टीईटी की मेरिट सूची के आधार पर नियुक्त होंगे शिक्षक ( Recruitment of Teachers on the basis of TET Merit List)
Some news source suggest - Change in Basic Education Service Rule 1981, amendment in rule 8,14,27 and 29
लखनऊ| उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा।इसके लिए शिक्षकों का चयन मेरिट लिस्ट के आधार पर होगा| मंगलवार को कैबिनेट ने प्रदेश बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली, 1981 के नियम 8, 14, 27 और 29 में संशोधन किया गया है|
ज्ञात हो कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने पहले से आठवीं तक की कक्षाओं में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी को उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) की मंशा को लागू करते हुए कैबिनेट ने उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए निर्धारित शैक्षिक योग्यता से संबंधित नियम 8 में संशोधन कर दिया है।
संशोधन के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति के लिए तय शैक्षिक योग्यता के अलावा भर्ती के लिए टीईटी को उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके आलावा नियमावली के नियम 14 को संशोधित करते हुए कैबिनेट ने टीईटी की मेरिट सूची को ही शिक्षकों की नियुक्ति का आधार बनाने का फैसला किया है।
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश सरकार ने प्रदेश में उप्र नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली, 2011 लागू कर दी है। अध्यापक सेवा नियमावली में शिक्षकों के दायित्वों से संबंधित नियम-27 में संशोधन करते हुए अध्यापकों के कर्तव्यों को उसमें जोड़ दिया है। इन कर्तव्यों के तहत शिक्षकों की विद्यालय में नियमित और समय से उपस्थिति अनिवार्य होगी और बच्चों को नियमित तोर पर पढाना व उनके लेखन कार्य का परिक्षण करना होगा| वह बच्चों की पढ़ाई के बारे में नियमित रूप से उनके माता-पिता से चर्चा भी करेंगे। जब अपेक्षा की जाएगी, विद्यालय प्रबंध समिति के क्रियाकलापों के प्रबंधन में सहयोग भी करेंगे।
ज्ञात हो कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने पहले से आठवीं तक की कक्षाओं में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी को उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) की मंशा को लागू करते हुए कैबिनेट ने उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए निर्धारित शैक्षिक योग्यता से संबंधित नियम 8 में संशोधन कर दिया है।
संशोधन के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति के लिए तय शैक्षिक योग्यता के अलावा भर्ती के लिए टीईटी को उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके आलावा नियमावली के नियम 14 को संशोधित करते हुए कैबिनेट ने टीईटी की मेरिट सूची को ही शिक्षकों की नियुक्ति का आधार बनाने का फैसला किया है।
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश सरकार ने प्रदेश में उप्र नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली, 2011 लागू कर दी है। अध्यापक सेवा नियमावली में शिक्षकों के दायित्वों से संबंधित नियम-27 में संशोधन करते हुए अध्यापकों के कर्तव्यों को उसमें जोड़ दिया है। इन कर्तव्यों के तहत शिक्षकों की विद्यालय में नियमित और समय से उपस्थिति अनिवार्य होगी और बच्चों को नियमित तोर पर पढाना व उनके लेखन कार्य का परिक्षण करना होगा| वह बच्चों की पढ़ाई के बारे में नियमित रूप से उनके माता-पिता से चर्चा भी करेंगे। जब अपेक्षा की जाएगी, विद्यालय प्रबंध समिति के क्रियाकलापों के प्रबंधन में सहयोग भी करेंगे।