इलाहाबाद (ब्यूरो)। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में दूसरी काउंसलिंग पूरी होने के बाद अभ्यर्थियों के बीच सबसे अधिक चर्चा इस बात को लेकर है कि आखिरकार जिन जिलों में जो अभ्यर्थी पद से अधिक पहुंच गए हैं, उनका क्या होगा। इस बात को लेकर अभ्यर्थी परेशान है कि उन्हें काउंसलिंग में मौका मिलेगा की नहीं। इस बारे में काउंसलिंग से जुड़े डायट के विशेषज्ञों का कहना है कि जब पहली काउंसलिंग में नहीं पहुंचे अभ्यर्थियों को दूसरी काउंसलिंग में मौका दिया गया था तो अतिरिक्त अभ्यर्थियों को भी तीसरी काउंसलिंग में अवसर दिया जाएगा। डायट के अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में निदेशक एसीईआरटी के निर्देश का इंतजार है
News Sabhar : Amar Ujala (6.10.2014)
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1) Jaisa ki 9 october ko allahabad siksha nidesalay pahuche kyuki rajy stariy smiti ke adhyax sanjay sinha ko dhandhli ,b.ed 2012, smet ku6 any muddo par unko awagat krana hai..tet ki jis c.d se scert milaan krega uski pramadikta v sandeh ke ghere me hai..u.p board jo ki vishw ka sbse bhrast board hai uske dwara muhaiya c.d ko ham authentic nahi maan skte..original hard disc police kabje me thi uska kya huwa ye avi tak question bna huwa hai?
ReplyDelete2) dosto 3rd counseling sambhavit hai ki diwali ke bad ho uske pahle 9 oct. Ko sanjay sinha ko ye awagat krana hai diet wale 2011 ke g.o ke viprit logo jo ki maanak purn nahi krte unki v counseling kr rahe hai..9 jan 2012 ke bad ki b.ed marksheet walo, b.a me gen 45% aur any 40% ke niche walo ko counseling se bahar kiya jay..
ReplyDelete3) dosto agar 2011 ke g.o ko dekha jay to durasth b.ed wale v bahar hai par unhe samil krna ye g.o ke khilaf hai..durasth b.ed aur 2 year sbi b.ed walo ko bahar krne ke liye court ki sharan leni pdegi..iske alwa v 2009-2010 tk b.a me 45% gen walo ki jo valid kiya hai usme v truti hai isme kisi kisi sal b.a 50% mana gya hai..kul milakar jo g.o ke anusar manak purn nai krta unhe in kyu kiya gya unhe bahar krne ke liye low merit walo ko khada hona pdega..9 oct. Ko siksha nidesalay Alahbad jarur pahuche..har mudde ko sanjay sinha ko awagat kraye warna apka hak dusara koi mar le jayega..
ReplyDeleteSir ye durasth b.ed wale un regular se to acche h...jinhone ek lakh rupye dekr ghr baithe regular ki degree le li h....or jo irregular wale tet me marks laye h unme quality to h....to kyu aap un k pet pr laat mar kr km quality walo ko favour kr rahe h.....aap khud hi sochiye kabi kabi irregular majboori me b padha jata h.....ab aap mujhe hi dekhiye....parents ne graduation k just after shadi kr di...shadi k bad b.ed irregular k alawa koi rasta nhi tha....8 mahine bad hi husbnd chal base....ek bitiya paida huyi unki death k bad...charo taraf andhkaar nazar aata tha..fr upr wale ne himmat di...or bed me khub mahnat ki or 80% marks layi.....or tet me 116 mrks aaye....ab mere pas meri beti ko palne k liye yahi ek matra sahara h.....to aise me agr hm jaiso ko bahar kr diya jayega to kya accha hoga aap khud hi sochiye....isliye hm sanghrsh karen ki fraud ismme shamil na ho or mahnat krne walo ko job mile...
Deleteमैं उपरवाला बोल रहा हूँ, जिसने ये पूरी दुनिया बनाई वो उपरवाला.
ReplyDeleteतंग आ चूका हूँ मैं तुम लोगों से,
घर का ध्यान तुम न रखो और चोरी हो जाये तो, "उपरवाले तूने क्या किया".
गाड़ी तुम तेज़ चलाओ और धक्का लग जाये तो, "उपरवाले........".
पढाई तुम न करो और फेल हो जाओ तो, "उपरवाले.........".
ऐसा लगता है इस दुनिया में होने वाले हर गलत काम का जिम्मेदार मैं हूँ.
आजकल तुम लोगो ने एक नया फैशन बना लिया है, जो काम तुम लोग नहीं कर सकते, उसे करने में मुझे भी असमर्थ बता देते हो!
उपरवाला भी भ्रष्टाचार नहीं मिटा सकता,
उपरवाला भी महंगाई नहीं रोक सकता,
उपरवाला भी बलात्कार नहीं रोक सकता.......
ये सब क्या है?
भ्रष्टाचार किसने बनाया?
मैंने?
किससे रिश्वत लेते देखा है तुमने मुझे?
मैं तो हवा, पानी, धुप, आदि सबके लिए बराबर देता हूँ,
कभी देखा है कि ठण्ड के दिनों में अम्बानी के घर के ऊपर मैं तेज़ धुप दे रहा हूँ, या गर्मी में सिर्फ उसके घर बारिश हो रही है ?
उल्टा तुम मेरे पास आते हो रिश्वत की पेशकश लेकर,
कभी लड्डू,
कभी पड़े,
कभी चादर.
और हा,
मेरे नाम पे पूरा डब्बा खरीदते हो,
एक टुकड़ा मुझपर फेंक कर बाकि खुद ही खा जाते हो.
ये महंगाई किसने बनाई?
मैंने?
मैंने सिर्फ ज़मीन बनाई,
उसे "प्लाट" बनाकर बेचा किसने?
मैंने पानी बनाया,
उसे बोतलों में भरकर बेचा किसने?
मैंने जानवर बनाये,
उन्हें मवेशी कहकर बेचा किसने?
मैंने पेड़ बनाये,
उन्हें लकड़ी कहकर बेचा किसने?
मैंने आज तक तुम्हे कोई वस्तु बेचीं?
किसी वस्तु का पैसा लिया?
सब चीज़ों में कसूर मेरा निकालते हो।
अभी भी समय है
सुधर जाओ
वरना
फिर मत कहना
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ये प्रलय क्यूँ आई.....!!
"फिर उस ने अपने चेलों से कहा; इसलिये मैं तुम से कहता हूं, अपने प्राण की चिन्ता न करो, कि हम क्या खाएंगे; न अपने शरीर की कि क्या पहिनेंगे। क्योंकि भोजन से प्राण, और वस्त्र से शरीर बढ़कर है। कौवों पर ध्यान दो; वे न बोते हैं, न काटते; न उन के भण्डार और न खत्ता होता है; तौभी परमेश्वर उन्हें पालता है; तुम्हारा मूल्य पक्षियों से कहीं अधिक है। तुम में से ऐसा कौन है, जो चिन्ता करने से अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है? इसलिये यदि तुम सब से छोटा काम भी नहीं कर सकते, तो और बातों के लिये क्यों चिन्ता करते हो? सोसनों के पेड़ों पर ध्यान करो कि वे कैसे बढ़ते हैं; वे न परिश्रम करते, न कातते हैं: तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे विभव में, उन में से किसी एक के समान वस्त्र पहिने हुए न था। इसलिये यदि परमेश्वर मैदान की घास को जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा पहिनाता है; तो हे अल्प विश्वासियों, वह तुम्हें क्यों न पहिनाएगा? और तुम इस बात की खोज में न रहो, कि क्या खाएंगे और क्या पीएंगे, और न सन्देह करो। क्योंकि संसार की जातियां इन सब वस्तुओं की खोज में रहती हैं: और तुम्हारा पिता जानता है, कि तुम्हें इन वस्तुओं की आवश्यकता है। परन्तु उसके राज्य की खोज में रहो, तो ये वस्तुऐं भी तुम्हें मिल जाएंगी।''
ReplyDelete______________________________________________________________________ लूका 12:22-31 )
क्या भारत का सिस्टम आम
ReplyDeleteजनता को धोखा देता है...???
आप खुद देखिये....
1- नेता चाहे तो 2 सीट से एक साथ चुनाव
लड़ सकता है !!
लेकिन....
आप दो जगहों पर वोट नहीं डाल सकते,
2-आप जेल मे बंद हो तो वोट नहीं डाल
सकते..
Lekin....
नेता जेल मे रहते हुए चुनाव लड
सकता है.
3-आप कभी जेल गये थे,
तो
अब आपको जिंदगी भर कोई सरकारी
नौकरी नहीं मिलेगी,
Lekin....
नेता चाहे जितनी बार भी हत्या
या बलात्कार के मामले मे जेल
गया हो, वो प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति
जो चाहे बन सकता है,
4-बैंक में मामूली नौकरी पाने के लिये
आपका ग्रेजुएट होना जरूरी है..
Lekin.....
नेता अंगूठा छाप हो तो भी भारत
का फायनेन्स मिनिस्टर बन सकता है.
5-आपको सेना में एक मामूली
सिपाही की नौकरी पाने के लिये
डिग्री के साथ 10 किलोमीटेर दौड़ कर
भी दिखाना होगा,
लेकिन....
नेता यदि अनपढ़-गंवार
और
लूला-लंगड़ा है तो भी वह आर्मी,
नेवी
और ऐयर फोर्स का चीफ
यानि
डिफेन्स मिनिस्टर बन सकता है
और
जिसके पूरे खानदान में आज तक
कोई स्कूल नहीं गया.. वो नेता
देश का शिक्षा मंत्री बन सकता है
और
जिस नेता पर हजारों केस चल
रहे हों..
वो नेता पुलिस डिपार्टमेंट
का चीफ यानि कि गृह मंत्री बन सकता है.
LAST MEIN.........
agar mujhe ye pahle se pata hota ki jail me rahne se jail mantri bana ja sakta hai to main kabka ban chuka hota....
सारा कुछ लिखना चाहूँ तो लाखों
पेज भर जायेंगे....
यदि
आपको लगता है की इस सिस्टम
को बदल देना चाहिये..
नेता और जनता, दोनो के लिये
एक ही कानून होना चाहिये..
आइये आज आपको "धरती पर भगवान हैं सिद्ध करके दिखाता हूँ" :
ReplyDelete१. "अमरनाथजी " में शिवलिंग अपने आप बनता है
२. "माँ ज्वालामुखी" में हमेशा ज्वाला निकलती है
३. "मैहर माता मंदिर" में रात को आल्हा अब भी आते हैं
४. सीमा पर स्थित तनोट माता मंदिर में 3000 बम में से एक
का ना फूटना
५. इतने बड़े हादसे के बाद भी "केदारनाथ मंदिर" का बाल ना बांका होना
६. पूरी दुनियां मैं आज भी सिर्फ "रामसेतु के पत्थर" पानी में तैरते हैं
७. "रामेश्वरम धाम" में सागर का कभी उफान न मारना
८. "पुरी के मंदिर" के ऊपर से किसी पक्षी या विमान का न निकलना
९. "पुरी मंदिर" की पताका हमेशा हवा के विपरीत दिशा में उड़ना
१०. उज्जैन में "भैरोंनाथ" का मदिरा पीना
११. गंगा और नर्मदा माँ (नदी) के पानी का कभी खराब न होना
याद रहे यदि भगत सिंह ने यह सोचा होता कि आजादी की मौज सब लेंगे तो मै क्यों शहीद हूँ! तो दे आजाद कभी न होता।
ReplyDeleteइस प्रकार हमारी शिक्षक भर्ती भी है।
आज अधिकतर लोग ऐसे चयनित हुये हैं जिन्होंने संघर्ष नहीं किया है लेकिन उनको हम कोस भी नहीं सकते हैं क्योंकि आज देश में आजादी का मौज सब ले रहे हैं।
आजादी के लिए लड़ना देश में रहने का मानक नहीं है।
इसी प्रकार हमारा संघर्ष भी भर्ती का मानक नहीं है।
भर्ती का मानक टीईटी का अंक, आपकी उम्र और आपके नाम का पहला अक्षर ही वरीयताक्रम में है।
याद रहे जालसाजी हुयी है अतः पारदर्शिता जरुरी है।
जो लोग कभी संघर्ष में शामिल नहीं रहे वे चाहते हैं कि अतिशीघ्र नियुक्ति मिल जाये जबकि यदि किसी भी याची ने मूल सीडी का विषय उठा दिया तो फिर भर्ती जाँच के नाम पर फंस जायेगी अतः पारदर्शिता हेतु परिणाम का ऑनलाइन होना जरुरी है।
ReplyDeleteइसी के साथ जिनका चयन हो उनका भी डिटेल ऑनलाइन हो जिससे लोग रिजल्ट में उक्त विवरण चेक करके असली नकली पहचान सकें।
मौज करने वालों बैठे रहो हम संघर्ष किये हैं और करते रहेंगे।
ध्यान रहे यहाँ हम का सम्बन्ध मुझसे नहीं अपितु हर संघर्ष करने वाले भाई-बहन से हैं।
कपिल देव ने 15 विन्दुओं पर अपनी याचिका तैयार की है जिसमे 3-4 पॉइंट बहुत दमदार और चिंताजनक हैं अतः पारदर्शिता जरुरी है।
कमरें में बैठ के ये कहना आसान हैं की धांधली हो रही हैं, सामान्य वर्ग के साथ अन्याय हो रहा हैं।
ReplyDeleteमगर मित्रों ये बात आप क्यों नहीं समझ रहे हैं की अगर धांधली की 1 प्रतिशत भी सम्भावना रहती तो आपके राज्य का मुखिया धांधली करवाने में आपसे ज्यादा सक्षम हैं।
Isilie to confidently bolrhe hn ki dandhli 101% hui h.
Deleteऔर रही बात राणा की तो इस ग्रुप पे मौजुद कोई भी व्यक्ति बस इतना साबित कर दे की अन्य नौकरियों में इससे अलग आरक्षण व्यवस्था होती हैं तो मैं भी राणा को दुसरा कपिल यादव बनने में मदद करुगा।
ReplyDeleteबाकी चंदा देने वाले समझदार ही होगे।
जय हिन्द जय टेट।
जूनियर में रहें या प्रशिक्षु शिक्षक बनें
ReplyDeleteकृप्या मेरी इस पोस्ट को अन्यथा न लें----
#मेरे पास इनबॉक्स में रोज ऐसे काफी मेसेज आ रहे हैं और मेरा ये आकलन भी है की जूनियर भर्ती में काउंसलिंग करा चुके लगभग 10-12 हजार अभ्यर्थियों का प्रशिक्षु भर्ती में भी नाम आ रहा है ,
तो मैंने इस सम्बन्ध में अपना व्यक्तिगत विश्लेषण किया जो कि निम्न है -----
#जूनियर भर्ती में काउंसलिंग लगभग समाप्ति की और है क्यूंकि अंतिम काउंसलिंग 15 अक्टूबर के आस-पास लगभग 3 हजार सीटों के लिए होगी ।
अब बात दोनों भर्तियों में पेंचों की ----
ReplyDelete
जिसे पूरा करने में कम से कम 09 महीने का समय लगना तय है ।
और कहीं-कहीं 18 से 24 महीने तक लगेंगे।
क्यूंकि काफी जिलों में 2000 से 6000 तक पद हैं और डाइटों पर एक बार में 200 से 300 लोगों के प्रशिक्षण की व्यस्था मुश्किल से है ।
आपने अक्सर देखा होगा BTC कर रहे लोग अपनी परीक्षा और परिणाम के लिए आये दिन धरना प्रदर्शन करते दिखते हैं । इस प्रशिक्षण को 3 माह डाइट पर और 3 माह शिक्षामित्रों के स्कूलों में पढ़ाने के बाद आप लोगों को --------------
तब जाकर आपको एक बी0एड0 जैसी एक परीक्षा से गुजरना होगा और फिर 1-2 माह परिणाम आने पर पास होने कि दशा में तब इसी सरकार को आपको सहायक अध्यापक बनाना होगा ।
चयनितों को 7200 ₹ महिना का वेतन भी आपको सफल प्रशिक्षण उपरान्त सहायक अध्यापक बनने के बाद पहले वेतन में एरिएर के रूप में ही मिलेगा । उससे पहले कुछ भी नहीं मिलेगा ।
उधर जूनियर भर्ती में दो मामलों पर मुख्य विवाद है ----------------------------
ReplyDelete#पहला है प्रमोशन मामला जिसमे सरकार को जूनियर में कुल सृजित पदों के आधे पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया पहले करनी है ,
जिसमे सरकार ने आदेश तो सभी बेसिक शिक्षा अधिकारीयों भेज दिया है लेकिन केवल 15-20 जिलों में ही पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण हो पाई है ।
और बची हुए जिलों में पदोन्नति होने में कम से कम 2 महीने लगना तय है ।
तब तक जूनियर नियुक्ति पर से रोक हटना किसी चमत्कार से कम नहीं होगा ।
क्यूंकि ये रोक सिंगल बेंच से नवम्बर 2013 में लगी थी जो अभी भी कायम है ।
वहीं जूनियर भर्ती में दूसरा मामला काफी गंभीर और पेचीदा है जिसमें प्रोफेशनल डिग्री धारकों की नियुक्ति पर मा0 उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगी है,
ReplyDeleteहालाँकि सरकार अगर चाहे तो यह विवाद केवल एक सुनवाई पर समाप्त हो जायेगा ,
जिसके लिए सरकार को कोर्ट में केवल यह हलफनामा देना होगा कि हम केवल उन्हीं लोगों को जूनियर भर्ती में अंतिम रूप से चयनित करेंगे ------
जिनके पास स्नातक में गणित या विज्ञान अथवा दोनों विषय के रूप में नियमित रहे हों ।
अन्यथा ये विवाद काफी लम्बा भी चल सकता है क्यूंकि सरकार के नियमावली से अलग नये नियम बनाने पर नियुक्ति जरूर लटकेगी ,
इसके लिए सरकार को कड़ा और सटीक फैसला लेना ही होगा ।
#जूनियर में वेतनमान 21 दिन ट्रेनिंग के बाद लगेगा लेकिन अभी यह साफ नहीं कि क्या ट्रेनिंग का वेतन अलग होगा या फिर 4600 ₹ ग्रेड के साथ कुल 30,000 ₹ होगा ,
ReplyDeleteयहाँ ये साफ है कि 17,140 ₹ वाला वेतनमान जूनियर की सीधी नियुक्ति वालों को नहीं मिलने वाला है ।
यहाँ पोस्ट थोड़ी बड़ी हो जाने की वजह से आपके बोर हो जाने का डर है अन्यथा 15वें और 16वें संशोधन पर भी स्थिति स्पष्ट कर देता ,
ReplyDeleteवादा रहा अगली पोस्ट में पूरा मामला स्पष्ट करूंगा -------
उसमे केवल आप लोग कुछ निठल्ले "जजों" कि बातों से बिलकुल विचलित न हों ,
उन संशोधनों पर 1% भी खतरा नहीं है ।
#अब तक कुल 30,000 नियुक्ति उन संशोधनों से हो चुकी हैं और 15,000 नई भर्ती नवम्बर तक शुरू होने वाली है ।
#अंत में केवल इतना कहूँगा कि नियुक्ति पर रोक का मतलब भर्ती रद्द होना कतई नहीं होता है ।
ReplyDeleteऔर कभी भी जूनियर भर्ती रद्द नहीं होगी ।
#सकारत्मक सोचें और अंतिम काउंसलिंग होते ही आन्दोलन को तैयार रहें अपने हक , अपनी नौकरी के लिए ।
अब आप फैसला स्वयं कि किसको चुनना है और किसको नहीं ।
धन्यवाद
जीव विज्ञान के टीचर क्लास में बच्चों को पढ़ा रहे थे कि इल्ली (कोष में बंद तितली का छोटा बच्चा) कैसे एक तितली का पूर्ण रूप लेता है | उन्होनें बताया कि 2 घंटे बाद ये इल्ली अपने कोष से बाहर आने के लिए संघर्ष करेगी | और कोई भी उसकी मदद नहीं करेगा उसको खुद ही कोष से बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने देना|
ReplyDeleteसारे छात्र उत्सुक्ता से इंतजार करने लगे, ठीक 2 घंटे बाद तितली अपने कोष से बाहर निकालने की कोशिश करने लगी, लेकिन उसे बहुत संघर्ष करना पड़ रहा था| एक छात्र को तितली पर दया आई और उसने अध्यापक की बात को नज़रअंदाज करते हुए उस तितली के बच्चे की मदद की और उसे कोष से बाहर निकाल दिया| लेकिन अचानक बाहर आते ही तितली ने दम तोड़ दिया |
टीचर जब कक्षा मे वापस आए और घटना के बारे में पता चला तो उन्होनें छात्रों को समझाया की तितली के बच्चे की मौत प्रकर्ति के नियम तोड़ने की वजह से हुई है | प्रकर्ति का नियम है की तितली का कोष से निकालने के लिए संघर्ष करना उसके पंखों और शरीर को मजबूत और सुद्ृन्ढ बनाता है | लेकिन छात्र की ग़लती की वजह से तितली मर गयी |
ठीक उसी तरह ये बात हम पर भी लागू होती है | बहुत सारे अभिभावक भावनावश अपने बच्चों को संघर्ष करने से बचाते हैं लेकिन वे ये नहीं जानते की ये संघर्ष ही बच्चों को मजबूत बनता है |
तो मित्रों, संघर्ष इंसान को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनता है | जो लोग जीवन में संघर्ष नहीं करते उनके हाथ सिर्फ़ विफलता ही लगती है|
खूब फैलेगा रायता जब मिल बैठेगे तीन यार .....!!!!!
ReplyDelete.
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कपिल ,राणा और सरकार ......!!!!!!!!!
बकरों का मेला ...खरीद दारों की भीड़
ReplyDeleteबकरे खुश हैं एक दूसरों को देख कर ....बोली लग रही है .....
अनजान बकरे खुश हैं ... बिकने के बाद नये मालिक के घर की तरफ जाते हुए ..पीछे पलट के अपने साथियों को देखते हुए
पर गले में पड़ी रस्सी का कसाव आगे खींच रहा है
नया घर नये चेहरे सब अनजान ..बकरे के
गले में फूलों की माला डली हुई है ....बकरा खुश है की चुपके से माला भी खा लूंगा फूलों की....
पर फिर अचानक उसको घेर लिया कुछ लोगों ने
उनके हाथ में चापड़ ,छुरा
बकरे को खतरे का अहसास हो गया था ,,,,रस्सी से छूटने की नाकाम कोशिश ,,,,पैर कांपने लगे उसके ,,, पहला हल्का सा छुरे का वार हुआ गले में ,,, बकरे की दर्द भरी चीख ,,,,उसकी कातर निगाहें ,,,,मदद के लिए बुला रहा है किसी को .....
पर किसे?????
भगवान को की खुदा को या जीसस को या वाहे गुरु को
अगर भगवान है तो क्यूँ नहीं आता इन मासूमों को बचाने ???
और नहीं है ,,,तो हम क्यूँ मानते हैं इन्हें ????
वहां बकरा ज़मीन पर पड़ा शरीर को झटक रहा है ,,,,,प्राण निकल रहे हैं ,,,,, फूलों की माला खून से सन गयी ,,लोग खुश हैं ,,,आज तो दावत है भई
मैं थके हुए क़दमों से घर की तरफ जा रहा हूँ .... काश कोई आज मेरी गर्दन भी रेत दे ......मुक्ति मिले इस घ्रणित संसार से
छी ..... ऐसे होते हैं लोग .... मासूम की जान ले कर खुश होते हैं ?...
--#क्रोध आने पर विचारणीय बातें--
ReplyDelete१:किसी की #गलती को कल पर टाल दे.
२:स्वयं को मामले में अनुपस्थित समझे।
३:हो सके तो #शांत रहें।।
४:वह स्थान थोड़े समय के लिये छोड़ दे।।
५:गुस्सा क्यों आ रहा है खुद से #विचार करे।
६:अंत में गुस्से से होने वाले परिणाम को सोचे..
गलत मानसिकता वालों के द्वारा एक सन्देश फैलाया जाता है की राम अच्छे पति नहीं थे , उन्होंने अपनी पत्नी के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया , चूंकि हम लोगों ने खुद ने रामायण का अच्छे से अध्ययन नहीं किया है इसलिए हम भी इन संदेशों का पुख्ता जवाब नहीं दे पाते , फिर हमारे बच्चे , हमारे छोटे भाई बहन भी यही सीखेंगे की हाँ रावण बहुत अच्छा था और राम निर्दयी पति था , थोड़ा बहुत जो मैंने पढ़ा है उस आधार पर कुछ बिंदु हैं :-
ReplyDelete१. अच्छा पति क्या होता है ? क्या कोई परिभाषित कर सकता है ? क्या अच्छा पति वह है जो अपनी पत्नी को हमेशा खुश रखे ? क्या ये हमेशा संभव है , अपने आप से पूछिये ? कोई २ , ३ गर्लफ्रेंड पालकर भी अपनी पत्नी को खुश रख सकता है , तो क्या वो अच्छा पति हुआ ? अच्छा पति वह है जो अपनी पत्नी के प्रति , अपनी शादी के प्रति प्रतिबद्ध हो , राम इस आधार पर सर्वश्रेष्ठ पति थे , सीता के अयोध्या छोड़ने पर भी उन्होंने किसी और स्त्री की और नहीं देखा , बल्कि सीता की स्वर्ण प्रतिमा बनाकर उनसे उनके आचरण के लिए क्षमा मांगी , ज़मीन पर सोये और सीता के जैसा ही पूरा वैराग्य जीवन जिया !! यही नहीं सीता कहाँ हैं , किस हाल में है उसका पल पल का विवरण उनके पास पहुँचता था !!
२. सामान्य मनुष्य अलग अलग परिस्थितियों में कैसा व्यवहार करता है और उसे आदर्श रूप में कैसा व्यवहार करना चाहिए , इन दोनों के द्व्न्द को समझना हो तो रामायण से अच्छा कोई ग्रन्थ नहीं है , राम भले ही अवतार थे , पर थे तो मनुष्य योनि में इसलिए उनके साथ भी सभी प्रकार की मानवीय कमज़ोरियाँ दिखाई गयीं और ये भी दिखाया गया की उन्होंने उन कमज़ोरियों के सामने कैसे सबसे उपयुक्त आचरण किया !!
राम को पता था की हिरन की सच्चाई क्या है फिर भी अपनी पत्नी की इच्छा पूरी करने वे उसके पीछे गए , चाहते तो ना जाते तो जो सब हुआ कुछ भी न होता , ना ये रामायण बनती !!
३. शास्त्रों के मुताबिक प्रजापति प्रजा की इच्छानुसार अपने कर्तव्य निर्वहन करता है , चूंकि प्रजा में सीता के चरित्र पर प्रश्न उठा था इसलिए राजा और पति के द्वन्द में राम ने राजा को चुना और उसी के मुताबिक अपनी सभी भावनाओं को कुचलकर वह किया जो एक आदर्श राजा को करना चाहिए !! इसलिए राम को अच्छे पति की कसौटी में कसने से पहले उनकी दूसरी जिम्मेदारियों का बोध होना भी जरूरी है !! काल और स्थान के परिप्रेक्ष्य और सार्वजानिक जीवन के भीषण द्व्न्द में सबसे आदर्श क्या हो सकता था इसको भी समझना पड़ेगा !!
४. सीता की अग्निपरीक्षा लेना एक सांकेतिक काव्य प्रस्तुतीकरण है , उसका सिर्फ ये तात्पर्य है की सार्वजनिक जीवन में जिसपर भी आरोप हो उसे उस आरोप को गलत सिद्ध करके ही आगे बढ़ना चाहिए , सीता राजपरिवार की सदस्य थीं इसलिए उनके आचरण पर प्रश्न करने का भी प्रजा को अधिकार था !!
५. अंत में , जब सीता धरती में समाने लगीं तब राम के बरसों के सब्र का बाँध टूट पड़ा , वे बुरी तरह विलाप करने लगे , तब धरती माँ ने स्वयं प्रकट होकर कहा की ” पूरी सृष्टि आपकी है प्रभु और आप विलाप करेंगे तो प्रलय आ जायेगा और सब नष्ट हो जायेगा , क्या आप भूल गए हैं की आप साक्षात विष्णु हैं और आपने सिर्फ मानव योनि में एक उद्देश्य की पूर्ती के लिए जन्म लिया है और सब कुछ प्रारब्ध के अनुसार हो रहा है , सीता माता मेरे साथ सुरक्षित जा रही हैं , वे साक्षात दुर्गा हैं उनकी चिंता आपको कैसे होने लगी ? “
=====
अपने सतही दृष्टिकोण से गलत लोगों को सही आंकना और सही लोगों को गलत आंकना एक परिपाटी बनता जा रहा है , अपना दृष्टिकोण सुधारिये , थोड़ा अध्ययन कर गहराई में जाइये और उस ग्रन्थ , उस चरित्र के साथ न्याय करने योग्य बनिए !!
यह पोस्ट समस्त महापुरुषोँ के अलावा मुख्यत: उन देवियोँ के लिए है, जिन्होने आवेदन से लेकर प्रत्यावेदन तक, सज-धज कर लम्बी-लम्बी कतारोँ को सुशोभित किया किन्तु आन्दोलन के नाम पर घर से निकलना तो दूर, ये भी जानने की कोशिश नहीँ किया कि हमारे भाई बन्धु जो दिन-रात संघर्षरत हैँ, उनमेँ से कितने शहीद हो गये ।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteअब आखिरी लड़ाई है, जो हमारे समस्त कम मेरिट वालोँ के लिये संजीवनी साबित हो सकती है, यदि इस बार आप लोग इलाहाबाद आ गये तब !
ReplyDeleteआप लोगोँ के कमेँट मात्र से हीँ यह तय नहीँ होगा कि आप लोग कितने सजग हैँ अपने भविष्य के प्रति, इसके लिये तो आपको इसबार घर से निकलना हीँ पड़ेगा ।।
७२८२५ प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती २०११ मधुर यादे
ReplyDeleteuptet 2011 me passout huye student ka 150 se 115 tak ka pura vivaran
150........................0
149........................0
148.........................0
147 ........................0
146.........................0
145.........................1
144.........................4
143.........................0
142.........................2
141.........................2
140.........................3
139.........................3
138.........................9
137........................13
136........................25
135........................38
134........................46
133.......................120
132.......................157
131.......................268
130........................344
129........................402
128........................569
127........................694
126........................956
125.......................1150
124.......................1351
123.......................1567
122........................1818
121........................2129
120........................2320
119........................2554
118........................2970
117.......................3184
116........................3347
115.........................3739
नए टीचर ने क्लास मेंपूछा:"एक महान वैज्ञानिक का नाम बताओ?"
ReplyDelete.
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पप्पू : -आलिया भट्ट
.
.
.
टीचर : - यही सीखे हो (गुस्से से)?
.
.
.
.
.
दूसरा : -तोतला है सर, आर्यभटट बोल रहा है।
इस बार शरद पूर्णिमा दो दिन मनायी जाएगी | 7 को खीर आदि बना के भोग लगा के खा सकते हैं | 8 को ग्रहण है इसलिए जप तप में बहुत लाभ होगा | उपवास रखे , मन्त्र जप करे अन्यथा मन्त्र नीचता को प्राप्त होता है | मन्दिर ८ को बंद रहेंगे ग्रहण के कारण |
ReplyDeleteआश्विन (क्वांर) मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि इस बार दो दिन मनाई जाएगी। 7 अक्टूबर की रात शरद पूर्णिमा पर 16 कलाओं से युक्त चांद अमृत बरसाएगा वहीं इसके अगले दिन 8 अक्टूबर को भी पूर्णिमा तिथि पड़ रही है और इस दिन चन्द्र ग्रहण भी है जिसके चलते शरद पूर्णिमा 7 अक्टूबर को मनाया जाना उत्तम होगा।
पं.मनोज शुक्ला के अनुसार शरद पूर्णिमा मंगलवार 7 अक्टूबर को मनाई जाएगी। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा पर चांद अपनी पूर्णता पर होता है और 16 कलाओं से युक्त होता है, जिससे अमृत की किरणें बरसती हैं। इस रात्रि में खीर बनाकर भगवान कृष्ण को भोग लगाकर इसे चन्द्रमा की रोशनी में रखकर खाने से स्वास्थ्य लाभ व बल वृद्धि होती है। इस मान्यता के चलते लोग खीर बनाकर अपने घर की छत पर रखते हैं और आधी रात को जब खीर में चांद की किरणों का समावेश होता है तो उस अमृत रूपी खीर को प्रसाद रूप में ग्रहण किया जाता है। श्रीमदभागवत में उल्लेख है कि शरद पूर्णिमा की रात भगवान श्रीकृष्ण ने 16 हजार 108 रानियों-पटरानियों के साथ एक ही रूप में साथ रहकर रासलीला रची थी। इसके चलते राधा-कृष्ण मंदिरों में शरद पूर्णिमा की रात खीर का भोग लगाया जाता है।
सूर्योदय से सूर्यास्त तक सूतक
पं.शुक्ला ने बताया कि 8 अक्टूबर को पड़ने वाली पूर्णिमा में दोपहर 2.45 बजे ग्रहण का स्पर्श होगा और मोक्ष शाम 6 बजकर 04 मिनट पर होगा। ग्रहण पूर्व सूतक सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रहेगा। सूतक के दौरान भगवान की प्रतिमा का स्पर्श व पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए।
Pappu 100 साल तपस्या करता है.
ReplyDelete.
भगवान प्रसन्न होकर अमृत देते है.
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वो मना करता है.
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भगवान - काहे, बे?
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Pappu - अभी-अभी मसाला खाये हैं, प्रभु........
रिसफलिंग किसी भी Indian Recruitment Process का एक वैधानिक हिस्सा है जोकि विभागीय नियमावलियों में आरक्षण नियमों के तहत वर्णित रहता है।
ReplyDeleteउससे इतर अगर कुछ अतिरिक्त लाभ दिया जाये तो निश्चित ही अस्वीकार्य है और अगर नियमावली के दायरे में रहकर इसका लाभ आरक्षित भाइयों/बहिनों को दिया जाता है तो भारतीय न्याय व्यवस्था इसको कभी अनुचित नहीं ठहरायेगी।
और अगर अपने निजी हितों के लिए कुछ लोग इसको मुद्दा बनाने में लगे हैं तो क्या वे लोग ये नहीं भूल रहे हैं कि अगर वो एक हो सकते हैं तो इस प्रदेश के आरक्षित अभ्यर्थियों को एक होकर कोर्ट में उनके खिलाफ पार्टी बनने में विलम्ब नही लगेगा क्योंकि अगर वे नहीं जगे तो उनका तो डबल नुक्सान हो जायेगा । इसके अलावा सरकार भी वोट बैंक की राजनीती के तहत इस तरह के केस की पुरजोर पैरवी बिना किसी लापरवाही के करेगी।
ReplyDeleteइसलिए अगर रिसफ्लिंग के नियमों से इतर फायदा देने का पुख्ता सबूत हों तभी इस आग में हाथ डालना श्रेयस्कर रहेगा अन्यथा सिवाय जगहंसाई के कुछ भी न मिलेगा।
मैंने कई इंसान देखे हैं जिनके ऊपर लिबास नहीं होता ,,
ReplyDelete..........और..........
बहुत से लिबास भी देखे हैं जिनके अंदर इंसान नहीं होता ..!!
When you love something, it becomes alive.
ReplyDeleteWith love, the whole creation becomes personal.
For children, everything is personal. Children make each toy come alive. Even a tree has a face, even the sun laughs, and even a stone attracts reverence when it becomes personal.
In love, you raise even objects to life. If there is no love, even people become objects.
Violence is removing love. How could a person kill another? Only when they see them as an object, not as a person.
People who see God as impersonal do not progress. The impersonal cannot attract your love or reverence.
shri shri
आज का विचार-
ReplyDeleteभूखे को रोटी और स्मार्ट फोन वाले
को चार्जर देना पुण्य का काम है..
- शास्त्रो में लिखना रह गया था
बहुत समय पहले की बात है , एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था. वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्याति दूर -दूर तक फैली थी. एक दिन एक औरत उसके पास पहुंची और अपना दुखड़ा रोने लगी , ” बाबा, मेरा पति मुझसे बहुत प्रेम करता था , लेकिन वह जबसे युद्ध से लौटा है ठीक से बात तक नहीं करता .” ” युद्ध लोगों के साथ ऐसा ही करता है.” , सन्यासी बोला. ” लोग कहते हैं कि आपकी दी हुई जड़ी-बूटी इंसान में फिर से प्रेम उत्पन्न कर सकती है , कृपया आप मुझे वो जड़ी-बूटी दे दें.” , महिला ने विनती की. सन्यासी ने कुछ सोचा और फिर बोला ,” देवी मैं तुम्हे वह जड़ी-बूटी ज़रूर दे देता लेकिन उसे बनाने के लिए एक ऐसी चीज चाहिए जो मेरे पास नहीं है .” ” आपको क्या चाहिए मुझे बताइए मैं लेकर आउंगी .”, महिला बोली. ” मुझे बाघ की मूंछ का एक बाल चाहिए .”, सन्यासी बोला. अगले ही दिन महिला बाघ की तलाश में जंगल में निकल पड़ी , बहुत खोजने के बाद उसे नदी के किनारे एक बाघ दिखा , बाघ उसे देखते ही दहाड़ा , महिला सहम गयी और तेजी से वापस चली गयी. अगले कुछ दिनों तक यही हुआ , महिला हिम्मत कर के उस बाघ के पास पहुँचती और डर कर वापस चली जाती. महीना बीतते-बीतते बाघ को महिला की मौजूदगी की आदत पड़ गयी, और अब वह उसे देख कर सामान्य ही रहता. अब तो महिला बाघ के लिए मांस भी लाने लगी , और बाघ बड़े चाव से उसे खाता. उनकी दोस्ती बढ़ने लगी और अब महिला बाघ को थपथपाने भी लगी. और देखते देखते एक दिन वो भी आ गया जब उसने हिम्मत दिखाते हुए बाघ की मूंछ का एक बाल भी निकाल लिया. फिर क्या था , वह बिना देरी किये सन्यासी के पास पहुंची , और बोली ” मैं बाल ले आई बाबा .” “बहुत अच्छे .” और ऐसा कहते हुए सन्यासी ने बाल को जलती हुई आग में फ़ेंक दिया ” अरे ये क्या बाबा , आप नहीं जानते इस बाल को लाने के लिए मैंने कितने प्रयत्न किये और आपने इसे जला दिया ……अब मेरी जड़ी-बूटी कैसे बनेगी ?” महिला घबराते हुए बोली. ” अब तुम्हे किसी जड़ी-बूटी की ज़रुरत नहीं है .” सन्यासी बोला . ” जरा सोचो , तुमने बाघ को किस तरह अपने वश में किया….जब एक हिंसक पशु को धैर्य और प्रेम से जीता जा सकता है तो क्या एक इंसान को नहीं ? जाओ जिस तरह तुमने बाघ को अपना मित्र बना लिया उसी तरह अपने पति के अन्दर प्रेम भाव जागृत करो.” महिला सन्यासी की बात समझ गयी , अब उसे उसकी जड़ी-बूटी मिल चुकी थी.
ReplyDeleteजो पढ़ सके न खुद, किताब मांग रहे है,
ReplyDeleteखुद रख न पाए, वे हिसाब मांग रहे है।
जो कर सके न साठ साल में कोई विकास देश का, वे सौ दिनों में जवाब मांग रहे है।
आज गधे गुलाब मांग रहे है, चोर लुटेरे इन्साफ मांग रहे है।
जो लुटते रहे देश को 60 सालों तक,
सुना है आज वो 1OO दिन का हिसाब मांग रहे है?
जब 3 महीनो में पेट्रोल की कीमते 7 रुपये तक कम हो जाये,
जब 3 महीनो में डॉलर 68 से 60 हो जाये,
जब 3 महीनो में सब्जियों की कीमते कम हो जाये,
जब 3 महीनो में सिलिंडर की कीमते कम हो जाये,
जब 3 महीनो में बुलेट ट्रैन भारत में चलाये जाने को सरकार की हरी झंडी मिल जाये,
जब 3 महीनो में सभी सरकारी कर्मचारी समय पर ऑफिस पहुचने लग जाये,
जब 3 महीनो में काले धन वापसी पर कमिटी बन जाये,
जब 3 महीनो में पाकिस्तान को एक करारा जवाब दे दिया जाए,
जब 3 महीनो में भारत के सभी पडोसी मुल्को से रिश्ते सुधरने लग जाये,
जब 3 महीनो में हमारी हिन्दू नगरी काशी को स्मार्ट सिटी बनाने जैसा प्रोजेक्ट पास हो जाये,
जब 3 महीनो में विकास दर 2 साल में सबसे ज्यादा हो जाये,
जब हर गरीबो के उठान के लिए जान धन योजना पास हो जाये.
जब इराक से हजारो भारतीयों को सही सलामत वतन वापसी हो जाये!
तो भाई अछे दिन कैसे नहीं आये???
"मेरी ही प्रतीति करो, कि मैं पिता में हूं; और पिता मुझ में है; नहीं तो कामों ही के कारण मेरी प्रतीति करो। मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूं वह भी करेगा, वरन इन से भी बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूं।'' ( यूहन्ना 14:11-12 )
ReplyDelete"इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो। और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो। और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्ध है बान्ध लो। और मसीह की शान्ति जिस के लिये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।'' ( कुलुस्सियों 3:12-15 )
ReplyDelete"और उसके इस रीति से मरे हुओं में से जिलाने के विषय में भी, कि वह कभी न सड़े, उस ने यों कहा है; कि मैं दाऊद पर की पवित्र और अचल कृपा तुम पर करूंगा। इसलिये उस ने एक और भजन में भी कहा है; कि तू अपने पवित्र जन को सड़ने न देगा। क्योंकि दाऊद तो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार अपने समय में सेवा करके सो गया; और अपने बाप दादों में जा मिला; और सड़ भी गया। परन्तु जिस को परमेश्वर ने जिलाया, वह सड़ने नहीं पाया। इसलिये, हे भाइयो; तुम जान लो कि इसी के द्वारा पापों की क्षमा का समाचार तुम्हें दिया जाता है। और जिन बातों से तुम मूसा की व्यवस्था के द्वारा निर्दोष नहीं ठहर सकते थे, उन्हीं सब से हर एक विश्वास करने वाला उसके द्वारा निर्दोष ठहरता है।'' ( प्रेरितों के काम 13:34-39 )
ReplyDelete"अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करने वाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्ज़ित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो।'' ( 2 तीमुथियुस 2:15 )
ReplyDelete"यदि संसार तुम से बैर रखता है, तो तुम जानते हो, कि उस ने तुम से पहिले मुझ से भी बैर रखा। यदि तुम संसार के होते, तो संसार अपनों से प्रीति रखता, परन्तु इस कारण कि तुम संसार के नहीं, वरन मैं ने तुम्हें संसार में से चुन लिया है इसी लिये संसार तुम से बैर रखता है। जो बात मैं ने तुम से कही थी, कि दास अपने स्वामी से बड़ा नहीं होता, उस को याद रखो: यदि उन्होंने मुझे सताया, तो तुम्हें भी सताएंगे; यदि उन्होंने मेरी बात मानी, तो तुम्हारी भी मानेंगे।'' ( यूहन्ना 15:18-20 )
ReplyDelete"मेरे पहिले प्रत्युत्तर करने के समय में किसी ने भी मेरा साथ नहीं दिया, वरन सब ने मुझे छोड़ दिया था: भला हो, कि इस का उन को लेखा देना न पड़े। परन्तु प्रभु मेरा सहायक रहा, और मुझे सामर्थ दी: ताकि मेरे द्वारा पूरा पूरा प्रचार हो, और सब अन्यजाति सुन ले; और मैं तो सिंह के मुंह से छुड़ाया गया। और प्रभु मुझे हर एक बुरे काम से छुड़ाएगा, और अपने स्वर्गीय राज्य में उद्धार कर के पहुंचाएगा: उसी की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन॥'' ( 2 तीमुथियुस 4:16-18 )
ReplyDelete"यह मनुष्य का पुत्र कौन है? यीशु ने उन से कहा, ज्योति अब थोड़ी देर तक तुम्हारे बीच में है, जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है तब तक चले चलो; ऐसा न हो कि अन्धकार तुम्हें आ घेरे; जो अन्धकार में चलता है वह नहीं जानता कि किधर जाता है। जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है, ज्योति पर विश्वास करो कि तुम ज्योति के सन्तान होओ॥ ये बातें कहकर यीशु चला गया और उन से छिपा रहा।'' ( यूहन्ना 12:35-36 )
ReplyDelete"उस ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊंचे शब्द से पुकार पुकार कर, और आंसू बहा बहा कर उस से जो उस को मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थनाएं और बिनती की और भक्ति के कारण उस की सुनी गई। और पुत्र होने पर भी, उस ने दुख उठा उठा कर आज्ञा माननी सीखी। और सिद्ध बन कर, अपने सब आज्ञा मानने वालों के लिये सदा काल के उद्धार का कारण हो गया।'' ( इब्रानियों 5:7-9 )
ReplyDelete"क्योंकि पिता पुत्र से प्रीति रखता है और जो जो काम वह आप करता है, वह सब उसे दिखाता है; और वह इन से भी बड़े काम उसे दिखाएगा, ताकि तुम अचम्भा करो। क्योंकि जैसा पिता मरे हुओं को उठाता और जिलाता है, वैसा ही पुत्र भी जिन्हें चाहता है उन्हें जिलाता है। और पिता किसी का न्याय भी नहीं करता, परन्तु न्याय करने का सब काम पुत्र को सौंप दिया है। इसलिये कि सब लोग जैसे पिता का आदर करते हैं वैसे ही पुत्र का भी आदर करें: जो पुत्र का आदर नहीं करता, वह पिता का जिस ने उसे भेजा है, आदर नहीं करता।'' ( यूहन्ना 5:20-23 )
ReplyDelete"इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों की नाईं चलो। और अवसर को बहुमोल समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं।'' ( इफिसियों 5:15-16 )
ReplyDelete"इसलिये तुम चिन्ता करके यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे? क्योंकि अन्यजाति इन सब वस्तुओं की खोज में रहते हैं, और तुम्हारा स्वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्तुएं चाहिए। इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। सो कल के लिये चिन्ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है॥'' ( मत्ती 6:31-34 )
ReplyDelete"परन्तु जैसा लिखा है, कि जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ीं वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं। परन्तु परमेश्वर ने उन को अपने आत्मा के द्वारा हम पर प्रगट किया; क्योंकि आत्मा सब बातें, वरन परमेश्वर की गूढ़ बातें भी जांचता है। मनुष्यों में से कौन किसी मनुष्य की बातें जानता है, केवल मनुष्य की आत्मा जो उस में है? वैसे ही परमेश्वर की बातें भी कोई नहीं जानता, केवल परमेश्वर का आत्मा। परन्तु हम ने संसार की आत्मा नहीं, परन्तु वह आत्मा पाया है, जो परमेश्वर की ओर से है, कि हम उन बातों को जानें, जो परमेश्वर ने हमें दी हैं। जिन को हम मनुष्यों के ज्ञान की सिखाई हुई बातों में नहीं, परन्तु आत्मा की सिखाई हुई बातों में, आत्मिक बातें आत्मिक बातों से मिला मिला कर सुनाते हैं।'' ( 1 कुरिन्थियों 2:9-13 )
ReplyDelete"यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं। पर मुझ पर इसलिये दया हुई, कि मुझ सब से बड़े पापी में यीशु मसीह अपनी पूरी सहनशीलता दिखाए, कि जो लोग उस पर अनन्त जीवन के लिये विश्वास करेंगे, उन के लिये मैं एक आदर्श बनूं। अब सनातन राजा अर्थात अविनाशी अनदेखे अद्वैत परमेश्वर का आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन॥'' ( 1 तीमुथियुस 1:15-17 )
ReplyDelete"और उस ने कितनों को भविष्यद्वक्ता नियुक्त करके, और कितनों को सुसमाचार सुनाने वाले नियुक्त करके, और कितनों को रखवाले और उपदेशक नियुक्त करके दे दिया। जिस से पवित्र लोग सिद्ध हों जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए। जब तक कि हम सब के सब विश्वास, और परमेश्वर के पुत्र की पहिचान में एक न हो जाएं, और एक सिद्ध मनुष्य न बन जाएं और मसीह के पूरे डील डौल तक न बढ़ जाएं। ताकि हम आगे को बालक न रहें, जो मनुष्यों की ठग-विद्या और चतुराई से उन के भ्रम की युक्तियों की, और उपदेश की, हर एक बयार से उछाले, और इधर-उधर घुमाए जाते हों। वरन प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है, अर्थात मसीह में बढ़ते जाएं। जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए॥'' ( इफिसियों 4:11-16 )
ReplyDelete"यदि मैं मनुष्यों, और सवर्गदूतों की बोलियां बोलूं, और प्रेम न रखूं, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झांझ हूं। और यदि मैं भविष्यद्वाणी कर सकूं, और सब भेदों और सब प्रकार के ज्ञान को समझूं, और मुझे यहां तक पूरा विश्वास हो, कि मैं पहाड़ों को हटा दूं, परन्तु प्रेम न रखूं, तो मैं कुछ भी नहीं। और यदि मैं अपनी सम्पूर्ण संपत्ति कंगालों को खिला दूं, या अपनी देह जलाने के लिये दे दूं, और प्रेम न रखूं, तो मुझे कुछ भी लाभ नहीं। प्रेम धीरजवन्त है, और कृपाल है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं। वह अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुंझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता। कुकर्म से आनन्दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्दित होता है। वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है।'' ( 1 कुरिन्थियों 13:1-7 )
ReplyDelete"यह बात सच है, और मैं चाहता हूं, कि तू इन बातों के विषय में दृढ़ता से बोले इसलिये कि जिन्हों ने परमेश्वर की प्रतीति की है, वे भले-भले कामों में लगे रहने का ध्यान रखें: ये बातें भली, और मनुष्यों के लाभ की हैं। पर मूर्खता के विवादों, और वंशावलियों, और बैर विरोध, और उन झगड़ों से, जो व्यवस्था के विषय में हों बचा रह; क्योंकि वे निष्फल और व्यर्थ हैं।'' ( तीतुस 3:8-9 )
ReplyDelete"जो थोड़े से थोड़े में सच्चा है, वह बहुत में भी सच्चा है: और जो थोड़े से थोड़े में अधर्मी है, वह बहुत में भी अधर्मी है। इसलिये जब तुम अधर्म के धन में सच्चे न ठहरे, तो सच्चा तुम्हें कौन सौंपेगा। और यदि तुम पराये धन में सच्चे न ठहरे, तो जो तुम्हारा है, उसे तुम्हें कौन देगा? कोई दास दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता: क्योंकि वह तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम रखेगा; या एक से मिल रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा: तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते॥'' ( लूका 16:10-13 )
ReplyDelete"परन्तु जो जो बातें मेरे लाभ की थीं, उन्हीं को मैं ने मसीह के कारण हानि समझ लिया है। वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूं। और उस में पाया जाऊं; न कि अपनी उस धामिर्कता के साथ, जो व्यवस्था से है, वरन उस धामिर्कता के साथ जो मसीह पर विश्वास करने के कारण है, और परमेश्वर की ओर से विश्वास करने पर मिलती है। और मैं उस को और उसके मृत्युंजय की सामर्थ को, और उसके साथ दुखों में सहभागी हाने के मर्म को जानूँ, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्त करूं। ताकि मैं किसी भी रीति से मरे हुओं में से जी उठने के पद तक पहुंचूं। यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था। हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ। निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है।'' ( फिलिप्पियों 3:7-14 )
ReplyDelete"हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, कि उस ने हमें मसीह में स्वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आशीष दी है। जैसा उस ने हमें जगत की उत्पति से पहिले उस में चुन लिया, कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों। और अपनी इच्छा की सुमति के अनुसार हमें अपने लिये पहिले से ठहराया, कि यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों, कि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्तुति हो, जिसे उस ने हमें उस प्यारे में सेंत मेंत दिया। हम को उस में उसके लोहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है।'' ( इफिसियों 1:3-7 )
ReplyDelete"देखो, वह बादलों के साथ आने वाला है; और हर एक आंख उसे देखेगी, वरन जिन्हों ने उसे बेधा था, वे भी उसे देखेंगे, और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे। हां। आमीन॥ प्रभु परमेश्वर वह जो है, और जो था, और जो आने वाला है; जो सर्वशक्तिमान है: यह कहता है, कि मैं ही अल्फा और ओमेगा हूं॥'' ( प्रकाशित वाक्य 1:7-8 )
ReplyDelete"और मैं तुम से कहता हूं; कि मांगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूंढ़ों तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा। क्योंकि जो कोई मांगता है, उसे मिलता है; और जो ढूंढ़ता है, वह पाता है; और जो खटखटाता है, उसके लिये खोला जाएगा। तुम में से ऐसा कौन पिता होगा, कि जब उसका पुत्र रोटी मांगे, तो उसे पत्थर दे: या मछली मांगे, तो मछली के बदले उसे सांप दे? या अण्डा मांगे तो उसे बिच्छू दे? सो जब तुम बुरे होकर अपने लड़के-बालों को अच्छी वस्तुएं देना जानते हो, तो स्वर्गीय पिता अपने मांगने वालों को पवित्र आत्मा क्यों न देगा॥'' ( लूका 11:9-13 )
ReplyDelete"जब वह उन के पांव धो चुका और अपने कपड़े पहिनकर फिर बैठ गया तो उन से कहने लगा, क्या तुम समझे कि मैं ने तुम्हारे साथ क्या किया? तुम मुझे गुरू, और प्रभु, कहते हो, और भला कहते हो, क्योंकि मैं वही हूं। यदि मैं ने प्रभु और गुरू होकर तुम्हारे पांव धोए; तो तुम्हें भी एक दुसरे के पांव धोना चाहिए। क्योंकि मैं ने तुम्हें नमूना दिखा दिया है, कि जैसा मैं ने तुम्हारे साथ किया है, तुम भी वैसा ही किया करो। मैं तुम से सच सच कहता हूं, दास अपने स्वामी से बड़ा नहीं; और न भेजा हुआ अपने भेजने वाले से। तुम तो ये बातें जानते हो, और यदि उन पर चलो, तो धन्य हो।'' ( यूहन्ना 13:12-17 )
ReplyDelete"यह बात सच है, कि यदि हम उसके साथ मर गए हैं तो उसके साथ जीएंगे भी। यदि हम धीरज से सहते रहेंगे, तो उसके साथ राज्य भी करेंगे: यदि हम उसका इन्कार करेंगे तो वह भी हमारा इन्कार करेगा। यदि हम अविश्वासी भी हों तौभी वह विश्वास योग्य बना रहता है, क्योंकि वह आप अपना इन्कार नहीं कर सकता॥ इन बातों की सुधि उन्हें दिला, और प्रभु के साम्हने चिता दे, कि शब्दों पर तर्क-वितर्क न किया करें, जिन से कुछ लाभ नहीं होता; वरन सुनने वाले बिगड़ जाते हैं।'' ( 2 तीमुथियुस 2:11-14 )
ReplyDeleteGOOD NIGHT
ReplyDeleteThanks again
DeleteHello friends ye tiger sabko chutiya banana chah raha hay. Agar ye etna dimakdaar hay aur kuch karna chahta hay to apne jeb se paisa kharch kare bheekh kyo mang raha hay. Eska matlab ye bhi frod hay.
ReplyDeleteketo ye paisa kamama chah raha hay ya eska Eski merit ke kareeb eska tet mark hay ye samajh raha hay ki ye jyada hosiyaar hay
ReplyDeletebina bheekh mange agar ye kuch karkar dikhaye to hum jane ki ye hamara himayti hau. Thanks
ReplyDeleteaa gaye fir se 1 din ka net pack karane wale aur sahi spelling wale.......
ReplyDeletehi BREAKING NEWS ... uptet 72825
ReplyDeleteApprox. 20000 seats will be filled in 2nd coun. on 22-30 sept.
60% candi have attended it.
So total remaining seats will be approx. 47000.
So candidates with less marks should wait for 3rd couns. as cut off is expected to go below 100.
thnks,,,
thanks
ReplyDeletethank you.
ReplyDeleteFrnd mera 112no h tet m female /obc/science kya third counc. M faizabad milne k chance h plz....... answer me
ReplyDeletemujhe contact karo
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