Many Candidates all over India are not aware of IBPS examination procedure and without ID proof they are expelled from examination.
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नियमों से उलझन, सैकड़ों परीक्षा से वंचित (Chattisgarh / Raipur : Candidates are not aware of IBPS procedure for COMMON WRITTEN EXAMIANTION for Clerk)
रायपुर ! आईबीपीएस (इंस्टीटयूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन) द्वारा आयोजित लिपिकीय वर्ग भर्ती परीक्षा में नियमों के चलते परीक्षार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। जहां व्यक्तिगत पहचान के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं करने के कारण सैकड़ों को परीक्षा से वंचित होना पड़ा, वहीं कई को पहचान पत्र जुटाने में समय लगने के कारण बाहर कर दिया। इससे ज्यादातर केन्द्रों में अफरा-तफरी का माहौल था। बताया गया है कि 19 बैंकों में भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में ओरिजनल चालान, आईडी प्रूफ के साथ प्रवेश पत्र की मांग की गई थी। इसमें कई परीक्षार्थी केन्द्र में आईडी प्रूफ और चालान की ओरिजनल प्रति लेकर नहीं पहुंचे, इसके चलते उन्हें परीक्षा से बाहर होना पड़ा। वहीं परीक्षार्थी अंडर टेंकिंग लेकर परीक्षा में सम्मिलित होने की मांग कर रहे थे, जिसे अधिकारियों ने मानने से इंकार कर दिया। इससे हड़कम्प मचा रहा। अधिकारियों का कहना था कि आईबीपीएस के स्पष्ट निर्देश रहते हैं, जो प्रवेश पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज न लाए, उन्हें शामिल न किया जाए। वहीं प्रवेश पत्र के साथ भेजी गई पुस्तिका में जरूरी दस्तावेज का विवरण रहता है, इसके बावजूद परीक्षार्थी अनदेखी करते हैं। उन्होंने बताया कि लिपिकीय वर्ग के रिक्त 40 हजार से अधिक पदों में भर्ती के लिए दो पालियों में परीक्षा आयोजित की गई। इसमें 50 हजार ने परीक्षा दिलाई तथा चयन के लिए आश्वस्त दिखलाई पड़े। जबकि परीक्षा के आयोजन के लिए एक दर्जन से अधिक स्कूल-कॉलेजों को केन्द्र बनाया गया था, जहां सुबह से काफी गहमा-गहमी रही।
विदित हो कि सेन्ट्रल बैंक सहित राष्ट्रीय व गैर राष्ट्रीय 19 बैंकों की परीक्षा के लिए राजधानी में महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय, पं. जयनारायण उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, विवेकानंद कॉलेज, दुर्गा कॉलेज, डिग्री गर्ल्स कॉलेज को परीक्षा केन्द्र बनाया गया था, जिसमें प्रदेश भर से करीब 50 हजार परीक्षार्थी हिस्सा लेने पहुंचे। जिन्होंने दो सत्रों में परीक्षा दिलाई। इसमें सुबह के सत्र में प्रात: 9 से 12 बजे तक तथा द्वितीय सत्र में दोपहर 1.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक परीक्षाएं हुई। बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित परीक्षा में परीक्षार्थी गणित व कम्प्यूटर के प्रश्नों को कठिन बताया। उनका कहना था कि गणित को हल किए बिना उत्तर देना गलत होता है और गणित को हल करने में समय लगता है, ऐसे में कठिनाई हुई। वहीं कम्प्यूटर के विषय को नियमित नहीं पढ़ने के कारण समस्या आई। परीक्षार्थियों ने कहा कि अन्य प्रश् सामान्य थे, जिन्हें आसानी से हल कर लिया गया तथा उम्मीद है कि उनका चयन हो जाए।
News: Deshbhandhu ( 28.11.11)
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संजौली के निजी संस्थान में रविवार को इंस्टीट्यूट आफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन बोर्ड की परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थी दूर-दूर से पहुंचे थे। सार्वजनिक क्षेत्र में 19 बैंकों के लिए क्लर्क संवर्ग की भर्ती के लिए सामूहिक परीक्षा हो रही है। विकासनगर से पहुंची ललिता कुमारी का आरोप है कि उन्होेंने फोटो आईडी प्रूफ कुछ समय बाद देने की बात कही। लेकिन, उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। वहीं कुछ विशेष अभ्यर्थियों को ऐसा करने दिया गया। धामी से पहुंची मीना कुमारी ने बताया कि वे समय पर टेस्ट के लिए पहुंची। परीक्षा केंद्र में बैठने के बाद बाकायदा बैंक अधिकारियों ने दस्तावेज पर साइन भी कर दिए लेकिन, बाद में फोटो आईडी न होने के कारण उन्हें परीक्षा से बाहर निकाल दिया। अभी वह अठारह साल की हुई हैं। फोटो आईडी उनके पास नहीं है। इस नीति का उन्होंने विरोध किया। कहा कि रोल नंबर स्लिप पर नाम, पता और फोटो है। फिर फोटो आईडी कि क्या जरूरत है। बाद में फोटो आईडी मुहैया करवाई जा सकती है।
सोलन से पहुंची सोनिया कुमारी ने बताया कि बैंक चालान की मूल कापी कहीं खो गई। फार्म भी दर्शाया और संबंधित बैंक से डुप्लीकेट कापी इश्यू करने के लिये आवेदन भी किया। परीक्षा केंद्र में बैठ चुकी थी कि उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और गेट बंद कर दिया गया। कंडा से पहुंची मोनिका के अलावा शिमला शहर से पूनम, दीपिका, ममता, राकेश, अंकिता और नवदीप सिंह को भी इसी तरह से परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। कहा कि इस बैंक की परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की है। साथ ही औसतन एक हजार का खर्च बैठा है।
चार और ग्यारह को भी परीक्षा
शिमला। चार और ग्यारह दिसंबर को भी परीक्षा आयोजित की जानी है। बैंक अधिकारियों ने अपील की है कि अभ्यर्थी पूरे दस्तावेजों के सहित परीक्षा केंद्र में समय पर पहुंचे। जरूरी दस्तावेजों के अभाव और केंद्र में लेट पहुंचने पर परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा।
नियम तो नियम हैं : सह प्रभारी
शिमला। गेट के बाहर घेरे सह प्रभारी दीपक जैन के सामने जब अभ्यर्थियों ने विरोध जताया तो उन्होंने कहा कि नियम सबके लिए एक बराबर हैं। विशेष अभ्यर्थी को छूट देने की बात को उन्होंने सिरे से नकार दिया। कहा कि नियमों के तहत ही अभ्यर्थियों को बाहर निकाला गया है।
News : Amar Ujala ( 28.11.11)
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महीनों से तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों को जब नौकरी पाने का सपना टूटता नजर आया तो उन्होंने केंद्रों के बाहर हंगामा कर दिया। स्थिति को संभालने के लिए कई केंद्रों पर पुलिस बुलानी पड़ी।
अभ्यर्थी सीकर, अलवर, कुचामन सिटी, टोंक, दौसा, श्रीमाधोपुर व जयपुर शहर व आसपास के इलाकों से आए थे। उनका कहना था कि उनके पास पहचान के प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रति है, लेकिन इसको नहीं माना जा रहा। दूसरी ओर कई केंद्रों पर अभ्यर्थियों को पहले प्रवेश की अनुमति दे दी गई। बाद में जबरन बाहर निकाल दिया गया।
प्रवेश पत्रों में परीक्षा केंद्रों का सही पता नहीं होने से भी अभ्यर्थी शहर में इधर से उधर भटकते रहे। इससे वे समय पर परीक्षा केंद्रों पर नहीं पहुंच सके और वंचित हो गए। अंबाबाड़ी के आदर्श विद्या मंदिर, बियानी गल्र्स कॉलेज, सुबोध स्कूल, टैगोर स्कूल, ध्रुव बाल स्कूल सहित कई केंद्रों पर अभ्यर्थियों ने परीक्षा आयोजकों के खिलाफ नारेबाजी की।
बियानी गल्र्स कॉलेज में परीक्षा देने आई करतारपुरा की राजकुमारी शर्मा ने आरोप लगाया कि उसने समय पर पहचान के दस्तावेज दिखा दिए थे, इसके बावजूद उसे बाहर निकाल दिया गया। इसका विरोध करने पर कॉलेज में उसके व पिता कजोड़मल शर्मा के साथ बदतमीजी की।
बैंक में नौकरी पाने का सपना टूटने से दुखी राजकुमारी केंद्र के बाहर आकर फूट फूटकर रोने लगी। उसने बताया कि अगर उसके कागज अधूरे थे तो पहले प्रवेश क्यों करने दिया गया। उसने ओएमआर शीट भर ली थी, तभी अचानक बाहर निकाल दिया। राजकुमारी सहित कई अभ्यर्थियों ने शिकायत विद्याधर नगर थाने में की है।
बियानी कॉलेज में ही परीक्षा देने आए राकेश सिंह राठौड़ ने बताया कि उसके पास ओरिजनल मूल निवास प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस व इनकी प्रमाणित प्रतिलिपि थी। इसके बावजूद परीक्षा में नहीं घुसने दिया। यही स्थिति आदर्श विद्या मंदिर, ध्रुव बाल निकेतन व टैगोर पब्लिक स्कूल सहित कई केंद्रों पर रही। वंचित हुए परीक्षार्थियों ने केंद्रों के बाहर हंगामा व नारेबाजी की।
प्रवेश पत्र लिए भटके अभ्यर्थी
जयपुर के विक्रम मीणा, ओपी मीणा और किशन मीणा ने बताया कि वे प्रवेश पत्र लेकर जब रामगढ़ मोड़ पर ध्रुव बाल निकेतन पहुंचे तो उन्हें स्कूल की दूसरी ब्रांच में भेज दिया गया। दूसरी से तीसरी ब्रांच में और तीसरी से वापस पहले वाली ब्रांच में भेज दिया गया, लेकिन कोई यह बताने को तैयार नहीं था कि उनका सेंटर कहां है।
घूमकर जब वे वापस पहली ब्रांच में गए तो उनको यह कह दिया गया कि अब आप लेट हो गए, इसलिए प्रवेश नहीं कर सकते। उनकी गलती नहीं होते हुए भी वे परीक्षा से वंचित कर दिए गए।
क्यों हुई गफलत
सुबह 9 बजे शुरू हुई परीक्षा में अभ्यर्थियों को पहचान के लिए पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, फोटो सहित बैंक पासबुक, मान्यता प्राप्त विवि से संबंध कॉलेज से जारी पहचान पत्र मूल रूप से और साथ में फोटो कॉपी लाने के लिए कहा गया था।
अभ्यर्थी फोटो कॉपी तो ले आए, लेकिन ओरिजनल नहीं लाए। कई महीनों से परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को इस एक दस्तावेज के अभाव में जब परीक्षा से वंचित किया गया तो वे बिफर गए और उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया।
"नियमानुसार अभ्यर्थी को पहचान का ओरिजनल दस्तावेज भी साथ लाना था। इसकी सूचना पहले ही दे दी गई थी। इसके बावजूद जो ओरिजनल दस्तावेज नहीं लाए, उनको प्रवेश नहीं करने दिया गया। राजकुमारी व उसके पिता से किसी प्रकार की बदतमीजी नहीं की गई। उनके आरोप झूठे हैं।"
-शंकर लाल बुनकर, बैंक ऑफिसर (एग्जाम), बियानी गर्ल्स कॉलेज
News : Bhaskar (28.11.11)
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ज्यादातर केंद्रों पर अचानक फैली अव्यवस्था और अन्य कारणों से 8426 परीक्षार्थी परीक्षा नहीं दे पाए। परीक्षा में 49 केंद्रों पर 44 हजार 350 छात्रों को शामिल होना था, लेकिन 35हजार 924 छात्र ही बैठ पाए। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि चालान या परिचय पत्र नहीं लाने के कारण परीक्षा न दे पानेवाले छात्रों की संख्या महज 450 ही थी ।
दो चरणों में हुई परीक्षा में कुछ परीक्षार्थी ऐसे भी थे, जिन्हें 4 दिसंबर को होने वाली दूसरी परीक्षा में शामिल होना था, पर वे गलती से पहुंच गए।
17९ परीक्षार्थियों को परीक्षा से बाहर कर दिया
स्कीम नं. 71 स्थित वैष्णव कॉलेज में सुबह 9.30 बजे सबसे बड़ा हंगामा हुआ। यहां रीवा, रतलाम, सागर सहित विभिन्न जिलों से आये 179 छात्र-छात्राओं को केंद्र से बाहर कर दिया गया। कुछ विद्यार्थियों ने तो उत्तर पुस्तिका भरनी भी शुरू कर दी थी।
इन विद्यार्थियों से उत्तर पुस्तिका तक छीन ली गई। छात्र-छात्राएं इससे आक्रोशित हो गए व हंगामा करने लगे। कॉलेज प्रबंधन ने चंदननगर पुलिस को बुला लिया। पहले छात्र-छात्राओं को समझाने की कोशिश की, नहीं मानने पर बल प्रयोग कर उन्हें नियंत्रित किया गया।
कलर फोटो नहीं था तो बाहर कर दिया
रतलाम से आई मोनिका जोशी ने बताया उनके कॉल लेटर में ब्लैक-एंड व्हाइट फोटो था और उन्होंने साथ में कलर फोटो लगाया। दोनों में चेहरे साफ और स्पष्ट हैं, फिर भी एंगल अलग होने से उन्हें बाहर कर दिया गया। अक्षय जोशी, अश्विन तिवारी, राजीव तिवारी व अन्य छात्रों ने बताया उनके पास भी पूरे दस्तावेज थे, फिर भी छोटी-छोटी त्रुटियों के कारण उन्हें बाहर कर दिया गया। किसी के पास सारी रसीदें नहीं थी, तो किसी के पास मनचाहा पहचान-पत्र नहीं था।
कई केंद्रों में हुई बहस
हंगामा केवल वैष्णव कॉलेज में ही नहीं बरपा, बल्कि कई अन्य परीक्षा केंद्रों पर भी परीक्षार्थियों ने भारी विरोध जताया। नसिया रोड और विजय नगर स्थित गुजराती कॉलेज स्थित परीक्षा केंद्रों पर भी परीक्षार्थियों ने नाराजगी जताई। गुजराती प्रोफेशन कॉलेज में तो पुलिस को बुलाना पड़ा। कई परीक्षार्थियों ने गेट पर खड़े रहकर काफी देर नारेबाजी की।
‘इस बार के नियम बहुत सख्त हैं’
भास्कर ने वैष्णव कॉलेज के जेएस पंवार व परीक्षा लेने आए बैंक प्रतिनिधि मनोहर सोप से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि इस बार परीक्षा के नियम बहुत सख्त हैं। अथॉरिटी द्वारा पूर्व में ही सभी छात्रों को कॉल लेटर पर ही परीक्षा केंद्र आने के लिए निर्धारित दस्तावेजों की जानकारी लिखित में दी गई थी। जिनके पास कमी पाई गई उन्हें ही बाहर किया गया।
दस्तावेज तो बेहद जरूरी है
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक एच.बी. पंतोला का कहना था कि इस परीक्षा में दस्तावेज लाना बेहद जरूरी है। सभी परीक्षार्थियों को इस संबंध में काफी पहले ही निर्देशित किया जा चुका था। नियमों के चलते करीब 450 परीक्षार्थियों को रोका गया। बाकी के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते। बैंकों से जुड़े मामलों के जानकार सुरेश शुक्ला का कहना था कि इंस्टिट्यूट की कोई गलती नहीं थी, परीक्षार्थियों की लापरवाही के कारण दिक्कत आई।
News : Bhaskarnews (28.11.11)
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नियमों से उलझन, सैकड़ों परीक्षा से वंचित (Chattisgarh / Raipur : Candidates are not aware of IBPS procedure for COMMON WRITTEN EXAMIANTION for Clerk)
रायपुर ! आईबीपीएस (इंस्टीटयूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन) द्वारा आयोजित लिपिकीय वर्ग भर्ती परीक्षा में नियमों के चलते परीक्षार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। जहां व्यक्तिगत पहचान के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं करने के कारण सैकड़ों को परीक्षा से वंचित होना पड़ा, वहीं कई को पहचान पत्र जुटाने में समय लगने के कारण बाहर कर दिया। इससे ज्यादातर केन्द्रों में अफरा-तफरी का माहौल था। बताया गया है कि 19 बैंकों में भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में ओरिजनल चालान, आईडी प्रूफ के साथ प्रवेश पत्र की मांग की गई थी। इसमें कई परीक्षार्थी केन्द्र में आईडी प्रूफ और चालान की ओरिजनल प्रति लेकर नहीं पहुंचे, इसके चलते उन्हें परीक्षा से बाहर होना पड़ा। वहीं परीक्षार्थी अंडर टेंकिंग लेकर परीक्षा में सम्मिलित होने की मांग कर रहे थे, जिसे अधिकारियों ने मानने से इंकार कर दिया। इससे हड़कम्प मचा रहा। अधिकारियों का कहना था कि आईबीपीएस के स्पष्ट निर्देश रहते हैं, जो प्रवेश पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज न लाए, उन्हें शामिल न किया जाए। वहीं प्रवेश पत्र के साथ भेजी गई पुस्तिका में जरूरी दस्तावेज का विवरण रहता है, इसके बावजूद परीक्षार्थी अनदेखी करते हैं। उन्होंने बताया कि लिपिकीय वर्ग के रिक्त 40 हजार से अधिक पदों में भर्ती के लिए दो पालियों में परीक्षा आयोजित की गई। इसमें 50 हजार ने परीक्षा दिलाई तथा चयन के लिए आश्वस्त दिखलाई पड़े। जबकि परीक्षा के आयोजन के लिए एक दर्जन से अधिक स्कूल-कॉलेजों को केन्द्र बनाया गया था, जहां सुबह से काफी गहमा-गहमी रही।
विदित हो कि सेन्ट्रल बैंक सहित राष्ट्रीय व गैर राष्ट्रीय 19 बैंकों की परीक्षा के लिए राजधानी में महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय, पं. जयनारायण उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, विवेकानंद कॉलेज, दुर्गा कॉलेज, डिग्री गर्ल्स कॉलेज को परीक्षा केन्द्र बनाया गया था, जिसमें प्रदेश भर से करीब 50 हजार परीक्षार्थी हिस्सा लेने पहुंचे। जिन्होंने दो सत्रों में परीक्षा दिलाई। इसमें सुबह के सत्र में प्रात: 9 से 12 बजे तक तथा द्वितीय सत्र में दोपहर 1.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक परीक्षाएं हुई। बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित परीक्षा में परीक्षार्थी गणित व कम्प्यूटर के प्रश्नों को कठिन बताया। उनका कहना था कि गणित को हल किए बिना उत्तर देना गलत होता है और गणित को हल करने में समय लगता है, ऐसे में कठिनाई हुई। वहीं कम्प्यूटर के विषय को नियमित नहीं पढ़ने के कारण समस्या आई। परीक्षार्थियों ने कहा कि अन्य प्रश् सामान्य थे, जिन्हें आसानी से हल कर लिया गया तथा उम्मीद है कि उनका चयन हो जाए।
News: Deshbhandhu ( 28.11.11)
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बैंकिंग परीक्षा से बाहर निकालने पर अभ्यर्थी लाल
शिमला। किन्हीं कारणों से बैंकिंग परीक्षा केंद्र से बाहर निकालने पर अभ्यर्थी लाल हो उठे और परीक्षा के बीच गेट से बाहर निकल रहे सेकेंड इंचार्ज को घेर डाला। लिखित शिकायत सौंपते हुए सह प्रभारी से परीक्षा केंद्र से बाहर निकाले जाने का स्पष्टीकरण मांगा गया। साथ ही परीक्षा में जबरन न बैठने देने का आरोप जड़ते हुए शिकायत पत्र सौंपा। आरोप है कि कुछ छात्रों को विशेष छूट क्यों दी गई? इस परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत करके आए हैं। साथ ही एक हजार रुपये खर्चे हैं।संजौली के निजी संस्थान में रविवार को इंस्टीट्यूट आफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन बोर्ड की परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थी दूर-दूर से पहुंचे थे। सार्वजनिक क्षेत्र में 19 बैंकों के लिए क्लर्क संवर्ग की भर्ती के लिए सामूहिक परीक्षा हो रही है। विकासनगर से पहुंची ललिता कुमारी का आरोप है कि उन्होेंने फोटो आईडी प्रूफ कुछ समय बाद देने की बात कही। लेकिन, उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। वहीं कुछ विशेष अभ्यर्थियों को ऐसा करने दिया गया। धामी से पहुंची मीना कुमारी ने बताया कि वे समय पर टेस्ट के लिए पहुंची। परीक्षा केंद्र में बैठने के बाद बाकायदा बैंक अधिकारियों ने दस्तावेज पर साइन भी कर दिए लेकिन, बाद में फोटो आईडी न होने के कारण उन्हें परीक्षा से बाहर निकाल दिया। अभी वह अठारह साल की हुई हैं। फोटो आईडी उनके पास नहीं है। इस नीति का उन्होंने विरोध किया। कहा कि रोल नंबर स्लिप पर नाम, पता और फोटो है। फिर फोटो आईडी कि क्या जरूरत है। बाद में फोटो आईडी मुहैया करवाई जा सकती है।
सोलन से पहुंची सोनिया कुमारी ने बताया कि बैंक चालान की मूल कापी कहीं खो गई। फार्म भी दर्शाया और संबंधित बैंक से डुप्लीकेट कापी इश्यू करने के लिये आवेदन भी किया। परीक्षा केंद्र में बैठ चुकी थी कि उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और गेट बंद कर दिया गया। कंडा से पहुंची मोनिका के अलावा शिमला शहर से पूनम, दीपिका, ममता, राकेश, अंकिता और नवदीप सिंह को भी इसी तरह से परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। कहा कि इस बैंक की परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की है। साथ ही औसतन एक हजार का खर्च बैठा है।
चार और ग्यारह को भी परीक्षा
शिमला। चार और ग्यारह दिसंबर को भी परीक्षा आयोजित की जानी है। बैंक अधिकारियों ने अपील की है कि अभ्यर्थी पूरे दस्तावेजों के सहित परीक्षा केंद्र में समय पर पहुंचे। जरूरी दस्तावेजों के अभाव और केंद्र में लेट पहुंचने पर परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा।
नियम तो नियम हैं : सह प्रभारी
शिमला। गेट के बाहर घेरे सह प्रभारी दीपक जैन के सामने जब अभ्यर्थियों ने विरोध जताया तो उन्होंने कहा कि नियम सबके लिए एक बराबर हैं। विशेष अभ्यर्थी को छूट देने की बात को उन्होंने सिरे से नकार दिया। कहा कि नियमों के तहत ही अभ्यर्थियों को बाहर निकाला गया है।
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सैकड़ों अभ्यर्थियों का नौकरी का सपना टूटते ही फूट पड़े आंसू!
जयपुर.इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन की ओर से रविवार को जयपुर में हुई सार्वजनिक क्षेत्रों के 19 बैंकों की लिपिकीय संवर्ग भर्ती परीक्षा में पहचान के ओरिजनल दस्तावेज की गफलत के कारण सैकड़ों अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित हो गए।महीनों से तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों को जब नौकरी पाने का सपना टूटता नजर आया तो उन्होंने केंद्रों के बाहर हंगामा कर दिया। स्थिति को संभालने के लिए कई केंद्रों पर पुलिस बुलानी पड़ी।
अभ्यर्थी सीकर, अलवर, कुचामन सिटी, टोंक, दौसा, श्रीमाधोपुर व जयपुर शहर व आसपास के इलाकों से आए थे। उनका कहना था कि उनके पास पहचान के प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रति है, लेकिन इसको नहीं माना जा रहा। दूसरी ओर कई केंद्रों पर अभ्यर्थियों को पहले प्रवेश की अनुमति दे दी गई। बाद में जबरन बाहर निकाल दिया गया।
प्रवेश पत्रों में परीक्षा केंद्रों का सही पता नहीं होने से भी अभ्यर्थी शहर में इधर से उधर भटकते रहे। इससे वे समय पर परीक्षा केंद्रों पर नहीं पहुंच सके और वंचित हो गए। अंबाबाड़ी के आदर्श विद्या मंदिर, बियानी गल्र्स कॉलेज, सुबोध स्कूल, टैगोर स्कूल, ध्रुव बाल स्कूल सहित कई केंद्रों पर अभ्यर्थियों ने परीक्षा आयोजकों के खिलाफ नारेबाजी की।
बियानी गल्र्स कॉलेज में परीक्षा देने आई करतारपुरा की राजकुमारी शर्मा ने आरोप लगाया कि उसने समय पर पहचान के दस्तावेज दिखा दिए थे, इसके बावजूद उसे बाहर निकाल दिया गया। इसका विरोध करने पर कॉलेज में उसके व पिता कजोड़मल शर्मा के साथ बदतमीजी की।
बैंक में नौकरी पाने का सपना टूटने से दुखी राजकुमारी केंद्र के बाहर आकर फूट फूटकर रोने लगी। उसने बताया कि अगर उसके कागज अधूरे थे तो पहले प्रवेश क्यों करने दिया गया। उसने ओएमआर शीट भर ली थी, तभी अचानक बाहर निकाल दिया। राजकुमारी सहित कई अभ्यर्थियों ने शिकायत विद्याधर नगर थाने में की है।
बियानी कॉलेज में ही परीक्षा देने आए राकेश सिंह राठौड़ ने बताया कि उसके पास ओरिजनल मूल निवास प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस व इनकी प्रमाणित प्रतिलिपि थी। इसके बावजूद परीक्षा में नहीं घुसने दिया। यही स्थिति आदर्श विद्या मंदिर, ध्रुव बाल निकेतन व टैगोर पब्लिक स्कूल सहित कई केंद्रों पर रही। वंचित हुए परीक्षार्थियों ने केंद्रों के बाहर हंगामा व नारेबाजी की।
प्रवेश पत्र लिए भटके अभ्यर्थी
जयपुर के विक्रम मीणा, ओपी मीणा और किशन मीणा ने बताया कि वे प्रवेश पत्र लेकर जब रामगढ़ मोड़ पर ध्रुव बाल निकेतन पहुंचे तो उन्हें स्कूल की दूसरी ब्रांच में भेज दिया गया। दूसरी से तीसरी ब्रांच में और तीसरी से वापस पहले वाली ब्रांच में भेज दिया गया, लेकिन कोई यह बताने को तैयार नहीं था कि उनका सेंटर कहां है।
घूमकर जब वे वापस पहली ब्रांच में गए तो उनको यह कह दिया गया कि अब आप लेट हो गए, इसलिए प्रवेश नहीं कर सकते। उनकी गलती नहीं होते हुए भी वे परीक्षा से वंचित कर दिए गए।
क्यों हुई गफलत
सुबह 9 बजे शुरू हुई परीक्षा में अभ्यर्थियों को पहचान के लिए पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, फोटो सहित बैंक पासबुक, मान्यता प्राप्त विवि से संबंध कॉलेज से जारी पहचान पत्र मूल रूप से और साथ में फोटो कॉपी लाने के लिए कहा गया था।
अभ्यर्थी फोटो कॉपी तो ले आए, लेकिन ओरिजनल नहीं लाए। कई महीनों से परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को इस एक दस्तावेज के अभाव में जब परीक्षा से वंचित किया गया तो वे बिफर गए और उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया।
"नियमानुसार अभ्यर्थी को पहचान का ओरिजनल दस्तावेज भी साथ लाना था। इसकी सूचना पहले ही दे दी गई थी। इसके बावजूद जो ओरिजनल दस्तावेज नहीं लाए, उनको प्रवेश नहीं करने दिया गया। राजकुमारी व उसके पिता से किसी प्रकार की बदतमीजी नहीं की गई। उनके आरोप झूठे हैं।"
-शंकर लाल बुनकर, बैंक ऑफिसर (एग्जाम), बियानी गर्ल्स कॉलेज
News : Bhaskar (28.11.11)
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8426 विद्यार्थी नहीं दे पाएं परीक्षा, मचा भारी हंगामा
इंदौर. शहर के 49 केंद्रों पर इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन (आईबीपीएस) द्वारा आयोजित लिपिक वर्ग भर्ती परीक्षा के दौरान रविवार को भारी हंगामा मच गया। परिचय-पत्र और चालान की प्रति दिखाने को लेकर हुए विवाद के बाद कई परीक्षा केंद्रों पर पुलिस बुलानी पड़ी।ज्यादातर केंद्रों पर अचानक फैली अव्यवस्था और अन्य कारणों से 8426 परीक्षार्थी परीक्षा नहीं दे पाए। परीक्षा में 49 केंद्रों पर 44 हजार 350 छात्रों को शामिल होना था, लेकिन 35हजार 924 छात्र ही बैठ पाए। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि चालान या परिचय पत्र नहीं लाने के कारण परीक्षा न दे पानेवाले छात्रों की संख्या महज 450 ही थी ।
दो चरणों में हुई परीक्षा में कुछ परीक्षार्थी ऐसे भी थे, जिन्हें 4 दिसंबर को होने वाली दूसरी परीक्षा में शामिल होना था, पर वे गलती से पहुंच गए।
17९ परीक्षार्थियों को परीक्षा से बाहर कर दिया
स्कीम नं. 71 स्थित वैष्णव कॉलेज में सुबह 9.30 बजे सबसे बड़ा हंगामा हुआ। यहां रीवा, रतलाम, सागर सहित विभिन्न जिलों से आये 179 छात्र-छात्राओं को केंद्र से बाहर कर दिया गया। कुछ विद्यार्थियों ने तो उत्तर पुस्तिका भरनी भी शुरू कर दी थी।
इन विद्यार्थियों से उत्तर पुस्तिका तक छीन ली गई। छात्र-छात्राएं इससे आक्रोशित हो गए व हंगामा करने लगे। कॉलेज प्रबंधन ने चंदननगर पुलिस को बुला लिया। पहले छात्र-छात्राओं को समझाने की कोशिश की, नहीं मानने पर बल प्रयोग कर उन्हें नियंत्रित किया गया।
कलर फोटो नहीं था तो बाहर कर दिया
रतलाम से आई मोनिका जोशी ने बताया उनके कॉल लेटर में ब्लैक-एंड व्हाइट फोटो था और उन्होंने साथ में कलर फोटो लगाया। दोनों में चेहरे साफ और स्पष्ट हैं, फिर भी एंगल अलग होने से उन्हें बाहर कर दिया गया। अक्षय जोशी, अश्विन तिवारी, राजीव तिवारी व अन्य छात्रों ने बताया उनके पास भी पूरे दस्तावेज थे, फिर भी छोटी-छोटी त्रुटियों के कारण उन्हें बाहर कर दिया गया। किसी के पास सारी रसीदें नहीं थी, तो किसी के पास मनचाहा पहचान-पत्र नहीं था।
कई केंद्रों में हुई बहस
हंगामा केवल वैष्णव कॉलेज में ही नहीं बरपा, बल्कि कई अन्य परीक्षा केंद्रों पर भी परीक्षार्थियों ने भारी विरोध जताया। नसिया रोड और विजय नगर स्थित गुजराती कॉलेज स्थित परीक्षा केंद्रों पर भी परीक्षार्थियों ने नाराजगी जताई। गुजराती प्रोफेशन कॉलेज में तो पुलिस को बुलाना पड़ा। कई परीक्षार्थियों ने गेट पर खड़े रहकर काफी देर नारेबाजी की।
‘इस बार के नियम बहुत सख्त हैं’
भास्कर ने वैष्णव कॉलेज के जेएस पंवार व परीक्षा लेने आए बैंक प्रतिनिधि मनोहर सोप से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि इस बार परीक्षा के नियम बहुत सख्त हैं। अथॉरिटी द्वारा पूर्व में ही सभी छात्रों को कॉल लेटर पर ही परीक्षा केंद्र आने के लिए निर्धारित दस्तावेजों की जानकारी लिखित में दी गई थी। जिनके पास कमी पाई गई उन्हें ही बाहर किया गया।
दस्तावेज तो बेहद जरूरी है
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक एच.बी. पंतोला का कहना था कि इस परीक्षा में दस्तावेज लाना बेहद जरूरी है। सभी परीक्षार्थियों को इस संबंध में काफी पहले ही निर्देशित किया जा चुका था। नियमों के चलते करीब 450 परीक्षार्थियों को रोका गया। बाकी के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते। बैंकों से जुड़े मामलों के जानकार सुरेश शुक्ला का कहना था कि इंस्टिट्यूट की कोई गलती नहीं थी, परीक्षार्थियों की लापरवाही के कारण दिक्कत आई।
News : Bhaskarnews (28.11.11)
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