पांच कमेटियां गठित, एलान शेष
परिषद ने वैकल्पिक विषय के रूप में शुरु करने पर लगाई मुहर
धर्मेश अवस्थी, इलाहाबाद1भारत की इनफार्मेशन टेक्नालॉजी (आइटी) का डंका दुनिया में बज रहा है। इस तकनीक में और महारत हासिल करने के लिए किशोर व किशोरियों को इसकी पढ़ाई मिडिल स्कूल से कराए जाने की तैयारी है। अगले शैक्षिक सत्र से यूपी बोर्ड के छात्र इसकी पढ़ाई करेंगे। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने प्रस्ताव पास कर दिया है सिर्फ शासन की मुहर लगना शेष है। 1उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए अपने कदम बढ़ाए हैं। आइटी/आइटीईएस (सूचना तकनीक/सूचना तकनीकी शिक्षा) नामक विषय की पढ़ाई अब यूपी बोर्ड की सूची में दर्ज होने जा रहा है। इस व्यावसायिक पाठ्यक्रम का प्रस्ताव मंगलवार को माध्यमिक शिक्षा परिषद की बैठक में पारित कर दिया गया। यह विषय कक्षा नौ से बारह तक पढ़ाया जाना है। इस समय बोर्ड के हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट विषयों का जो चयन है उसमें परिषद छेड़छाड़ करने को तैयार नहीं है। यदि नए पाठ्यक्रम को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया जाता तो परिवर्तन होना तय था, ऐसे में आइटी को वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। दरअसल इस व्यावसायिक पाठ्यक्रम का प्रस्ताव ग्वालियर मध्य प्रदेश की व्यावसायिक शिक्षा परिषद ने यूपी बोर्ड को भेजा था। ग्वालियर के परिषद का जोर था कि इस विषय को अनिवार्य के रूप में शुरू किया जाए। साथ ही केंद्र सरकार इसमें सहायता भी करेगी, लेकिन यूपी बोर्ड ने इस पर सहमति नहीं दी है, बल्कि युवाओं पर छोड़ दिया है कि वह अपने मन से विषयों का चुनाव कर लें। यह जरूर है कि यूपी बोर्ड में अब विषयों की संख्या बढ़कर तीन दर्जन हो जाएगी। अब तक 35 विषय थे जो अब बढ़कर 36 हो जाएंगे। अपर सचिव कामता राम पाल ने बताया कि परिषद की बैठक में आइटी विषय का प्रस्ताव पारित हो गया है।इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद की नई टीम की मंगलवार को पहली बैठक हुई जिसमें पाठ्यचर्या कमेटी, परीक्षा कमेटी, मान्यता कमेटी, वित्त समिति और महिला समिति सहित कुल पांच कमेटियों का गठन किया गया है। हर समिति में पांच से सात सदस्य हैं। यह गठन माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा की अध्यक्षता एवं परिषद की सचिव शकुंतला देवी यादव की मौजूदगी में हुआ। कहा जा रहा है कि अब इन समितियों का शासन स्तर पर अनुमोदन लिया जाएगा और फिर उनका एलान होगा। बैठक में सभी मनोनीत सदस्य और अधिकांश पदेन सदस्य उपस्थित थे। बैठक करीब तीन घंटे तक चली, तमाम अफसर खराब मौसम के कारण यहां नहीं पहुंच सके
News Sabhar : Amar Ujala (15.10.14)
"यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि जो कोई यह जल पीएगा वह फिर प्यासा होगा। परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।''
ReplyDelete_____________________________________________________________________________________________ यूहन्ना 4:13-14 )
जिन्होंने संघर्ष का परिणाम काउसिंलिंग कराकर प्राप्त कर लिया एवं जो आज भी सत्य के लिये लड रहे हैं तथा जो संघर्षी अपनी काउसिंलिंग का इन्तजार कर रहे हैं उन सबको नमन और मेरी तरफ से हौसला अफजाई
ReplyDeleteकाउसिंलिंग होते होते अब तीसरी होने को आ पंहुची । अब तक 30000 से 40000 के बीच सीट भरती दिख रही हैं सही सही दो तीन दिन बाद मालुम चलेंगी जब भरे हुये कुल पद ज्ञात होंगे ।
तीसरी काउसिंलिंग में 15000 से 20000 के बीच सीटस भरने का अनुमान है।
जो भरती का लगभग दो तिहाई हिस्सा कम्पलीट कर देगी ।
72825 में चार काउसिंलिंग तो आराम से हो जायेंगी पर 5 वीं विभाग बहुत मन्थन के बाद करायेगा ।
क्योंकि चार काउसिंलिंग के बाद लगभग 68000 सीटस भर चुकी होंगी और अधिकांश डाईट ट्रेनिंग के लिये तैयार हो चुकी होंगी ।
ReplyDeleteतीसरी काउसिंलिंग में जिलों का चुनाव सोच समझ कर करियेगा खासकर अनारक्षित वर्ग वाले । मेंरिट दो अंक नीचे वाले जिले का चुनाव ही सही रहेगा ।
नियुक्ति पत्र सरकार इतनी जल्दी नहीं बांटेगी । फरवरी की ही उम्मीद रखना । वो भी तब जब कम से कम दो बार अभ्यर्थियों द्वारा फिर उग्रता दिखाई जायेगी ।
ReplyDeleteइस भर्ती में जो छूट गया समझो छूट ही गया , फिर भी ईश्वर से प्रार्थना है कि हर एक को नौकरी मिले चाहे कोई भी हो ।
Beta B.ed kar le bada scope hai..
ReplyDelete.
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Now waiting for Relatives to say
"Beta Mars pe chale jao, aajkal bohot scope hai!
यूँ तो किसी की जरुरत नहीं मुझे ...
ReplyDeleteफिर सोचा कोई तो हो .....
जो गम दे सके ..................
यूँ तो किसी की जरुरत नहीं मुझे ...
ReplyDeleteफिर सोचा कोई तो हो .....
जो गम दे सके ..................
अभिलेख लौटाने का कटऑफ जारी
ReplyDeleteजाति पु/म वर्ग कटऑफ जन्मतिथि
सामान्य महिला कला 118 2.12.81
ओबीसी महिला कला 111 16.9.76
एससी महिला कला 100 20.6.89
एसटी महिला कला 84 16.10.90
सामान्य महिला विज्ञान 118 --
ओबीसी महिला विज्ञान 111 --
एससी महिला विज्ञान 93 --
एसटी महिला विज्ञान -- --
सामान्य पुरुष कला 125 25.12.86
ओबीसी पुरुष कला 122 1.11.83
एससी पुरुष कला 111 22.6.82
एसटी पुरुष कला 103 15.1.89
सामान्य पुरुष विज्ञान 123 --
ओबीसी पुरुष विज्ञान 119 --
एससी पुरुष विज्ञान 109 --
एसटी पुरुष विज्ञान -- --
पुरुष शिक्षामित्र -- 86 --
महिला शिक्षामित्र -- 87 --ye cutoff Allahabad Ki h
182 अभ्यर्थियों को लौटाएंगे अभिलेख Tue, 14 Oct 2014 07:38 PM (IST) जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : अजीब विडंबना है एक काउंसिलिंग में अभ्यर्थी पहुंच नहीं रहे हैं तो दूसरी काउंसिलिंग में इतनी अधिक संख्या में अभ्यर्थी पहुंच रहे हैं कि सीटें फुल हो गई हैं बाकी को अभिलेख लौटाना पड़ रहा है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान इलाहाबाद 182 अभ्यर्थियों को गुरुवार से अभिलेख लौटाना शुरू कर देगा। हम बात कर रहे हैं शिक्षक भर्ती की। जहां एक ओर जूनियर स्कूलों के लिए विज्ञान-गणित शिक्षकों की काउंसिलिंग में आवेदक ही नहीं पहुंच रहे हैं, वहीं प्राथमिक शिक्षकों की 72 हजार भर्ती में नौकरी पाने के लिए मारामारी मची है। प्राथमिक शिक्षकों की दूसरे चरण की काउंसिलिंग बीते 22 से 30 सितंबर तक चली थी। उसमें घोषित पदों के सापेक्ष दस गुना अभ्यर्थी बुलाए गए थे। अधिक संख्या में अभ्यर्थी बुलाने का परिणाम यह रहा कि बड़ी संख्या में युवा डायटों तक पहुंचे और काउंसिलिंग कराई। इससे यह स्थिति हो गई कि सीटों से अधिक लोगों की काउंसिलिंग हो गई। यह सूचना जब राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को मिली तो पूरे प्रदेश को निर्देश जारी हुआ कि पदों से अधिक काउंसिलिंग कराने वाले युवाओं के मूल अभिलेख लौटाए जाएं। इसकी तिथि पहले 11 अक्टूबर तक तय थी, बाद में इसे बढ़ाकर 14 अक्टूबर किया गया। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य विनोद कृष्ण ने बताया कि 182 युवाओं को अभिलेख लौटाया जाएगा। इसमें कला, विज्ञान वर्ग के महिला व पुरुष शामिल है। यह जरूर है कि कला वर्ग में ज्यादा दावेदारी होने पर आवेदन लौटाने वालों का नाम जन्मतिथि के आधार पर तय किया गया है। उन्होंने बताया कि 16 एवं 17 अक्टूबर को अभिलेख दिए जाएंगे इसके लिए अभ्यर्थी को स्वयं, मूल अभिलेख का रिसीविंग प्रपत्र लेकर आना होगा। ................ अभिलेख लौटाने का कटऑफ जारी जाति पु/म वर्ग कटऑफ जन्मतिथि सामान्य महिला कला 118 2.12.81 ओबीसी महिला कला 111 16.9.76 एससी महिला कला 100 20.6.89 एसटी महिला कला 84 16.10.90 सामान्य महिला विज्ञान 118 -- ओबीसी महिला विज्ञान 111 -- एससी महिला विज्ञान 93 -- एसटी महिला विज्ञान -- -- सामान्य पुरुष कला 125 25.12.86 ओबीसी पुरुष कला 122 1.11.83 एससी पुरुष कला 111 22.6.82 एसटी पुरुष कला 103 15.1.89 सामान्य पुरुष विज्ञान 123 -- ओबीसी पुरुष विज्ञान 119 -- एससी पुरुष विज्ञान 109 -- एसटी पुरुष विज्ञान -- -- पुरुष शिक्षामित्र -- 86 -- महिला शिक्षामित्र -- 87 -- नोट : उक्त कटऑफ अंक के नीचे के अभ्यर्थी अपना अभिलेख वापस लें। मसलन सामान्य महिला कला 118 अंक के नीचे वाले अभ्यर्थी यानी 117, 116 आदि वाले बाहर हो रहे हैं। इसी तरह से जन्म तिथि का भी संज्ञान लें।
ReplyDeleteएक वैज्ञानिक दोस्त ने मुझे एक यंत्र दिया,
ReplyDeleteजिससे मैँ किसी के दिल
की बात सुन सकता था।
यंत्र लगाकर एक मित्र के घर गया,
दरवाजा खुलते ही उसके मन
की आवाज आई-
घोंचू सुबह- सुबह ही टपक पड़ा। अब तो हलवे मेँ
आधा इसको देना ही पड़ेगा। औफिस मेँ जैसे
ही बॉस के सामने लगाया,
बॉस के दिल की आवाज आई-
इस लड़के से अभी और काम
करवा सकता हूँ,
कोशिश करते है थोड़ा हड़काकर और
ज्यादा काम निकलवा ले। इन्क्रिमेंट भी कूछ
दिन और टरका देता हूँ।
दुकान वाले के पास
गया तो आवाज आई-
एक नंबर का कंजर है ससुरा, बिना बार्गेनिग के
तो कूछ खरीदेगा नहीँ।
जैसे घर
पहुँचा बीवी की अंतरात्मा की आवाज आई,
उफ! फिर खाली हाथ आये ये,
ना चुड़ी, ना साड़ी ना लिपिस्टिक। माँ के
पास
गया तो आवाज आई- लगता है बेटा थक गया है
काम करके,
पहले बेटे को आराम करने
को बोलती हूँ फिर कुछ खाने के लिये लाती हूँ
1- यदि हम 3 साल पहले फ्लैशबैक में जाएँ ,,जब दिसम्बर
ReplyDelete2011 में जब ये फॉर्म भरे जा रहे थे ,,तब
क्या किसी टेट नेता ने ये कहा था कि कम फॉर्म
भरो ,,क्यूंकि मेरिट हम कम करवा देंगे।
---------------------------------
2- ज्यादातर लोगों ने नये विज्ञापन में फॉर्म भरे थे और
अपनी रैंक जनवरी 12 में देख
ली थी । और
उनको वास्तविकता का अहसास
तभी हो गया था कि अकादमिक से चयन उनके लिए दूर
की कौड़ी साबित होने वाला है ।
अतः उन्होंने टेट मेरिट को सपोर्ट करना उचित समझा ।
*********************************
3- और जो लोग शुरुआत से टेट मेरिट की लडाई लड़
रहे थे । उनको तो पूर्ण विश्वास था ,,,है और रहेगा ।
******************************-*********
4- क्या जो आज तक लड़ रहे थे वो इस लिए लड़ रहे थे कि जब
चयन नहीं होगा तो सत्य की लडाई
को गलत कहने लगेंगे ।
***************************************
5- जब मैंने और आप सभी ने फॉर्म भरे थे तब
भी हम जानते थे कि 292000में से 72825
को ही जॉब मिलनी थी ।
बाकी को नहीं । अब
भी इसको मानना पड़ेगा ।
***************************************
यहाँ न तो कोई टेट नेता गलत है और न ही आप
गलत है तो हम सबका भाग्य ,,,जो यू पी में पैदा हुए
। और
जो दो कमीनी पार्टियों की गलत
राजनीति के शिकार हुए ।
अब यदि ये सरकार न बदलती तो शायद दो बार
भर्ती हो चुकी होती ।
***************************************
अब तक कपिल एंड टीम भी नये
विज्ञापन के लिए नये पदों के लिए लड़ती तो अब तक
सब लोग लग गए होते ।
**************************************
यहाँ न तो मेरा यह कहना है और न भगवान से प्रार्थना है
कि मेरिट कम नहीं आएगी ।
भगवान से ये ही प्रार्थना है कि हर उस टेट
साथी का जरुर
हो ,,,जो कहीं भी किसी भी स्तर
पर लड़ा हो ।
**************************************
आपस में आरोप प्रत्यारोप के बजाय हमें संगठित रहकर नये
पदों के लिए लड़कर सब जॉब पा सकते हैं ।
क्योंकि अभी 2 लाख पद और हैं ।
(सोर्स :- आज का हिंदुस्तान )
कोर्ट ने कहा था कि सरकार bad पार्ट को अलग करके भर्ती कर सकती है । जल्द ही bad पार्ट वाले भी बाहर होंगे । 30-35 नम्बर बढवाने वाले किसी 1 का नम्बर मुझे दे दो ।
ReplyDeleteएक बार एक Airoplane में नरेन्द्र मोदी के साथ 4 व्यक्ति सफर कर रहे थे......
ReplyDeleteधोनी, अंबानी, राहुल गांधी और एक छोटा सी बच्चा.....!
अचानक जहाज में कुछ खराबी आ गई.....
वहाँ पर चार पैराशूट थे.......
धोनी बोला:- मैं विश्व का महान बल्लेबाज हूँ.....मेरा जिंदा रहना जरूरी है, फिर एक पैराशूट लेकर कूद गया.....!!
अंबानी बोला:- मैं भारत के धनी लोगों मे से हूँ, मेरा जिंदा रहना जरूरी है.....फिर एक पैराशूट लेकर वो भी कूद गया.....!!
राहुल गांधी बोला:- मैं इस देश का सबसे लोकप्रिय नेता हूँ, मेरा जिंदा रहना जरूरी है.....फिर वो भी एक पैराशूट लेकर कूद गया.....!!
नरेंद्र मोदी बच्चे से बोले:- बेटा आप देश का भविष्य हो, जाओ आप अंतिम पैराशूट लेकर कूद जाओ.....!!
बच्चा बोला:- अंकल लेकिन यहाँ पर तो दो पैराशूट है.......
"राहुल गांधी" तो मेरा "स्कूल-बैग"लेकर कूद गये.......!!
शादी के बाद पत्नी कैसे बदलती है,जरा गौर कीजिए:
ReplyDeleteपहले साल: मैंने कहा जी खाना खा लीजिए, आपने काफी देर से कुछ खाया नहीं।
दूसरे साल: जी खाना तैयार है, लगा दूं?..
तीसरे साल: खाना बन चुका है, जब खाना हो तब बता देना।..
चौथे साल: खाना बनाकर रख दिया है, मैं बाजार जा रही हूं, खुद ही निकालकर खा लेना।:/
पांचवे साल: मैं कहती हूं आज मुझसे खाना नहीं बनेगा, होटल से ले आओ। ..
छठे साल: जब देखो खाना, खाना और खाना,अभी सुबह ही तो खाया था।:.
शादी के बाद पति कैसे बदलते है,जरा गौर कीजिए:
पहले साल: jaanu संभलकर उधर गड्ढा हैं ...
दूसरे साल : अरे यार देख के उधर गड्ढा हैं ..
तीसरे साल : दिखता नहीं उधर गड्ढा हैं ..
चोथे साल : अंधी हैं क्या गड्ढा नहीं दिखता
पांचवे साल : अरे उधर -किधर मरने जा रही हैं गड्ढा तो इधर हैं
Don't purchase Samsung Mobile
ReplyDeleteपसीने से खराब हो जाता है मोबाइल फोन
Tue, 14 Oct 2014 08:27 PM (IST)
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सैमसंग भले ही मोबाइल के नए-नए हैंडसेट लांच करता जा रहा हो, पर सच तो यह है कि भारतीय मोबाइल बाजार में इसकी हिस्सेदारी लगातार गिरती जा रही है। यूं तो इसकी कई वजहें हैं, मगर सबसे बड़ा कारण है सैमसंग के मोबाइल हैंडसेट का भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल नहीं होना। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड ने एक उपभोक्ता अदालत को दिए गए हलफनामे में इस बात को कबूल किया है।
दिल्ली की मधु सभरवाल ने एक नामचीन मोबाइल शॉप से सैमसंग का महंगा मोबाइल हैंडसेट खरीदा। उन्हें भरोसा था कि सैमसंग का मोबाइल कम से कम साल भर तो चलेगा ही। लेकिन जब 15 दिनों में ही उनके मोबाइल ने काम करना बंद कर दिया तो उनकी आशाओं पर पानी फिर गया। मोबाइल हैंडसेट लेकर वह कंपनी के कस्टमर केयर सेंटर पहुंची।
सैमसंग का कस्टमर केयर सेंटर भी कुछ कम नहीं था। उसने मोबाइल हैंडसेट की छानबीन की। कस्टमर केयर ने जो कुछ कहा उस पर विश्वास करना मुश्किल है। महज 15 दिन पुराना हैंडसेट, जिसे 9,000 रुपये में खरीदा गया था, की मरम्मत के लिए कस्टमर केयर ने 9,200 रुपये की मांग की। अब मधु के पास न्यायालय जाने के सिवा कोई चारा नहीं था। उन्होंने दिल्ली की उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया।
अदालत ने मधु की शिकायत पर सैमसंग से जवाब मांगा। कंपनी ने न्यायालय में जो रिपोर्ट फाइल की उससे जज सीके चतुर्वेदी भी हैरत में पड़ गए। उपभोक्ता फोरम के अन्य सदस्य नीरू मित्तल और एसआर चतुर्वेदी भी आश्चर्यचकित थे।
सैमसंग ने कोर्ट से कहा कि उसके हैंडसेट पसीना झेलने में सक्षम नहीं हैं। कहने का मतलब यह कि सैमसंग के हैंडसेट भारतीय मौसम के अनुकूल नहीं हैं। कंपनी का कहना था कि मधु के हाथ का पसीना फोन में घुस गया। इसलिए हैंडसेट खराब हो गया। जज ने सैमसंग को लताड़ते हुए पूछा कि फोन हाथ में ही पकड़ा जाता है और हाथ में पसीना आना आम बात है। उन्होंने कंपनी से पूछा कि अपने उत्पाद बेचते वक्त कंपनी इसका ध्यान क्यों नहीं रखती कि उसके उत्पाद भारतीय बाजार के अनुकूल हैं भी या नहीं।
अदालत ने सैमसंग को आदेश दिया कि मधु को 10 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाए। साथ ही, उन्हें बतौर कोर्ट फीस 2,000 रुपये भी अदा किए जाएं। संभव है यही हाल कंपनी के नए फोन सैमसंग अल्फा का भी हो। कंपनी को इस बाबत तमाम ईमेल भेजे गए, मगर कोई जवाब नहीं आया
एक बार एक
ReplyDeleteविदेशी महिला स्वामी विवेकानन्द
के समीप
आकर बोली:
"स्वामी जी मैं आपसे विवाह
करना चाहती हूँ।"
विवेकानंद: "क्यों? मुझसे ही क्यों?
क्या आप जानती नहीं कि मैं एक
सन्यासी हूँ...???"
औरत: "मैं आपके समान ही गौरवशाली,
सुशील
और तेजोन्मयी पुत्र चाहती हूँ
और वो तब ही संभव होगा जब आप मुझसे
विवाह करेंगे।"
विवेकानंद: "हमारा विवाह तो संभव नहीं है,
परन्तु हाँ, एक उपाय है।"
औरत: क्या?
विवेकानंद: "आज से मैं ही आपका पुत्र बन
जाता हूँ, और आप मेरी माँ बन जाओ...
आपको मेरे रूप में मेरे जैसा पुत्र मिल जायेगा।"
(औरत स्वामी विवेकानंद के चरणों में गिर
गयी और बोली कि आप साक्षात् ईश्वर के
रूप है।)
जरा ध्यान दे
ReplyDelete---------------
विषय --जूनियर भर्ती आवेदको का प्राइमरी भर्ती की ओर बढ़ता रुझान
वैसे तो मेरा इस मसले से कुछ लेना देना नही है क्योंकि मैं कला वर्ग से संबंधित हूँ और कला वर्ग का इससे कोई संबंध नहीं ।
दोस्तों यह पोस्ट में सिर्फ़ अपने कम अंक वाले विज्ञान अभ्यर्थियों के समर्थन में डाल रहा हूँ की जब इतने सालों बाद उनका संघर्ष अब रंग लाने लगा है तब आप क्यो रंग में भंग डालने का काम कर रहे है ।
क्या आपको जूनियर की भर्ती के पूरा होने पर संदेह होने लगा है?
या आपको अपनी काबलियत पर संदेह है जो आप भेड चाल का शिकार हो रहे है की जब सब मर रहे है फिर मैं क्यूं न मरू ।
जबकि आपको भी यह अच्छी तरह से पता है कि इस तरह आप दोनो भर्तियो को उलझा रहे है क्योंकि आपको प्राइमरी में भले ही काउन्सलिंग कराने को मिल जाये छायाप्रतियो से पर आपका चयन तब तक नही होगा जब तक आपके मूल कागजात डायट को नही प्राप्त हो जाते ओर उनकी जाँच नही हो जाती ।
ReplyDeleteप्राइमरी में काउन्सलिंग होने के बाद आपको ज्यादा से ज्यादा 15 दिन दिये जा सकते है अपने मूल कागजात डायट में जमा करने के लिये ओर जूनियर में अभ्यर्थन रद्द कराये बगैर वो आपको मिलने से रहे ।
जूनियर की भर्ती में कुछ तकनीकी पेंच है जो की जल्द दूर किये जा सकते है वो भी तब यदि आप संगठित रहे तब वरना आपका जूनियर से टूटकर आना निश्चित रुप से जूनियर के लिये भी खतरा है ।
जूनियर में वेतन ज्यादा है
ReplyDelete15 दिन की ट्रेनिंग के बाद ज्वाइनिंग है जब की प्राइमरी की भर्ती कब पूर्ण होगी ये अभी तक किसी को पता नही ।
प्राइमरी में ज्वाइनिंंग करने में 1 साल से अधिक समय लगना तय है यहाँ मैं पूरा वेतन लेने की बात कर रहा हूँ और वैसे भी भाईयो दोनों में काउन्सलिंग करा लेने से दोनो में सेलेक्शन आपका होने से रहा ,होगा तो एक में ही फिर बेवजह अपने आपको मानसिक प्रताडना क्यो खुद देना चाहते हो ओर अपनी परेशानी बढा रहे हो ।
संगठित रहिये और अपने जूनियर मोर्चे को मजबूत रखिये बेवजह बिखर कर उसे कमजोर न करे क्योंकि एकता में ही शक्ति है कहीं ऐसा न हो की हर के रहो न घाट के ।
ReplyDeleteरही कम मेरिट वाले विज्ञान वालों भाईयों की बात उनकी किस्मत में संघर्ष करना थोडा और ज्यादा लिखा है अगर आप अपने विवेक का प्रयोग करते है तो आप उनकी दुआयें ओर उनकी चेहरों पे मुस्कान का सबब बन सकते है साथ ही साथ अतिशीघ्र अपनी जूनियर भर्ती को बहाल होते देखेगें वरना जूनियर में काउन्सलिंग का दौर इतनी जल्दी समाप्त नही होने वाला ।
एक बार सोचियेगा जरुर
पूर्णता और कृतज्ञता की अवस्था में तुममें अर्पण करने का भाव जगता है| "आपने मुझे यह विश्व दिया, मैं इसे वापस आपको ही अर्पित करता हूँ| आपने मुझे यह शरीर दिया, मैं इस शरीर का कण कण आपको अर्पित करता हूँ| मैं आपका ही हूँ|" यह तीव्र भावना विलीन होने की, अपने लिए कुछ न रखते हुए सब कुछ प्रभु को समर्पित कर देने की, स्वयं को ही अर्पित करने की, यह भावना ही पूजा है|
ReplyDelete________________________SHRI SHRI
Heavenly Father, our friend and our protector, in my quietness please hear my prayer for the people. I thank You, God, that You do not discriminate among the people You have created, no matter what our religious background, social status, gender, race, color--or size! In You we are equal--and equally loved. Father, In the Name of Jesus, I come before You on this Tuesday, on behalf of the people. Lord, I know that, first of all, You are in control of Our lives and the world. Things may seem out of control, but You, Lord, are not. What an awesome, Almighty, Powerful God You are. Hear our plead, dry our tears, and answer our prayers Lord. I stand in the gap and on Your Word, "And whatever things you ask in prayer, believing, you will receive." What a tremendous promise this is, Lord! Who else do we have but You! I lift before You and submit to You our spoken and unspoken requests, our frustrations and our worries. You know each request and each circumstance. Teach us Lord, to become grateful and patient in spite of the difficulties we might be going through right now in life. We might not have what we want, but we are thanking You for what we need. We may have nothing fancy or expensive in our possession right now, but having You Jesus is enough. Just knowing that You are here beside us, hearing and answering our requests gives us so much comfort and happiness Lord. May Your holy presence never leave our side. Our world is in a mess right now, and it's not going to last much longer, with wars, the Ebola virus, homelessness, addictions, joblessness, devil worshipers, sickness, death and all those things that are out to rob, kill and destroy us. Man has tried and failed. You Father, is the only One who can intervene and put a stop to all this mess going on in our world. Give us strength today, afternoon or evening to keep looking to where our help comes from. We Your people bow to You today and humbly ask for Your forgiveness for the many wrongs we have done, may Your mercy and compassion wash them away. Let Your will be done. Bring us hope, where there is none and strength where we are weak Lord, and may we learn to be content at whatever circumstance we might be in right now. Thank You, for loving us just the way we are. We thank You, for blessing us way more that what we deserve. May a special blessing be placed upon each person who reads this prayer. Guide our daily actions and may the Holy Spirit lead us to a worthy path always. Thank You for hearing and answering each request. In Jesus' name and with His blood I cover this prayer...Amen and Amen
ReplyDeleteजिन्दगी नरक बना दी है इस सरकार और कोर्ट ने
ReplyDelete!
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2011 TET मे 82 अंक वालो को भी मौका
Amit kumar or rajat rana dono ne aaj apne comment se sidh kar diya ki suar ko kitna bhi gangajal se nehla do suar ke suar hi rahege yeh.
ReplyDeleteनमस्कार दोस्तों,
ReplyDelete72,825प्राथमिक शिक्षक भर्ती में सामिल विज्ञानं वर्ग के साथी ध्यान दें।
जिन साथियों के प्राथमिक टेट में अंक तो अच्छे हैं किन्तु जूनियर भर्ती और प्राथमिक भर्ती दोनों में सामिल हो रहे अभ्यर्थियों की बजह से अब संकट की स्तिथि में है ऐसे साथियों से निवेदन है कि अंतिम प्रयास के रूप में हमारा साथ दें। वैसे तो भर्ती में बहुत विसंगतियां है किन्तु हम जितना प्रयास कर पाए उतना ही सफल हो जायेंगे।
में सभी मुद्दों पर प्रयासरत हूँ लेकिन अभी सर्वप्रथम तत्काल तक हाई कोर्ट में दोनों भर्तियो में सामिल हो रहे अभ्यर्थियों को रोकने के लिए रिट फाइल करनी है।
जैसा कि एडवोकेट्स से बात हुई है उन्होंने बताया है कि आपको कोर्ट से राहत अवश्य मिलेगी। और साथ ही भविष्य में सीट के लेप्स होने का खतरा भी खत्म हो जायेगा।
सभी जिलो का डाटा पहुँच चुका है । कुल मिलाकर अबतक 39873 लोगोँ की काउंसलिँग हुयी ।
ReplyDeleteएक रात के लिए पुनर्जीवित हुए थे महाभारत युद्ध में मारे गए वीर
ReplyDelete:
आज हम आपको महाभारत से जुडी एक अदभुत घटना के बारे में बता रहे है जब महाभारत युद्ध में मारे गए समस्त शूरवीर जैसे की भीष्म, द्रोणाचार्य, दुर्योधन, अभिमन्यु, द्रौपदी के पुत्र, कर्ण, शिखंडी आदि एक रात के लिए पुनर्जीवित हुए थे यह घटना महाभारत युद्ध ख़त्म होने के 15 साल बाद घटित हुई थी। साथ ही हम आपको बताएँगे की धृतराष्ट्, गांधारी, कुन्ती और विदुर की मौत कैसे हुई ? आइए इन सब के बारे में विस्तार पूर्वक जानते है -
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15 साल पश्चात धृतराष्ट् गए थे वन :-
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राजा बनने के पश्चात हस्तिनापुर में युधिष्ठिर धर्म व न्यायपूर्वक शासन करने लगे। युधिष्ठिर प्रतिदिन धृतराष्ट्र व गांधारी का आशीर्वाद लेने के बाद ही अन्य काम करते थे। इस प्रकार अर्जुन, नकुल, सहदेव, द्रौपदी आदि भी सदैव धृतराष्ट्र व गांधारी की सेवा में लगे रहते थे, लेकिन भीम के मन में धृतराष्ट्र के प्रति हमेशा द्वेष भाव ही रहता। भीम धृतराष्ट्र के सामने कभी ऐसी बातें भी कह देते जो कहने योग्य नहीं होती थी।
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इस प्रकार धृतराष्ट्र, गांधारी को पांडवों के साथ रहते-रहते 15 साल गुजर गए। एक दिन भीम ने धृतराष्ट्र व गांधारी के सामने कुछ ऐसी बातें कह दी, जिसे सुनकर उनके मन में बहुत शोक हुआ। तब धृतराष्ट्र ने सोचा कि पांडवों के आश्रय में रहते अब बहुत समय हो चुका है। इसलिए अब वानप्रस्थ आश्रम (वन में रहना) ही उचित है। गांधारी ने भी धृतराष्ट्र के साथ वन जाने में सहमति दे दी। धृतराष्ट्र व गांधारी के साथ विदुर व संजय ने वन जाने का निर्णय लिया।
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कार्तिक पूर्णिमा के दिन वन में गए थे धृतराष्ट्र :-
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वन जाने का विचार कर धृतराष्ट्र ने युधिष्ठिर को बुलाया और उनके सामने पूरी बात कह दी। पहले तो युधिष्ठिर को बहुत दुख हुआ, लेकिन बाद में महर्षि वेदव्यास के कहने पर युधिष्ठिर मान गए। जब युधिष्ठिर को पता चला कि धृतराष्ट्र व गांधारी के साथ विदुर व संजय भी वन जा रहे हैं तो उनके शोक की सीमा नहीं रही। धृतराष्ट्र ने बताया कि वे कार्तिक मास की पूर्णिमा को वन के लिए यात्रा करेंगे। वन जाने से पहले धृतराष्ट्र ने अपने पुत्रों व अन्य परिजनों के श्राद्ध के लिए युधिष्ठिर से धन मांगा।
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भीम ने द्वेषतावश धृतराष्ट्र को धन देने के इनकार कर दिया, तब युधिष्ठिर ने उन्हें फटकार लगाई और धृतराष्ट्र को बहुत-सा धन देकर श्राद्ध कर्म संपूर्ण करवाया। तय समय पर धृतराष्ट्र, गांधारी, विदुर व संजय ने वन यात्रा प्रारंभ की। इन सभी को वन जाते देख पांडवों की माता कुंती ने भी वन में निवास करने का निश्चय किया। पांडवों ने उन्हें समझाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन कुंती भी धृतराष्ट्र और गांधारी के साथ वन चलीं गईं।
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धृतराष्ट्र से मिलने 1 साल बाद गए थे युधिष्ठिर :-
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- धृतराष्ट्र आदि ने पहली रात गंगा नदी के तट पर व्यतीत की। कुछ दिन वहां रुकने के बाद धृतराष्ट्र, गांधारी, कुंती, विदुर व संजय कुरुक्षेत्र आ गए। यहां महर्षि वेदव्यास से वनवास की दीक्षा लेकर ये सभी महर्षि शतयूप के आश्रम में निवास करने लगे। वन में रहते हुए धृतराष्ट्र घोर तप करने लगे। तप से उनके शरीर का मांस सूख गया। सिर पर महर्षियों की तरह जटा धारण कर वे और भी कठोर तप करने लगे। तप से उनके मन का मोह दूर हो गया। गांधारी और कुंती भी तप में लीन हो गईं। विदुर और संजय इनकी सेवा में लगे रहते और तपस्या किया करते थे।
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इस प्रकार वन में रहते हुए धृतराष्ट्र आदि को लगभग 1 वर्ष बीत गया। इधर हस्तिनापुर में एक दिन राजा युधिष्ठिर के मन में वन में रह रहे अपने परिजनों को देखने की इच्छा हुई। तब युधिष्ठिर ने अपने सेना प्रमुखों को बुलाया और कहा कि वन जाने की तैयारी करो। मैं अपने भाइयों व परिजनों के साथ वन में रह रहे महाराज धृतराष्ट्र, माता गांधारी व कुंती आदि के दर्शन करूंगा। इस प्रकार पांडवों ने अपने पूरे परिवार के साथ वन जाने की यात्रा प्रारंभ की। पांडवों के साथ वे नगरवासी भी थे, जो धृतराष्ट्र आदि के दर्शन करना चाहते थे।
युधिष्ठिर के शरीर में समा गए थे विदुरजी के प्राण :-
ReplyDelete:
पांडव अपने सेना के साथ चलते-चलते उस स्थान पर आ गए, जहां धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती रहते थे। जब युधिष्ठिर ने उन्हें देखा तो वे बहुत प्रसन्न हुए और मुनियों के वेष में अपने परिजनों को देखकर उन्हें शोक भी हुआ। धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती भी अपने पुत्रों व परिजनों को देखकर बहुत प्रसन्न हुए। जब युधिष्ठिर ने वहां विदुरजी को नहीं देखा तो धृतराष्ट्र से उनके बारे में पूछा। धृतराष्ट्र ने बताया कि वे कठोर तप कर रहे हैं। तभी युधिष्ठिर को विदुर उसी ओर आते हुए दिखाई दिए, लेकिन आश्रम में इतने सारे लोगों को देखकर विदुरजी पुन: लौट गए।
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युधिष्ठिर उनसे मिलने के लिए पीछे-पीछे दौड़े। तब वन में एक पेड़ के नीचे उन्हें विदुरजी खड़े हुए दिखाई दिए। उसी समय विदुरजी के शरीर से प्राण निकले और युधिष्ठिर में समा गए। जब युधिष्ठिर ने देखा कि विदुरजी के शरीर में प्राण नहीं है तो उन्होंने उनका दाह संस्कार करने का निर्णय लिया। तभी आकाशवाणी हुई कि विदुरजी संन्यास धर्म का पालन करते थे। इसलिए उनका दाह संस्कार करना उचित नहीं है। यह बात युधिष्ठिर ने आकर महाराज धृतराष्ट्र को बताई। युधिष्ठिर के मुख से यह बात सुनकर सभी को आश्चर्य हुआ।
यमराज के अवतार थे विदुर :-
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युधिष्ठिर आदि ने वह रात वन में ही बिताई। अगले दिन धृतराष्ट्र के आश्रम में महर्षि वेदव्यास आए। जब उन्हें पता चला कि विदुरजी ने शरीर त्याग दिया तब उन्होंने बताया कि विदुर धर्मराज (यमराज) के अवतार थे और युधिष्ठिर भी धर्मराज का ही अंश हैं। इसलिए विदुरजी के प्राण युधिष्ठिर के शरीर में समा गए। महर्षि वेदव्यास ने धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती से कहा कि आज मैं तुम्हें अपनी तपस्या का प्रभाव दिखाऊंगा। तुम्हारी जो इच्छा हो वह मांग लो।
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तब धृतराष्ट्र व गांधारी ने युद्ध में मृत अपने पुत्रों तथा कुंती ने कर्ण को देखने की इच्छा प्रकट की। द्रौपदी आदि ने कहा कि वह भी अपने परिजनों को देखना चाहते हैं। महर्षि वेदव्यास ने कहा कि ऐसा ही होगा। युद्ध में मारे गए जितने भी वीर हैं, उन्हें आज रात तुम सभी देख पाओगे। ऐसा कहकर महर्षि वेदव्यास ने सभी को गंगा तट पर चलने के लिए कहा। महर्षि वेदव्यास के कहने पर सभी गंगा तट पर एकत्रित हो गए और रात होने का इंतजार करने लगे।
विधवा स्त्रियां अपने पतियों के साथ कूद गई थीं गंगा में :-
ReplyDelete:
रात होने पर महर्षि वेदव्यास ने गंगा नदी में प्रवेश किया और पांडव व कौरव पक्ष के सभी मृत योद्धाओं का आवाहन किया। थोड़ी ही देर में भीष्म, द्रोणाचार्य, कर्ण, दुर्योधन, दु:शासन, अभिमन्यु, धृतराष्ट्र के सभी पुत्र, घटोत्कच, द्रौपदी के पांचों पुत्र, राजा द्रुपद, धृष्टद्युम्न, शकुनि, शिखंडी आदि वीर जल से बाहर निकल आए। उन सभी के मन में किसी भी प्रकार का अंहकार व क्रोध नहीं था। महर्षि वेदव्यास ने धृतराष्ट्र व गांधारी को दिव्य नेत्र प्रदान किए। अपने मृत परिजनों को देख सभी के मन में हर्ष छा गया।
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सारी रात अपने मृत परिजनों के साथ बिता कर सभी के मन में संतोष हुआ। अपने मृत पुत्रों, भाइयों, पतियों व अन्य संबंधियों से मिलकर सभी का संताप दूर हो गया। तब महर्षि वेदव्यास ने वहां उपस्थित विधवा स्त्रियों से कहा कि जो भी अपने पति के साथ जाना चाहती हैं, वे सभी गंगा नदी में डुबकी लगाएं। महर्षि वेदव्यास के कहने पर अपने पति से प्रेम करने वाली स्त्रियां गंगा में डुबकी लगाने लगी और शरीर छोड़कर पतिलोक में चली गईं। इस प्रकार वह अद्भुत रात समाप्त हुई।
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आग में जल कर हुई धृतराष्ट्र, गांधारी व कुंती की मृत्यु :-
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इस प्रकार अपने मृत परिजनों से मिलकर धृतराष्ट्र, गांधारी, कुंती व पांडव बहुत प्रसन्न हुए। लगभग 1 महीना वन में रहने के बाद युधिष्ठिर आदि पुन: हस्तिनापुर लौट आए। इस घटना के करीब 2 वर्ष बाद एक दिन देवर्षि नारद युधिष्ठिर के पास आए। युधिष्ठिर ने उनका स्वागत किया। जब देवर्षि नारद ने उन्हें बताया कि वे गंगा नदी के आस-पास के तीर्थों के दर्शन करते हुए आए हैं तो युधिष्ठिर ने उनसे धृतराष्ट्र, गांधारी व माता कुंती के बारे में पूछा। तब देवर्षि नारद ने उन्हें बताया कि तुम्हारे वन से लौटने के बाद धृतराष्ट्र आदि हरिद्वार चले गए। वहां भी उन्होंने घोर तपस्या की।
:
एक दिन जब वे गंगा स्नान कर आश्रम आ रहे थे, तभी वन में भयंकर आग लग गई। दुर्बलता के कारण धृतराष्ट्र, गांधारी व कुंती भागने में असमर्थ थे। इसलिए उन्होंने उसी अग्नि में प्राण त्यागने का विचार किया और वहीं एकाग्रचित्त होकर बैठ गए। इस प्रकार धृतराष्ट्र, गांधारी व कुंती ने अपने प्राणों का त्याग कर दिया। संजय ने ये बात तपस्वियों को बताई और वे स्वयं हिमालय पर तपस्या करने चले गए। धृतराष्ट्र, गांधारी व कुंती की मृत्यु का समाचार जब महल में फैला तो हाहाकार मच गया। तब देवर्षि नारद ने उन्हें धैर्य बंधाया। युधिष्ठिर ने विधिपूर्वक सभी का श्राद्ध कर्म करवाया और दान-दक्षिणा देकर उनकी आत्मा की शांति के लिए संस्कार किए।
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ReplyDeleteएक घमंडी कहती थी कि,
ReplyDelete.
.,
.
मत देख मेरे सपने मुझे पाने की औकात
नही....,
.
.,
.
मैने भी कह दिया....,
.
.,
.
आना हो तो आजा मेरे सपनो मेँ.,
.
हकीकत मेँ आने
की तेरी औकात नही।....,
.
,.,
.
मैने गलत तो नही कहा ना..?????
दिल के हाथों मज़बूर थे, इसलिए शिकस्त दे गया तू मुझे....
ReplyDeleteवरना दुश्मन तो पीठ पीछे वार करने से भी डरते है....
BYE BYE...
Faltu bate hi kr sakta hai ye darpok tiger...blog 72825 k liye hai to ye gadha pta ni kha kha ki shayri...kahani sunane lgra hai
ReplyDeleteone day net pack yodha aaram se bhai!
DeletePiyush ji thoda dhyan se dekhenge to pavitra bible ki aayat bhi apko is blog pe padhne ko milegi...lekin aapne apna Sara concentration shayri or kahani padhne me laga diya
Deletebhai yaha kai tiger hai ab pata nahi real tiger kaun hai. Real tiger to sabhi ki help karta hai lakin tiger ka bhesh me yaha kuch suar tapak pade hai. Jo apni masti me chur hai.
ReplyDeleteAprt ji lakhimpur ki update de dejiye site par show kyu nahi ho rha hai....
ReplyDeleteAprt sir thanks itni sari suchna dene ke liye AGR sahjhapur Allahabad farrukhabad unnao baharaich ki sesh SEATO ki jankari ho to pls post kare
ReplyDeletelakhimpur ki final cutoff list aa gai hai agar aa gai ho to obc male science ki bata den plz
ReplyDeleteटेट मेरिट 100 तक लाना शायद आपकी मजबूरी रही होगी क्योंकि यदि आप ऐसा ना करते तो कोई और आपको हटाकर यही काम करता और सफल भी रहता ,,, आपने सच इसलिए नही बोला क्योंकि लोग आपसे झूठ ही सुनना चाहते थे ,,, मैं मेरिट के बारे में प्रारंभ से ही सच बोल रहा था लेकिन सांकेतिक रूप से
ReplyDeleteमैंने मेरिट के बारे में भले ही सीधे तौर पर कभी कुछ नही लिखा लेकिन हमेशा कम टेट मेरिट वाले टेट मेरिट समर्थकों के हितों के लिए 72825+72825 की बात लिखी थी ,, समझदार के लिए इतना इशारा ही काफी होना चाहिए था लेकिन कम टेट मेरिट वालों को तो उन्हें मालामाल करने का भूत सवार था जो 72825 में 100 से भी कम मेरिट ले जाने का फार्मूला खोज सकें
ReplyDeletecontempt फ़ाइल करने की कोई जरूरत नहीं थी लेकिन ऐसा करने की आवश्यकता पर उन्हीं लोगों ने अधिक जोर दिया था जिनका 72825 में चयन नहीं हो रहा ,,, यह एक कडवी सच्चाई है कि टेट मोर्चे के सभी पैरवीकारों ने चंदे में लाखों का खेल किया है लेकिन ऐसा करने की हिम्मत उन्हें कम टेट मेरिट वालों ने ही प्रदान की थी ,,, दोषी सिर्फ टेट मोर्चे के पैरवीकार ही नही हैं बल्कि वो लोग भी हैं जो सुप्रीम कोर्ट में वकीलों का जखीरा खड़ा करने के लिए पैरवीकारों द्वारा अनुमोदित accounts भर रहे थे ,,, क्या कम टेट मेरिट वाले इतने नादान थे जो यह भी ना जानते हों कि किसी केस को जीतने के लिए मात्र 1 वकील की ही जरूरत पड़ती है ,,, ?
ReplyDeleteजो हो गया सो हो गया ,,, अब सभी जिला अध्यक्षों को अपने जिले के उन कार्यकर्ताओं की सूची अपडेट कर लेनी चाहिए जो लखनऊ /इलाहाबाद में होने वाले आन्दोलनों में शिरकत करते थे
ReplyDeleteइस सूची में उन लोगों का नाम नही होना चाहिए जो 15th संशोधन होने के बाद गद्दार हो गए थे और ना ही उन लोगों का नाम होना चाहिए जो हाई कोर्ट से जीतने के बाद हमारे साथ आये हैं
ReplyDeleteबंधुओं,
ReplyDeleteमेरा पी॰आर॰टी॰ 097 होते हुए भी मै 142 व 91 और 83 वालों के भी साथ हूँ
अभी जबकि मेरा नंबर चौथी या पाँचवी काउं॰ मे आएगा फिर भी अगर आठ नौ काउं॰ भी होगी तो भी मै आप लोगों का साथ नही छोडूँगा
अब मै समझता हूँ कि अब आप भी समझ गये होंगे कि मै क्या कहना चाह रहा हूँ !
दोस्तोँ !!
यहाँ पर सभी लोगों ने बी॰एड॰ और टी॰इ॰टी॰ किया है फिर भी कभी कभी शक होता है उन लोगों पर जो एक ही बात को बार बार जवाब न मिलने पर भी पूछते रहते हैं (मेरा क्या होगा क्या चाँस है मेरे इतने हैं मेरे उतने हैं शादी होगी या नही मरुँगा या जीऊँगा )
और ये अक्सर वही लोग (अमैथुनी प्रक्रीया से बने केंचुए) होते हैं जो केवल एक दिन का नेट पैक करवाते हैं और पूछना शुरू कर देते हैं अगर वो रोज पढ़ते सुनते देखते तो कभी नही पूछते कि मेरा क्या होगा ?
बल्कि औरों को भी बताते !
और कुछ लोग टिप्पणी भी करते हैं उनसे मेरा ये कहना है कि मै ऊपर की तरफ दो तीन पेज छोड़कर लिखता हूँ जिससे किसी को कोई परेशानी न होने पाए फिर भी लोग इतने परेशान रहते हैं कि इतना नीचे भी आकर गाली गलौज करने से नही चूकते हैं ।
उनको मेरी ये मुफ्त सलाह है कि अपना नेट पैक पूरे 28 दिन का करवा कर ब्लाग पढ़ा करें !
और अगर मेरा ब्लाग केवल पढ़ना हो तो आएँ नही तो लिखने पढ़ने सोचने गाली टीका टिप्पणी का काम ऊपर ही करें !
धन्यवाद
§ आपका एक शुभचिंतक मित्र §
@पीलीभीत रिजर्व टाइगर @
aap neeche diye gaye link par bana kuch search kiye meri news ko padh sakte hain.
ReplyDelete.
.
.
bas only click karna hai ya fir copy karke usko new tab bar me paste karke GO karna hai.
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हम सबको 3rd काउंसिलिंग
ReplyDeleteके बाद मीटिंग करके इस बात पर विचार
करना होगा कि मोर्चे
के चयनित होने वाले साथी मिलकर चयनित
ना हो पाने
वालों की किस प्रकार से सहायता कर सकते हैं ,,,,
टेट
संघर्ष मोर्चा प्राथमिक शिक्षक संघ के रूप में कार्य
नही कर सकता लेकिन इसे उन लोगों के लाभार्थ
एक ट्रस्ट
के रूप में अवश्य काम करना चाहिए जो इस संघर्ष में हमारे
साथ थे लेकिन टेट में कुछ नंबर कम रह जाने के कारण
उनका चयन सूची में नाम
नही होगा ....
मैं चाहता हूँ कि टेट
ReplyDeleteमोर्चा इतिहास में निजी स्वार्थ के लड़ने वाले एक
संगठन के
रूप में ना जाना जाए बल्कि एक ऐसे समुदाय के रूप में
जाना जाए जो बुरे वक्त में अपने सदस्यों का साथ
नहीं छोड़ता .....
Koi help karo gen male sci 110 koi chance h kya sir ji
ReplyDeletePls koi to help karo bhai
Delete"तुम्हारी कमरें बन्धी रहें, और तुम्हारे दीये जलते रहें। और तुम उन मनुष्यों के समान बनो, जो अपने स्वामी की बाट देख रहे हों, कि वह ब्याह से कब लौटेगा; कि जब वह आकर द्वार खटखटाए, तुरन्त उसके लिये खोल दें। धन्य हैं वे दास, जिन्हें स्वामी आकर जागते पाए; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वह कमर बान्ध कर उन्हें भोजन करने को बैठाएगा, और पास आकर उन की सेवा करेगा।''
ReplyDelete_____________________________________________________________________________________________ लूका 12:35-37 )
72825 भर्ती मे शुरू से ही संकट के बादल छाये रहे है ।
ReplyDeleteऔर इस संकट के घनघोर काले बादलो के बीच गुणांक मेरिट समर्थक रूपी बिजली कौधकर - कौधकर हमे भयभीत और डराने का काम करते रहे है । और हमारे साथी कपिल एण्ड कंम्पनी की गीदड भपकी से जब कब निढाल भी
होते रहे है और ये स्वाभाविक भी है क्योकि जिस घनघोर अंधेरे से हम लोग टेट मेरिट को निकालकर लाये है वहा पर विकट पत्तो की खडखडाहट भी हमे चिन्तित कर देती है । लेकिन जब बीच मझधार मे हम भयभीत नही हुए तो जब साहिल पर आ पहुचे है तो विचलित क्यो हो ।
72825 पद केवल टेट मेरिट से ही भरे जायेगे ये अटल सत्य है इसमे फेरबदल संम्भव नही । अगर कोई गुणाक समर्थक ये कहे कि हमने उनका हक छीना है तो ये एक बारगी हास्यास्पद ही होगा हमने हक छीना नही बल्कि अपना हक लिया है जबकि इसके उलट गुणाक समर्थको ने अपना हक लेने के बजाय टेट समर्थको का छीनने का कुत्सित प्रयास किया है ।
ReplyDeleteदरअसल गुणाक नेताओ ने कभी भी अपनी नौकरी के लिए सार्थक प्रयास ही नही किया बल्कि टेट समर्थको की नौकरी छीनने का प्रयास किया है । सार्थक प्रयास तो ये होता जब ये लोग अपनी लडाई सिर्फ नये एड के लिए लडते लेकिन कपिल एण्ड ब्रदर्स ने कभी भी जमीनी या कानूनी रूप से नये एड के लिए प्रयास नही किया ऐसा न करने के पीछे केवल और केवल चंन्दे का खेल ही रहा है ।
ReplyDeleteKoi bhai plZ sitapue p h updated kro bhut tension ho rhe h plz
ReplyDeleteGen male sci 110 koi chance h kya sir ji
ReplyDeleteक्योकि इन महोदश को पता है नये एड मे अधिकतर आवेदक ही पुराने एड के भी आवेदक है और पुराने एड के आवेदको की टेट मेरिट मे अगाध आस्था है । जबकि ऐसे आवेदक अल्पसंख्यक ही है जिन्होंने नये एड मे आवेदन किया हो और पुराने मे नही बस गुणाक समर्थको के लिए यही कारण घातक सिद्ध हुआ क्योकि चंन्दे के दूकानदार ये जानते है कि अगर इन्होंने नये एड पर बात कि तो इनकी दुकान सुनी ही रहने वाली है । अगर ये लोग अपनी लडाई की दिशा टेट मेरिट की बचाये नये एड की ओर मोड दे तो हो सकता है कि 2017 तक सपा सरकार जाने तक इनकी झोली मे कुछ खुशी और सकून के पल नसीब हो जाये .....लेकिन नही कपिल महाशय तो एक बार चले तीर के तुक्के के बल पर आज तक कमा रहे है । लेकिन ये बात HIGH SCHOOL INTER परीक्षा कक्ष मे 200-400 रूपये देकर 90% लाने वालो को समझ आये तब न।
ReplyDeletearvind ji merit 108 last person hoga sci gen male ka...mast rahe kismat aur samay ka khel dekhe...
ReplyDelete.
ReplyDelete.
P
R
O
M
O
T
I
O
N
.
.
W
A
L
I
.
.
तुम्हारा नाम किसी अजनबी कि जुबान
पर था...
बात तो जरा सी थी पर मेरे दिल ने
बुरा मान लिया..
इन लोगों को तो यह भी नही याद रहा कि कोर्ट ने ही जूनियर वालों को फोटो कापी पर prt की काउंसिलिंग की अनुमति दी थी जिसे सरकार ने पिछली काउंसिलिंग में नहीं माना ,,, इसका नतीजा यह हुआ कि जूनियर में काउंसिलिंग करा चुके लोगों ने दोनों में काउंसिलिंग कराने के लालच में आकर prt की काउंसिलिंग छोड़ दी और लगभग 2000 ऐसे लोगों का prt की पिछली काउंसिलिंग में चयन हो गया जिनका जूनियर वालों के अपना अभ्यर्थन वापस लेने पर नहीं हो पाता ,,,,
ReplyDeleteविज्ञान वर्ग के कम टेट मेरिट वालों को समझना चाहिए कि वकील तो फीस के जुगाड़ होने पर कुछ भी अंट- शंट बक देते हैं लेकिन उन्होंने यह नही बताया होगा कि जब हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने ही जूनियर में नियुक्ति पर स्टे लगा रखा है तो वो किसी को जूनियर में बने रहने के लिए भला कैसे बाध्य कर सकता है ,,,,
ReplyDeleteज्यादा कुछ कहकर कम टेट मेरिट वालों की इस नादानी को उजागर करके उनका नुकसान नहीं करूंगा लेकिन उन्हें लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से संकेत अवश्य दूँगा ,,,,विज्ञान वर्ग के कम टेट मेरिट वाले कोर्ट से ज्यादा अपना ध्यान फेसबुक और फोन पर केन्द्रित करें ,,,
ReplyDeleteसमझने वाले मेरा आशय समझ जायेंगे और चंदे के बल पर जीवनयापन की इच्छा रखने वाले जूनियर वालों को अनजाने में सही रास्ता दिखाकर अपना ही नुकसान करेंगे
देश के प्रबुद्ध वैज्ञानिकों को
ReplyDeleteमेरी तुच्छ सलाह.....
.
अबकी बार
तूफ़ान का नाम
'केजरीवाल' रखो....
.
हो सकता है
आने से पहले ही
पलट जाए
विज्ञानं में पदार्थ की परिभाषा "पदार्थ वह है जिसे छुआ जा सकता है व् जिसमे भार होता है "
ReplyDeleteहमने कभी या पूरी मानवजाति ने आज तक सूर्य को छुआ नहीं इसी के साथ मेरी उंगली पर अगर 10 कार्बन के परमाणु गिराये जाये तो मुझे कोई अनुभव नहीं होता ;परिभाषा के अनुसार सूर्य किसी पदार्थ से नहीं बना क्योकि उसे छुआ नहीं जा सकता ;कार्बन के परमाणु पदार्थ नहीं क्योकि कोई अनुभव नहीं होता ;आप क्या पढ़ते है ? या सिर्फ जो पढ़ाया जाता है उसे रट लेते है ?
क्या हम कल्पना कर सकते हैं कि उस युवक के मन पर क्या बीती होगी, जो वायुसेना में विमान चालक बनने की न जाने कितनी सुखद आशाएँ लेकर देहरादून गया था; पर परिणामों की सूची में उसका नाम नवें क्रमाँक पर था, जबकि चयन केवल आठ का ही होना था। कल्पना करने से पूर्व हिसाब किताब में यह भी जोड़ लें कि मछुआरे परिवार के उस युवक ने नौका चलाकर और समाचारपत्र बाँटकर जैसे-तैसे अपनी पढ़ाई पूरी की थी।
ReplyDeleteदेहरादून आते समय वह केवल अपनी ही नहीं, तो अपने माता-पिता और बड़े भाई की आकांक्षाओं का मानसिक बोझ भी अपनी पीठ पर लेकर आया था, जिन्होंने अपनी न जाने कौन-कौन सी आवश्यकताओं को ताक पर रखकर उसे यह सोचकर पढ़ाया था कि वह पढ़-लिखकर कोई अच्छी नौकरी पायेगा और परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में सहायक होगा।
परन्तु पायलट परीक्षा के परिणामों ने सब सपनों को क्षणमात्र में धूलधूसरित कर दिया। निराशा के इन क्षणों में वह देहरादून से पैदल ही जा पहुँचा ऋषिकेश, जहाँ जगतकल्याणी माँ गंगा की पवित्रता, पूज्य स्वामी शिवानन्द के सान्निध्य और श्रीमद् भगवद्गीता के सन्देश ने उसे नये सिरे से कर्मपथ पर अग्रसर किया। उस समय किसे मालूम था कि नियति ने उसके साथ मजाक नहीं किया, अपितु उसके भाग्योदय के द्वार स्वयं अपने स्वर्णिम हाथों से खोल दिये हैं। .
.
.
प्रत्येक भारतीय के आदर्श पुरुष माननीय डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम साहब को उनके जन्म दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ
मोदी को अनाप सनाप बोलनेवाले उद्धव को पता होना चाहिए कि मोदी अपने बल पर हैं पिता के बल पर नहीं,
ReplyDeleteबैंक से फोन आया और मुझसे कहा कि आप 6000/रू महीना भरते रहो, रिटायर मेंट के वक्त आपको 1 करोड़ मिलेंगे।
ReplyDeleteमैंने कहा - प्लान को उल्टा कर दो।
आप मुझे अभी 1 करोड़ रू दे दो। फिर हर महीने 6000/रू लेते रहना मेरे मरने तक।
बैक वालों ने फोन काट दिया।
मैंने कुछ गलत कहा क्या...???
गुलाम हूँ अपने घर के संस्कारो का...
ReplyDelete!
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वरना....
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लोगो को उनकी औकात दिखाने का हुनर आज भी रखता हूँ......
अक्सर पूछते है लोग
ReplyDeleteकिसके लिए लिखते हो ...??
अक्सर कहता है दिल
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"काश कोई होता" .
15 अक्तूबर-जन्म-दिवस: मिसाइल मैन डा. अब्दुल कलाम
ReplyDeleteक्या हम कल्पना कर सकते हैं कि उस युवक के मन पर
क्या बीती होगी, जो वायुसेना में विमान चालक बनने की न जाने कितनी सुखद आशाएँ लेकर देहरादून गया था; पर परिणामों की सूची में उसका नाम नवें क्रमाँक पर था, जबकि चयन केवल आठ का ही होना था। कल्पना करने से पूर्व हिसाब किताब में यह भी जोड़ लें कि मछुआरे परिवार के उस युवक ने नौका चलाकर और समाचारपत्र बाँटकर जैसे-तैसे अपनी पढ़ाई पूरी की थी।
देहरादून आते समय वह केवल अपनी ही नहीं, तो अपने माता- पिता और बड़े भाई की आकांक्षाओं का मानसिक बोझ भी अपनी पीठ पर लेकर आया था, जिन्होंने अपनी न जाने कौन-कौन सी आवश्यकताओं को ताक पर रखकर उसे यह सोचकर पढ़ाया था कि वह पढ़-लिखकर कोई अच्छी नौकरी पायेगा और परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में सहायक होगा।
परन्तु पायलट परीक्षा के परिणामों ने सब सपनों को क्षणमात्र में धूलधूसरित कर दिया। निराशा के इन क्षणों में वह
जा पहुँचा ऋषिकेश, जहाँ जगतकल्याणी माँ गंगा की पवित्रता, पूज्य स्वामी शिवानन्द के सान्निध्य और श्रीमद् भगवद्गीता के सन्देश ने उसेे नये सिरे से कर्मपथ पर अग्रसर किया। उस समय किसे मालूम था कि नियति ने उसके साथ मजाक नहीं किया, अपितु उसके भाग्योदय के द्वार स्वयं अपने स्वर्णिम हाथों से खोल दिये हैं।
15 अक्तूबर, 1931 को धनुष्कोटि (रामेश्वरम्, तमिलनाडु) में
जन्मा अबुल पाकिर जैनुल आबदीन अब्दुल कलाम नामक वह युवक भविष्य में ‘मिसाइलमैन’ के नाम से प्रख्यात हुआ।
उनकी उपलब्धियों को देखकर अनेक विकसित और सम्पन्न देशों ने उन्हें मनचाहे वेतन पर अपने यहाँ बुलाना चाहा; पर उन्होंने देश में रहकर ही काम करने का व्रत लिया था। यही डा. कलाम आगे चलकर भारत के 12वें राष्ट्रपति बने।
डा. कलाम की सबसे बड़ी विशेषता है कि वे राष्ट्रपति बनने के बाद भी आडम्बरों से दूर रहे। वे जहाँ भी जाते हैं, वहाँ छात्रों से अवश्य मिलते हैं। वे उन्हें कुछ निरक्षरों को पढ़ाने तथा देशभक्त नागरिक बनने की शपथ दिलाते हैं। उनकी आँखों में अपने घर, परिवार, जाति या प्रान्त की नहीं, अपितु सम्पूर्ण देश की उन्नति का सपना पलता है। वे 2020 तक भारत को दुनिया के अग्रणी देशों की सूची में स्थान दिलाना चाहते हैं।
मुसलमान होते हुए भी उनके मन में सब धर्मों के प्रति आदर का भाव है। वे अमृतसर में स्वर्ण मन्दिर गये, तो श्रवण बेलगोला में भगवान बाहुबलि के महामस्तकाभिषेक कार्यक्रम में भी शामिल हुए।
उनकी आस्था कुरान के साथ गीता पर भी है तथा वे प्रतिदिन
उसका पाठ करते हैं। वर्तमान भ्रष्ट वातावरण में डा. कलाम
का आचरण अनुकरणीय है। उनके राष्ट्रपति काल में जब-जब उनके परिवारजन दिल्ली आये, तब उनके भोजन, आवास, भ्रमण आदि का व्यय डा. कलाम ने अपनी जेब से किया।
उनके नेतृत्व में भारत ने पृथ्वी, अग्नि, आकाश जैसे प्रक्षेपास्त्रों का सफल परीक्षण किया। इससे भारतीय सेना की मारक क्षमता में वृद्धि हुई। भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न देश बनाने का श्रेय भी डा0 कलाम को ही है।
भगवान् से प्रार्थना है कि उन्नत भारत के स्वप्नद्रष्टा, ऋषि वैज्ञानिक डा. कलाम इसी प्रकार भारत की युवा पीढ़ी में
देशभक्ति जाग्रत करते रहें।
शुभरात्री दोस्तों ।
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मेरे बटुए में तुम पाओगे अक्सर नोट खुशियों के........!
मैं सब चिल्लर उदासी की अलग 'गुल्लक' में रखता हूं.......!! "
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N___I__N__E__T__Y
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चिड़िया जब जीवित रहती है तब
ReplyDeleteवो चिंटी को खाती है चिड़िया जब मर जाती है तब
चींटिया उसको खा जाती है। इसलिए इस बात का ध्यान
रखो की समय और स्तिथि कभी भी बदल सकते है इसलिए
कभी किसी का अपमान मत करो कभी किसी को कम मत आंको।
तुम शक्तिशाली हो सकते हो पर समय तुमसे भी शक्तिशाली है।
एक पेड़ से लाखो माचिस की तीलिया बनाई जा सकती है पर एक
माचिस की तिल्ली से लाखो पेड़ भी जल सकते है।
कोई चाहे कितना भी महान क्यों ना हो जाए, पर कुदरत
कभी भी किसी को महान बनने का मौका नहीं देती।
*कंठ दिया कोयल को, तो रूप छीन लिया ।
*रूप दिया मोर को, तो ईच्छा छीन ली ।
*दी ईच्छा इन्सान को, तो संतोष छीन लिया ।
*दिया संतोष संत को, तो संसार छीन लिया ।
_____________GOOD NIGHT___________
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ReplyDeletekya sitapur update ki koi news hai
ReplyDeletekoi plz bataye ki sitapur me select hue 2nd counselling ke candidates ki list online hui hai ki nahi. Agar kisi ke pass data hai to share karne ka kst karein.
ReplyDeleteHi Divya Shayad Next week expecting yaar any how you will be getting updates on Sarkari Naukri
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