में विज्ञानं - गणित के शिक्षकों की भर्ती
आज ख़बरों से पता चला है कि उत्तर प्रदेश सरकार में जूनियर हाई स्कूलों में विज्ञानं - गणित के शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है ।
सरकार पर'सबसे बड़ा सवालिया प्रश्न है कि क्या यह भर्ती शुरू व पूर्ण हो पायेगी की नहीं ????
क्यूंकि आये दिन सरकार की कमजोर नीतिओं में कमी के चलते काफी सारी भर्तियाँ अदालत में लटक गयी है लेखपाल , उत्तर प्रदेश पुलिस सब इंस्पेक्टर , प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती
जानकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश सरकार को एन सी टी ई नियमों के तहत भर्ती में टी ई टी मार्क्स की वेटेज को नहीं भूलना चाहिए , जैसा की इलाहबाद हाई कोर्ट की ट्रिपल बेंच ने कहा है ।
अन्यथा कोई न कोई भर्ती में इस नियम की खामी को देखते हुए अदालत में भर्ती को लटका सकता है ।
क्या कहती है एन सी टी ई नियमावली -
9(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process;
however, qualifying the TET would not confer a right on any person for recruitment/employment as it is only one of the eligibility criteria for
Frequency of conduct of TET and validity period of TET certificate :-
11 The appropriate Government should conduct a TET at least once every year. The Validity Period of TET qualifying certificate for appointment will be decided by the appropriate Government subject to a maximum of seven years for all categories. But there will be no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a TET Certificate. A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her score.
इलाहबाद हाई कोर्ट की ट्रिपल बेंच ने टी ई टी मामले पर क्या कहा है -
This norm therefore cannot be diluted. Apart from this, the State Government has to take notice of the fact that weightage has to be given in the recruitment process as well
We wish to clarify that the binding effect of the notifications and the guidelines is such that the weightage which is contemplated under the guidelines dated 11th February, 2011 cannot be ignored.
उत्तर प्रदेश सरकार को इसे भी जरूर ध्यान में रखना चाहिए
ब्लॉग मेम्बर्स भी कमेन्ट दे कर अपने सुझाव दे सकते हैं
Your freedom is there where my nose begins ."arthatapki swatantrata wahi tak hai jahan dusre lo pareshani na ho.an game paresani hai is s gov se.
ReplyDeleteHIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD.
ReplyDeleteCAUSE LIST ALLAHABAD
Cause List
15/07/2013
AT 10.00 A.M.
COURT NO. 3
HON'BLE MR. JUSTICE LAXMI KANTA MOHAPATRA
HON'BLE MR. JUSTICE SUNIL AMBWANI
HON'BLE MR. JUSTICE AMRESHWAR PRATAP SAHI
HON'BLE MS. JUSTICE BHARATI SAPRU
HON'BLE MR. JUSTICE MANOJ MISRA
SPECIAL APPEAL DEFECTIVE
24. TU 237/2013 SHIV KUMAR PATHAK AND OTHERS V.K. SINGH
G.K. SINGH
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
A.K. YADAV
WITH SPLA- 150/2013 NAVIN SRIVASTAVA AND OTHERS ABHISHEK SRIVASTAVA
SHASHI NANDAN
ASHEESH MANI TRIPATHI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
C.B.YADAV
BHANU PRATAP SINGH
WITH SPLA- 149/2013 SUJEET SINGH AND OTHERS NAVIN KUMAR SHARMA
SHAILENDRA
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
WITH SPLA- 152/2013 RAJEEV KUMAR YADAV SADANAND MISHRA
SEEMANT SINGH
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
SHYAM KRISHNA GUPTA
WITH SPLA- 159/2013 ANIL KUMAR AND OTHERS SIDDHARTH KHARE
ASHOK KHARE
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
A.K. YADAV
WITH SPLA- 161/2013 ALOK SINGH AND OTHERS ABHISHEK SRIVASTASVA
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
A.K. YADAV
R.A. AKHTAR
WITH SPLA- 205/2013 AMAR NATH YADAV AND OTHERS PANKAJ LAL
INDRA RAJ SINGH
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
MRIGRAJ SINGH
B.P. SINGH
S. NADEEM AHMAD
WITH SPLA- 206/2013 YAJUVENDRA SINGH CHANDDEL AND KSHETRESH CHANDRA
SHUKLA
-ANOTHER
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
R.A. AKHTAR
WITH SPLA- 220/2013 AMITESHWARI DUBEY AND OTHERS MANOJ KUMAR DUBEY
Vs. STATE OF U.P. THRU' SECRY. C.S.C.
- BASIC EDUCATION LOK. AND ORS. A.K. YADAV
R.A. AKHTAR
WITH SPLA- 244/2012 DR. PRASHANT KUMAR DUBEY ALOK MISHRA
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
WITH SPLA- 246/2013 PRIYANKA BHASKAR AND OTHERS VIJAY SHANKAR
TRIPATHI
VINOD SHANKAR TRIPATHI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
RAM CHANDRA SINGH
WITH SPLA- 248/2013 UMA SHANKER PATEL AND OTHERS NAVIN KUMAR SHARMA
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
R.A. AKHTAR
A.K. YADAV
WITH SPLA- 249/2013 DEVESH KUMAR AND OTHERS NAVIN KUMAR SHARMA
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
MRIGRAJ SINGH
R.A. AKHTA R
WITH SPLA- 261/2013 SANJAY KUMAR AND OTHERS HEMANT KUMAR RAI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
R.B. PRADHAN
WITH SPLA- 262/2013 SANJAY KUMAR AND OTHERS HEMANT KUMAR RAI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
WITH SPLA- 264/2013 RAMA TRIPATHI AND OTHERS HEMANT KUMAR RAI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
WITH SPLA- 265/2013 NAGENDRA KUMAR YADAV AND OTHER NAVIN KUMAR
SHARMA
-S
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
R.A. AKHTAR
SANJAY CHATURVEDI
WITH SPLA- 266/2013 HARVENDRA SINGH AND OTHERS NAVIN KUMAR SHARMA
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
R.A. AKHTAR
Y.S. BOHAR
WITH SPLA- 268/2013 RAJIV KUMAR SRIVASTAVA AND OTH NAVIN KUMAR
SHARMA
-ERS
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
R.A. AKHTAR
B.P. SINGH
WITH SPLA- 307/2013 VINEET KUMAR SINGH AND OTHERS JAGDISH PATHAK
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
A.K. YADAV
WITH SPLA- 333/2013 SATENDRA SINGH AND OTHERS R.K. MISHRA
G.K. MISHRA
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
H.K. YADAV
ILLEGIBLE
WITH SPLAD-200/2013 RAJPAL SINGH AND OTHERS MURTUZA ALI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
AYANK MISHRA
R.A. AKHTAR
SHYAM KRISHNA GUPTA
WITH SPLAD-227/2013 PRAVEEN KUMAR IRSHAD ALI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
SHYAM KRISHNA GUPTA
WITH SPLAD-228/2013 MAHENDRA KUMAR VERMA AND OTHER VIJAY CHAURASIA
-S
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
WITH SPLAD-302/2013 RAM BABOO SINGH AND OTHERS NAVIN KUMAR SHARMA
NEERAJ TIWARI
Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS C.S.C.
A.K. YADAV
Bhai logo upper vali news fb ki hai.mujhe ye samajh nahi aa raha hai ki ham logo ka matter d.b me gaya hai ki samvidhan peeth me??
ReplyDeleteAur ek baat ki 15july ko hamara case refresh hoga ya hearing bhi hogi?? Agar kisi Bhai ko koi jaankari ho to pls share kare.thanks.
अपना केस महापात्र जी और राकेश श्रीवास्तव जी ही सुनेँगे अन्य जज शायद पहली जनहित याचिका सुनेँगे इसलिए भ्रमित न हों कोर्ट और अपने साथियों पर विश्वास रखे । अभी केस डेली काज मे है जिसके UNLSTD /TIED UP होने की उम्मीद है और फिर अपनी सुनवाई सतत होगी । अगर सब कुछ ठीक रहा तो मामला जुलाई के अंत तक निपट जाएगा ।
ReplyDeleteKapildev Yadav-
ReplyDeletesab sale acadmic supporter chor hai, inki halat ka jimmedarye sale haramkhor khud hai.
jab inse mai kah raha hu ki sabhi log mere account me paisa jald se jald dale to ye kuttoki tarah dum daba kar gayab ho jate hn.
are kamino Mahapatrako kam na samjho ye harkauli se bada kamina insan hai, ye decion bhi dega to kam se kam 4 mahine lagaega, aur ye mat bhulo ki sarkar ka paksh abhi bhi bahut kamjor hai, ab ya to mere account me paisa dalo ya fir bhul jao gunank merit.
मेरे पास वक्त नही है नफरत करने का उन लोगों से जो मुझसे नफरत करते हैं।
ReplyDeleteक्योंकि
मैं व्यस्त हूँ उन लोगों मे जो मुझसे प्यार करते हैं।
पाँच पाण्डव तथा सौ कौरवों के नाम.....
ReplyDelete.
पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -
युधिष्ठिर
भीम
अर्जुन
नकुल
सहदेव
पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन की माता कुन्ती थींतथा नकुल और सहदेव की माता माद्री।
धृतराष्ट्र के सौ पुत्र कौरव कहलाए जिनके नाम हैं -
दुर्योधन
दुःशासन
दुःसह
दुःशल
जलसंघ
सम
सह
विंद
अनुविंद
दुर्धर्ष
सुबाहु
दुषप्रधर्षण
दुर्मर्षण
दुर्मुख
दुष्कर्ण
विकर्ण
शल
सत्वान
सुलोचन
चित्र
उपचित्र
चित्राक्ष
चारुचित्र
शरासन
दुर्मद
दुर्विगाह
विवित्सु
विकटानन्द
ऊर्णनाभ
सुनाभ
नन्द
उपनन्द
चित्रबाण
चित्रवर्मा
सुवर्मा
दुर्विमोचन
अयोबाहु
महाबाहु
चित्रांग
चित्रकुण्डल
भीमवेग
भीमबल
बालाकि
बलवर्धन
उग्रायुध
सुषेण
कुण्डधर
महोदर
चित्रायुध
निषंगी
पाशी
वृन्दारक
दृढ़वर्मा
दृढ़क्षत्र
सोमकीर्ति
अनूदर
दढ़संघ
जरासंघ
सत्यसंघ
सद्सुवाक
उग्रश्रवा
उग्रसेन
सेनानी
दुष्पराजय
अपराजित
कुण्डशायी
विशालाक्ष
दुराधर
दृढ़हस्त
सुहस्त
वातवेग
सुवर्च
आदित्यकेतु
बह्वाशी
नागदत्त
उग्रशायी
कवचि
क्रथन
कुण्डी
भीमविक्र
धनुर्धर
वीरबाहु
अलोलुप
अभय
दृढ़कर्मा
दृढ़रथाश्रय
अनाधृष्य
कुण्डभेदी
विरवि
चित्रकुण्डल
प्रधम
अमाप्रमाथि
दीर्घरोमा
सुवीर्यवान
दीर्घबाहु
सुजात
कनकध्वज
कुण्डाशी
विरज
युयुत्सु
(नोटः अलग अलग ग्रंथों में कुछ नामों में परिवर्तन भी मिलते हैं।)
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उपरोक्त सौ कौरवों की एक बहन भी थी जिसका नाम था दुश्शला।
JAIL WALI KE LIYE
ReplyDeleteकाश हमारी भी परवाह किसी ने की होती,
तो ये दुनिया हमसे रुसवा न होती,
अगर आता आप जैसा मुस्कुराना हमें,
तो हमसे भी किसी ने मोहब्बत की होती..
Admin ho to mere jaisa..
ReplyDelete.
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wrna post to sala post-man bhe kr
leta hai....
ये पोस्ट सिर्फ 18 वर्ष से ऊपर के व्यस्को के लिये.
ReplyDelete.
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...भाई इस बार चुनाव में वोट जरूर देना।
"आप कितने भी Educated
ReplyDeleteबन जाये लेकिन ..
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बिस्कुट खाने का असली मज़ा चाय मै भिगो के
ही आता है .
दोस्तो भारत मे बहुत बड़े बड़े ऋषि हुये ! चरक ऋषि ,पतंजलि ऋषि ,शुशुद ऋषि ऐसे एक ऋषि हुए है 3000 साल पहले बाग्वट ऋषि ! उन्होने 135 साल के जीवन मे एक पुस्तक लिखी जिसका नाम था अष्टांग हरद्यम उसमे उन्होने ने मानव शरीर के लिए सैंकड़ों सूत्र लिखे थे उनमे से एक सूत्र के बारे मे आप नीचे पढे !
ReplyDeleteबाग्वट जी एक जगह लिख रहे है ! कि जब भी आप आराम करे मतलब सुबह या शाम या रात को सोये तो हमेशा दिशाओ का ध्यान रख कर सोये !अब यहाँ पे वास्तु घुस गया वास्तुशास्त्र ! वास्तु भी विज्ञान ही है ! तो वो कहते की इसका जरूर ध्यान रखे !
क्या ध्यान रखे ???? तो वो कहते है हमेशा आराम करते समय सोते समय आपका सिर सूर्य की दिशा मे रहे ! सूर्य की दिशा मतलब पूर्व और पैर हमेशा पश्चिम की तरफ रहे !और वो कहते कोई मजबूरी आ जाए कोई भी मजबूरी के कारण आप सिर पूर्व की और नहीं कर सकते तो दक्षिण (south)मे जरूर कर ले ! तो या तो east या south ! जब भी आराम करे तो सिर हमेशा पूर्व मे ही रहे !पैर हमेशा पश्चिम मे रहे !और कोई मजबूरी हो तो दूसरी दिशा है दक्षिण ! दक्षिण मे सिर रखे उत्तर दिशा मे पैर !
आगे के सूत्र मे बागवट जी कहते है उत्तर मे सिर करके कभी न सोये !फिर आगे के सूत्र मे लिखते है उत्तर की दिशा म्रत्यु की दिशा है सोने के लिए ! उत्तर की दिशा दूसरे और कामो के लिए बहुत अच्छी है पढ़ना है लिखना है अभ्यास करना है ! उत्तर दिशा मे करे ! लेकिन सोने के लिए उत्तर दिशा बिलकुल निशिद है !
अब बागवट जी ने तो लिख दिया ! पर राजीव भाई इस पर कुछ रिसर्च किया ! तो राजीव भाई लिखते हैं कि गाव गाव जब मैं घूमता था तो किसी कि मृतुय हो जाती तो मुझे अगर किसी के संस्कार पर जाना पड़ता !तो वहाँ मैं देखता कि पंडित जी खड़े हो गए संस्कार के लिए !और संस्कार के सूत्र बोलना वो शुरू करते हैं !
तो पहला ही सूत्र वो बोलते हैं ! मृत का शरीर उत्तर मे करो मतलब सिर उत्तर मे करो !पहला ही मंत्र बोलेंगे मृत व्यक्ति का सिर उत्तर मे करो !और हमारे देश मे आर्य समाज के संस्थापक रहे दयानंद सरस्वती जी ! भारत मे जो संस्कार होते है ! जनम का संस्कार है गर्भधारण का एक संस्कार है ऐसे ही मृतुय भी एक संस्कार है !तो उन्होने एक पुस्तक लिखी है (संस्कार विधि) ! तो उसमे मृत संस्कार की विधि मे पहला ही सूत्र है ! मृत का शरीर उत्तर मे करो फिर विधि शुरू करो !
अब ये तो हुआ बागवट जी दयानंद जी आदि लोगो का !!
अब इसमे विज्ञान क्या है वो समझे !!
ये राजीव भाई का अपना explaination है !!
क्यूँ ????
आज का जो हमारा दिमाग है न वो क्यूँ ? के बिना मानता ही नहीं !
क्यूँ क्यूँ ऐसा करे ???
कारण उसका बिलकुल सपष्ट है ! आधुनिक विज्ञान ये कहता है आपका जो शरीर है !और आपकी पृथ्वी है इन दोनों के बीच एक बल काम करता है इसको हम कहते हैं गुरुत्वाकर्षण बल (GRAVITATION force )!
इसको आप ऐसे समझे जैसे आपने कभी दो चुंबक अपने हाथ मे लिए होंगे और आपने देखा होगा कि वो हमेशा एक तरफ से तो चिपक जाते हैं पर दूसरी तरफ से नहीं चिपकते ! दूसरे तरफ से वे एक दूसरे को धक्का मारते है ! तो ये इस लिए होता है चुंबक कि दो side होती है एक south एक north ! जब भी आप south और south को या north और north को जोड़ोगे तो वो एक दूसरे को धक्का मारेंगे चिपकेगे नहीं ! लेकिन चुंबक के south और north एक दूसरे से चिपक जाते है !!
ReplyDeleteअब इस बात को दिमाग मे रख कर आगे पड़े !
अब ये शरीर पर कैसे काम करता है !तो आप जानते है कि पृथ्वी का उत्तर और पृथ्वी का दक्षिण ये सबसे ज्यादा तीव्र है गुरुत्वाकर्षण के लिए ! पृथ्वी का उत्तर पृथ्वी का दक्षिण एक चुंबक कि तरह काम करता गुरुत्वाकर्षण के लिए ! अब ध्यान से पढ़े !आपका जो शरीर है उसका जो सिर वाला भाग है वो है उत्तर ! और पैर वो है दक्षिण !! अब मान लो आप उत्तर कि तरफ सिर करके सो गए ! अब पृथ्वी का उत्तर और सिर का उत्तर दोनों साथ मे आयें तो force of repulsion काम करता है ये विज्ञान ये कहता है !
force of repulsion मतलब प्रतिकर्षण बल लगेगा ! तो आप समझो उत्तर मे जैसे ही आप सिर रखोगे प्रतिकर्षण बल काम करेगा धक्का देने वाला बल !तो आपके शरीर मे स्कूचन आएगा contraction ! शरीर मे अगर सकुचन आया तो रक्त का प्रवाह blood pressure पूरी तरह से control के बाहर जाएगा !क्यूँ की शरीर को pressure आया तो blood को भी pressure आएगा ! तो अगर खून को pressure है तो नींद आए गई ही नहीं ! मन मे हमेशा धरपर धरपर चलती रहेगी !दिल की गति हमेशा तेज रहेगी !तो उत्तर की दिशा पृथ्वी की है जो north poll कहलाती है ! और हमारे शरीर का उत्तर ये है सिर ! अगर दोनों एक तरफ है तो force of repulsion (प्रतिकर्षण बल ) काम करेगा नींद आएगी ही नहीं !
अब इसका उल्टा कर दो आपका सिर दक्षिण मे कर दो ! तो आपका सिर north है उत्तर है ! और पृथ्वी की दक्षिण दिशा मे रखा हुआ है ! तो force of attraction काम करेगा ! एक बल आपको खींचेगा !और आपके शरीर मे अगर खीचाव पड़ेगा मान ली जिये अगर आप लेटे हैं !और ये पृथ्वी का दक्षिण है और इधर आपका सिर है !तो आपको खेचेगा और शरीर थोड़ा सा बड़ा होगा ! जैसे रबड़ खीचती है न ? elasticity ! थोड़ा सा बढ़ाव आएगा ! जैसे ही शरीर थोड़ा सा बड़ा तो boby मे relaxation आ गया !
उदारण के लिए जैसे आप अंगड़ाई लेते हैं न एक दम !शरीर को तान देते है फिर आपको क्या लगता है ??? बहुत अच्छा लगता है !क्यूँ की शरीर को ताना शरीर मे थोड़ा बढ़ाव आया और आप बहुत relax feel करते हैं !
इसलिए बागव्ट जी ने कहा की दक्षिण मे सिर करेगे तो force of attraction है ! उत्तर मे सिर करेगे तो force of repulsion है ! force of repulsion से शरीर पर दबाव पड़ता है ! force of attraction से शरीर पर खीचाव पड़ता है ! खीचाव और दबाव एक दूसरे के विपरीत है ! दबाव से शरीर मे सकुचन आएगा दबाव से शरीर मे थोड़ा सा फैलाव आएगा ! फैलाव है तो आप सुखी नींद लेंगे !और अगर दबाव है तो नींद नही आएगी है !
इस लिए बाग्वट जी ने सबसे बढ़िया विश्लेषण दिया है ! ये विश्लेषण जिंदगी मे सारे मानसिक रोगो को खत्म करने का उतम उपाय है ! नींद अच्छी ले रहे है तो सबसे ज्यादा शांति है ! इस लिए नींद आप अच्छी ले ! दक्षिण मे सिर करके सोये नहीं तो पूर्व मे !!
अब पूर्व क्या है ?????
पूर्व के बारे मे पृथ्वी पर रिसर्च करने वाले सब वैज्ञानिको का कहना है ! की पूर्व नूट्रल है ! मतलब न तो वहाँ force of attraction है ज्यादा न force of repulsion ! और अगर है भी तो दोनों एक दूसरे को balance किए हुए हैं !इस लिए पूर्व मे सिर करके सोयेगे तो आप भी नूट्रल रहेंगे आसानी से नींद आएगी !
पश्चिम का पुछेगे जी !??
तो पश्चिम पर रिसर्च होना अभी बाकी है !
बाग्वट जी मौन है उस पर कोई explanation देकर नहीं गए हैं !
और आज का विज्ञान भी लगा हुआ है इसके बारे भी तक कुछ पता नहीं चल पाया है !
तो इन तीन दिशाओ का ध्यान रखे !
उत्तर मे कभी सिर मत करे !
पूर्व या दक्षिण मे करे !
बस एक अंतिम बात का ध्यान रखे !
को साधू संत है या सन्यासी है ! जिहोने विवाह आदि नहीं किया ! वो हमेशा पूर्व मे सिर करके सोये ! और जो ग्रस्त आशरम मे जी रहे है ! विवाह के बंधन मे बंधे है परिवार चला रहे है ! वो हमेशा दक्षिण मे सिर करके सोये !
आपने पूरी पोस्ट पढ़ी इसके लिए धन्यवाद !!
यहाँ जरूर click करे !
http://www.youtube.com/watch?v=Gs3LtmXc-VE
Hame ghabrane kee jarurat nahi kyoki hamara bench badla hai na ki nirnay.new bench bhee wahi mirnay dega jo harkauli sir dete kyoki ab koi naya bahas nahi hoga(bahut hoga to vakilo dwara abtak hui bahso ka sar aur harkauli sir ke orders ko new bench ko bataya jayega) ab tak huae bahso ke aadhar par nirnay aayega.
ReplyDeleteHame ghabrane kee jarurat nahi kyoki hamara bench badla hai na ki nirnay.new bench bhee wahi mirnay dega jo harkauli sir dete kyoki ab koi naya bahas nahi hoga(bahut hoga to vakilo dwara abtak hui bahso ka sar aur harkauli sir ke orders ko new bench ko bataya jayega) ab tak huae bahso ke aadhar par nirnay aayega.
ReplyDeleteकौन हराएगा हमे ??? हमे जीतने के लिए किसी जज की क्रपा की आवश्यकता न कल थी और न आज है । हमारे केस पर 4 फरवरी को जो हरकौली जी ने किया अगर अखिलेश यादव भी जज की कुर्सी पर होते तो उन्हे भी वही सब लिखना पड़ता जो हरकौली जी ने लिखा । दुनिया का कोई जज prospective amendment का प्रभाव retrospective होना स्वीकार नही कर सकता । दुनिया का कोई जज किसी चलती हुई प्रक्रिया के नियम बदलने को सही नही ठहरा सकता और न किसी सरकार को ऐसा करने की छूट या अनुमति दे सकता है । नियमावली मे प्रशिक्षु शब्द न लिखा होना भूषण जी हरकौली जी और फिर पूर्ण पीठ मे शाही जी अंबानी जी और बघेल जी महत्वहीन स्वीकार कर चुके है । दुनिया का कोई जज धाँधली धाँधली चिल्लाने मात्र से धाँधली होना स्वीकार नही कर सकता हर जज सबूत माँगेगा और जो हुआ ही नही उसका सबूत कहाँ से आएगा । झूठे सबूत छोटे मोटे कोर्ट मे पेश कर दिए जाते है लेकिन इतने महत्वपूर्ण केस मे ऐसा करने की कोई हिम्मत भी नही कर सकता । उक्त बातों के अलावा हमारे केस मे कोई नया बिंदु परिभाषित नही होना है । बेँच और जज बदलने से फैसला नही बदलता । सभी जजो के लिए कानून की किताब एक है । संविधान की रक्षा करना ही उनका धर्म है । बिना वजह अपना BP मत बढाइए । जरूरत महसूस हो तो 4 फरवरी 12 मार्च और 31 मई का आदेश खुद पढ़िए और अकेडमिक वालों को भी पढ़वाइए । टैंसन लेने की बजाय देने की ताकत हर टेट सपोर्टर मे कूट कूट कर भरी है । उसे बाहर लाने भर की जरूरत है । आज से कल तक बेँच तय हो जाएगी । और 15 अगस्त आप अपने अपने स्कूलो मे ही मनाएँगे ।
Hame ghabrane kee jarurat nahi kyoki hamara bench badla hai na ki nirnay.new bench bhee wahi mirnay dega jo harkauli sir dete kyoki ab koi naya bahas nahi hoga(bahut hoga to vakilo dwara abtak hui bahso ka sar aur harkauli sir ke orders ko new bench ko bataya jayega) ab tak huae bahso ke aadhar par nirnay aayega.
ReplyDeleteकौन हराएगा हमे ??? हमे जीतने के लिए किसी जज की क्रपा की आवश्यकता न कल थी और न आज है । हमारे केस पर 4 फरवरी को जो हरकौली जी ने किया अगर अखिलेश यादव भी जज की कुर्सी पर होते तो उन्हे भी वही सब लिखना पड़ता जो हरकौली जी ने लिखा । दुनिया का कोई जज prospective amendment का प्रभाव retrospective होना स्वीकार नही कर सकता । दुनिया का कोई जज किसी चलती हुई प्रक्रिया के नियम बदलने को सही नही ठहरा सकता और न किसी सरकार को ऐसा करने की छूट या अनुमति दे सकता है । नियमावली मे प्रशिक्षु शब्द न लिखा होना भूषण जी हरकौली जी और फिर पूर्ण पीठ मे शाही जी अंबानी जी और बघेल जी महत्वहीन स्वीकार कर चुके है । दुनिया का कोई जज धाँधली धाँधली चिल्लाने मात्र से धाँधली होना स्वीकार नही कर सकता हर जज सबूत माँगेगा और जो हुआ ही नही उसका सबूत कहाँ से आएगा । झूठे सबूत छोटे मोटे कोर्ट मे पेश कर दिए जाते है लेकिन इतने महत्वपूर्ण केस मे ऐसा करने की कोई हिम्मत भी नही कर सकता । उक्त बातों के अलावा हमारे केस मे कोई नया बिंदु परिभाषित नही होना है । बेँच और जज बदलने से फैसला नही बदलता । सभी जजो के लिए कानून की किताब एक है । संविधान की रक्षा करना ही उनका धर्म है । बिना वजह अपना BP मत बढाइए । जरूरत महसूस हो तो 4 फरवरी 12 मार्च और 31 मई का आदेश खुद पढ़िए और अकेडमिक वालों को भी पढ़वाइए । टैंसन लेने की बजाय देने की ताकत हर टेट सपोर्टर मे कूट कूट कर भरी है । उसे बाहर लाने भर की जरूरत है । आज से कल तक बेँच तय हो जाएगी । और 15 अगस्त आप अपने अपने स्कूलो मे ही मनाएँगे ।
अब अपना केस 15 जुलाई को लक्ष्मीकांत महापात्र जी और राकेश श्रीवास्तव जी ही सुनेँगे । अन्य जज जनहित याचिका सुनेँगे । इसलिए भ्रमित न हो अभी अपना केस UNLSTD / TIED UP होने की उम्मीद है । अगर सब कुछ ठीक रहा तो मामला जुलाई के अंत तक निपट जाएगा ।
15 को केस review होने के बाद सतत सुनवाई होने की पूरी उम्मीद
ReplyDelete8 तारीख को जो भी कुछ हुवा, वो उम्मीद से हटकर तो था, लेकिन चिंता जनक नहीं,,
ReplyDeleteक्या हम सुधीर अग्रवाल जी को पहले जानते थे? ,,,भाई मै तो नहीं जनता था,,,आप लोगो का पता नहीं,, लेकिन उन्होंने टेट मेरिट को सही करार दिया,,,और नियम के तहत कहा .. लेकिन १ छोटी सी गलती ,,,जिस से हमारा कोई लेना देना नहीं था,,,उस पर स्टे दे दिया,, अब सुधीर अग्रवाल जी को क्या कहा जाये ,,न्यायप्रिय या ...,,!
ReplyDeleteहम लोग{टेट मेरिट वाले} इसलिए परेशान नहीं हुए की सुनवाई नहीं हुयी ,,,या फिर निर्णय नहीं आया बल्कि इसलिए परेशान हो गए ,, क्योकि हमने हर्कौली जी को मिस कर दिया ,,, जो की सर्वथा गलत प्रतीत होता है,, क्योकि न्याय पालिका किसी १ जज के भरोसे नहीं रहती या चलती ,, और न हीं न्याय किसी जज विशेष का मोहताज़ होता है,, और वो भी हमारे केस में तो कभी नहीं,, जहा सारे सबूत और नियम कानून हमारे पक्ष में हो,
भगवन ने हर्कौली के हाथो हमारे लिए ,, जो भी करवाना था करवा दिया,, अब और ज्यादा की उम्मीद लगाना हम मनुष्यों की फितरत में शामिल हो गया है,, मै उनके केस को छोड़ने का कारन तो नहीं जानता ,,, लेकिन हां १ बात तो तय है की उन्होंने बहुत ही कम समय में अपना कार्य कर दिया है,,
ReplyDeleteभगवन ने हर्कौली के हाथो हमारे लिए ,, जो भी करवाना था करवा दिया,, अब और ज्यादा की उम्मीद लगाना हम मनुष्यों की फितरत में शामिल हो गया है,, मै उनके केस को छोड़ने का कारन तो नहीं जानता ,,, लेकिन हां १ बात तो तय है की उन्होंने बहुत ही कम समय में अपना कार्य कर दिया है,,
ReplyDeleteक्या अब न्यू बेंच ये कहेगी की नहीं साहब ,,,हर्कौली और मिश्र जी की बेंच गलत थी ,,, उनके सभी अंतरिम आदेश गलत थे,, और PROSPECTIVE नियम RETROSPECTIVE हो सकते है?
ReplyDeleteऔर अगर ऐसा कह भी दे तो,, क्या हमने अपने संघठन को सिर्फ अलाहाबाद तक कायम रखने के लिए बनाया है? ये संघठन बनाते ही हम लम्बी लडाई लड़ने को लाम बंद हो गए थे... और ये लडाई सुप्रीम कोर्ट तक जारी रहेगी..{अगर अलाहाबाद में कुछ गलत हुवा तो,}.
और अभी कल ही पुलिस भर्ती में खेल के बीच में नियम बदलने के चलते स्टे मिला है..क्या वहा भी हर्कौली जी थे?
क्या आप लोग पूर्ण पीठ के निर्णय को भूल चुके हो,,, जिसमे टेट को सिर्फ पात्रता परीक्षा नहीं कहा गया है,,, बल्कि इसके अंको का चयन में महत्त्व पूर्ण दर्जा देने को भी कहा गया है,,, जो न्यू विज्ञापन है ही नहीं,,, तो अब आप लोग खुद ही बताये की नए विज्ञापन से भर्ती कैसे संभव है?
बस अपने संघठन पर विश्वाश रखो और संगठन को बनाये रखो,,
क्या बेंच बदलने से नियम ,,कानून बदल जायेगे? क्या इस न्यू बेंच को संबिधान और नियम से हटकर फैसला देने का अधिकार ,,,CPU से मिल गए..?
सत्यमेव जयते .... .. टेट मेरिट जिंदाबाद.. टेट संघर्ष मोर्चा जिंदाबाद.
junior k kala teacher ki vacancy ka kya hoga kya sarkar ko inse nafrat hai jo sirf math ki jagah la rahi hai sale chindhichor
ReplyDeleteTET MERIT AUR ACADMIC MERIT KI LADAI MAI AAM LOG,
ReplyDeleteJO REAL MAI MEHNAT SE PADTE AAYE HAI
AUR JO TET MAI BHI ACHCHHE NUMBER LAYE HAI PIS RAHE HAI ,
ARE DUST LOGO!
JO BAAT BAAT MAI COURT MAI YACHIKA DAL DETE HAI,
TUM LOGO KA KABHI BALA NAHI HO SAKTA HAI ,
TET AUR ACADMIC KI LADAI KARNE WALO,
ReplyDeleteAGAR KISI KO YAD HO JB TET 2011 KI VIGYAPTI AAYI THI,
TAB KAHA GAYA THA KI TET EK PATRATA PARIKSHA HAI,
PHIR TET EXAM SE DO DIN PEHLE KHABAR AATI HAI KI TET KI MERIT PR BHARTI KI JAYEGI,
TB KISI KO YAAD NHI AAYA KI BEECH MAI NIYAM KAISE BADAL GAYE,
'KEKADO' KI TARAH LADAI KARNA BAND KARO PLEASE...........
ReplyDelete.
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TET MERIT YA ACADMIC MERIT JAISE BHI HO BHARTI HONE BO PLEASE.....
ISS RUKI HUI PRAKRIYA KE KARAN KITNE LOG PARESAN HAI,
ReplyDeleteKAI LOGO KI AATMHATYA KI KABRE BHI AKHBAR MAI AAYI,
LEKIN KISI KO KISI KI KYA PADI HAI SABHI KO APNI APNI PDI HAI,
MERA SELECTION KIS PRAKRIYA MAI HO PAYEGA ,
BS KAHI KOI POINT MILA AUR PAHUCH GAYE COURT......