टीईटी आगे जारी रहने पर चुप्पी (Silence on continuation of TET Examination after 1st Jan 2012)
देहरादून, जागरण ब्यूरो:
टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) में आगे जारी रहे, इस बारे में भी राज्य के स्तर से केंद्र को पैरवी नहीं की गई है। उधर, टीईटी पास अभ्यर्थियों को प्राइमरी शिक्षकों के रूप में नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू होने का इंतजार है।
टीईटी के जरिए बीएड डिग्रीधारकों को प्राइमरी शिक्षक बनने का मौका एक जनवरी, 2012 के बाद नहीं मिलेगा। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) केंद्रीय एक्ट के निर्देशों के मुताबिक एक जनवरी, 2012 के बाद प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी का आयोजन नहीं किया जा सकेगा। यह प्रावधान बदस्तूर जारी रहा तो टीईटी में सफल नहीं रहने वाले और नए बीएड डिग्रीधारकों के लिए प्राइमरी शिक्षक बनने की राह भविष्य में बंद हो जाएगी। अलबत्ता, टीईटी में कामयाब हो चुके बीएड डिग्रीधारक ही प्राइमरी शिक्षक बन सकेंगे। अगले कैलेंडर इयर से सिर्फ एलीमेंटरी एजुकेशन में डिग्री और डिप्लोमाधारकों को ही बतौर प्राइमरी शिक्षक नियुक्ति का पात्र माना जाएगा। इस वजह से सरकार दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण को डीएलएड के रूप में बदल चुकी है।
हालांकि बीएड की तर्ज पर बीपीएड व डीपीएड डिग्रीधारकों को टीईटी में शामिल होने का मौका नहीं मिल सका। इस मामले में एनसीटीई ने राज्यों से सुझाव भी मांगे थे। उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्य इस सुझाव का समर्थन कर रहे हैं, जबकि उत्तराखंड सरकार ने इस बारे में अपने स्तर पर फैसला नहीं लिया है, इस बारे में शिक्षा निदेशालय को फैसला करने को कहा गया है। अब टीईटी परीक्षा का रिजल्ट घोषित हो चुका है। सरकार ने आगे भी टीईटी जारी रखने के बारे में केंद्र सरकार के साथ पत्राचार नहीं किया है। उधर, टीईटी रिजल्ट घोषित होने के बाद सफल अभ्यर्थी प्राइमरी शिक्षकों के तौर पर नियुक्ति की बाट जोह रहे हैं। शिक्षा मंत्री मातबर सिंह कंडारी का कहना है कि प्राइमरी शिक्षकों के 2200 पदों पर इन शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ होगी। उन्होंने कहा कि टीईटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया में आचार संहिता बाधक नहीं बनेगी। टीईटी इसी प्रक्रिया का ही हिस्सा है।
टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) में आगे जारी रहे, इस बारे में भी राज्य के स्तर से केंद्र को पैरवी नहीं की गई है। उधर, टीईटी पास अभ्यर्थियों को प्राइमरी शिक्षकों के रूप में नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू होने का इंतजार है।
टीईटी के जरिए बीएड डिग्रीधारकों को प्राइमरी शिक्षक बनने का मौका एक जनवरी, 2012 के बाद नहीं मिलेगा। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) केंद्रीय एक्ट के निर्देशों के मुताबिक एक जनवरी, 2012 के बाद प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी का आयोजन नहीं किया जा सकेगा। यह प्रावधान बदस्तूर जारी रहा तो टीईटी में सफल नहीं रहने वाले और नए बीएड डिग्रीधारकों के लिए प्राइमरी शिक्षक बनने की राह भविष्य में बंद हो जाएगी। अलबत्ता, टीईटी में कामयाब हो चुके बीएड डिग्रीधारक ही प्राइमरी शिक्षक बन सकेंगे। अगले कैलेंडर इयर से सिर्फ एलीमेंटरी एजुकेशन में डिग्री और डिप्लोमाधारकों को ही बतौर प्राइमरी शिक्षक नियुक्ति का पात्र माना जाएगा। इस वजह से सरकार दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण को डीएलएड के रूप में बदल चुकी है।
हालांकि बीएड की तर्ज पर बीपीएड व डीपीएड डिग्रीधारकों को टीईटी में शामिल होने का मौका नहीं मिल सका। इस मामले में एनसीटीई ने राज्यों से सुझाव भी मांगे थे। उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्य इस सुझाव का समर्थन कर रहे हैं, जबकि उत्तराखंड सरकार ने इस बारे में अपने स्तर पर फैसला नहीं लिया है, इस बारे में शिक्षा निदेशालय को फैसला करने को कहा गया है। अब टीईटी परीक्षा का रिजल्ट घोषित हो चुका है। सरकार ने आगे भी टीईटी जारी रखने के बारे में केंद्र सरकार के साथ पत्राचार नहीं किया है। उधर, टीईटी रिजल्ट घोषित होने के बाद सफल अभ्यर्थी प्राइमरी शिक्षकों के तौर पर नियुक्ति की बाट जोह रहे हैं। शिक्षा मंत्री मातबर सिंह कंडारी का कहना है कि प्राइमरी शिक्षकों के 2200 पदों पर इन शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ होगी। उन्होंने कहा कि टीईटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया में आचार संहिता बाधक नहीं बनेगी। टीईटी इसी प्रक्रिया का ही हिस्सा है।
News : Jagran (19.11.11)