कोर्ट ने इस दिशा में निर्वाचन आयोग से राजनीतिक दलों को ऐसा करने से रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश तय करने को कहा है.
कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा जनता से टेलीविजन और लैपटॉप समेत अन्य मुफ्त उपहारों का वादा जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 के अंतर्गत एक भ्रष्ट परम्परा है. अदालत ने यह महत्वपूर्ण फैसला एक याचिका खारिज करते हुए सुनाया.
याचिका में तमिलनाडु की एक राजनीतिक पार्टी द्वारा मुफ्त में जनता को टेलीविजन दिए जाने का वादा किए जाने को भ्रष्ट परंपरा घोषित करने का अनुरोध किया गया था.
न्यायमूर्ति पी सताशिवम् और रंजन गोगोई ने कहा, “हालांकि कानून में साफ तौर पर ये कहा गया है कि जन प्रतिनिधित्व (आरपी) अधिनियम की धारा 123 के तहत चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वायदे 'भ्रष्टाचार' की श्रेणी में नहीं आते. मगर हम इस हकीकत से इनकार नहीं कर सकते कि किसी भी तरह का मुफ्त उपहार बेशक लोगों को प्रभावित करता है. यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की जड़ों को गहरा नुकसान पहुंचाता है.”
खंडपीठ के अनुसार, “ऐसा कोई कानून नहीं है जो चुनावी घोषणा पत्र की विषय वस्तु को नियंत्रित करता हो. इसलिए चुनाव आयोग को निर्देश दिया गया है कि वह मान्यता प्राप्त क्लिक करें राजनीतिक दलों के लिए दिशानिर्देश जारी करे."
उन्होंने कहा, “राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए आदर्श आचार संहिता में एक अलग हिस्सा चुनाव घोषणा पत्र से जुड़े दिशानिर्देशों का होना चाहिए.”
इस फैसले का व्यापक असर होने की संभावना है. इससे क्लिक करें मतदाताओं को लुभाने के लिए लैपटॉप, टीवी, मिक्सर और ग्राइंडर, बिजली के पंखे, हल्के वजन की सोने की थाली और मुफ्त खाद्यान्न जैसे मुफ्त उपहार का वादा करने वाले राजनीतिक दलों पर रोक लग सकती है.
अनोखा उदाहण
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मुफ्त उपहार का वायदा करने वाले राजनीतिक दलों पर रोक लग सकती है
इस फैसले का एक असर यह भी होगा कि दलों का चुनावी घोषणा पत्र चुनाव आयोग की क्लिक करें देख रेख के अंतर्गत आ जाएगा.
खंडपीठ ने कहा कि हालांकि चुनावी घोषणा पत्र आचार संहिता के लागू होने के पहले प्रकाशित किया गया है, चुनाव आयोग इसे आचार संहिता में शामिल करके एक अनोखा उदाहरण स्थापित कर सकता है.
खंडपीठ के मुताबिक़, “हम इस सच्चाई के प्रति सचेत हैं कि आमतौर पर राजनीतिक दल चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी करते हैं. ईमानदारी से कहा जाए तो ऐसे में, चुनाव आयोग को ऐसी किसी गतिविधि पर रोक लगाने का अधिकार नहीं होगा जो चुनाव की तारीख की घोषणा से पहले हुई हो.”
बेंच का मानना है, “फिर भी, इस संदर्भ में एक नई पहल की जा सकती है क्योंकि चुनाव घोषणा पत्र का मकसद चुनावी प्रक्रिया से सीधा जुड़ा हुआ है.”
पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 324 के तहत निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने और विभिन्न उम्मीदवारों के बीच बराबरी का मौका स्थापित करने के लिए चुनाव आयोग आदर्श चुनाव संहिता जैसे दिशानिर्देश जारी कर सकता है। जैसा कि उसने पहले भी किया है। घोषणापत्रों में मुफ्त उपहारों की घोषणा पर रोक लगाने वाले दिशानिर्देश आदर्श आचार संहिता में अलग हेड में शामिल किए जाएं
GUNANAK MEETING
ReplyDeleteAAJ KI GUNANK MEETING SE YE PATA CHALA KI AB INKO BHI SAMAJH ME AANE LAGA HAI KI SATYA KI JEET HONE WALEE HAI.EK TANASAH SARKAR JAISA CHAHE WAISA NAHI KAR SAKTEE HAI KYON KI YAHAN NYAY PALIKA JINDA HAI.JIS BAAT KO TET MERIT WALEY SURU SE KAH RAHE HAI WAHI BAAT ABHI TK DOUBLE BENCH NE KAHI HAI HAI KI EK SARKAAR KISI BHARTI PRAKRIYA KO BEECH ME NAHI BADAL SAKTEE.SAYAD ISSELIYE COUNSELING KE PAHLEY DIN HI STAY LAGA HAI.
फूलवाला: साहब अपनी प्रेमिका के लिए फूल ले लो.
ReplyDeleteलड़का: मेरी प्रेमिका नहीं है.
फूलवाला: तो मंगेतर के लिए ले लो.
लड़का: मेरी कोई मंगेतर नहीं है.
फूलवाला: तो अपनी बीवी के लिए ले लो.
लड़का: मेरी बीवी नहीं है.
फूलवाला: ऐ दुनियाके खुशकिस्मत इंसान मेरी तरफ सेये
फूल फ्री में ले ले.
SHIKSHA MITRAON KO BHI PASS KARNA HOGA TET COURT ORDER KE BAAD SARKAR NE BHI KAH DIYA..ISSI BAAT SE SAMAJ LO KI SARKAR HI SAB KUCH NAHI HOTI JO GALAT HAI WO HAI..
ReplyDeleteApne aapko Bahut bada Bharti
ReplyDeletesuppoter khne wale ye Sudh Gadhnak
Samarthak hum pr Bharti latkane ka
aarop lagate the. Aur sara din sarkar
ki jai-jai kar krte nhi thakte the. Aaj
itne bechain kyo ho gaye hai. Mujhe
lagta hai jitna vishwas humare kuch
sathiyo ne apni jeet pr nhi kiya hoga
usse kahi jyada inhe apni haar pr
vishwas ho gaya hai.
Isliye dosto jiske man me kahi thoda
sa bhi dar baki hai to wo use bhi
tyag de, qki ab hum apne Vijay Divas
ki or badh rhe hai, Jeet humesha
Satya(Nyay, Kanoon) ki hi hoti aayi
hai.
Jai TET Merit
Jai Old Add
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good morning.yadav kapil mar gaya kya.sala acd. walo ko kahi ka nahi chhoda. bechare................,...........
ReplyDelete8th july ko kapil ko bhi saja honi chahiye kyo ki usi ke chalte aj ye bharti nahi ho pa raji hai sabhi fasad ki jad wahi hai kisi tet sathi ko uska pata lage to sale ki achhi khabar lena.
ReplyDeleteup gov.ke officer to laptop ki suchi banane me hi paresan hai. charo taraf ghooskhori hai . bah re sarkar
ReplyDeleteab stay hat jayega aur coun start hogi merit acd hi banegi ye 100% sahi news hai kyoki ye cort bhi janati hai ki kisi ka dimak achanak nahi khulata jaisa tet merit wale bol rahe hai . Ab to sanjay mohan ne apana jurm bhi kabul kar liya hai ab to tet merit hona asambhav hai .ye news maine kanpur ke BSA karyalay se prapt ki hai .
ReplyDeleteAli khan jo es tarah gali galoj se post kar rahe ye sab post maine police ko dikhyi hai usane bataya ki jald hi esaki sari pol khul jayegi
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