हेडमास्टर्स की सीधी भर्ती का विरोध : एक हजार शिक्षक करेंगे हल्ला बोल
(Teachers are against Direct Recruitment of Head Master in Himachal Pradesh)
हिमाचल विज्ञान अध्यापक संघ की जिला इकाई ने हेडमास्टर्स की सीधी भर्ती का विरोध किया है। जिला प्रधान केवल सिंह ने कहा कि हेडमास्टर का पद अनुभव वाला पद है और डीडीओ की पावर होती है। इसके लिए सीधी भर्ती से शिक्षा विभाग में कई अनियमितताएं पैदा होंगी और टीजीटी कैडर से जुड़े हजारों अध्यापक पदोन्नति से वंचित हो जाएंगे, जो 25 से 30 वर्ष सेवाकाल के बाद बिना कोई प्रमोशन के रिटायर हो रहे हैं। प्रदेश में पहले 1049 हेडमास्टर के पद थे जोकि अब हाई स्कूल न बनने से 843 तक सिमट कर रह गए हैं। केवल सिंह ने सरकार से आग्रह किया है कि प्रदेश में हाई स्कूलों की संख्या को बढ़ाया जाए और हेडमास्टर्स की सीधी भर्ती को तत्काल प्रभाव से रोका जाए। इस कैडर से पदोन्नति द्वारा सभी हेडमास्टर्स के पदों को भरा जाए। जिला प्रधान के अलावा संघ के महासचिव राजेंद्र पटियाल, वित्त सचिव प्रवीण सिंह, उपप्रधान राजेश कटोच, सुशील पठानिया, विशाल ढटवालिया, अरूण शर्मा ने भी सरकार से आग्रह किया है कि पंजाब की तर्ज पर सभी भत्ते शीघ्र जारी किए जाएं।
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हेडमास्टरों की सीधी भर्ती को लेकर उपजा विवाद शांत होता नजर नहीं आ रहा है। इस मुद्दे पर छह शिक्षक संगठनों की बुधवार को शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति के साथ हुई वार्ता फेल हो गई। इसके विरोध में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के बैनर तले करीब एक हजार संख्या में शिक्षक निदेशालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे।
सीधी भर्ती पर छह शिक्षक संगठनों ने आपत्ति जताई है। इसमें हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ, टीजीटी कला अध्यापक संघ, टीजीटी साइंस अध्यापक संघ, पदोन्नत स्कूल प्रवक्ता संघ, टीजीटी समन्वय समिति और हेडमास्टर व प्रिंसिपल संघ शामिल है। शिक्षक संघ से जुड़े नेता पीआर सांख्यान, राकेश कानूनगो, योगराज डोगरा, सोमदत्त, भाग सिंह और अजय शर्मा ने कहा कि शिक्षकों के हितों से खिलवाड़ हो रहा है।
सीएम से भी हुई थी बात
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष पीआर सांख्यान के बैनर तले शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल पहले मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के समक्ष अपना पक्ष रख चुका है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने शिक्षक नेताओं को बुधवार शिक्षा सचिव से वार्ता करने को कहा था।
सांख्यान के अनुसार 212 हेडमास्टरों की सीधी भर्ती नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने वर्ष 1998 में बने भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को बदलने और हेडमास्टरों के सभी पद पदोन्नति प्रक्रिया से भरने की मांग की। साथ ही सीनियर सेकंडरी स्कूलों में खाली पड़े हेडमास्टरों के 236 पद भरने की मांग भी की। हाई स्कूलों में 333 पद खाली हैं।
ये है विरोध की जड़
प्रदेश सरकार ने हेडमास्टरों के 212 पदों को सीधी भर्ती से भरने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया में प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक भी भाग ले सकते हैं। शिक्षक संगठनों का तर्क है कि यह मामला टीजीटी काडर के 25 हजार शिक्षकों से जुड़ा है। ऐसे में हेडमास्टरों की सीधी भर्ती नहीं होनी चाहिए। इससे पहले हेडमास्टरों की भर्ती सरकारी शिक्षकों से ही होती रही है। यह पहला मौका है जब इसे सीधे तौर पर भरा जा रहा है।
11 को जोगेंद्रनगर में धरना देंगे पीटीए शिक्षक
धर्मपुर. पीटीए अध्यापक/प्राध्यापक संघ के तहत पीटीए शिक्षक 11 नवंबर को प्रदर्शन करेंगे। मंडी के अध्यक्ष हरि ओम वर्मा ने सरकार पर पीटीए शिक्षकों की अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि लगभग चार साल के कार्यकाल में पीटीए शिक्षकों को आश्वासनों के सिवा कुछ नहीं मिला है। सरकार ने पीटीए शिक्षकों को छोड़ प्रदेश के सभी कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ दिया है। पैराटीचर, विद्या उपासक और ग्रामीण विद्या उपासकों को वित्तीय लाभ के साथ नियमित भी किया है, लेकिन पांच साल का समय बीत जाने के बावजूद पीटीए शिक्षकों को कोई लाभ नहीं दिया गया(दैनिक भास्कर,शिमला,3.11.11)।