बाबू बनने के लिए एमबीए-बीई पास भी कतार में ( MBA, BE candidates are in line to get a job of Clerk)
ग्वालियर। दिनोंदिन बढ़ती बेरोजगारी से परेशान लाखों रुपए खर्च कर एमबीए व बीई कर चुके युवक बाबू की नौकरी का मौका भी छोड़ने को तैयार नहीं हैं। कलेक्टोरेट में बाबू के एक अस्थायी पद के लिए आए पचास से अधिक आवेदनों में से दस युवक एमबीए, बीई व एमएससी कर चुके हैं। इनमें से पंद्रह छात्रों को लिखित, मौखिक व टाइपिंग परीक्षा के लिए बुलाया गया। परिणाम जल्द ही घोषित किया जाएगा।
कलेक्टोरेट में गुरुवार को 15 आवेदकों को कार्यालय सहायक (बाबू) के रिक्त पद पर भर्ती के लिए बुलाया गया पर पहुंचे 11 ही आवेदक। चार आवेदक परीक्षा संबंधी सूचना न मिलने के कारण उपस्थित नहीं हो सके। इनकी पहले लिखित फिर टाइपिंग (कम्प्यूटर) परीक्षा हुई। टाइपिंग परीक्षा के बाद पांच आवेदकों का मौखिक साक्षात्कार हुआ।
बाबू के इस पद के लिए शैक्षणिक योग्यता बीएससी व कम्प्यूटर डिप्लोमा आवश्यक है पर आवेदकों में से बहुत से एमबीए, बीई व अन्य परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले भी थे। एक पद के लिए चयन किसका हुआ इसका पता संभवत: सोमवार को नियुक्ति आदेश मिलने के साथ चल जाएगा।
इनका तो नंबर ही नहीं आया
बाबू के रिक्त पद के लिए 58 आवेदन जमा हुए। चूंकि 15 उम्मीदवारों की मेरिट लिस्ट बीएससी के आधार पर बननी थी इसलिए बाकी रहे 43 उम्मीदवारों को लिखित मौखिक परीक्षा के लिए नहीं बुलाया गया। इनमें दीपक सिंह चौहान, निशा आहूजा, अंजली ऐसे आवेदक थे एमबीए व एमएससी पास हैं। वहीं बीई कर चुकीं क्षमा खान, रश्मि राजौरिया व राजुल मिश्रा को भी बाबू के पद के लिए पर्याप्त योग्यता न होने के कारण परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिला।