथ की भर्ती निकली गयी तब से टी ई टी आर्ट्स वाले इसको बुरा मान बैठे हैं और
टी ई टी मोर्चा के नेताओं में टी ई टी आर्ट्स वाले भी हैं , और वे चाह रहे हैं सरकार द्वारा जूनियर शिक्षकों कि भर्ती का काउंसलिंग सम्बन्धी
शासनादेश लागु न हो पाये (यह शासनादेश 5 और 8 फरवरी को मेरिट लिस्ट निकले जाने व 12 फरवरी से 29334 शिक्षकों कि सुप्रीम कोर्ट आदेशानुसार
सशर्त काउंसलिंग से सम्बंधित था ) और इस कारण से तारिख लेने में थोड़ी देरी की जाये ।
29334 जूनियर साइंस / मेथ शिक्षकों की भर्ती सपा सरकार की नाक का सवाल है , क्यूंकि यह सपा सरकार द्वारा निकली गयी अब तक की सबसे बड़ी फ्रेश भर्ती है , 72825 शिक्षकों की भर्ती भी सपा सरकार द्वारा बदलाव कर दोबारा से निकाली गयी लेकिन इस मामले में कोर्ट ने मायावती की बसपा सरकार द्वारा निकले गए विज्ञापन को बहाल कर दिया ।
अगर 29334 जूनियर साइंस / मेथ शिक्षकों की भर्ती पहले होती है तो लगभग 20 -25 हज़ार अतिरिक्त शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थीयों को सुनहरा अवसर मिल सकता है ।
पर अगर 72825 शिक्षकों की भर्ती पहले होती है तो यही सुनहरा अवसर नुक्सान में भी बदल सकता है , क्यूंकि ज्यादातर प्राथमिक भर्ती के उम्मेदवार वही हैं जिन्होंने 29334 शिक्षकों की भर्ती में आवेदन किया है
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एन सी टी ई / आर टी ई एक्ट कहता है कि -
1. टी ई टी परीक्षा के अंको को चयन में वेटेज दिया जाये -
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2. अभ्यर्थी अपने टी ई टी परीक्षा के अंको को बढ़ाने के लिए टी ई टी परीक्षा को दोबारा से दे सकते है
भला कोई बेरोजगार अभ्यर्थी टी ई टी परीक्षा को दोबारा से क्यूँ दे , जब वह एक बार
परीक्षा दे कर उसे उत्तीर्ण कर चुका है
CTET Notification : -
There is no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a CTET Certificate. A person who has qualified CTET may also appear again for improving his/her score
http://ctet.nic.in/ctetapp/validity_period.aspx
http://ctet.nic.in/ctetapp/PDF/IB_2014.pdf
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ये कुछ बातें हैं जो सुप्रीम कोर्ट में ७२८२५ शिक्षकों की भर्ती में टी ई टी मेरिट वालों का पलड़ा भारी करती हैं
इन्ही बातों को हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनते वक्त संज्ञान में लिया था , और टी ई टी मेरिट वालों के पक्ष में फैसला दिया ।
साथ ही शुद्ध अकादमिक मेरिट से भर्ती पर प्रश्न चिन्ह लग गया था
लेकिन ऐसा जरूरी नहीं कि सभी भर्ती सिर्फ टी ई टी मेरिट से हों , अन्य राज्यों में भर्ती - टी ई टी अंको के वेटेज से + अकादमिक अंको के वेटेज से भी हुई हैं
उत्तर प्रदेश में टी ई टी परीक्षा दो बार हो चुकी है , सी टी ई टी परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी हैं , ऐसे में नयी भर्तियों टीईटी वेटेज सम्भव है ,
लेकिन किसी एक परीक्षा को आधार बना कर चयन करना सम्भव नहीं ,
और एन सी टी ई नियमानुसार चयन में टी ई टी अंको का वेटेज भी देना है
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जबकि सी टी ई टी अपने परीक्षा के नोटिफिकेशन में अंक वृद्दि हेतु दोबारा से परीक्षा में बैठने की बात (एन सी टी ई गाइडलाइंस के तहत ) लिखता है-
CTET Notification : -
There is no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a CTET Certificate. A person who has qualified CTET may also appear again for improving his/her score
http://ctet.nic.in/ctetapp/validity_period.aspx
http://ctet.nic.in/ctetapp/PDF/IB_2014.pdf
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TET MORCHA KE EK SADASYA KE HAVAALE SE SOCIAL MEDIA MEIN KHABAR HAI KI :-
Vinay Pandey Allahabad
( 7 FEB KI SUNWAI PAR UHAPOH BARKARAR)
MERE TET SUPPORTER SATHIYO..
Jaisa ki 7 feb ki date suprime court ki website par show ho rahi hai par kal kya sunwai hogi ,is par sansay barkarar hai..is visay par alag alag ray nimnvat hai..
1) acording to tet morcha pradesh adhyax..ganesh dixit..7 feb ko sunwai hona muskil..,.17 tak kisi halat me sunwai nahi hogi,.date lagne se pahle caviet dalne wale ko sarkar notice bhejti hai aur jab tak notice ki reciving ki copy court me uplabdh nahi hoti tab tak sunwai ho nahi sakti..aur notice registry ke madhyam se aane aur reciving fir court me pahuchne me time lagega..
2) acording to vidhi adhyax s.k.pathak..kal sunwai hona court ke mud par depend hai..hamne caviet ki reciving court tak by hand hand over kar diya hai taki kal hi sunwai chalu ho..agar 7 ko nahi to 10 ko sunwai hona tay hai..
3) acording to vidhik salahkar adwocate navin sharma..kal jarur ku6 na ku6 sunwai hogi..aur 10 ko court urgency mankar next date laga skti hai..jisme kafi ku6 tasvir clear ho jayegi..
4) dosto urdu sikshak ki niyukti rokne se naraj urdu aawedako ke lucknow me dharne se baithne par sarkar sakriy ho gyi hai ,isiliye wo ise urgency btakar jald sunwai ki apeal ki hai..kyuki 15va sansodhan radd hone se sarkar ki tenson badh gyi hai..aur dharm vishesh ki tustikaran ko loksbha me bhunane ki chahat rakhne wali sarkar ke liye urdu sikshak ki niyukti radd hone ka khatra madra raha hai ,isiliye sarkar achanak sakriy hui hai..
Dosto uhapoh bhale ho par agar kal sunwai hoti hai ye ham tetian k liye khusi ki bat hogi..thanx ..jai mata di..jai tet merit
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AAKHIR TET MORCHA KO KAL KI SUNVAYEE SE KYA PROBLEM HAI.
KYA UNKI TARYAREE POOREE NAHIN HAI ??
KYA YACHEE (PETITIONER) AUR USKA WAQEEL (LAWYER) SEEDHE COURT ROOM NAHIN PAHUNCH SAKTE.
RECEIVING KA JHAMELAA KYUN HO RAHAA HAI.
LAKHON CANDIDATE KI BHRTEE RUKEE PADEEE HAI.
JUNIOR BHRTEE KE AAVEDAK IS GHANTNAKRAM SE DUKHEE HAIN.
PRIME POST OF UPTET APPOINTMENT>>>>>>>>
ReplyDeleteMERE TET SUPPORTER SATHIYO..
jaisa ki aaj suprime court me hamare case ki sunwai thi par hamare wakilo ne court ko yah btaya ki hamare yachiyo ko sarkar ke slp ki notice 6 feb ko mili jisase ham itne jald bahas ki sthiti me nahi hai ,unhone court se date agle hafte lagane ki request ki aur court ne yah man liya..
शिक्षक भर्ती मामले पर सर्वोच्च न्यायालय मे आज सरकार की तरफ से दो बातों पर जोर दिया गया । पहला हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे नोटिस जारी करना जिससे कोर्ट ने मामले से भली भाँति परिचित होने की बात कह कर स्टे नोटिस जारी करने से स्पष्ट इनकार कर दिया और दूसरा नान टेट मामले को भी 72825 मामले से जोड़ना । कोर्ट ने संबंधित फाइल मंगाकर अगली तारीख मे समान विषय होने पर ही कनेक्ट करने की बात कही । नान टेट मामले को जोड़ने के पीछे सरकार की मंशा 15वें संशोधन को बचाना नही बल्कि मामले को लंबा खींचना मात्र है ताकि वह चुनाव मे अकेडमिक वालों को मूर्ख बनाकर अपना उल्लू सीधा कर सके । टेट मोर्चा के वकीलों ने शीघ्र निपटारे की रणनीति के तहत इसका विरोध किया । नान टेट मामले पर ब्रहद पीठ का आदेश टेट मैरिट की नींव को मजबूती प्रदान करने वाला ऐसा स्तंभ है जिसके हर शब्द मे अकेडमिक के पतन की चीख सुनाई पड़ती है । यह वही आदेश है जिसमे टेट को मात्र पात्रता परीक्षा मानने से इनकार किया गया है । टेट को not merely an eligibility test but an overall performance test अर्थात सर्वाधिक महत्वपूर्ण परीक्षा , अकेडमिक परीक्षाओं का सार निकालने वाली परीक्षा , गेहूँ को भूसे से अलग करने वाली परीक्षा कहा गया है । यह वही आदेश है जिसमे कहा गया है कि टेट के अंको को इग्नोर नही किया जा सकता । यह वही आदेश है जिसमे कहा गया है कि weightage should be given whether it is 1% or 100% . यह वही आदेश है जिसमे कहा गया है कि 100% weightage is better than 1% . सरकारी वकील साहब की वास्तविक रणनीति क्या है अगली तारीख मे टेट मैरिट से चयन की घोषणा के बाद स्पष्ट हो जाएगी । मुझे तो लगता है माननीय कोर्ट सरकार की मंशा समझ चुकी है आदेश रूपी हथौड़ा चलना बाकी
ReplyDeleteSahi kaha....
ReplyDeleteAb to 14 ka intzaar hai...