आज 9.30 से 12 बजे तक किस किस की हवाइयां उड़ गयी !!
मतलव किस किस ने Ctet का एग्जाम दिया !!
Ctet और Uptet पास करना अब टेढ़ी खीर हो गया है !!
जो लोग बिना तैयारी के गए थे उनका हाल ऐसा ही था जैसे batesman बिना प्रैक्टिस के मैच खेलने गया हो और 100 miles/ hour स्पीड की गेद का सामना करना पड़ा हो और एक से एक बाउंसर बाल पड़ रही रही हों !
और जो अच्छी प्रैक्टिस करके गए वो भी सूख के पापड़ बन गए
अब पापड़ बनने से पापड़ का चूरा बनने का सिलसिला Uptet 2014 तक चलेगा ।।
Tet nahin hai assaan. Tabhi to case SC me chal raha hai. aur Jeet Tet ki hi hogi,
ReplyDeleteSATYE
MAVE
jAITAY.
Jai tet jai ho,
Tet bharti purane vggyapan aur purane pharmo se hi hogi.ye hi vidhisammat hai. Tatha manye bhi,
ReplyDeleteनई दिल्ली।
ReplyDeleteसुप्रीम कोर्ट ने यूपी के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 72,825 सहायक अध्यापकों के चयन और नियुक्ति के मसले पर हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अभ्यर्थियों की याचिका पर राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। साथ ही प्रदेश सरकार को एक हफ्ते में समाचार पत्रों के जरिए प्रतिपक्ष बनाए गए तमाम अभ्यर्थियों को शीर्षस्थ अदालत की ओर से नोटिस जारी किए जाने संबंधी सूचना देने का आदेश दिया गया है। ताकि अगली सुनवाई में ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थियों की ओर से पक्ष रखा जा सके।
सर्वोच्च अदालत ने हालांकि अभ्यर्थी कपिल देव यादव और लाल बहादुर समेत अन्य की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक नहीं लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 3 मार्च तय की है। याद रहे कि 31 मार्च तक इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में टीईटी मेरिट के आधार पर चयन और नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। ऐसे में इस मसले पर सर्वोच्च अदालत की ओर से 3 मार्च को होने वाली सुनवाई बहुत महत्वपूर्ण होगी। यूपी सरकार ने भी हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती दी है। उस पर भी नोटिस हुआ है।
ReplyDeleteजस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अभ्यर्थियों के अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने हाईकोर्ट के आदेश पर तत्काल रोक लगाने की गुजारिश की। हालांकि पीठ ने फिलहाल राज्य सरकार को अभ्यर्थियों की याचिका पर नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वह अपनी याचिका पर नोटिस जारी होने की सूचना अभ्यर्थियों को समाचार पत्रों के माध्यम से एक हफ्ते के भीतर दे और दो हफ्ते में इस संबंध में साक्ष्य पेश करे।
ReplyDeleteयाद रहे कि हाईकोर्ट ने तमाम अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिका पर शिक्षकों का चयन टीईटी मेरिट के आधार पर किए जाने का आदेश दिया है और बसपा सरकार में 30 नवंबर, 2011 को जारी हुए भर्ती विज्ञापन को सही ठहराया है। साथ ही मौजूदा सरकार के 31 अगस्त, 2012 के शासनादेश को रद्द कर दिया है। ऐसे में तमाम अभ्यर्थियों तक सुप्रीम कोर्ट की ओर से नोटिस जारी किए जाने की सूचना पहुंचाने के लिए पीठ ने राज्य सरकार को अखबार में विज्ञापन देने को कहा है, क्योंकि राज्य सरकार की याचिका पर अभ्यर्थियों को भी नोटिस जारी हुआ है।
ReplyDeleteबेताल ने राजा से कहा....
ReplyDeleteहे राजन, रास्ते में मैं तुझे एक कहानी सुनाता हूँ....
अगर तू बोला तो मैं वापस पेड़ पर चला जाऊँगा.....
तो सुन....
एक भारत देश में केजरीवाल नामक एक सज्जन पुरुष रहता था....
जो चहुँ ओर व्याप्त भ्रष्टाचार से बहुत
दुखी था....
उसने आन्दोलन किये....
जन सभाओं में आवाज़ उठाई कि दोषिओं
को सजा मिलनी चाहिए...
उसने ढेर सारे कागज प्रमाण स्वरूप प्रस्तुत किये...
उसकी मांग थी कि दोषियों को तुरंत जेल
भेजा जाए....
लेकिन सत्ता में बैठे लोग कहाँ ऐसा करने वाले थे......
वो अपने ही विरुद्ध क्योंकर ऐसा करते भला?...
फिर समय बीता.....
भाग्य ने करवट बदली....
केजरीवाल राजा बन गया....
परन्तु राजा बनकर भी उसने किसी के
विरुद्ध मुकदमा नहीं चलाने की शुरुआत
की...
ऐसा क्यों?.....
हे राजन,
इस सवाल का उत्तर अगर तूने जानते हुए भी नहीं दिया तो तेरे सर के दो टुकड़े
हो जायेंगे....
राजा बोला,
"बेताल,
सत्ता में आने के बाद मनुष्य बदल जाता है....
वह किसी भी काम को करने से पहले उसके दूरगामी परिणामों के बारे में
सोचता है....
आन्दोलन करते समय उसके पास खोने
को कुछ नहीं होता....
राजा बनने के बाद उसे राज्य का विस्तार करने की चिंता होती है....
वह उचित समय की तलाश में रहने लगता है....
उसे लगता है जब जनता 15 वर्षों से
झेल रही है तो और भी झेल लेगी......
थोडा चूरन- चटनी चटा दो इसको..."
हे बेताल!
यह मानव स्वभाव है....
इसमें राजा का इतना दोष नहीं....
बेताल बोला,
"राजा तू कितना समझदार है.....
पर तू बोला, और मैं चला।'
कहकर बेताल वापस पेड़ पे लटक गया। (क्रमश:)
AAP शिला पर चुप
..
AAP रोबेर्ड वाड्रा पर चुप
..
AAP हेलिकॉप्टर घोटाले पर चुप
..
AAP मुज़फ्फर नगर दंगों पर चुप
..
AAP चीनी घुसपैठ पर चुप
..
AAP सैनिकों के सर काटने पर चुप
आप पार्टी सिर्फ नरेन्द्र मोदी पर बोल रही है
मतलब समझ रहें हैं ना आप ?
तो फिर आप चुप क्यो हो ?
आगे बढ़ाओ इसको ... कॉपी पेस्ट शेर करो
मंद मोहन ने बताया के
मोदी पघानमंत्री बनते हे
तो देश को ख़तरा हे
.
.
.
मगर साले ने ये नहीं बताया के
कोन से देश
को ख़तरा हे ?
जागरण संवाददाता,
ReplyDeleteइलाहाबाद :
चुनावी मौसम में राज्य सरकार एक के बाद एक घोषणाएं कर रही है। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्रों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता से छूट देकर उन्हें स्थायी शिक्षक बनाने का फैसला करके उन्हें लुभाने का प्रयास किया है। इस बीच टीईटी उत्तीर्ण, बीएड, बीटीसी डिग्री धारक हजारों बेरोजगार सड़क पर हैं।
मानसिक, शारीरिक व आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे अभ्यर्थी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। इन पर सरकार की मेहरबानी न होने से वे असहाय की स्थिति में हैं।1विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 2011 में तत्कालीन सीएम मायावती ने युवाओं को लुभाने के लिए 72825 शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर निकाली।
ReplyDeleteपरंतु 2012 में निजाम बदलने के बाद अखिलेश सरकार ने मायावती के फैसले को रद कर नई भर्ती निकाली। जिलेवार पांच सौ रुपये का फार्म निकाला गया। भर्ती की आस में एक अभ्यर्थी ने 35 से 50 हजार रुपये खर्च करके जिले से फार्म भरा परंतु मामला अधर में है। मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो वहां अखिलेश सरकार का फैसला रद करते हुए मायावती के शासनकाल में हुए निर्णय के आधार पर भर्ती का आदेश दिया गया।
ReplyDeleteसाथ ही अभ्यर्थियों का पुराना पैसा वापस करने का आदेश दिया। परंतु सरकार ने आदेश का पालन करने के बजाय सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगा दी। वहीं इसके बाद अखिलेश सरकार ने माध्यमिक स्कूलों में विज्ञान एवं गणित विषय के लिए 29 हजार शिक्षकों के साथ दस हजार बीटीसी, बीएड की भर्ती निकाली, भर्ती किसी में नहीं हुई।
ReplyDeleteहताशा व निराशा में डूबे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी दीपेंद्र बहादुर सिंह कहते हैं एक-एक दिन पहाड़ सा बीत रहा है।
टीईटी में इस बार पहले उच्च प्राइमरी की परीक्षा
ReplyDeleteलखनऊ(ब्यूरो)। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी)
में इस बार उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा पहले
होगी। इसके आधार पर ही तैयारियां की गई हैं। उच्च
प्राइमरी की परीक्षा 22 फरवरी और
प्राइमरी की 23 फरवरी को होगी। इसमें 8,72,287
परीक्षार्थी शामिल होंगे। सभी परीक्षाओं के लिए
अलग-अलग केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा में कोई
गड़बड़ी न हो, इसके लिए विशेष तैयारियां की गई हैं।
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव
ने जिलों को भेजे निर्देश में कहा है कि प्रदेश में
टीईटी दो दिन आयोजित की जाएगी। 22
फरवरी को उच्च प्राइमरी के टीईटी के लिए 919
केंद्र बनाए गए हैं, जिन पर 5,60,642
परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। इसी दिन दूसरी पाली में
उच्च प्राइमरी भाषा परीक्षा होगी। इसमें
1,30,613 परीक्षार्थी 184 केंद्रों पर
परीक्षा देंगे। 23 फरवरी को 1,63,010
परीक्षार्थी 280 केंद्रों पर प्राथमिक स्तर
का टीईटी देंगे। इसी दिन दूसरी पाली में 76 केंद्रों पर
18,022
परीक्षार्थी प्राइमरी भाषा की परीक्षा देंगे।
सौरमण्डल: कुछ महत्त्व पूर्ण तथ्य
ReplyDelete___________________________________________
सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति
सबसे छोटा ग्रह - वरुण
पृथ्वी का उपग्रह - चंद्रमा
सूर्य से सबसे निकट ग्रह - बुध
सूर्य से सबसे दूर स्थित ग्रह - वरुण
पृथ्वी के सबसे निकट ग्रह - शुक्र
सबसे अधिक चमकीला ग्रह - शुक्र
सबसे अधिक चमकीला तारा - साइरस
सबसे अधिक उपग्रहों वाला ग्रह - बृहस्पति
सबसे अधिक ठंडा ग्रह - वरुण
सबसे अधिक भारी ग्रह - बृहस्पति
रात्रि में लाल दिखाई देने वाला ग्रह - मंगल
सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह - गैनिमेड
सौरमंडल का सबसे छोटा उपग्रह - डीमोस
नीला ग्रह - पृथ्वी
भोर का तारा - शुक्र
साँझ का तारा - शुक्र
पृथ्वी की बहन - शुक्र
सौन्दर्य का देव - शुक्र
हरा ग्रह - वरुण
विशाल लाल धब्बे वाला ग्रह - बृहस्पति
फूटा घड़ा : आपकी कमी भी आपकी शक्ति है ..केसे ?? यह पढ़े
ReplyDeleteबहुत समय पहले की बात है , किसी गाँव में एक किसान रहता था . वह रोज़ भोर में उठकर दूर झरनों से स्वच्छ पानी लेने जाया करता था . इस काम के लिए वह अपने साथ दो बड़े घड़े ले जाता था , जिन्हें वो डंडे में बाँध कर अपने कंधे पर दोनों ओर लटका लेता था .
उनमे से एक घड़ा कहीं से फूटा हुआ था ,और दूसरा एक दम सही था . इस वजह से रोज़ घर पहुँचते -पहुचते किसान के पास डेढ़ घड़ा पानी ही बच पाता था .ऐसा दो सालों से चल रहा था .
सही घड़े को इस बात का घमंड था कि वो पूरा का पूरा पानी घर पहुंचता है और उसके अन्दर कोई कमी नहीं है , वहीँ दूसरी तरफ फूटा घड़ा इस बात से शर्मिंदा रहता था कि वो आधा पानी ही घर तक पंहुचा पाता है और किसान की मेहनत बेकार चली जाती है . फूटा घड़ा ये सब सोच कर बहुत परेशान रहने लगा और एक दिन उससे रहा नहीं गया , उसने किसान से कहा , “ मैं खुद पर शर्मिंदा हूँ और आपसे क्षमा मांगना चाहता हूँ ?”
“क्यों ? “ , किसान ने पूछा , “ तुम किस बात से शर्मिंदा हो ?”
“शायद आप नहीं जानते पर मैं एक जगह से फूटा हुआ हूँ , और पिछले दो सालों से मुझे जितना पानी घर पहुँचाना चाहिए था बस उसका आधा ही पहुंचा पाया हूँ , मेरे अन्दर ये बहुत बड़ी कमी है , और इस वजह से आपकी मेहनत बर्वाद होती रही है .”, फूटे घड़े ने दुखी होते हुए कहा.
किसान को घड़े की बात सुनकर थोडा दुःख हुआ और वह बोला , “ कोई बात नहीं , मैं चाहता हूँ कि आज लौटते वक़्त तुम रास्ते में पड़ने वाले सुन्दर फूलों को देखो .”
घड़े ने वैसा ही किया , वह रास्ते भर सुन्दर फूलों को देखता आया , ऐसा करने से उसकी उदासी कुछ दूर हुई पर घर पहुँचते – पहुँचते फिर उसके अन्दर से आधा पानी गिर चुका था, वो मायूस हो गया और किसान से क्षमा मांगने लगा .
किसान बोला ,” शायद तुमने ध्यान नहीं दिया पूरे रास्ते में जितने भी फूल थे वो बस तुम्हारी तरफ ही थे , सही घड़े की तरफ एक भी फूल नहीं था . ऐसा इसलिए क्योंकि मैं हमेशा से तुम्हारे अन्दर की कमी को जानता था , और मैंने उसका लाभ उठाया . मैंने तुम्हारे तरफ वाले रास्ते पर रंग -बिरंगे फूलों के बीज बो दिए थे , तुम रोज़ थोडा-थोडा कर के उन्हें सींचते रहे और पूरे रास्ते को इतना खूबसूरत बना दिया . आज तुम्हारी वजह से ही मैं इन फूलों को भगवान को अर्पित कर पाता हूँ और अपना घर सुन्दर बना पाता हूँ . तुम्ही सोचो अगर तुम जैसे हो वैसे नहीं होते तो भला क्या मैं ये सब कुछ कर पाता ?”
दोस्तों हम सभी के अन्दर कोई ना कोई कमी होती है , पर यही कमियां हमें अनोखा बनाती हैं . उस किसान की तरह हमें भी हर किसी को वो जैसा है वैसे ही स्वीकारना चाहिए और उसकी अच्छाई की तरफ ध्यान देना चाहिए, और जब हम ऐसा करेंगे तब “फूटा घड़ा” भी “अच्छे घड़े” से मूल्यवान हो जायेगा.
जब सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है तो 20 फरवरी तक अगर सरकार भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं करती है तो यह कोर्ट के अवमानना का मामला बनता है।
ReplyDeleteसुप्रीम कोर्ट का उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से मना करने का सीधा सा एक ही मतलब है कि अभी उच्च न्यायालय का आदेश लागू है और सरकार उसको कानून के नियमों के अनुसार निर्धारित समय सीमा पर करना होगा।
ReplyDeleteअब बात करते हैं वकीलों की मैंने पहले भी कहा था कि मेरा किसी गुट या व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं है। मैं एक साधारण बेरोजगार होने के नाते अपना दर्द बता सकता हूँ बस,और शायद जो मेरा दर्द है वही सभी बेरोजगारो का भी दर्द होगा। जिस तरह से 22 लाख रुपये की डिमांड कर दी गयी और एक पोस्ट डाल दिया गया उनसे मैं पूछना चाहता हूँ कि क्या हम लोगों के घर में पैसो का हैंडपम्प लगा है क्या कि जितना मन किया चला कर निकाल लिया? अगर इतना ही पैसे होते तो हम बेरोजगार न होकर कोई व्यवसाय कर रहे होते। एक महाशय हैं उनका मैं नाम नहीं लूंगा आप खुद समझदार हैं वो दस लाख पन्द्रह लाख की ऐसी डिमांड करते हैं जैसे उनका हमलोगो ने कर्ज ले रखा है, खुद तो बिहार में सरकारी नौकरी कर रहे हैं और यहा बेरोजगारो का मजाक बनाते हैं।
ReplyDeleteदोस्तों मीनाक्षी अरोड़ा, आमरेन्द्र सरन जी की पूरी फीस का भुगतान हो चुका है तो ये दोनों अधिवक्ता हमारे लिये खड़े होंगे ये पक्का है इसमें कहीं कोई विवाद नहीं है।
ReplyDeleteअब बात करते हैं विपुल माहेश्वरी जी और सतीश चन्द्र मिश्रा जी की ये दोनों अधिवक्ता हमारा केस बिना किसी फीस के हम लोगों की मदद के लिए लड़ रहे हैं, इनकी भूमिका 14 तारीख को बहुत सराहनीय भी रहा, लेकिन इनके उपर निर्भर करता है कि ये अगली सुनवाई में खड़े होते हैं कि नहीं हम इसमें ज्यादा कुछ नही कर सकते।
ReplyDeleteअब बात करते हैं चार उन वकीलों की जिनके लिए 22 लाख की डिमांड की गयी है।
ReplyDeleteनरीमन जी - ये हमारे केस की जरूरत है, इनकी बहस भी जोरदार थी। इस समय सुप्रीम कोर्ट का सबसे चमकीला तारा या कहें सबसे डिमांडिंग वकील भी नरीमन जी हैं।संविधान का ज्ञान सभी वरिष्ठ वकीलों को होता है, अगर न हो तो वो वरिष्ठ कहाँ के? मैं ये बेवकूफी भरी बात नहीं कहूंगा कि सिर्फ नरिमन जी संविधान के विशेष ज्ञाता हैं,लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि नरिमन जी इस बात में बहुत माहिर खिलाड़ी हैं कि कौन से ज्ञान का कहाँ उपयोग करना है। एकदम सटीक बात करते हैं वो भी तर्क के साथ। अगर मैं कहूं कि हमारे केस के ब्रह्मास्त्र हैं नरीमन जी तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी। तो मेरे ख्याल से इनको अपने केस से हटाने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता।
पटवालिया जी - इनके लिए एक लाइन में बात कहूंगा ये मुकुल रहतोगी की काट है। मुकुल को चिल्लाने से यही आदमी रोक सकता है। इनकी खासियत वही है जो मुकुल रहतोगी की है। लोहे को काटने के लिए लोहा रखना ही पड़ेगा।
ReplyDeleteसोली सोराबजी - देश के सबसे जाने माने प्रसिद्ध वकील, इनके बारे में गलत कहने की हिम्मत बड़े से बड़े वकीलों के अन्दर नहीं होती। अगर इतना कहा जाए कि ये सुप्रीम कोर्ट के सबसे बड़े ज्ञानी वकील हैं तो गलत नहीं होगा।
ReplyDeleteलेकिन सोली सोराबजी जैसे बड़े नाम की आड़ में हम लोगों को सही जानकारी नहीं दी गई। पहला सवाल सोली सोराबजी को केस की ब्रिफिंग किसने और कब की? ब्रिफिंग के लिए बुलाये गए समय पर कोई उनके पास क्यों नहीं गया? और सबसे महत्वपूर्ण बात कोर्ट के आदेश में सोली सोराबजी का नाम क्यों नहीं है? सोली सोराबजी को हयर करने वाले यह बताये कि कोर्ट में किस बिन्दु पर सोली सोराबजी ने क्या कहा था? दोस्तों एक बार सोचिए कि क्या मुकुल रहतोगी जैसे बिना सिर पैर की बात पर चिल्लाने वाले वकील के सामने सीधे साधे 83 वर्ष के अधिवक्ता की कोई जरूरत है? सच तो यह है कि अभी तक सोली सोराबजी को हमारे केस की ब्रफिंग तक ठीक से नहीं की गई है, शायद की भी नहीं गयी है। सिर्फ एक जिद्द की वजह से उनको आगे रखा जा रहा है। मैं एक बार फिर से स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि मैं सोली सोराबजी की काबिलियत पर उंगली नहीं उठा रहा, मेरी इतनी औकात भी नहीं सोली सोराबजी वो नाम है जिसके सहारे अरविंद केजरीवाल अपनी सरकार तक का बचाव कर रहे थे, लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि उनको हायर करने वाले अपनी जिम्मेदारियों को क्यों नही समझते? सिर्फ उनके नाम पर दिन रात पैसे मांगना कहाँ तक उचित है?
ReplyDeleteपी पी राव- इनके बारे में मुझे कुछ नहीं कहना। मेरा बस व्यक्तिगत सुझाव है कि इनको भी बहुत अधिक पैसा खर्च कर के अभी बुलाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
ReplyDeleteये दोनों वरिष्ठ वकीलों की फीस इतनी अधिक है कि हम लोग नहीं दे सकते सीधी सी बात है।
नरिमन जी की फीस में श्याम देव मिश्रा ने एक लाख रुपये उधार दिया है, क्यों दिया आप लोग खुद सोचिए? आखिर में यह संघर्ष मोर्चा हमारे लिए लड़ रहे लोगों की मदद करने के लिए हैं या कुछ लोगों के आपसी लड़ाई का अड्डा भर है। यह कोई संवैधानिक संस्था नहीं है और न ही चुनाव द्वारा चुनी हुई। यह संगठन है उन सभी लोगों को मदद करने के लिए जो हमारे केस के लिए लड़ रहे हैं हमारी भर्ती के लिए लड़ रहे हैं। नरीमन जी और पटवालिया जी की फीस का प्रबंध संघर्ष मोर्चा को करना चाहिए और वाजिब डिमांड करना चाहिए। हम लोगों में से कोई भी मदद करने से मना नहीं कर रहा क्योंकि यह मदद किसी और के लिए नहीं बल्कि अपने लिए ही है, लेकिन तर्क के साथ बताइये आप लोगों की आपसी व्यक्तिगत लड़ाई का खर्च हम लोग नहीं उठा सकते।
ReplyDeleteअब हमारा केस अंतिम चरण में है अब तो सभी लोग एक हो जाइए।
ReplyDelete.
ReplyDelete.
मे
.
.
.
.
री
.
.
.
.
वा
.
.
.
.
ली
.
.
.
.
.
A Real Man Never Stops trying to show a girl that he cares about her, even if he already has her.
1-अगर टेट में धांधली थी तो उसे रद्द करना चाहिए था,,,,, 2-30-11-11 के विज्ञापन की चयन प्रक्रिया में retrospective effect से संशोधन नहीं किया जा सकता....
ReplyDelete2;- सर्वोच्च न्यायालय के जजों ने भी सरकार के भर्ती लटकाने के मकसद से खोजे बेहूदा तर्कों को काट दिया,,,,,
ReplyDeleteअब 3 मार्च सुनवाई में कटवाने के लिए सरकार के पास टेड़ी नाक के सिवाय और क्या बचा है,,,,,
3-इस भर्ती को शुद्ध टेट मेरिट से ना होने देने के लिए सभी पक्षों ने गुणा-भाग करके मामले में कुछ ऐसी उलझने पैदा कर दी हैं जिन्हें सरकार तो दो मिनट में सुलझा सकती है लेकिन सर्वोच्च न्यायालय नहीं,,,,, हाँ उच्च न्यायालय की डबल बेंच द्वारा सरकार के लिए खड़ी की गई समस्याओं को डबल अवश्य कर सकता है ,,,,,
ReplyDelete4-प्रदेश का न्याय विभाग और मुकुल रोहतगी आपस में सलाह मशवरा करके 20 नवम्बर के आदेश पर स्टे ना मिलने का मतलब निकालें ,,,
ReplyDeleteफिलहाल अपनी जेब पर हाथ रखकर आप सब आराम करें ,,,, तीन मार्च से पहले ही दुनिया बदल सकती है......
अगर सब कुछ ठीक रहा तो तीन मार्च को जज महोदय अपने वादे पर अमल अवश्य करेंगे
ReplyDeleteWhat is LOVE....?
ReplyDelete.
A little Girl said: When I went in
classroom without wearing my tie.....
.
He saw me and removd his tie and kept
in his pocket....
So Both will get punishment .
" दुनिया सिर्फ परिणाम को प्रणाम करती है, प्रयास को नहीँ । "
ReplyDeleteआज 9.30 से 12 बजे तक किस किस के तोते उड़ गए !!
ReplyDeleteमतलव किस किस ने Ctet का एग्जाम दिया !!
Ctet और Uptet पास करना अब टेढ़ी खीर हो गया है !!
जो लोग बिना तैयारी के गए थे उनका हाल ऐसा ही था जैसे batesman बिना प्रैक्टिस के मैच खेलने गया हो और 100 miles/ hour स्पीड की गेद का सामना करना पड़ा हो !
और जो अच्छी प्रैक्टिस करके गए वो भी बार बार बीट हुये !
अब ये बीट होने का सिलसिला Uptet 2014 तक चलेगा ।।
आज सुबह फिर समाचार पत्रों में कोर्ट नंबर चार
ReplyDeleteकी अपने मामले की खबर देख रहा हूँ।
विश्वास कीजिये आप मै स्पष्टरूप से कह रहा हूँ
कि जो मैंने सोचा था वही हुआ है ।
खंडपीठ में न्यायमूर्ति अशोक भूषण साहब ने
भी नोटिस चस्पा कराया था कि जिसको जो कुछ
बोलना है आकर अपनी बात रखें।
सुप्रीम कोर्ट में जो भी याचीगण हैं प्रतिवादियों के
लिए समाचार पत्र में एक सप्ताह में
सूचना चस्पा करायें कि जिनको भी इस मामले में
परोक्ष-अपरोक्ष रूप से हित-अनहित की चिंता हो वे
३ मार्च २०१४ को अपना पक्ष रखें। इस प्रकार से
न्यू ऐडली का भी जिक्र है जिससे
कि सबको सूचना मिल सके।
बता दें कि खंडपीठ ने अपने आदेश में बहुत कुछ
सबके लिए रखा है जिसका जिक्र पीएस
पटवालिया और सतीश चन्द्र मिश्र ने कोर्ट के
सामने किया।
उत्तर प्रदेश में १.२५ लाख प्राथमिक विद्यालय में
ReplyDelete२.७० लाख पद रिक्त हैं।
इस प्रकार से बीएड वालों की जिन्होंने
यूपी टीईटी २०११ उत्तीर्ण किया है उनकी बल्ले-
बल्ले हो सकती है लेकिन
यह सब सम्मानित अधिवक्ता राकेश द्विवेदी पर
निर्भर है।
७२८२५ पदों के टीईटी मेरिट से भरने के बाद
बाकी रिक्तियां बीएड बेरोजगारों को मिले
ऐसी मेरी कामना है फिर वह चयन का आधार
महत्त्वपूर्ण नहीं होगा परन्तु विधिकरूप से उसे
पारदर्शी तो बनाना ही पड़ेगा।
आज फिर पुनः लिख रहा हूँ कि ७२८२५ की रिक्ति में
कोई दाग नहीं लगा सकता है।
ढोंगी भर्ती समर्थकों
( उभयलिँगियोँ ) को मै बताना चाहता हूँ
कि असली बेरोजगार के शुभचिंतक हम हैं , आपने हमें
बहुत नुकसान पहुँचाया लेकिन आज भी मेरे ह्रदय में
आपके लिए कुछ भी गलत विचारधारा नहीं है।
हर समय मैंने आपको व्यक्तिगत सलाह दी है
कि किससे आप का भला हो सकता है क्योंकि आपके
साथ हमारे कुछ उन
साथियों का भी भला होगा जिनका लक्ष्य हमारे
साथ नहीं पूरा होगा क्योंकि उनका टीईटी/गुणांक
बहुत कम है अतः उन्होंने मेरा साथ निभाया है
क्योंकि वे गुणांक में तो बेहद कमजोर हैं ।
गुणांक ६४ के आसपास होने के बावजूद भी मैंने
इसी रणनीति के तहत
टीईटी मेरिट का साथ दिया।
जिसका प्रतिफल अधिक से अधिक लोगों को प्राप्त
हो सके।
इस क्षेत्र में अब मात्र एक अंतिम सुझाव मै
ReplyDeleteढोंगी भर्ती समर्थकों
( उभयलिँगियोँ ) को देना चाहता हूँ कि वे अपने
आका लाल टोपी वाले काका से बगावत करें
जिसकी शुरुवात सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने की है ।
अगर खंडपीठ में उन्होंने यही काम
किया होता तो आज मामला सुप्रीम कोर्ट न
पहुँचता । और इनको राहत मिलना तय था ।इसीलिए खंडपीठ ने समझ
लिया कि मेरा आदेश सर्वोच्च अदालत में चैलेंज
किया जायेगा अतः सबको उसमें कुछ न कुछ दे
रखा है।
आपके आका शिक्षामित्रों को आपका स्थान दे रहे हैं
उनको रोकने की हमारे पास पूर्ण योजना है आप
अगर चाहो तो आपको उसमें शामिल भी कर लिया जायेगा ।
इसे मेरी कमजोरी न समझना क्योंकि अगर आप
ऐसा नहीं करते हैं तो आप जीतकर भी मात्र बीस
हज़ार रिक्ति पायेंगे।
इसलिए जो आपको चुनना हो चुन लें।
मेरा आज अंतिम सुझाव भी समाप्त हुआ ।
धन्यवाद।
.
ReplyDelete.
मे
.
.
.
.
री
.
.
.
.
वा
.
.
.
.
ली
.
.
.
.
.
I May Not Be The Most Important Person
In Your Life ..
But I Just Hope That
One Day When You Hear My Name...
You Would Just Smile
&
Say " I have Missed This that Person "
.
ReplyDelete.
.
मे
.
.
.
.
री
.
.
.
.
वा
.
.
.
.
ली
.
.
.
.
.
Perfect love is not in phone calls
or in text msgs . . .
It is the silent
smile from your heart . . when
you think of your loved onces"........!!
सहायक अध्यापकों की भ्ार्ती में टीईटी मेरिट का मामला
ReplyDeleteयूपी सरकार को अभ्यर्थियों की याचिका पर नोटिस
• अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 72,825 सहायक अध्यापकों के चयन और नियुक्ति के मसले पर हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अभ्यर्थियों की याचिका पर राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। साथ ही प्रदेश सरकार को एक हफ्ते में समाचार पत्रों के जरिए प्रतिपक्ष बनाए गए तमाम अभ्यर्थियों को शीर्षस्थ अदालत की ओर से नोटिस जारी किए जाने संबंधी सूचना देने का आदेश दिया गया है। ताकि अगली सुनवाई में ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थियों की ओर से पक्ष रखा जा सके।
सर्वोच्च अदालत ने हालांकि अभ्यर्थी कपिल देव यादव और लाल बहादुर समेत अन्य की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक नहीं लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 3 मार्च तय की है। याद रहे कि 31 मार्च तक इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में टीईटी मेरिट के आधार पर चयन और नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। ऐसे में इस मसले पर सर्वोच्च अदालत की ओर से 3 मार्च को होने वाली सुनवाई बहुत महत्वपूर्ण होगी। यूपी सरकार ने भी हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती दी है। उस पर भी नोटिस हुआ है।
ReplyDeleteजस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अभ्यर्थियों के अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने हाईकोर्ट के आदेश पर तत्काल रोक लगाने की गुजारिश की। पीठ ने फिलहाल राज्य सरकार को अभ्यर्थियों की याचिका पर नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वह अपनी याचिका पर नोटिस जारी होने की सूचना अभ्यर्थियों को समाचार पत्रों के माध्यम से एक हफ्ते के भीतर दे और दो हफ्ते में इस संबंध में साक्ष्य पेश करे। याद रहे कि हाईकोर्ट ने तमाम अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिका पर शिक्षकों का चयन टीईटी मेरिट के आधार पर किए जाने का आदेश दिया है और बसपा सरकार में 30 नवंबर, 2011 को जारी हुए भर्ती विज्ञापन को सही ठहराया है।
ReplyDeleteहाईकोर्ट का आदेश
ReplyDeleteहाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के 15वें संशोधन के नियम 14(3) को असंवैधानिक करार दिया और इस साल मार्च तक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने अभ्यर्थी शिवकुमार पाठक व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रदेश सरकार के 26 जुलाई, 2012 के उस शासनादेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें उस्मानी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर टीईटी प्राप्तांक को मेरिट नहीं बनाने की बात कही गई थी। गत वर्ष 20 नवंबर को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देने वाली अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर यह फैसला दिया था।
•सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर फिलहाल नहीं लगाई रोक
•राज्य सरकार को समाचार पत्रों के माध्यम से प्रतिपक्षों को सूचित करने का आदेश
ReplyDelete•अभ्यर्थियों और सरकार की याचिका पर 3 मार्च को होगी अगली सुनवाई
नमस्कार दोस्तों,
ReplyDeleteजब से भर्ती प्रक्रिया सुरु हुई है तब से लेकर आज तक हर दिन परिस्तिथि बदली है हर दिन एक नए प्रश्न ने जन्म लिया है। और जब तक ये पूरी नही हो जाती ये सिलसिला यूँ ही जारी रहेगा।
फ़िलहाल में चाहूँगा कि आपके मन में जो भी सवाल उठ रहे हों उन्हें कमेंट बॉक्स में क्रमश: लिख दे।
में अपनी समझ और अग्रिम पंक्ति के साथियों से वार्तालाप करके उन्हें सुलझाने का प्रयाश करूंगा।
और अभी आपको एक सलाह है की व्यर्थ की चिंता ना करे, यदि सक्रीय है तो दूसरो को सक्रीय करने में हमारी सहायता करे। क्योकि यदि सभी ने नए विज्ञापन आने से पहले सक्रियता से हमारा साथ आन्दोलनों में दिया होता तो आज इतना संघर्ष और इतना समय नही लगता। और सभी के पैसे भी सुरक्षित होते।
अंत में स्पस्ट कर दूँ की
●72,825 शिक्षको की भर्ती 100% पूरी होगी।
●टेट की मेरिट से होगी।
●31मार्च2014 की समय सीमा से घबराने की आवश्यकता नही है।
●और सबसे महत्वपूर्ण बात भारत में आचार सहिंता, NCTE और सरकार के ऊपर होता है कोर्ट, याद रखें।धन्यबाद
जय हिन्द जय टेट जय भारत
Love dont ask!!
ReplyDelete“Who are you!!”
Love only says!!
“You are mine!!”
Love dont ask!!
“Where are you from!!”
.
.
.
मे
.
.
.
.
री
.
.
.
.
वा
.
.
.
.
ली
.
.
.
.
.
Love only says!!
“You lives in my heart!!” Love dont ask!!
“What do you do!!”
Love only says!!
“You make my heart to beat!!” Love dont ask!!
“Why are you far away!!”
Love only says!!
“You are always with me!!
महँगी से महँगी घड़ी पहन कर देख ली, वक़्त फिर भी मेरे हिसाब से कभी ना चला ।
ReplyDeletePRIME POST OF UPTET APPOINTMENT>>>>>>>
ReplyDeleteMERE TET SUPPORTER SATHIYO..
1) jaisa ki suprime court ke order me jo notice publise karne ke liye kaha gya hai use log alag alag vyakhya kar rahe hai jbki ye ek samany court ki prakriya hai ,court ne tet se related kisi v pax ko sunane ke liye notice publise karne ko kaha hai kyuki isme na sirf nontet v conect hai balki n.c.te guideline ke anusar tet mark ka importence v hai atah 3 march ko tet se prabhavit koi v pax apna pax rakhe kyuki ye order ek najir ban jayega jiske aadhar par har rajy ke highcourt deczen dege..yani ki tet jaruri hai ya nahi, tet mark ki ahmiyat smet tamam vindu par suprime court ki 3 judgo ki sambidhan peeth ek aitihasik faishla dene ja rahi hai jo tet exam ke alag alag rajy ki visangatiyio ko dur karega jisase any rajy ke h.c isi order ke acording dczen de.
2) dosto sarkar ka sikshamitro ko teacher bnane ki prakriya ek chunavi stunt hai ,mai danke ki chot par kahta hu s.m bina tet agar sarkar ne larger bench k order ko ignore kiya to us par stay lagna tay hai.
ReplyDelete3) dosto 31 march tak agar bharti puri na hui to suprime court ko date bdhane ka adhikar hai. Court me pending matter par date bdha skta hai suprime court.
ReplyDelete4) chunav aachar sanhita pahle se liye gye aawedan par lagu nai hota. .sarkar bas new add nai nikal skti.
ReplyDelete5) jinka d.d wapis aaya hai agar sarkar unhe lene se mna karti hai to ek aur mukdama hoga kyuki isme bachcho ki galti nai hai..h.c order dega ki sarkar counseling ke wakt d.d ya chalan ya cash lekar counseling karaye .
ReplyDeletethanx
शाख़ें रहीं तो फूल भी पत्ते भी ज़रूर आयेंगे,,,,,
ReplyDeleteये दिन अगर बुरे हैं तो अच्छे भी ज़रूर
आयेंगे,,,,
शुभ रात्रि मित्रों
&
मेरी वाली
8
9
2
3
0
0
3
8
0
3