UPTET : टी ई टी मेरिट समर्थकों मेरिट समर्थकों की लड़ाई
आज कल सोशल मीडिआ में आये दिन भर्ती के नियमों और एक दूसरे को नीचा दिखाने की लड़ाई चलती है ,
१. टी ई टी मेरिट समथकों का कहना है कि अकादमिक मेरिट से भर्ती पूर्ण तया बन्द करा देंगे ,और आगे की भर्ती सिर्फ टी ई टी मेरिट से ही होनी चाहिए
२. वहीँ दुसरी तरफ अकादमिक समर्थक कहते हैं कि सिर्फ एक परीक्षा की कसोटी पर भर्ती नहीं होनी चाहिए । और सिर्फ अकादमिक अंको से भर्ती होनी चाहिए , क्यूंकि यह पहले से होती आ रही है
३. कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बीच का रास्ता निकाले जाने की बात कहते हैं जिसमे भर्ती के लिए टी ई टी प्राप्तांको का उचित अधिभार व अकादमिक अंको का अधिभार सम्मिलत हो
पहले और तीसरा रास्ता एन सी टी ई के नियमो के अनुकूल है , जबकि टी ई टी परीक्षा के अंको को चयन में शामिल न करना एन सी टी ई के नियमों के विपरीत है
पहला नियम (सिर्फ टी ई टी मेरिट से भर्ती ) तो 72825 शिक्षक भर्ती के लिए ठीक है , क्यूंकि भर्ती होने से पहले यह नियम बना था और सभी अभ्यर्थीयों के लिए यह एक सामान परीक्षा थी, एन सी टी ई के नियमों के विपरीत भी नहीं है और हाई कोर्ट ने इन्ही कारणों से 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए
टी ई टी मेरिट से भर्ती सही मानी ,
लेकिन उसके बाद 2013 में भी यूपीटीईटी परीक्षा हुई , काफी सारी सी टी ई टी परीक्षायें भी हो चुकी हैं , तो ऐसे में किसी एक परीक्षा की मेरिट से भर्ती सम्भव नहीं है , या तो कोई एक अन्य परीक्षा और आयोजित की जाये और टी ई टी अंकों का अधिभार जोड़ा जाये
अब दूसरा रास्ता देखते हैं , दूसरे रास्ते में चयन में टी ई टी अंको के वेंट्ज का समावेश नहीं है तो यह एन सी टी ई नियमों के विपरीत हो जाता है और
न्याय पालिका द्वारा अड़चन जाहिर है तो यह रास्ता सभव नहीं है
तीसरा रास्ता : टी ई टी अंको का चयन में वेटेज + अकादमिक अंको का चयन में वेटेज ,
यह एन सी टी ई नियमों के अनुकूल है , और काफी सारे राज्य इसी तीसरे रास्ते को अपनाकर भर्ती कर रहे हैं
टी ई टी अंको का वेटेज इसलिए सही है क्यूंकि आप विभिन्न टी ई टी परीक्षाओं कि एक सामान तुलना नहीं कर सकते , लेकिन एन सी टी ई नियमों
को नजरंदाज नहीं कर सकते ( टेट वेटेज नियम , और अभ्यर्थी द्वारा पुन : परीक्षा में शामिल हो कर अंक वृद्दि नियम )
७२८२५ शिक्षकों की भर्ती के मामले में टी ई टी अंको से चयन सही हैं क्यूंकि भर्ती के नियम पूर्व निर्धारित थे और परीक्षा में गलत प्रश्नो की विसंगतियों
द्वारा सबको अंको का लाभ दे कर पात्र बने अभ्यर्थीयों से टी ई टी मेरिट होल्डर की तुलना सही नहीं है , टी ई टी अंको से चयन से यह अनियमितता स्वयं
समाप्त हो जाती है , सबसे प्रमुख बात है कि परीक्षा में हुई किसी गलती (धान्द्ली जो कि कोर्ट कार्यवाही में आधार हीन पायी गयी ) की सजा को
ईमानदार अभ्यर्थी क्यूँ भुगते
29334 शिक्षकों की भर्ती में भी अभ्यर्थी का क्या दोष , जो भी भर्ती प्रक्रिया है व सरकार एवं न्यायिक प्रक्रिया द्वारा पूर्ण की जानी चाहिए ,
बेरोजगार उम्मीदवारों ने आवेदन में ही 25-30 हजार रूपए फूंक डाले
दुसरी तरफ 29334 शिक्षकों की भर्ती के मामले में अभ्यर्थीयों का कहना है कि कोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया पर कोई स्टे तो लगाया नहीं है तो भर्ती प्रक्रिया
अंतिम निर्णय तक चालू रखी जा सकती है जैसा कि उर्दू शिक्षक भर्ती मामले में काउंसलिंग प्रक्रिया चल रही है , या फिर हाल ही में 10000 बी टी सी शिक्षकों की भर्ती की काउंसलिंग की तिथि घोषित की गयी
UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates /
Teacher Recruitment News
आज कल सोशल मीडिआ में आये दिन भर्ती के नियमों और एक दूसरे को नीचा दिखाने की लड़ाई चलती है ,
१. टी ई टी मेरिट समथकों का कहना है कि अकादमिक मेरिट से भर्ती पूर्ण तया बन्द करा देंगे ,और आगे की भर्ती सिर्फ टी ई टी मेरिट से ही होनी चाहिए
२. वहीँ दुसरी तरफ अकादमिक समर्थक कहते हैं कि सिर्फ एक परीक्षा की कसोटी पर भर्ती नहीं होनी चाहिए । और सिर्फ अकादमिक अंको से भर्ती होनी चाहिए , क्यूंकि यह पहले से होती आ रही है
३. कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बीच का रास्ता निकाले जाने की बात कहते हैं जिसमे भर्ती के लिए टी ई टी प्राप्तांको का उचित अधिभार व अकादमिक अंको का अधिभार सम्मिलत हो
पहले और तीसरा रास्ता एन सी टी ई के नियमो के अनुकूल है , जबकि टी ई टी परीक्षा के अंको को चयन में शामिल न करना एन सी टी ई के नियमों के विपरीत है
पहला नियम (सिर्फ टी ई टी मेरिट से भर्ती ) तो 72825 शिक्षक भर्ती के लिए ठीक है , क्यूंकि भर्ती होने से पहले यह नियम बना था और सभी अभ्यर्थीयों के लिए यह एक सामान परीक्षा थी, एन सी टी ई के नियमों के विपरीत भी नहीं है और हाई कोर्ट ने इन्ही कारणों से 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए
टी ई टी मेरिट से भर्ती सही मानी ,
लेकिन उसके बाद 2013 में भी यूपीटीईटी परीक्षा हुई , काफी सारी सी टी ई टी परीक्षायें भी हो चुकी हैं , तो ऐसे में किसी एक परीक्षा की मेरिट से भर्ती सम्भव नहीं है , या तो कोई एक अन्य परीक्षा और आयोजित की जाये और टी ई टी अंकों का अधिभार जोड़ा जाये
अब दूसरा रास्ता देखते हैं , दूसरे रास्ते में चयन में टी ई टी अंको के वेंट्ज का समावेश नहीं है तो यह एन सी टी ई नियमों के विपरीत हो जाता है और
न्याय पालिका द्वारा अड़चन जाहिर है तो यह रास्ता सभव नहीं है
तीसरा रास्ता : टी ई टी अंको का चयन में वेटेज + अकादमिक अंको का चयन में वेटेज ,
यह एन सी टी ई नियमों के अनुकूल है , और काफी सारे राज्य इसी तीसरे रास्ते को अपनाकर भर्ती कर रहे हैं
टी ई टी अंको का वेटेज इसलिए सही है क्यूंकि आप विभिन्न टी ई टी परीक्षाओं कि एक सामान तुलना नहीं कर सकते , लेकिन एन सी टी ई नियमों
को नजरंदाज नहीं कर सकते ( टेट वेटेज नियम , और अभ्यर्थी द्वारा पुन : परीक्षा में शामिल हो कर अंक वृद्दि नियम )
७२८२५ शिक्षकों की भर्ती के मामले में टी ई टी अंको से चयन सही हैं क्यूंकि भर्ती के नियम पूर्व निर्धारित थे और परीक्षा में गलत प्रश्नो की विसंगतियों
द्वारा सबको अंको का लाभ दे कर पात्र बने अभ्यर्थीयों से टी ई टी मेरिट होल्डर की तुलना सही नहीं है , टी ई टी अंको से चयन से यह अनियमितता स्वयं
समाप्त हो जाती है , सबसे प्रमुख बात है कि परीक्षा में हुई किसी गलती (धान्द्ली जो कि कोर्ट कार्यवाही में आधार हीन पायी गयी ) की सजा को
ईमानदार अभ्यर्थी क्यूँ भुगते
29334 शिक्षकों की भर्ती में भी अभ्यर्थी का क्या दोष , जो भी भर्ती प्रक्रिया है व सरकार एवं न्यायिक प्रक्रिया द्वारा पूर्ण की जानी चाहिए ,
बेरोजगार उम्मीदवारों ने आवेदन में ही 25-30 हजार रूपए फूंक डाले
दुसरी तरफ 29334 शिक्षकों की भर्ती के मामले में अभ्यर्थीयों का कहना है कि कोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया पर कोई स्टे तो लगाया नहीं है तो भर्ती प्रक्रिया
अंतिम निर्णय तक चालू रखी जा सकती है जैसा कि उर्दू शिक्षक भर्ती मामले में काउंसलिंग प्रक्रिया चल रही है , या फिर हाल ही में 10000 बी टी सी शिक्षकों की भर्ती की काउंसलिंग की तिथि घोषित की गयी