RTET : TET qualifying marks set at 60%; 2011 results cancelled
In its verdict the court clarified that there was no relaxation
for any class in the qualifying criteria.
The only relaxation was in the form of application fee in
which the applicants from the reserved category were given
relaxation as per rules.
Jaipur: Those aspiring for teacher’s job in school would now have to secure a minimum of 60 per cent in the Teacher’s Eligibility Test (TET).
In a landmark verdict, the Rajasthan High Court while setting aside the relaxations made for applicants from reserved categories by the government (see box) pronounced there was and would be no relaxation in the eligibility percentage for clearing TET.
The court cancelled the qualification of candidates from reserved categories who had earlier passed the test on the basis of relaxation in pass percentage.
According to sources, thousands of candidates who were selected for teacher’s post by relaxing qualifying marks, would now be rendered ineligible. The court’s latest order makes it mandatory for a candidate from any candidate to secure 60 per cent of the maximum marks. Therefore, those selected below 60% mark are no longer eligible for the grade 3 teachers’ post in schools.
The decision was pronounced by the bench of chief justice Amitabh Roy and
justice Nisha Gupta. The court rejected the appeals of the state government and 28 others seeking relaxation for reserved categories in TET.
In its verdict the court clarified that there was no relaxation
for any class in the qualifying criteria.
The only relaxation was in the form of application fee in
which the applicants from the reserved category were given
relaxation as per rules.
In its judgement, the court has also waned that rules of
migration of candidates from reserved categories to the
general category list should be kept in mind before declaring
the TET result.
A single bench of the High Court had earlier rejected
eligibility of the candidates securing below 55% marks in
October 2012. The verdict was challenged by the state
government and 28 others in the higher bench of the court,
which gave its verdict on Tuesday.
News Source / Sabhaar : daily0.bhaskar.com (3.7.2013)
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What I felt about this news -
Last time Government was defeated in court by giving concession to pass candidates, who obtained below 55% marks.
And therefore State Government approached to Double Bench of Rajasthan High Court, And Rajasthan High Court Double Bench passed a new Order that -
NCTE has not specified concession in passing marks and concession they specified is in the form of - fee , educational qualification to appear in TET.
And therefore Qualifying marks for TET is 60% to all categories.
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Now option with State Government is -
State Government move to Supreme Court OR Higher Bench in Rajasthan High Court
Aaj kal logo ko double benifite lene ki adat ho gayi hai. Sirf General ki seat ko kam karate hai. Aur apane ko intelligent mante hue ACD ka saport karte hai
ReplyDeleteउ.प्र. टेट 2011/13 पास वाले
ReplyDeleteसभी अभ्यार्थी कृपया ध्यान दें...
यदि आपको अपनी नौकरी बचानी है.
हाई कोर्ट के उस आदेश का अवलोकन
करे....जिसमे आर.टेट. मे 60% से नीचे
पाने वाले किसी अभ्यार्थी को पास मानने से इंकार कर दिया है...पूरे
परीक्षा फ़ल को रद्द कर
दुबारा परीक्षा फ़ल घोसित करने
को कहा है....उ.प्र. मे भी होने
वाली भर्तिओ पर आरक्षण
का साया मडरा रहा है क्योंकि उ.प्र. सरकार ने भी 60% से नीचे
वालो को पास माना है....इसके
अतिरिक्त अभी 60% से नीचे पाने
वाले अभ्यार्थिओ को भी जनरल के
साथ फ़ाइट कराया जायेगा..... ......
U.P me bhi bahut se aise honge jinka tet me
ReplyDelete60% se km hoga to agar yehan bhi yah
CHHOORI chal gyi to bahut se aise vbtc me
chaynit hone walo ka maalik koun banega,
.
.
हाईकोर्ट ने आरटेट मे 60 प्रतिशत से कम अंक
वालों को फेल बताया
जयपुर त्न हाईकोर्ट की खंडपीठ ने आरटेट 2011
के
परिणाम को रद्द करते हुए दुबारा परिणाम
जारी करने
तथा इस आधार पर हुई तृतीय श्रेणी शिक्षक
भर्ती की चयन सूची दुबारा बनाने का निर्देश
दिया है।
हाईकोर्ट ने आरटेट 2011 में आरक्षित वर्ग
को न्यूनतम
प्राप्तांकों में छूट देने तथा साठ प्रतिशत
से कम अंक
वालों को शिक्षक भर्ती के योग्य मानने को गलत
ठहराते
हुए यह आदेश दिए। अदालत ने स्पष्ट
किया कि आरक्षित
वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी जो फीस के अलावा अन्य
कोई छूट
लेकर सामान्य वर्ग में चयनित हुए हैं, उन्हें
चयन से बाहर
किया जाए। मुख्य न्यायाधीश अमिताभ रॉय व
न्यायाधीश निशा गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश
देते हुए
राज्य सरकार व 28 अन्य की अपीलों को खारिज कर
दिया।
अदालत ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार
द्वारा विभिन्न श्रेणियों में दी गई दस से
बीस प्रतिशत
अंकों की छूट गलत है, जबकि एनसीटीई के
नियमानुसार
आरटेट में उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम ६०'
अंक
लाना जरूरी था। राज्य सरकार ने अपने जवाब में
स्पष्ट
किया कि आरक्षित वर्ग को जिस पांच प्रतिशत
छूट
की बात कही है वह टेट में शामिल होने के लिए
शैक्षणिक
योग्यता में छूट थी न कि टेट के न्यूनतम
प्राप्तांक में। ऐसे
में स्पष्ट है कि आरटेट में न्यूनतम
प्राप्तांकों में छूट
का कोई प्रावधान नहीं था।
आगे क्या?
आरटेट-2011 के संबंध में कोर्ट मेें
मामला लंबित होने से
आरटेट-2012 का परिणाम भी अटका है। यह
परीक्षा 9
सितंबर 2012 को हुई थी और इसमें 5.25 लाख
अभ्यर्थी बैठे थे। सरकार अगर सुप्रीम कोर्ट
नहीं जाती तो इसका रिजल्ट जारी हो जाएगा,
नहीं तो यह अटका ही रहेगा। इसी रिजल्ट के
आधार पर
30,000 तृतीय
श्रेणी शिक्षकों की भर्ती भी होनी है।
यानी भर्ती भी अटक गई। अगर
भर्ती की भी जाती है
तो आरटेट-2012 में शामिल हुए
अभ्यर्थी इसमें शामिल
नहीं हो पाएंगे।
5.25 लाख युवाओं में से उत्तीर्ण होने वाले
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के कुल पद 39,544
योग्य आवेदक ६४८९९८
२ जून, २०१२ को परीक्षा दी
ज्वाइनिंग की 35,000 ने
60' से कम अंक वाले करीब ४,००० अभ्यर्थी
सैकंड लेवल
2,16,723
सैकंड लेवल
5,14,594
सैकंड लेवल (कक्षा ६ से ८)
28,935
नियुक्ति में देरी व कोर्ट की रोक से शेष
चयनित
अभ्यर्थी ज्वाइन नहीं कर पाए।
फस्र्ट लेवल
49,115
फस्र्ट लेवल
1,34,404
फस्र्ट लेवल (कक्षा 1 से ५)
10,609
सरकार ने अंकों में छूट देकर कर दी ४० हजार
भर्तियां
एकलपीठ ने भी अयोग्य माना था
एकलपीठ ने 6 अक्टूबर 2012 के आदेश से आरटेट
में 55
प्रतिशत से कम अंक धारकों को तृतीय
श्रेणी शिक्षक के
अयोग्य मानते हुए सरकार को उन्हें
नियुक्ति देने से
मना किया था। एकलपीठ ने तीन महीने में नई चयन
सूची बनाने के भी निर्देश दिए थे।
इन्हीं आदेशों को राज्य
सरकार व अन्य ने खंडपीठ में चुनौती दी थी।
२०' तक अंकों की छूट दे दी थी
एनसीटीई ने 23 अगस्त, 2010 को तृतीय
श्रेणी शिक्षक
भर्ती के लिए टेट का प्रावधान किया। टेट
उत्तीर्ण करने
के लिए न्यूनतम प्राप्तांक 60' तय किए। सरकार
ने 23
मार्च, 2011 के आदेश से आरक्षित वर्ग सहित
अन्य
को आरटेट पास करने के लिए 10, 15 व 20'
अंकों की छूट दे
दी, जबकि सरकार केवल मौजूदा आरक्षण नीति के
तहत
ही अंकों की छूट दे सकती थी। इसके
अलावा तृतीय
श्रेणी शिक्षक भर्ती में सरकार व
जिला परिषदों ने टेट के
न्यूनतम प्राप्तांकों में ५' से ज्यादा छूट
दे दी और ऐसे
अभ्यर्थियों को नियुक्ति के योग्य माना। इसे
विकास
कुमार अग्रवाल व अन्य ने हाईकोर्ट में
चुनौती देते हुए
कहा कि आरक्षित वर्गों को छूट देने के कारण
उनका चयन
हो गया, जो गलत है। पैरवी अधिवक्ता विज्ञान
शाह ने
की।
abhi bench ki koi confirm info. nahi mil paa rahi hai
ReplyDeleteउम्मीद है अधिक समय खराब नही होगा और भाई अगर अखिलेश यादव को भी जज की कुर्सी पर बैठा दिया जाए तो भी टेट मैरिट और पुराने विज्ञापन की बहाली नही रोक पाएँगे ।
ReplyDeleteपूर्ण पीठ मे हमारा केस न सुने जाने की हम सबने अपने अपने ईस्ट देव से प्रार्थना की मगर जब आदेश आया तो लगा अगर हमारा मामला वहाँ सुन लिया जाता तो हमेशा के लिए टेट मैरिट हो जाती । इसलिए सकारात्मक सोच रखे हो सकता है महापात्र जी हमारे लिए और अच्छे सिद्ध हो ?
ReplyDeletesabhi case ko dekh rahe bandhuo se anurodh hai ki apna case punah justice harkuli ji ke lane ka ek prayas jaroor karenge jisse hame saflta mil jay.jai tet.
ReplyDeleteबेँच बदलना हमारे लिए अच्छा है या खराब अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी । हो सकता है नई बेँच और तेजी से कार्यवाही करे । फिलहाल यह तो तय है फैसला जो तय है वही आएगा उसे बदलना किसी के वश की बात नही । बेँच बदलने से न कानून बदलता है और न सत्य । हरकौली जी हमारा नही सत्य का साथ दे रहे थे। इसलिए बेँच बदलने का हमारे केस को प्रभावित नही करेगा
ReplyDeleteहमारे जीवन में सबेरा लाने के साथ-साथ हरकौली साहब के ऊपर एक और बड़ी जिम्मेदारी है,,,एकैडमिक वालों के जीवन में अन्धेरा लाने कि,,,, उल्लुओं के जीवन में आजीवन अन्धेरा रहना उनके लिए भी लाभदायक रहेगा और समाज के लिए भी ,,,,
ReplyDeleteउत्तराखंड में शिक्षामित्रों को 13000, हरियाणा में 14400 और दिल्ली में 13000 मानदेय के रूप में मिलता है जबकि उत्तर प्रदेश में मात्र 3500 रूपये दी जाती है। और उत्तर प्रदेश की तथाकथित लोकप्रिय सरकार इस मसले पर केंद्र को पत्र लिखने की बात कह कर अपना पल्ला छुड़ा लेती है और शिक्षामित्रों के गाजी जैसे कुछ नेताओं के जरिये केंद्र सरकार और कांग्रेस के खिलाफ भड़काने का निरंतर प्रयास करती है और खुद को शिक्षामित्रों का हितैषी दिखने का प्रयास करती है।
ReplyDeleteथोड़ा अपना दिमाग लगाओ और सोचो कि सिर्फ 3500 रूपये मानदेय क्यों मिलता है जब कि एक सफाईकर्मी भी 13000 रूपये पाता है। अगर शिक्षामित्रों को सिर्फ 3500 मिलता है तो दोषी कौन है।
शुक्र मनाओ शिक्षा का अधिकार कानून का जिसके कारण राज्य सरकारें शिक्षक प्रशिक्षण के लिए बाध्य हो गयी वरना शिक्षामित्रों का भविष्य अन्धकारमय ही रहता।
राज्य सरकार TET को लेकर भी शिक्षामित्रों को बेवकूफ बना रही है। इसे ही माध्यम बना कर नियुक्ति में रोड़े अटकाएगी जबकि शिक्षामित्रों का परम हितैषी दिखने का नाटक करेगी।
ek question to banta hai......... aakhir judge q chenge hue....
ReplyDeleteएक भिखारिन
ReplyDeleteदूसरी भिखारिन से " तू कैसे लड़के से
शादी करेगी ?? "
दूसरी भिखारिन "
मैं तो ऐसे लड़के से शादी करूंगी जो बदमाश
हो, लुच्चा हो, शकल सूरत से खास ना हो, कमीशन खोर हो,
हराम खोर हो,देश को बेच कर खा जाए, बेशर्म हो,
नौटंकी करने मे सबको पीछे छोड़ दे ,एक नंबर का कमीना हो "
.
पहली भिखारिन "
चल हट
काम भिखारिन का और
सपने राहुल गाँधी के....
भरी बारिश के
ReplyDeleteकारन केदारनाथ मंदिर के आस पास
की धर्मशाला, दुकाने सब बह गए लेकिन
मंदिर का बाल भी बांका नहीं हुआ.
सिर्फ
इसीलिए नहीं की वह महादेव का मंदिर था तभी उसकी नीव
नहीं हिली बल्कि इसीलिए भी की की उस
मंदिर से
करोड़ो लोगो की श्रधा,उनका विशवास
जुड़ा हुआ था जिसे महादेव ने हिलने
नहीं दिया. उन्होंने हम सबको ये
सन्देश दिया है की चाहे तुम्हारे जीवन
मेँ दुःखों की कितनी भी बड़ी प्रलय
क्यों न जाए लेकिन जो मेरा भक्त मुझ पर
अटल विश्वास बनाए हुए है वह अनाथ
नहीं सनाथ है क्यूंकि उसके साथ स्वयं केदारनाथ है .
भोलेनाथ की जय ,
राजकुमार के 11 सुपरहिट डायलॉग जो हिंदी सिनेमा में हमेशा के लिए अमर हो गए।
ReplyDelete1-चिनॉय सेठ, जिनके घर शीशे के बने होते हैं वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते। फिल्म 'वक्त'
.
2-आपके पैर बहुत खूबसूरत हैं। इन्हें ज़मीन पर मत रखिए, मैले हो जाएंगे। फिल्म 'पाकीजा'
.
3-हम तुम्हें मारेंगे और जरूर मारेंगे। लेकिन वह वक्त भी हमारा होगा। बंदूक भी हमारी होगी और गोली भी हमारी होगी। फिल्म 'सौदागर'
.
4-काश कि तुमने हमे आवाज दी होती तो हम मौत की नींद से भी उठकर चले आते। फिल्म 'सौदागर'
.
5-हमारी जुबान भी हमारी गोली की तरह है। दुश्मन से सीधी बात करती है। फिल्म 'तिरंगा'
.
6-हम आंखो से सुरमा नहीं चुराते। हम आंखें ही चुरा लेते हैं। फिल्म 'तिरंगा'
.
7-हम तुम्हें वह मौत देंगे जो न तो किसी कानून की किताब में लिखी होगी और न ही किसी मुजरिम ने सोची होगी। फिल्म 'तिरंगा'
.
8-दादा तो इस दुनिया में दो ही हैं। एक ऊपर वाला और दूसरा मैं। फिल्म 'मरते दम तक'
.
9-हम कुत्तों से बात नहीं करते। 'मरते दम तक'
.
10-बाजार के किसी सड़क छाप दर्जी को बुलाकर उसे अपने कफन का नाप दे दो। 'मरते दम तक'
.
11-हम तुम्हें ऐसी मौत मारेंगे कि तुम्हारी आने वाली नस्लों की नींद भी उस मौत को सोचकर उड़ जाएगी। फिल्म 'मरते दम तक'
जो CBI घर के अंदर मारी गयी आरुषी तलवार के कातिल को न ढूंढ पायी वो CBI ये पता लगायेगी कि इशरत जहाँ एनकाउंटर फर्जी था या असली |
ReplyDeleteCBI वालों तुमसे ना हो पायेगा ... ये जांच -वांच तुम्हारे बस कि बात नहीं ..तुमको अगर टाइम ही पास करना है तो फेसबुक पर अकाउंट खोल लो !
yahi U.P.ke akalless ne bhi kaha tha
ReplyDeleteराजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने पर अध्यापकों की भर्ती के लिए होने वाली टेट की परीक्षा खत्म की जायेगी.
यह बात राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कही.
राजे सोमवार 3 जून को नागौर में जनसभा को संबोधित कर रही थीं.
उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने टेट की परीक्षा शुरू करके हजारों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. इसलिये उनकी सरकार बनी तो
वे अध्यापकों की भर्ती के लिए होने वाली टेट की परीक्षा को खत्म करेगी और नौजवानों को रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध करवायेगी.
कांग्रेस की सोच है सबको लड़ाओ, जबकि भाजपा की नीति है नया राजस्थान बनाओ.
उन्होंने कहा कि भर्तियों में सरकार की गलत नीतियों के कारण आज का युवा अदालत का दरवाजा खटखटाता है. इसलिये कई भर्तियों में अदालती रोक लग जाती है.
राजे ने दावा किया कि कांग्रेस की सोच है सबको लड़ाओ, जबकि भाजपा की नीति है नया राजस्थान बनाओ. कांग्रेस लोगों को तोड़ती है, हम लोगों को जोड़ते है. कांग्रेस वादे तोड़ती है, हम वादों पर अमल करते है
vodka + water = injures kidney
ReplyDelete.
rum + water = injures liver
.
whiskey + water = injures heart
.
gin + water = injures brain
.
.
.
I think there is something
wrong in water !..
"आप अपनी जिन्दगी मेँ कितने खुश है ये महत्वपूर्ण नही है,
ReplyDeleteबल्कि आप की वजह से दूसरे लोग कितने खुश है ये ज्यादा महत्वपूर्ण हैँ"
“Great minds discuss ideas; average minds discuss events; small minds discuss people.”
ReplyDeleteJAIL WALI KO
ReplyDeleteअब मान लेते हैं तुझे अपना मुजरिम...
काश हम हीं कानून होते तो तुझ अपने दिल में उम्रक़ैद दे देते ।
TET MERIT NAHI TO BHARTI BHI NAHI BHAG JAO VARNA GADHE PE BAITHA KE JUTON KI MALA PEHNAYI JAYEGI TUMHE ….OR T M N T B B N KI FULL FORM HAI TUMAHI M.. KI C… NAHI TOH B…. KI C… BHI NAHI……..SAMJHE SUDHAR JAO GADHE KAHIN KE
ReplyDeleteBENCH CHANGE HONE KI PURI DETAIL AAP PADH SAKTE HAIN ISSME NO 2 PAR COURT NO 33 ME HON HARKAULI AND HON MANOJ MISHRA SITTING KARENGE NOW ALL IS CLEAR
ReplyDeleteConstitution of Benches with effect from 8th of July, 2013.
Sl. No Ct. No. Name of Hon’ble Judges Jurisdiction
1 C.J.'s Court Hon. The Chief Justice
Hon. Vikram Nath, J
At 2.00 P.M.:
Thereafter:
Then
Hon. The Chief Justice
(On Friday at 2.00 P.M.)
Fresh, order, admission, hearing Public Interest Litigation (Civil) except assigned/nominated matters, Environment Matters, Tolls on River Bridges in U.P., Application under Article 228 of the Constitution of India.
AND
Fresh, order, admission, hearing Public Interest Litigation (Criminal) except assigned/nominated matters from January 1st, 2013 onwards.
AND
Fresh, order, admission, hearing Special Appeals (other than service and education matters).
AND
Fresh, order, admission, hearing Misc. Writs in relation to providing Gunner/Security (except Civil Matters relating to married couple seeking security) from 01.01.2009 onwards.
AND
Fresh, order, admission, hearing Land Acquisition matters and listed Land Acquisition from January 1st, 2011 onwards including Bunch cases.
Misc. Writs for the year 2005 for Orders, Admission and Hearing.
Cases for Final Hearing/Disposal/Admission starting from the oldest of the category assigned.
Matters under Section 11 of the Arbitration and Conciliation Act, 1996 and Expedite Matters.
2 33 Hon. Sushil Harkauli, J.
Hon. Manoj Misra, J.
At 2.00 P.M.:
Thereafter:
Fresh, order, admission, hearing Service Writs including that of Judicial Officers, Employees of High Court and subordinate Courts
AND
Listed Service Writs including that of Judicial Officers, Employees of High Court and subordinate Courts from 1st, January, 2010 onwards for Orders, Admission and Hearing including bunch cases.
On priority basis Service Writs relating to transfer/suspension of all categories, Service Writs for the year 2003 and 2005 and infructuous cases irrespective of the year for orders, Admission and Hearing.
Cases for Final Hearing/Disposal starting from the oldest of the category assigned.
1 सेब / 1 दिन ------- डॉक्टर से छुटकारा
ReplyDelete1 तुलसी की पत्ती/ 1 दिन------कैंसर से छुटकारा
1 निम्बू / 1 दिन -------- मोटापे से छुटकारा
1 गिलास दूध / 1 दिन ----- हड्डियों की बीमारी से छुटकारा
3 लीटर पानी /1 दिन ----- पेट की सब बीमारियों से छुटकारा
और आपका 1 सही वोट ........... देश की सभी समस्यायो से छुटकारा. =D
___________ को हमेशा के लिए दफन कर दो, मित्रों.
सभी टेट पास भयो और बहनों हर्कोली सर के पुराने आर्डर को देखने के बाद इस बात की संभावना अधिक हे की टेट मेरिट का ही फाइनल आर्डर आये ,,,,,,,,,,,,,कृपया देखे और इन्तजार करे,,,,,,,,०८-०७-२०१३ का .
ReplyDelete
ReplyDelete“Live as if you were to die tomorrow. Learn as if you were to live forever.”
इशरत जहान....
ReplyDeleteशरद पवार ....मेरी बेटी जैसी थी...
पिग्गी ....मेरी भांजी जैसी थी..
मनीष तिवारी ...मेरी भतीजी जैसी थी..
सेक्स सिंघवी ...मेरे तो घर आया जाया करती थी..
राहुल गाँधी ...मेरी तो दूर की रिश्तेदार थी..
और आखिर में............
एन डी तिवारी ...मैं इस बारी DNA टेस्ट नहीं करवाऊंगा चाहे मुझे मार दो....
इशरत जहां लष्कर ए तय्यबा की फिदायीन आतंकवादी थी - डेविड हेडली
ReplyDeleteइशरत जहां लष्कर ए तय्यबा की आतंकवादी थी -FBI
इशरत जहां हमारी मुजाहिदीन थी जो इस्लाम के लिए शहीद हुई - लष्कर ए तय्यबा
इशरत जहां छोटे मोटे ब्लास्ट करने आई थी ना की मोदी को मारने - इंडियन मिडिया
इशरत जहां मासूम और बेगुनाह थी - कांग्रेस
इशरत जहां मेरी बेटी जैसी थी - शरद पवार
देखो ये है इंडियन मिडिया और सेक्युलर पार्टिया और उनके नेता, तो भैय्या इस देश से आतंकवाद का सफाया कैसे होगा ? यह सेक्युलर गैंग तो आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है
(uptet 89)wale savdhan ho jaye, rajsthan mein 60% se neeche wale bahar kiye ja rahe h. ab bari U.P. ki hai.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteशिक्षकों की भर्ती परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक लाना जरूरी: कोर्ट
ReplyDeleteञ्चकम अंकों के आधार पर भर्ती शिक्षक अयोग्य
भास्कर न्यूज नेटवर्कत्नजयपुर
राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में 60 प्रतिशत से कम अंक हासिल करने वालों को भर्ती के लिए अयोग्य घोषित किया है। आरक्षित वर्ग को दी गई न्यूनतम अंकों में छूट को गलत कहा है। आरटेट-2011 के परिणामों को रद्द करते हुए नए सिरे से चयन सूची बनाने के निर्देश दिए हैं।
हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने राज्य सरकार एवं 28 अन्य की अपीलों को खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस अमिताभ रॉय और जस्टिस निशा गुप्ता की बेंच ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से विभिन्न श्रेणियों में 10 से 20 प्रतिशत अंकों की छूट गलत है। एनसीटीई के नियमों के अनुसार आरटेट में सफलता के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक जरूरी था।
राज्य सरकार ने साफ किया कि आरक्षित वर्ग को पांच प्रतिशत की छूट परीक्षा में शामिल होने के लिए शैक्षणिक योग्यता में छूट थी। टेट के न्यूनतम अंकों में नहीं। आरटेट में न्यूनतम प्राप्तांकों में छूट का कोई प्रावधान नहीं था। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने भी न्यूनतम प्राप्तांकों में छूट को गलत बताया था
UP KI NYAY PRANALI AUR RAJNITI DONO GANDI HAIN DONO AARAKSHHAN KI BAISAKHI SE UP KO BARBAD KARNA CHAHTE HAIN JABKI JISE WASTV ME LAABH MILNA CHAHIYE UN TAK TO SHIKSHHA BHI NAHIN PAHUNCH RAHI HAI RESEVATION TO BAHUT DOOR KI BAAT HAI YAHA AARAKSHHAN KE NAM PAR KUCHH "KHAAS" JATIYON KE UCHCH AAY WAG KE LOG ISKA JAMKAR FAYDA UTHA RAHE HAIN JISASE UP AWNATI KE GART ME SAMA RAHI HAI.
minimum 60% marks in TET wale hi eligible hai,ye NCTE ki guideline ke hisaab se hai Jo UPTET,HTET,BTET,RTET sab jagah apply hoga,,,Less 60% out of Race,,
ReplyDeleteminimum 60% marks in TET wale hi eligible hai,ye NCTE ki guideline ke hisaab se hai Jo UPTET,HTET,BTET,RTET sab jagah apply hoga,,,Less 60% out of Race,,
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