नई दिल्ली। केंद्र के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी से भरा हो सकता है साल 2014। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सातवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। इसके अतंर्गत केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को इस सूचना की पुष्टि कर दी।
यह जानकारी वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर दी। बयान के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आशोक कुमार माथुर को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि पेट्रोलियम सचिव विवेक राय इस आयोग के पूर्णकालिक सदस्य होंगे। रथिन राय (निदेशक नेशनल इंस्टिच्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी) आयोग के अंशकालिक सदस्य होंगे तथा मीना अग्रवाल (व्यय विभाग की विशेष कार्य अधिकारी) इसकी सचिव होंगी। सितंबर 2013 में प्रधानमंत्री ने सातवें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दी थी
गौरतलब है कि एक जनवरी 2016 से कर्मचारियों को सातवें वेतन मान का फायदा मिलेगा। रक्षा और रेलवे के कर्मचारियों के साथ-साथ 30 लाख पेंशनधारक भी इसका लाभ उठा सकेंगे। संविधान में हर दस सालों में कर्मचारियों के वेतन मान में संशोधन करने का प्रावधान है। छठा वेतन आयोग एक जनवरी 2006, पाचवां एक जनवरी 1996 और चौथा एक जनवरी 1986 से कार्यान्वित हुआ था
Apart from increasing the pay scales the panel will also look at other suggestions related to working conditions and may also review the retirement age, which is current at 60 years. There is widespread demand to increase the retirement age to 62, although the move will force the government to defer hiring. The terms of reference of the seventh pay panel are, however, yet to be made public.
Tue, 04 Feb 2014 02:45 PM (IST)
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देश में बढ़ती हुए रिटायरमेंट ऐज बढ़ाना सही नहीं है
आज जरूरत है कि रिटायरमेंट ऐज को घटा कर ६० से 55 किया जाये , जिस से अधिक से अधिक क्षमतावान युवा शक्ति को उचित सके
देश में ई गवर्ननेंस को अधिक से अधिक लाभकारी बनाने के लिए अच्छी युवाओं कि वर्क फ़ोर्स जरूरत है ,
Sabhi tet prerako ka hardik abhinandan karts hun. Bhavisaye me tet ki hi Jeet hogi,
ReplyDeletetet merit jindabad......bus kucch dino me jeet pakki hone wali hc k bad sc mohar lagane wala hai
ReplyDeletetet merit jindabad......bus kucch dino me jeet pakki hone wali hc k bad sc mohar lagane wala hai
ReplyDeleteशादी के बाद पत्नी कैसे बदलती है,जरा गौर कीजिए:
ReplyDeleteपहले साल: मैंने कहा जी खाना खा लीजिए, आपने काफी देर से कुछ खाया नहीं।
दूसरे साल: जी खाना तैयार है, लगा दूं?..
तीसरे साल: खाना बन चुका है, जब खाना हो तब बता देना।..
चौथे साल: खाना बनाकर रख दिया है, मैं बाजार जा रही हूं, खुद ही निकालकर खा लेना।:/
पांचवे साल: मैं कहती हूं आज मुझसे खाना नहीं बनेगा, होटल से ले आओ। ..
छठे साल: जब देखो खाना, खाना और खाना,अभी सुबह ही तो खाया था।:.
शादी के बाद पति कैसे बदलते है,जरा गौर कीजिए:
पहले साल: jaanu संभलकर उधर गड्ढा हैं ...
दूसरे साल : अरे यार देख के उधर गड्ढा हैं ..
तीसरे साल : दिखता नहीं उधर गड्ढा हैं ..
चोथे साल : अंधी हैं क्या गड्ढा नहीं दिखता
पांचवे साल : अरे उधर -किधर मरने जा रही हैं गड्ढा तो इधर हैं ..
Ek Sach Chupa Hota Hai :- Jab Koi Kisi Ko Kehta Hai Ki "Mazaak Tha Yaar".
ReplyDeleteEk Feeling Chupi Hoti Hai :- Jab Koi Kehta Hai "Mujhe Koi Farq Nahi Padta".
Ek Dard Chupa Hota Hai :- Jab Koi Kehta Hai "Its Ok".
Ek Zarurat Chupi Hoti Hai :- Jab Koi Kehta Hai "Mujhe Akela Chhod Do".
Ek Gehri Baat Chupi Hoti Hai :- Jab Koi Kehta Hai "Pata Nahi".
Ek Samundar Chupa Hota Hai Baato Ka :- Jab Koi "Khamosh Rehta Hai".....
JRT COUNCELING KE KYA NEWS HAI ANYONE PLS.
ReplyDeleteडॉक्टर बहुत कहते है के अन्डे खाना बहुत आवश्यक है और उनका हिसाब किताब प्रोटीन वाला है !
ReplyDelete...प्रोटीन इसमें ज्यादा है विटामिन A ज्यादा है । हमारे डॉक्टर जो पढाई करते है जैसे MBBS , MS, MD ये पूरी पढाई से आई है मने यूरोप से आयें हैं और यूरोप में जो लोग होंगे उनके पास मांस और अन्डे के इलावा और कुछ नही होगा । तो उनकी जो पुस्तके है उनमे वो ही लिखा जायेगा जो वहाँ उपलब्ध है । और यूरोप में पूरा इलाका बहुत ठंडा है !6 महीने बर्फ पड़ी रहती है ! सब्जी होती नही , दाल होती नही हैं ! पर अंडा बहुत मिलता है कियोंकि मुर्गियां बहुत है ।
अब हमारे देश में भी वो ही चिकित्सा पढ़ा रहे है क्यूंकि आजादी के 67 साल बाद भी कोई कानून बदला नहीं गया ! पर उस चिकित्सा को हमने हमारे देश की जरुरत के हिसाब से बदल नही किया मने उन पुस्तकों में बदवाल होना चाहिए , उसमे लिखा होना चाहिए भारत में अन्डे की जरुरत नही है कियोंकि भारत में अन्डे का बिकल्प बहुत कुछ है । पर ये बदवाल हुआ नही और डॉक्टर वो पुस्तक पढ़ कर निकलते है और बोलते रहते है अन्डे खाओ मांस खाओ । आयुर्वेद की पढाई पढ़ कर जो डॉक्टर निकलते है वो कभी नही कहते के अन्डे खाओ । अन्डे में प्रोटीन है पर सबसे जादा प्रोटीन तो उड़द की दाल में है , फिर चने की डाल , मसूर की डाल ; अन्डे में विटामिन A हैं पर उससे ज्यादा दूध में है ।
निचे दिए गए लिंक पे जाके विडियो देखे :
http:// www.youtube.com/ watch?v=nXaQ0JS5 iIs_______________________
एक बार एक नवयुवक
ReplyDeleteकिसी संत के पास
पहुंचा .और बोला
“ महात्मा जी , मैं
अपनी ज़िन्दगी से बहुत
परेशान हूँ , कृपया इस
परेशानी से निकलने
का उपाय बताएं संत
बोले , “ पानी के ग्लास में
एक मुट्ठी नमक डालो और
उसे पीयो .”
युवक ने ऐसा ही किया .
“ इसका स्वाद
कैसा लगा ?”, संत ने पुछा।
“ बहुत ही खराब … एकदम
खारा .” – युवक थूकते हुए
बोला .
संत मुस्कुराते हुए बोले ,
“एक बार फिर अपने हाथ
में एक मुट्ठी नमक ले
लो और मेरे पीछे -पीछे आओ .
“
दोनों धीरे -धीरे आगे बढ़ने
लगे और थोड़ी दूर जाकर
स्वच्छ पानी से बनी एक
झील के सामने रुक गए .
“ चलो , अब इस नमक
को पानी में डाल
दो .” ,संत ने निर्देश
दिया।
युवक ने ऐसा ही किया .
“ अब इस झील
का पानी पियो .” , संत
बोले .
युवक पानी पीने लगा …,
एक बार फिर संत ने पूछा ,:
“ बताओ इसका स्वाद
कैसा है ,
क्या अभी भी तुम्हे ये
खारा लग रहा है ?”
“नहीं , ये तो मीठा है ,
बहुत अच्छा है ”, युवक
बोला .
संत युवक के बगल में बैठ गए
और उसका हाथ थामते हुए
बोले , “ जीवन के दुःख
बिलकुल नमक की तरह हैं ;
न इससे कम ना ज्यादा .
जीवन में दुःख की मात्र
वही रहती है , बिलकुल
वही . लेकिन हम कितने
दुःख का स्वाद लेते हैं ये
इस पर निर्भर करता है
कि हम उसे किस पात्र में
डाल रहे हैं . इसलिए जब
तुम दुखी हो तो सिर्फ
इतना कर सकते हो कि खुद
को बड़ा कर लो …ग़्लास
मत बने रहो झील बन
जाओ .”॥
बीवी : अजी सुनिये जब आपने पहली बार
ReplyDeleteमेरा घुंगट उठाया था तो कैसा लगा था ??
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ठलुआ : भगवान् कि कसम ,
अगर हनुमान चालीसा याद न होता तो मर ही जाता .......
लड़का हैंडसम होना चाहिए, ‘स्मार्ट’ तो फोन
ReplyDeleteभी होते हैं।
फोन तो आईफोन होना चाहिए, ‘S1, S2…S4’
तो ट्रेन के डिब्बे भी होते हैं।
इंसान का दिल बड़ा होना चाहिए, ‘छोटा’ तो भीम
भी है।
व्यक्ति को समझदार होना चाहिए, ‘सेंसटिव’
तो टूथपेस्ट भी है।
टीचर ज्यादा नंबर देने वाला होना चाहिए, ‘अंडा’
तो मुर्गी भी देती है।
युवा राष्ट्रवादी होना चाहिए, ‘कूल’ तो नवरत्न तेल
भी है।
राष्ट्रपति कलाम होना चाहिए, ‘मुखर्जी’
तो रानी भी है।
बाथरूम में हेयर ड्रायर होना चाहिए, ‘टॉवल’
तो श्रीसंत के पास भी है।
लड़के में अक्ल होनी चाहिए, ‘सूरत’ तो गुजरात में
भी है।
मोबाइल जनरल मोड पर होना चाहिए, ‘साइलेंट’
तो मनमोहन भी हैं।
सेब मीठा होना चाहिए, ‘लाल’ तो आडवाणी भी हैं।
लड़का द्रविड जैसा होना चाहिए, ‘राहुल’
तो गांधी भी है।
घूमना तो हिल स्टेशन पर चाहिए, ‘गोवा’ तो पान
मसाला भी है।
दवाई ठीक करने के लिए होना चाहिए, ‘टेबलेट’
तो सैमसंग का भी है।
रिप्लाई ढंग का होना चाहिए, ‘Hmmm’ तो भैंस
भी करती है.
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ReplyDelete20नवम्बर2013 के बाद मिली पहली अच्छी खबर
ReplyDelete.
,
सर्वोच्य न्यायलय में केस की पहली तारीख 7 फरबरी 2014 नियत की गयी है।
भगवान से प्रार्थना करे कि यह तारीख ही निर्णायक हो। जिससे भर्ती शीघ्र प्रारंभ हो कर पूर्ण हो सके ।
जय हिन्द जय टेट जय भारत
!! सत्यमेव जयते सर्वदा !!
ट्रेन में अभी भी दो घंटा विलम्व था और मैं पिछले एक घंटे से प्लेटफार्म पर पड़ा था| बहुत उबासी आ रही थी..इसलिए चाय पीने का मन हो आया. प्लेटफार्म से बाहर बहुत सारे दुकानें अभी भी खुली थी मगर अपने सामान को इस तरह छोड़कर मैं नहीं जा सकता.
ReplyDeleteमुझसे कुछ दूरी पर गंदे-फटे कपड़ों में भिखारियों के बच्चे खेल रहे थे, कौतूहलवश मैं उन्हे देखने लगा. चार से दस साल उम्र के पाँच बच्चे थे.. ये कहना मुश्किल था कि सभी एक ही परिवार से हैं. पानी की खाली बोतल, कुछ सूखे
ब्रेड के टुकड़े, प्लास्टिक के बैग में मुड़े हुए कुछ और खाने के समान...एक कोने में जमा कर रखा था उन्होने. बहुत मसगुल होकर आपस में बाते कर रहे थे और बीच-बीच में खाली बोतलों को एक दूसरे पर फेंकते हुए पूरे प्लेटफार्म पर भाग रहे थे. कथित संभ्रात लोग इन बच्चों को झिड़क भी रहे थे और ये बच्चे ज़ोर से हंसते हुए उनके सम्मान को ढेस पहुँचा रहे थे.
इनसे कोई बात नहीं करता-ये सिर्फ़ आपस में बात करते हैं. लोगों के बीच जाकर ये बहुत दयनीय रूप दिखाकर पैसे माँगते-खाना माँगते हैं और ये बच्चे ट्यूब लाइट की झक-झक रोशनी में ज़ोर-ज़ोर से हंसते हैं अपनी पीले दांतों को बाहर निकालकर.
मैंने उनमे से एक बच्चे को अपने पास बुलाया, मेरे आशा के विपरीत भागकर आया, "हाँ मालिक!" मैं खुश हुआ रात के मादकता में तहज़ीब नहीं भुला. 10 का सिक्का थमाकर बोला,"चाय ले आओगे?" हामी में सिर हिलाया था उसने. करीब आधे घंटे बाद एक कुल्हर में आधा कुल्हर चाय लेकर आया. मैं आश्वस्त था उसके नहीं आने का मगर उसे देखते ही हैरान रह गया. "बाबूजी, आपके पैसे कहीं अंधेरे में गिर गये, काफ़ी ढूँढा पर मिला नहीं. चाय वाले का बर्तन धोकर फिर चाय लाया हूँ"
मैं सन्न था, दूसरा सिक्का बढ़ाया मगर लेने से इंकार करता रहा, जबरन उसकी पॉकेट में डाला. खुद्दारी, ईमानदारी और मानवीयता तीनो मौजूद था उस बिन तराशे हीरे में.... चाय ख़त्म हो चुकी थी और गाड़ी भी प्लेटफार्म पर आ चुकी थी सिर्फ़ उस दिन घर आने की जल्दबाज़ी नहीं थी मुझे. डब्बे के अंदर सीखचों के बीच से उस बच्चे को घूर रहा था...काश इनके के साथ बेअदबी करने वाले लोग एक प्याली चाय भी शेयर कर कर लें उनसे ....
सरकार ने urgency के अधर पर 7या 10 फरवरी की तारीख माँगी है
ReplyDeleteटीईटी संर्घष र्मोचा के
सभी संदस्य जानकारी के लिये
SC मेँ सुनवाई
07/10 को होगा
आप लोग धैर्य का परिचय दें ।
मे
ReplyDeleteरी
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वा
ली
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Kabhi pathar ki lakeeren bhi mita karti hai kya,
Kitne nadan hain mere dil se tera naam mitane wale….
Kya 7 febry ko sach me date lagi hai ?
ReplyDelete