बीटीसी चयन में फर्जीवाड़ा! (Scandle in BTC selection process)
मंझनपुर। बीटीसी 2011 के चयन में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की तीन शिक्षिकाओं के बीटीसी में चयन को लेकर उठी उंगली पर हुई जांच में गड़बड़झाले का भंडाफोड़ हुआ है। जिनके आवेदनपत्र के साथ लगे प्रमाणपत्र और मूल अभिलेखों में अंतर मिला है। जांच अधिकारी सीडीओ ने चयन पर रोक लगाने और छह हजार आवेदन पत्रों में लगे प्रमाण पत्रों के दोबारा सत्यापन कराए जाने की संस्तुति के साथ अपनी जांच रिपोर्ट सोमवार को जिलाधिकारी को सौंप दी है। इससे हड़कंप मचा हुआ है। जिला शिक्षण और प्रशिक्षण संस्थान में बीटीसी चयन 2011 में फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ है। फर्जी मार्कशीट पर कई अभ्यर्थियों ने बीटीसी में दाखिला पा लिया है। इसमें अधिकतर अभ्यर्थी कौशाम्बी के उदहिन, खोजवापुर और फतेहपुर जनपद के विभिन्न गांवों के रहने वाले हैं। चयन में गड़बड़ी की शिकायत पर जिलाधिकारी अतुल कुमार ने सीडीओ डॉ एसके पांडेय को प्रकरण की जांच सौंपी। सीडीओ की जांच में रिपोर्ट के मुताबिक बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। सीडीओ के मुताबिक कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में चयनित शिक्षिकाओं के आवेदन पत्र के साथ लगी मार्कशीटों की जांच की गई। इसमें कस्तूरबा में चयन के दौरान आवेदन पत्र के साथ लगे अंकपत्र और बीटीसी चयन 2011 के आवेदन पत्रों के साथ लगी अंकतालिकाओं में मार्क्स में अंतर मिला है। सीडीओ ने मामले को संज्ञान में लेते हुए बीटीसी चयन 2011 पर रोक लगाने के साथ सभी छह हजार आवेदन पत्रों में लगे अभिलेखों की दोबारा जांच और सत्यापन के बाद ही प्रवेश की संस्तुति करते हुए सोमवार को जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है।
News : Amar Ujala (22.11.11)
****************************************बीटीसी 2011 के चयन पर उठे सवाल ( UP BTC 2011 Selection process forgery)
अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच की मांग
आगरा, जागरण संवाददाता: बीटीसी 2004 बैच की नियुक्तियों की तर्ज पर अब वर्ष 2011 के चयन में भी फर्जीवाड़े की आशंका जताई जा रही है। देहात क्षेत्र के कुछ अभ्यर्थियों ने दूसरे युवाओं के द्वारा लगाए गए बाहरी अंकपत्र और प्रमाणपत्रों की जांच की मांग उठाई है।
गौरतलब है कि बीटीसी चयन में इस बार सैकड़ों अभ्यर्थियों ने आवेदनपत्रों में गुरुकुल विद्यालय, दिल्ली बोर्ड आदि बाहरी संस्थाओं की बनी अंकतालिकाएं और प्रमाणपत्र जमा किए हैं। इसमें छात्रों के अंक यूपी बोर्ड के द्वारा दिए गए प्राप्तांकों से काफी ज्यादा हैं। लिहाजा मेरिट सूची में ऐसे करीब 250 अभ्यर्थियों ने वरीयता हासिल की है।
शनिवार को कई अभ्यर्थियों ने इन अंकतालिकाओं और प्रमाणपत्रों पर सवाल उठाए। साथ ही शिक्षा विभाग से जांच की मांग की। अभ्यर्थी नरेश सिंह ने कहा कि मथुरा, दिल्ली से फर्जी तरीके से मार्कशीट बनवाकर लाभ पाने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों की मानें तो काउंसलिंग के दौरान इन बोर्डो से बनी कई अभ्यर्थियों की हाईस्कूल और इंटर की अंकतालिकाएं नई प्रतीत होने पर शिक्षकों को भी फर्जीवाड़े की आशंका प्रतीत हुई है। उन्होंने इसकी शिकायत डायट प्राचार्या से भी की है।
प्राचार्या नीना कटियार ने बताया कि चयन के बाद अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच कराई जाएगी। अगर कोई फर्जीवाड़े में शामिल पाया जाता है तो उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर कार्रवाई की जाएगी।
News : Jagran ( 26.11.11)
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