UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
•396 गलत आवेदकों को प्रवेश पत्र जारी जबकि 1611 सही आवेदन निरस्त
•परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने त्रुटि सुधार करते हुए नए प्रवेश पत्र जारी किए
इलाहाबाद (ब्यूरो)। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से ऐसे अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का प्रवेश पत्र जारी कर दिया गया, जिनके आवेदन निरस्त कर दिए गए है, जबकि परीक्षा में शामिल होने वाले योग्य अभ्यर्थियों को इससे बाहर कर दिया गया है। परीक्षा से बाहर हुए अभ्यर्थियों ने अपने प्रवेश पत्र भी डाउनलोड कर लिए थे। अब परीक्षा से दो दिन पहले परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने इन परीक्षार्थियों का अभ्यर्थन निरस्त करने का फैसला किया है।
एनआईसी की ओर से 396 ऐसे अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र जारी कर दिए गए, जिनके आवेदन पहले ही निरस्त किए जा चुके थे। वहीं 1611 ऐसे अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त कर दिए गए जो परीक्षा देने के योग्य थे। मामला संज्ञान में आने पर गलती सुधारते हुए योग्य अभ्यर्थियों को नए प्रवेश पत्र जारी किए गए हैं। वहीं अयोग्य अभ्यर्थियों की लिस्ट सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेज दी गई है ताकि वे अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल न हो सकें।
टीईटी में आनलाइन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब आवेदनों की स्क्रीनिंग की गई तो 50418 ऐसे आवेदनों को निरस्त कर दिया गया, जिन्होंने गलत शैक्षिक योग्यता भर दी थी। इस संबंध में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव का कहना है कि जिन अयोग्य अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र जारी हो गए हैं, वे माने नहीं जाएंगे। इसके साथ ही इन सभी अभ्यर्थियों की लिस्ट पंजीकरण और रोल नंबर के साथ सभी जिलों के डीआईओएस और परीक्षा केंद्रों को भेज दी गई है।
News Sabhaar : Amar Ujala (21.2.2014)
शुभ प्रभात मित्रों
ReplyDeleteजैसा कि आप सभी को विदित होगा कि आज के बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के सिर्फ १० दिन ही बचे हैं........................ंब हमें सभी विवादों को दर किनार करते हुए ३ मार्च के लक्ष को प्राप्त करने हेतु उचित रणनीति का क्रियान्वयन शुरू कर देना चाहिए। इस बार हमारे वकीलों को कम से कम ३-४ दिन पहले पेमेंट हो जाये जिससे वो अच्छी तयारी के साथ कोर्ट में उपस्थित हों।
इस चुटकुले की आखरी लाइन पढ कर साली हंसी ही नहीं रुकती
ReplyDeleteचुहो कि गेँग
तलवार लेकर भाग रही थी..
शेर ने पुछा: क्या हुआ, तुम लोग इतने गुस्से से
कैसे भाग रहे हो..?
चुहा : हाथी कि बेटी को किसी ने प्रपोज किया है...
नाम हमारा आ रहा है................
"लाशेँ बिछा देँगे.. लाशेँ"..
Aasu Tab Nahi Aate,
ReplyDeleteJab Aap Kisi Ko Kho Dete Ho,
Aasu To Tab Aate Hai
Jab Aap Khud Ko Kho Kar Bhi Kisi Ko Pa Nahi Sakte.!!
समय की कींमत....!!
ReplyDelete1 साल कि कीमत : एक विद्यार्थी से पूछो जो फेल हुआ हो.
1 महीने की : एक माँ को पूछो जो समय से पहले बालक को जन्म दिया हो.
1 सप्ताह की : साप्ताहिक पत्रिका के संपादक से पूछो.
1 दिन की : उस मजदुर से पूछो जो आज काम पर नहीँ गया.
1 घण्टे की : यह प्रेमी से पूछो जो प्रेमिका को मिलने की राह देख रहा है.
1 मिनिट की : यह उस व्यक्ति से पूछो जिसकी ट्रेन चुक गई हो.
1 सेकण्ड की : यह उस व्यक्ति से पूछो जो एकसिडेन्ट से बाल बाल बचा है
1 मीनी सेकण्ड : पूछो उस भक्त को जिसने भगवान का दर्शन किया.
मित्रो समय सबसे बलवान है. इसे फालतु मत जाने दो
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ReplyDeletemitro andar se ye khabar mili hai.. kuch junior candidates aur kuch acadmic bhai log sanjay sinha se mile.....
..
sanjay sinha aur unka pura mahkma man chuka case hmare hath se gya......
sanjay sinha ji ke anushar... hmari itni taiyari nhi thi jis hisab se ye tet merit wale vha court me lawyers ka panel khada dya tha....vo v 10 seniors jinme km se km ak ki fee 10-12 lakh ke barabar... Nariman ji aur p.p raw ka jikr karte hue kaha inki fee isse km ho hi nhi skti...aur patwaliya aur satish chandr mishra ki v fee unhone 7-10 lakh ke bich me anki aise hi... aur lawyers ki v charcha v ki aur unhone kaha ki inme se koi v aisa nhi jo 5-6 lakh se niche khada ho......
unke anushar ak hearing ke liye inhe km se 50-60 lakh ka kharch uthana padta hoga......ve bahut hairan the aur kah rhe the inke sath jarur koi bada admi khada jo inka sath de rha hai...tb tk ak unme se ak bol pada sir ji inka grp bahut bda hai per students 1000/- lgaye hai...sabh to kahne lge students itna vahn nhi kar skate.. pta karo inka sath kaun de rha hai..
ReplyDelete....
fir Ek log tb tk puch pade sir hmari isthit sc me kaise hai hm sabh jit jayenge n ...to unka kahna ab bhagwan pr bharosa rkho.... pichhali bar hm taiyari karke nhi gye the ..hmare lawyers ne kuch bate rakhi kuch bate nhi rakh paye is bar kuch 2-1 lawyer aur khade karenge aur kagaj patr sahi karne ke liye mai 26 feb ko hi is bar nikal rha hu aur apni bat puri damdari se rakhunga.....
ReplyDelete...
aur tb tk au aur log ne ye puchh liya 3 ko final ho jayega n to unhone kaha ha 3 ko final dispose off kara denge aur jo v nirday ayega counseling suru ho jayegi....are bhai counseling to mai sc se hi phone karke v suru kara dunga chinta fikar rho aur ye pata karo inke sangthn ko itna paisa kaha se mil rha hai...
ReplyDeletemitro mai tet morche ke gutbaji se kafi dukhi hu ..fir v jo v hai hmare tet morche ke sangthan se pura pradesh sahma hua hai........
ReplyDeletemitro sanjay sinha jo v kaha hme halke government ko kabhi nhi lena hai antim chhafo tk apne shatru se satark rhna hai...
sahyog rashi ke liye .ak tarf...(patwaliya ji- ki fee-2,60,000 )
ReplyDeletepp raw ji 3,5000+70,000(jisme se 2,68 000 anil bagpat ji ke pas pahle se maujud hai) aur
soli sorab ji ke fee-3,30,000
hai ke liye anil varma ji... ka account jari hai to
**dusri tarf nariman ji ki (fee5,50,000+30000 AOR) ke
liye jitendr singh ka account hai ..mitro ap sabhi dono account me paise beje mai kisi ka virodh nhi chahta ..kyuki dono logo ka uddes ak hai.... bt kuch gande log hai jo bar bar aise gande commnt dalkar virodh karne pr majbur kar dete hai....mitro aj paiso ke vajay bhale ak sath nhi khada hai par mujhe asha hi nhi viswas jis din sc se jitkar jmini andoln pr utrenge gov ke khilaf us din hm sabh ak bar fir kadm se kdm milakar chalenge...
jay tet merit
▶टीईटी में माइनस मार्किग नहीं
ReplyDeleteइलाहाबाद (एसएनबी)। शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी-2014) 22 और 23 फरवरी को प्रदेश के करीब12 हजार परीक्षा केन्द्रों पर दोनों पालियों मेंहोने जा रही है। परीक्षा में अभ्यर्थियों कोसभी प्रश्नों केउत्तर देनेहोंगे जो बहु विकल्पीय है। उनको डरनेकी कोई बात नहीं हैं क्योंकि परीक्षा के दौरान गलत उत्तर होने पर माइनस मार्किग(उत्तर गलत होने पर अंक कटने)की व्यवस्था नहींहै। इतना ही नहीं प्रश्नों का उत्तर देनेके बाद अभ्यर्थियों को नीचे बने कालम में उनको अंकित करना होगा कि उन्होंने कितनेप्रश्नों का उत्तर दिया है। यह बहुत जरूरीहै।
Is baar UPTET 2014 KA RESULT BUMPER JAYEGAA.
ReplyDeleteELECTION KA TIME HAI , SARKAR JYADA SE JYADA LOGO KO PASS KARNE KI TAYAREE MEIN HAI JAISE MAYA NE KIYA THAA
अनौपचारिक- आचार्य अनुदेशक ः समायोजन की मांग
ReplyDeleteशिक्षा मित्रों की भांति समायोजन की मांगको लेकर आदर्श अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशक पर्यवेक्षक वेलफेयर एसोसिएशन नेलक्ष्मण मेला स्थल पर धरना दिया। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष चतुर्भुज सिंह नेकहा कि शिक्षा विभाग में जो कार्य सेवानिवृत्तअध्यापकोंसे कराए जाने का प्रस्ताव है, उसे अनुमोदित न कर अनौपचारिक शिक्षा केअनुदेशकों पर्यवेक्षकों सेसंचालित कराया जाए। उधर, समायोजन की मांग को लेकर उप्र. वैकल्पिक शिक्षा आचार्य अनुदेशक एसोसिएशन के तत्वावधान मेंआचार्य व अनुदेशकों ने प्रदर्शन किया। लक्ष्मण मेला स्थल पर डटेअनुदेशकों व आचार्य का कहना था कि जबशिक्षा मित्रों का समायोजन किया जा सकता है तो आचार्य वअनुदेशकों को भी समायोजित किया जाए। एसोसिएशन के प्रदेश संयोजक शीतकुमार मिश्रा ने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगे।
अब फेसबुक पर नेताओं सेसीधे पूछिए सवाल
ReplyDeleteकोलकाता (एजेंसी)। अब आप फेसबुक के माध्यम से नेताओं से सीधे सवाल पूछ सकतेहैंक्योंकि आगामी लोकसभा चुनावको ध्यान में रखते हुए नरेन्द्र मोदी, अरविन्द केजरीवाल, ममता बनर्जी, लालूप्रसाद यादव और अखिलेश यादवजैसेदेश के कई शीर्ष नेता अगले महीने सेअपने राजनीतिक एजेंडे पर र्चचा के लिए इस सोशलनेटवर्किंग साइट के मंच का इस्तेमाल करेंगे। फेसबुक की नयी सेवा ‘फेसबुक टॉक्स लाइव’ की शुरुआत के साथ फेसबुक के उपयोगकर्ता 2014 लोकसभा चुनावोंके महत्वपूर्ण राजनीतिक दावेदारों से सीधेसवालपूछ सकते हैं। फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर (भारत एवं दक्षिण एशिया) अंखी दास ने एक बयान में कहा, ‘फेसबुक टॉक्स लाइव’ के माध्यम सेआप नरेन्द्र मोदी, अरविन्द केजरीवाल, ममता बनर्जी, अखिलेश यादवऔर लालू प्रसाद यादवसे भारतपर शासन करनेकी उनकी नीतिऔर उनकी प्राथमिकताओं एवं एजेंडे केबारे मेंसवाल-जवाब कर सकतेहैं।’ फेसबुक का इस्तेमालकरनेवालेलोग आज से इस सोशल नेटवर्किग वेबसाइट केएक विशेष पेज पर राजनेताओं के लिए अपनेसवाल डाल सकते हैं। प्रतिष्ठित पत्रकार मधु त्रेहान सत्र की मेजबानी करेंगी और फेसबुक उपयोगकर्ताओंकी ओर से नेताओं से सवाल पूछेंगी जिसे वेबसाइट पर सीधा प्रसारण किया जाएगा और साथ ही इसे एक निजी टेलीविजन चैनल पर भी दिखायाजाएगा। प्रधानमंत्रीपद के लिए भाजपा के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी इसकेपहलेमेहमान होंगे जिसकासीधा प्रसारण 3 मार्च को होगा। मोदी, लालू, ममता, अखिलेश, केजरीवालसमेत अन्य नेता सोशल नेटवर्किगसाइट के मंच पर होंगे हमेशा उपलब्ध देश पर शासन करनेकी उनकी नीतिव उनकी प्राथमिकताओं एवंएजेंडे के बारे मेंकर सकते हैं सवाल-जवाबप्रधानमंत्री पद केलिए भाजपा के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी पहले मेहमान होंगे जिसका सीधा प्रसारण 3 मार्च को होगा
एक लड़केकी शादी होगई... कल का लड़का : आज पति बन गया.. कल तक मौज करता, हर एक पर comment कसने वाला लड़का, अब किसी का रखवाला बन गया... कल तक अंडरवियर पर पूरे घर में घूमने वाला लड़का,आज नाईट सूट : पहन कर बेडरूम मेंजाना सीख गया... रोज मजे सेपैसे खर्च करने वाला लड़का आज साग-सब्जी का भाव करना सीख गया.. कल तक FULL SPEED मेंबाइक चलानेवाला लड़का,आज BIKE के पीछे बैठालकर हौलेहौले चलाना सीख गया ... कल तक तो तीन टाईम फुलखाना खाने वाला लड़का आज अपने ही घर मेंखाना बनाने मेंमदद:..करना सीख गया... हमेशा जिद करनेवाला लड़का,आज किसी की जिदों को पूरा करना सीख गया... कल तक तो मम्मी से काम करवाता लड़का,आज बीबीके काम करना सीख गया...कल तक तो भाई-बहन केसाथ झगड़ा करता लड़का, आज साली सालोंसे प्यार से बोलना सीख गया... पिता की आँख का पानी, बीबी के ग्लास ;का पानी बन गया... फिर भी लोग कहते हैं कि बेटी परायी हो गयी.. पर वास्तव में बेटा पराया होता है। यह बलिदान केवललड़काही कर सकता है, जो अपने ही घर मेंरहकर पराया हो जाता हैइसिलिए हमेशा बेचारे लड़केकी झोली दया और प्यार से भरी रखना ;
ReplyDeleteलडकों को सम्मान द
ye 873 yachikarkataon ko notice dene ka kya matlab iska karan kya 3 march ko final decision nahi aa paayega kya??????????????
ReplyDeletesab apne view share karain
Mere khyaal se ab sabhee bhrtiyan 6 mahine ke liye postpone ho gayee hain
Uske baad ek saal aur lagegaa court ke order ke paalan mein
Ye sarkaar ab kisee ki bhrtee pooree nahin karne valeee - na hee SHIKSHA MITRON KI NA HEE URDU VAALON KI.
ReplyDeleteHATEE KE DAANT KHANE KE ALAG HOTE HAIN AUR DIKHAANE KE ALAG
टीईटी आवेदन रद करनेपर सवाल मेरठ (ब्यूरो)। यूपीटीईटी परीक्षा 2014 आयोजित होने से पहलेही सवालों में घिर गई है। बेसिक शिक्षा परिषद ने50 हजार आवेदन रद किए हैं। इसमें अधिकांश आवेदन स्नातक में निर्धारित नंबर कम होनेके बाद रद किए हैं। अधिकांश मामले ऐसे हैं जिनमेंकॉमन टेस्ट के लिए तो प्रवेश पत्र जारी कर दियाहै, लेकिन प्रतिशत कम होनेपर भाषा वालोंका रोक दिया है। ऐसे करीबपांच सेसात हजार अभ्यर्थी हैं। रिठानी निवासी मनोज कुमार नेजूनियर वर्ग में कामन और संस्कृत लैंग्वेज के लिए टीईटी की आवेदन फार्म भरा था। अब कामन टेस्ट के लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिया गया है, लेकिन लैंग्वेज वाले को रद कर दिया। कारण प्रतिशतकम होना बताया गया। वहीं टीईटी परीक्षा को लेकर मेरठ मेंतैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। परीक्षा में22597 परीक्षार्थी बैठेंगेजिसके लिए 26 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा दो पालियों मेंहोगी। सातदस्तेबनाए गए हैं।
ReplyDeleteसंशोधित : 395 अभ्यर्थियों केपरीक्षा देने पर रोक Fri, 21 Feb 2014 01:02 AM (IST) नोट : इनसेट मेंपरीक्षा केंद्रों की संख्या बदली गईहै। जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी)में 395 अभ्यर्थियों केबैठने पर रोक लगादी है। इन अभ्यर्थियोंको प्राधिकारी ने पहले तो परीक्षा देनेकी अनुमति देदी पर बाद में पता चला कि वेतो अयोग्य हैं। उन्हें परीक्षा में न बैठने देने के लिए प्रदेश के सभी परीक्षा केंद्रों को निर्देश भेज दिए गए हैं। सचिव नेवेबसाइट सेभी ऐसेपरीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र को हटवा दिया है। अपात्र अभ्यर्थियों की सूची टीईटी की वेबसाइट पर जारी की गई है। प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा 22 और 23 फरवरी को प्रस्तावित है। इस परीक्षा मेंइस बार 8 लाख 49 हजार 381 अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने सभी अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र जारी कर दिए हैं। अभ्यर्थियों कोऑनलाइन प्रवेश पत्र डाउनलोड करने की सुविधा प्रदान की गईहै। आवेदन पत्रों की जांच मेंपता चला कि 395 ऐसेअभ्यर्थी हैं जिनके पास निर्धारित योग्यतानहीं है। यह जानकारी होने तक उनके भी प्रवेश पत्र ऑनलाइन हो गए थे। आनन-फानन मेंऐसे सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा न देनेके आदेश जारी किया गया। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव ने बताया किजिन अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र रोकेगए हैं उनमें कुछ प्राथमिक स्तर भाषा के छात्र हैं। उन्होंने11 अगस्त1997 केबाद मुअल्लिमकिया है। उच्च प्राथमिक स्तर भाषा के लिए निर्धारित50 फीसद से कम अंक है। --------------जरूर डालेंबुकलेट सीरीज नंबर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने बताया कि अभ्यर्थी जरूर लिखें किवह किस भाषा में पेपर दे रहे हैं। मान लिया हिंदी मेंआप पेपर दे रहेहैंतो हिंदी के सामनेओएमआर शीट में काला करें। ऐसेही बुकलेट सीरीज नंबर, आर्ट या साइंस का आप्शन जरूर भरें। निर्देशोंका पालन ठीक सेकरेंअन्यथा आपकी कॉपी नहीं जंचेगी। ---------------टीईटी एक नजर में परीक्षा तिथि : 22 व 23 फरवरी परीक्षा केंद्र : प्रदेश भर में 1465 परीक्षार्थी : 849381
ReplyDeleteKitne logo ke pariwaar ujad rahe hain kitno ki jindgee tabaah ho rahee hai.
ReplyDeleteAur ye sarkaar niyam aise banatee hai. Jisse bhrtee ja kar court mein latak jaaye
एक बार एक दरोगा जी का मुंह लगा नाऊ पूछ बैठा -
ReplyDelete"हुजूर
पुलिस वाले रस्सी का साँप कैसे बना देते हैं ?"
दरोगा जी बात को टाल गए .... लेकिन नाऊ ने जब
दो-तीन
बार यही सवाल पूछा तो दरोगा जी ने मन ही मन
तय
किया कि इस भूतनी वाले
को बताना ही पड़ेगा कि रस्सी का साँप कैसे बनाते
हैं !
लेकिन प्रत्यक्ष में नाऊ से बोले - "अगली बार
आऊंगा तब
बताऊंगा !"
इधर दरोगा जी के जाने के दो घंटे बाद ही 4
सिपाही नाऊ
की दूकान पर छापा मारने आ धमके - "मुखबिर से
पक्की खबर
मिली है, तू हथियार सप्लाई
करता है,,,तलाशी लेनी है दूकान
की !" तलाशी शुरू हुयी ... एक सिपाही ने नजर
बचाकर
हड़प्पा की खुदाई से निकला जंग लगा हुआ
असलहा छुपा दिया ! दूकान का सामान उलटने-पलटने
के
बाद
एक सिपाही चिल्लाया - "ये रहा रिवाल्वर"
छापामारी अभियान की सफलता देख के नाऊ के होश
उड़
गए -
"अरे साहब मैं इसके बारे में कुछ
नहीं जानता ....आपके बड़े
साहब
भी मुझे अच्छी तरह पहचानते हैं !"
एक सिपाही हड़काते हुए बोला - "दरोगा जी का नाम
लेकर
बचना चाहताहै ? साले सब कुछ बता दे कि तेरे गैंग
में कौन-
कौन
है ... तेरा सरदार कौन है ... तूने कहाँ-कहाँ हथियार
सप्लाई
किये,,, कितनी जगह लूट-पाट की ... तू अभी थाने
चल !"थाने में दरोगा साहेब को देखते हीनाऊ पैरों में गिर
पड़ा -
"साहब बचालो ... मैंने कुछ नहीं किया !" दरोगाने
नाऊ
की तरफ देखा और फिर सिपाहियों से पूछा -
"क्या हुआ ?"
सिपाही ने वही जंग लगा असलहा दरोगा के सामने
पेश कर
दिया - "सर जी मुखबिर से पता चला था ..
इसका गैंग है और
हथियार सप्लाई करता है.. इसकी दूकान से ही ये
रिवाल्वर
मिली है !"
दरोगा सिपाही से - "तुम जाओ मैं पूछ-ताछ
करता हूँ !"
सिपाही के जाते ही दरोगा हमदर्दी से बोले - "ये
क्या किया तूने ?
नाऊ घिघियाया - "सरकार मुझे बचा लो ... !"
दरोगा गंभीरता से बोला - "देख ये जो सिपाही हैं
न ...
साले एक
नंबर केकमीने हैं .. मैंने अगर तुझे छोड़ दिया तो ये
साले
मेरी शिकायत ऊपर अफसर से कर देंगे ... इन
कमीनो के मुंह
में
हड्डी डालनी ही पड़ेगी ... मैं तुझे अपनी गारंटी पर
दो घंटे
का समय देता हूँ .. जाकर किसी तरह बीस हजार
का इंतजाम
कर .. पांच-पांच हजार चारों सिपाहियों को दे
दूंगा तो साले
मान जायेंगे !"
नाऊ रोता हुआ बोला - "हुजूर मैं गरीब आदमी बीस
हजार
कहाँसे लाऊंगा ?"
दरोगा डांटते हुए बोला - "तू मेरा अपना है इसलिए
इतना सब
कर रहा हूँ ... तेरी जगह कोई और होता तो तू अब
तक जेल
पहुँच
गया होता ... जल्दी कर वरना बाद में मैं कोई मदद
नहीं कर
पाऊंगा !"नाऊ रोता-कलपता घर गया ... अम्मा के कुछ
चांदी के
जेवर थे ...
चौक में एकज्वैलर्स के यहाँ सारे जेवर बेचकर
किसी तरह
बीस
हजार लेकर थाने में पहुंचा और सहमते हुए बीसहजार
रुपये
दरोगा जी को थमा दिए !
दरोजा जी ने रुपयों को संभालते हुए पूछा - "कहाँ से
लाया ये
रुपया?"
नाऊ ने ज्वैलर्स के यहाँ जेवर बेचने की बात
बतायी तो दरोगा जी ने सिपाही से कहा - "जीप
निकाल
और नाऊ को हथकड़ी लगा के जीप में बैठा ले ..
दबिश पे
चलना है !"
पुलिस की जीप चौक में उसी ज्वैलर्स के यहाँ रुकी !
दरोगा और दो सिपाही ज्वैलर्स की दूकान के अन्दर
पहुंचे ...
दरोगा ने पहुँचते ही ज्वैलर्स को रुआब में ले
लिया -"चोरी का माल खरीदने का धंधा कब सेकर रहे
हो ?
ज्वैलर्स सिटपिटाया - "नहीं दरोगा जी ...
आपको किसी ने
गलत जानकारी दी है .. !"
दरोगा ने डपटते हुए कहा - "चुप ~~~बाहर देख जीप
में
हथकड़ी लगाए शातिर चोर बैठा है ... कई साल से
पुलिस
को इसकी तलाश थी ... इसने तेरे यहाँ जेवर बेचा है
कि नहीं ? तू
तो जेल जाएगा ही .. साथ ही दूकान का सारा माल
भी जब्त
होगा !" ज्वैलर्स ने जैसे ही बाहर पुलिस जीप में
हथकड़ी पहले नाऊ
को देखा तो उसके होश उड़ गए, तुरंत हाथ जोड़ लिए
-
"दरोगा जी जरा मेरी बात सुन लीजिये !
कोने में ले जाकर मामला एक लाख में सेटल हुआ !
दरोगा ने
एक
लाख की गड्डी जेब में डाली और नाउ ने जो गहने
बेचे थे
वो हासिल किये फिर ज्वैलर्स को वार्निंग दी - "तुम
शरीफ
आदमी हो और तुम्हारे खिलाफ
पहला मामला था इसलिए छोड़ रहा हूँ ... आगे कोई
शिकायत न
मिले !" इतना कहकर दरोगा जी और सिपाही जीप पर
बैठ के
रवाना हो गए !
थाने में दरोगा जी मुस्कुराते हुए पूछ रहे थे - "साले
तेरे
को समझ
में आया रस्सी का सांप कैसे बनाते हैं !" नाऊ सिर
नवाते हुए
बोला - "हाँ माई-बाप समझ गया !"
दरोगा हँसते हुए बोला - "भूतनी के ले संभाल
अपनी अम्मा के
गहने और एक हजार रुपया और जाते-जाते याद कर
ले ...
हम
रस्सी का सांप ही नहीं बल्कि नेवला .. अजगर ...
मगरमच्छ
सब बनाते हैं ... बस आसामी बढ़िया होना चाहिए "
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ReplyDelete.
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Every girl has her bestfriend, boyfriend, and true love. But MERI WALI really lucky BCOZ they’re all the same person.
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ReplyDelete.
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I get jealous, I get mad, I get worried, I get curious. But that’s only because I love you so much and I don’t wanna lose you.
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ReplyDelete.
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“When someone loves you, the way they say your name is different.
You know that your name is safe in their mouth.”
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ReplyDelete.
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Sometimes it does not matter how many mistakes you’ve done as long as you are not repeating the same mistakes.
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I don’t care if its 1st, 2nd, 3rd or 4th,
if you call or text i’ll answer cause I will always have time for you,
and time doesn’t matter io love.
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा के नाम पर
ReplyDeleteजो खाता संख्या जारी की गयी है उसमें प्राप्त
सहयोग राशि का प्रथम उपयोग न्यायमूर्ति जस्टिस
परमजीत सिंह पटवालिया के लिए
किया जाये।
उनका शुल्क दो लाख तीस हज़ार ही अब उन्हें
चुकाना होगा।
दूसरी पेशी पर उनकी तरफ से उनके
मुअक्किलों को राहत दी जाती है।
उन जैसा लॉयर अधिक से अधिक फीस में
मिलना मुश्किल है परन्तु निःशुल्क विधिक सेवा देने
के कारण लोगों को आर्थिक राहत प्रदान करते हैं।
पंजाब/हरियाणा उच्च न्यायालय का पूर्व जज
होना भी सबसे महत्त्वपूर्ण पहलू है।
इसके अतिरिक्त उच्च न्यायालय के भरोसेमंद
साथी Sujeet Singh पर भरोसा रखें।
जब एसके पाठक ने थर्ड पार्टी के नाम पर
बेरोजगारों का भरोसा तोड़ा था तब मार्च के प्रथम
सप्ताह वर्ष २०१२ में सुजीत सिंह का उदय हुआ
था।
जब मैंने उचित समझा था तब एक बार सुजीत सिंह
पर भी नकारात्मक टिप्पणी की थी लेकिन उस
टिप्पणी का वजूद अगले दिन ही समाप्त
हो गया था जब सुजीत सिंह ने अपनी टीम के साथ
गणेश दीक्षित आदि को नैनी जेल से छुड़वाने में मदद
की थी।
पश्चिम के साथी अनिल चौधरी की निष्ठा भी अब
तक दृढ़ता के साथ मनः मस्तिष्क में समाई हुयी है।
अति शीघ्र सम्पूर्ण कड़वाहट भूल जायेगी ,
चारों तरफ सिर्फ खुशियाँ ही खुशियाँ होंगी।
समाचार पत्रों में अपने ८७३ साथियों के नाम नोटिस
प्रकाशित की चुकी है ।
हम सब सामना करने के लिए तैयार हैं।
राजनैतिक और सामाजिक साधुजन भी हमारा पूर्ण
सहयोग कर रहे हैं।
विधिक प्रक्रिया में किसी तिथि को अंतिम
तिथि नहीं बताया जा सकता है लेकिन
संभावना जाहिर की जा सकती है अतः ३मार्च
का दिन महत्त्वपूर्ण है।
होली तक पापियों का होलिका के साथ दहन
हो सकता है।
वस्तुतः मै देख रहा हूँ कि हमारे कुछ
साथी अवमानना निकालने के लिए परेशान हैं परन्तु मै
इसे उचित कदम नहीं मानता हूँ।
इसकी मुख्य वजह यह है कि जब
मुकदमा पूर्णतया हमारे पक्ष में है
तो अवमानना का मुकदमा करते ही कोर्ट का रुख
सख्त होने पर सरकार/सचिव जेल जाने से बचने के
लिए मेंसन करके सुप्रीम कोर्ट से फैसले पर
निर्णायक आदेश तक स्थगन पा सकते हैं।
दूसरी बात यह है कि जब नोटिस इशू हो गया है
तो अवमानना से बच जायेगी अथवा
मामला अपील में दिखाकर भी बच जायेगी।
अतः जो निर्णय लिए जायें पूरी गंभीरता के साथ
लिए जायें।
जीत सुनिश्चित है।
धन्यवाद।
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ReplyDelete.
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My heart loves you like a candle.
It burns , melt and shower only for you, just like a candle sacrifices itself to give light in darkness. The only difference is that candle and my heart.
ेताल ने राजा से कहा.... हे राजन, रास्तेमें मैं तुझे एक कहानी सुनाता हूँ....
ReplyDeleteअगर तू बोला तो मैं वापस पेड़ पर चला जाऊँगा.....
तोसुन....
एक भारतदेश मेंकेजरीवाल नामक एक सज्जन पुरुषरहता था....
जो चहुँ ओर व्याप्तभ्रष्टाचार से बहुत
दुखी था....
उसने आन्दोलन किये....
जन सभाओं मेंआवाज़उठाईकि दोषिओं
को सजा मिलनी चाहिए...
उसने ढेर सारेकागज प्रमाण स्वरूप प्रस्तुत किये...
उसकी मांग थी कि दोषियोंको तुरंतजेल
भेजा जाए....
लेकिन सत्ता में बैठे लोग कहाँ ऐसा करनेवालेथे......
वो अपने ही विरुद्ध क्योंकर ऐसा करते भला?...
फिर समय बीता.....
भाग्य नेकरवट बदली....
केजरीवाल राजा बन गया....
परन्तुराजा बनकर भी उसने किसी के
विरुद्ध मुकदमा नहीं चलाने की शुरुआत
की...
ऐसा क्यों?.....
हे राजन,
इस सवाल का उत्तर अगर तूने जानतेहुए भी नहीं दिया तो तेरे सर के दोटुकड़े
हो जायेंगे....
राजा बोला,
"बेताल,
सत्ता में आने केबाद मनुष्य बदल जाता है....
वह किसीभी काम को करने सेपहलेउसकेदूरगामी परिणामोंके बारे में
सोचता है....
आन्दोलन करते समय उसके पास खोने
को कुछ नहीं होता....
राजा बननेके बाद उसे राज्य का विस्तार करनेकी चिंता होती है....
वह उचित समय कीतलाश में रहने लगता है....
उसे लगता है जबजनता 15 वर्षोंसे
झेल रही हैतो और भी झेल लेगी......
थोडा चूरन- चटनी चटा दोइसको..."
हे बेताल!
यह मानव स्वभाव है....
इसमें राजाका इतना दोषनहीं....
बेताल बोला,
"राजा तूकितना समझदार है.....
पर तूबोला, और मैंचला।'
कहकर बेताल वापस पेड़पे लटक गया। (क्रमश:)
AAP शिला पर चुप
..
AAP रोबेर्ड वाड्रा पर चुप
..
AAP हेलिकॉप्टर घोटालेपर चुप
..
AAP मुज़फ्फर नगर दंगों पर चुप
..
AAP चीनी घुसपैठ पर चुप
..
AAP सैनिकों केसर काटनेपर चुप
आप पार्टी सिर्फनरेन्द्र मोदी पर बोल रही है
मतलबसमझ रहें हैं ना आप ?
तोफिर आप चुप क्यो हो ?
आगेबढ़ाओ इसको ... कॉपी पेस्ट शेर करो
Friends-
ReplyDeleteAn important meeting of UPTET SANGARSH MORCHA (LUCKNOW UNIT) is called on 23 February at 11 am at nishatganj (DIET) for supreme court advocates fees so those tetians who belong to lucknow they must attend this meeting and give little contribution so that uptet sangarsh morcha again stand firmly in supreme court because 3 rd march is very important date for all tet merit supporter.
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ReplyDelete.
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When you know why you like someone,
it’s a crush.
When you have no reason or explanation,
it’s.......................LOVE
सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के
ReplyDeleteअनुसार...शिक्षा मित्र एक अयोग्य
अध्यापक है
जिनकी योग्यता शिक्षण कार्य
करने लायक नही है...जजमेंट की ये
लाइन पढिये.....''“Once we have implemented
Article 21A, can we allow such
system? Our concern is quality of
education and we are very
serious about the kind of
education we are imparting. We spoil the entire education
system by appointing ad-hoc
teachers who do not have proper
qualification,''.
शिक्षा मित्रो के बारे मे न्यायालय
की ये टिप्पणी एकदम उचित है जिसको आपने टेट परीक्षा देने से
इंकार करके प्रूफ़ कर दिया है
.....अब आप
अपनी अयोग्यता छिपाने के लिये ये
मत कह देना कि आप अब बहुत बूढे
हो गये हो इस लिये टेट नही पास कर सकते ...
This is the part of sc
ReplyDeletejudgement read it care fuly..........'
'“How do you bring such policies
when there is Article 21A. It is
shocking. There are such
appointments in UP also. These Shiksha Sahayaks (helpers) are
Shiksha ‘shatrus'.''
जजमेंट के इस भाग मे साफ़ गया है
कि जब देश मे आर्टिकल 21अ
प्रभावी है तो इस सूरत मे
शिक्षा मित्र जैसे अयोग्य अध्यापको द्वारा शिक्षण कार्य
कराना अनुचित है शिक्षा सहायक
या शिक्षा मित्र जैसे अध्यापको के
लिये ही कोर्ट ने कहा है कि ये
शिक्षा सत्रु है ध्यान दीजिये
यहाँ कोर्ट ने '' हैं'' कहा है होंगे नही कहा है.....अब आप मुझे मत
सिखाइये कि जजमेंट
की व्याख्या क्या है....पहले टेट पास
करके इस योग्य बनिये...
ये भी तो जानेँ......
ReplyDeleteरॉबर्ट और प्रियंका की शादी सन 1997 में हुई थी. लेकिन अगर कोई रॉबर्ट को ध्यान से देखे तो यह बात सोचेगा कि सोनिया ने रॉबर्ट जैसे कुरूप और साधारण व्यक्ति से प्रियंका की शादी कैसे करवा दी ???
क्या उसे प्रियंका के लिए कोई उपयुक्त वर नहीं मिला ? , और यह शादी जल्दी में और चुप चाप क्यों की गयी ??
वास्तव में सोनिया ने रॉबर्ट से प्रियंका की शादी अपनी पोल खुलने के डर से की थी. क्योंकि जिस समय सोनिया इंगलैंड में एक कैंटीन में बारगर्ल थी, उसी समय उसी जगह रोबट की माँ मौरीन (Maureen) भी यही काम करती थी.
मौरीन को सोनिया और माधव राव सिंधिया की रास लीला की बात पता थी, जब सोनिया उसी कैंटीन मेँ उनको शराब पिलाया करती थी, मौरीन यह भी जानती थी कि किन किन लोगों के साथ सोनिया के अवैध सम्बन्ध थे. जब सोनिया राजीव गांधी से शादी करके दिल्ली आ गयी, तो कुछ समय बाद मौरीन भी दिल्ली में बस गयी. मौरीन जानती थी कि सोनिया सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है, क्योंकि जो भी व्यक्ति उसके खतरा बन सकता था सोनिया ने उसका पत्ता साफ कर दिया, जैसे संजय गांधी, माधव राव सिंधिया, राजेश पायलेट, जितेन्द्र प्रसाद, बाल योगी, यहाँ तक कि लोगोँ को तो यहाँ तक भी शक है कि राजीव गांधी की हत्या में भी सोनिया का भी हाथ है, वर्ना वह अपने पति के हत्यारों को माफ़ क्यों कर देती ??
चूँकि मौरीन का पति और रॉबर्ट का पिता राजेंद्र वार्डा पुराना जनसंघी था, और सोनिया को डर था कि अगर अपने पति के दवाब ने मौरीन अपना मुंह खोल देगी तो मुझे भारत पर हुकूमत करने और अपने नालायक कुपुत्र राहुल को प्रधानमंत्री बनाने में सफलता नहीं मिलेगी, इसीलिए सोनिया ने मौरीन के लडके रॉबर्ट की शादी प्रियंका से करवा दी.
शादी के बाद-की कहानी -
राजेंद्र वार्डा के दो पुत्र, रिचार्ड और रॉबर्ट और एक पुत्री मिशेल थे. और प्रियंका की शादी के बाद सभी एक एक कर मर गए या मार दिए गए.जैसे, मिशेल (Michelle) सन 2001 में कार दुर्घटना में मारी गयी, रिचार्ड ( Richard ) ने सन 2003 में आत्मह्त्या कर ली.
और प्रियंका के ससुर सन 2009 में एक होटल में मरे हुए पाए गए थे. लेकिन इनकी मौत के कारणों की कोई जाँच नहीं कराई गयी, और इसके बाद सोनिया ने रॉबर्ट को राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के बराबर का दर्जा इनाम के तौर पर दे दिया. तब इस अधिकार को पर जिस रॉबर्ट को कोई पडौसी भी नहीं जानता था,
उसने मात्र आठ महीनों में करोड़ों की संपत्ति बना ली, और कई कंपनियों का मालिक बन गया, साथ ही सैकड़ों एकड़ कीमती जमीने भी हथिया ली.
सेल फोन के हानिकारक रेडियेशन से बचने के लिए 10
ReplyDeleteतरीके:
मोबाइल का प्रयोग आजकल की जिंदगी का सबसे
अहम हिस्सा हो गया है। लेकिन क्या आपको पता है
मोबाइल तकनीकी रूप से जितना फायदेमंद है यह
स्वास्थ्य के लिए उससे कहीं ज्यादा नुकसानदेह है।
मोबाइल फोन से निकलने वाली इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक
तरंगे हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं। इन
किरणों के कारण याददाश्त और सुनने
की शक्ति प्रभावित हो सकती है। इससे निकलने वाले
रेडियेशन के कारण कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के
मामले दिखे हैं। इसके अलावा मोबाइल फोन और उसके
टावरों से होने वाले रेडियेशन से नपुंसकता और ब्रेन
ट्यूमर हो सकता है।
१. भारत में मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडियेशन के
खतरे को कम करने के लिए भारतीय दूरसंचार मंत्रालय
ने 2012 में नये नियम बनाये। सेलफोन की वजह से
बढ़ रहे कैंसर के मामलों के कारण सरकार ने यह
फैसला लिया। नये कानून के तहत प्रत्येक मोबाइल
फोन का स्पेसिफिक एब्जार्प्शन यानी एसआर रेट
का स्तर 1.6 वॉट प्रति किग्रा होगा, इससे पहले ये
मानक 2 वॉट प्रति किग्रा था। इसका 1
ग्रा रेडियेशन भी शरीर के लिए नुकसानदेह है। मोबाइल
फोन को कान में लगाकर यदि कोई व्यक्ति लगातार
बीस मिनट तक बात करता है तो उसके दिमाग
का तापमान दो डिग्री सेल्शियस तक बढ़ने
की आशंका रहती है। इसके कारण ब्रेन ट्यूमर
हो सकता है।
२. सेलफोन जिंदगी का अहम हिस्सा है, इसे शरीर से
दूर रखना बहुत मुश्किल है। लेकिन इससे निकलने
वाली खतरनाक किरणों से बचने के लिए इससे
दूरी बनाना बुहुत जरूरी है। इसलिए जब भी आप
सेलफोन पर किसी से बात कीजिए, इसे अपने शरीर से
दूर रखिये। क्योंकि सेलफोन पर बात के दौरान इससे
निकलने वाली किरणों से शरीर को नुकसान
हो सकता है। यदि आप इसे प्रयोग के दौरान शरीर से
दूर रखेंगे तो इसके रेडियेशन से कुछ हद तक बचाव
संभव हो सकेगा।
३. सेलफोन के रेडियेशन से बचने के लिए ईयरफोन
का प्रयोग कीजिए। ईयरफोन के प्रयोग के दौरान
आपका दिमाग सेलफोन से दूर रहता है और आप
लंबी बातचीत भी करते हैं तब भी आपके दिमाग
का तापमान अधिक नहीं होता है। यदि आप
हमेशा ईयरफोन का प्रयोग नहीं कर सकते हैं तो इसे
स्पीकर मोड पर डाल कर बात कीजिए। ईयरफोन
का प्रयोग गाने सुनने के लिए मत कीजिए बल्कि इसे
फोन पर बात के दौरान भी प्रयोग कीजिए।
४. आजकल बहुत सारे मोबाइल अप्लीकेशंस हैं
जिनका प्रयोग करके आप चैट कर सकते हैं। बहत
लोग इनका प्रयोग करते हैं, तो आप क्यों नहीं।
यदि बहुत जरूरी न हो तो फोन पर बात करने से बचें।
फोन पर बात करने की बजाय आप मैसेज कीजिए।
इसके कारण रेडियेशन कम होता है और आप रेडियेशन
से बच सकते हैं।
५. फोन करने से पहले मोबाइल का सिग्नल देखिये,
जब सिग्नल पूरा हो तब फोन पर बात करने
की कोशिश कीजिए। जब फोन का सिग्नल कमजोर
होता है तब इसका असर रेडियेशन पर पड़ता है और
मोबाइल को इसके लिए मशक्कत करनी पड़ती है। कई
शोधों में भी यह सामने आया है कि रेडियेशन
का खतरा कमजोर सिग्नल के कारण अधिक होता है।
इसलिए फोन पर बात सिग्नल देखकर ही कीजिए।
६. मोबाइल फोन को सही जगह रखें, अधिक
ReplyDeleteसंवेदनशील जगहों के पास फोन बिलकुल न रखें।
मोबाइल को अपने पैंट के आगे के पॉकेट में रखने से
बचें, इससे नपुंसकता का खतरा होता है। इसके
अलावा इसे दिल के पास न रखें और रात को सोते
वक्त तकिये के नीचे न रखें। तकिये के नीचे रखने से
इसके रेडियेशन के कारण याददाश्त कमजोर
हो सकती है। इसलिए इसके लिए सही जगह का चुनाव
कीजिए, जहां इसके खतरनाक रेडियेशन से बचाव
हो सके।
७. मोबाइल फोन पर लगातार घंटों बातचीत करने से
बचें। कान में लगाकर यदि कोई व्यक्ति लगातार बीस
मिनट तक बात करता है तो उसके दिमाग का तापमान
दो डिग्री सेल्शियस तक बढ़ने की आशंका रहती है।
इसके कारण ब्रेन ट्यूमर हो सकता है। कुछ लोग
तो कई घंटे तक फोन से चिपके रहते हैं। इसके कारण
वे बीमार भी होते हैं। इसलिए आज से फोन पर बात
को लंबा खींचने की बजाय कम शब्दों में अपनी बात
कहने की कोशिश कीजिए।
८. यदि आप फोन का प्रयोग नहीं कर रहे हैं तो इसे
ऑफ कर दीजिए। इसके कारण आप रेडियेशन से बचाव
कर सकेंगे। कई शोधों में यह बात सामने आयी है
कि फोन को आगे की जेब में रखने के कारण इससे
निकलने वाला रेडियेशन टैस्टिकल्स पर असर
डालता है, इसके कारण पुरुषों की स्पर्म काउंटिंग कम
हो जाती है। इसके रेडियेशन के कारण
नपुंसकता का भी खतरा होता है।
९. यदि आपका फोन बहुत पुराना हो चुका है तो इसे
तुरंत बदल दीजिए, इसकी जगह पर ऐसा फोन खरीदिये
जिसका स्पेसिफिक एब्जार्प्शन यानी एसआर रेट
का लेवेल कम हो। क्योंकि अधिक एसआर रेट के कारण
इससे रेडियेशन का खतरा अधिक होता है।
यदि आपका फोन लो एसआर रेट
का होगा तो रेडियेशन का भी खतरा कम होगा। भारत
सरकार ने वर्तमान में मोबाइल फोन का एसआर रेट
1.6 वॉट प्रति किग्रा निर्धारित किया है। तो इन
गुणों को परखने के बाद ही मोबाइल फोन खरीदें.१०. लोग फोन पर बात करते हुए टहलना पसंद करते
हैं, लेकिन क्या आपको पता है इसके कारण रेडियेशन
अधिक होता है। क्योंकि जब आप एक जगह से दूसरे
जगह जाते हैं तो सेलफोन सिग्नल के लिए स्कैन
करता है और रेडियेशन अधिक फैलता है। इसलिए फोन
पर बात करते वक्त एक जगह पर ही स्थिर रहें।
बच्चे रेडियेशन के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं
इसलिए बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखने
की कोशिश कीजिए। इसके अलावा एंटी रेशियन
मोबाइल पाउच में इसे रखिये, इससे रेडियेशन
का प्रभाव मस्तिष्क एवं शरीर पर नहीं होता है।
पूरा पढने हेतु आपका बहुत-बहुत धन्यवाद...
इस उपयोगी जानकारी को अपने
मित्रों के साथ साँझा जरूर करें...
Did You Know?
ReplyDelete1. Your shoes are the first thing people subconsciously notice about you. Wear nice shoes.
2. If you sit for more than 11 hours a day, there's a 50% chance you'll die within the next 3 years
3. There are at least 6 people in the world who look exactly like you. There's a 9% chance that you'll meet one of them in your lifetime.
4. Sleeping without a pillow reduces back pain and keeps your spine stronger.
5. A person’s height is determined by their father, and their weight is determined by their mother.
6. If a part of your body "falls asleep",
you can almost always "wake it up" by shaking your head.
7. There are three things the human brain cannot resist noticing - Food, attractive people and danger
8. Right-handed people tend to chew food on their right side
9. Putting dry tea bags in gym bags or smelly shoes will absorb the unpleasant odour.
10. According to Albert Einstein, if honey bees were to disappear from earth, humans would be dead within 4 years.
11. There are so many kind of apples, that if you ate a new one everyday, it would take over 20 years to try them all.
12. You can survive without eating for weeks, but you will only live 11 days without sleeping.
13. People who laugh a lot are healthier than those who don’t.
14. Laziness and inactivity kills just as many people as smoking.
15. A human brain has a capacity to store 5 times as much information as Wikipedia
16. Our brain uses same amount power as 10-watt light bulb!!
17. Our body gives enough heat in 30 mins to boil 1.5 litres of water!!
18. The Ovum egg is the largest cell and the sperm is the smallest cell !!
19. Stomach acid (conc. HCl) is strong enough to dissolve razor blades!!
20. Take a 10-30 minute walk every day. & while you walk, SMILE. It is the ultimate antidepressant.
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True love isn’t Romeo and Juliet
who died together. It’s Grand'ma and Grand'pa
who grew old together.
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ReplyDelete.
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Gulaab ki mehak bhi ab to feeki si lagti hai,
Kaun si khusboo mujhme basaa gaye ho tum..!!
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परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता..
सभी भाइयों को निरहुआ का प्रणाम।
ReplyDeleteसभी टेट भाइयों से क्षमाप्रार्थी हूँ की कुछ समय से ब्लॉग पर कम ध्यान दे पा रहा हूँ किन्तु इस अनुपस्थिती के पीछे भी कुछ सार्थक रणनीति ही है जिसका खुलासा समयानुसार कर दिया जायेगा। ऐसा नहीं है की आप सबसे एकदम दूर रह रहा हूँ, बीच-बीच में अपने भाइयों के विचार जरुर पढ़ लिया करता हूँ किन्तु किसी भी प्रकार की पोस्ट अथवा टिप्पणी से बचने की कोशिश कर रहा हूँ। आज सर्वाधिक टेट भाइयों ने इनबॉक्स में आकर पोस्ट डालने की जिद की है, उन भाइयों का हुक्म सिर आँखों पर किन्तु जब सब कुछ सही दिशा में जा रहा है तब कुछ बोलने की आवश्यकता ही कहाँ रह जाती है ? और रही बात टेट विजय की अलख जगाने की तो भाइयों एक बार फिर कहूँगा- 'इस टेट की आन-बान-शान पर सौ निरहुआ कुर्बान।
साथियों,
14 फ़रवरी को न्यायरण में बैरी दल ने अपनी समूची शक्ति लगाकर धावा बोलने की कोशिश की किन्तु हमारे हरावल दस्ते की कमान संभाल रहे विधिक पुरोधा स्वनाम धन्य सोली सोराबजी की मात्र दो पंक्तियों ने शत्रु दल के हमले को ना केवल ध्वस्त कर दिया बल्कि दुश्मन के खेमे में हाहाकार मचा दिया। विपक्षी को अपने जिस योद्धा पर सबसे ज्यादा घमंड था वह तो हमारे एक प्रहार को भी ना झेल सका और मोर्चे की पिछली पंक्ति में शुमार हो बैठा, जिसके कारण श्री द्विवेदी जी ने विपक्ष की कमान संभाली। दुश्मन को नेस्तनाबूद कर देने के नेक इरादों को दिल में समेटे जब हमारे योद्धा द्विवेदी जी को ललकारने उठे तब स्वयं जज महोदय को उनका बचाव करना पड़ा। जिस दंभ और धूर्तता के बल पर सरकार और उसके अनैतिक कार्यों के सहयोगी रण में उतरे थे वह प्रथम मुठभेड़ में ही धराशायी हो गयी है। सुनने में आ रहा है की अब भी अकेडमिक बन्धु अकड़ दिखाते हुए कहते फिर रहे हैं की ' 3 को फैसला अकेडमिक के पक्ष में आ रहा है' किन्तु उन मूढ़ों को यह भी नहीं पता की टेट मेरिट की विजय गाथा तो 14 फ़रवरी को ही लिख दी गयी थी,अब तो बस जीत का परचम बुलंद करना ही बाकी है।
मेरे टेटवीरों विजय की ओर बढ़ते हर एक कदम का आनंद उठाओ और आने वाले सुखद भविष्य को सहेजने में जुट जाओ। ये अकेडमिक बंधुओं का दुर्भाग्य ही है की अब भी सच्चाई से मुंह मोड़े बैठे हैं। जल्द ही इन्हें अपनी हकीकत और भविष्य पता लगने वाला है।
जय टेट।
पुरानी भर्ती न होने तक नए शिक्षक
ReplyDeleteनहीं,,,,,,,,,,,,,,,,
सर्वशिक्षा अभियान
की कार्ययोजना को रखी शर्त
तीन साल से अटकी है 72825
शिक्षकों की भर्ती
सरकार को झटका
राजीव दीक्षित, लखनऊ
बीते तीन वर्षो से परिषदीय प्राथमिक
स्कूलों में 72825
शिक्षकों शिक्षकों की नियुक्ति करने में
नाकाम रही राज्य सरकार को केंद्र ने
करारा झटका दिया है। केंद्र ने स्पष्ट
कर दिया है कि सर्व शिक्षा अभियान
और राज्य सेक्टर के तहत पहले से सृजित
शिक्षकों के पदों पर जब तक
भर्तियां नहीं कर ली जाएंगी, वह
शिक्षकों के नये पदों को सृजित करने
की अनुमति नहीं देगा। यह शर्त केंद्रीय
मानव संसाधन विकास मंत्रलय की ओर से
राज्य सरकार को 2014-15 के लिए सर्व
शिक्षा अभियान की वार्षिक
कार्ययोजना की तैयारी के संबंध में भेजे
गए पत्र रखी गयी है।
वार्षिक कार्ययोजना को मंजूरी देने के
लिए सर्व शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट
अप्रूवल बोर्ड की बैठक 27 मार्च
को होगी। 72825
शिक्षकों की भर्ती का मामला फिलहाल
सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
मौजूदा परिस्थितियों में 27 मार्च से
पहले शिक्षकों की यह
भर्तियां होना मुमकिन नहीं लगता। ऐसे
में यह तय है कि 2014-15 में सर्व
शिक्षा अभियान की वार्षिक
कार्ययोजना में सूबे में शिक्षकों के नये
पदों को मंजूरी नहीं मिलने वाली। केंद्र
सरकार की इस शर्त से राज्य
को दोहरा नुकसान होगा। एक
तो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे परिषदीय
स्कूलों में अध्यापकों के नये पद
नहीं स्वीकृत होंगे। दूसरा यदि पूर्व में
स्वीकृत पदों पर भर्तियां हो गई
होतीं तो राज्य सरकार को उन
शिक्षकों की तनख्वाह पर खर्च होने
वाली 65 फीसदी धनराशि केंद्र से
मिलती। गौरतलब है कि शिक्षा के
अधिकार को लागू करने पर होने वाले खर्च
में केंद्र और सरकार की हिस्सेदारी 65:35
के अनुपात में होती है।
परिषदीय स्कूल शिक्षकों की जबर्दस्त
कमी से जूझ रहे हैं। शिक्षा के अधिकार
कानून के मानक के अनुसार प्राथमिक
स्कूलों में 456484 शिक्षकों की जरूरत है।
प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत 166822
शिक्षामित्रों को शामिल करने पर
भी प्राइमरी विद्यालयों में 119625
शिक्षकों की कमी है। वहीं उच्च
प्राथमिक स्कूलों में मानक के अनुसार
171335 शिक्षक होने चाहिए लेकिन इन
विद्यालयों में भी 66643
शिक्षकों की कमी है।
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ReplyDeleteमे
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ली
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Teri Ek Hansi Ke Intezaar Me Main Mar Jaau...!!
Khush Rahe Tu Hamesha, Marte-Marte Kuch Aisa Kar Jaau..!!
मुझे भी चाहिये कुछ वक्त खुद से मिलने को
ReplyDeleteमैं हर किसी को तो..... अपना पता नहीं देता
आज मनुष्य एक ऐसा जानवर हो गया है, जिसको समझदारी सिखाई जानी चाहिए ।
उसके लिए दूसरी चीजें, जिनको हम शारीरिक आवश्यकताएँ कहते हैं और जिनको हम आर्थिक आवश्यकताएँ कहते हैं, अगर पहाड़ के बराबर भी जुटा करके रख दी जाएँ, तो आदमी का रत्ती भर भी भला नहीं हो सकता । हम देखते हैं कि गरीब आदमी दुखी हैं । अमीर आदमी उससे भी ज्यादा हजार गुणा परेशानी में, उलझनों में, क्लेशों में पड़े हुए हैं, क्योंकि उनके पास विचार करने की कोई शैली नहीं है । अगर उनके पास कोई विचार रहा होता तो इतना अपार धन उनके पास पड़ा हुआ है, जिसके द्वारा समाज में न जाने क्या व्यवस्था उत्पन्न हो गई होती । न जाने समाज का कैसा कायाकल्प हुआ होता । लेकिन नहीं, वही धन बेटे में, पोते में, जमीन और जेवर-सब में ऐसे ही तबाह होता चला जाता है ।
पैसा है तो इसका क्या करें ? समाज के सामने ढेर लगी समस्याओं का हल किस तरीके से करें, कुछ समझ में नहीं आता । ऐसी बेअक्ली की अवस्था को दूर करने के लिए यह आवश्यकता अनुभव की गई कि लोगों को समझदारी सिखाई जाए । समझदारी केवल ज्योमेट्री, इतिहास, भूगोल को नहीं कहते । समझदारी उसे कहते हैं, जिसके द्वारा सही चिंतन करने के बाद में आदमी व्यक्तिगत जीवन की समस्याओं, समाज की समस्याओं और अपने युग की समस्याओं का समाधान कर सके । ऐसी जानकारियों का नाम ज्ञान है । आज सबसे बड़ी आवश्यकता इस बात की समझी गई है कि हजार वर्ष की गुलामी के बाद आदमी के विचार करने का ढंग भ्रष्ट हो गया है, उसका कण-कण दूषित और विकृत हो गया है । इसको उखाड़ करके फेंक दिया जाए और सोचने के नए तरीके लोगों के दिमागों में स्थापित किए जाएँ । यह शिक्षण करना मानव जाति की, समाज की सबसे बड़ी सेवा है ।
ReplyDeleteपिछले हजारों वर्ष ऐसे भयंकर समय में गये हैं, जिसमें सामंतवाद से लेकर के पंडावाद तक छाया रहा । राजसत्ता जिन लोगों के हाथ में रही, उनको हम सामंत कहते हैं, उनको हम राजा कहते हैं और उनको हम डाकू कहते हैं । उन लोगों ने सिर्फ अपने महल, अपनी अय्याशी और विलासिता के लिए समाज का शोषण किया और बराबर ये कोशिश की कि कहीं ऐसा न हो जाए कि विचारशीलता फैल जाए और लोगों में अनीति के विरुद्ध बगावत का भाव पैदा हो जाए, न्याय की भावना पैदा हो जाए । फिर हमारा क्यों करेंगे ये लोग समर्थन? यही कोशिश पंडावाद ने भी की कि लोग समझदार न होने पाएँ । समझदार हो जाएँगे तो हमारे शिकार हमारे हाथ से निकल जायेंगे ।
ReplyDeleteसामाजिक कुरीतियों को देखिये न; कोई तुक है इसमें? कोई बात है? कोई चीज है इसमें? हमारी कुलदेवी पर हमारे बच्चे का मुंडन होगा । कुलदेवी कहाँ रहती है तुम्हारी? २००० मील दूर रहती है । वहाँ क्या करोगे? बच्चे का मुंडन कराने ले जाएँगे । फिर क्या हो जाएगा? देवी को बालों का चढ़ावा देंगे । क्या करेगी देवी? बालों को खाएगी । रोटी नहीं खाती? नहीं, बाल खाती है । बाल नहीं खिलाये तो? ये देवी बीमार कर देगी और बच्चे को मार डालेगी । देवी है कि चुड़ैल है । इस तरह की चुड़ैलों को देवियाँ बना दिया गया, कुलदेवी बना दिया गया । पागल आदमी कलकत्ता से रवाना होता है और कुलदेवी उसकी जैसलमेर में रहती है । दो हजार रुपया फूँककर के आ जाता है और बच्चे का मुंडन करा के आता है और समझता है कि मैंने देवी के ऊपर अहसान कर दिया या देवी ने उसके ऊपर अहसान कर दिया । हमारी सामाजिक कुरीतियाँ कैसी बेहूदा हैं! ये कुरीतियाँ हमारा सारा का सारा पैसा खा जाती हैं, अक्ल खा जाती हैं । जाने क्या से क्या खा जाती हैं?
ReplyDeleteजन्म पत्रियों की बात को ले लीजिए न । जन्मपत्री का जंजाल ऐसा खड़ा हो गया है कि लाखों आदमी उसी से उल्लू बने फिरते हैं । मंगल आ गया, राहू आ गया, चन्द्रमा आ गया, शुक्र आ गया । चन्द्रमा इन्हीं के ऊपर आ गया है और यहीं राजा साहब बैठे हुए हैं । चन्द्रमा भी इन्हीं के पीछे-पीछे फिरेगा । चन्द्रमा के पास काम ही नहीं है । इन्हीं को मारेंगे, इन्हीं की पूजा करेंगे, इन्हीं पर लक्ष्मी बरसाएँगें, इन्हीं को हानि पहुँचाएँगे । बस यही रह गये हैं नवाब के तरीके से । चन्द्रमा इन्हीं के पीछे पड़ेगा । बेवकूफ कहीं के । इस तरीके से बे अक्ली और बेवकूफी का कोई अन्त है क्या?
ReplyDeleteआदमी के जी में न जाने कैसे यह विश्वास जम गया है कि हम अगर बेईमान होकर के जिएँगे तो और मालदार हो जाएँगे । कामचोरी करेंगे तो हमारी तरक्की हो जाएगी । ये करेंगे, तो हमारा ये हो जाएगा । भ्रष्ट आदमी का मन ऐसा घटिया हो गया है कि
ReplyDeleteमेरे मन में ऐसा आता है कि सारी की सारी विचार करने की शैली को मैं बदल दूँ ।
एक और भी जमाना ऐसा आया था कि जिस जमाने में हर आदमी के विचार करने का ढंग बहुत ही घटिया और बहुत ही नीच हो गया था । फिर क्या हुआ? भगवान ने अवतार लिया था और वह परशुराम जी का अवतार था ।
ReplyDeleteपरशुराम जी के अवतार ने हाथ में एक कुल्हाड़ा लिया और उस कुल्हाड़े से आदमियों के सिर काट डाले । सिर काट डालने का क्या मतलब है?
परशुराम भगवान का अवतार इसी उद्देश्य के लिए हुआ था कि दुर्गुणों को, लोगों की अक्ल और समझ को हम बदल दें, तो आदमी की निन्यानवें फीसदी समस्या अपने आप हल हो जाएगी ।
मनुष्य की जितनी भी समस्याएँ हैं, सब उसकी बेअक्ली की पैदा की हुई समस्याएँ हैं । संतान नहीं होती है, तो बहुत ही अच्छी बात है । इससे बड़ा सौभाग्य और क्या हो सकता है? संतान नहीं है, तो आप अकेले हैं । मियाँ-बीबी दो आदमी रहिए और अपना बचा हुआ पैसा समाज के लिए लगाइए । खुशहाली से रहिए, सैर कीजिए । बच्चे के पालन करने की जिम्मेदारी नहीं है, रोने-चिल्लाने की जिम्मेदारी नहीं है । दवा-दारू की जिम्मेदारी नहीं है । बताइए, इसमें क्या बात है? नहीं साहब! हमारे बच्चा नहीं होता, हम तो दुखी हैं । हमारी मनोकामना पूर्ण हो जाए तो अच्छा है । हमारे बच्चा हो जाए, तो अच्छा है । बेवकूफ कहीं का! बेअक्ली और बेवकूफी हमारे रोम-रोम में इस बुरी तरीके से छा गई है कि मैं क्या कहूँ?
ReplyDeleteसाथियो!
ReplyDeleteअपनी युगनिर्माण योजना के युग परिवर्तन के कार्यक्रम में पहला स्थान विचार परिवर्तन को दिया गया है । हमने ये कोशिश की है कि इस तरह के विचारों की एक धारा और उसकी पद्धति और संहिता का निर्माण किया जाए, जो मनुष्यों के गलत सोचने के स्थान पर सही सोचने का मार्गदर्शन कर सके । मैंने ढेरों पुस्तकें पढ़ी है, लेकिन ऐसा साहित्य कहीं नहीं है, जो आदमी को और उलझन में डालने के बजाय उसको सही सोचने का तरीका सिखाए । सही सोचने का तरीका सिखाने के लिए युगनिर्माण योजना ने ऐसा साहित्य, ऐसी विज्ञप्तियाँ, ऐसे ट्रैक्ट कम-से-कम मूल्य पर छापे हैं, जिसको पढ़ने के बाद आदमी को स्वतंत्र चिंतन की दिशा मिले । आदमी को यह प्रकाश मिले कि हमारे सोचने का सही तरीका क्या है, व्यक्ति की उलझनों का वास्तविक कारण क्या है, उनका समाधान किस तरीके से किया जा सकता है? अगर गलत सोचने की बात को आदमी जान ले और सही सोचना शुरू कर दे, तो मजा आ जाए
भाव-सुमन श्री चरणों में अर्पित हैं । इनकी सुगंध श्रद्धालु पाठकों, परिजनों के मन-मानस में भी उभरे, सारे वातावरण को सुवास से भर दे,
ReplyDeleteमंगल कामना सहित
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मोहब्बत कब हो जाए किसे पता..
हादसे कभी पूछ के नही आते...
मुझे अपने "युवा" होने पे शर्म आती है .....
ReplyDeleteजब कभी मै ये सुनता हूँ कि
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.राहुल गाँधी "युवा" है....!!!!!!
जो पार्टी पिछले 50 साल से सत्ता पे काबिज है, उससे कोई सवाल नहीं, ओर अगर कोई अच्छा करने चला है तो आप रास्ता रोकने चले हैं.........
ReplyDelete.
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क्यूं ना " आप" पर शक करें
यूपीमेंलेखानुदान पास, न कोई राहत न नईयोजना टीम डिजिटल शुक्रवार, 21 फरवरी 2014 अमर उजाला, लखनऊ Updated @ 1:58 PM IST supplementry budget संबंधित ख़बरें
ReplyDeleteआंखोंमें धूलझोंक रहे मुख्यमंत्री: भाजपा अखिलेश बोले, ‘फिफ्टी’ भी नहीं मार पाए केजरीवाल . यूपीविधानसभा में शुक्रवार को पेश लेखानुदान में अखिलेश सरकार ने आम जनता को न कोई राहत दी न ही किसी नई योजनाका ऐलान किया।
महज सात मिनट के बजट भाषण में उन्होंने चार महीने के कामकाज के लिए 800 अरब, 86 करोड़, 46 लाख, 36 हजार रुपये की व्यवस्था कर दी।
सदन से लेखानुदान को मंजूरी भी मिल गई। अंतरिमबजट में 5181.71 करोड़ रुपये केघाटे का अनुमान लगाया गया है।
सरकार का अनुमान है कि 2014-2015 में कुल 2,54,66.97 करोड़की आय होगी। इसमें राजस्व मद से 2,15,846.70 करोड़ रुपयेऔर 38,820.27 करोड़ रुपये पूंजीगत मद से आय का अनुमान है।
बजट में फिलहाल कुल2,59,848.68 करोड़ रुपयेका खर्च अनुमानित है। 36.70 करोड़लाभमिलनेकी उम्मीद भी जताई।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादवने चार पेज का बजट भाषण पत्र पढ़ा।
सरकार के इस कामचलाऊ बजट पर विपक्षियों नेकहा कि जब कोईनई घोषणा नहींकरनी थी, तो फिर ऐसे बजट की जरूरत ही क्या थी।
प्रदेश के 1465 केंद्रोंपर आज होगी टीईटी Fri, 21 Feb 2014 06:57 PM (IST)
ReplyDeleteजागरण संवाददाता, इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का पहला चरण शनिवार को आयोजित किया जारहा है। इसके लिए प्रदेश भर में 1465 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। दूसरे चरण कीपरीक्षा 23 फरवरी को होगी। दो पालियोंमें होने वाली इस परीक्षा में अबकी रिकॉर्ड आठ लाख 49 हजार 381 अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं।
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव ने बताया कि तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। सभी अभ्यर्थियों को ऑनलाइन प्रवेश पत्र उपलब्ध करा दिए गए हैं। शनिवार को होनेवाली परीक्षा को प्रदेश में 1465 जबकि इलाहाबाद में 64 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा मेंलगभग 47 हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे। उच्च प्राथमिक स्तर में31,289 और उच्च प्राथमिक भाषा में8,510 अभ्यर्थी शामिल होंगे। 23 फरवरी कोप्राथमिक स्तर के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा होगी। इस दिन प्राथमिक स्तर केलिए 6,882 और प्राथमिक स्तर भाषा की परीक्षा में 823 अभ्यर्थी भाग लेंगे। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने अभ्यर्थियोंसे ओएमआर शीट मेंदिए गए निर्देशों का अक्षरश: पालन करने की अपीलकी है। यदि अभ्यर्थी ओएमआर शीट में गलत जानकारी भरते हैं तो वे परीक्षा से वंचितहो जाएंगे। बताया कि अभ्यर्थी जिस भी भाषा मेंपेपर देरहे हैं उसको जरूर लिखें। जैसे हिंदी मेंआप पेपर दे रहे हैं तो हिंदी के सामने ओएमआर शीट में काला करें। बुकलेट का सीरीज नंबर, आर्ट अथवा साइंस का विकल्प जरूर भरें, निर्देशोंका पालन करें
उर्दू शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन शुरू Fri, 21 Feb 2014 07:02 PM (IST)
ReplyDeleteजागरण संवाददाता, इलाहाबाद : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक उर्दूशिक्षकों के शेष पदोंको भरने के लिए शुक्रवार से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और ई-चालान जमा करने कीअंतिम तिथि 12 मार्च रखी गईहै। अभ्यर्थियोंको आवेदन पूर्ण रूप से 19 मार्च तक भरनाहोगा। इस दिन भरा हुआ आवेदन पत्र और रजिस्ट्रेशन फार्म प्रिंट किया जा सकेगा। ऑवेदन परिषद की वेबसाइट ह्वश्चढ्डड्डह्यद्बष्द्गस्त्रह्वश्चड्डह्मद्बह्यद्धड्डस्त्र.द् दश्र1.द्बठ्ठ पर ऑनलाइन किए जा रहे हैं।
परिषद ने सहायक अध्यापक (उर्दू) के4280 रिक्त पदोंको भरने के लिए अगस्त 2013 में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कीथी। कई चरणों की काउंसिलिंग केबाद भी इन पदोंपर योग्य अभ्यर्थी नहींमिलेऔर लगभग 1980 पद रिक्तरह गए। हाईकोर्ट केआदेश केबाद शासन ने11 फरवरी 2014 को भर्ती प्रक्रिया रोकनेका आदेश दिया। फैसलाकिया गया कि अवशेष रिक्तपदों को भरनेके लिए दोबारा आवेदन मांगा जाए। इसी क्रममें बेसिक शिक्षा परिषद नेदोबारा भर्ती प्रक्रिया शुरू की ह
इस चुटकुले की आखरी लाइन पढ कर साली हंसी ही नहीं रुकती
ReplyDeleteचुहो कि गेँग
तलवार लेकर भाग रही थी..
शेर ने पुछा: क्या हुआ, तुम लोग इतने गुस्से से
कैसे भाग रहे हो..?
चुहा : हाथी कि बेटी को किसी ने प्रपोज किया है...
नाम हमारा आ रहा है................
"लाशेँ बिछा देँगे.. लाशेँ"..
क्या आप जानते है ?? भारत के पङोसी देश कोन-कोन से है ?? # Tr5तो जाने एक और ट्रिक ....
ReplyDeleteTrick=>[श्रीलंका (में) बचपन (मे) M B A (किया)]
श्री - श्रीलंका
ब- बंग्ला देश
च- चीन
प- पाकिस्तान
न- नेपाल
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M- म्यामार
B- भूटान
A- अफगानिस्तान
मायावती ने कहा, मोदी झूठा और फरेबी है, उसे नहीं बनने दूंगी कभी प्रधानमंत्री
ReplyDeleteकेजरीवाल ने कहा वो मोदी के खिलाफ 10 करोड़ चिठियाँ बांटेगे
मुलायम कांग्रेस ममता सभी मोदी जी को रोकने में लगे हुए है
मित्रो जब सारे देश द्रोही एक हो सकते है तो हम देश भक्त क्यों नहीं .....अभी भी समय है आओ मिलकर मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाये ताकि भारत विश्व गुरु बन सके |
जय हिन्द!!
जब जान प्यारी थी, तब दुश्मन हज़ारों थे ।
ReplyDeleteअब मरने का शौक है, तो क़ातिल ही नहीं मिलते ॥
नशा अगर सिगरेट का होता
ReplyDeleteतो गर्लफ्रेंड के लिये छोड देता…
नशा अगर शराब का होता
तो फेमिली के लिये छोड देता…
नशा अगर चरस-गांजे का होता
तो जीने की तमन्ना के लिये छोड देता….
नशा लगा भी तो लगा देशभक्ति का
ना छुटते बनता, ना छोडा जायेगा…
दुश्मनों का जनाजा तो उठना ही हैं एक रोज
मैं ना रहा तो मेरे बाद भी ये “नशा”
क्रांति कि मशाल
जलायेगा !!!
शिक्ष मित्रो आपको सहायक अध्यापक बनने मे मै
ReplyDeleteबाधक नही हू बल्कि बी. टी. सी. कर
चुके अध्यापक खुद आपके रास्ते
को रोकने के तत्पर है.आखिर
नौकरी उन्हे भी तो चाहिये जब सब
सीटे फ़ुल हो जायेगी तो वे बेचारे कहाँ जायेंगे?? जल्द ही वे कोर्ट
की शरण मे होंगे...मुझे न आपसे भय है न
निकम्मी उ.प्र. सरकार से मै
अपना हक लेना अच्छी तरह जानता हूं
जल्द ही इस निकम्मी सरकार को सु.
कोर्ट मे पटकनी देकर अपनी नौकरी लूंगा..
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" Nahi Hai Ab Koi Tamanna Iss Dil Main , ,"
Meri Pehli Aur Akhiri Justuju Sirf Tum Ho ..!!
टीचर- गर्लफ्रैंड पर निबंध लिखो ?
ReplyDeleteगर्लफ्रैंड पर निबंध....
______________________
हमेशा बॉयफ्रैंड के साथ
पाए जाने वाले जंतु का नाम ही गर्लफ्रैंड होता है।
बॉयफ्रैंड इन्हें
फ्री में जो भी खिला दे वही इनका पोस्टिक आहार होता है। ये अक्सर नाराज
होने का नाटक
करते हुए दिखाई देती हैं। कुछ पैसे खर्च करके
इनका नाटक खत्म
किया जा सकता है लेकिन
बढ़ती महंगाई में अब ये
भी महंगा हो गया है।
अब ये कम से कम पांच सौ रुपए खर्च कराकर
ही चुप होती हैं। इस प्राणी का सबसे खतरनाक हथियार रोना और इमोशनली ब्लैक मेल करना होता है।
अपने
इस हथियार से पत्थर से पत्थर दिल सनम को भी मोम बना देती हैं। इस प्राणी के साथ होने के कई फायदे
भी हैं। इससे बॉयफ्रैंड का मन लगा रहता है और उसे पैसा उड़ाना भी अच्छा लगता है लेकिन गर्लफ्रैंड
का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि उसके साथ होने के बाद आप दुनिया की किसी दूसरी खूबसूरत लड़की को नहीं देख सकते। गर्लफ्रैंड
होने के कारण एक ब्रैक अप टेंशन नाम की बीमारी भी हो जाती है। इस बीमारी का कोई ठोस इलाज नहीं है। अभी तक एक ही इलाज ढूंढा जा सका है
वो भी गर्लफ्रैंड ही है। एक गर्लफ्रैंड के बाद आप
जितनी जल्दी दूसरी गर्लफ्रैंड बना लेंगे उतनी जल्दी आप ठीक हो जाएंगे
लेकिन गर्लफ्रैंड के
आते ही ब्रैक अप टेंशन बीमारी के लक्षण फिर
दिखाई देने लगेंगे। गर्लफ्रैंड नाम के इस प्राणी का सबसे दुखद पहलू यह है कि इस पर सबकुछ न्यौछावर करने के बाद भी इसका विश्वास
हासिल नहीं किया जा सकता। वो कभी भी आपको धोखा दे सकती है। इस
प्राणी की एक और खास बात यह है कि इसकीसौबत में अच्छे से अच्छा लड़का भी कुत्ता बन जाता है। बॉयफ्रैंड खुद
चलकर इस प्राणी के पास जाता है जिसके बाद
यह बॉयफ्रैंड को बर्बाद करने का कोई भी अवसर
नहीं छोड़ता है। इसकी पहली नजर बॉयफ्रैंड
की पॉकेट पर ही जाती है। सबसे महत्वपूर्ण
बात यह है कि इस प्राणी में बहुत सारे अवगुण
होने के बावजूद भई यह इतनी आसानी से
नहीं मिलता है। अगर
यह प्राणी मिल भी जाए तो बहुत भाव खाता है।
जिसको यह मिल जाता है उसे दूसरे की चाह
बनी रहती है ।
शुभ- प्रभात साथियों,
ReplyDeleteतीन मार्च उच्चतम न्यायलय क्या- क्या ? है संभव
फैसला आने की स्थिति में ये है, विकल्प...
एक- उच्च न्यायलय का फैसला यथावत बिना किसी परिवर्तन के शीघ्र अति शीघ्र भर्ती करने के निर्देश,
दो- बरवां संशोधन केवल पुराने विज्ञापन पर प्रभावी, लेकिन पन्द्रवे संशोधन को जीवित रखते हुए, हो चुकी व् होने वाली भर्ती पर पन्द्रवा संशोधन प्रभावी रहे, साथ ही 72825 को पुराने विज्ञापन से करने के आदेश,
तीन- सिर्फ हो चुकी भर्तियों के मामले में नियुक्त अभ्यर्थियों को राहत देते हुए, केवल बरवां संशोधन प्रभावी,
चार- एक सामान्य परमादेश जारी कर, शैक्षिक गुणांक प्रणाली को पूर्णत: समाप्त कर, केवल किसी परीक्षा द्वारा ही नियुक्ति हो पाना संभव,
पांच- फैसला सुरक्षित, अगली दिनाँक पर फैसला सुनाने की घोषणा कर कोर्ट स्थगित...
धन्यवाद,
स्वस्थ विचार आमंत्रित,,,
मेरी और प्रत्येक टेट अभ्यर्थी की स्तिथि ऐसी है कि
ReplyDelete.
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"मत पूछो कि कैसे गुजर रही है ज़िन्दगी,
उस दौर से गुजर रहा हूँ जो गुजरता ही नही।"
एक पत्रकार ने मोदी से पूछा, " आप एक अमेरिकन से
ReplyDeleteशादी क्यों नहीं कर लेते ? वीज़ा की समस्या हल हो जायेगी "|
मोदी ने कहा, " एक आदमी ने 45 साल पहले एक इटॅलियन से
शादी की थी और उसकी उस भूल का प्रायश्चित मेरा पूरा देश
अब तक कर रहा है | फिर भी आप मुझे ये सलाह दे रहे हैं ? "
टेट साथियों सादर नमस्कार ..
ReplyDeleteहमारे द्वारा सुप्रीम कोर्ट संघर्ष हेतु , दिए गए जितेन्द्र सिंह के अकाउंट no
JITENDRA SINGH ….
A/C NO---0348000100277277
PUNJAB NATIONAL BANK , MAINPURI …
IFSC CODE PUNB0034800
..में , विभिन जनपदों के जिला प्रतिनिधियों , सक्रीय टेट साथियों , फेस बुक टेट मित्रो द्वारा दिए गए कुल अंशदान तो बताया गया था , लेकिन कुल 2 लाख रुपये में किस जिले का या किस साथी का कितना अंशदान है , यह उपलब्ध न होने के कारण, सटीक विवरण नहीं दे पाए थे ,,,,, किन्तु आज अभी तक दो लाख रुपयों में से एक लाख छपन हजार(1,56,500 )का विवरण इस प्रकार है .........
1-BARABANKI: 20000,
2-HARDOI: 20000,
3-UNNAU: 20000,
4-JHASI: 13000,
5-BALIYA: 11000,
6-FARRUKHABAD: 8000,
7-BANARAS: 10000,
8-MAHOBA: 5000,
9-RAMPUR: 5000,
10-SHRABASTI: 4000,
11-ETAWAH: 20000,
12-MATHURA: 3000,
13.juber bhai …10,000(6,000 unnaw+4000)
14. basti.. 5,000
15-SHAILENRA MISHRA: 500,
16-ASHISH KUMAR RASTOGI: 500,
17-RAVIKANT TIWARI: 501,
16-DIVAYANSHU KUMAR: 1000,
…………………………….
शेष 43,500 रुपये का विवरण उपलब्ध न होने के कारण , अभी नहीं दिया जा सका है ,,, यह 43,500 रुपये विभिन जिला प्रतिनिधियों एवम टेट साथियों का ही है , जैसे ही विवरण उपलब्ध होता है अपडेट कर देंगे ,.. मै इस अकाउंट no के माध्यम से सहयोग करने वाले , सभी टेट जिला प्रतिनिधियों एवम सक्रीय टेट साथियों का आभार प्रकट करते है की आपने इतने कम समय में जो अमूल्य सहयोग किया है , वह प्रशंसा योग्य है .
PRIME POST OF UPTET APPOINTMENT>>>>>>>>
ReplyDeleteMERE TET SUPPORTER SATHIYO..
1) jaisa ki apna case 3 ko final order ke liye laga hai ,par 3 ko order aane ke chance v 50- 50 hai kyuki jaisa ki aap log jante hai h.c me v apna case final order ke liye lga tha par 2 din lagatar jabardast bahas ke bad order resarve ho gya hai..jab kisi case me counter aur rejoinder jma ho jata hai to case me final order ke liye bahas hoti hai aur final order ke liye hone wali bahas lagatar ku6 date v chal skti hai..
2) par dosto mai ek aur najariye se sochta hu to mujhe lgata hai ki suprime court ka order koi lamba chauda nahi aayega ki use resarve karne ki jarurat pade..
ReplyDeleteSuprime court sirf larger bench ke order ki samiksha karega aur usi order par d.b ka faishala hai so suprime court ko yadi lga ki larger bench ka faishla sahi tha to wo us par apni muhar laga kar 3 ko hi order realese kar dega..to dosto bhagwan se pray kare hamare sochne ka dusra najriya sahi ho aur 3 ko final order aa jay.
ReplyDeletejai mata di.
Jai tet merit.
एक बार जब स्वामी विवेकानंद अमेरिका गए थे, एक महिला ने उनसे शादी करने की इच्छा जताई. जब स्वामी विवेकानंद ने उस महिला से ये पुछा कि आप ने ऐसा प्रश्न क्यूँ किया?
ReplyDeleteउस महिला का उत्तर था कि वो उनकी बुद्धि से बहुत मोहित है.और उसे एक ऐसे ही बुद्धिमान बच्चे कि कामना है. इसीलिए उसने स्वामी से ये प्रश्न कि क्या वोउससे शादी कर सकते है और उसे अपने जैसा एक बच्चा दे सकते हैं?
उन्होंने महिला से कहा कि चूँकि वो सिर्फ उनकी बुद्धि पर मोहित हैं इसलिए कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा “मैं आपकी इच्छा को समझता हूँ. शादी करना और इस दुनिया में एक बच्चा लाना और फिर जानना कि वो बुद्धिमान है कि नहीं, इसमें बहुत समय लगेगा. इसके अलावा ऐसा हो इसकी गारंटी भी नहीं है. इसके बजाय, आपकी इच्छा को तुरंत पूरा करने हेतु मैं आपको एक सुझाव दे सकता हूँ. मुझे अपने बच्चे के रूप में स्वीकार कर लें .इस प्रकार आप मेरी माँ बन जाएँगी. और इस प्रकार मेरे जैसे बुद्धिमान बच्चा पाने की आपकी इच्छा भी पूर्ण हो जाएगी.“
मेरे फौलादी हौंसलों और मजबूती
ReplyDeleteपर कभी शक़ ना करना!
मैनें तो उनको भी माफ़ कर दिया जिन्होंने,
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मेरी शादी करवाई ....!
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Roses are red, violets are blue, sugar is sweet but nothing compared to you.
hi every body
ReplyDeleteumashankar ji apka dusra najriya hi sahi h or wohi hoga aisa hi hamar bhi najariya h 3 march ko final order ajayega dam sure vichar amantrit h
ReplyDeleteएक बार जब स्वामी विवेकानंद अमेरिका गए थे, एक महिला ने उनसे शादी करने की इच्छा जताई. जब स्वामी विवेकानंद ने उस महिला से ये पुछा कि आप ने ऐसा प्रश्न क्यूँ किया?
ReplyDeleteउस महिला का उत्तर था कि वो उनकी बुद्धि से बहुत मोहित है.और उसे एक ऐसे ही बुद्धिमान बच्चे कि कामना है. इसीलिए उसने स्वामी से ये प्रश्न कि क्या वोउससे शादी कर सकते है और उसे अपने जैसा एक बच्चा दे सकते हैं?
उन्होंने महिला से कहा कि चूँकि वो सिर्फ उनकी बुद्धि पर मोहित हैं इसलिए कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा “मैं आपकी इच्छा को समझता हूँ. शादी करना और इस दुनिया में एक बच्चा लाना और फिर जानना कि वो बुद्धिमान है कि नहीं, इसमें बहुत समय लगेगा. इसके अलावा ऐसा हो इसकी गारंटी भी नहीं है. इसके बजाय, आपकी इच्छा को तुरंत पूरा करने हेतु मैं आपको एक सुझाव दे सकता हूँ. मुझे अपने बच्चे के रूप में स्वीकार कर लें .इस प्रकार आप मेरी माँ बन जाएँगी. और इस प्रकार मेरे जैसे बुद्धिमान बच्चा पाने की आपकी इच्छा भी पूर्ण हो जाएगी