नौ हजार वर्गफुट के डुप्लेक्स में रहेंगे केजरीवाल, ऑटो छोड़ इनोवा से विधानसभा गए AAP के मंत्री
शुक्रवार को राखी बिड़ला और सौरभ भारद्वाज सरकारी गाड़ी से विधानसभा पहुंचे तो सभी की आंखें खुली रह गईं। वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी सुर बदल लिए हैं, वह अब कह रहे हैं कि आम आदमी का करोड़पति होना कोई गुनाह नहीं है
महिला एवं बाल विकास मंत्री राखी बिड़ला से पूछा गया, ‘ये क्या है?’ उन्होंने कहा, ‘सरकार का काम करेंगे तो गाड़ी सरकारी ही इस्तेमाल करेंगे। हमने कब कहा कि सरकारी गाड़ी नहीं लेंगे? जरूर लेंगे।
डंके की चोट पर लेंगे, पर लाल बत्ती नहीं लगाएंगे।
हां लाल बत्ती नहीं लगाने की बात की थी। नहीं लगाएंगे।’
***
मेरी कार में पेट्रोल नहीं था: परिवहन, खाद्य आपूर्ति और पर्यावरण मंत्री भारद्वाज ने कहा कि मेरी कार में पेट्रोल नहीं है और अपना एटीएम कार्ड मैंने पत्नी को दे दिया था। इसलिए मुझे सरकारी कार का उपयोग करना पड़ा। उन्होंने राखी बिरला के कार लेने का बचाव करते हुए कहा,‘वह महिला हैं और एक मंत्री होने के नाते उन्हें रात को भी आना जाना पड़ता है।
***
Toyota Innova is a costly vehicle, cost around 10 to 15 Lakhs.
And for transportation purpose other vehicle can also use - like Wagon R, ALTO, Chevrolet (cost 3-6 Lakh etc.)
Why Costly Vehicle ??????????
आम आदमी पार्टी के मंत्रियों को दिल्ली सरकार की ओर से टोयोटा इन्नोवा कार आवंटित की गई है। तय नियमों के अनुसार मंत्रियों तथा मुख्यमंत्री के परिवहन के लिए राज्य सरकार के राजस्व विभाग की ओर से कार दी जाती है और उसका खर्चा राजस्व विभाग उठाता है। इसी नियम के तहत अब आप के सभी सातों मंत्रियों को कार मुहैया करा दी गई है। हालांकि गुरुवार तक यह स्पष्ट नहीं हो सका था कि खुद मुख्यमंत्री के लिए कौन सी कार आवंटित की गई है
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लुटियंस जोन में मिले आलीशान घर के बाद अब उनके बाकी मंत्रियों ने भी सरकार लग्जरी कार लेने में देर नहीं की है। शुक्रवार को दिल्ली के सभी मंत्रियों को सरकारी गाड़ियों के तौर पर टोयोटा की इनोवा कार दी गईं। मनीष सिसौदिया, राखी बिरला और सौरभ भारद्वाज समेत कई मंत्री सरकारी गाड़ियों से ही विधानसभा परिसर पहुंचे। हालांकि इसमें केजरीवाल शामिल नहीं थे।
इसके बाद विपक्ष ने केजरीवाल और उनके मंत्रियों को आड़ेहाथों लेना भ्ज्ञी शुरू कर दिया है। हालांकि उनकी आलोचना पर सरकार के मंत्रियों के सुर भी बदले हुए हैं। खुद मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि पार्टी ने यह कभी नहीं कहा कि उसके मंत्री सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं करेंगे। उन्होंने सफाई दी है कि पार्टी ने केवल लालबत्ती वाली कारें उपयोग नहीं करने की बात कही थी।
इनोवा कार मिलने के बाद परिवहन, खाद्य आपूर्ति और पर्यावरण मंत्री भारद्वाज ने कहा कि उनकी कार में पेट्रोल नहीं था और उन्होंने अपना एटीएम कार्ड मैंने पत्नी को दे दिया था। इसलिए मुझे सरकारी कार का उपयोग करना पड़ा। उन्होंने राखी बिरला के कार लेने का बचाव करते हुए कहा कि एम महिला मंत्री होने के नाते उन्हें रात को भी आना जाना पड़ता है
Tet sathiyo
ReplyDeleteNamaskaar
Tet update
( 1)-U.P. government dwara daali SLP Ka defect abhi (03/01/2014)door nahi ho saqa hai.
(2)- ummid(90%) yahi hai next week me door ho jay .
(3)- humari gaadi jas ki tas isthir padi hai aur padi rahane k aasaar hai ,jab tk ki defect door nahi ho jata.
(4)- sathiyo ek baar fir ye humare dhairy aur mansik sambal ka intehaan hai jise hum sab ek dusare Ka sambal ban jarur paar karna hoga aur hum ise paar bhi karenge.
ant me bas itana hi ki humare advocates team tatha government ki pratyek gatividhi par humari nazare satat lagi huyi hai aur aap sabhi saathi, jaise hi defect door hota hai tan-man-dhan se is mahasangraam me kood pade Vijay humari sunischit hai.
sambhavtah sab kux thik raha to 20 January k aas-paas ki koi date next week me mil jay.
sabhi ko
Jay TET
सरकारी विज्ञापनों पर अपने समूह चलाने वाले उत्तर प्रदेश के कुछ मीडिया बरखुरदार ,
ReplyDeleteआपको बीटीसी न्युक्ति की खबर छापने का अवसर मिला है छाप लो और सरकार से कह दो कि अगर हिम्मत हो तो जूनियर की काउंसलिंग schedule जारी करे । बीटीसी वालों की जितनी रिक्ति है उससे कम आवेदक हैं अतः उनमे समस्या नहीं है लेकिन विवाद है ।
जूनियर की भर्ती में चयन का आधार , विज्ञान/कला विवाद अनेक कमियां हैं।
उत्तर प्रदेश/भारत की ईमानदार मीडिया उत्तर प्रदेश में बम्पर शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट में सरकार की फजीहत लिखने की तैयारी करें।
इस सरकार में बेरोजगारों को मौत के मुंह में धकेला जाता है।
जिस टीईटी मेरिट को ये सरकार चयन का आधार मानने से इंकार कर रही थी राजस्थान में उसी आधार पर नियुक्ति होने जा रही है।
जिस आरक्षण मामले के कारण प्रक्रिया रुकी है उसका विवाद भी स्वतः ख़तम होगा।
बता दें कि एनसीटीई का मुख्यालय भी राजस्थान में है ।
कपिल देव यादव को नाम कमाना था कमा लिया । उसके कारण उत्तर प्रदेश में तमाम मौते और आत्महत्याएं हुईं ।
न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल जी ने पहले ही दिन टीईटी मेरिट के चयन के आधार लीगल कहा था ।
न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता की कोर्ट में मै स्वयं मौजूद रहा जब कई दर्जन मुक़दमे टीईटी मेरिट के विरुद्ध ख़ारिज हो गये थे।
अगर वो भर्ती हो गयी होती तो अखिलेश आकर भी तो कुछ भर्ती करते।
और इसी के साथ मै अपने टीम के कुछ साथियों को बताना चाहता हूँ कि टीईटी मेरिट से अधिक मेरे लिए पुराना आवेदन महत्त्वपूर्ण है ।
न्यायमूर्ति भूषण का लिखा फैसला यथावत सुप्रीम कोर्ट में भी लागू रहेगा।
धन्यवाद।
M
ReplyDeleteE
R
I
.
.
.
W
A
L
I
.
.
.
.
मुझे ना ढूंढ ज़मीन-ओ-आसमां की गर्दिशों में,
मैं अगर तेरे दिल में नहीं तो कहीं भी नहीं...