BHRASHT AUR LAPARWAH ADHIKAREE JITNA SARKARI KHARCHON PAR CASE LADTE, FANSAATE HAI.
YE SAB KHARCHA IN LAPARWAH KARMCHAREEYON / ADHIKAREEYON KI SALARY VA JEB SE VASOOLAA JANA CHAHIYE.
AUR JO TORTURE KIYA JATA HAIN LOGON KO USKA BHEE JAMKAR MUAVJA LENAA CHAHIYE, TABHEE INDIA KI KANOON VYAVASTHAA SUDHREGEE, AUR AISE LAPARWAHEE FIR YE KARMCHAREE / ADHUKAREE NAHIN KARENGE.
AISE ADHIKAREE HIGH COURT AUR SUPREME COURT MEIN CASE FANSAANE MEIN APNA KHEL SAMAJHTE HAIN
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आयोग करे गलती, भुगतें अभ्यर्थी
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धर्मेश अवस्थी, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग मनमानी पर उतारू है। आयोग की हर परीक्षा में गड़बड़ी रूटीन बन गया है, जिससे लाखों प्रतिभागियों का भविष्य दांव पर है। अपनी गलती सुधारने की जगह आयोग बचाव के वह हथकंडे अपनाता है जो कहीं से उचित नहीं है। पीसीएस-2013, आरओ/एआरओ, और पीसीएस-2014 इसके उदाहरण है, जिनमें 10 से 14 सवाल तक गलत पूछे गए। जिससे फेल अभ्यर्थी भी पास हो गए।
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की पीसीएस प्री 2013 में 13 गलत सवाल पूछे गए थे। प्रतियोगी छात्रों ने जब इस पर आपत्ति की तो आयोग ने केवल सात सवालों को ही गलत माना और सबको बराबर मार्किंग कर दी। आरओ/एआरओ प्री परीक्षा 2013 में आयोग ने फिर 14 गलत सवाल पूछे। मामला 20 अगस्त 2014 को हाईकोर्ट तक पहुंचा तो न्यायमूर्ति राजेश तिवारी ने आयोग को निर्देश दिया कि जिसने सवाल बनाए हैं उन एक्सपर्ट का पूरा बायोडाटा, एक्सपर्ट कमेटी और अन्य तमाम रिकार्ड लेकर आयोग के अध्यक्ष हाजिर हों। इस पर आयोग ने हाईकोर्ट में जवाब देने के बजाय सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की और हाईकोर्ट के आदेश पर स्थगनादेश ले लिया है। आयोग के इस कदम से प्रतियोगी छात्र भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए अब मामले की सुनवाई चार नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में है।
आयोग की पीसीएस प्री 2014 का परिणाम घोषित किया है इसे देखकर प्रतिभागी फिर आंदोलन की राह पर है। प्रतिभागियों का दावा है कि की-आंसर शीट के आधार पर जो प्रतिभागी उत्तीर्ण थे वह फेल हो गए हैं। प्रतिभागियों की लड़ाई लड़ने वाले भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा का दावा है कि पहली बार अंकों में 25 से 30 फीसदी उतार-चढ़ाव हुआ है, जबकि आयोग की नियमावली मे उतार-चढ़ाव पांच से सात प्रतिशत तक ही होना चाहिए। यही नहीं आयोग ने पीसीएस प्री परीक्षा 2014 में करीब 15 सवाल गलत पूछे थे उस संबंध में प्रतिभागियों के दावा करने के बाद भी आयोग ने संशोधित की-आंसर शीट जारी नहीं की है, बल्कि सीधे-सीधे प्री का परिणाम घोषित कर दिया। इससे साफ है कि आयोग प्रतिभागियों के भविष्य के प्रति गंभीर नहीं है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव जगदीश प्रसाद के अनुसार आयोग के जो मामले कोर्ट में लंबित हैं उन पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, आयोग अपनी पैरवी कर रहा है। जहां तक गलत प्रश्न पूछने का सवाल है आयोग एक नहीं दो-दो विशेषज्ञों की टीम से इसे जंचवाता है, तब प्रश्नपत्र तैयार होता है। आयोग प्रतिभागियों की हितों के प्रति पूरी तरह से गंभीर है।
News Sabhaar : Jagran (9.10.14)
Prt ki 3rd councling jald.
ReplyDeleteUp LT grade bharti me Dr.Shakuntala mishra vidhylaya Se b.ed (special) wale candidates k liye offer hai.....Why? Jabki IGNOU Se special b.ed de wale candidates ko kyon nahi liya ja raha hai kya IGNOU wale free me upna time n fee barbad kite hai ye future k dath khilwad kyon kiya ja raha hai govt dwara
ReplyDeletekya koi candidate commerce strem ka h.lt grade k lia merit share karo.
ReplyDeletekya koi candidate commerce strem ka h.lt grade k lia merit share karo.
ReplyDeletezeshaan bhai ye news apko kaha se mili.abi tak diets ne data bi sent nahi kia h.age festiwal ki holiday h.
ReplyDeletezeshaan bhai ye news apko kaha se mili.abi tak diets ne data bi sent nahi kia h.age festiwal ki holiday h.
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