Avnish Avi
निश्चित ही ये पोस्ट काफी लोगों को अच्छी नहीं लगेगी पर हमें कुछ सच और बुरी बातें सुनने की आदत भी डालनी होगी यदपि मेरा PRIMERY में टेट और अकादमिक बेस दोनों पर हो जायेगा पर टेट का समर्थन किया है और जब भी जरुरत हुई है सहयोग भी किया है क्यूँ की टेट मेरिट PRIMERY के लिये सत्य है।
अब मुद्दे पर आ जाते हैं और अपने घर की बात करते हैं यानी टेट मोर्चा की बात---
टेट मोर्चा का जन्म PRIMERY भर्ती का टेट मेरिट पर सिलेक्शन के लिये हुआ और इसका सिर्फ एक ही लक्ष्य होना चाहिए था टेट मेरिट पर primery भर्ती पर समय के साथ इसके साथ और लक्ष्य भी जुड़ते गये ---
morcha ke main aim -
1)old add bhal krna tet pr bhrti.
2) jrt ko radd krana.
3)15 wa ko jinda na hone dena.
4)sm ka samayojan na hone dena.5) urdu btc walo ko bahar karna.
6)keval tet pr jrt urdu btc karna taki keval tet 11 wale job paye.kyoki tet 13 ,14 ctet walo ke tet mrk kam h.
अगर सही कहा जाये तो टेट मोर्चा में Primery भर्ती को कराने में जितना घ्यान दिया जाये उससे अधिक ध्यान इस बात पर दिया जाने लगा की दूसरी भर्ती कैसे रोकी जाएँ यानी की अपना भला कम और दूसरों का बुरा अधिक सोचा जाने लगा कोशिश की जाने लगी की डेट 17 या उसके बाद ली जाये जिससे चलती जूनियर भर्ती पर स्टे लगवाया जा सके ।
एक कहावत है जब हम दूसरों के घर में आग लगाने की सोचते हैं तो चिंगारी हमारे घर में लग जाती हैं यही टेट मोर्चा के साथ हुआ दूसरों का बुरा सोचते सोचते अपने ही कुछ साथी गद्दार निकले और चंदे की रकम लेकर फरार हो गए अंतिम समय पर विखराब इतना आ गया की वकील ही फाइनल नहीं हो पा रहे थे वो तो भला हो कुछ सहस्यों का जो मसीहा बनकर आये और आखरी समय पर स्थिति को कण्ट्रोल किया बरना भगदड़ मच चुकी थी । खैर अब चिंता की कोई बात नहीं है 14 फरबरी डेट मिल चुकी है और तैयारी का पर्याप्त समय है ।
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Vinay Pandey --+
MERE TET SUPPORTER SATHIYO..jaisa ki aaj suprime court me hamare case ki sunwai thi par hamare wakilo ne court ko yah btaya ki hamare yachiyo ko sarkar ke slp ki notice 6 feb ko mili jisase ham itne jald bahas ki sthiti me nahi hai ,unhone court se date agle hafte lagane ki request ki aur court ne yah man liya..2) dosto sarkar ne apni slp me ye btaya hai ki nontet ka mamla v suprime court me pending hai isliye tet merit bnane se kahi nontet par agar order unke pax me aaya to fir tet merit bnane ka matlab nahi hoga..sarkar ne ye v kaha hai ki tet merit bnane se tet 2013 wale pas logokaha jayege...is par judge sahab ne nontet ki suprime court ki slp ki file ko v next date par uplabdh karane kaaadesh diya hai..3) dosto s.p government ke nyay vibhag ko ham kahe to kya kahe ,inki slp me di gyi dalile padhkar hasi aa rahi hai,.aakhir nontet ka mudda uthakar gov. Kya chahti hai? Kya sarkar bharti ko aur atkana chahti hai ,.wahi tet 2013 primery me jab b.ed wale hai hi nahi ..72825 bharti sirf b.ed tet pass logo k liye hai to fir tet 2013 ka mudda uthane ka kya matlab? Ye gov. nyaypalika ko aakhir kya smjhti hai? Court me ul jalul dalile dene se kahi inki band na bja dejudge sahab? Kyuki court ko gumrah karna v ek apradh hota hai aur ye gov. Slp me aisa hi ku6 kar rahi hai..4) dosto halaki paiso ka collection ek jagah na hone se aaj sangathan ko kafi dikkat aayi .senior adwocate aaj court me nahi aaye..4junior wakil the aur senior wakil me amrendra singh hithe, next 7 din me hame ek jut hokar apni antim nirnayak ladai ki kamiyo kodur karna hoga..aur jo v sangathan ke sath gaddari kar rahe hai unhe ham lat mar ke bhaga de kyuki aise log sangathan ke 2 sal ke menhat parpani ferane ke tak me hai..Jai mata di ,jai tet merit 05) dosto sbki slp par pahle din ki bahas tay karti hai ki slp accept hui ya kharij..kyuki pahle din hi admison stage hoti hai,jisme bahas hone par uski merit tay hot
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Shiv Prakash Kushwaha
टेट मोर्चा वाले भाई सभी के सभी लायर हो गये है कोई कुछ उगल रहा है तो कोई कुछ ।
आज डेट 14 फरवरी लग जाने से ये लोग इतना खुश है की पूछो मत ।
ये डेट लग जाने से इसलिये खुश है कि जूनियर की काउंसिलिंग जो 12 फरवरी से स्टार्ट होने वाली थी अब 12 को नही हो पायेगी ।
धन्य हो महापुरुषों इन्हें बस दूसरों की भर्ती रोकने मे ही खुशी मिलती है ।
आज टेट मोर्चा वालों का मुख्य उद्देश्य अगला डेट लेना था जिसमें ये अपने लायर की अनुपस्थिति दिखाकर देट लेने में कामयाब हो गए ।
लेकिन बकरे की माँ कबतक खैर मनायेगी एक दिन तो हलाल होना ही है।
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Sujeet Singh
सत्यमेव जयते
....नो टैगिंग..नो स्टे..
नो एनी नोटिस इसू
1.हमारे वकीलों ने जोरदार दलील दे कर...सरकार के गंदे मनसूबो परपानी फेरा .
2. सरकार सुप्रीम कोर्ट में लंबित नॉन टेट और एक अन्य मैटर से हमें जोड़नाचाहती थी .. जिससे मामला लम्बा खीच जाये .. पर हमारे वकीलों ने जोरदार विरोध किया ... और कहा की टेट मेरिट मैटर से .. सुप्रीम कोर्ट में लंबित उन दोनों अन्य मैटर से कोई सम्बन्ध नहीं............माननीय जज साहबने हमारे वकीलों की बात मानी ... और ........ सुप्रीम कोर्ट में लंबित उन दोनों अन्य मैटर से सम्बंधित फाइल (लार्जर बेंच वाली नॉन टेट फाइल ) नेक्स्ट फ्राइडे अर्थात.. 14 feb को मांगी........
3. हमारी तरफ से मीनाक्षी अरोरा , विपुल महेश्वरी अवम उनके पिता जी , शारदा जी , अमरेन्द्र शरण आदि वकील मौजूद रहे...
4. नेक्स्ट डेट 14 feb 2014......... हम जीत की तरफ है.......बाकी अपडेट बाद में........जय टेट
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Chandan Mishra
जैसे तैसेआज एक डेट मिली वोह भी इस पाठक की वजह से बर्बाद हो गयी इनके सीनियर वकीलका पेट ख़राबथा सो आज नहींआये और एक बात जो लोग ये कहते हैं की कपिल की बात हम लोग क्यों नहीं करते तो सुन लो उसकी वजह सीधी है कीकपिल ने किसी और भर्ती में टांगनहींअडाई जिस तरह शिव कुमार पाठक ने जूनियर को बर्बाद करने में कोईकसर नहींछोड़ी हैतो एक बात वो भी समझ ले की उसे ये बहुत भारी पड़नेवाला है अंत मेंएक बातआज जो डेट बर्बाद की गयी उसका सिर्फ एक ही उद्देश्य था जूनियर को नहींहोने देना ...ध्यान देना विज्ञानं वालों
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Shashwat Pathak
शिक्षक भर्ती मामले पर सर्वोच्च न्यायालय मे आज सरकार की तरफ से दो बातों पर जोर दिया गया । पहला हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे नोटिस जारी करना जिससे कोर्ट ने मामले से भली भाँति परिचित होने की बात कह कर स्टे नोटिस जारी करने से स्पष्ट इनकार कर दिया और दूसरा नान टेट मामले को भी 72825 मामले से जोड़ना । कोर्ट ने संबंधित फाइल मंगाकर अगली तारीख मे समान विषय होने पर ही कनेक्ट करने की बात कही । नान टेट मामले को जोड़ने के पीछे सरकार की मंशा 15वें संशोधन को बचाना नही बल्कि मामले को लंबा खींचना मात्र है ताकि वह चुनाव मे अकेडमिक वालों को मूर्ख बनाकर अपना उल्लू सीधा कर सके । टेट मोर्चा के वकीलों ने शीघ्र निपटारे की रणनीति के तहत इसका विरोध किया । नान टेट मामले पर ब्रहद पीठ का आदेश टेट मैरिट की नींव को मजबूती प्रदान करने वाला ऐसा स्तंभ है जिसके हर शब्द मे अकेडमिक के पतन की चीख सुनाई पड़ती है । यह वही आदेश है जिसमे टेट को मात्र पात्रता परीक्षामानने से इनकार किया गया है । टेट को not merely aneligibility test but an overall performance test अर्थात सर्वाधिक महत्वपूर्ण परीक्षा , अकेडमिक परीक्षाओं का सार निकालने वाली परीक्षा , गेहूँ को भूसे से अलग करने वाली परीक्षा कहा गया है । यह वही आदेश है जिसमे कहा गया है कि टेट के अंको को इग्नोर नही किया जा सकता । यह वही आदेश है जिसमे कहा गया है कि weightage should be given whether it is 1% or 100% . यह वही आदेश है जिसमे कहा गया है कि 100% weightage is better than 1% . सरकारी वकील साहब की वास्तविक रणनीति क्या है अगली तारीख मे टेट मैरिट से चयन की घोषणा के बाद स्पष्ट हो जाएगी । मुझे तो लगता है माननीय कोर्ट सरकार की मंशा समझ चुकी है आदेश रूपी हथौड़ा चलना बाकी है
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Abha Awasthi
pichle kuch dino ke sare ghatnakram ko dekhte hue to bas yahi lg raha hai ki koi kuch nahi janta ki hoga kya,,, phr bhi apni apni jeet ke dave kiye ja rahe hain un rajneetik parties ki trh jo har kr bhi har nahi manti aur ek jhooth pe 100 jhooth bolti rehti hain,,,
kisi ki baat par bharosa nahi kiya ja sakta,,, na tet supporters na acd supporters aur na hi govt,,, bas ab jo thora bahut bharosa hai wo desh ke sarvochh nyayalay par hi hai ki wo jaldi aur sahi nyay karega,,, meri shubhkamnayen sabhi yogya avedakon ke sath hain,,,
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Uvaish Ahemad
टेट मोर्चा पर भर्ती रोकने का आरोप क्यों लगाते हो ? अगर सरकार उनका हित प्रभावित न करती तो वे कोर्ट क्यों जाते ? सरकार सिर्फ उर्दू वालों की ही भर्ती करना चाहती है या शायद वो भी नही और, और सब को केवल लालीपाप । कितनी भर्ती रुकी है- 1-72825 2-10000 बीटीसी 3- विज्ञान गणित 4- टीजीटी पीजीटी 2011 5-एलटी ग्रेड 6-प्रधानाचार्येँ की भर्ती 7- यूपी एस सी की भर्तियाँ 8 और न जाने कितनी ? दोस्तो समझें इसे टेट मैरिट वाले नहीं रोके है सब अखिलेश सरकार की कारस्तानी है। समझे इसे । अंग्रेजो की नीति फूट डालो और शासन करो अपनाकर काम निकाल रही है । सत्यानाश हो इसका । अल्लाह करे जिनको नौकरी मिल गई है उनकी न छूटे और पुराना विज्ञापन से भर्ती हो जाए यही मेरी तमन्ना है
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Shalabh Tiwari
आज सर्वोच्च न्यायालय में सब कुछ वैसा ही घटित हुआ जैसा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पिछले दो साल से हो रहा था,,,,,, जजों का हमारे हित के लिए कुछ करना और वकीलों एवं उनके पैरवीकारों का जज से असहमत होना ,,,
न्यायमूर्ति बी एस चौहान ने स्पष्ट कहा कि डिवीजन बेंच का आदेश लार्जर बेंच के आदेश पर निर्भर है और मामला उनके संज्ञान में है ,,,यदि अपील में लार्जर बेंच का आदेश बहाल रहता है तो आपकी अपील स्वीकार्य ही नहीं हो सकती ,,,, 14 को उसे भी मंगाकर examine कर लेते हैं ,,,,,हमारी वकील मीनाक्षी अरोरा जी ने मामले के लटकने के भय से दोनों ही मामलों को एक दूसरे से प्रथक बताया ,,,,,
मेरे ख्याल से acd का अंत हो चुका है,,,, लार्जर बेंच के आदेश के उस हिस्से पर पुनः नजर डालिए जिसमें शिक्षा,शिक्षक और शिक्षण के महत्त्व पर प्रकाश डालने के बाद टेट एवं उसके नंबरों का महत्त्व बताया गया है,,,,
12 से होने वाली जूनियर की काउंसिलिंग की कोई खबर है?
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Pundrikaksh Sharma
अवनीश जी और वित्त कमेटी के सदस्य इस बात का जवाब दे कि जब इस बात कि जानकारी पहले ही हो गयी थी कि 7 तारिख को सुनवाई होगी जिसकी सुचना हम लोगोँ को 6 तारिख कि सुबह ही नोटिस के माध्यम से मिल गयी थी ,इतना सब जानते हुए भी अवनीश जी सारा पैसा ले के घर पर ही पडे रहे जब की उस समय तक किसी भी वकिल को एक भी पैसा नही दिया गया था । वे रात को 10 दस बजे दिल्ली के लिए निकलते है , वे अपने साथियोँ के साथ उसी समय दिल्ली के लिए निकल सकते थे............इतनी बडी लापरवाही अवनीश जी ने कैसे कर दी ये लापरवाही माफी के योग्य नही है । वित्त कमेटी के सदस्यो ने 72825 टेट मेरिट अभ्यर्थीयोँ के भविष्य के साथ गंभीर खिलवाड किया है ये जानते हुए भी कि सुप्रिम कोर्ट मे हमारे सामने SC का सबसे बडा वकिल खडा है । एसा लगता है वित्त कमेटी निरंकुश हो गयी है ।2 तारिख से ही कमेटी के पास पैसे हो गये थे फिर भी वे घर पर बैठे थे ।उन्हे काम को आगे बढाते रहना चाहिए था। यहां पर लीगल कमेटी भी 1000% फेल हो गयी । पैसे पा के ये सब मनमौजी हो गये इससे बेहतर तो पहले वाली व्यवस्था थी कम से कम सारे सही समय हो जाते थे। अभी भी 6 दिन समय शेष है सुधर जाये तो बेहतर होगा ।....मेरे आरोप को व्यक्तिगत न ले............. जय जय टेट मेरिट । बात कि जानकारी पहले ही हो गयी थी कि 7 तारिख को सुनवाई होगी जिसकी सुचना हम लोगोँ को 6 तारिख कि सुबह ही नोटिस के माध्यम से मिल गयी थी ,इतना सब जानते हुए भी अवनीश जी सारा पैसा ले के घर पर ही पडे रहे जब की उस समय तक किसी भी वकिल को एक भी पैसा नही दिया गया था । वे रात को 10 दस बजे दिल्ली के लिए निकलते है , वे अपने साथियोँ के साथ उसी समय दिल्ली के लिए निकल सकते थे............इतनी बडी लापरवाही अवनीश जी ने कैसे कर दी ये लापरवाही माफी के योग्य नही है । वित्त कमेटी के सदस्यो ने 72825 टेट मेरिट अभ्यर्थीयोँ के भविष्य के साथ गंभीर खिलवाड किया है ये जानते हुए भी कि सुप्रिम कोर्ट मे हमारे सामने SC का सबसे बडा वकिल खडा है । एसा लगता है वित्त कमेटी निरंकुश हो गयी है ।2 तारिख से ही कमेटी के पास पैसे हो गये थे फिर भी वे घर पर बैठे थे ।उन्हे काम को आगे बढाते रहना चाहिए था। यहां पर लीगल कमेटी भी 1000% फेल हो गयी । पैसे पा के ये सब मनमौजी हो गये इससे बेहतर तो पहले वाली व्यवस्था थी कम से कम सारे सही समय हो जाते थे। अभी भी 6 दिन समय शेष है सुधर जाये तो बेहतर होगा ।....मेरे आरोप को व्यक्तिगत न ले............. जय जय टेट मेरिट
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Neelesh Purohit
Rakesh Mani Tripathi> Tet sathiyo
Namaskar
Tet update
(1)- 14 ki date mili Jo ki humare liye ek nirnayak din hoga.
(2)- Humare advocate Minaxi Arora g, Amrendar Saran g(senior advocate) ,Vipul g,Sharada Devi g,Abhisek Srivastav aadi mauke pr maujood rahe.
ek chhota SA sawal Tet k prati swanmbhoo tathakathit ati samarpit tatha kayi dino se Delhi vaas kr rahe yoddhayo se ki bina fee diye aur communication k kaise Amrendar saran ,Sharada devi aur Abhisek aaj ki hearing me khade huye ?????????????;chaliye ye maan lete hai ki Vipul maheshwari g "free of cost" the aur Minaxi g ki fee Sujeet bhayi ne apne paas sanchit kosh se kal hi aapaat isthiti me paid kr diya tha pr
ek sawal, kal se lagatar rona ro rahe un logo k samooh se bhi jo lagatar kah rahe the ki kisi advocates ki fee paid nahi hai aur vitt committee k bhayi Avanish aur Anil Verma g nischint hokar ghar me baithe hai aur unki mansa theek nahi hai aur ve nischay hi Tet k sabse bade gaddar hai aur Delhi me kewal chand log Sara bojh apne kandho pr lekar atyant visam paristhitiyo me kisi tarah Tet ki nayiya ko paar lagane Ka shramsadhy aur bahut hi "vandneey" kary kr rahe hai.(ab is natak aur parade k pichhe ki rajneeti Ka ant ho hi Jana chahiye!!!!!!!!)
UPTER SANGHARSH MORCHA apne sabhi jagrook sadsyo Ka ye aawahan karta hai ki apne shirsh nertitav pr ek seema se jyada andhvisvas na kare apka bhi ye kartav banata hai ki unki jababdehi sunischit kare. hum arthik sahayog is liye nahi dete hai ki chand log Delhi me mauj-masti kare, hum paisa is liye dete hai ki humare sabhi purv-anumodit advocates ki fee samay se dena sunischit ho aur vo (advocates) samay pr humare liye court me khade rahe.
Aaj advocates sarv shri Amrendar Saran ,P.P.Rao ,P.S.Patwaliya ki fee pratipurti kar di jayegi.
sabhi ye sanklp le
(a)-hum jagrook rahenge.
(b)- hum apne shirsh netritav ki jabadehi sunischit karana Ka ek prabhavpurn dabav banane Ka prayas karenge.
(c)- na to gutbazi karenge aur na ise badhava denge
Aaj Atyant Dukh aur Peeda k saath
Sabhi ko
Jay TET
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Prashant Mishra
DOSTO,
TET MERIT KA ANT TO AJJ HO JATA LAKIN TET NETAWO KE NIRDESH PE TET WAKIL NE ADHYAN KA BHANA LE KR DATE LIYA
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Anuj Yadav
tet merit k acount dharak jo ki 3 leaders hai apne acount mai aaya peisa aur distcric wise f.b per jar kre....taki transperency layi ja ske.
शिक्षक भर्ती मामले पर सर्वोच्च न्यायालय मे आज सरकार की तरफ से दो बातों पर जोर दिया गया । पहला हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे नोटिस जारी करना जिससे कोर्ट ने मामले से भली भाँति परिचित होने की बात कह कर स्टे नोटिस जारी करने से स्पष्ट इनकार कर दिया और दूसरा नान टेट मामले को भी 72825 मामले से जोड़ना । कोर्ट ने संबंधित फाइल मंगाकर अगली तारीख मे समान विषय होने पर ही कनेक्ट करने अन्यथा सरकार की अपील स्वीकार करने आवश्यकता न होने की बात कही । नान टेट मामले को जोड़ने के पीछे सरकार की मंशा 15वें संशोधन को बचाना नही बल्कि मामले को लंबा खींचना मात्र है ताकि वह चुनाव मे अकेडमिक वालों को मूर्ख बनाकर अपना उल्लू सीधा कर सके । टेट मोर्चा के वकीलों ने शीघ्र निपटारे की रणनीति के तहत इसका विरोध किया । नान टेट मामले पर ब्रहद पीठ का आदेश टेट मैरिट की नींव को मजबूती प्रदान करने वाला ऐसा स्तंभ है जिसके हर शब्द मे अकेडमिक के पतन की चीख सुनाई पड़ती है । यह वही आदेश है जिसमे टेट को मात्र पात्रता परीक्षा मानने से इनकार किया गया है । टेट को not merely an eligibility test but an overall performance test अर्थात सर्वाधिक महत्वपूर्ण परीक्षा , अकेडमिक परीक्षाओं का सार निकालने वाली परीक्षा , गेहूँ को भूसे से अलग करने वाली परीक्षा कहा गया है । यह वही आदेश है जिसमे कहा गया है कि टेट के अंको को इग्नोर नही किया जा सकता । यह वही आदेश है जिसमे कहा गया है कि weightage should be given whether it is 1% or 100% . यह वही आदेश है जिसमे कहा गया है कि 100% weightage is better than 1% . सरकारी वकील साहब की वास्तविक रणनीति क्या है अगली तारीख मे टेट मैरिट से चयन की घोषणा के बाद स्पष्ट हो जाएगी । मुझे तो लगता है माननीय कोर्ट सरकार की मंशा समझ चुकी है आदेश रूपी हथौड़ा चलना बाकी है ।
ReplyDeleteमेरे ख्याल से acd का अंत हो चुका है,,,, लार्जर बेंच के आदेश के उस हिस्से पर पुनः नजर डालिए जिसमें शिक्षा,शिक्षक और शिक्षण के महत्त्व पर प्रकाश डालने के बाद टेट एवं उसके नंबरों का महत्त्व बताया गया है,,,,
ReplyDelete12 से होने वाली जूनियर की काउंसिलिंग की कोई खबर है?
Up me ak aadami ki naukri par 6 parson ki family palti ha phir bhe 29334 ki connciling roki ja rahi ha aagar 72825 se pahle 29334 ki connciling hote ha ho khu6 aer berojagaro ko naukri mil sakati ha 80no ke niche valo ko bhe aer khu6 family ka jivan sudhr sakata ha................jara socho
Deleteहाईकोर्ट ने अपने आदेश मेँ स्पष्ट किया है कि सरकार चार माह की परिधि मेँ रहकर 31/3/14 तक शिक्षकोँ की भर्ती प्रक्रिया पूरी करे । सरकार द्वारा आदेश के त्वरित अनुपालन के बजाय सुप्रीमकोर्ट मेँ विशेष अनुज्ञ याचिका दाखिल करने संबंधी निर्णय से न्यायपालिका मेँ अथाह विश्वास रखने वाला जनमानस आहत है ।
ReplyDeleteवस्तुतः एक न्यायपालिका आम आदमी के अधिकारोँ की रक्षा करती है अंततः देर से ही सही हमे अपेक्षित न्याय मिला । खंडपीठ ने पूर्व विज्ञप्ति को बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा 1981 की यथासंशोधित 12वीँ नियमावली के अनुसार सही ठहराया है क्योँकि पन्द्रहवीँ नियमावली मेँ मात्र चयन का आधार बदलने मात्र से ही पूर्व विज्ञप्ति प्रभावहीन नही हो जाती । संशोधित विज्ञप्ति मेँ मूल विज्ञप्ति की कई नियम एवं शर्तो को नई सरकार ने किसी कानूनी प्रक्रिया के अपनाए बिना ही खत्म कर दिया जबकि 15वां संशोधन मात्र चयन प्रक्रिया मेँ परिवर्तन के लिए किया गया था सरकार के नीति नियामकोँ ने तो तथाकथित संशोधन की आंड़ मेँ पूर्व विज्ञप्ति की सारी मौलिकता ही नष्ट करने का दुष्साहस कर डाला था । न्याय की ठ्योढ़ी मेँ इसी यक्ष प्रश्न को हमारे साथियोँ ने रखा था ।
ReplyDeleteयदि सरकार SLP मेँ जाती है तो सुप्रीमकोर्ट इस मामले को प्रथम दृष्ट्या ही आरटीई एक्ट एवं एनसीटीई के उपबंधोँ के खिलाफ,अविधिक,वास्तविक तथ्योँ से परे संविधान मेँ निहित समानता के अधिकार और प्रकृतिक न्याय के विरुद्ध, विद्वेशपूर्ण एवँ अपोषणीय मानते हुए सुनवाई करने से इन्कार कर देगी । SC मेँ SLP खारिज़ होते ही खंडपीठ के आदेश की अवमानना से बचने के लिए सरकार को हमारी काउसंलिग शुरू करनी पड़ेगी ।
ReplyDeleteहाल फिलहाल मेँ राजनीति से प्ररित कई एक मामलोँ मेँ हाईकोर्ट के निर्णय के विरुद्ध राज्य सरकारोँ को sc से स्टे नही मिला है । जिसका एक ख़ाका पुलिस भर्ती. सत्रान्त के बाद बीएड की रिक्त सीँटो को भरने,बि.बीटीसी चयन वर्ष 2007, एनसीटीई प्रभावित भूपेन्द्रनाथ त्रिपाठी मामला, वि बीटीसी 2008, बीपीएड को बाहर करने आदि सभी प्रकरणोँ मेँ यूपी सरकार को राहत नही मिली इसी प्रकार यदि ये सरकार अपनी स्वयं की भर्तियोँ को बचाने के बजाय यदि हमारी भर्ती को छेड़ने या गलत ठहराने का प्रयास करती है तो इनकी सभी भर्तियोँ का भर्ता बनना तय है ।
ReplyDeletemitro gov. ki purjor kosish hui sab bekar
ReplyDeletehamari tet morche ki tarf se minakshi arora ne jbardast tarike se apni bat rakhte hue...next date Friday 14 february ko date le li
मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में बुरी तरह से पराजित होने जा रही है।
ReplyDeleteविधिक रूप से भी कल बेरोजगारों को जीत की खुशबू मिल चुकी है।
अग्रिम बधाई।
अपनी जिंदगी के किसी भी दिन को मत कोसना।
ReplyDeleteक्योंकि,
अच्छा दिन "खुशियाँ" लाता है और बुरा दिन "अनुभव"
एक सफल जिंदगी के लिए
दोनों जरूरी होती हैं।
इसलिए
सदा सकारात्मक रहें, सजग रहें।
मित्रोँ कांग्रेस ने अब एक नया विज्ञापन शुरू किया है
ReplyDelete"मेट्रो रेल हमने दिया.., पोलियो की खुराक हमने दिया,
हवाई जहाज हमने दिया, मोबाईल फोन हमने दिया, फलाना ढिमका हमने दिया और अब हमको वोट दो ....।
क्या पप्पू के बाप ने पैसे दिए इसके लिए ..?
और ये क्यों नहीं बता रहे हो कांग्रेसियोँ तुम कि--
पाकिस्तान आपने दिया, बांग्लादेश आपने दिया, आतंकी आपने दिये,
कश्मीर समस्या आपने दी, बांग्लादेशी घुसपैठिये आपने दिए,
सेना के जवानोँ के गले काटने का अवसर आपने दिया,
नार्थ-ईस्ट के अलगाववादी आपने दिए,
चाइना को भारत की सीमा में प्रवेश आपने दिया,
और क्या क्या घोटाले दिए जिसकी गिनती भी नहीं है और इसके बदले में......
आपको जनता से क्या क्या मिला...।
लगे हाथ वो भी बता देते ...!!!
इतना तय है कि इन सबसे हमारी जीत-हार पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा लेकिन सुनिश्चित जीत फिर से देर से मिलेगी।
ReplyDeleteटेट संघर्ष मोर्चा के प्रथम पंक्ति के योद्धाओ से विनम्र निवेदन है कि अब जीत के साथ-साथ समय का भी ध्यान रखें। और अपनी तरफ से पूरा प्रयाश करें कि 14फरबरी ही सर्वोच्य न्यायलय से निर्णायक साबित हो।
पहली तारीख पर मेने ज्यादातर साथियों के पोस्ट/कमेंट/मेसेज/फ़ोन में पहली बार मोर्चे के प्रति अविश्वास देखा। शायद इसलिए क्योकि वो उतने निश्चिन्त नही थे जितना इस समय होना चाहिए। इसलिए बड़ी विनम्रता के साथ आपसे निवेदन है कि कोर्ट में केस की पैरवी करने वाली वकीलों की टीम और उन पर हुए खर्चो को सार्वजानिक कर दें।
ReplyDeleteऐसा कह कर ना तो हम आप पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे है और नाही अविश्वास दिखा रहे है। लेकिन हम सब के आत्मविश्वास के लिए ये आवश्यक है। आप सभी की निष्ठा, लगन, मेहनत, क्षमता, योग्यता, का ही प्रमाण है कि हम आज इस स्तिथि में है जहाँ से विजय श्री निश्चित है। हम सदैव आपके आभारी रहेंगे।
ReplyDeleteजय हिन्द जय टेट जय भारत
!! सत्यमेव जयते सर्वदा !!
कोर्ट का कहना था डबल बेँच का आदेश ब्रहद पीठ के आदेश पर आधारित है जिसमे संबंधित उपबंद सही पाए जाने पर आपकी slp स्वीकार करने की स्थिति नही आएगी जिसका सीधा अर्थ slp का निरस्त होने का संकेत है शेष के लिए 14 feb का इंतजार कीजिए
ReplyDeleteलालू को "वोट" दिया तो भी सरकार "कांग्रेस" की.
ReplyDeleteमुलायम को "वोट" दिया तो भी सरकार"कांग्रेस"
की
मायावती को "वोट" दिया तो भी सरकार "कांग्रेस"
की
ममता को "वोट" दिया तो भी सरकार "कांग्रेस" की
करूणानिधि को "वोट"दिया तो भी सरकार "कांग्रेस"
की
पवार को "वोट" दिया तो भी सरकार "कांग्रेस" की
तभी "ये चोर" "वो चोर" "सब चोर" "फलाना चोर"
"ढिकना चोर" चिल्लाते
चिल्लाते एक नयी पार्टी आयी. उसे वोट दिया फिर
भी सरकार कांग्रेस की ?????🚫अब मैंने कसम
खा ली है मेरा वोट सिर्फ और
✅सिर्फ Narendra Modi को !!
बस इतना बताओ की कल की कार्यवाही देखकर क्या अकादमिक वाले मिठाई बताना सुरु कर दे ? या अभी रुके रहे
ReplyDeleteआज से प्रारंभ हो रहे विभिन्न पर्वो की मांगलिक शुभकामनाये।
ReplyDelete7 Feb Rose Day
8 Feb Propose Day
9 Feb Chocolate Day
10 Feb Teddy Day
11 Feb Promise Day
12 Feb Kiss Day
13 Feb Hug Day
14 Feb VALENTINES DAY
15 Feb Slap Day
16 Feb Kick Day
17 Feb Perfume Day
18 Feb Flirting Day
19 Feb Confession Day
20 Feb Missing Day
21 Feb Break Up day
एक लड़का आधी रात को अपनी गर्लफ्रेंड को घर छोड़ने गया।
ReplyDeleteअंदर जाने से पहले गेट के पास उसने अपना एक हाथ दीवार
पर रखकर पूछा, क्या मैं तुम्हें किस कर सकता हूं?
लड़की: नहीं, आज नहीं।
लड़का: प्लीज!
लड़की: नहीं
लड़का: करने दो ना प्लीज!
लड़की: नहीं यार समझा करो... अभी नहीं।
.
.
.
करीब 10 मिनट तक ऐसा चलता रहा।
तब लड़की की छोटी बहन बाहर आई और बोली, 'दीदी!
पापा कह रहे हैं तुम इसे किस दो या न दो तुम्हारी मर्जी,
लेकिन इस बेगैरत से कहो इंटरकॉम के बटन से हाथ हटा ले।
इसकी बकवास पूरा घर सुन रहा है।'
सुझाव/अनुमान/प्रार्थना:
ReplyDeleteआज मै पुनः आपको पुरानी बातें याद दिलाना चाहता हूँ कि हाई कोर्ट में मुकदमा जीतते ही मैंने कहा था कि यह सरकार सुप्रीम कोर्ट जाये और वहां इसको हराकर सुकून पाना है।
मैंने न्यायमूर्ति बलबीर सिंह चौहान या फिर राधाकृष्णन साहब के यहाँ मामला जाने का भी अनुमान लगाया था।
ReplyDeleteउस वक़्त मुझे जिन लोग पर भरोसा था उसमें तीन नाम प्रमुख थे सुजीत सिंह , अनिल कुमार और अवनीश यादव ।
मै किसी का प्रवक्ता अथवा पैरोकार नहीं हूँ लेकिन इनकी निष्ठा पर कभी मुझे शक नहीं हुआ था।
अनिल का नाम मैंने इसलिए लिखा कि वह व्यक्ति जब बागपत से आकर इलाहाबाद मुकदमा लड़ सकता है तो दिल्ली तो उसके बिलकुल करीब है।
ReplyDeleteसुजीत भी मुझे निष्ठावान दिखते थे।
अवनीश जी ने भी खुद को आंदोलनों में साबित किया था।
आज की स्थिति पर मै संगठन के लिहाज से टिप्पणी नहीं करना चाहता हूँ ।
आपको बता दूँ कि सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंहवी जी नॉन टेट (SBTC २००४,०७, ०८) को किसी भी हालत में
भर्ती ७२८२५ मामले से नहीं जुड़ने देंगे।
सीनियर अधिवक्ता मीनाक्षी अरोरा जो कि ७२८२५ मामले से जुड़ी हैं उन्होंने भी अपने मामले को उससे जोड़ने का विरोध कर दिया है।
ReplyDeleteयह उन बुजुर्ग बेरोजगारों के लिए शुभ समाचार है जो कि जीवन के अंतिम पड़ाव में टीईटी उत्तीर्ण करने में अक्षम हैं।
युवा बेरोजगारों के लिए भी यह शुभ संकेत/सन्देश है।
हमारा मामला एक ऐसे सामाजिक जज के पास है जो कि इस मामले से पूर्णतया वाकिब है और हरकौली साहब की आपको पुनः याद आयेगी।
ReplyDeleteन्यायमूर्ति अम्बवानी , शाही, बघेल जी ने जो फैसला सुनाया था उसका अध्ययन जज साहब पहले ही कर चुके हैं जो कि उनके यहाँ चुनौती में है।
१० फरवरी को उस मामले में भी तारीख है।
सिंघवी साहब ने तीनों विज्ञापनों को चुनौती दी है , उनका मकसद वृहद्पीठ का फैसला पलटवाना नहीं है बल्कि उस उसके फैसले से अपने याचियों को बचाना है।
ReplyDeleteजिन दिन फैसला आया था उसी दिन मैंने अपने संगठन के विचारों से हटकर उस आदेश के ६५ प्रतिशत हिस्से को ओविटर डिक्टो करार दिया था।
जिस टीईटी मेरिट की विजय हुयी है उसमे वृहद्पीठ के फैसले की ही भूमिका है।
राज्य सरकार ने जो नियमावली बनायी थी वह सही थी और उसी के आधार पर टीईटी मेरिट का विज्ञापन आया था।
अगर राज्य सरकार चाहे तो टीईटी मेरिट बनायी जा सकती है।
ReplyDeleteNCTE के नियमों के अनुरूप टीईटी
का भारांक जरुरी है लेकिन अगर राज्य सरकार चाहे तो चुनौती दे सकती थी मगर राज्य सरकार ने ऐसा करने की बजाय अनुपालन किया था।
वृहद्पीठ का फैसला देखकर खंडपीठ ने फैसला सुनाया ।
कहीं उत्तर प्रदेश सरकार जिद करे इसके लिए याचियों ने नये संशोधन को रद्द करा दिया है।
इस प्रकार वृहद्पीठ के फैसले को देखते हुए खंडपीठ के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट मुहर लगा देगी।
ReplyDeleteवस्तुतः बुद्धिमानों का कोई नेता नहीं होता है परन्तु फिर भी एकजुटता का प्रयास करें।
कपिल भी जाओ अमृत बंट रहा है तुम भी राहु की तरह कुछ घूंट पी लो वरना शिक्षामित्र ही तुम्हारा काम तमाम कर देंगे।
धन्यवाद।
कभी - कभी मैँ सोचता हुँ कि टेट मेँ 83-89 नम्बर वाले घुसखोरोँ का क्या होगा ?
ReplyDeleteऔर 90-94 नम्बर वाले किधर जायेँगे ?
फ्राड भर्ती जुनियर के चक्कर मेँ लोग ईतने पगला क्योँ गये हैँ , जिसका अस्तित्व ही खतरे मेँ है ?
बड़ा तरस आता है ईन लालची लोगोँ पर जो एक अदद नौकरी की खातिर किसी भी हद को पार कर जाना चाहते हैँ ।।
छि छि छि - बेहद शर्मनाक ।।
पर न्याय जरुर होगा ।।
तब तक मुश्कुराते रहिए आप सब
Kya tet marit me 90-94 valo ke liea jagah nahi ha. Kya 92 valo ka kea chance nahi ha. Girls ke liye ha kayuki main suna ha ki girls bahut kam pass ha.tho 92 namber vali girls ka kya hoga
DeleteApp kahte ha ki log aek nokari ki khatir hadh par kar jate ha . Par app bhula gea ki app bhe nokari ke liea hi lada rahe ha. Eak nokari se aek puri family sudhar jati ha.
DeleteAgar app log 29334 bharti ho jane de ho khu6 aer berojagaro ki life sudhar jeagi satha me oanake family ki bhe ..tab 80 ke niche valo ki bhe life sudhar jeagi
Deleteक्या आपकी लाइफ बहुत बोरिँग हो गई है?
ReplyDelete.
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अगर हाँ
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तो टाइप कीजिए ,
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आई लव आपने प्रेमी का नाम,
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और भेज दीजिए,
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अपने बाप जी के नंबर पर,
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कसम से लाइफ मे हंगामा मच जाएगा ........
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अब धन्यवाद मत कहना ।
अगर 20/02/2014 तक सुप्रीम कोर्ट किसी भी प्रकार का स्टे नहीं देती है , तब 21/02/2014 के बाद टेट मेरिट मोचा हाई कोर्ट में कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट करेगी और सर्कार के जो पैरवीकार है या तो वो जैल जायेंगे या तो टेट मेरिट से चयन प्रक्रिया सुरु करेंगे
ReplyDeleteप्रसन्नता के क्षणों में दुखी होना या निराशा की बातें करना टेटवीरों के लक्षण नहीं हैं। टेटवीर तो वो योद्धा हैं जो संकट के समय में भी अधरों पर मुस्कान और हृदय में धैर्य के साथ डटकर शत्रु का सामना करते हैं। आज भी वही हुआ, टेटियंस ने अपना इतिहास आज पुनर्जीवित कर दिया। हमारे शत्रु ने बिना चेतावनी के घात लगाकर अल्प समय में ही न्यायसमर में जूझ पड़ने की चुनौती हमें दी, शायद शत्रु यह समझ बैठा था की हम असावधान हैं और वो हमपर काबू पा लेंगें। किन्तु यह दुर्भाग्य ही था शत्रु का कि वह हम टेटवीरों की शौर्य क्षमता को नहीं आंक सका। रण संग्राम की चुनौती मिलते ही उत्तर प्रदेश में बैठे हमारे योद्धा समस्त बाधाओं को धता बताकर सिंहगर्जना के साथ शत्रु के सम्मुख दिल्ली में पदार्पण कर बैठे। साथियों, हमारे सिंह समान टेट योध्दाओं के सम्मुख इन सरकारी मृग छौनों का भला क्या मुकाबला होता?? ना जाने हमारे कुछ टेट भाई क्यों परेशान हो रहे हैं, अरे भाइयों आज सरकार किसी भी स्तर पर कामयाब नहीं हो पाई है। ना तो इनकी मांगी डेट ही इन्हें मिल पाई और ना ही ये जज को भटकाने में कामयाब हुए। कुछ अकेडमिक बन्धु कहते फिर रहे हैं की slp स्वीकार हो गयी है और टेटवीर बैकफुट पर हैं, ऐसे मूढ़ अकेडमिक वीरों की बुद्धि पर तरस आता है क्योंकि वे बेचारे तो वही रट रहे हैं जो उनके लालची सेनापति उन्हें बता रहे हैं और आश्चर्य की बात देखिये की एक भी अकेडमिक योद्धा आज कोर्ट रूम में मौजूद नहीं था। टेटवीरों, आज सिर्फ अर्जेंसी मेंशन की सुनवाई थी कि slp को अर्जेंसी में सुना जाय और जल्द डेट दी जाय उसमें भी जज महोदय ने हमारी बात को सम्मान दिया और नॉन-टेट वाले मामले से अपना मामला बंच करने पर असहमत नजर आये। ज्यादा क्या कहूँ भाइयों कोर्ट का रुख आप इसी एक छोटी सी बात से समझ सकते हैं की कोर्ट ने 20 नवम्बर के आदेश पर स्थगन देने से साफ़ मना कर दिया और अपना मामला सामने आते ही न्यायधीश महोदय ने चकित होकर कहा कि यह तो हाई कोर्ट की डबल बेंच का आदेश है और आप इस पर रिवीजन चाहते हैं??? आप इसी से अंदाजा लगा लीजिये...
ReplyDeleteसाथियों, हर बात खुलकर कहने की नहीं होती कई बातों के लिए इशारे ही काफी होते हैं और इसी प्रकार का एक इशारा आज हमें मिल चुका है।
निश्चिंत रहें, मस्त रहें और चैन की नींद सो जाएँ। निरहुआ का आपसे वादा है कि इन अकेडमिक वीरों और सरकार को पटखनी अगली डेट पर ही मिल जाएगी।
जय टेट, जय हिन्द।