आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा इकाई द्वारा अपनी मांग प्राथमिक अध्यापक नियुक्ति टीईटी मेरिट के आधार पर संपन्न करवाने को लेकर रविवार को अंबेडकर पार्क में बैठक की। इसके बाद झाड़ू के साथ जुलूस निकाला और सड़कों की सफाई कर भीख मांगी। इस दौरान प्रदेश सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की।
बैठक को संबोधित करते हुए उमेश वर्मा ने कहा कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद के डबल बेंच के फैसले के आने के बाद भी राज्य सरकार नियुक्ति न कर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। हम बेरोजगार पहले ही दो वर्षो से मानसिक व आर्थिक प्रताड़ना का दंश झेल रहे हैं। ऊपर से राज्य सरकार अब हम लोगों को उच्चतम न्यायालय में मुकदमा लड़वा रही है। चूंकि बीएड टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की प्राथमिक विद्यालय में नियुक्ति की समय सीमा एनसीटीई द्वारा निर्धारित 31 मार्च है। राज्य सरकार नियुक्ति न करके समय सीमा को समाप्त करवाना चाहती है।
रविन्द्र यादव ने कहा कि सरकार टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों के प्रति पूरी तरह से निरंकुश हो चुकी है। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को न्यायालय में मात्र उलझाना चाहती है। 20 नवंबर 13 को उच्च न्यायालय के फैसले को एक महीने व्यतीत करने के बाद उच्चतम न्यायालय में समय पास करने के उद्देश्य से डिफेक्टिव विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल की। उसमें संशोधन अब तक न करके अपना इरादा स्पष्ट कर दिया है। इस अवसर पर बलवंत यादव उमेश वर्मा, हरेन्द्र प्रसाद यादव, राजेश यादव, हृदय नारायण सिंह, रामा वर्मा, विमल किशोर यादव, सुनील गावस्कर, भूपेन्द्र सिंह, वीरेन्द्र राजभर, महेश यादव, जनार्दन मौर्य, संजय कुमार, रामकृष्ण तिवारी, रविन्द्र नाथ पाठक, प्रदीप कुमार, दिनेश कुमार, वीरेन्द्र मौर्य, सुदामा यादव, दुष्यंत कुमार चौधरी आदि उपस्थित थे। बैठक की अध्यक्षता ब्रह्मानंद प्रजापति व संचालन रविन्द्र यादव ने किया
News Source / Sabhaar : Jagran (Sun, 05 Jan 2014 06:32 PM (IST))
up gov dvara primary recruit ment ka stya nash programe
ReplyDelete72825 4065 29334 10000=116224
ab sab log socho agar ye bharti ho jati to primary education ka chehra hi badal jata pr sayad app sabhi jante hai ki up gov ko buddhi kb ayegi.
चौधरी से मेरी बात हुई उन्होंने कहा कि भैया वहां दिल्ली में संपर्क में हैं जैसे ही गवर्मेंट की याचिका की त्रुटि ठीक होगी वे सक्रीय होंगे।
ReplyDeleteउन्होंने खरे साहब से बात किया खरे ने पूरा मामला सरलता से समझाया और बताया कि इस केस में बच्चों की जीत होगी अगर आपकी विधिक प्रतिष्ठा के साथ-साथ पोलिटिकल प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गयी फिर भी आपको चिंता करने की कोई बात नहीं है।
मैंने उन्हें स्पष्ट रूप से बताया कि हमारे प्रदेश संगठन की एक लीगल टीम है जो कि आपसे संपर्क करेगी। मेरा इस लीगल टीम में कोई रोल नहीं है ।
न्यायालय में संघर्ष करने वालों की एक विधिक टीम संगठन ने गठित की है ।
विधिक फैसले का सर्वाधिकार उस टीम के पास सुरक्षित है।
इसी के साथ उन्होंने कहा कि सिर्फ 14-16 जनवरी में मै उपस्थित नहीं रह पाउँगा बाकी हमेशा साथ दूंगा।
3. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जीत सुनिश्चित है अतः अंतिम समय में कोई चूक नहीं होनी चाहिए।
मै इस हस्तिनापुर के सिंहासन के साथ बंधा हूँ चाहे दुर्योधन मुझे अपशब्द कहें या ध्रितराष्ट्र, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। क्योंकि हस्तिनापुर की जनता का सवाल है।
बेरोजगारों की पीड़ा देखी नहीं जा सकती है ।