थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती: एक ही पेपर व मेरिट रखने पर हो सकता है विचार
(RTET Rajasthan : Grade 3rd III Teacher Recruitment, Common Exam / Common Merit Option May Be Adopted )
सीकर.जिला परिषद के मार्फत हो रही ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर सीकर व झुंझुनूं के बाद राज्य के अन्य जिलों में भी आंदोलन बढ़ता जा रहा है। कांग्रेसी विधायकों पर भी प्रेशर बनाया जा रहा है। प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राएं आरपीएससी से भर्ती कराने की मांग उठा रहे हैं। आंदोलन के बीच राज्य सरकार तीसरा रास्ता निकालने की फिराक में दिख रही है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, पूरे प्रदेश का एक ही पेपर रखने के साथ मेरिट भी एक ही रखी जा सकती है। कांग्रेसी विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस बारे में मिलकर मांग भी रखी है। जिसके बाद सरकारी स्तर पर इन पर विचार-विमर्श भी शुरू हो चुका है।
अब तक के निर्देशों में सभी जिलों की परिषदों को अपने हिसाब से पेपर और मेरिट जारी करने के निर्देश हैं। इसकी खास वजह यह है कि कांग्रेस सरकार हर हाल में 41 हजार पदों पर ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती करना चाहती है। चूंकी चुनाव का समय नजदीक है और विपक्ष को कोई मुद्दा नहीं देना चाहती है। विरोध प्रदर्शन के बीच ज्यादातर कांग्रेसी विधायक व मंत्री प्रदर्शनकारियों को भी यही आश्वासन दे रहे हैं कि पूरे प्रदेश की मेरिट एक ही पेपर रख दिया जाएगा।
समझिए सरकार के सामने क्या परेशानी और क्यों एक ही पेपर है?
आरपीएससी से भर्ती की मांग
चूंकी फिलहाल ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन ग्रामीण एवं पंचायत राज विभाग जिला परिषद के मार्फत जिला वाइज मांग रहा है। आवेदन की अंतिम तिथि आठ अप्रैल है। पद भी जिले के अनुसार है और पेपर और रिजल्ट भी जिले के हिसाब से निकाले जाएंगे। हालांकि यह जिम्मेदारी एक निजी एजेंसी को दी गई है। जानकारों की राय है कि सरकार के सामने आरपीएससी से भर्ती कराना बड़ी मुसीबत हो सकती है। क्योंकि इसके लिए उन्हें जिला परिषद को भर्ती कराने की जिम्मेदारी संबंधी विधेयक में बदलाव करना होगा। इसके लिए पूरी प्रक्रिया अपनानी होगी, जिसमें वक्त लग सकता है।
कैसे होगा एक ही पेपर व मेरिट
जानकार बताते हैं कि अभ्यर्थी से विकल्प मांगे जा सकते हैं। अगर वह मेरिट जिसे जिले के हिसाब से हासिल करता है, उसके हिसाब से उसे नियुक्ति की जा सकती है। आरपीएससी ने भी पिछली भर्तियों में यही विकल्प निकाला था।
जिला परिषद से ही क्यों
जिला परिषद से भर्ती कराने की जिम्मेदारी के लिए ज्यादातर विधायक सहमत है। शेखावाटी को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है।इसलिए आंदोलन भी हो रहे हैं। सरकार जिला परिषदों को भर्ती का अधिकार देना चाहती है। बाकी जिलों के विधायक सरकार से मांग कर रहे हैं कि भर्ती जिला परिषद से ही हो। जबकि शेखावाटी मांग आरपीएससी से कर रहा है। आरपीएससी से भर्ती के जरिए 50 फीसदी पद सीकर व झुंझुनूं के खाते में आते हैं।
सरकार के सामने और क्या मजबूरी
सरकार हर हाल में ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती परीक्षा करवाना चाहती है। क्योंकि वे विपक्ष को कोई मुद्दा नहीं देना चाहती। 41 हजार पदों पर भर्ती से सीधे युवा वोटर जुड़े हुए हैं। जबकि विपक्ष आरपीएससी से ही भर्ती कराना चाहता है।
और क्या रास्ते निकाल सकती है सरकार
नौ अप्रैल को विधानसभा में ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर हंगामा हो सकता है। हर कोई इसी मुद्दे को भुनाने के साथ-साथ युवाओं का समर्थन लेने की रणनीति बनाएगा। अगर विधायकों का दबाव बढ़ा तो सरकार एक ही मेरिट व एक ही पेपर की घोषणा भी कर सकती है7 या फिर भर्ती की पूरी जिम्मेदारी किसी एजेंसी को सौंप सकती है। इसके अलावा कॉपी चेक कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को भी सौंपी जा सकती है।
आगे आंदोलन और राजनीतिक मोड़ क्या होगा?
विद्यार्थियों का आंदोलन
शेखावाटी में बुधवार तक 25 से अधिक आंदोलन हो चुके हैं। फतेहपुर में प्रभारी मंत्री दुरु मियां को भी विरोध झेलना पड़ा। आखिरकार बोलना पड़ा कि सरकार के सामने बात रखेंगे। इधर, एनएसयूआई सात अप्रैल को कलेक्ट्रेट के सामने सूरजगढ़ विधायक श्रवणकुमार के साथ सभा कर रही है। वहीं संघर्ष समिति विधानसभा के घेराव की तैयारी। इसके लिए बाकी जिलों से भी समर्थन मांगा गया है।
जनप्रतिनिधियों का रुख
आंदोलन के बीच जनप्रतिनिधि भी सरकार के खिलाफ उनकी मांग रखने की बात कर रहे हैं। झुंझुनूं प्रभारी मंत्री परसादीलाल मीणा भी विरोध के बीच बोल चुके हैं कि भर्ती आरपीएससी से ही होनी चाहिए। यही रुख कांग्रेस के ज्यादातर विधायकों का है। भाजपा व माकपा विधायक भी नौ अप्रैल के विधानसभा सत्र का इंतजार कर रहे हैं।
'प्रदेश में एक ही मेरिट व एक ही पेपर रखने का सुझाव हमने मुख्यमंत्री को दिया है। इस पर मंथन भी हो रहा है। विद्यार्थियों की मांग पर सरकार जरूर विचार करेगी।'
गोविंदसिंह डोटासरा
विधायक, लक्ष्मणगढ
'बच्चे मुझसे मिले थे। सीकर व झुंझुनूं शिक्षा का गढ़ है और बेरोजगारी भी ज्यादा है। मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के सामने यह बात रखी जाएगी। एक ही मेरिट व एक ही पेपर पर भी विचार किया जाएगा।'
राजेंद्र पारीक, उद्योग मंत्री व शहर विधायक
'ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन आठ अप्रैल तक किए जा सकते हैं। एक ही मेरिट व पेपर रखने पर फैसला सरकारी स्तर पर ही हो सकता है।'
लेखराज तोषावड़ा, डिप्टी सेक्रेट्री
ग्रामीण एवं पंचायतराज विभाग
News : Bhaskar (5.4.12)
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Concept of UPTET Common Exam / Common Merit is also become heated discussion in Rajasthan.
May be Selection Criteria can be changed.
(RTET Rajasthan : Grade 3rd III Teacher Recruitment, Common Exam / Common Merit Option May Be Adopted )
सीकर.जिला परिषद के मार्फत हो रही ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर सीकर व झुंझुनूं के बाद राज्य के अन्य जिलों में भी आंदोलन बढ़ता जा रहा है। कांग्रेसी विधायकों पर भी प्रेशर बनाया जा रहा है। प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राएं आरपीएससी से भर्ती कराने की मांग उठा रहे हैं। आंदोलन के बीच राज्य सरकार तीसरा रास्ता निकालने की फिराक में दिख रही है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, पूरे प्रदेश का एक ही पेपर रखने के साथ मेरिट भी एक ही रखी जा सकती है। कांग्रेसी विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस बारे में मिलकर मांग भी रखी है। जिसके बाद सरकारी स्तर पर इन पर विचार-विमर्श भी शुरू हो चुका है।
अब तक के निर्देशों में सभी जिलों की परिषदों को अपने हिसाब से पेपर और मेरिट जारी करने के निर्देश हैं। इसकी खास वजह यह है कि कांग्रेस सरकार हर हाल में 41 हजार पदों पर ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती करना चाहती है। चूंकी चुनाव का समय नजदीक है और विपक्ष को कोई मुद्दा नहीं देना चाहती है। विरोध प्रदर्शन के बीच ज्यादातर कांग्रेसी विधायक व मंत्री प्रदर्शनकारियों को भी यही आश्वासन दे रहे हैं कि पूरे प्रदेश की मेरिट एक ही पेपर रख दिया जाएगा।
समझिए सरकार के सामने क्या परेशानी और क्यों एक ही पेपर है?
आरपीएससी से भर्ती की मांग
चूंकी फिलहाल ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन ग्रामीण एवं पंचायत राज विभाग जिला परिषद के मार्फत जिला वाइज मांग रहा है। आवेदन की अंतिम तिथि आठ अप्रैल है। पद भी जिले के अनुसार है और पेपर और रिजल्ट भी जिले के हिसाब से निकाले जाएंगे। हालांकि यह जिम्मेदारी एक निजी एजेंसी को दी गई है। जानकारों की राय है कि सरकार के सामने आरपीएससी से भर्ती कराना बड़ी मुसीबत हो सकती है। क्योंकि इसके लिए उन्हें जिला परिषद को भर्ती कराने की जिम्मेदारी संबंधी विधेयक में बदलाव करना होगा। इसके लिए पूरी प्रक्रिया अपनानी होगी, जिसमें वक्त लग सकता है।
कैसे होगा एक ही पेपर व मेरिट
जानकार बताते हैं कि अभ्यर्थी से विकल्प मांगे जा सकते हैं। अगर वह मेरिट जिसे जिले के हिसाब से हासिल करता है, उसके हिसाब से उसे नियुक्ति की जा सकती है। आरपीएससी ने भी पिछली भर्तियों में यही विकल्प निकाला था।
जिला परिषद से ही क्यों
जिला परिषद से भर्ती कराने की जिम्मेदारी के लिए ज्यादातर विधायक सहमत है। शेखावाटी को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है।इसलिए आंदोलन भी हो रहे हैं। सरकार जिला परिषदों को भर्ती का अधिकार देना चाहती है। बाकी जिलों के विधायक सरकार से मांग कर रहे हैं कि भर्ती जिला परिषद से ही हो। जबकि शेखावाटी मांग आरपीएससी से कर रहा है। आरपीएससी से भर्ती के जरिए 50 फीसदी पद सीकर व झुंझुनूं के खाते में आते हैं।
सरकार के सामने और क्या मजबूरी
सरकार हर हाल में ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती परीक्षा करवाना चाहती है। क्योंकि वे विपक्ष को कोई मुद्दा नहीं देना चाहती। 41 हजार पदों पर भर्ती से सीधे युवा वोटर जुड़े हुए हैं। जबकि विपक्ष आरपीएससी से ही भर्ती कराना चाहता है।
और क्या रास्ते निकाल सकती है सरकार
नौ अप्रैल को विधानसभा में ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर हंगामा हो सकता है। हर कोई इसी मुद्दे को भुनाने के साथ-साथ युवाओं का समर्थन लेने की रणनीति बनाएगा। अगर विधायकों का दबाव बढ़ा तो सरकार एक ही मेरिट व एक ही पेपर की घोषणा भी कर सकती है7 या फिर भर्ती की पूरी जिम्मेदारी किसी एजेंसी को सौंप सकती है। इसके अलावा कॉपी चेक कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को भी सौंपी जा सकती है।
आगे आंदोलन और राजनीतिक मोड़ क्या होगा?
विद्यार्थियों का आंदोलन
शेखावाटी में बुधवार तक 25 से अधिक आंदोलन हो चुके हैं। फतेहपुर में प्रभारी मंत्री दुरु मियां को भी विरोध झेलना पड़ा। आखिरकार बोलना पड़ा कि सरकार के सामने बात रखेंगे। इधर, एनएसयूआई सात अप्रैल को कलेक्ट्रेट के सामने सूरजगढ़ विधायक श्रवणकुमार के साथ सभा कर रही है। वहीं संघर्ष समिति विधानसभा के घेराव की तैयारी। इसके लिए बाकी जिलों से भी समर्थन मांगा गया है।
जनप्रतिनिधियों का रुख
आंदोलन के बीच जनप्रतिनिधि भी सरकार के खिलाफ उनकी मांग रखने की बात कर रहे हैं। झुंझुनूं प्रभारी मंत्री परसादीलाल मीणा भी विरोध के बीच बोल चुके हैं कि भर्ती आरपीएससी से ही होनी चाहिए। यही रुख कांग्रेस के ज्यादातर विधायकों का है। भाजपा व माकपा विधायक भी नौ अप्रैल के विधानसभा सत्र का इंतजार कर रहे हैं।
'प्रदेश में एक ही मेरिट व एक ही पेपर रखने का सुझाव हमने मुख्यमंत्री को दिया है। इस पर मंथन भी हो रहा है। विद्यार्थियों की मांग पर सरकार जरूर विचार करेगी।'
गोविंदसिंह डोटासरा
विधायक, लक्ष्मणगढ
'बच्चे मुझसे मिले थे। सीकर व झुंझुनूं शिक्षा का गढ़ है और बेरोजगारी भी ज्यादा है। मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के सामने यह बात रखी जाएगी। एक ही मेरिट व एक ही पेपर पर भी विचार किया जाएगा।'
राजेंद्र पारीक, उद्योग मंत्री व शहर विधायक
'ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन आठ अप्रैल तक किए जा सकते हैं। एक ही मेरिट व पेपर रखने पर फैसला सरकारी स्तर पर ही हो सकता है।'
लेखराज तोषावड़ा, डिप्टी सेक्रेट्री
ग्रामीण एवं पंचायतराज विभाग
News : Bhaskar (5.4.12)
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Concept of UPTET Common Exam / Common Merit is also become heated discussion in Rajasthan.
May be Selection Criteria can be changed.