Union Public Service Commission (UPSC)
Shahjahan Road, Dhopur House, New Delhi – 110069
SARKARI NAUKRI NEWS , SARKARI NAUKRI
Advertisement No. 16/2014
UPSC invites Online application by 16/10/2014 for following various posts in various Government of India Ministries and Departments in the prescribed format. The posts are :
- Fodder Agronomist : 01 post in Regional Station for Forage Production and Demonstration, Hisar, Department of Animal Husbandry, Dairying and Fisheries, Ministry of Agriculture.
- Scientists SB (Mechanical) : 02 posts in National Test House, Department of Consumer Affairs, Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution.
- Specialists Grade-III Assistant Professor (Medicine) : 18 posts in Ministry of Health & Family Welfare.
- Associate Biochemist : 01 post in Central Drugs Laboratory, Kolkata, Directorate General of Health Services, Central Drugs Standard Control Organisation (CDSCO), Ministry of Health & Family Welfare.
- Lecturers-Cum-Junior Research Officers : 06 posts in Central Institute of Indian Languages, Mysore, Department of Higher Education, Language Division, Ministry of Human Resources Development.
- Lecturers (Bengali) : 02 posts in Eastern Regional Language Centre, Bhubaneswar under Central Institute of Indian Languages, Mysore, Department of Higher Education, Language Division, Ministry of Human Resources Development.
- Lecturer (Marathi) : 01 post in Western Regional Language Centre, Pune under Central Institute of Indian Languages, Mysore, Department of Higher Education, Language Division, Ministry of Human Resources Development.
- Lecturer (Punjabi) : 01 post in Northern Regional Language Centre, Patiala under Central Institute of Indian Languages, Mysore, Department of Higher Education, Language Division, Ministry of Human Resources Development.
- Lecturer (Malayalam) : 01 post in Southern Regional Language Centre, Mysore under Central Institute of Indian Languages, Mysore, Department of Higher Education, Language Division, Ministry of Human Resources Development.
- Lecturer (Oriya) : 01 post in Eastern Regional Language Centre, Bhubaneswar under Central Institute of Indian Languages, Mysore, Department of Higher Education, Language Division, Ministry of Human Resources Development.
- Assistant Legislative Counsel (Assamese) : 01 post in Official Languages Wing, Legislative Department, Ministry of Law and Justice.
- Assistant Legislative Counsel (Oriya) : 01 post in Official Languages Wing, Legislative Department, Ministry of Law and Justice.
- Assistant Legislative Counsel (Punjabi) : 01 post in Official Languages Wing, Legislative Department, Ministry of Law and Justice.
For Details of posts, qualification, instructions and application format relating to Advt. No. 16/2014, please visit UPSC web site at http://upsconline.nic.in/ora/candidate/VacancyNoticePub.php (At Top) OR view http://upsc.gov.in/recruitment/advt/2014/UPSC%20English%20%281%29%20%281%29_26Sept14.pdf
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इस सार्वभौमिक सत्य को तो स्वीकारना हीँ पड़ेगा कि चयन 2 लाख 70 हजार मेँ से मात्र 72825 का हीँ होना है ।
ReplyDeleteशेष 1 लाख 97 हजार 1 सौ 75 लोगोँ को ये भर्ती दूषित नज़र आएगी ।
मैं सभी मित्रों से निवेदन करता हूँ की जिनके -
ReplyDeleteआर्ट सामान्य में 112 से कम हैं तथा विज्ञान में 107-108 से कम है वो कृपया किसी और जॉब की तरफ रुख करें तो ज्यादा बेहतर होगा । अब इस भर्ती में इस से नीचे वालों के लिए कुछ नहीं बचा है, इस बात को जितनी जल्दी आप लोग समझोगे , आप सब के लिए उतनी आसानी होगी इस जॉब को काला सपना समझने में ।
दुःख तो होता ही है की तीन सालों में हमने अपने आप को कभी भी प्रक्रिया से बहार नहीं माना था और खुद को चयनित मान के चल रहे थे।
ReplyDeleteलेकिन खुद के मानने या न मानने से कुछ नहीं होने वाला है जो सच है उसे कबूल कर लेना अछे मनुष्य की निशानी है । और हमें अब ये मान लेना चाहिए की हमारे नंबर कुछ कम रह गए।
किसी नेता को दोष देने या ना देने से कुछ नहीं बदलने जा रहा है । ये प्राकृत का नियम होता है मनुष्य सिर्फ अपने स्वार्थ को साधना जनता है।
और चयनित भी हमारे वही भाई हो रहे हैं जो हमारे साथ के हैं जिन्होंने हमारी तरह ही इस भर्ती में अपने तीन साल और हर तरह का योगदान दियें हैं।
ReplyDeleteबस मेरी इन सभी भाइयों से यही आशा है की ये हमें या अपने किसी भी साथी जो की इस लडाई में उनके साथ था । को भुलायेंगे नहीं।
बाकि आप लोग खुद अपनी जिन्दगी का निर्णय लेने में सक्षम हैं । हाँ ये जरुर है की जितना आप इस भर्ती के बारे में सोचेंगे आप को कष्ट भी उतना ही होगा।
सभी चयनितों को बधाई ।
और आगे चयनित होने वालों को शुभकामनायें।
मैंने 24 सितम्बर से किताबों की धुल को पुनः झाड दिय है।
ReplyDeleteऔर 2-3 दिन से काफी रिलैक्स महसूस कर रहा हूँ। तो सोच अपने जैसे कम नंबर पाने वाले भाइयों को अपनी तरह कुछ दिलाशा दूं। और उनको इस सदमे से निकलने की कोशिश करूं।
वैसे सही बात तो ये है की दिल रो रहा है। अपने आशुओं को रोक नहीं पाता हूँ जब पूर्व के दिनों में किये गए संघर्ष को याद करता हु । और फिर ये सोचता हूँ की क्या जीत मिलने के बाद हमें ये दिन देखने पड़ेंगे?
बेटी को मरवा दिया था जिसने
ReplyDeleteपत्नी क़ी कोख में,
मोहल्ले में लड़कियाँ ढूँढ रहा नवरात्र
कन्या भोज के लिए ....
main in 3 news par hun
ReplyDelete!
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1- Union Public Service Commission (UPSC)
2- CHILD CARE LEAVE FOR UP GOVERNMENT TEACHERS
3- प्रशिक्षित स्नातक एल0टी0 ग्रेड के सहायक अध्यापक/अध्यापिका के रिक्त पदों हेतु विज्ञापन - वाराणसी मण्डल
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माना कि उन्हें फुर्सत नहीं मुझसे बात करने की..!
पर मुझे कौन रोक सकता है उन्हें याद करने से..!!
शहर के सबसे बड़े बैंक में एक बार एक बुढ़िया आई ।
ReplyDeleteउसने मैनेजर से कहा :- "मुझे इस बैंक में कुछ रुपये जमा करने हैं"
मैनेजर ने पूछा :- कितने हैं ?
वृद्धा बोली :- होंगे कोई दस लाख ।
मैनेजर बोला :- वाह क्या बात है, आपके पास तो काफ़ी पैसा है, आप करती क्या हैं ?
वृद्धा बोली :- कुछ खास नहीं, बस शर्तें लगाती हूँ ।
मैनेजर बोला :- शर्त लगा-लगा कर आपने इतना सारा पैसा कमाया है ? कमाल है...
वृद्धा बोली :- कमाल कुछ नहीं है, बेटा, मैं अभी एक लाख रुपये की शर्त लगा सकती हूँ कि तुमने अपने सिर पर विग लगा रखा है ।
मैनेजर हँसते हुए बोला :- नहीं माताजी, मैं तो अभी जवान हूँ और विग नहीं लगाता ।
तो शर्त क्यों नहीं लगाते ? वृद्धा बोली ।
मैनेजर ने सोचा यह पागल बुढ़िया खामख्वाह ही एक लाख रुपये गँवाने पर तुली है, तो क्यों न मैं इसका फ़ायदा उठाऊँ... मुझे तो मालूम ही है कि मैं विग नहीं लगाता ।
मैनेजर एक लाख की शर्त लगाने को तैयार हो गया ।
वृद्धा बोली :- चूँकि मामला एक लाख रुपये का है, इसलिये मैं कल सुबह ठीक दस बजे अपने वकील के साथ आऊँगी और उसी के सामने शर्त का फ़ैसला होगा ।
मैनेजर ने कहा :- ठीक है, बात पक्की...
मैनेजर को रात भर नींद नहीं आई.. वह एक लाख रुपये और बुढ़िया के बारे में सोचता रहा ।
अगली सुबह ठीक दस बजे वह बुढ़िया अपने वकील के साथ मैनेजर के केबिन में पहुँची और कहा :- क्या आप तैयार हैं ?
मैनेजर ने कहा :- बिलकुल, क्यों नहीं ?
वृद्धा बोली :- लेकिन चूँकि वकील साहब भी यहाँ मौजूद हैं और बात एक लाख की है, अतः मैं तसल्ली करना चाहती हूँ कि सचमुच आप विग नहीं लगाते, इसलिये मैं अपने हाथों से आपके बाल नोचकर देखूँगी ।
मैनेजर ने पल भर सोचा और हाँ कर दी, आखिर मामला एक लाख का था ।
वृद्धा मैनेजर के नजदीक आई और धीर-धीरे आराम से मैनेजर के बाल नोचने लगी । उसी वक्त अचानक पता नहीं क्या हुआ, वकील साहब अपना माथा दीवार पर ठोंकने लगे ।
मैनेजर ने कहा :- अरे.. अरे.. वकील साहब को क्या हुआ ?
वृद्धा बोली :- कुछ नहीं, इन्हें सदमा लगा है, मैंने इनसे पाँच लाख रुपये की शर्त लगाई थी कि आज सुबह दस बजे मैं शहर के सबसे बड़े बैंक के मैनेजर के बाल नोचकर दिखा दूँगी
" kisi ko gum dene me apko khushi to mil sakti hai"
ReplyDelete"lekin kisi ko khushi dene me apko gum kabhi nahi milega"
#From ::AVI
बदलाव की शुरुआत स्वयम् से करे फिर अपने परिवार से
ReplyDeleteअच्छाई का प्रसार होने मे समय लगता है किन्तु बुराई क्षण मात्र मे फैल जाती है
""""" पत्नी गृहस्वामिनी गृहलक्ष्मी"""""
ReplyDeleteपिछले हफ्ते मेरी पत्नी को बुखार था। पहले दिन तो उसने बताया ही नहीं कि उसे बुखार है, दूसरे दिन जब उससे सुबह उठा नहीं गया तो मैंने यूं ही पूछ लिया कि तबीयत खराब है क्या?
उसने कहा कि नहीं, तबीयत खराब तो नहीं है, हां थोड़ी थकावट है।
मैं चुपचाप अखबार पढ़ने में मशगूल हो गया। जरा देर से उस दिन वो जगी और फटाफट उसने मेरे लिए चाय बनाई, बिस्किट दिए और मैं अखबार पढ़ते-पढ़ते चाय पीता रहा।मुझे पता लग चुका था कि उसे थोड़ा बुखार है, और ये बात मैंने उसे छू कर समझ भी ली थी।
खैर, मैं यही सोचता रहा कि मामूली बुखार है, शाम तक ठीक हो जाएगा।
उसने थोड़ें बुखार में ही मेरे लिए नाश्ता तैयार किया। नाश्ता करते हुए मैंने उसे बताया कि आज खाना बाहर है, इसलिए तुम खाना मत बनाना।
उसने धीरे से कहा कि अरे ऐसी कोई बात नहीं, खाना तो बना दूंगी। लेकिन मैंने कहा कि नहीं, नहीं दफ्तर की कोई मीटिंग है, उसके बाद खाना बाहर ही है।फिर मैं तैयार होकर निकल गया।
मैं पुरुष हूं। पुरुष मजबूत दिल के होते हैं। ऐसी मामूली बीमारी से पुरुष विचलित नहीं होते। मैं दफ्तर
चला गया, फिर अपनी मीटिंग में मुझे ध्यान भी नहीं रहा कि पत्नी की तबीयत सुबह ठीक नहीं थी। खैर, शाम को घर आया, तो वो लेटी हुई थी। उसे लेटे देख कर भी दिमाग में एक बार नहीं आया कि यही पूछ लूं कि कैसी तबीयत है?
वो लेटी रही, मैंने अपने कपड़े बदले और पूछ बैठा कि खाना?
पत्नी ने मेरी ओर देखा और लेटे-लेटे उसने कहा कि अभी उठती हूं, बस अब ठीक हूं। जैसे ही उसने कहा कि मैं ठीक हूं, मुझे ध्यान आ गया कि अरे सुबह तो उसे बुखार था। खैर, अपनी शर्मिंदगी छिपाते हुए मैंने कहा कि कोई बात नहीं, तुम लेटी रहो। मैं रसोई में गया, मैंने अंदाजा लगाया कि उसने दोपहर में खाना नहीं खाया, क्योंकि खाना तो बना ही नहीं।
मैंने फ्रिज से कुछ-कुछ निकाला, उसके लिए ब्रेड जैम लिया और अपने पति धर्म को निभाते हुए, खुद पर गर्व करते हुए उसके आगे खाने की प्लेट कर दी। पत्नी ने ब्रेड का एक टुकड़ा उठाया, मुझे आंखों से धन्यवाद कहा, और मन से कहा कि पति हो तो ऐसा हो, इतनी केयर करने वाला।
मैंने एक दो बार यूं ही पूछ लिया कि तुम कैसी हो, कोई दवा दूं क्या? और अपने कम्यूटर आदि को देखता हुआ सो गया।
पत्नी अगली सुबह जल्दी उठ गई, मुझे लगा कि वो ठीक हो गई है, और मैंने फिर उसके बुखार पर चर्चा नहीं की। मैंने मान लिया कि वो ठीक हो गई है।
कल मुझे सर्दी हो गई थी। दो तीन बार छींक आ गई थी। घर गया तो पत्नी ने कहा कि तुम्हारी तो तबीयत ठीक नहीं है।
उसने सिर पर हाथ रखा, और कहा कि बुखार तो नहीं है, लेकिन गला खराब लग रहा है।ऐसा करो तुम लेट जाओ, मैं सरसों का तेल गरम करके छाती में लगा देती हूं।
मैंने एक दो बार कहा कि नहीं-नहीं ऐसी कोई बात नहीं।लेकिन पत्नी ने मुझे कमरे में भेज ही दिया। मैं बिस्तर पर लेटा ही था कि मेरे लिए शानदार काढ़ा बन कर आ गया। अब मेरा गला खराब था तो काढ़ा बनना ही था। काढ़ा पी कर लेट गया। फिर दस मिनट में गरमा गरम सूप सामने आ गया। उसने
कहा कि गरम सूप से गले को पूरी राहत मिलेगी।सूप पिया तो वो मेरे पास आ गई, और मेरे सिर को सहलाने लगी।
कहने लगी कि इतनी तबीयत खराब है, इतना काम क्यों करते हो?
बचपन में जब कभी मुझे बुखार होता था, मां सारी रात मेरे सिरहाने बैठी रहती। मैं सोता था, वो जागती थी।
आज मैं लेटा हुआ था, मेरी पत्नी मेरा सिर सहला रही थी। मैं धीरे-धीरे सो गया। जागा तो वो गले पर विक्स लगा रही थी। मेरी आंख खुली तो उसने पूछा, कुछ आराम मिल रहा है? मैंने हां में सिर हिलाया।तो उसने पूछा कि खाना खाओगे?
मुझे भूख लगी थी, मैंने कहा, "हां।"
उसने फटाफट रोटी, सब्जी, दाल, चटनी, सलाद मेरे सामने परोस दिए, और आधा लेटे-लेटे मेरे मुंह में कौर डालती रही।
मैने चुपचाप खाना खाया, और लेट गया। पत्नी ने मुझे अपने हाथों से खिला कर खुद को खुश महसूस किया और रसोई में चली गई।
मैं चुपचाप लेटा रहा। सोचता रहा कि पुरुष भी कैसे होते हैं?
कुछ दिन पहले मेरी पत्नी बीमार थी, मैंने कुछ नहीं किया था।
और तो और एक फोन करके उसका हाल भी नहीं पूछा। उसने पूरे दिन कुछ नहीं खाया था, लेकिन मैंने उसे ब्रेड परोस कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा था। मैंने ये देखने की कोशिश भी नहीं की कि उसे वाकई कितना बुखार था। मैंने ऐसा कुछ नहीं किया कि उसे लगे कि बीमारी में वो अकेली नहीं।
लेकिन मुझे सिर्फ जरा सी सर्दी हुई थी, और वो मेरी मां बन गई थी।
मैं सोचता रहा कि क्या सचमुच महिलाओं को भगवान एक अलग दिल देते हैं? महिलाओं में जो करुणा और ममता होती है वो पुरुषों में नहीं होती क्या?
सोचता रहा, जिस दिन मेरी पत्नी को बुखार था, उस दोपहर जब उसे भूख लगी होगी और वो बिस्तर से उठ न पाई होगी,
तो उसने भी चाहा होगा कि काश उसका पति उसके पास होता?
मैं चाहे जो सोचूं, लेकिन मुझे लगता है कि हर पुरुष को एक जन्म में औरत बन कर ये समझने की कोशिश करनी ही चाहिए कि सचमुच कितना मुश्किल होता है, औरत होना। मां होना, बहन होना, पत्नी होना।
ReplyDeleteकाश मैं एक बार महसूस कर सकूँ वो सब, जो कोई एक औरत करती है।
कभी देखी है उस किसान की रसोई ?
ReplyDeleteजो हमारे लिए अनाज उगाता है,
मोटा चावल ,पानी भरी दाल ;
यहीं कुछ उसके हिस्से में आता है....!!
इस समाज का ढांचा ही कुछ ऐसा है__
चाहकर भी कोई कुछ न कर पाता है__
मेहनत तो आती है किसी और के हिस्से__
और मुनाफे के लड्डू कोई और खाता है__!!
एक बात में बड़े दावे के साथ कह सकता हूँ कि भारत के वर्तमान मुख्या न्यायधीष एच एल दत्तु साहब के द्वारा दिए गये आदेश के बाद भर्ती अब ना तो रुकेगी ना ही फसेगी। इसलिए काउंसलिंग करा चुके अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी भी पूर्ण सहयोग करें।
ReplyDeleteधन्यबाद
जय हिन्द जय टेट जय भारत
!! सत्यमेव जयते सर्वदा !!
:::::::::::::: अपील :::::::::::::
ReplyDeleteआप सभी से आग्रह करता हूँ कि दीपावली का समय है, सभी लोग खरीदारियों में जुटे हैं,
ऐसे समय सड़क किनारे धंधा करने वाले इन छोटे- छोटे लोगों से मोलभाव न करें…।
मिट्टी के दीपक, लक्ष्मी जी के पाने,खील- बताशे, झाड़ू, रंगोली (सफ़ेद या रंगीन), रंगीन पन्नियाँ इत्यादि बेचने वालों से क्या मोलभाव करना??
जब हम टाटा-बिरला-अंबानी-भारती के किसी भी उत्पाद में मोलभाव नहीं करते
(कर ही नहीं सकते), तो दीपावली के समय चार पैसे कमाने की उम्मीद में बैठे इन रेहड़ी- खोमचे-ठेले वालों से "कठोर मोलभाव" करना एक प्रकार का अन्याय ही है..उसे यह बेचकर कोई शापिंग माल नही बनाना है सिरफ अपने परिवार के लिए कुछ पेसे इकट्ठे करने है ताकि वो लोग भी दीपावली मना सकें
सहमत है तो सभी को जागरुक करें,...
कभी सोचा गाँधी का फोटो नोट पे छपा बो आया कहा से......
ReplyDeleteकहां की है यह तस्वीर:
यह तस्वीर उस समय खींची गई, जब गांधीजी ने तत्कालीन बर्मा और भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस के साथ कोलकाता स्थित वायसराय हाउस में मुलाकात की थी। इसी तस्वीर से गांधीजी का चेहरा पोट्रेट के रूप में भारतीय नोटों पर अंकित किया गया।
फोटो कॉपी से काउंसलिंग कराने से फेलेगा भ्रष्टाचार कोई भी अभ्यर्थी फोटो कॉपी दस्तावेज में वांछनीय परिवर्तन का एंट्री कर सकता है जो जांच के दायरे से बच जायेगा और फिर सेटिंग कर लेगा और अवसर आने पर जूनियर में भागकर एक कीमती सीट लॉक कर देगा जिसका खामयाजा भुगतेंगे ७२८२५ के टेट योद्धा जो अपने आप को कभी माफ़ नहीं करेंगे
ReplyDeleteक्योकि लड़ाई अभी बाकि है दोस्तों
हम दोनों जगह काउंसलिंग का विरोध नहीं करते विरोध है सिर्फ भ्रष्टाचार का
ReplyDeleteअतः जो हमारे प्रिय साथी चाहते है प्राइमरी में जाना तो वो अपने मूल दस्तावेज निकलवाकर अभ्यरता निरस्त कराकर काउंसलिंग कराले हम उनका स्वागत करते है
दोस्तों ये तो वो बात हुई की बस में एक सीट पर तो रुमाल डालदिया और दूसरी पर खुद बैठ गये
साथियो ये गलत है हम लोग आप ही के वही तीन चार साल पुराने दोस्त है जो इस ७२८२५ की भर्ती का मिलजुल कर समर्थन कर रहे है
ReplyDeleteजब समाज का एक अध्यापक ये गलती करेगा तो आप द्वारा पढ़ाया हुआ शिष्य तो अपनी चादर बिछा कर पूरी बस को रिज़र्व कर लेगा दोस्तों गलती हमेशा स्वार्थ में होती है और स्वार्थी व्यक्ति कभी भी अच्छा शिक्षक नहीं हो सकता
जय टेट मेरिट
जय टेट संगठन
जय दत्तू सर
अजीब मजाक है। रावण भी बनाकर जलाना पड़ता है। जबकि ज़िंदा भ्रश्टाचारी रावणों की कोई कमी नहीं हमारे देश में।
ReplyDeleteआरक्षण क्या है....
ReplyDeleteक्या मेहनत और काबलियत दिखाकर प्रतियोगिता परीक्षा में अच्छे अंक लाना बेईमानी है।
क्या जनरल होना गुनाह है ?
जहाँ एक जनरल लडका / लडकी यदि ७० अंक लाते है, फिर भी उसका नौकरी में सेलेक्शन नहीं होता है।
इसके बिपरीत यदि कोई अन्य ओबीसी/एससी/एसटी ६०/५५/४५ अंक लाता है, फिर भी उसकी जाॅब लग जाती है।
क्या यह न्याय है, यही प्रतिभा है?
क्या अन्य जाति के लोगों के पास कम दिमांग होता है.... नहीं।
हाँ ये मानता हूँ कि उनके पास साधन कम हैं, तो हमारी सरकार को चाहिए कि वो इनको साधन उपलब्ध करायें। जिससे वे भी अपनी छिपी प्रतिभा दिखा सकें।
न की आरक्षण कर हम लोगों में भेदभाव पैदा करें।
फिर जो काबिल है बो मेहनत करके आगे जायेगा
आरक्षण हटाओ समानता लाओ।
क्योकि हम सब एक ईश्वर की संतान हैं।
जय हिन्द जय भारत
naam to tumse sidhe likhe jate nahi baat arakshan jaise topics pr kr rahe ho
DeletePahele likna sikho pir percentage lao tab baat karna
जूनियर चयनित मित्र बिलकुल घबराएं नहीं
ReplyDelete--------------------------------------------------
आपको नियुक्ति पत्र बहुत जल्द मिलेंगे
#ऐसे सभी मित्र जो जूनियर भर्ती में काउंसलिंग करा चुके हैं और प्राइमरी भर्ती में उनका नंबर आ चुका है ,
या आने वाला है ।
वो बिलकुल विचलित न हों और जूनियर भर्ती में निसंदेह रुके रहें ।
#आपको बता दूं कि आप सभी लोग जूनियर भर्ती के लिए संजीविनी साबित होंगे !
आप सोचोगे ऐसा क्या है हम आप में ??
जैसा कि सरकार ने कोर्ट द्वारा दोनों में शामिल करने वाले लगभग 25 आदेशों जिनमे एक लखनऊ बेंच से सभी के लिए हुआ महत्वपूर्ण आदेश याचिका संख्या
(Single Misc 6390) भी है , को द्वितीय काउंसलिंग तक नहीं माना है ।
#हालाँकि प्राइमरी भर्ती की तीसरी काउंसलिंग में ऐसे लोगों को मौका मिल सकता है , लेकिन मुझे इसकी कम ही सम्भावना लगती है !
क्यूंकि सरकार जूनियर भर्ती में #नियुक्ति पत्र प्राइमरी से पहले देने का मन बना रही है,
इसलिए सरकार एक ही अभ्यर्थी से दो सीट्स नहीं कटवाना चाहती है !
#अब एक मतलब कि बात -------
अगर 1% प्राइमरी भर्ती पहले हो जाती है और #जूनियर भर्ती यथावत लटकी रहती है तो फिर ऐसे अभ्यर्थी कोर्ट जायेंगे ?
जिनका प्राइमरी में भी हो रहा था और कोर्ट से #दोनों भर्तियों में शामिल करने का आदेश भी करा लिया था लेकिन सरकार ने आदेश नहीं माना और हमें मौका नहीं दिया गया ।
कोर्ट में स्टे वाले मामले पर अपना पक्ष रखकर कहेंगे कि इसमें हमारी कोई गलती नहीं ?
सरकार ने हमको #दोनों में काउंसलिंग कराने का मौका नहीं दिया जबकि हमने कोर्ट से भी आदेश करा लिया था ?
#अब इसमें हमारी क्या गलती है ?
हमारा भविष्य ख़राब हो रहा है ?
#या तो हमे प्राइमरी भर्ती में जॉब दी जाये या फिर जूनियर भरती से रोक हटाकर नियुक्ति पत्र दिलवाए जायें ।
जो कि हमारा संवैधानिक अधिकार है ।।
क्यूंकि अगर जीवन में आगे बढ़ना है तो आपको थोडा-बहुत खतरा तो मोल लेना ही पड़ेगा ।
अपनी योग्यता और भगवान पर पूरा भरोसा रखें ।।
हमेशा याद रहे आपको ----------
"कोई भी लक्ष्य बड़ा नही, जीता वही जो डरा नहीं "
द्वितीय चक्र की काउन्सलिंग के समापन के पश्चात् आज मैने आरटीआई लगाकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। आप भी आगे आये,,
ReplyDeleteहाथ से हाथ मिलाकर चले। किसी भी प्रकार की दूषित मानसिकता को साथ मिलकर ध्वस्त कर दिया जायेगा।
टेट मे तो जिसका नम्बर कम है वो या तो धाँधली का राग अलाप रहा है या फिर कह रहा है कि मैने इस भर्ती से बहुत आस लगायी थी,अरे क्योँ भाइ दुनिया की आखिरी भर्ती थी क्या जो आस टुट गयी,आयोग से कानूनगो की भर्ती आयी है उसमे आस जगाऔ,टी जी टी का एक्जाम होने वाला है उसमे आस जगाओ,रही बात धाँधली की तो धाँधली वाले बच न पायेँगे,'...
ReplyDeletemain in 3 news par hun
ReplyDelete!
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1- Union Public Service Commission (UPSC)
2- CHILD CARE LEAVE FOR UP GOVERNMENT TEACHERS
3- प्रशिक्षित स्नातक एल0टी0 ग्रेड के सहायक अध्यापक/अध्यापिका के रिक्त पदों हेतु विज्ञापन - वाराणसी मण्डल
आरक्षण पे सबका अपना नजरियाँ हैं मेरी बात
ReplyDeleteका आप लोग बुरा मत मानना,
अनारक्षित श्रेणी को खतम करके जनसंख्या के आधार
पर जनरल को भी 20-30 % आरक्षण दे दिया जाये
तो आरक्षण की ल़डाई खतम हो सकती हैं जनरल वाले
सायद ये सोचते हैं कि 50% पुरे सिट पे
उनका ही अधिकार हैं आज भी जनसंख्या के अनुपात
में जनरल वाले सबसे ज्यादा लोग सरकारी नौकरी में
चयन होते हैं, रिसफलिंग के नाम पर नौंटकी केवल
भरती फसाने के लिये हो रही हैं,
लेकिन रिसफलिंग नियम
के तहत ही हो रही हैं, इसे
नहीं रोका जा सकता हैं....
पति के घर में प्रवेश करते
ReplyDeleteही पत्नी का गुस्सा फूट पड़ा ‘‘ पूरे दिन
कहाँ रहे? आफिस में
पता किया वहाँ भी नहीं पहुँचे।
मामला क्या है?‘‘...
‘‘ वो-वो……….मैं………. पति की हकलाहट पर झल्लाते हुए पत्नी फिर
बरसी‘‘ बोलते नही? कहां चले गये थे।
ये गंन्दा बक्सा और
कपड़ों की पोटली किसकी उठा लाये?‘‘
‘‘ वो मैं माँ को लाने गाँव चला गया था।‘‘
पति थोड़ी हिम्मत करके बोला। ‘‘ क्या कहा, तुम्हारी मां को यहां ले आये?
शर्म नहीं आई तुम्हें। तुम्हारे भाईयों के
पास इन्हे क्या तकलीफ है?‘‘ आग
बबूला थी पत्नी, इसलिये उसने पास
खड़ी फटी सफेद साड़ी से आँखें
पोंछती बीमार वृद्धा की तरफ देखा तक नहीं।
‘‘इन्हें मेरे भाईयों के पास
नहीं छोड़ा जो सकता। तुम समझ
क्यों नहीं रहीं।‘‘ पति ने दबीजुबान से कहा।
‘‘क्यों, यहाँ कोई कुबेर का खजाना रखा है?
तुम्हारी सात हजार रूपल्ली की पगार में बच्चों की पढ़ाई और घर खर्च कैसे
चला रही हूँ मैं ही जानती हूँ ‘‘ पत्नी का स्वर
उतना ही तीव्र था।
‘‘अब ये हमारे पास ही रहेगी।‘‘पति ने
कठोरता अपनाई।
‘‘ मैं कहती हूँ इन्हें इसी वक्त वापिस छोड़ कर आओ। वरना मैं इस घर में एक पल
भी नहीं रहूंगी और इन
महारानीजी को भी यहाँ आते
जरा भी लाज नहीं आई।‘‘कह कर औरत की तरफ
देखा तो पाँव तले से जमीन सरक गयी। झेंपते हुए
पत्नी बोली। ‘‘मां तुम!‘‘
‘‘हाँ बेटा! तुम्हारे भाई और भाभी ने मुझे घर से
निकाल दिया। दामाद जी को फोन
किया तो ये मुझे यहां ले आये।‘‘ बुढ़िया ने
कहा तो पत्नी ने गदगद
नजरों से पति की तरफ देखा और मुस्कराते हुए बोली।
‘‘
आप भी बड़े "वो" हो डार्लिंग,.......
पहले क्यों नहीं बतायाकि मेरी मां को लाने गये
थे।‘‘""
सीने पे तीर खाके भी अगर कोई मुस्कुरा दे
ReplyDeleteतो....
निशाना लाख अच्छा हो मगर बेकार
जाता है....
चुहिया पेड़ पर चढ़ी, तो बंदर ने पूछा ....... ऊपर क्यों आई हो?
ReplyDeleteचुहिया........... सेब खाने
बंदर............... यह तो आम का पेड़ है।
चुहिया............. तू ज्यादा चौधरी मत बन, सेब साथ लाई हूं।
एक अमेरिकन बोला भाई साहब बताइये अगर आपका भारत
महान है तो सँसार के इतने आविष्कारों में आपके देश
का क्या योगदान है ??
हिन्दुस्तानी - अरे अमरीकन सुन !!
...
१. संसार की पहली फायर प्रूफ लेडी भारत में
हुई !! नाम था "होलिका" आग में
जलती नही थी !!
इसीलिए उस वक्त फायर ब्रिगेड
चलती नही थी!!
२. संसार की पहली वाटर प्रूफ बिल्डिँग
भारत
में हुई !! नाम था भगवान विष्णु
का"शेषनाग" !!
काम तो ऐसे जैसे "विशेषनाग" !!
३. दुनिया के पहले पत्रकार भारत में हुए !!
"नारदजी" जो किसी राजव्यवस्था से
नही डरते थे !! तीनों लोक की सनसनी खेज
रिपोर्टिँग करते थे !!
४. दुनिया के पहले कॉँमेन्टेटर"संजय" हुये,
जिन्होंने नया इतिहास बनाया !!महाभारत के
युद्ध का आँखो देखा हाल अँधे "ध्रतराष्ट"
को उन्ही ने सुनाया !!
५. दादागिरी करना भी दुनिया हमने
सिखाया क्योंकि वर्षो पहले हमारे"शनिदेव"
ने
ऐसा आतँक मचाया कि "हफ्ता"
वसूली का रिवाज
उन्ही के शिष्यो ने चलाया !! आज भी उनके
शिष्य
हर शनिवार को आते है ! उनका फोटो दिखाकर
हफ्ता ले जाते है !!
6-दुनिया का पहला Bodybuilder -अंजलि पुत्र हनुमान
और दूसरा Bodybuilder - भीम
तब तुमरा American Arnold पैदा भी नहीं हुआ था
अमेरिकन बोला दोस्त फालतू की बातें मत
बनाओ !
कोई ढ़ंग का आविष्कार हो तो बताओ !! जैसे
हमने
इँसान की किडनी बदल दी, बाईपास
सर्जरी कर
दी आदि !!
हिन्दुस्तानी बोला रे अमरीकन
सर्जरी का तो आइडिया ही दुनिया को हमने
दिया था !! तू ही बता "गणेशजी"
का ऑपरेशन
क्या तेरे बाप ने किया था !!
अमरीकन हडबडाया !! गुस्से मेँ बडबडाया!!
देखते ही देखते चलता फिरता नजर आया !!
तब से
पूरी दुनिया को हम पर मान है!!!
दुनिया में देश कितने ही हो पर सब में मेरा "भारत" महान
है..
मुझे हिन्दुस्तानी होने पर गर्व है
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ReplyDelete.
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बीत जाते हैं दिन कट जाती हैं आँखों में राते
हम न जाने क्या क्या करते रहते हैं आपस में बाते
मैं थोडा दिवाना थोड़ी सी दीवानी हैं "PROMOTION WALI"
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Dhadhali karne wale aate kaha se hai.....mujhe koi nahi milta warna puchta ki bhai hame bhi batao hum bhi fake marksheet waigaira banwa kar cauncling kara le.....kyu farji me padhe likhe......budhhi lagaye. ....jab free me number mil jaye
ReplyDeletePrt jrt choor kar lt grade me sidhe aa jaye......
ReplyDeleteJab tet ki cd se check hoga to dhadhali kaise hogi.....ishke bare me bhi bataye
ReplyDeleteSir ap bahut achha likhte hai.
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