/* remove this */ Blogger Widgets /* remove this */

Monday, January 20, 2014

SBI PO Recruitment 2014-15 Expected date, Eligibility, Notification, Imp Dates

SBI PO Recruitment 2014-15 Expected date, Eligibility, Notification, Imp Dates

State Bank of India (SBI) conducts exams for recruitment to the post of Probationary Officer (PO) at its branches. It is too tough to crack any bank exam in the previous years. But now, the toughness rate has been decreased to some preferable amount due to increase in the number of recruitment vacancies.

Eligibility Criteria for SBI PO 2014:

1. Educational Qualification: Graduate degree in any stream from a recognized university or any equivalent qualification recognized by the Central Government (AICTE/ UGC).

2. Age Limit: You should be between 21 – 30 years as on 01-01-2014 for the April 2014 exam.

Relaxation of Upper age limit:

OBC- 3 years age relaxation
SC/ST/ Ex service men category- 5

Test Duration & Pattern:

The total duration of the examination is only 3 hours. The total number of questions asked is 205. You have 2 hours for attending first 4 sections. You have 1 hour separately for the last section. The maximum marks are 250.

Questions will be from the following topics such as

English Language- 50 questions
General knowledge, Computer Awareness – 50 questions
Data Interpretation and Analysis – 50 questions
Logical Reasoning – 50 questions
Descriptive Paper on English Composition – 5 questions.

SBI PO Recruitment Selection Process:

SBI PO is a paper-based test which consists of 3 successive stages:

i. Written examination ( Objective and Subjective type)
ii. Group Discussion – 20 marks
iii. Personal Interview – 30 marks.

Final selection based on a total of 100 marks taken from both the written examination and the GD – PI.

Tentative Dates for SBI PO 2014:

The notification regarding this examination has not yet come. The following are the tentative dates for SBI PO 2014.

Online Registration start from Jan 30, 2014
Last date for registration of online application Feb 23, 2014
Payment of fees Jan 30 – Feb 23, 2014
Exam date: March 28, 2014

SBI PO Recruitment Application Procedure:

Register and get the registration number and password generated. After successful completion of form filling, submit it. Take the print out of the application form with you. You can later on download your admit card for writing the examination.

Pay using either:

Online Mode – through Debit / Credit cards or Internet Banking
Offline Mode – through any branch of SBI.

For other details, you can log on to the official website of SBI. The Official Website: http://www.sbi.co.in

44 comments:

  1. सरकार के रोने या गिडगिडाने से 15 वा संसोधन नही बहाल होने
    वाला , उसे वहा साबित भी करना होगा कि 15वा संसोधन
    क्यो बहाल किया जाय , अगर सरकार मार्च की अन्तिम
    तिथी को लेकर खुश है तो ये उसकी गलत और बहुत छोटी सोच
    है , वह सुप्रीम कोर्ट है कोई मजाक करने वाली जगह नही ,
    वो सिर्फ ये देखेगी कि क्या सही है और क्या गलत , और
    जहा तक समय सीमा की बात है तो सरकार इस भुलावे न रहे
    कि समय सीमा का कोई असर इस भर्ती पर पडेगा ,
    भर्ती तो अखिलेश क्या मुलायम भी नही रोक सकते , और
    72825 सपा की बर्बादी की कहानी बनेगा , फिर किसी सरकार
    की हिम्मत नही होगी बेरोजगारो को तंग करने का , सपा के पाप
    का घडा भर चुका है जो किसी भी वक्त फूट सकता है ,
    बेरोजगार तो आग मे तपकर कुन्दन बन गये है , सरकार
    अपनी पिछली और आने वाली भर्तियो के बारे मे सोचे , सुप्रीम
    कोर्ट , हाईकोर्ट से भी बुरा हश्र करेगी इस सरकार का , अब ये
    देखना है कि जेल कौन कौन जाता है , रोकर या गाकर
    भर्ती तौ करनी ही है इस घमंडी सरकार को , आने वाला दिन
    सरकार की मुसीबते कम करने के बजाय बढाएगा ही ,
    सपा सरकार का अन्त निश्चित है जो कोई रोक नही सकता .
    सपा भगाओ उत्तर प्रदेश बचाओ

    ReplyDelete
  2. पाकिस्तान का राष्ट्रीय गान......
    सारे जहाँ से "लुच्चा"
    पाकिस्तान हमारा .हम "जानवर" हैं इसके , ये
    "चिड़ियाघर"हमारा.
    .
    मज़हब हमें
    सिखाता "आतंकवाद" फैलाना..
    "नामर्द" है हम वतन के..
    "तालिबान" माईबाप हमारा..
    सारे जहाँ से "लुच्चा"
    "पाकिस्तान" हमारा..!

    ReplyDelete
  3. जब एक बहुत पुराने बड़े और गहरी जड़ें जमा चुके पेड को उखाड़ना होता है तो खोदना भी कुछ ज्यादा ही पड़ता है,,जब जड़ों कि खुदाई शुरू की जाती है तो सबसे पहले उस पेड कि डालियों में रहने वाले बन्दर और लंगूर शोर करने के साथ साथ बहुत उछल कूद मचाते हैं उसके बाद ज्यों ज्यों खुदाई होती जाती है जड़ों के नीचे मिटटी में छुपे कीड़े मकौड़े सांप और बिच्छू बाहर निकल आते हैं..अभी येही सीन चल रहा है ..और खुदाई चालु है ....जय आम आदमी

    ReplyDelete
  4. आइये आपको बताये ये विशेष अनुज्ञा याचिका ( S L P ) क्या होती है जिसको फ़ाइल कर देने मात्र से अकादमिक मेरिट के महाज्ञानी लोग कूद रहे हैं। अगर विशेष अनुज्ञा याचिका ( S L P ) का मतलब आप समझ गए तो आपको इन बेचारों पर तरस आएगा।
    विशेष अनुज्ञा याचिका ( S L P ) का अर्थ है कि आप हाई कोर्ट या किसी न्यायिक ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ सुने जाने कि विशेष अनुमति कि मांग करते हैं। सामान्यतः हाई कोर्ट द्वारा निर्णित कोई मुद्दा अंतिम माना जाता है किन्तु यदि कोई संवैधानिक या क़ानूनी मुद्दा विद्यमान है जो केवल उच्चतम न्यायालय द्वारा स्प्ष्ट किया जा सकता है तब इस विशेष अनुमति को सुप्रीम कोर्ट देती है। उच्चतम न्यायालय में फ्रेश केस प्रत्येक सोमवार और शुकवार को सुने जाते है। और 90 % नयी विशेष अनुज्ञा याचिकायें ( S L P ) प्रथम दृष्टया ही अस्वीकार कर दी जाती हैं।
    सुप्रीम कोर्ट में किसी के द्वारा अपील करने का अर्थ उसका अधिकार नहीं समझना चाहिए बल्कि मामले में संवैधानिक या क़ानूनी मुद्दा विद्यमान होने पर और हाई कोर्ट द्वारा वह मुद्दा उचित से निर्धारित नहीं होने पर सप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमति देना(leave grant ) आपको मिला एक विशेष लाभ है। यहाँ तो यादव जी से पहला प्रश्न यही होगा what is your right अर्थात आप वादी हैं क्या,आपकी पोषणीयता क्या है ?

    ReplyDelete
  5. एक कड़वा सत्य ----------
    बड़ा ताज्जुब होता है ऐसे लोगों पर जो धोखा देते हैं ,,, जब मायावती ने विज्ञापन निकाला था 72825 PRT. भर्ती का फुल "टेट मेरिट" से तो किसी में इतना दम नहीं था कि वो इसका विरोध करे ,, सभी टेट पास लोग उस ओल्ड ऐड में "टेट मेरिट" बेस पर सेलेक्ट होने के लिए ही फॉर्म भरे थे ॥ किसी के मुख पे "अकैडमिक मेरिट" का कोई नामों-निशान नहीं था

    ReplyDelete
  6. फिर अचानक ------------- एक शक्श्थ "कपिलदेव यादव" नाम के ब्यक्ति ने उस ओल्ड ऐड पर इस मैटर पर स्टे ले लिया कि "ये विज्ञापन BSA. द्वारा नहीं बल्कि बेसिक शिक्षा बोर्ड द्वारा निकला गया है " ॥ बात तो सिर्फ इतनी ही थी ,, नाकि मेरिट बेस की थी ॥ इस मैटर की सुनवाई होती रही ................
    __________ फिर अचानक सत्ता बदल गयी और सत्ता बदलते ही सत्ता के कुशासक ने मेरिट बदलने का दुस्साहस कर बैठा ,,,, कब जबकि हाई कोर्ट की एकल पीठ ने ये बोला कि आप (सरकार) एक ऐसा विज्ञापन लाईये जिससे "याची का हित किसी भी रूप में प्रभावित ना हो" ॥ मतलब साफ़ था कि सरकार BSA. द्वारा फिर से विज्ञापन निकलवाये और भर्ती उसी टेट मेरिट से हो ,,, पर कुशासक का दुस्साहस देखिये उसने विज्ञापन तो निकलवाया सही पर उसके बेस को बदल डाला "अकैडमिक मेरिट" करके ॥

    ReplyDelete
  7. बस लालच की लड़ाई यहीं से शुरू हो गयी अकैडमिक लोगों द्वारा ,, वो यह भूल गए कि एक संशोधन पूर्ववर्ती मायावती सरकार ने कर दिया है NCTE. की गाईड लाईन को फॉलो करते हुवे जिसमे लिखा गया है "TET WTG SHOULD BE GIVEN. " और मायावती सरकार ने 100 % WTG. दे दिया है उसे चलती हुयी प्रक्रिया के बिच में कैसे कोई बदल सकता है जिसको साफ़-साफ़ SC. ने उल्लेखित किया है ??
    कुशासन का देखिये काउंसलिंग भी शुरू करवा दी "अकैडमिक मेरिट" से ,,, पर सरकार की असली जंग तो अभी बाकी थी "टेट मेरिट के निर्दोष व सच्चे लायंस" से ॥

    ReplyDelete
  8. और फिर क्या था HC. की द्वितीय पीठ ने सरकार के नए ऐड पर स्टे दे दिया ॥ HC. की डबल बेंच से टेट मेरिट के सच्चे लायंस जीत भी गए पर ये लालची अकैडमिक लोग अभी भी अपनी हार पचाने को तैयार नहीं और चल दिए सरकार के साथ SC. अकैडमिक मेरिट लाने ॥

    ReplyDelete
  9. खैर छोड़िये आगे आईये ----- सरकार ने सुनवाई के दौरान जूनियर मैथ्स/साइंस की भर्ती भी निकाल दी पूर्ण अकैडमिक से ,, लोगों की बांछें खिल गयीं और फिर क्या था "जूनियर संघ" भी बना लिए , जूनियर की भर्ती को पूरा करवाने के लिए पर ना जाने क्यूँ वो बार-बार भूल जा रहे हैं नियम और कानून ?? सिर्फ स्वार्थ और नौकरी की खातिर ॥ भले ही नियमों की धज्जियाँ दिन दहाड़े उड़ती रहें ॥ ये जूनियर वाले लोग जूनियर के चक्कर में देखिये जो कभी PRT. के लिए टेट मेरिट-टेट मेरिट जिंदाबाद चिल्लाते थे आज वहीं लोग PRT. 72825 टेट मेरिट वालों से गद्दारी कर बैठे सिर्फ निज स्वार्थ की खातिर ॥ इन्हें अब उस PRT. से कोई लेना देना नहीं बस JRT. हो जाये चाहे किसी भी तरीके से भले ही 1 साल बाद ये लोग घर वापस भेंज दिए जाएँ SC. द्वारा ॥

    ReplyDelete
  10. सवाल -पर ये इनकी चहेती JRT. भर्ती कैसे होगी बिना 15 वें संसोधन के बहाल हुवे जिसे HC. की डबल बेंच ने अवैध ही करार दे दिया है ?? क्या SC. ये कहेगी सरकार से कि आप अपने 15 वें संशोधन पर आधारित JUNIOR. भर्ती को TET. WTG. देकर पूरा कर लीजिये ??
    कैसे ?? TET. WTG. देने के लिए तो सरकार को फिर से संसोधन करना पड़ेगा ना भाई और फिर से संसोधन करेगी तो फिर से नया ऐड लाना होगा ना JRT. के लिए ॥ तो फिर सरकार के द्वारा निकला गया JRT. का ऐड तो स्वतः मर चूका है ना फिर कैसे होगी पूरी JRT. कि भर्ती इस ऐड पे ??

    ReplyDelete
  11. लेकिन स्वार्थ में डूबे लोग तो जैसे अपनी आँखें ही फोड़ लिए हैं भाई ,, उन्हें सही व सत्य तो अब दीखता ही नहीं ॥ अरे आँखें खोलो अपनी तुमलोग , तुमलोगों की JRT. अब गयी सदा-सदा के लिए ,, सिर्फ अब PRT. वाली भर्ती ही होगी वो भी "टेट मेरिट" से और कुछ नहीं ॥
    ___________ लालच ,स्वार्थ छोडो - सत्य से परिचित होवो ॥
    ___________________
    जय टेट मेरिट

    ReplyDelete
  12. M
    E
    R
    I
    .
    .
    .
    W
    A
    L
    I
    .
    .
    .
    .
    तेरे हाथ की काश मैं वो लकीर बन जाऊं;
    काश मैं तेरा मुक़द्दर तेरी तक़दीर बन जाऊं;
    मैं तुम्हें इतना चाहूँ कि तुम भूल जाओ हर रिश्ता;
    सिर्फ मैं ही तुम्हारे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं;
    तुम आँखें बंद करो तो आऊं मैं ही नज़र;
    इस तरह मैं तुम्हारे हर ख्वाब की ताबीर बन जाऊं!

    ReplyDelete
  13. हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िए
    अपनी कुर्सी के लिए जज़्बात को मत छेड़िए
    हममें कोई हूण, कोई शक, कोई मंगोल है
    दफ़्न है जो बात, अब उस बात को मत छेड़िए
    ग़लतियाँ बाबर की थीं, जुम्मन का घर फिर क्यों जले
    ऐसे नाज़ुक़ वक़्त में हालात को मत छेड़िए
    हैं कहाँ हिटलर, हलाकू, ज़ार या चंगेज़ ख़ां
    मिट गए सब, क़ौम की औक़ात को मत छेड़िए
    छेड़िए इक जंग, मिल-जुल कर ग़रीबी के ख़िलाफ़
    दोस्त! मेरे मजहबी नग़्मात को मत छेड़िए

    ReplyDelete
  14. अगर ४ जनवरी २०१२ को हाथी की सूंड कमजोर न पड़ी होती तो आज ७२८२५ बेरोजगार रोजगारी होते और शानदार नींद में सो रहे होते।

    ReplyDelete
  15. अगर ७२८२५ शिक्षकों के भर्ती विवाद में पूर्ण निष्पक्ष फैसला कभी आया है तो सिर्फ २० नवम्बर २०१३
    को आया है उसे अब पलटा जाने का कोई आधार नहीं है।

    ReplyDelete
  16. जिस भर्ती पर ४ जनवरी २०१२ को स्थगन लगा नियमानुसार १० जनवरी २०१२ के पहले स्थगन लाया ही नहीं जा सकता था।
    इन्ही सब अन्यायों का परिणाम था कि डिवीज़न बेंच में न्यायाधीशों ने न्याय के चंगुल में फंसाकर इंसाफ के लिए प्रदेश सरकार के अधिवक्ता को नाकों चना चबवाया।

    ReplyDelete
  17. इन सब विषय का मुझे पूर्वानुमान था।
    जिस प्रक्रिया पर ४ जनवरी २०१२ को स्थगन लगा था वह प्रक्रिया २० नवम्बर २०१३ से पुनः प्रगति पर है।
    सरकार और कपिल देव उस पर स्थगन चाहते हैं लेकिन जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाएगी तब तक चलेगी अगर सुप्रीम कोर्ट ने रोका तो फिर सुप्रीम कोर्ट दुबारा चलवाएगी भी ।

    ReplyDelete
  18. अंततः सबको नौकरी मिलेगी जो इसके पात्र हैं लेकिन तब कोई भी मेरा विचार पढ़ने नहीं आयेगा।
    आप आज से अध्यापक खुद को मान ही लो।
    विजय आपकी सुनिश्चित है।

    ReplyDelete
  19. हँस के चल दूँ काँच के टूकड़ो पर ___!
    वो जो कहे कि ये मेरे बिछाए हुए फूल
    हैं॥

    ReplyDelete
  20. M
    E
    R
    I
    .
    .
    .
    W
    A
    L
    I
    .
    .
    .
    .
    मिला था कुदरत से एक ही दिल,
    जो तुझे दे दिया...
    अगर हजारों मिलते,
    तो भी तुझ पे ही कुर्बान कर देता |

    ReplyDelete
  21. ये मत सोचना की
    तुमने छोड़ दिया तो टूट गये हम,
    वो भी जी रहे हैं
    जिनको तेरी खातिर छोड़ा था हमने..

    ReplyDelete
  22. तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी;
    वरना हमको कहां तुम से शिकायत होगी;
    ये तो बेवफ़ा लोगों की दुनिया है;
    तुम अगर भूल भी जाओ जो रिवायत होगी!

    ReplyDelete
  23. M
    E
    R
    I
    .
    .
    .
    W
    A
    L
    I
    .
    .
    .
    .
    मुझे ना ढूंढ ज़मीन-ओ-आसमां की गर्दिशों में,
    मैं अगर तेरे दिल में नहीं तो कहीं भी नहीं...

    ReplyDelete
  24. 'मैँ' वो चाँद नही.....जिसे हर
    कोई बेनकाब देखे.........
    मैँ तो वो 'सूरज' हूँ.....जिसे देखनेँ से पहले....आँखे झुक
    जाती हैँ।

    ReplyDelete
  25. अपनो को दूर होते देखा ,
    सपनो को चूर होते देखा !
    अरे लोग कहते हे फ़िज़ूल कभी रोते नही ,
    हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा!

    ReplyDelete
  26. तुम पास ही से गुजरे और हाल तक न पूछा,
    फिर मै कैसे यकीन कर लू कि तुम दूर जा के रोये भी होगे ?

    ReplyDelete
  27. मैले कपडे, पुरानी घडी,
    उतरा हुआ मुंह,.... इत्यादि चीजो से उसे गरीब ना मानो....
    हो सकता है, की वो आदमी शादीशुदा हो ॥

    ReplyDelete
  28. आपकी मांग भरने की सजा कुछ इस कदर पा रहा हैं
    कि आपकी मांग पूरी करते-करते, अब मांग-मांग के खा रहा हैं ...!!

    ReplyDelete
  29. जिदँगी भर किसी ने भी ना पुछा मेरेदिल का हाल !
    अब शहर भर में चर्चा
    मेरी खुदखुशी का है ...

    ReplyDelete
  30. उसके इंतजार के मारे है हम..
    बस उसकी यादों के सहारे है हम...
    दुनियाँ जीत के कहना क्या है अब..??
    जिसके लिए दुनियाँ जीतना था आज उसी से हारे है हम..

    ReplyDelete
  31. M
    E
    R
    I
    .
    .
    .
    W
    A
    L
    I
    .
    .
    .
    .
    दिल में हर किसी का अरमान नहीं होता ,
    हर कोई दिल का मेहमान नहीं होता ,
    एक बार जिसकी आरजू दिल में बस जाती है ,
    उसे भुला देना इतना आसान नहीं होता !

    ReplyDelete
  32. मे
    री
    .
    .
    .
    वा
    ली
    .
    .
    .
    .
    Najane kyu rait ki tarah hatho se nikal jate hai log
    Jinhe hum Zindagi samaj kar kabhi khona nai chahte.

    ReplyDelete
  33. "बाबर के द्वारा लङे गये प्रमुख
    युद्ध"
    .
    ***** Trick-[पान खा चल घर] *****
    ‪# पान‬- पानीपत प्रथम युद्ध (1526)
    ‪# खा‬- खानवा युद्ध (1527)
    ‪# चल‬- चंदेरी युद्ध (1528)
    ‪# घर‬- घाघरा युद्ध (1529)

    ReplyDelete
  34. गणेश भाई ने सारी बातेँ बहुत ही अच्छे ढंग से रखी,समाचार प्लस पर सपा को नंगा कर दिया गया,लेकिन नंगे पर फर्क पडेगा...?

    ReplyDelete
  35. सर्वप्रथम अमिताभ भाई को धन्यवाद,
    बेरोजगारों की पीड़ा को आज उन्होंने समाचार प्लस पर पुनः उठाया है।
    इसके बाद बात आती है एक महानुभाव जो कि राष्ट्रपति से मृत्यु की इजाजत मांग रहे थे
    आज उन्होंने कहा कि पुराना विज्ञापन आर्टिकल १४ का उलंघन कर रहा था जबकि डिवीज़न बेंच ने नये विज्ञापन को आर्टिकल १४ के उलंघन में रद्द कर दिया।
    इस प्रकार बहुत गलत फैसला हुआ है।
    सर्वप्रथम मै जवाब में कहना चाहता हूँ कि कोर्ट ने नया विज्ञापन नहीं रद्द किया है ।
    कोर्ट ने नियमावली का संशोधन १५ रद्द किया है ।
    आप को पता चल गया कि नया विज्ञापन उसी आधार पर था इसलिए स्वतः रद्द हो गया। इसमें कोर्ट को दोष देना उचित नहीं है।
    नया चयन का आधार पुरानी की तुलना में विधिसम्मत नहीं था।
    इसके अलावा आपको बताना चाहता हूँ कि आपने पुराने विज्ञापन को लेकर रोचक मुद्दा उठाया है।
    पुराना विज्ञापन जिस चयन के आधार पर था वह चयन का आधार (टेट मेरिट)
    आर्टिकल १४ के अनुरूप है।
    पुराने विज्ञापन से भी पहले नियुक्ति होनी थी क्योंकि उस समय ३१ दिसम्बर २०११ नियुक्ति की अंतिम तिथि थी लेकिन जब स्थगन के कारण प्रक्रिया खिची तब नियमानुसार अंतिम तिथि स्वतः बढ़ गयी लेकिन ४ जनवरी २०१२ को पुनः स्थगन लग गया।
    पुराने विज्ञापन में जो असंवैधानिक विभाजन था वह कोर्ट द्वारा
    उस विज्ञापन को नियुक्ति का विज्ञापन बताते ही स्वतः रद्द हो गया।
    जिस प्रकार न्यायमूर्ति अशोक भूषण साहब ने संशोधन १५ रद्द किया और आपने नया विज्ञापन उसके प्रभाव से रद्द मान लिया।
    उसी प्रकार श्री अशोक भूषण
    साहब ने जब पुराने विज्ञापन को नियुक्ति का बताया तो उसमे मौजूद त्रुटि स्वतः समाप्त हो गयी।
    जब आरटीई लागू था तो प्रशिक्षु का विज्ञापन जारी ही नहीं किया जा सकता था।
    इसमें याचियों को राहत मिली है।
    अतः इस भर्ती में अब कोई समस्या नहीं है।

    ReplyDelete
  36. एक नगर में एक मशहूर चित्रकार रहता था।
    चित्रकार ने एक बहुत सुन्दर तस्वीर बनाई और उसे नगर के चौराहे मे लगा दिया
    और नीचे लिख दिया कि जिस किसी को, जहाँ भी इस में कमी नजर आये वह वहाँ निशान लगा दे।
    जब उसने शाम को तस्वीर देखी उसकी पूरी तस्वीर पर निशानों से ख़राब हो चुकी थी। यह देख वह बहुत दुखी हुआ। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे वह दुःखी बैठा हुआ था। तभी उसका एक मित्र वहाँ से गुजरा उसने उस के दुःखी होने का कारण पूछा तो उसने उसे पूरी घटना बताई।
    उसने कहा एक काम करो कल दूसरी तस्वीर बनाना और उस मे लिखना कि जिस किसी को इस तस्वीर मे जहाँ कहीं भी कोई कमी नजर आये उसे सही कर दे।
    उसने अगले दिन यही किया। शाम को जब उसने अपनी तस्वीर देखी तो उसने देखा की तस्वीर पर किसी ने कुछ नहीं किया। वह संसार की रीति समझ गया । "कमी निकालना, निंदा करना , बुराई करना आसान, लेकिन उन कमियों को दूर करना अत्यंत कठिन होता है"

    ReplyDelete
  37. कपिल महाराज जी ने तो अपनी एस.एल.पी का डिफ़ेक्ट दूर कर दिया है जिसे २२ जनवरी को शाम ७ बजे से नेट पर देखा जा सकेगा.
    .
    अब देखना होगा,
    .
    सपा अपना अगला कदम कब उठाती है?????
    .
    यह अपना डिफ़ेक्ट कब और कैसे दूर करती है??????

    ReplyDelete
  38. "कैसे पड़े नौनिहाल"
    समाचार प्लस के विशेष बुलेटिन में गणेश शंकर दीक्षित
    कहा जाता है कि...
    पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे साहब...
    लेकिन उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने बाले बच्चे क्या बनेंगे ये तो कहा ही नहीं जा सकता....... क्योंकि ऐसा ही किसी प्रदेश में होता होगा,
    जहां 5वीं और 8 वीं क्लास में पढ़ने वाले
    बच्चे, दूसरी क्लास का पाठ भी ठीक से
    नहीं पढ़ पाते हों....
    सूबे के सरकारी स्कूलों की हालत बद् से बद्तर
    है और इसे सुधारने की कोई कवायद होती नहीं दिख रही है...
    ऐसे में सवाल यही है कि आखिर देश का भविष्य कहे
    जाने वाले इन नौनिहालों का भविष्य क्या होगा ...क्योंकि एक ओर तो सरकार कहती है कि, "सब पढ़े और सब बढ़ें" लेकिन अब सवाल उठना ये
    भी लाजमी है कि सरकार ऐसे पढ़ेंगे तो कैसे बढेंगे ?
    इस मुद्दे पर आप अपनी राय हमें दे सकते है ॥

    ReplyDelete
  39. उत्तर प्रदेश में शिक्षा की बदहाली और
    टीईटी अभ्यर्थियों के नियुक्ति को लेकर
    सरकार की तरफ से
    हीलाहवाली पर समाचार प्लस चैनल से
    अमिताभ अग्निहोत्री ने सवाल उठाया उसके लिए हम
    सब आभारी हैं।
    समाचार प्लस के बहस में उत्तर प्रदेश में
    शिक्षा की बदहाली के लिए जिम्मेदार
    बसपा व सपा सरकार और नकल माफिया के साथ शिक्षा माफिया पर
    अमिताभ अग्निहोत्री ने कई सवाल सपा विधायक से
    पूछा और वे हर बार .....आपने मुद्दा अच्छा उठाया बधाई और
    किसी सवाल का सही जवाब
    नहीं दे पायें। अगली बार
    सपा की तरफ से प्रवक्ता को बुलाना चाहिए
    ताकी अपनी राय स्पष्ट रख सकें ।

    ReplyDelete
  40. बेर की दातुन करने से स्वर मधुर होता है, गूलर से वाणी शुद्ध होती है, नीम से पायरिया आदि रोग नष्ट होते हैं एवं बबूल की दातुन करने से दाँतों का हिलना बंद हो जाता है। मंजन कभी भी तर्जनी उँगली (अँगूठे के पास वाली पहली उँगली) से न करें, वरन् मध्यमा (सबसे बड़ी) उँगली से करें। क्योंकि तर्जनी उँगली में एक प्रकार का विद्युत प्रवाह होता है, जिसके दाँतों में प्रविष्ट होने पर उनके शीघ्र कमजोर होने की संभावना रहती है।महीने में एकाध बार रात्रि को सोने से पूर्व नमक एवं सरसों का तेल मिला के, उससे दाँत मलकर, कुल्ले करके सो जाना चाहिए। ऐसा करने से वृद्धावस्था में भी दाँत मजबूत रहते हैं।
    हर हफ्ते तिल का तेल दाँतों पर मलकर तिल के तेल के कुल्ले करने से भी दाँत वृद्धावस्था तक मजबूत रहते हैं।

    ReplyDelete
  41. ye bharti ke liye sarkar par kisi ne pressure nahi dala.tum sab hath faila rahe ho 2 sal se sakar ke samne.padhe likhe to bahul ho kintu jano ki supreme court ki politics bhi goverment ke under ne hi chalti hai. sarkar supreme court ko apne paksh me aasani se kar sakti hai. ye baten agar aap bhaion ko pata hoti to 2012 me hi aap jeet jate. ab inka mooh takne se keval date hi milegi.

    ReplyDelete
  42. aap logo me 1 bhi aisa nahi hai jo is matter ko sahi le kar chal sake.keval 1 hi is matter ko 2 din me suljha sakta hai aur wo ek tum ho. dimag par jaor dalo aur samjho.

    ReplyDelete
  43. aap log itna na daro. baki bhatiyo ko dekho. apne dam par inhe majboor kar do. aap log apni hi naukary ke liye hath faila rahe ho.kal ko agr tumahari kisi aur cheez ko chin laenge kaya karoge? kab tak hath falate rahoge.

    ReplyDelete
  44. aap log itna na daro. baki bhatiyo ko dekho. apne dam par inhe majboor kar do. aap log apni hi naukary ke liye hath faila rahe ho.kal ko agr tumahari kisi aur cheez ko chin laenge kaya karoge? kab tak hath falate rahoge.

    ReplyDelete

Please do not use abusive/gali comment to hurt anybody OR to any authority. You can use moderated way to express your openion/anger. Express your views Intelligenly, So that Other can take it Seriously.
कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय अभद्र शब्द या भाषा का प्रयोग न करें। अभद्र शब्दों या भाषा का इस्तेमाल आपको इस साइट पर राय देने से प्रतिबंधित किए जाने का कारण बन सकता है। टिप्पणी लेखक का व्यक्तिगत विचार है और इसका संपादकीय नीति से कोई संबंध नहीं है। प्रासंगिक टिप्पणियां प्रकाशित की जाएंगी।