UP Recruitment News : 16,432 पंचायत सहायकों की होगी भर्ती
राजीव गांधी पंचायत सशक्तीकरण योजना में मिली मंजूरी
लखनऊ। कई-कई ग्राम पंचायतों का काम देख रहे ग्राम पंचायत अधिकारियों (पंचायत सेक्रेटरी) व ग्राम विकास अधिकारियों (वीडीओ) का बोझ हल्का करने की तैयारी है। पंचायतीराज विभाग ने पंचायतों का काम देखने वाले सभी 16,432 पंचायत सेक्रेटरी के सहयोग के लिए एक-एक पंचायत सहायक की नियुक्ति का फैसला किया है। संविदा के आधार पर होने वाली नियुक्तियों के लिए केंद्र सरकार ने राजीव गांधी पंचायत सशक्तीकरण योजना (आरजीपीएसवाई) के तहत छह महीने का मानदेय भी मंजूर कर दिया है।
प्रदेश में ग्राम पंचायतों के कामकाज की जिम्मेदारी ग्राम्य विकास विभाग से नियुक्त होने वाले ग्राम्य विकास अधिकारियों और पंचायतीराज विभाग से नियुक्त ग्राम पंचायत अधिकारियों पर है। ये पंचायतों की खुली बैठक से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने के लिए जवाबदेह होते हैं। दोनों ही विभागों के कर्मियों की तादाद 8156-8156 बताई जाती है। कुल 16,432 पंचायत कर्मियों पर प्रदेश की करीब 52 हजार ग्राम पंचायतों का काम है। पंचायतीराज विभाग के अधिकारी मानते हैं कि तमाम पंचायत सेक्रेटरी ऐसे हैं जिनके ऊपर पांच-छह गांवों की जिम्मेदारी है। इससे पंचायतों का काम प्रभावित होता है और सरकारी योजनाएं दम तोड़ देती हैं।
पंचायतीराज निदेशक सौरभ बाबू बताते हैं कि आरजीपीएसवाई के तहत प्रदेश सरकार ने वर्ष 2013-14 के लिए 125 करोड़ का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। इसमें 16,432 पंचायत सहायकों की नियुक्ति का प्रस्ताव भी शामिल था। केंद्र ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाने के साथ ही 42 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दे दी है। इसमें पंचायत सहायकों का छह महीने का मानदेय भी शामिल है। पंचायत सहायकों को संविदा के आधार पर करीब 10 हजार रुपये के मानदेय पर रखने की योजना है। इसके लिए शैक्षिक योग्यता, अनुभव व नियुक्ति प्रक्रिया तय करने की कार्यवाही की जा रही है
News Source : Amar Ujala (15.6.14)
राजीव गांधी पंचायत सशक्तीकरण योजना में मिली मंजूरी
लखनऊ। कई-कई ग्राम पंचायतों का काम देख रहे ग्राम पंचायत अधिकारियों (पंचायत सेक्रेटरी) व ग्राम विकास अधिकारियों (वीडीओ) का बोझ हल्का करने की तैयारी है। पंचायतीराज विभाग ने पंचायतों का काम देखने वाले सभी 16,432 पंचायत सेक्रेटरी के सहयोग के लिए एक-एक पंचायत सहायक की नियुक्ति का फैसला किया है। संविदा के आधार पर होने वाली नियुक्तियों के लिए केंद्र सरकार ने राजीव गांधी पंचायत सशक्तीकरण योजना (आरजीपीएसवाई) के तहत छह महीने का मानदेय भी मंजूर कर दिया है।
प्रदेश में ग्राम पंचायतों के कामकाज की जिम्मेदारी ग्राम्य विकास विभाग से नियुक्त होने वाले ग्राम्य विकास अधिकारियों और पंचायतीराज विभाग से नियुक्त ग्राम पंचायत अधिकारियों पर है। ये पंचायतों की खुली बैठक से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने के लिए जवाबदेह होते हैं। दोनों ही विभागों के कर्मियों की तादाद 8156-8156 बताई जाती है। कुल 16,432 पंचायत कर्मियों पर प्रदेश की करीब 52 हजार ग्राम पंचायतों का काम है। पंचायतीराज विभाग के अधिकारी मानते हैं कि तमाम पंचायत सेक्रेटरी ऐसे हैं जिनके ऊपर पांच-छह गांवों की जिम्मेदारी है। इससे पंचायतों का काम प्रभावित होता है और सरकारी योजनाएं दम तोड़ देती हैं।
पंचायतीराज निदेशक सौरभ बाबू बताते हैं कि आरजीपीएसवाई के तहत प्रदेश सरकार ने वर्ष 2013-14 के लिए 125 करोड़ का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। इसमें 16,432 पंचायत सहायकों की नियुक्ति का प्रस्ताव भी शामिल था। केंद्र ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाने के साथ ही 42 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दे दी है। इसमें पंचायत सहायकों का छह महीने का मानदेय भी शामिल है। पंचायत सहायकों को संविदा के आधार पर करीब 10 हजार रुपये के मानदेय पर रखने की योजना है। इसके लिए शैक्षिक योग्यता, अनुभव व नियुक्ति प्रक्रिया तय करने की कार्यवाही की जा रही है
News Source : Amar Ujala (15.6.14)