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सरकारी नौकरी शिक्षक भर्ती/नियुक्ति परिणाम / टीईटी Sarkari Naukri Recruitment/Appointment Result. Latest/Updated News - UPTET, CTET, BETET, RTET, APTET, TET (Teacher Eligibility Test) Merit/Counselling for Primary Teacher(PRT) of various state government including UP, Bihar
Sunday, January 26, 2014
Last Date to Apply for UPTET 2014 is EXTENDED
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329 comments:
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अगर यहाँ आपको कभी मेरी कोई बात समझ मेँ न आये तो
ReplyDelete.
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तो समझ लेना चाहिये कि बात बडे स्तर की हो रही है ।
Weldon
ReplyDelete.
Azamgarh
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Azamgarh ke diet principal ke anusaar sabhi diet per old add ke data ki ek c.d. Hai, ek siksha nideshalay Lucknow me aur ek c.d. Basic siksha parishad allahabad me jma hai....
Jitne logo ka fee vapas hua hai,unka data alag se taiyar hai.
दोस्तों,
ReplyDeleteआज समय की इस क्षण में आकर पीछे मुड़कर देखती हूँ तो लगता है कि अभी तक जूझ ही रहे हैं परिस्तिथियों से...
2013 जुलाई में जब हाई कोर्ट अवकाश के बाद कार्यान्वित हुआ तो लगा कि अब जल्दी ही सुखद समाचार मिलेगा और शायद 15 अगस्त को ध्वजारोहण स्कूल में ही करेंगे.. समय बीता और 15 अगस्त भी बीत गया, हालात नही बदले... फिर नई उम्मीद बना ली कि शायद शिक्षक दिवस (5 सितम्बर) ही स्कूल में मने, पर वो भी निराशा नही मिटा सका.... आदत के अनुसार फ़िर नई उम्मीद बनाई कि शायद गणतंत्र दिवस पर विद्यालय में हों,
पर फ़िर नया साल बीता और आज गणतंत्र दिवस है... हम अब भी इंतजार में ही हैं। मानसिक प्रताड़ना बहुत मिली है.... पर अब भी उम्मीद बनी हुई है, यकीन है कि खुशियाँ आएँगी जरूर.. पर कबतक ये नही पता। आज मन में आया तो लिख दिया.. ईश्वर से प्रार्थना है कि बस अब इंतज़ार और नही, खत्म करें हमारा इंतज़ार और अपने आशीर्वाद प्रदान करें !
उत्तर प्रदेश में मेरे प्रिय भाई व बहन गणतंत्र दिवस पर अपने विद्यालय में तिरंगा फहराने की मंशा को सृजित किये हुए हैं
ReplyDeleteउनकी योग्यताओं पर भी कोई शक नहीं है ।
लेकिन कपिल देव यादव एवं अखिलेश यादव की कुटिल चाल ने लगातार ६३वां, ६४वां एवं ६५वां गणतंत्र दिवस मनाने से उन्हें वंचित कर दिया।
ReplyDeleteमुझे विश्वास था कि ६५वां गणतंत्र दिवस बेसिक शिक्षा परिषद् उत्तर प्रदेश के १.२५ लाख विद्यालयों में से किसी एक विद्यालय में बीतेगा
इसपर अपने अनुमान भी प्रस्तुत किये थे लेकिन जो आधार प्रस्तुत किये थे उन आधारों को इस सरकार ने उलझा दिया।
ReplyDeleteअतः आपकी भावनाओं को मेरे अनुमानों से आहत पहुंची होगी जिसके लिए हम आपसे हाथ जोड़कर माफ़ी मांगते हैं।
इसी के साथ अखिल ब्रह्माण्ड की महानायिका माँ सरस्वती से प्रार्थना करते हैं कि मेरे भाईयों एवं बहनों का
६८वां स्वतंत्रता दिवस माँ आपके प्रांगण में व्यतीत हो।
इन्हीं भविष्यगामी शुभकामनाओं के साथ आपको गणतंत्र दिवस की मांगलिक शुभकामनायें।
आपको इस पावन बेला में आश्वस्त करता हूँ कि हमारी भर्ती पर कोई अंतिम तिथि प्रभावी नहीं होगी।
सकारात्मक विचार से आगे बढ़ें।
!! जय हिन्द जय भारत !!
सरकार की SLP के बारे में टिप्पणी करने से पहले
ReplyDeleteमुझे पेट पकड़कर
हँसना आवश्यक महसूस हुआ,,,, अगर बसपा सरकार
ने
अपनी मूर्खता और दुष्टता का परिचय देते हुए
सहायक अध्यापक
को ट्रेनी टीचर नाम दे दिया तो क्या सपा सरकार
उस आधार पर चयन
प्रक्रिया बदलने के लिए अधिकृत हो जाती है????
टंडन साहब के जिस
आदेश का सरकार हवाला दे रही है उसे
पूरा पढना भी शायद उसने
मुनासिब नहीं समझा,,,,,,, सरकार द्वारा SLP में
दर्ज
सभी आपत्तियों को टंडन साहब ने खारिज करते हुए
टेट के बैड पार्ट
को हटाकर टेट मेरिट से नियुक्ति का आदेश
दिया था,,,, रही बात
उस्मानी कमेटी की तो न्यायमूर्ति सुशील
हरकौली साहब ने
उसकी रिपोर्ट की धज्जियाँ उड़ाने में कौन सी कसर
छोड़ दी थी जो अब
सरकार उस्मानी को बुढौती में जेल भिजवाने SC
पहुँच गई!!!!!! टेट
मेरिट से नियुक्ति करने से मना करने की औकात
NCTE की तो है
नहीं,,,,फिर उसकी गाइडलाइन
का बहाना क्यों बनाया जा रहा है????
मेरे ख्याल से टेट संघर्ष मोर्चे में
हजारों कार्यकर्ता इस लायक
कानूनी जानकारी हासिल कर चुके हैं कि सरकार के हर
सवाल का जवाब
दे सकें,,,,,
पुराणों में एक कथा आती है-
ReplyDeleteमहाराज जनक के जीवन में कोई भूल हो गई थी। मरने पर उन्हें यमलोक जाना पड़ा। वहां उससे कहा गया- नरक चलो। महाराज जनक तो ब्रह्मज्ञानी थे। उन्हें क्या स्वर्ग, क्या नरक। वे प्रसन्नतापूर्वकचले गए। नरक में पहुंचे तो चारों ओर से पुकार आने लगी- 'महाराज जनक जी! तनिक यहीं ठहर जाइए।'महाराज जनक ने पूछा- 'यह कैसा शब्द है? 'यमदूतों ने कहा-'नरक के प्राणी चिल्ला रहे हैं।'जनक ने पूछा-'क्या कह रहे हैं ये? 'यमदूत बाले-'ये आपको रोकना चाहते हैं। 'जनक ने आश्चर्य से पूछा-'ये मुझे यहां क्यों रोकना चाहतेहैं? 'यमदूत बोले- 'ये पापी प्राणी अपने-अपने पापों के अनुसार यहां दारुण यातना भोग रहे हैं। इन्हें बहुत पीड़ा थी। अब आपके शरीर को स्पर्श करके पुण्यवायु इन तक पहुंची तो इनकी पीड़ा दूर हो गई। इन्हें इससे बड़ी शांति मिली। 'जनक जी बोले-'हमारे यहां रहने से इन सबको शांति मिलती है, इनका कष्ट घटता है तो हम यहीं रहेंगे।
'तात्पर्य यह है कि भला मनुष्य नरक में पहुंचेगा तो नरक भी स्वर्ग हो जाएगा और बुरा मनुष्य स्वर्ग में पहुंच जाए तो स्वर्ग को भी नरक बना डालेगा।अतः देखना चाहिए कि हम अपने चित्त में नरक भर कर चलते हैं या स्वर्ग लेकर। जब हमें लगता है कि समस्त विश्व मेरी आत्मा में है, तब रोग-द्वेष, संघर्ष-हिंसा के लिए स्थान कहां रह जाता है?
शाबाश आरती
ReplyDelete( ओजस्वी और विरवान बने भारतीय नारी )
जिले भर की पुलिस, महिला संगठन और सैकड़ों स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर वह काम नहीं कर पाई, जो एक अकेली लड़की ने कर दिखाया। छात्राओं पर फब्तियां कसने वाले शोहदे को उसने ऐसा सबक सिखाया कि देखने वाले दंग रह गए। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्रा आरती यादव ने छेड़खानी कर रहे शोहदे को न सिर्फ चप्पलों से पीटा, बल्कि उसके भागने पर उसकी बाइक में भी आग लगा दी। मौके पर आरती की यह दिलेरी देखने वाले उसके साहस की तारीफ किए बगैर न रह सके। आए दिन की छेड़खानी से आजिज आरती के सब्र का बांध टूटा तो उसने उसे सबक सिखाने की ठान ली। वह जोंटी के पास पहुंची और तेजी से चीखते हुए उसकी बाइक पर जोरदार लात मारी। विवेक बाइक समेत गिर गया तो आरती ने चप्पल से उसकी पिटाई शुरू कर दी। एक लड़की का सरेआम इस तरह रौद्र रूप देख सब हतप्रभ रह गए। देखते ही देखते उसके आस-पास मजमा लग गया। बढ़ती भीड़ और लड़की का यह रूप देख जोंटी बाइक छोड़कर भाग निकला। आरती इतने गुस्से में थी कि उसने सड़क किनारे पड़े ईट-पत्थर को उठाया और बाइक को कूचने लगी। इस पर भी उसका गुस्सा शांत न हुआ तो पास के पेट्रोल पंप पर गई और बोतल में पेट्रोल लाकर बाइक में आग लगा दी। जब एक घर से एक महिला बाहर निकल आई और उसने पूछा की वो ऐसे बाइक में आग क्यों लगा रही है ? तो आरती ने उत्तर दिया की ऐसा ही सवाल तब क्यों नहीं किया जब वह बदमाश मुझे तंग कर रहा था . तब तो घर से बाहर भी कोई नहीं निकला . सभी लड़कियों को ऐसे ही साहस से काम लेना चाहिए .
मे
ReplyDeleteरी
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वा
ली
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When you love someone, you defend them even when you know they’re wrong. When you love someone, you protect their life, even if you have to risk yours to do it. When you love someone, you would give anything just to see them smile. When you love someone you would be willing to give up everything for them,
.** कबीर के लेटेस्ट दोहे **
ReplyDeleteऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोये !
सोनिया जब भाषण दे, सारी जनता सोये !!
पंछी करे न चाकरी, अजगर करे न काम !
बुश ने खोदा गड्ढा, निकल पड़ा सद्दाम !!
साईं इतना दीजे, जामे कुटुंब समाये !
मैं भी भूखा न रहू, पुलिस न भूखी जाए !!
गुरु गोविन्द दोनों खड़े, काके लागो पाँय !
आडवाणी जे नाराज हुए, राजनाथ लियो मनाय !!
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान !
नाच नचावे मन्नू को, सोनिया रानी महान !!
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय !
कजरी बाबू को छोड़, सारा जग बेईमान होए !!
निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय !
बच्चा राहुल बाबा को, सिर्फ पोगो कार्टून भाय !!
माया मुई न मन मुआ, मरी मरी गया सरीर !
मोदी-राज आयेगा, काहे होत अधीर !!
तन को जोगी सब करें, मन को बिरला कोई !
आरक्षण के इस सांप को, मार सका ना कोई !!
पानी केरा बुदबुदा, अस मानुस की जात !
कौन जाने मुलायम मियां, कब पलट दे बात !!
हिन्दू कहें राम पियारा, तुर्क कहें रहमाना !
दंगे होए मरै सभी, भरै नेता खजाना !!
कबीरा खड़ा बाज़ार में, मांगे सबकी खैर !
मोटूराम गडकरी, रोज करेंगे सैर !!
बडा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर !
हिमेश रेशमिया गाये, तेरा तेरा तेरा सुरूर !!
जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होय !
मोदी बने कम्युनल, नितीश सेकुलर होए !!
जहाँ दया तहाँ धर्म हैं, जहाँ लोभ तहाँ पाप !
जहाँ माफ़ी वहाँ काटजू हैं, जहाँ अनशन वहाँ आप !!
और अंत में
काल करै सो आज कर, आज करै सो अब..!
इतनी मेहनत से लिखे हैं, forward करेगा कब !!
govt ने slp में दो मजेदार झूठ बोल बोले हैं ......... 1-
ReplyDeleteउस्मानी कमेटी की रिपोर्ट पर लिए कैबिनेट डिसीजन को किसी कोर्ट
में
चुनौती नहीं दी गई है 2- UPTET2013 के पास अभ्यर्थियों के
हितो का ध्यान नहीं रखा गया......... सरकार में क्या सब के सब
पागल ही हैं क्या? 2013 के टेट में B.Ed वाले primary में कब
बैठ
गए?
ऐसा ना हो कि गर्ग कोर्ट में कहने लगे कि allahabad में hc है
ही नहीं .....ं
एक और नई बात खोजी है govt ने,,,,कह रही है कि उसने
selection criteria नहीं बदला है बल्कि selection process
ही बदली है,,,,,
गर्ग साहब की बेइज्जती सी बी यादव से ज्यादा कराने की कसम
तो नहीं खाई है सरकार ने?
भोजन के अन्त में पानी विष समान है ।
ReplyDelete.
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भोजन हमेशा धीरे धीरे, आराम से जमीन पर बैठकर करना चाहिए ताकि सीधे अमाशय में जा सके । यदि पानी पीना हो तो भोजन आधा घंटा पहले पी ले । भोजन के समय पानी न पियें । यदि प्यास लगती हो या भोजन अटकता हो तो मठ्ठा / छाछ ले सकते हैं या उस मौसम के किसी भी फल का रस पी सकते है (डिब्बा बन्ध फलों का रस गलती से भी न पियें) । पानी नहीं पीना है क्योंकि जब हम भोजन करते है तो उस भोजन को पचाने के लिए हमारी जठराग्नि में अग्नि प्रदीप्त होती है । उसी अग्नि से वह खाना पचता है । यदि हम पानी पीते है तो खाना पचाने के लिए पैदा हुई अग्नि मंद पड़ती है और खाना अच्छी तरह से नहीं पचता और वह विष बनता है । कई तरह की बीमारियां पैदा करता है । भोजन करने के एक घन्टा बाद ही पानी पिए वो भी घूंट घूंट करके ।
सुबह उठकर दो तीन गिलास पानी पिए, दिन में ३-४ लिटर पानी जरूर पिए और पानी हमेशा कुनकुना(न ज्यादा ठण्डा न गर्म) पीए और आराम से बैठ्कर घूंट भर भर के पिए
फायदे
मोटापा कम करने के लिए यह पद्धति सर्वोत्तम है । पित्त की बिमारियों को कम करने के लिए, अपच, खट्टी डकारें, पेट दर्द, कब्ज, गैस आदि बिमारियों को इस पद्धति से अच्छी तरह से ठीक किया जा सकता है ।
जाने जनेऊ पहनने के फायदेआपने देखा होगा कि बहुत से लोग बाएं कांधे से दाएं बाजू की ओर एक कच्चा धागा लपेटे रहते हैं। इस धागे को जनेऊ कहते हैं। जनेऊ का धार्मिक दृष्टि से बड़ा महत्व है।जनेऊ का निर्माण दो तूड़ियों से किया जाता है जिसमें तीन -तीन लपेट होते हैं। तीनों लपेट क्रमशः ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों देवताओं के प्रतीक माने गए हैं। धार्मिक दृष्टि से माना जाता है कि जनेऊ धारण करने से शरीर शुद्घ और पवित्र होता है।जबकि वैज्ञानिक दृष्टि से जनेऊ स्वास्थ्य और पौरुष के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। यह हृदय रोग की संभावना को कम करता है। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार दाएं कान की नस अंडकोष और गुप्तेन्द्रियोंसे जुड़ा होता है।मूत्र विसर्जन के समय दाएं कान पर जनेऊ लपेटने से शुक्र की रक्षा होती है। जिन पुरुषों को बार-बार बुरे स्वप्न आते हैं उन्हें सोते समय कान पर जनेऊ लपेट कर सोना चाहिए। माना जाता है कि इससे बुरे स्वप्न की समस्या से मुक्ति मिल जाती है।कान पर जनेऊ लपेटने से पेट संबंधी रोग एवं रक्तचाप की समस्या से भी बचाव होता है। माना जाता है कि शरीर के पृष्ठभाग में पीठ पर जाने वाली एक प्राकृतिक रेखा है जो विद्युत प्रवाह की तरह काम करती है।यह रेखा दाएं कंधे से लेकर कमर तक स्थित है। जनेऊ धारण करने से विद्युत प्रवाह नियंत्रित रहता है जिससे काम-क्रोध पर नियंत्रण रखने में आसानी होती है।
ReplyDeleteBreaking news
ReplyDeleteYe to confirm ho chuka hai ki govt kisi bade adhikari ko jail bhijwana chah rhi hai,
aaj raat khulasha hoga...........
Azamgarh ke diet principal ke anusaar sabhi diet per old add ke data ki ek c.d. Hai, ek siksha nideshalay Lucknow me aur ek c.d. Basic siksha parishad allahabad me jma hai....
Jitne logo ka fee vapas hua hai,unka data alag se taiyar hai.
शुभ संध्या
ReplyDelete1- जैसे की सुचना मिल रहा हैँ सत्य मित्र गर्ग बेसिक शिक्षा सचिव से केस ना लडने का सुझाव दिया जिस पर कल पुन: सरकार के न्याय बिभाग का मंथन होगा ।
2- टेट मेरिट के भाई SLP पर सुनवाई 3 फरवरी या 7 फरवरी को हो सकता हैँ ।
3-SC मेँ सरकार की SLP 5 मिनट के बहस के बाद खारिज हो जायेगी ।
एस एल पी के प्वाईन्ट्स के अध्ययन के पश्चात सरकार की मंशा स्पष्ट हो चुकी है । ज्यादातर बिन्दु कोर्ट को दिग्भ्रमित करने वाले है और सच्चाई को तोड्मरोड कर तथ्यगोपन करते हुये कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया है , इसकी बस एक ही वजह है कि येन-केन-प्रकरेणविशेष अनुमति याचिका का सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंगीकरन करवाने का कुत्सित प्रयास। सरकार यह बात भलीभाँति जानती है कि वह कभी भी वह केस की मेरिट के आधार पर भारत के किसी भी न्यायालय में जीत नही सकती है अतएव वह पूर्व की भाँति मामले को अधिकाधिक समय के लिये लटकाना चाहती है जैसा कि उसने लगभग दो वर्ष पूर्व २३ जुलाई १२ को बेस आफ़ सेलेक्शन बदल कर किया था क्योंकि सरकार को यह पूर्वज्ञान था कि टी ई. टी २०११ परीक्षा को रद्द करना उसके लिये नामुमकिन है अब भर्ती कैसे फ़ँसायी जाये ? इसके लिये उसके रणनीतिकारों ने सलाह दी थी कि चयन का आधार बदल दो जिससे मामला सालों तक लटक जायेगा और साँप भी मर जायेगा तथा लाठी भी नही टूटेगी । एडमीशन वाले दिन सरकारी पक्ष का वकील यह कोर्ट को दिग्भ्रमित कर एडमीशन कराने का पूरा प्रयास करेगा
ReplyDeleteकिसी भी युद्ध का पहला व महत्वपूर्ण नियम होता है कि दुश्मन को कभी कमजोर न समझा जाये पर अब मुझको यह प्रतीत हो रहा है कि हमारे कुछ साथी यह भूल गये है । सबसे पहले हमको सिंगल बेंच की कार्यप्रणाली को अपने जहन में बैठा लेना चाहिये वहा पर भी हम मजबूत थे परन्तु तकनीकी बिन्दुओं का बहाना ले कर हमारी रिटों पर हमारे ही विरुद्ध सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य किया गया। यह कभी मत भूलना कि जरूरी नही है कि हम सही हों और न्यायालय से हमें अनुतोष प्राप्त हो सके । भारत में एक नही इसकी हजारों नज़ीर है कि कई बार पीडित पक्ष को तकनीकी आधार पर न्याय से वंचित कर दिया जाता है । इसलिये सभी से अनुरोध है कि सावधान रह कर आत्ममुग्धता का परित्याग कर लक्ष्य की ओर बढे …जीत हमारी सुनिश्चित है बस सावधानी और विवेक की आवश्यकता है ।
ReplyDeleteजय हिन्द ! जय टेट !! जय ओल्ड एड !!!
जब दुर्योधन (कॉंग्रेस) को लगा की वो अपने दम पर अर्जुन (मोदी) को परास्त नहीं कर सकता तो उसने कर्ण (आप) से दोस्ती कर ली और उसे अंग देश (दिल्ली) का राजा बना दिया, इस अहसान के बदले कर्ण , दुर्योधन और उसके साथियों (शीला गवर्नमेंट) के अधर्म(करप्षन) की तरफ अपनी आँखें बंद कर लीं और इस अधर्म को छुपाने और खुद को दानवीर कहलाने केलिए अपनी हैसियत से ज़्यादा दान (सब्सिडी) दिया और दुर्योधन (कॉंग्रेस) को विजयी बनानेकी पूरी कोशिश की.
ReplyDeleteइस धर्म युद्ध मे भीष्म और द्रोण (मीडिया) ने भी इस गठजोड़ का साथ दिया! लेकिन जनता जनार्दन (कृष्ण) ने अर्जुन (मोदी) का साथ नहीं छोड़ा और ये तो सर्व विदित है की अंत में जीत उसी कि होती है ...जिसके साथ जनार्दन (कृष्ण) होते हैं!
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फर्क थोडा सा है मेरे और तेरे इश्क मे
तू मेरी खातिर रातभर जागती है ।
और मुझे मेरे मुल्क के हालात कभी सोने ही नही देते ॥
सरकार से कोर्ट मांगेगा जवाब ।
ReplyDeleteयदि धांधली हुई तो क्यों किया BTC की नियुक्ति।
क्या BASE बदलने से धांधली शून्य हो गई।
सरकार का घिसा पिटा जवाब यानि
सरकार केवल लेट के उद्देश्य से और ग#को दिखाने के लिए कोर्ट गई है ।उसकी हार तो सर्वविदित है।
सरकार की होगी पूरी खिचाई ।
कपिल का केस से नही # से मतलब था जो पूरा हुआ।
आगामी कोई भर्ती गुणांक पे नही होगी यानी केवल टेट मेरिट पर ।
टेट 2011 उत्तीर्ण सभी साथियो सर्वोच्च न्यायालय मे संघर्ष का बिगुल बज चुका है । सोमवार तक तारीख भी तय हो जाएगी । टेट संघर्ष मोर्चा की तैयारी अंतिम दौर मे है । सरकार और अकेडमिक सपोर्टर महान आत्माओँ द्वारा उठाए गए प्रमुख बिंदुओ और उनके तर्कहीन व हास्यास्पद आधारों से भी आप सब परिचित है । एक बिंदु को छोड़कर शेष सभी बिंदु (रिकार्ड गायब होना ) माननीय उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायाधीशो द्वारा पहले ही दो दो बार संविधान के विपरीत पाते हुए खारिज किए जा चुके है । 15 वें संशोधन के आधार पर नियुक्ति पा चुके लोगों का क्या होगा कोर्ट तय करेगा । हम सब के रिकार्ड गायब होने की असंभव बात लिखित मे कहकर सरकार ने अपने प्रमुख अधिकारियों को जेल भेजे जाने का पुख्ता इंतजाम कर दिया है । कुछ ऐसा ही बिहार सरकार द्वारा कोर्ट मे कहने पर कोर्ट ने उसे काल्पनिक मानते हुए अधिकारियों से कोर्ट रूम से सीधे जेल जाने या 6 सप्ताह मे नियुक्ति पत्र देने मे से एक विकल्प का चुनाव करने को कहा और भर्ती समय से पूरी हो गई । देखना यह है कि अपने मामले मे सर्वोच्च न्यायालय हरियाणा (चौटाला & sons ) या बिहार मे से कौन सा उदाहरण दोहराता है । अकेडमिक वाले रिकार्ड गायब होने वाली मीडिया मे छपी खबर को ढूँढना शुरू कर दो और मिलने पर संभाल कर रखें सरकार द्वारा कभी भी उनसे वह प्रति माँगी जा सकती है । उम्मीद है सरकार के इस नाटक का अंत पहली सुनवाई मे ही हो जाएगा और हमारी भर्ती तय समय मे पूरी करने को बाध्य होगी ।
ReplyDeleteगु
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TET dosto....kya kisi ne Sachiv ko Court ke 20 nov ke adesh ki copy bheji hai ( jaisa ki court ne last Avmanana yachika ki sunwayi me kaha tha)...hame is taraf bhi prayasrat rehna chahiye
ReplyDeleteसरकार की slp की प्रेअर और ग्राउंड पढ़कर महसूस हुआ कि सरकार अकेडमिक पुरोधाओँ से भी अधिक महान है । तथ्यों / सिद्धांतो को तोड़ने मरोड़ने झूठ बोलने और कानून की मनमानी व्याख्या करने मे उसने कोई कसर बाकी नही छोड़ी है । अफसोस कि उसने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के विद्वान न्यायाधीशों को भी अकेडमिक पुरोधा समझकर गुमराह करने की कोशिश कर डाली । जिस उस्मानी कमेटी की रिपोर्ट के तथ्यों पर इलाहाबाद हाई कोर्ट मे बहस के दौरान कोर्ट रूम मे ठहाके लगने के बाद हरकौली साहब ने without homework केवल पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई मनगढँत रिपोर्ट कहकर खारिज कर दिया उसे सरकार अब तक चैलेंज न होना दर्शाकर जीवित कह रही है । इलाहाबाद हाई कोर्ट की ब्रहद पीठ जिस टेट को not merely an eligibility test but an overall performance test का प्रमाण पत्र जारी कर चुकी है उसे यह सरकार अपने अकेडमिक भक्तो के सुर मे सुर मिलाते हुए केवल पात्रता परीक्षा होना बता रही है । अपने अकेडमिक भक्तो की तरह सरकार का कहना है उसने selection criteria नही केवल process बदली है। जिसे मनमाने ढंग से बदलने के लिए सरकार स्वतंत्र है । कोर्ट को उसे मनमानी करने से रोकने का अधिकार नही है । सरकार का यह भी कहना है कि प्रशिक्षु शिक्षक का कोई पद नियमावली मे नही होने के कारण 30 नवंबर 2011 का विज्ञापन वैध नही है जब कि वह भूल जाती है कि उसकी जरूरत बी एड वालों के लिए नही है क्योंकि यह ncte की विशेष अनुमति से ही भर्ती किए जा सकते है । प्राथमिक मे शिक्षक बनने की योग्यता बी एड नही बल्कि स्नातक +बी टी सी है । प्रशिक्षु शिक्षक प्रावधान को डबल बेँच व ब्रहद पीठ ने अनावश्यक माना क्योंकि उक्त प्रावधान होने पर बी एड वाले हमेशा के लिए बेसिक शिक्षक बनने के लिए पात्र हो जाएँगे जबकि वह प्राथमिक स्तर का टेट देने के लिए पात्र नही है । सरकार का कहना है कि उसने पुराने विज्ञापन की फीस वापस कर रिकार्ड निरस्त कर दिए है और अब उनका कोई रिकार्ड सरकार या विभाग के पास नही है इसलिए उन्हे नियुक्ति देने मे असमर्थ है । अरे भाई जिनकी फीस है उनका रिकार्ड भी होगा तो उन्हे नौकरी दे दो । अगर उन्हे भी देना चाहते हो तो एक और विज्ञापन लाकर पुराने आवेदको से फार्म भरवा लो । हमे नौकरी चाहिए विज्ञापन का अचार नही डालना है । हालाँकि जब हम और आप जानते है कि सरकार सफेद झूठ बोल कर भर्ती न करने के बहाने गिना रही है तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय के विद्वान न्यायाधीशो को सरकार की चाल समझने मे कितनी देर लगेगी ? 15 वें संशोधन को बचाने के लिए सरकार झूठ के सिवाय कोई मजबूत तथ्य नही रख पाई इसलिए पतन होना निश्चित है । नियुक्त हो चुके लोगों के संबंध मे विशेष अनुमति मिल जाए बड़ी बात होगी ।
ReplyDeleteKya selection process aur selection critaria me differece hota hai?
ReplyDeleteGovt ne ye bhi kaha hai k usmani cammeti ki report ko chelenge nahi kiya gya hai,
to abi tak court me kis bat ki ladai chal rahi thi.
गुणवक्ता वाला शिक्षण कार्य टेट मेरिट से भर्ती हो तभी मिल सकता है। ये बात सरकार भी जानती है उसे बस इतनी प्रॉब्लम है कि इस भर्ती की शुरुआत माया सरकार ने की थी। वर्तमान सरकार की ओछी मानसिकता का भारी नुकसान टेट मेरिट सपोर्टर को हुआ था लेकिन अब और नहीं । अब slp देख कर लगता है हम लड़ाई जीत चुके हैं औपचारिकता वाकी है। जय टेट मेरिट। जय ओल्ड एड।
ReplyDeleteसीमापार से गोलीबारी शुरू होते ही गुलफाम , उसके भाई बहन और माँ बाप उस बंकर नुमा गड्डे में छिप गए । पर ये क्या बकरियां आज खुले में ही बंधी रह गयीं । गुलफाम के माँ बाप एक दुसरे को इसके लिए दोषी ठहरा रहे थे । आखिर गुलफाम की माँ झल्ला कर बोली - ' खाने के वैसे ही लाले पड़े हैं अगर बकरी नहीं रही तो मेरे बच्चों को दूध भी नहीं मिलेगा ... मैं जा रही हूँ उन्हें छिपाने ' .... गुलफाम का बाप बोला - ' रुक मैं भी आता हूँ ' ...... दोनों ने मिलकर जल्दी से सभी बकरियों को आड़ में किया और गड्ढे की ओर वापस लौटने लगे । पर माँ को न जाने कहाँ से पड़ोसी रउफ का मेमना गोलीबारी से सहमा हुआ इधर उधर भागता दिखाई दिया । ' उसे आड़ में नहीं किया तो कही वो गोली के निशाने में न आ जाए ' ये सोच कर उसकी ओर बढ़ी ही थी एक गोली उसकी पीठ से घुसते हुए सीने से निकल गयी । वो बेजान क्षत विक्षत पडी थी गुलफाम का पिता रोष और शोक का सागर बना , रोते चीखते बच्चों को सम्हाले गड्ढे में खड़ा यही सोच रहा था ' अपने मजहब वालों की गोली ने भी नूरी की नीयत का लिहाज नहीं किया '
ReplyDeleteलोगो से कह दो हमारी तकदीर से जलना छोड़ दे
ReplyDeleteहम घर से दवा नही भगवान की दुआ लेकर निकलते है... !!!
कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ, तो भी कोई बात नहीं...
वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं, सबमेँ बाँट दिया करते है...!!!
M
ReplyDeleteE
R
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A
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मुद्दत से दूर थे हम-तुम;
एक ज़माने के बाद मिलना अच्छा लगा;
सागर से गहरा लगा प्यार आपका;
तैरना तो आता था पर आज डूबना अच्छा लगा।
पप्पू 'मुजरा देखने गया
ReplyDeleteसारी रात मुजरा देखता रहा,
शीला बाई:-
साहेब हमने आपको खुश किया
अब आप भी हमें खुश करो?
.
.
.
.
.
"तो पप्पू उठा और खुद नाचने लगा!
When a girl gives up, it's not because she doesn't love you, but because she's tired of getting hurt & feels ,like you'll never care.
ReplyDeleteचलो मान लिया मायावती ने एग्जाम से पाँच दिन पहले चयन का आधार तय किया पर साल भार बाद चयन का आधार किस नियम के तहत बदला गया? ऐसा किस राज्य मे हुआ है?
ReplyDeleteअरे टेट का रिकार्ड ना होने की बात नहीं कही गई है,वो तो मीडिया की उड़ाई अफवाह थी,,,, जिन्होंने old ad की फीस वापस ली है उन्होने ही रिकार्ड नष्ट हो जाने का बहाना बनाया है .....
ReplyDeleteबात तो ये है कि सरकार 15th संशोधन बहाल करने को कह ही नहीं रही है,,, वो सिर्फ ये मांग कर रही है की जिनकी job उस रूल से लग चुकी है उनके बारे में कुछ जुगाड़ कर दो...... थोड़ी बहुत ड्रामेबाजी तो उसे करनी ही थी वरना फिर अपील किस बात की करती,,,,,!!!!
ReplyDeleteआप लोग उसकी चिंता ना करें,,, आन लाइन फार्मों से चयन नहीं होने जा रहा,,बल्कि उसकी फीस वापस होगी,,, चूंकि मैं ये बात नया विज्ञापन आने के बाद से जानता हूँ इसलिए मैंने भी नहीं भरा था,,,
ReplyDeleteDEAR FRIENDS ,,,,,,,,,,,
ReplyDeleteSOME POINTS TO DISCUSS ABOUT SPECIAL LEAVE PETITION BY U. P. GOVT. IN SUPREME COURT AGAINST HIGH COURT JUDGEMENT DATED 20TH NOV. 2013 OF 72825 PRIMARY TEACHER VACANCY ===
1... SABHI CANDIDATE NE 5 DD AND APPROX. 40-50 DISTRICT ME FORM BHARA THA .............AGAR 1 DD KISI CANDIDATE KA VAPAS BHI AA GAYA ....TO 4 DD SABHI CANDIDATE KE ABHI BHI GOVT. KE PASS HAI .......ISS LIYE OLD ADVT. ME KISI BHI CANDIDATE KA CANDIDATURE KHATAM NAHI HO SAKTA .....
2... AGAR YE MANN BHI LIYA JAYE KI DIET PER DD BHEJNE KE SATH HI FORM NAST KER DIYA GAYA ..TO KEWAL 1 DD KE SATH KA FORM NAST HUA HOGA .... BAAKI SABHI 40 -50 DISTRICT KE FORM ABHI BHI SURAKSHIT HONGE ...
3 ... SABHI DIET PER 9TH JAN 2012 TAK FORM FEEDING KA KAAM KHATAM HO CHUKA THA ..... KYUKI MERIT LIST AANE WALI THI ........ VO SAARI FEEDING WALI CD HER DIET PER SURAKCHIT HOGI .....
4 ... JINKE 1 DD AAYE BHI HAI ....VO ABHI OCT. - NOV. ME AAYE HAI .....ITNI JALDI .........VO BHI NYAYALAYA ME VICHARADHEEN MAMLE KE DOCUMENTS GOVT. KAISE NAST KER SAKTI HAI ...
5 ... COURT ME AAJ TAK YAHAAN TAK KI HIGH COURT KI DOUBLE BENCH ME BHI GOVT. KE ADVOCATE NE YE NAHI KAHAA KI FORMS NAST HO GAYE HAI .......... ISSE YE SAAF JAAHIR HAI KI SUPREME COURT KO GUMRAAH KERNE KE LIYE YE BAATE KAHI JA RAHI HAI ..........
6 ... AB SUPREME COURT ME GOVT. AISA KUCH BHI PESH NAHI KER SAKTI HAI .... JO KI USNE PICHLE 2 SAAL ME HIGH COURT ME PESH NAHI KIYA ... AGAR VO AISA KUCH BHI KAHTI HAI ....YA PESH KERTI HAI ...TO VO SIRF MANIPULATED HI HOGA .....
7 ... MANAA KI YE GOVT. KA VIVEKADHIKAAR HOTA HAI KI VO APNE ANUSAAR ADVT. NIKAAL SAKTA HAI .... LEKIN KISI BHI CONDITION ME VO CONSTITUTION KE ARTICLE 14 KE TAHAT " LAW OF EQUALITY " AUR PREAMBLE OF INDIA ME LIKHIT " EQUALITY IN OPPORTUNITY " KA ULLANGHAN NAHI KER SAKTA HAI ...
8 .. ABHI TAK BHI BAHUT SI VACANCIES ME ACD MERIT SE SELECTION HOTA AAYA HAI ......SIRF ISS LIYE KYUNKI KISI NE ISS MATTER PER AAJ TAK UNITY NAHI DIKHAI.....
THESE R SOME POINTS WHICH MAY HELP IN OUR MATTER ......THANKS ..
जिनके योगदान से बन सका संविधान...
ReplyDeleteसंविधान के निर्माण में अहम
भूमिका निभाने वाले 26 लोगों के बारे में
बताने जा रहे हैं, जिनके कारण
ही हमारा देश गणतंत्र बन सका।
आजादी मिलने से पहले
ही स्वतंत्रता सेनानियों के बीच
संविधान निर्माण की बात होने
लगी थी। तब उन्होंने एक संविधान
सभा का गठन किया। संविधान
सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946
को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में हुई।
संविधान सभा के कुल 389 सदस्य थे,
लेकिन उस दिन 200 से कुछ अधिक सदस्य
ही बैठक में उपस्थिति हुए।
हालांकि 1947 में देश के विभाजन और कुछ
रियासतों के संविधान सभा में
हिस्सा ना लेने के कारण सभा के
सदस्यों की संख्या घटकर 299 हो गयी।
दुनिया के सबसे बडे़ लोकतंत्र के लिये
संविधान निर्माण कोई आसान काम
नहीं था, तभी इसके निर्माण में 2 साल
11 महीने और 17 दिन लगे। इस दौरान
165 दिनों के कुल 11 सत्र बुलाये गये। देश
की आजादी के कुछ दिन बाद 29 अगस्त
1947 को संविधान सभा ने संविधान
का मसौदा तैयार करने के लिये डॉं.
भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में ड्राफ्टिंग
कमेटी का गठन किया। 26 नवंबर 1949
को हमारा संविधान स्वीकार
किया गया और 24 जनवरी 1950 को 284
सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर करके इसे
अपनाया। इसके बाद जब 26
जनवरी 1950 को हमारा सिंवधान लागू
किया गया तो उसके साथ ही संविधान
सभा भंग कर दी गयी।
तुम सब ये तो जान गये हो कि किस तरह
हमारे संविधान का निर्माण हुआ, लेकिन
अभी तक तुम्हारा उन लोगों से परिचय
नहीं हुआ है, जिन्होंने हमें यह संविधान
दिया। तो चलो जानते हैं इनके बारे में :
पंडित जवाहर लाल नेहरू
हमारे पहले प्रधानमंत्री थे नेहरू। हम
इन्हीं के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप
में 14 नवंबर को मनाते हैं। ये संविधान
सभा में राज्यों की समिति, संघीय
शक्ति समिति और संघीय संविधान
समिति के अध्यक्ष थे। इन्हें आधुनिक
भारत का निर्माता कहा जाता है।
आजादी की लड़ाई में कूदने से पहले यह
इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकालत करते
थे।
सरदार वल्लभ भाई पटेल
ReplyDeleteलौहपुरुष के नाम से विख्यात सरदार
पटेल मूलभूत अधिकारों, अल्पसंख्यक और
कबाइली क्षेत्रों की सलाहकार
समिति के अध्यक्ष थे। संविधान के
निर्माण और भारत को आजादी के बाद
एक झंडे के तले लाने में
इनकी भूमिका सर्वोपरि है। आजादी के
समय हमारा देश अलग-अलग रियासतों में
बंटा था और सरदार पटेल ने इन्हें एकजुट
किया। इन्होंने सत्याग्रह और
आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर
हिस्सा लिया। इनका जन्म 31 अक्टूबर
1875 को तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी में
हुआ था। ये भी पेशे से वकील थे। ये भारत
के पहले उप प्रधानमंत्री और
गृहमंत्री थे। इनका निधन 15 दिसंबर
1950 को हुआ।
आचार्य जे बी कृपलानी
इन्हें आचार्य कृपलानी के नाम से
जाना जाता है। ये संविधान सभा में
मूलभूत अधिकारों की उपसमिति के
अध्यक्ष थे। इनका जन्म 11 नवंबर 1888
को हुआ था। ये मशहूर गांधीवादी,
समाजवादी, पर्यावरणविद् और जमीन से
जुडे़ स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्होंने
बिहार के मुजफ्फरपुर कॉलेज, बनारस
हिंदू विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य
किया था। इनका निधन 19 मार्च 1982
को हुआ।
इनकी पत्नी सुचेता कृपलानी देश
की पहली महिला
मुख्यमंत्री थीं।
सरोजिनी नायडू
भारत कोकिला के नाम से मशहूर
सरोजिनी नायडू संविधान
सभा की सदस्या थीं। वे संविधान
सभा की पहली बैठक में मौजदू थीं। बंगाल
विभाजन के दौरान ये कांग्रेस में शामिल
हुईं और आजादी की लड़ाई में सक्रिय
रहीं। इनका जन्म हैदराबाद में 13
फरवरी 1879 को हुआ और निधन 70 साल
की उम्र में 2 मार्च 1949 को हुआ।
गोविंद वल्लभ पंत
गोविंद वल्लभ पंत का जन्म अल्मोड़ा के
पास 10 सितंबर 1887 को हुआ था। ये पेशे
से वकील थे। इन्हें स्वतंत्रता आंदोलन में
हिस्सा लेने के कारण कई बार जेल
जाना पड़ा। भारत छोड़ों आंदोलन के
दौरान इन्हें अहमदनगर किले में तीन
साल कैद में काटने पडे़ थे। इन्हें भारतरत्न
से सम्मानित किया गया। इन्होंने
भाषायी आधार पर राज्यों को एकीकृत
करने का काम किया। ये वर्ष 1955 से
1961 तक केंद्रीय मंत्री भी रहे।
इनका निधन 7 मार्च 1961 को हुआ था।
डॉं. बी आर अंबेडकर
ये संविधान का मसौदा तैयार करने
वाली समिति के अध्यक्ष थे। इन्हें
बाबा साहेब के नाम से
भी जाना जाता है। इनका जन्म 14
अप्रैल 1891 को हुआ था। इन्हें संविधान
का निर्माता माना जाता है। संविधान
तैयार करने में इनका सबसे अधिक
योगदान रहा है। इन्होंने जीवन भर
अस्पृश्यता के खिलाफ संघर्ष किया।
जीवन के अंतिम क्षणों में इन्होंने बौद्ध
धर्म स्वीकार किया।
शरत चंद्र बोस
संविधान सभा के सदस्य थे। इनका जन्म 6
सितंबर 1889 को हुआ था। ये एक वकील
और स्वतंत्रता सेनानी थे। ये
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई थे।
इनका निधन 20 फरवरी 1950 को हुआ।
इन्होंने भारत छोड़ों आंदोलन में बढ़-
चढ़कर हिस्सा लिया था।
सी राजगोपालाचारी
इन्हें राजाजी के नाम से जाना जाता है।
ये संविधान सभा की पहली बैठक में
उपस्थित थे। इनका जन्म 10 दिसंबर
1878 को हुआ। ये स्वतंत्र भारत के पहले
भारतीय गवर्नर जनरल थे। ये प्रसिद्ध
वकील, स्वतंत्रता सेनानी, लेखक,
दार्शनिक और राजनीतिज्ञ थे। इन्होंने
अपनी पुत्री लक्ष्मी का विवाह
गांधी जी के पुत्र देवदास गांधी से
कराया था। ये मद्रास के मुख्यमंत्री,
भारत के गृहमंत्री और पश्चिम बंगाल के
राज्यपाल रहे। इनका निधन 25 दिसंबर
1972 को हुआ।
इनका योगदान भी कम नहीं...
डॉं. सच्चिदानंद सिन्हा- संविधान
सभा के अस्थायी अध्यक्ष थे। 20 साल
की उम्र में इन्होंने बिहार को अलग
राज्य बनाने के लिये आंदोलन छेड़ा था।
1936-1944 तक पटना विश्वविद्यालय के
ReplyDeleteउपकुलपति रहे।
ए कृष्णास्वामी अय्यर- संविधान
का मसौदा तैयार करने वाली समिति के
6 सदस्यों में से एक थे। ये मद्रास के
एडवोकेट जनरल थे।
बी पट्टाभि सीतारमैया- संविधान
सभा में हाउस कमेटी के अध्यक्ष थे। 1952
-1957 तक मध्यप्रदेश के राज्यपाल रहे।
के एम मुंशी- भारतीय विद्या भवन
की स्थापना की। ये साहित्यकार थे।
संविधान सभा में ऑर्डर ऑफ बिजनेस
कमेटी के अध्यक्ष थे।
जी वी मावलंकर- संविधान
सभा की कार्रवाई समिति के अध्यक्ष
थे। ये लोकसभा के पहले अध्यक्ष थे।
एच सी मुखर्जी- संविधान सभा में
अल्पसंख्यकों की उपसमिति के अध्यक्ष थे।
पश्चिम बंगाल के पहले राज्यपाल बने।
गोपीनाथ बारदोलोई- संविधान सभा में
नार्थ-ईस्ट फ्रंटियर ट्राइबल
एरिया एंड असम की उपसमिति के
अध्यक्ष थे।
ए वी ठक्कर- संविधान सभा में असम
को छोड़कर अन्य
क्षेत्रों की उपसमिति के अध्यक्ष थे।
हरिजनों के उत्थान में योगदान दिया।
बी एल मित्तर- ये संविधान
का मसौदा तैयार करने वाली समिति के
6 सदस्यों में से एक थे। ये एडवोकेट जनरल
थे।
सैयद मोहम्मद सादुल्लाह- संविधान
का मसौदा तैयार करने वाली समिति के
6 सदस्यों में से एक थे। प्रसिद्ध वकील
थे।
डी पी खैतान- प्रसिद्ध वकील थे। ये
संविधान का मसौदा तैयार करने
वाली समिति के 6 सदस्यों में से एक थे।
बी एन राव- संविधान सभा के सलाहकार
थे। संयुक्त राष्ट्र में भारत के पहले
स्थायी प्रतिनिधि रहे।
माधव राव- बी एल मित्तर के इस्तीफे के
बाद इन्हें संविधान की मसौदा निर्माण
समिति का सदस्य नियुक्त
किया गया था।
टी टी कृष्णमाचारी- डी पी खैतान के
निधन के बाद इन्हें ही संविधान
का मसौदा तैयार करने वाली समिति में
जगह दी गयी थी।
एन गोपालस्वामी अयंगर- संविधान
का मसौदा तैयार करने वाली समिति के
6 सदस्यों में से एक थे। आजादी के पहले
कश्मीर के प्रधानमंत्री थे।
श्री हरे कृष्ण महताब- यह संविधान
सभा के सदस्य थे और 1946 से 1950 तक
उड़ीसा के मुख्यमंत्री रहे। इन्होंने
दांडी मार्च में हिस्सा लिया और
अस्पृश्यता के खिलाफ आंदोलन किया।
एम आसफ अली- यह संविधान सभा के
सदस्य थे। ये प्रसिद्ध वकील और
स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हें कई बार जेल
जाना पड़ा था। ये अमेरिका में भारत के
पहले राजदूत थे।भारत की जनता- संविधान के निर्माण
में, उसके अनुपालन में और उसके
प्रति आस्था की अभिव्यक्ति में भारतीय
जनता का स्थान सर्वोपरि है,
क्योंकि यह पूरा संविधान हम भारत के
लोगों के द्वारा ही अंगीकृत और
आत्मार्पित है।
मूंगफली सेहत का खजाना है साथ ही यह वनस्पतिक प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत भी हैं। इसमें प्रोटीन की मात्रा मांस की तुलना में १.३ गुना, अण्डो से २.५ गुना एवं फलो से ८ गुना अधिक होती हैं। क्या आप जानते हैं कि 100 ग्राम कच्ची मूंगफली में 1 लीटर दूध के बराबर प्रोटीन होता है। मूँगफली में प्रोटीन की मात्रा 25 प्रतिशत से भी अधिक होती है। साथ ही मूंगफली पाचन शक्ति बढ़ाने में भी कारगर है। 250 ग्राम भूनी मूंगफली में जितनी मात्रा में खनिज और विटामिन पाए जाते हैं, वो 250 ग्राम मांस से भी प्राप्त नहीं हो सकता है।
ReplyDeleteआइये जानते हैं मूंगफली के स्वास्थ्यलाभ-
1. मूंगफली में न्यूट्रिएंट्स , मिनरल, एंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन जैसे पदार्थ पाए जाते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिये बहुत ही लाभप्रद साबित होते हैं ।
2. इसमें ऐसे फैटी एसिड पाए जाते हैं जो कि एलडीएल या खराब कोलस्ट्रॉल को कम कर के अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढाते हैं।
3. मूंगफली में प्रोटीन, चिकनाई और शर्करा पाई जाती है। एक अंडे के मूल्य के बराबर मूंगफलियों में जितनी प्रोटीन व ऊष्मा होती है, उतनी दूध व अंडे से संयुक्त रूप में भी नहीं होती।
4. इसकी प्रोटीन दूध से मिलती-जुलती है, चिकनाई घी से मिलती है। मूँगफली के खाने से दूध, बादाम और घी की पूर्ति हो जाती है।
5. एक स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों के रक्त में ट्राइग्लाइसेराइड का लेवल अधिक होता है, वे अगर मूंगफली खाएं, तो उनके ब्लड के लिपिड लेवल में ट्राइग्लाइसेराइड का लेवल 10.2 फीसदी कम हो जाता है।
6. अगर आप सर्दी के मौसम में मूंगफली खाएंगे तो आपका शरीर गर्म रहेगा। यह खाँसी में उपयोगी है व फेफड़े को बल देती है।
7. भोजन के बाद यदि 50 या 100 ग्राम मूंगफली प्रतिदिन खाई जाए तो सेहत बनती है, भोजन पचता है, शरीर में खून की कमी पूरी होती है और मोटापा बढ़ता है।
8. इसे भोजन के साथ सब्जी, खीर, खिचड़ी आदि में डालकर नित्य खाना चाहिए। मूंगफली में तेल का अंश होने से यह वायु की बीमारियों को भी नष्ट करती है।
9. मुट्ठी भर भुनी मूंगफलियां निश्चय ही पोषक तत्वों की दृष्टि से लाभकारी हैं। मूंगफली में प्रोटीन, केलोरिज और विटामिन के, इ, तथा बी होते हैं, ये अच्छा पोषण प्रदान करते हैं।
10. मूंगफली पाचन शक्ति को बढ़ाती है, रुचिकर होती है, लेकिन गरम प्रकृति के व्यक्तियों को हानिकारक भी है। मूंगफली ज्यादा खाने से पित्त बढ़ता है अतः सावधानी रखें।
नमस्कार दोस्तों,
ReplyDeleteकानून की जानकारी तो मुझे बहुत ज्यादा नही है लेकिन 72,825 शिक्षको की भर्ती के सम्बन्ध में एक बात तय है कि "भर्ती जब भी पूरी होगी 20नवम्बर2013 के माननीय उच्च न्यायलय के अदेशानुशार ही टेट की मेरिट से होगी।"
इस बीच सरकार केबल अपना और हमारा समय बरबाद कर रही है जिसका परिणाम भी उसको भुगतना पड़ेगा।
जय हिन्द जय टेट जय भारत
!! सत्यमेव जयते सर्वदा !!
शुभ प्रभात मित्रों,
ReplyDeleteसभी साथियों को निरहुआ का प्रणाम।
निरहुआ देख रहा है की हाई कोर्ट के निर्णय के बाद जो अकेडमिक योद्धा दुम दबाकर भाग खड़े हुए थे अब सुप्रीम कोर्ट में न्याय की रणभेरी बजते ही पुनः ब्लॉग पर बरसाती मेढ़क की तरह प्रगट होकर अपना 'गर्दभ-गान' सुना रहे हैं। यह वही अकेडमिक पुरोधा हैं जो कभी हमें हाई कोर्ट के निर्णय के बाद 'देख लेने' की धमकी देते थे, किन्तु आश्चर्य, हाई कोर्ट का निर्णय आने के बाद ये स्वयं ही कभी दिखाई नहीं दिए और ब्लॉग से ऐसे गायब हुए जैसे 'गधे के सर से सींग'। अब ये महाशय लोग पुनः एकबार हिम्मत जुटाकर ब्लॉग पर आये हैं और अपने सेनापति, माफ़ कीजियेगा, भगौड़े सेनापति कपिलदेव के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट में अपनी वही पुरानी घिसी-पिटी कहानी गा-गा कर सुनाने की तैयारी में हैं। निरहुआ को ख़ुशी है की भगौड़ों की फ़ौज एक बार फिर अपना मोर्चा जमाने का प्रयास कर रही है लेकिन बंधुओं अच्छी तरह सोच लो वह हाई कोर्ट नहीं है की तुम्हारी 'बकवास' सुनकर भी चुप बैठेगी, वो सुप्रीम कोर्ट है, सुप्रीम कोर्ट, तुम्हारा ऐसा बैंड बजाएगी की तुम्हारी सात पुश्ते पैदा होते ही 'टेट-टेट' चिल्लाया करेंगी। धन्यवाद।
देख लो इन छोरियां की असलियत
ReplyDeleteएक लड़की कॉलेज में अपनी सहेलियों के सामने अक्सर रोब झाडती रहती थी कि उसका बाप बहुत पैसे वाला है, गाडियां हैं, नौकर चाकर हैं आदि आदि !
एक दिन …. लड़की की एक सहेली का फोन आया – “हैलो तान्या, कहां हो, क्या कर रही हो ?”
लड़की – “कुछ खास नहीं बस घर में बोर हो रही थी इसलिए पापा की मर्सडीज में जुहू बीच तक घूमने जा रही हूँ … और तुम कहां हो ?”
सहेली – “मैं तो बस में बैठी हूँ …. तेरे पीछे वाली सीट पर …. तू टिकट मत लेना मैंने तेरा भी टिकट ले लिया है …”
एक आदमी नाई के दुकान में झाँककर देखा, अन्दर बहुत लोग थे।
ReplyDeleteनाई से पूछा, "मेरी बारी आने में कितनी देर लगेगी?"
नाई ने सलून में बैठे ग्राहकों को गिनकर बताया, "कम से कम २ घंटे"
आदमी यह सुनकर चला गया।
अगले दिन वह आदमी वापस आया और उसने वही सवाल किया।
इस बार नाई ने कहा "३ घंटे"
ऐसे ही रोज वह आदमी आता था, पूछता था, पर कभी रुकता नहीं था, चला जाता था।
एक दिन नाई ने अपने सहायक से कहा "जरा उस आदमी का पीछा करो। देखो यहाँ से कहाँ जाता है।
कुछ देर बाद सहायक वापस आकर नाई से कहता है :
"आपके घर !"
मै अति आत्मविश्वास में विश्वास नहीं करता हूँ अतः महाजनों के इस तर्क का खंडन करता हूँ कि सरकार/कपिल सुप्रीम कोर्ट से निराश लौटेंगे।
ReplyDeleteमै यह विधिक पक्ष से नहीं बल्कि व्यावहारिक पक्ष से कहना चाहता हूँ कि सरकार की विरली ही याचिकायें एडमिशन के दौर से ख़ारिज होती हैं।
यहाँ मुद्दा जीत-हार का नहीं है , जीत तो उसे ही मिलेगी जो सही है ।
सरकार की SLP का 797 पेज सर्वोच्च अदालत में सिर्फ एक गुहार लगा रही है कि बसपा की भर्ती मेरे गले में ना फ़साओ न्याय के भगवान मै आपके सामने हाथ जोड़ता हूँ।
ReplyDeleteमैंने अपने विज्ञापन के लिए अकूत रूपये बेरोजगारों से लूट लिया है।
आपको एक विधिक बात बता दूँ शायद आपके संज्ञान में न रहा हो ।
ReplyDeleteआप बेशक उस बच्चे की तरह हँस सकते हैं जिसकी माँ उसे हवा में फेकती है और बच्चा हँसता रहता है कि माँ गिरने नहीं देंगी।
बच्चे को एहसास ही नहीं होता है कि मै हवा से माँ की गोद में जाने की बजाय जमीन पर भी गिर सकता हूँ।
मै मानता हूँ कि सुप्रीम कोर्ट आपको गिरने नहीं देगी आप उसकी गोद में सुरक्षित हैं लेकिन ऐसे बहुत से दौर हैं जब माँ का पैर किसी पत्थर पर पड़ने से फिसल गया और बच्चा जमीन पर जा गिरा और माँ को भी चोट लगी।
माँ बच्चे को गिराना चाहती थी?
नहीं , कदापि नहीं।
यह मौजूदा सरकार माँ के पैर तले आने वाले पत्थर के समतुल्य है।
इसलिए माँ की साड़ी इतना कचोटकर पकड़ने का वक़्त आ गया है कि वह इन पत्थरों के बीच अपने वात्सल्य का प्रयोग आपका हाथ छुड़ा कर न कर सके ।
एक बार बच्चा जब कभी हवा में रो देता है तो माँ कभी उसे ऊपर नहीं लौकती है क्योंकि वह समझ जाती है कि मेरा बच्चा हवा में डरता है।
मैंने देखा है कि वह माँ का कपड़ा ही नहीं छोड़ता है।
आपने मेरी बात समझ ली होगी ।
जब आप घुटने के बल चलना शुरू करते हैं तो आपके रास्ते का हर पत्थर माँ हटाती है , आपने देखा की संगम के तट पर भी आपके रास्ते का पत्थर हटाया गया ।
ReplyDeleteअब आप खड़ा होना सीख गये हैं और जल्द ही आप दौड़ेंगे।
सिर्फ मेरी बातों को गंभीरता से समझें।
बड़े दावे के साथ मै कहता था और आज भी कहता हूँ तमाम नाजायज संतानों को पहले भी तमाम समूहों में चुनौती देकर कहा था कि अगर आपने योग्यता १० जनवरी २०१२ के बाद प्राप्त की है तो आप अपने समय और बुद्धि को ७२८२५ की रिक्ति में न फसायें।
ReplyDeleteआप यह सवाल मुझसे भी पूंछ सकते हैं कि आपको क्या पड़ी है तो आपको बता दूँ कि मेरे चयन से अधिक जरुरी ७२८२५ लोग का चयन है लेकिन न्यायसंगत चयन जरुरी है।
अतः अपने विचार रखता हूँ।
मैंने एक विषय गंभीरता से लिया जो कि SLP में मौजूद है।
ReplyDeleteमुलायम सिंह यादव जी एक मुकदमा इस आधार पर जीत चुके हैं और उसे दोहराना चाहते हैं लेकिन हाईकोर्ट में निराशा हाथ लगी।
मुलायम सिंह यादव के पगचिह्नों पर चल रहे अखिलेश यादव को मै शाप देता हूँ कि प्रदेश में बनने वाली अगली कई सरकारों में मुलायम खानदान का कोई मंत्री भी नहीं होगा।
ब्राह्मण चाहे जितना क्रोध में रहे शाप भी सूझ-बूझ के साथ देता है , अतः इसमें सुधार संभव है।
दुर्वाषा ने जब शकुन्तला को शाप दिया तो माफ़ी मांगने पर सुधार किया ।अगर अखिलेश यादव को लगता है कि उनके साथ भी ब्राह्मण हैं तो बता दूँ कि जो ब्राह्मण शाप देता है उसका असर वही कम सकता है।
अपनी भर्ती में सरकार प्रशिक्षु के आधार पर हमें कमजोर करना चाहेगी लेकिन कामयाब नहीं होगी।
ReplyDeleteमुलायम इसलिए कामयाब हुए थे कि उसमे नौकरी नहीं मिल रही थी वह सिर्फ प्रशिक्षण था लेकिन हमारी सीधी भर्ती हो रही थी।
इसमें खंडपीठ का फैसला अपरिवर्तनीय है।
इस पहलू को कोर्ट में शानदार तरीके से प्रस्तुत किया जाना चाहिए बाकी कोई कमी भी हुयी तो चिंता की बात नहीं है।
धन्यवाद।
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ReplyDeleteलता मंगेशकर के गाए मशहूर गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' का स्वर्ण जयंती समारोह 27 जनवरी को मुंबई में मनाने की तैयारियां हो रही हैं.
ReplyDeleteसबसे पहले लता मंगेशकर ने कवि प्रदीप के लिखे इस गाने को गाया था 27 जनवरी 1963 को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के सामने.
1962 के भारत-चीन युद्ध में भारत की बुरी हार हुई थी. पूरे देश का मनोबल गिरा हुआ था. ऐसे में सबकी निगाहें फ़िल्म जगत और कवियों की तरफ़ जम गईं कि वे कैसे सबके उत्साह को बढ़ाने का काम कर सकते हैं.
सरकार की तरफ़ से फ़िल्म जगत को कहा जाने लगा कि भई अब आप लोग ही कुछ करिए. कुछ ऐसी रचना करिए कि पूरे देश में एक बार फिर से जोश आ जाए और चीन से मिली हार के ग़म पर मरहम लगाया जा सके.
उस दौर में तीन महान आवाज़ें हुआ करती थीं. मोहम्मद रफ़ी, मुकेश और लता मंगेशकर.
उसी दौरान नौशाद भाई ने तो मोहम्मद रफ़ी से 'अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं', गीत गवा लिया, जो बाद में फ़िल्म 'लीडर' में इस्तेमाल हुआ.
.
राज साहब ने मुकेश से 'जिस देश में गंगा बहती है' गीत गवा लिया. तो इस तरह से रफ़ी और मुकेश तो पहले ही रिज़र्व हो गए.
अब बचीं लता बाई. उनकी मखमली आवाज़ में कोई जोशीला गाना फ़िट नहीं बैठता. ये बात ये बात कवी प्रदीप जानते था. तो उन्होंने भावनात्मक गाना लिखने की सोची. इस तरह से 'ऐ मेरे वतन के लोगों' का जन्म हुआ. जिसे लता ने पंडित जी के सामने गाया और उनकी आंखों से भी आंसू छलक आए.
कवि प्रदीप ने बीबीसी को बताया, "ये गाना तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को बड़ा पसंद आया था. उन्होंने मुझसे ये गाना कई बार सुना."
आर्थराइटिस और सभी तरह के joint pain का इलाज !
ReplyDeleteजो मित्र पूरी post नहीं पढ़ सकते यहाँ click कर देखें !
http:// www.youtube.com/ watch?v=B0RX7alI atw१. दोनों तरह के आर्थराइटिस (Osteoarthritisऔर Rheumatoid arthritis) मे आप एक दावा का प्रयोग करे जिसका नाम है चुना, वोही चुना जो आप पान मे खाते हो | गेहूं के दाने के बराबर चुना रोज सुबह खाली पेट एक कप दही मे मिलाके खाना चाहिए, नही तो दाल मे मिलाके, नही तो पानी मे मिलाके पीना लगातार तिन महीने तक, तो आर्थराइटिस ठीक हो जाती है | ध्यान रहे पानी पिने के समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक होने मे समय लगेगा | अगर आपके हात या पैर के हड्डी मे खट खट आवाज आती हो तो वो भी चुने से ठीक हो जायेगा |
२. दोनों तरह के आर्थराइटिस के लिए और एक अछि दावा है मेथी का दाना | एक छोटा चम्मच मेथी का दाना एक काच की गिलास मे गरम पानी लेके उसमे डालना, फिर उसको रात भर भिगोके रखना | सबेरे उठके पानी सिप सिप करके पीना और मेथी का दाना चबाके खाना | तिन महीने तक लेने से आर्थराइटिस ठीक हो जाती है | ध्यान रहे पानी पिने के समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक होने मे समय लगेगा |
३. ऐसे आर्थराइटिस के मरीज जो पूरी तरह बिस्तर पकड़ जुके है, चाल्लिस साल से तकलीफ है या तिस साल से तकलीफ है, कोई कहेगा बीस साल से तकलीफ है, और ऐसी हालत हो सकती है के वे दो कदम भी न चल सके, हात भी नही हिला सकते है, लेटे रहते है बेड पे, करवट भी नही बदल सकते ऐसी अवस्था हो गयी है .... ऐसे रोगियों के लिए एक बहुत अछि औषधि है जो इसीके लिए काम आती है | एक पेड़ होता है उसे हिंदी में हरसिंगार कहते है, संस्कृत पे पारिजात कहते है, बंगला में शिउली कहते है , उस पेड़ पर छोटे छोटे सफ़ेद फूल आते है, और फुल की डंडी नारंगी रंग की होती है, और उसमे खुसबू बहुत आती है, रात को फूल खिलते है और सुबह जमीन में गिर जाते है । इस पेड़ के छह सात पत्ते तोड़ के पत्थर में पिस के चटनी बनाइये और एक ग्लास पानी में इतना गरम करो के पानी आधा हो जाये फिर इसको ठंडा करके रोज सुबह खाली पेट पिलाना है जिसको भी बीस तिस चाल्लिस साल पुराना आर्थराइटिस हो या जोड़ो का दर्द हो | यह उन सबके लिए अमृत की तरह काम करेगा | इसको तिन महिना लगातार देना है अगर पूरी तरह ठीक नही हुआ तो फिर 10-15 दिन का गैप देके फिर से तिन महीने देना है | अधिकतम केसेस मे जादा से जादा एक से देड महीने मे रोगी ठीक हो जाते है | इसको हर रोज नया बनाके पीना है | ये औषधि Exclusive है और बहुत strong औषधि है इसलिए अकेली हि देना चाहिये, इसके साथ कोई भी दूसरी दावा न दे नही तो तकलीफ होगी | ध्यान रहे पानी पिने के समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक होने मे समय लगेगा |
बुखार का दर्द का उपचार :
ReplyDeleteडेंगू जैसे बुखार मे शरीर मे बहुत दर्द होता है .. बुखार चला जाता है पर कई बार दर्द नही जाता | ऐसे केसेस मे आप हरसिंगार की पत्ते की काड़ा इस्तेमाल करे, 10-15 दिन मे ठीक हो जायेगा |
घुटने मत बदलिए :
RA Factor जिनका प्रोब्लेमाटिक है और डॉक्टर कहता है के इसके ठीक होने का कोई चांस नही है | कई बार कार्टिलेज पूरी तरह से ख़तम हो जाती है और डॉक्टर कहते है के अब कोई चांस नही है Knee Joints आपको replace करने हि पड़ेंगे, Hip joints आपको replace करने हि पड़ेंगे | तो जिनके घुटने निकाल के नया लगाने की नौबत आ गयी हो, Hip joints निकालके नया लगाना पड़ रहा हो उन सबके लिए यह औषधि है जिसका नाम है हरसिंगार का काड़ा |
राजीव भाई का कहना है के आप कभी भी Knee Joints को और Hip joints को replace मत कराइए | चाहे कितना भी अच्छा डॉक्टर आये और कितना भी बड़ा गारंटी दे पर कभी भी मत करिये | भगवान की जो बनाई हुई है आपको कोई भी दोबारा बनाके नही दे सकता | आपके पास जो है उसिको repair करके काम चलाइए | हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री अटलजी ने यह प्रयास किया था, Knee Joints का replace हुआ अमेरिका के एक बहुत बड़े डॉक्टर ने किया पर आज उनकी तकलीफ पहले से जादा है | पहले तो थोडा बहुत चल लेते थे अब चलना बिलकुल बंध हो गया है कुर्सी पे ले जाना पड़ता है | आप सोचिये जब प्रधानमंत्री के साथ यह हो सकता है आप तो आम आदमी है |
अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें :
http:// www.youtube.com/ watch?v=B0RX7alI atwवन्देमातरम्
एक शराबी व्यक्ति के दो पुत्र हुए । बड़े होकर उनमें से एक शराबी निकला पर दूसरे ने शराब को कभी हाथ भी नहीं लगाया ।
ReplyDeleteजब उनसे पूछा गया तो पहले ने कहा :- "मैंने बचपन से पिताजी को शराब पीते हुए देखा, उन्हें देखकर मुझे भी शराब पीने की इच्छा जागृत हुई ।
दुसरे ने कहा :- "मैंने बचपन से पिताजी को शराब पीते हुए देखा और उनकी आर्थिक, सामजिक और फिर शारीरिक दशा देखकर जीवन में कभी शराब नहीं पीने का संकल्प लिया ।
Dosto-Good Evening
ReplyDelete@SC me abhi apne case ki suvahi ki date abhi fix nahi huyi hai.
@Chuki fresh SLP ki sunvahi Monday and Friday ko uthati hai so that ye kaha ja sakta hai ki 31,3 ,7ya maximam 10 Feb tak apni sunvahi uth jayegi.
@Pura sangathan sangathit aur ek system me ekjut hokar kaam kar raha hai aur yahi hamari jeet ki ibarat likega....
@ Advocates ka chayan only Legal commetti karegi
तीन बार गर्ग से अपने साथियों की बात के दौरान मैं कांफ्रेंस में था और उसी वक्त मैंने कह दिया था कि ये कोई टटपुनजिया टाइप का वकील है,,,, SlP देखने के बाद तो मैं यकीन से कह सकता हूँ कि सरकार के पक्ष में कोई कायदे का वकील खडा नहीं होगा,,,,सरकार sc दो मांगें लेकर गई है ,बाकी सब पुरानी बातें दोहराई हैं ,,,1- नए ad पर टेट मेरिट का आदेश और 15th संशोधन से job पा चुके लोगों का जुगाड़ ,,,, यही कारण है की सरकार ने slp करने के लिए मुंशी सामान वकील को चुना है......
ReplyDeleteमुझे दुश्मनों से भी खुद्दारी की उम्मीद रहती है,
ReplyDeleteसर किसी का भी हो,
कदमों में झुका हुआ अच्छा नहीं लगता |।।
एक छोटा बच्चा एक
ReplyDeleteबड़ी दुकान पर लगे
टेलीफोन बूथ पर जाता हैं और मालिक से छुट्टे पैसे लेकर एक नंबर डायल करता हैं।
दुकान का मालिक उस लड़के को ध्यान से देखते हुए उसकी बातचीत पर ध्यान
देता हैं -
लड़का - मैडम क्या आप मुझे अपने बगीचे
की साफ़ सफाई का काम देंगी ?
औरत - (दूसरी तरफ
से) नहीं, मैंने एक दुसरे लड़के को अपने बगीचे का काम देखने के लिए रख लिया हैं।
लड़का - मैडम मैं आपके बगीचे का काम उस लड़के से आधे वेतन में करने को तैयार हूँ!
औरत - मगर जो लड़का मेरे बगीचे का काम कर रहा हैं उससे मैं पूरी तरह संतुष्ट हूँ।
लड़का - (और ज्यादा विनती करते हुए) मैडम मैं आपके
घर की सफाई भी फ्री में कर दिया करूँगा!!
औरत - माफ़ करना मुझे फिर भी जरुरत नहीं हैं।
धन्यवाद।
लड़के के चेहरे पर एक मुस्कान उभरी और उसने फोन का रिसीवर रख दिया।
दुकान का मालिक जो छोटे लड़के की बात बहुत ध्यान से सुन रहा था वह लड़के के
पास आया और बोला - "बेटा मैं तुम्हारी लगन और व्यवहार से बहुत खुश हूँ, मैं तुम्हे
अपने स्टोर में नौकरी दे सकता हूँ"।
लड़का - नहीं सर मुझे जॉब की जरुरत नहीं हैं!
आपका धन्यवाद।
दुकान मालिक - (आश्चर्य से) अरे अभी तो तुम उस लेडी से
जॉब के लिए इतनी विनती कर रहे थे !!
लड़का - नहीं सर, मैं
अपना काम ठीक से कर रहा हूँ कि नहीं बस मैं ये चेक कर
रहा था, मैं जिससे बात कर रहा था, उन्ही के यहाँ पर जॉब करता हूँ।
मे
ReplyDeleteरी
.
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वा
ली
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.
Love is not about sex, going on fancy dates, or showing off. It’s about being with a person who makes you happy in a way nobody else can.
बचपन में मेरी एक गन्दी आदत थी, मैं
ReplyDeleteपापा के पर्स से चुपके
से
कभी कभी पैसे निकाल लेता था। जब
दूसरी कक्षा में
था तो पापा के पर्स के सिक्के वाले हिस्से
से हर सोमवार
को एक रुपैया चुरा के स्कूल के बाहर खोमचे
वाले से WWF
के
पोस्ट-कार्ड खरीदता था।
धीरे धीरे मेरी आदत थोड़ी और बिगड़ी,
जब
पांचवी कक्षा में
था तो बगल में बैठने
वाली लड़की को महीने में एक बार
कैंटीन में
फाउंटेन पेप्सी और समोसा खिलने के लिए
नियमित तरीके
से 11
रुपये चुराने लगा।
...
पिता जी भी इतना ध्यान नहीं देते थे,
उनका पर्स
कभी ढंग से
नहीं रखा रहता था। नोट टेढ़े मेढे पड़े
रहते थे,
पापा कभी गिनते
भी नहीं थे की कितने पैसे हैं पर्स में।
मेरी ये आदत इस वजह
से
कभी टूटी नहीं।
जब मैं दसवी कक्षा में पहुंचा तो मेरे शहर में
पहली बार
मल्टीप्लेक्स खुला। सारे दोस्त लार्ड ऑफ़
द रिंग्स देखने
जा रहे थे। उस दिन मैंने पिता जी के पर्स
से सीधे
दो सौ रुपैये
मारे। फिल्म तो बहुत अच्छी थी, पर उस
दिन अचानक मुझे
लगा की मैं क्या गलत करता जा रहा हूँ।
तीन दिन तक मैंने पापा से नज़र तक
नहीं मिलायी।
पिता जी आज भी इतना ध्यान नहीं देते,
पर्स
अभी भी अस्तव्यस्त रहता है। आज
मेरी नौकरी लग
गयी है,
पिता जी के पर्स से आखिरी बार
पैसा चुराए हुए मुझे दस
साल
से ऊपर हो गए हैं।
अब मेरी नौकरी लग गयी है, और अब
कभी कभार
पापा की पर्स में
चुपके से एक पांच सौ का नोट डाल देता हूँ .
(NIRNAYAK JUNG KI TAIYARI HOGI JEET HAMARI)
ReplyDeleteMERE TET SUPPORTER SATHIYO...
1) ku6 log afwah faila rahe hai ki date 3 feb lag chuki hai jabki wo galat hai avi koi date nahi lagi hai..
2) suprime court me slp no. Milne ke 8 se 10 working day me date lag jati hai..kam se kam 8 working day ke bad hi date lagti hai.
ReplyDelete3) suprime court me 1st date ko hi slp ki admison stage kahte hai jaha se slp ka bhavishy tay ho jata hai.pahle din suprime court me bahas ke dauran judge ye tay karte hai ki kya ise aage suna ja skta hai ya isme bilkul dam nahi hai..suprime court me 90% case admisson stage par hi dhwasht ho jate hai..kyuki double bench me 2 judge soch vichar kar faishla dete hai aur unke order me galti ki sambhavna na ke barabar hoti hai..85% d.b ke faishle par suprime court ki v muhar lagti hai.15% hi case aise hote hai jinko suprime court palat deta hai..
ReplyDelete4) suprime court me new rule ke acording fresh case ya to monday ko take up hote hai ya friday ko..is hisab se hamara case 3 feb ya 7 feb ko lag sakta hai..aur advance cause list 3 din pahle show hoti hai to agar 3 ko date lagagi to 31 ya 1 feb ko s.c ki website par aa jayega..agar 7 lagegi to 4 ko website me show hoga.
ReplyDelete5) dosto sambhavit date 31 jan, 3 feb, 7 feb,10 feb me se koi v ho sakti hai..tet morcha ke wakil admison stage par hi slp ko kharij karwane me pura jor laga dege..
ReplyDelete6) acdian log kapil ke madhyam se s.c me application dale hai..na ki slp..unhe application number mila hai na ki slp no..aur unka application hamari slp me conect ho gya hai..dosto kapil ne bina single bench me party bne d.b me v application dala tha par bhushan ji ne party bnane se ye kahte huye mana kar diya tha ki mukadme ke final stage par party nahi bnaya ja skta..aur yahi suprime court ke judge v puchhege ki single bench aur d.b me aap kaha gye the..isliye s.c me v unka application kharij ho jayega..mai danke ki chot par kahta hu ki kapildev lal bahadur yadaw pahle date ke bad s.c se bhaga diya jayega..application aur slp koi v kar skta hai aur us par date v lagti hai par judge ka samna hota hai to legal point par slp aur application accept hota hai..acdian gadhe gadhe hai inhe kya pta ki kanun ek process ke tahat chalti hai na ki inki marji par.
ReplyDeleteShayad apko yad hoga tet morcha ke kanpur ke ratnesh pal single bench ke bad direct s.c gye the par unka mukdama kharij ho gya tha..isi tarah kapil na to single gya na double direct suprime court kaise use accept karegi..acd dub chuke hai bhagwan inki aatma ko shanti de...jai tet merit
Bhaie ,koi ye bataane ka kasht kare ki ...tmntbbn..ek hi profile ka nam hai ki alag -alag.
ReplyDeleteराम करन वर्मा जी
ReplyDeleteमेरी इस समय एक ही प्रोफाइल है !
सरकार ने विश्वासघात किया है,,,,
ReplyDeleteटेट मेरिट वालों के साथ नहीं.....
हमारे साथ तो तब करती जब हम उसपर भरोसा करते......
acd वालों के साथ किया है.......
सरकार ने अपनी slp में 15th संशोधन को जायज ठहराने का प्रयास ना करके सिर्फ जिनकी जॉब लग चुकी है उन्हें बख्शने की गुहार की है,,,,सरकार acd वालों को बेवकूफ बना रही थी .....
अभी ये बात acd वालों की समझ में नहीं आएगी लेकिन SC के निर्णय के बाद तो आ ही जायेगी... लेकिन बेचारे फिर भी लोकसभा के चुनाव में सपा जिंदाबाद के नारे लगायेंगे,,,इस उम्मीद में कि 72825 पदों पर भर्ती होने के बाद सरकार केंद्र से और पदों पर भर्ती कर सकतीहै .... . अगर टेट मेरिट से भर्ती की माँग हुई तो हमारा संगठन उन्हें संरक्षण देगा वरना acd से भर्ती ना होने देने के expert तो हम हो ही चुके हैं.....
अभी तक सभी कैबियटर्स को SLP की कापी SURVE नहीं हो पायी है अतः हमारे केस की सुनवाई 7 या उसके बाद ही सम्भव हो सकेगी ।
ReplyDeleteJAI TET MERIT
ब्रेकिंग न्यूज
ReplyDeleteसपा सरकार को एक और झटका .....
प्राथमिक उर्दू शिक्षकों की भर्ती के संबंध में हाईकोर्ट ने मुख्य बेसिक शिक्षा सचिव से जबाब माँगा हैं कि जब सरकार का संशोधन निरस्त हो गया है तो किस आधार पर इनकी नियुक्ति हो रही है ....
Aisa lagta hai,Garg ji ka mann bhar gya hai wkaalat se. Nhi to wo SP ka case lete hi q?
ReplyDelete.
SP k saath-saath Satya ji bhi jhooth ka pulinda ban gye to SC inke registration ko faad de to aashcharya nhi qki wo saare jhooth HC me saabit n ho ske to SC me kaise?
गाय के घी के अन्य महत्वपूर्ण उपयोग :–
ReplyDelete1.गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
2.गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।
3.गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।
4.20-25 ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है।
5.गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है।
6.नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तारो ताजा हो जाता है।
7.गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बहार निकल कर चेतना वापस लोट आती है।
8.गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।
9.गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।
10.हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ढीक होता है।
11.हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी।
12. गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
13.गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है
14.गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है।
15.अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
16.हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा।
17.गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है।
18.जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाइ खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, हर्दय मज़बूत होता है।
19.देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।
20.घी, छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शक्कर (बूरा) तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बाँध लें। प्रातः खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा कुनकुना दूध घूँट-घूँट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है.
21.फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।गाय के घी की झाती पर मालिस करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायक होता है।
22.सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम घी पिलायें उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष कम हो जायेगा।
23.दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ढीक होता है। सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द ठीक हो जायेगा।
24.यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। वजन भी नही बढ़ता, बल्कि वजन को संतुलित करता है । यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है।
25.एक चम्मच गाय का शुद्ध घी में एक चम्मच बूरा और 1/4 चम्मच पिसी काली मिर्च इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध पीने से आँखों की ज्योति बढ़ती है।
26.गाय के घी को ठन्डे जल में फेंट ले और फिर घी को पानी से अलग कर ले यह प्रक्रिया लगभग सौ बार करे और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें। इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है जिसे जिसे त्वचा सम्बन्धी हर चर्म रोगों में चमत्कारिक मलहम कि तरह से इस्तेमाल कर सकते है। यह सौराइशिस के लिए भी कारगर है।
27.गाय का घी एक अच्छा(LDL)कोलेस्ट्रॉल है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को गाय का घी ही खाना चाहिए। यह एक बहुत अच्छा टॉनिक भी है। अगर आप गाय के घी की कुछ बूँदें दिन में तीन बार,नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को संतुलित करता है।
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ReplyDeleteE
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ना जाने क्या कमी है मुझमे ..
ना जाने क्या खूबी है उसमे.....!
वो मुझे याद नहीं करती .......
मैं उसको भूल नहीं पाता.....!!
उ.प्र.कैबिनेट की बैठक आज
ReplyDelete.
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शिक्षको की भर्ती पर स्टे होने के बावजूद उर्दू शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बाँटकर कोर्ट की अवमानना करने का खामियाजा
सपा सरकार को एकऔर झटका .....
प्राथमिक उर्दू शिक्षकों की भर्ती के संबंध में हाईकोर्ट ने मुख्य बेसिक शिक्षा सचिव से जबाब माँगा हैं कि जब सरकार का संशोधन निरस्त हो गया है तो किस आधार पर इनकी नियुक्ति हो रही है ....
जैसा की टीईटी संर्घष र्मोचा ने वादा किया था कि....
ReplyDelete1 -72825 से पहले कोई काऊसलिँग नही होने दी जाएगी ...वो वादा पूरा हुआ .....
2- बेसिक शिक्षा सचिव को मार्च तक तिहाड जेल भिजवा दिया जायेगा इस पर काम चल रहा हैं अतिशीघ्र ये वादा भी पूरा कर दिया जायेगा ...
लातों के भूत बातों से नहीं मानते जब सुप्रीम कोर्ट की लात पड़ेगी तब आयेंगे सपा के भूत लाइन पर ।
ReplyDeleteकिसने कहा था की slp accept नहीं होगी????होगी लेकिन सशर्त? या तो सरकार
ReplyDeleteSLP की जगह रिवीजन में जाती तो कोई और बात होती लेकिन अब
मामला SC में है और अगर SLp खारिज हो गई तो BTC &VBTC
वालो को बर्खास्त करना पड़ेगा ,,,,उसके बाद उन्हें दुबारा APPOINT
करने के लिए नियमावली में टेट मेरिट का से शिक्षक भर्ती का नियम
शामिल करना होगा,,,,,,टेट मोर्चे के विद्वान पैरवीकारो से कहो SLP
ठीक से देखें ,,,, उसमे परोक्ष रूप से ये आग्रह किया गया है
कि सरकार के पास उन लोगों का डाटा नहीं है जिनकी फीस वापस
हो चुकी है इसलिए अब 30-11-11 के विज्ञापन के स्थान पर
उसकी शर्तों के अनुरूप एक विज्ञापन जारी करना होगा और इसके लिए
बेसिक शिक्षा नियमावली में परिवर्तन करके टेट मेरिट का नियम
retrospective effect से पुनर्स्थापित करना पड़ेगा ,,,, ऐसा होने
पर 15th संशोधन से join कर चुके लोगों की नियुक्ति टेट मेरिट के
आधार पर हुई मानी जायेगी और नया विज्ञापन भी 30-11-11
को जारी विज्ञापन ही होगा....... इसे कहते हैं due process of
law ..
रिकार्ड नष्ट हो जाने की बात कहना तो एक बहाना है,,,,,,,,असल मकसद तो माया मैडम के विज्ञापन से मुक्ति पाना है....ठीक है मिल जायेगी..... लेकिन हमारी भी एक शर्त है,,,,,समाजवादीकैबिनेट को जय टेट मेरिट का नारा लगाना होगा और SC में ये prayer करनी होगी कि टेट मेरिट से 72825 पदों की चयन प्रक्रिया अविराम जारी रखने का आदेश जारी किया जाए जिससे चुनाव आचार संहिता और 31 मार्च की समयसीमा हमारी जॉब के बीच ना आ सके....
ReplyDeleteजय टेट मेरिट
उत्तर प्रदेश की कैबिनेट की मीटिंग ख़त्म
ReplyDelete10 दिनों में शुरू की जायेगी शिक्षा मित्रों के समायोजन की प्रक्रिया
समाजवादी पेंशन योजना शुरू की जाएगी
क्रीमीलेयर की सीमा 5 से बढ़कर 8 लाख की गयी
अमेरिका ने डालर के लिए इराक के
ReplyDeleteसद्दाम को मारा अब डालर के लिए
भारत में
मोदीजी को रोकना चाहता जैसे
अटलजी ने डालर को 45 से 39 पर लाकर
देश को अरबो के कर्ज मुक्त कर
दिया था इसलिए
अमेरिका मोदीजी को रोकना चाहता है
देशवासियों डालर के खेल
को समझो नही तो बद मे रोना पङेगा
Kya tmntbbn naamak profile k roop me aap s .k .pathakji hai ?
ReplyDeleteदोस्तोँ
ReplyDeleteआज मेरी वाली मुझसे नाराज है । और आज मेरा SMS PACK भी खतम हो गया है , मैं क्या करूँ ?
जब मैं छोटा था, शायद दुनिया बहुत
ReplyDeleteबड़ी हुआ करती थी..मुझे याद है मेरे घर से
“स्कूल” तक
का वो रास्ता,क्या क्या नहीं था वहां, चाट के
ठेले, जलेबी की दुकान, बर्फ के गोले,सब
कुछ,अब वहां “मोबाइल शॉप”,
“व्यूटी पार्लर” हैं,फिर भी सब सूना है..शायद
अब दुनिया सिमट रही है…///
जब मैं छोटा था,
शायद शामे बहुत लम्बी हुआ करती थी.मैं हाथ में
पतंग की डोर पकडे,घंटो उडा करता था,
वो लम्बी “साइकिल रेस”,वो बचपन के खेल,
वो हर शाम थक के चूरहो जाना,अब शाम
नहीं होती, दिन ढलता है और सीधे रात
हो जाती है.शायद वक्त सिमट रहा है..//
जब मैं
छोटा था, शायद दोस्ती बहुत
गहरी हुआकरती थी,दिन भर वो हुज़ोम बनाकर
खेलना, वो दोस्तों केघर का खाना,
वो बातें, वो साथ रोना, अब भी मेरे
कई दोस्त हैं,पर दोस्ती जाने कहाँ है, जब
भी “ट्रेफिक सिग्नल”पे मिलते हैं “जय श्री राम” करते हैं,
और अपने अपने रास्ते चल देते हैं,होली,
दिवाली, जन्मदिन , नए साल पर बस SMS आ
जाते हैं शायद अब रिश्ते बदल रहें हैं..//
जब मैं
छोटा था, तब खेल भी अजीब हुआ करते
थे,छुपन छुपाई, लंगडी टांग, पोषम पा, कट थे
केक,टिप्पी टीपी टाप.अब इन्टरनेट, ऑफिस,
हिल्म्स, से फुर्सतही नहीं मिलती..शायद
ज़िन्दगी बदल रही है....जिंदगी का सबसे
बड़ा सच यही है.. जो अक्सर कब्रिस्तान के
बाहर बोर्ड पर लिखा होता है.“मंजिल
तो यही थी, बस
जिंदगी गुज़र गयी मेरी यहाँ आते आते
“...जिंदगी का लम्हा बहुत छोटा सा है.कल की कोई बुनियाद नहीं है और आने वाला कल
सिर्फ सपने मैं ही हैं.अब बच गए इस पल मैं..
तमन्नाओ से भरे इस जिंदगी मैं हम सिर्फ भाग रहे हैं.. इस जिंदगी को जियो न की काटो..!
कोई भी काम हो,
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और सबके प्यारे हमारे अखिलेश भैया उसे "जल्द" पूरा करने की बात कर देते है। लेकिन पिछले 2साल में एक भी काम तो हुआ नहीं है।
इसलिए
में सोच रहा था क्यों ना एक बार वहां चला जाऊ जहा से ये पड़कर आये है जिससे इस "जल्द" शब्द का वास्तविक अर्थ पता चल सके।
सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थमिक शिक्षक भर्ती आ गयी है ....तो अब इस सरकार के तोते उड़ने वाले है तैयार रहिये मजे लेने के लिए !
ReplyDeleteविनाश काले विपरीत बुद्धि-
ReplyDeleteमित्रोँ सपा सरकार के वोट बैँक मेँ आज फिर 1.25 लाख वोट की कमी हुयी !!
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ना जाने क्या कमी है मुझमे ..
ना जाने क्या खूबी है उसमे.....!
वो मुझे याद नहीं करती .......
मैं उसको भूल नहीं पाता.....!!
इलाहबाद से.......
ReplyDelete१ .बेसिक शिक्षा सचिव को उर्दू भर्ती के मामले में हाई कोर्ट का नोटिस।
.....यानि जबतक सुप्रीम कोर्ट का निर्णय नही आ जाता ये भर्ती असंवैधानिक ।
२.आजम खान समेत ७ लोगो को हाई कोर्ट
की अवमानना में कोर्ट में पेश होने का नोटिस।
.......इनलोगों पे रामपुर में ऐतिहासिक ईमारत गिराए जाने का मामला है ।
निष्कर्ष:-वर्तमान सरकार गलत नीतियों का अनुसरण करके कोई कार्य पूरा नही कर
पायेगी ।सुप्रीम कोर्ट में अब कुछ दिन शेष है उसके बाद इनके ड्रामे का ऐतिहासिक अंत होगा।
अंत में उनलोगों के बारे में जो अन्य ग्रुप पर सरकार की बदौलत उछल कूद मचाये है जरा इन्तेजार करले पूरी गफलत दूर हो जाएगी जल्द।
टेट मित्रों नमस्कार
ReplyDeleteहरियाणा राज्य सरकार के अतिरिक्त महाअधिवक्ता श्री विपुल महेश्वरी जी ने हमारे केस का गहन अध्ययन कर लिया है , श्री माहेश्वरी जी अपने संपूर्ण संसाधनों के साथ हमारी इस लडाई में कंधे से कंधा मिला कर साथ खडे है । जिस उद्देश्य से(S.L.P. हेतु) हमने माहेश्वरी जी से संपर्क किया था
उस सीमा से भी आगे जा कर श्री माहेश्वरी जी निम्न प्रकार से आज हमारी सहायता करने जा रहे हैं:-
1. श्री माहेश्वरी जी हमारी नियुक्ति में हो रहे विलम्ब को दृ्ष्टिगत रखते हुये माननीय सर्वोच्च न्यायालय में शिक्षा का अधिकार कानून के जल्द प्रवर्तन हेतु जनहित याचिका दायर करने जा रहे हैं। इस याचिका का वास्तविक उद्देश्य हमारी नियुक्ति में हो रहे विलम्ब को समाप्त करना होगा ।
ReplyDelete2. संघीय सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को बी.एड बेरोजगारों की प्राथमिक विद्यालयों ने नियुक्ति के संबन्ध में प्रदत्त समय सीमा जो कि 31 मार्च 2014तक है, को बढवाने के लिये केन्द्र सरकार से लगतार संपर्क कर प्रयासरत हैं । इस प्रयास के अन्तर्गत वो केन्द्र सरकार को उत्तर प्रदेश राज्य में हुई बी.एड बेरोजगारों के संदर्भ में की जा रही हीलाहवाली, उत्तर प्रदेश सरकार की वास्तविक मंशा ,राजनीतिक द्वेषता से अवगत करा कर भर्ती की समय सीमा को बढाने (EXTEND) का दबाव बना रहे हैं । समय सीमा का बढना हमारे लिये आवश्यक है क्योंकि नियुक्ति प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिये लम्बी समयावधि की आवश्यकता है जिससे काऊंसलिंग आदि में सरकार समय सीमा की समाप्ति का तकनीकी बहाना न कर सके ।
ReplyDelete3. श्री माहेश्वरी जी कोर्ट संबन्धी समस्त सेवाये
ReplyDeleteहम लोगों की बेरोजगारी, दुर्दशा,मानसिक उत्पीडन
को दृषटिगत रखते हुये निशुल्क प्रदान करने जा रहे
हैं ।
अब हमारा भी दायित्व है कि हम
श्री माहेश्वरी जी का धन्यवाद करते हुये उनके पेज
को अधिकाधिक लाईक्स प्रदान कर उनका व अपने
साथियों का उत्साहवर्धन करें और
माहेश्वरी जी को नैतिक समर्थन प्रदान करें ।
https:// www.facebook.com /vipulsocialwork
PRIME POST OF UPTET APPOINTMENT>>>>>>>
ReplyDeleteMERE TET SUPPORTER SATHIYO..
1)Jaisa ki suprime court me hamara case ladne ke liye 4 wakil 1) vipul maheshwari 2) p.p.rav 3) satish chandr mishra 4) arora mam ka name final ho chuka hai..aur 2 ya 3 wakil avi aur kiya jayega jo ki bench tay hone par final hoga..suprime court me siksha mamlo ki 3 bench hai ab dekhna ye hai ki hamara case kiske bench me jata hai.
2) high court dwara15 va sansodhan radd hone ke bad ki gyi bhartiyo par koi rahat nahi milegi..sarkar dwara h.c order aane ke bad jo v counseling karayi jayegi wo bad me court radd kar dega..sarkar v janti hai par wo vote bank ko ye sandesh dena chahti thi ki ham to apni taraf se prayas kiye par court ne radd kar diya.
ReplyDelete3) ku6 dost ye sochate hai ki lok sbha chunav ke samay aachar sanhita lag jane se hamari bharti suprime court ke order ke bad v kahi rok na di jaye ,par aisa ku6 nahi hai ,aachar sanhita ke samay naya vigyapan nahi nikala ja skta ,pahle liye gye aawedan par aachar sanhita ka koi prabhav nahi hota..ha jyadatar sarkari tantr us samay chunav aayog ke aadesh pakar chunav me busy ho jati hai so sarkar ek bahana kar sakti hai par ham s.c ke order ke bad pura dabav bnayege taki 31 march tak bharti puri ho jay.
ReplyDelete4) dosto government 1st date par h.c ke order par stay lene ke betab hogi par chuki h.c ka time bound order hai aur wo time 2 mah se kam bacha hai to s.c order par stay nahi degi..ulta wo stay ki bat sarkari wakil dwara kahne par khud judge puchhege ki aap order ke aane ke 2.5 mah bad kyu slp kiye ,pahle kyu nahi aaye..sarkar ka der se slp karna v hamara pax majbut kar raha hai..hamare wakilo ka pura prayash hoga ki pahli date me hi government ke ghamand aur acdian yug ka ant hamesha ke liye ho jay..
ReplyDelete5)dosto sarkar ka bina tet sikshamitro ka samayojan ek chunavi lolypop hai..bina tet ke koi v ab teacher nahi ban payega..high court ki 3 sadasyiy sambidhan peeth ke nirnay ko sarkar andekha karke to dekhe ,inke sachiv avmanna me jail chale jayege..agar sarkar ko siksha mitro ki fikar hai to unka mandey kam se kam 10 hjar to kar de..aur agar jyada fikar thi to larger bench ke order 31 may 2013 ke 90 din ke andar suprime court me slp kyu na dali..kyuki sarkar janti hai ki suprime court ne gujrat ke vidya sahayak (sanvida teacher) ke ek case me siksha mitra ko siksha satru tak kahkar tippni ki thi..sarkar ki chunav ke samay ki gyi asambaidhanik ghoshna loktantrik desh me kavi many nahi hogi..
ReplyDeletejai tet merit
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मेरी प्यारी बेगम।
सवाल कुछ भी हो।
जवाब तुम ही हो।
रास्ता कोई भी हो।
मंजिल तुम ही हो।
दुःख कितना ही हो।
ख़ुशी तुम ही हो।
अरमान कितना ही हो।
आरजू तुम ही हो।
गुस्सा जितना भी हो।
प्यार तुम ही हो।
ख्वाब कोई भी हो।
ताबीर तुम ही हो।
"यानी ऐसा समझो कि सारी खुशियों की शुरुआत और अंत भी तुम हो और सिर्फ तुम ही हो।"
friends-
ReplyDeletetoday we met satya mitra garg(
s.k pathak, rakesh yadav ,shiv kumar and me) garg sir said that appeal was prepared by sri c.b yadav and i have only filled this slp and i know that u people r fighting for justice and my best wishes are also with u but being a lawyer i have to do my job but i know ur case is very strong after than we met many senior councils and we have finalized senior council P.S PATWALIA at present he is one of the best council for service matter in supreme court.
shiksha mitro ko 10 days me samayojan kar diya jayega iss se humb.ed walo ko koi matlab nahi hona chahiye naa hi b.ed ki 72825 bharti par koi farak padega..
ReplyDeletekyuki unki posts ko hatakar 72825 created hain..
wo agar maan bhi liya jaaye ki samayojit ho jayenge to bhi 72825 vaccant seats humesha rahengi aur s.c ke baad bharti sarkar ko karni hogi.
एक बार भारत पाकिस्तान में
ReplyDeleteझगडा हो गया तो बीच में एक
दीवार बना दी गयी!
भारतीय आर्मी वाले बोर हो गए
तो सोचा चलो आज
पाकिस्तानियोँ की क्लास
लेते हैँ.
तो एक भारतीय सैनिक पप्पू ने
दीवार पर
चढ़ के आवाज़ लगाई :
"अफरीदी कौन है?"
पाकिस्तानी :"मैं"
पप्पू ने उसे तुरन्त
गोली मार दी.
अगले दिन फिर से पप्पू ने
आवाज़ लगाई : "हाफ़िज़ कौन है ?"
पाकिस्तानी :"मैं"
पप्पू ने उसे भी गोली मार दी.
ऐसे चार पाँच दिन तक
चला तो पाकिस्तान वाले बोले
की इज्ज़त की वाट लग
गयी है. कुछ
तो करना पडेगा !!!!!!
अगले दिन ....
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पाकिस्तानी दीवार पर चढ कर
चिल्लाया :
"पप्पू कौन है ?"
भारतीयों में से कोई
नहीं बोला.
पाकिस्तानियों ने कई
दिनों तक ऐसे आवाज़ लगाई, पर
भारतीयों ने कोई जवाब
नहीं दिया..
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तो हार कर पाकिस्तानी चुप
होकर बैठ गए.
अगले दिन दीवार पर चढकर
पप्पू चिल्लाया : "पप्पू
को कौन-कौन बुला रहा था..?"
पाकिस्तानी बोले : "मैं" मैं मैं मैं
पप्पू ने उन सभी को गोली से
उडा दिया.
Moral...बाप बाप होता है और
बेटा बेटा!!
लातों के भूत बातों से नहीं मानते जब सुप्रीम कोर्ट की लात पड़ेगी तब आयेंगे सपा के भूत लाइन पर ।
ReplyDelete"सब मुझे ही क्योँ कहते हैं कि तू भूल जा उसे ,
ReplyDeleteकोई उसे क्यों नहीं कहता कि वो ही मेरी हो जाये..."
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रिश्ते चाहे कितने भी बुरे क्यों न हो
जहाँ तक हो सके उन्हें मत तोड़ना
क्योंकि पानी चाहे कितना भी गंदा हो
प्यास नही तो आग तो बुझाता ही हैं..!!
chahe jo niyamawali s m ke liye bana le state ,challenge ho jane par uske halat 15we wa 16we sansodhan se bhi badtar honge .article 254 kehta hai ki samwarti suchi mai rakhi gayi siksha par kendra dwra banaye niyam rajya par prabhavi hai (law made by parliament prevails over the law made by the state) central dwra laya gaya tet s m to kya c m ko bhi tet se chhot nahi dila sakta
ReplyDeleteआखिर हो क्या गया है इस सरकार और इसके विशेष सचिवोँ को एक तरफ सरकार के सचिव की लताड़ लग रही है हाई कोर्ट मेँ दूसरी तरफ फिर उल्टा फैसला । यह सरकार अपनी बर्बादी की ओर अग्रसर है इसके इस फैसले ने केवल हाईकोर्ट और एन.सी.टी.ई. की गाइडलाइन की धज्जियाँ ही नहीँ उड़ा दी बल्कि शिक्षामित्रोँ और शिक्षा व्यवस्था की भी ऐसी तैसी करदी है ।जब ये फैसला पलटा जायेगा तो इन शिक्षामित्रोँ को बहुत कष्ट होगा ।
ReplyDeleteपलटू राम नं0 1 जो है ।
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अभी एक और बाकी है ,
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शाम को जिस वक्त खाली हाथ घर जाता हूँ मैं
मुस्कुरा देते हैं बच्चे और मर जाता हूँ मैं
जानता हूँ रेत पर वो चिलचिलाती धूप है
जाने किस उम्मीद में फिर भी उधर जाता हूँ मैं
सारी दुनिया से अकेले जूझ लेता हूँ कभी
और कभी अपने ही साये से भी डर जाता हूँ मैं
ज़िन्दगी जब मुझसे मजबूती की रखती है उमीद
फैसले की उस घड़ी में क्यूँ बिखर जाता हूँ मैं
आपके रस्ते हैं आसाँ, आपकी मंजिल करीब
ये डगर कुछ और ही है जिस डगर चलता हूँ मैं
मैँ तो शुरुआती दिनोँ से ही कोर्ट के माध्यम से
ReplyDeleteपूर्ववर्ती विज्ञापन की बहाली का प्रयास करता आ रहा हूँ
। बहु प्रतिक्षित शिक्षक भर्ती
मामले मेँ उच्चन्यायालय द्वारा पूर्व विज्ञापन की बहाली के
विरुद्ध दाखिल राज्य सरकार की विशेष अनुज्ञ याचिका के
औचित्य पर सुप्रीमकोर्ट की दो जजोँ की पीठ द्वारा जल्द
ही सुनवाई की जानी है । एडमिशन के समय
तीनोँ पक्षोँ को गम्मभीरतापूर्वकसुनने के पश्चात पीठ
याचिका के औचित्य को स्पष्ट करते हुए रिट नम्बर
जारी करेगी नही तो पहले ही दिन डिसमिशल तय हैँ
जैसा की विदित है रजिस्ट्रार स्तर पर संबंधित याचिकाओँ
की तकनीकी त्रुटियोँ के निवारणोपरान्त सभी याचिकाओँ
को एसएलपी नम्बर मिल चुका है । पूर्ववर्ती विज्ञापन
की बहाली के समय हाईकोर्ट ने 4 बिँदुओँ पर
अपना फैँसला सुनाते हुए मौजूदा चयन एवं योग्यता निर्धारण
नियमावली को रद्द करते हुए पुरानी नियमावली को बरकरार
रखा था ऐसी स्थिति मेँ सरकार अपना पक्ष किस बिँदु
को बचाने के समर्थन मेँ रखेगी ये देखने वाली बात होगी पर
एक बात
गौर करने वाली है कि यदि सरकार अपनी भर्तियोँ को बचाने
का प्रयास करती है तो सुप्रीमकोर्ट दया आधार पर
उनको बहाल कर देगी अन्यथा की स्थिति मेँ हाईकोर्ट
का पूरा का पूरा आदेश बरकरार रहेगा । हमारे मोर्चे के
सभी सक्रिय साथी अपनी-अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन
पूरी ईमानदारी से कर रहे हैँ मैँ अपनी तरफ से उनको भरपूर
सहयोग देने का आह्वाहन कर रहा हूँ । सुप्रीमकोर्ट मेँ
हमारी जीत तय है धैर्य बनाये रखेँ ।
"जल्दी" की परिभाषा बदल दीजिए वरना लोग सरकार बदल देंगे
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मैनेँ जमाने के इक बीते दौर को देखा हैँ,
दिल के सुकूँ और गलियोँ के शोर को देखा हैँ...
मैँ जानता हूँ कैसे बदल जाते हैँ लोग अक्सर,
मैँने कई बार अपने अन्दर किसी और को देखा हैँ...
मे
ReplyDeleteरी
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ली
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It's sad when you realize you aren't as important to someone as you thought you were.
गुड मॉर्निंग !
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खिलखिलाती सुबह, ताज़गी से भरा सवेरा है;
फूलों और बहारों ने आपके लिए रंग बिखेरा है;
सुबह कह रही है जाग जाओ;
आपकी मुस्कुराहट के बिना सब अधूरा है।
Teacher aane ko taiyar bt sp ki mansha inhe n rakhkar retired ko lgaane ki hai. . Lekin kya retired teachers ko rakhne k liye NCTE se anumati nhi chahiye? . Inki pay koun dega? . Koun inki pay ka nirdhaaran karega? . Kya inki bhi counselling hogi? . Jab retired sixak rakhna hi chahte hain aur ye rahna chahte hain to inke retired hone ka drama band kar dena chahiye. . Lekin inme kitne honge jo job karna chahega? . Ya fir zabardast inhe thusa jaayega?
ReplyDeleteटेट 2011 उत्तीर्ण सभी साथियो सर्वोच्च न्यायालय मे संघर्ष का बिगुल बज चुका है । जल्द ही तारीख भी तय हो जाएगी । टेट संघर्ष मोर्चा की तैयारी अंतिम दौर मे है । सरकार और अकेडमिक सपोर्टर महान आत्माओँ द्वारा उठाए गए प्रमुख बिंदुओ और उनके तर्कहीन व हास्यास्पद आधारों से भी आप सब परिचित है । एक बिंदु को छोड़कर शेष सभी बिंदु (रिकार्ड गायब होना ) माननीय उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायाधीशो द्वारा पहले ही दो दो बार संविधान के विपरीत पाते हुए खारिज किए जा चुके है । 15 वें संशोधन के आधार पर नियुक्ति पा चुके लोगों का क्या होगा कोर्ट तय करेगा । हम सब के रिकार्ड गायब होने की असंभव बात लिखित मे कहकर सरकार ने अपने प्रमुख अधिकारियों को जेल भेजे जाने का पुख्ता इंतजाम कर दिया है । कुछ ऐसा ही बिहार सरकार द्वारा कोर्ट मे कहने पर कोर्ट ने उसे काल्पनिक मानते हुए अधिकारियों से कोर्ट रूम से सीधे जेल जाने या 6 सप्ताह मे नियुक्ति पत्र देने मे से एक विकल्प का चुनाव करने को कहा और भर्ती समय से पूरी हो गई । देखना यह है कि अपने मामले मे सर्वोच्च न्यायालय हरियाणा या बिहार मे से कौन सा उदाहरण दोहराता है । अकेडमिक वाले रिकार्ड गायब होने वाली मीडिया मे छपी खबर को ढूँढना शुरू कर दें और मिलने पर संभाल कर रखें सरकार द्वारा कभी भी उनसे वह प्रति माँगी जा सकती है । उम्मीद है सरकार के इस नाटक का अंत पहली सुनवाई मे ही हो जाएगा और हमारी भर्ती तय समय मे पूरी करने को बाध्य होगी ।
ReplyDeleteNamaskar
ReplyDeleteTet update
(1)- date k liye abhi is week Ka intezar kare ummid 7 February ya usake baad k kisi date ki hai.
( 2)- humare advocate variyata kram me nimn prakar se finalised ho chuqe hai...jinaki fee Hume apne arthik sansadhano k uplabdhata k hisaab se nimn kram me chukani hai..
(a)- P.P. Rao (service matter k suvikhyat advocate)
(b)- Satish Chand Mishra (BSP k mahashachiv aur prashiddh advocate lagbhag free of cost khade ho rahe hai)
(c)- P.S.Patwalia (retired High Court Judge)
(d)- Vipul Maheshwari(ek kind hearted aur prashiddh advocate)
(e)- Amrendar Saran(senior advocate Supreme Court )
(f)- Minaxi Arora (ek bahut hi tez tarrar mahila adhivaqta Supreme Court)
(g)- Jha g( pahale se hi humare liye SC me sangharshrat adhivaqta)
(h)- ek naam aur date aur bench decided hote hi judana hai.
(I)- isaqe alawa do teen naam aur antim xano me judane hai jisake bare me waqt aane pr aap sabhi ko update kr diya jayega.
(3)-January last tk sabhi ziladhayax uprokt advocates k fee k purti k sandarbh me apna sampark aur yogdaan yathashighr apne purv-varti Madhyam se sunischit kare.
(4)- aap sabhi Ka sahyog prarthaniy evam apexaniy hai.
sabhi ko
Jay TET
कान्ग्रेस हर बार नरेन्द्र मोदी के लिये
ReplyDeleteगड्ढा खोदती है, लेकिन राहुल गान्धी उसमे कूद
पडते हैं !
शुभ प्रभात बंधुओं,
ReplyDeleteसभी भाइयों को निरहुआ का प्रणाम।
बड़े हर्ष के साथ सूचित किया जाता है की हमारे प्रदेश के मूर्खमंत्री श्री पलटुआ ने दो-चार और 'पलटकारी' घोषणाएं करके अपने 'पलटुआ' नाम को सार्थक रखने का प्रयास जारी रखा है। मुल्ला-यम जी भी अपने पुत्र (?) की इस प्रखर बुद्धि पर नाज करते होंगे कि जितने वादे वो अपने पूरे राजनैतिक जीवन में करके ना पलट सके उससे अधिक पलटी तो उनका 'पलटुआ' एक ही दिन में मार सकने में सक्षम है। पलटुआ तो अभी अपनी पलटूगिरी में और आगे जाना चाहता है लेकिन जलन रखने वाले कुछ सचिव, अधिकारी और मंत्री उसे कोर्ट का झूठा भय दिखाकर रोक देते हैं। अभी तो कई घोषणाएं बाकी हैं जिनमे से एक है नदियों/संपर्क नहरों पर पुल बनवाने की घोषणा, और हाँ जिन जिलों में नदियाँ वगैरह नहीं हैं पुल बनवाने के लिए वहाँ पलटुआ पहले नदी खुदवाने की घोषणा करेगा फिर पुल बनवाने की घोषणा होगी। हमारे कई साथी इसकी घोषणाओं से विचलित हो रहे हैं ,ऐसे महानुभावों से विनम्र विनती है की अपने प्रिय पलटुआ का इतिहास और सार्थक नाम पर ध्यान दीजिये,आपकी समस्त शंकाओं का निदान हो जायेगा। आप इस पलटुआ का भरोसा कर रहें हैं जिसका भरोसा तो 'पलटुआइन' भी नहीं करती। अगर यकीन ना हो तो एक छोटी सी घटना बताता हूँ। एक बार पलटुआ कहीं किसी बैठक में लोगों को 'बेवकूफ' बनाने की कोशिश करते हुए कह रहा था कि - 'यकीन कीजिये भाई, मेरा नाम भले ही लोगों ने पलटुआ रख दिया है लेकिन मैं भी एक पारिवारिक इंसान हूँ और तीन बच्चों का जिम्मेदार बाप हूँ'।
तभी बैठक में मौजूद पलटुआइन धीरे से बड़बड़ाई- 'पलटुआ, कमजर्फ कहीं के, तेरे भरोसे बैठी होती तो मैं एक भी बच्चे की माँ नहीं बन पाती, और तीन क्यों बे मेरे पेट में जो चौथा पल रहा है उसे क्या तेरा बाप गिनेगा'।
एक बार किसी गाँव में एक बुढ़िया रात के
ReplyDeleteअँधेरे में अपनी झोपडी के बहार कुछ खोज
रही थी.
तभी गाँव के ही एक व्यक्ति की नजर उस पर पड़ी ,
“अम्मा इतनी रात में रोड लाइट के नीचे
क्या ढूंढ रही हो ?”,
व्यक्ति ने पूछा.
”कुछ नहीं मेरी सुई गम हो गयी है बस वही खोज रही हूँ .”,
बुढ़िया ने उत्तर दिया.
फिर क्या था,
वो व्यक्ति भी महिला की मदद करने के लिए रुक गया और साथ में सुई खोजने लगा.
कुछ देर में और भी लोग इस खोज अभियान
में शामिल हो गए और देखते- देखते लगभग
पूरा गाँव ही इकठ्ठा हो गया.
सभी बड़े ध्यान से सुई खोजने में लगे हुए थे
कि तभी किसी ने बुढ़िया से पूछा ,
”अरे अम्मा ! ज़रा ये तो बताओ कि सुई
गिरी कहाँ थी?”
”बेटा , सुई तो झोपड़ी के अन्दर गिरी थी .”, बुढ़िया ने ज़वाब दिया .
ये सुनते ही सभी बड़े क्रोधित हो गए
और भीड़ में से किसी ने ऊँची आवाज में कहा ,
”कमाल करती हो अम्मा ,हम इतनी देर से
सुई यहाँ ढूंढ रहे हैं जबकि सुई अन्दर झोपड़े
में गिरी थी,
आखिर सुई वहां खोजने
की बजाये यहाँ बाहर क्यों खोज रही हो ?”
”क्योंकि रोड पर लाइट जल रही है…
इसलिए .”, बुढ़िया बोली.
मित्रों, शायद ऐसा ही आज के युवा अपने
भविष्य को लेकर सोचते हैं कि लाइट कहाँ जल रही है किस क्षेत्र मेँ चकाचौँध है... वो ये नहीं सोचते
कि हमारा दिल क्या कह रहा है ;
हमारी सुई कहाँ गिरी है . हमें चाहिए कि हम ये जानने की कोशिश करें कि हम किस फील्ड में अच्छा कर सकते हैं और
उसी में अपना करीयर बनाएं ना कि भेड़
चाल चलते हुए किसी ऐसी फील्ड में घुस जाएं जिसमे बाकी लोग जा रहे
हों या जिसमे हमें अधिक पैसा नज़र आ रहा हो .
बस आप अपने दिल मेँ टटोले कि आपका दिल किस काम मेँ लगता है, आप किस काम का अंजाम दूसरोँ से बेहतर दे सकते हैँ।
याद रक्खे अमिताभ अच्छे अभिनेता हो सकते हैँ पर अच्छे धावक नहीँ।
सचिन अच्छा खेलता है पर वो लता जैसा गा नहीँ सकता।
मतलब भगवान हम सबको एक-एक खाश हूनर दिए हैँ जिसने अपने उस हूनर को पहचान लिया वही अपने उस क्षेत्र का अमिताभ बना,
है गर हूनर तो कवि का बेटा महानायक बन जाता हैँ।
है गैर हूनर तो महानायक
का बेटा भी बोतल अभिषेक
बन जाता है।
सो दोस्तोँ अपने हूनर को पहचानो और दिखा दो दूनिया को कि......
आप मेँ है दम...
समझ ना किसी से कम..
Ohhhhhhhh....!!!!!
ReplyDelete.
SP ki itni lambi-choudi slp ka raaz ab samne aaya hai.
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Yah slp Satya Mitra ji ne nhi,
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Balki,
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Puraane ghise-pite khilaadi C.B. Yadav ji ne hi Albd se taiyar karke bheji hai.
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Lekin shaayad Yadav ji ne Satya Mitra ji ko HC me hui apni durdsha k baare me nhi btaya hoga nhi to Garg saahab to iss case se aise gaayab ho jaate jaise gdhe k sir se sing.
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Aakhir wo SC k wakeel hain.
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मोदी जी का नया कदम.......
ReplyDeleteगुजरात में अगर महिलाओ को देर रात को कोई वाहन
ना मिले
तो 100 डायल कर सकती है, महिला पुलिस स्वयं
उनको घर तक छोड़ के आएगी..!!
हम यूँ ही नहीं मोदी जी के दीवाने...
नमो नमो
Bahut tej charcha ha ki shikshamitro ko govt bina TET k hi shikshak banane ja rahi hai .Vidhik jaankari rakhane vale bhaio plz bataye kya yah sambhav hai ?
ReplyDeleteबिल्कुल असंभव है ।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteदिल के दौरे से बेहोश पिता को लेकर पुत्र अस्पताल पहुँचा..
ReplyDelete.
डॉक्टर ने देखा और "ही इज नो मोर"
कहकर फीस के लिये हाथ आगे बढाया....
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पुत्र को अचानक याद आया कि
जिस ऑटो मे वो अपने पिता को लेकर आया हैउसका भी तो किराया देना है..
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उसने पीछे मुडकर देखा तो
शायद इंसानियत जिंदा थी ..............
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ऑटो वाला बिना पैसे लिये जा चुका था !
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Ho chuki ab kisi Aur KI wo Kabhi meri ZINDAGI thi wo,
koun bhulta hai PEHLI
MOHABBAT
Meri saari khushi thi wo,
Phoolon ki tarha
muskurati thi
Mere honton Ki hansi thi wo,
Baad barson dekha tha use,
Aaj bhi Utni hi haseen thi wo,
Zindagi jis ke naam kar di Afsos log kehte hain
ajnabi thi wo...
अखिलेश सरकार अभी तक एक भी भर्ती नही कर पायी टेट पास वालो का पैसा केन्द्र से लेकर डकार गयी अब अगर जाँच की जाये तो अरबो रुपये का शिक्षक घोटाला पकड़ा जायेगा और बाप बेटे तिहाड़ जेल मे नजर आऐगेँ इन लोगोँ ने बेरोजगारोँ से शिक्षक भर्ती के नाम पर अरबो रुपये डकार लिये और टेट पास वालो को भूखा मरने के लिऐ छोड़ दिये जबकि ये हमारे खून पसीने की कमाई से सैर सपाटा और अय्यासी मे खर्च कर दिये ये लालची सरकार केवल अपना भला सोचती है बी एड वाले इसको बसपा के एजेन्ट नजर आते है ।भगवान इस बाप बेटो को सद्बुद्दि दे।
ReplyDeleteमे
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Ek jurm hua hai hum se.. ek hasin yaar bana baithe hai...
kuch apna usko samjh ke sab raaz bata baithe hai...
phir uski dosti ki raah me....dil o jaan gawa baithe hai....
woh yaad bahut aate hain...jo hume bhula baithe hai.....
vishwas bhi nhi hota woh hume kaise bhula baithe hain.
@ TET MERIT NAHI TO BHARTI BHI NAHI , Boss AAP SOCHTE HONGE KI KOI AUR COMMENTS PASS KYU NAHI KARTA HAI TO USKA ANSWER MERE SE SUN LIJIYE - AAPKE COMMENTS KO READ KARKE HI SAB LONGO KI SANKA KA SAMADHAN HO JATA HAI...
ReplyDeleteVERY GOOD
GOD BLESS YOU.
THANKS ALOT
Friend, TET MERIT NAHI TO BHARTI BHI NAHI; aapka koi javab nahi. Aapke logical comments is blog par jure logo ke liye tonic ka kam karta hai. Aap jaise Budhdhjiviyo ka hi is bharti par hak hai.
ReplyDeleteMay all the guise belonging to old add be successful in their pursuit.
I also pray to god that supreme court also go for a order to Akal-less government for a new advertisement on same fees deposited in new form.
Good Luck to you all.
ए बी सी डी : रोचक जानकारी
ReplyDelete******************
क्या आप जानते हैं
• 1 से 99 तक की स्पेलिंग में कहीं भी a, b, c, d का उपयोग
नहीं होता है।
• d का प्रयोग पहली बार 'Hundred' में होता है।
• 1 से 999 तक की स्पेलिंग में कही भी a, b, c का उपयोग
नहीं होता है।
• a का प्रयोग पहली बार 'Thousand' में होता है।
• 1 से 999,999,999 तक की स्पेलिंग में कही भी b, c
का उपयोग नहीं होता है।
• b का प्रयोग पहली बार 'Billion' में होता है।
• c का प्रयोग इंग्लिश काउंटिंग में कहीं भी नहीं होता....।
डॉ – तवियत कैसी है ?
ReplyDeleteमरीज – पहले से ज्यादा खराब है
डॉ – दवाई खा ली थी
मरीज – खाली नहीं भरी थी
डॉ – मेरा मतलब दवाई ले ली थी
मरीज – जी हाँ आप से ही तो ली थी
डॉ – वेबकूफ दवाई को पी ली थी
मरीज – नहीं जी दवाई नीली थी
डॉ – अबे गधे दवाई को पी लिया था
मरीज – नहीं जी पीलिया तो मुझे था
डॉ – उल्लू के पट्ठे दवाई को खोल कर मुँह मे रख लिया था
मरीज – नहीं अपने ही तो कहा था की फ्रिज मे रखना
डॉ – अबे मार खाएगा
मरीज – लेकिन आप तो कल कह रहे थे कि दवाई खाना है !
बड़े-बुज़ुर्ग कहते थे कि जले पर टूथपेस्ट लगा लो......
ReplyDelete...
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आजकल तो कम्बख्तों ने टूथपेस्ट में भी नमक डाल दिया.......!!!!
बधाई हो मित्रों :---
ReplyDeleteगुजरात सरकार को विश्व में दूसरी सबसे अच्छी राज्यसरकार घोषित किया गया है और इसे घोषित किया हैइंटरनेशनल कोंसिल ऑफ़ यू.एन . ने ........10 साल पहले गुजरात पर विश्व बैंक का 50,000 करोड़रूपये क़र्ज़ थालेकिन आज गुजरात सरकार के ही 1 लाख करोड़ रूपएविश्व बैंक में जमा हैं .आज गुजरात में ।
1.--कोई शराब की दुकान नहीं है
2.--24 घंटे बिजली उपलब्ध है .
3.--100% महिलाये पढ़ रही हैं .
4.--पुरे भारत का 15% आयत गुजरात से होता है.
5.--शेयर मार्किट में 30% गुजरात का निवेश है .
6.--टाटा, रिलायंस, फोर्ड, नोकिया, B.M.W., हौंडा इत्यादी सब गुजरात में हैं और अगले 10 साल में ये सिंगापुर को पीछे छोड़नवाला है ...
अब आप ही सोचो विकास पुरुष (मोदी) चाहते हो या …………?
धन्यवाद
ReplyDeleteदुर्गा प्रसाद एवं सुनील भट्ट जी !
ये सब आप लोगों के
प्यार
योग्यता
सकारात्मक सोच
लगन
मेहनत
ईमानदारी
सच्चाई
से संभव हो रहा है !
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों को नयेशैक्षिक सत्र जुलाई-अगस्तमें 25 हजार नयेशिक्षक-शिक्षिकाएंमिलनेजा रहे हैं। यह नये शिक्षक बीटीसी के विभिन्न सत्रों केअन्तिम वर्ष के अभ्यर्थी हैं। इनमेंसे अधिकतर अभ्यर्थियोंने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास कर ली है। बस उनका प्रशिक्षण पूरा होते ही सचिव बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश इलाहाबाद उनकेनियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। यह प्रक्रिया दो माह मेंपूरीहो जायेगी। परिषदीय विद्यालयों से प्रतिवर्ष जून माह में 14 से15 हजार शिक्षक रिटायर होते हैं। बीटीसी केमाध्यमसे 15 से20 हजार शिक्षक और उर्दू भर्ती के तहत करीब एक हजार शिक्षकों की भर्ती होती है। 72825 शिक्षकों केभर्ती प्रक्रिया अभीलंबित है। इस भर्ती प्रक्रिया केपूराहोने के बाद से परिषदीय विद्यालयोंमें शिक्षकों की कमी काफी हद तक कम हो जायेगी। इन शिक्षकों के भर्ती का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट मेंलंबित है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश श्रीमतीनीना श्रीवास्तव नेबताया कि बीटीसी के अलग-अलग सत्र के अन्तिम वर्ष की परीक्षाएं फरवरी में शुरूहोगी जोशीघ्र पूरी हो जायेगी। इनके रिजल्ट अप्रैल माह में आ जायेंगे। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा नेबताया कि बीटीसी अन्तिम वर्ष केरिजल्ट आने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जो दो माह में पूरी कर ली जायेगी। इन नये शिक्षकोंकी परिषदीय विद्यालयों मेंनियुक्तिहोने से प्रदेश केपरिषदीय विद्यालयोंमें शिक्षकोंकी जो कमी हैवह काफीहद तक पूरी हो जाएगी।
ReplyDeleteअधिकतर अभ्यर्थीहैंटीईटी पास : सचिव दो माह में पूरीकर ली जाएगी भर्ती प्रक्रिया
मेरे जिले मे
ReplyDeleteएक गाँव सिर्फ यादव का है, इस गाँव के लोग
सपा के कट्टर समर्थक है, उन्ही मे से एक यादव
की लङकी की शादी नवंबर 2013 पङी तो उस
यादव ने अपने चहेते नेता, पारस नाथ यादव, मुलायम
सिंह यादव, अखिलेश यादव जैसे तमाम
सपा नेता को निमंत्रण पत्र भेज रहे थे तब उसी गाँव
के एक व्यक्ती ने सुझाव दिया कि क्यो न नरेंद्र
मोदी, राहुल गाँधी वगैरह को भी निमंत्रण पत्र
भेजा जाय, उस गाँव के लोग इंटरनेट से
सभी का एड्रेस निकाले और सभी को निमंत्रण
पत्र भेज दिया जितने
नेता को नेवता भेजा गया किसी भी नेता के
यहाँ से कोई उत्तर नही आया लेकिन गुजरात के
मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के यहा से 5101
रूपया का चेक आया और लङकी शादी के दिन
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का फोन
आया और उन्होने उस लङकी से बात की और
विवाह की ढेर सारी शुभ कामनाएँ दी,अब उस
गाँव मे कोई भी यादव सपा का नाम
सुनना नही चाहता..
बॉस: कहाँ गए थे?
ReplyDeleteबंता: बाल कटवाने।
बॉस: ऑफिस के समय?
बंता: बाल बढ़े भी तो ऑफिस में ही थे।
बॉस: घर में भी तो बढ़ते हैं।
बंता: तो पूरे थोड़े ही कटवाए हैं!
जज---का समस्या बा ?
ReplyDeleteयू पी सरकार---हुजूर कागज
पत्तर बिला गयील बा टेट वाला .
जज---का ?
एक दमे से ध्तिन्गडे बाङे
का तेहन ???
यू पी -----सरकार हुजूर माफ
कई दिहल जाये ..
जज ---ले जाके जेले मे बन्द कर
इन्हन के
यू पी सरकार----हजूर दया
जज ---भर्ती करबे
यू पी सरकार ----हा करब .. !
मनुष्य रूपेण गधों को उल्लू बनाने के लिए अखिलेश यादव को धन्यवाद ..........
ReplyDeleteशिक्षा मित्र टेट से सदा-सदा के लिए मुक्त किये गए+
टेट पास किये बिना कोई व्यक्ति सहायक अध्यापक नहीं बन सकता
परिणाम?????
शिक्षामित्र कभी सहायक अध्यापक नहीं बन सकते. ....
सामान्य ज्ञान का नवीनतम सवाल.....
ReplyDeleteभारत के किस राजनेता ने लालीपॉप निर्माण में मास्टर डिग्री हासिल की है????
hint...... लालीपॉप के सबसे बड़े उपभोक्ता एकेडमिक से सहायक अध्यापक का ख़्वाब देखने वाले एवं ऐसा ही सपना देखने का दुस्साहस करने वाले शिक्षामित्र हैं......
एक कंजूस आदमी के घर मेहमान आया.
ReplyDeleteकंजूस – “भाईसाहब, ठंडा लेंगे या गरम ?”
मेहमान – “ठंडा…”
कंजूस – “जूस या कोल्डड्रिंक ?”
मेहमान – “जूस ले लूँगा .”
कंजूस – “स्टील के गिलास में लेंगे या
कांच के गिलास में … ?”
मेहमान – “कांच के गिलास में ले आओ …”
कंजूस – “प्लेन या डिजाइन वाला ?”
मेहमान (परेशान होते हुए ) – “अरे यार, डिजाइन वाले में ही ले आओ … !”
कंजूस – “ओके, कौनसी डिजाइन पसंद है ?
लाइनों वाली या फूलों वाली ?”
मेहमान – “फूलों वाली.”
कंजूस – “कौन से फूल ? गुलाब के या चमेली के ?”
मेहमान – “गुलाब के.”
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कंजूस (अपनी बीवी से) – “लाजो, ज़रा देख तो गुलाब
के फूलों की डिजाइन वाला गिलास अपने घर में है या नहीं ?”
बीवी – “नहीं है जी …”
कंजूस (खीजते हुए ) – “ओ त्तेरी ! नहीं है ....?
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चल फिर जूस रहने दे …
भाईसाहब को मजा ही नहीं आएगा….
कहीं भी लाइन मारने के बहुत से तरीके होते हैं,
ReplyDeleteजिनमें से 3 प्रसिद्ध हैं;
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1. पेंसिल से
2. पेन से
3. मार्कर(Marker) से
अच्छा सोचो दोस्तों,
कुछ लोग मेरे जैसे शरीफ़ भी होते हैं।
सपा की सरकार में सभी भर्ती परीक्षाऔं के 5 चरण होते हैं..
ReplyDelete1-प्री . ...
2-मैन्स ...
3-इंटरव्यू..
4-हाई कोर्ट...
5-सुप्रीम कोर्ट...
एक पिता अपनेबेटेके साथ पहाड़ों कीसैर पर निकला। अचानक बेटा गिर गया। चोट लगने पर उसके मुंह से निकला ,' आह !!!' तुरंत पहाड़ोंमें से कहीं - सेआवाज आई -' आह !!!' बेटा अचरज मेंरह गया। उसने फौरन पूछा - तुम कौन हो ? सामने से वही सवाल आया ,' तुम कौन हो ?' बेटा चिल्लाया, 'मैं तुम्हारी तारीफ करताहूं!' पहाड़ों से जवाबआया ,' मैंतुम्हारी तारीफ करता हूं !' अपनी बातकी नकल करते देखकर बेटा गुस्से में चिल्लाया ,' डरपोक !' जवाबमिला ,' डरपोक !' उसने पिता की ओर देखा और पूछा ,' यह क्या हो रहा है ?' पिता ने मुस्कुरातेहुए कहा ,' बेटा , जरा ध्यान दो। ' इसके बाद पिता चिल्लाया ,' तुम चैंपियन हो !' जवाबमिला ,' तुमचैंपियन हो !' बेटे को हैरानी हुईलेकिन वह कुछ समझ नहींसका। इस पर पिता नेउसे समझाया , 'लोगइसे गूंज (इको ) कहते हैं , लेकिन वास्तव मेंयह जिंदगी है। ' यह आपको हर चीज़वापस लौटाती है , जो आप कहतेहैंया करते हैं। हमारी जिंदगी हमारे कामों का ही प्रतिबिंबहै। अगर आप दुनिया में ज्यादा प्यार पाना चाहतेहैं तोअपने दिल मेंज्यादा प्यार पैदा करें। अगर अपनी टीम मेंज्यादा काबिलियत चाहते हैं तोअपनी काबिलियत को बढ़ाएं। यह संबंध जिंदगीके हर पहलू , हर चीज में नजर आता है।
ReplyDeleteBhaiya , bahut dino se aap jailwali fir meriwali ko comment likh rahe hai lekin usne to aapko jabab hi nahi diya ..kya bat hai bhaie ?
ReplyDeleteआपको कैसे पता कि उसने कभी जवाब नही दिया ?
ReplyDeleteजवाब दिया है , ,दिया है
प्राचीन वैदिक भारत की विश्व को देन
ReplyDelete========================
1. जब कई संस्कृतियों 5000 साल पहले ही घुमंतू जंगली वनवासी थे, भारतीय सिंधु घाटी (सिंधुघाटी सभ्यता) में हड़प्पा संस्कृति की स्थापना की।
2. बीज गणित, त्रिकोण मिति और कलन का अध्ययन प्राचीन भारत में ही आरंभ हुआ था।
ReplyDelete3. ‘स्थान मूल्य प्रणाली’ और ‘दशमलव प्रणाली’ का विकास भारत में 100 बी सी में हुआ था।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDelete4. शतरंज की खोज भारत में की गई थी।
ReplyDelete5. विश्व का प्रथम ग्रेनाइट मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में बृहदेश्वर मंदिर है। इस मंदिर के शिखर ग्रेनाइट के 80 टन के टुकड़े से बनें हैं यह भव्य मंदिर राजा राज चोल के राज्य के दौरान केवल 5 वर्ष की अवधि में (1004 ए डी और 1009 ए डी के दौरान) निर्मित किया गया था।
ReplyDelete6. सांप सीढ़ी का खेल तेरहवीं शताब्दी में कवि संत ज्ञान देव द्वारा तैयार किया गया था इसे मूल रूप से मोक्षपट कहते थे।
ReplyDeleteइस.खेल में सीढियां वरदानों का प्रतिनिधित्व करती थीं जबकि सांप अवगुणों को दर्शाते थे। इस खेल को कौडियों तथा पांसे के साथ खेला जाता था।
आगे चल कर इस खेल में कई बदलाव किए गए, परन्तु इसका अर्थ वहीं रहा अर्थात अच्छे काम
लोगों को स्वर्ग की ओर ले जाते हैं जबकि बुरे काम दोबारा जन्म के चक्र में डाल देते हैं।
7. विश्व का सबसे प्रथम विश्वविद्यालय 700.बी सी में तक्षशिला में स्थापित किया गया था।
ReplyDeleteइसमें 60 से अधिक विषयों में 10,500 से अधिक छात्र दुनियाभर से आकर अध्ययन करते थे।
नालंदा विश्वविद्यालय चौथी शताब्दी में स्थापित किया गया था जो शिक्षा के क्षेत्र में प्राचीन भारत की महानतम उपलब्धियों में से एक है।
8. आयुर्वेद मानव जाति के लिए ज्ञात सबसे आरंभिक चिकित्सा शाखा है। शाखा विज्ञान के जनक माने जाने वाले चरक ने 2500 वर्ष पहले आयुर्वेद का समेकन किया था।
ReplyDelete9. नौवहन की कला और नौवहन का जन्म 6000 वर्ष पहले सिंध नदी में हुआ था। दुनिया का सबसे पहला नौवहन संस्कृत शब्द नव गति से उत्पन्न हुआ है। शब्द नौ सेना भी संस्कृत शब्द नोउ से हुआ।
ReplyDelete10. भास्कराचार्य ने खगोल शास्त्र के कई सौ साल पहले पृथ्वी द्वारा सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने में लगने वाले सही समय की गणना की थी। उनकी गणना के अनुसार सूर्य की परिक्रमा में पृथ्वी को 365.258756484 दिन का समय लगता है।
ReplyDelete11. भारतीय गणितज्ञ बुधायन द्वारा ‘पाई’ का मूल्य ज्ञात किया गया था और उन्होंने जिस संकल्पना को समझाया उसे पाइथागोरस का प्रमेय करते हैं। उन्होंने इसकी खोज छठवीं शताब्दी में की, जो यूरोपीय गणितज्ञों से काफी पहले की गई थी।
ReplyDelete12. बीज गणित, त्रिकोण मिति और कलन का उद्भव भी भारत में हुआ था। चतुष्पद समीकरण का उपयोग 11वीं शताब्दी में श्री धराचार्य द्वारा किया गया था।
ReplyDeleteग्रीक तथा रोमनों द्वारा उपयोग की गई की सबसे बड़ी संख्या 106 थी जबकि हिन्दुओं ने 10*53 जितने बड़े अंकों का उपयोग (अर्थात 10 की घात 53), के साथ विशिष्ट नाम 5000 बीसी के दौरान किया। आज भी उपयोग की जाने वाली सबसे बड़ी संख्या टेरा: 10*12 (10 की घात12) है।
13. सुश्रुत को शल्य चिकित्सा (surgery) का जनक माना जाता है। लगभग 2600 वर्ष पहले सुश्रुत और उनके सहयोगियों ने मोतियाबिंद, कृत्रिम अंगों को लगना, शल्य क्रिया द्वारा प्रसव, अस्थिभंग जोड़ना, मूत्राशय की पथरी, प्लास्टिक सर्जरी और मस्तिष्क की शल्य क्रियाएं आदि की।
ReplyDelete14. निश्चेतक का उपयोग भारतीय प्राचीन चिकित्सा विज्ञान में भली भांति ज्ञात था।
ReplyDeleteशारीरिकी, भ्रूण विज्ञान, पाचन, चयापचय, शरीर क्रिया विज्ञान, इटियोलॉजी, आनुवांशिकी और प्रतिरक्षा विज्ञान आदि विषय भी प्राचीन भारतीय ग्रंथों में पाए जाते हैं।
15. युद्ध कलाओं का विकास सबसे पहले भारत में किया गया और ये बौद्ध धर्म प्रचारकों द्वारा पूरे एशिया में फैलाई गई।
ReplyDelete16. योग कला का उद्भव भारत में हुआ है और यहां 5,000 वर्ष से अधिक समय से मौजूद हैं।
ReplyDeleteअब यहां एक पोस्ट मे शून्य, बाइनरी संख्या, परमाणु बम का आईडिया, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का आईडिया,विमान शास्त्र, योग विज्ञान,वास्तुशास्त्र ,खगोलविज्ञान जैसी सैकड़ो अमूल्य पद्धतियो पर लिखना संभव नही है.
इसलिए देखा जाए तो वास्तव मे सनातन धर्म और प्राचीन भारतीय संस्कृति एक ऐसा महासागर है ,जिसमे जितनी बार डुबकी लगाई हर बार एक नया रत्न बाहर निकलता है. !!!
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उस शख्स को पाना इतना मुश्किल भी नही मेरे दोस्त..
मगर जब तक दूरी न हो मुहब्बत का मजा भी नही आता..
शुभ-प्रभात ...ll
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पानी आने की बात करती हो,
दिल जलाने की बात करती हो,
चार दिन से मुंह तक तो नहीं धोया,
तुम नहाने की बात करती हो
उफ़_ये _सर्दी
शिक्षामित्रो पे सरकार की कुटिल चाल
ReplyDelete1.सरकार नियमावली बनाएगी एक नयी यानि एक विभाग में दो नियमावली ।
क्या ऐसा घटिया नियम आपने देखा है ?
2.उनको सहायक अध्यापक नही बनाएगी तो क्या बनाएगी इनको।
3.चुनाव के पहले ये कोर्ट में जायेगा मामला और कोर्ट का रुख आप जानते है।
शिक्षा मित्रो का सहायक अध्यापक बिना टेट के कोई नही बना सकता ये कटु सत्य है ।
शिक्षामित्रों को पद विहीन समायोजन के नाम पर खुश होते देखकर बहुत दुख होता है । क्या टेट पास किए बिना भारत मे कोई शिक्षक बन सकता है ?? यदि हाँ तो बहुत भोले है आप लोग । काश शिक्षामित्र अकेडमिक वालों की तरह सरकार को सर्वशक्तिमान समझकर न चलते । काश ये लोग समझ पाते कि भारत मे समाजवादी पार्टी का नही संविधान का शासन है और उससे बड़ा कोई नही । शिक्षक पद पर समायोजन के लिए शिक्षक नियमावली 1972 की धारा 19 मे प्राप्त शक्तियों का प्रयोग कर नई नियमावली बनाने की आवश्यकता नही थी बल्कि एक संशोधन मात्र करना था । इन शक्तियो के प्रयोग का सीधा अर्थ जूनियर मे अनुदेशक स्तर जैसे कैडर का गठन कर गुरुजन जैसे किसी पद पर प्राथमिक मे कार्यरत शिक्षामित्रो का समायोजित होना है और टेट से मुक्ति मिल जाएगी । सरकार भी क्या करे जब शिक्षामित्र टेट न देने की जिद पर अड गए ? शिक्षामित्र का नए पद पर मानदेय अधिकतम 10 हजार होगा और लेकिन यह पद शिक्षक पद नही होगा । टेट न देने की जिद से शिक्षा मित्रों ने शिक्षक बनने का स्वर्णिम अवसर खो दिया । अगर टेट स्वीकार कर लेते तो शायद 80% लोग अगले 5 वर्ष मे टेट पास कर लेते और कभी न कभी शिक्षक भी बन सकते थे । जब रामबोला तुलसीदास और अंगुलिमाल डाकू कालिदास बन सकते है तो क्या शिक्षामित्र टेट पास नही कर पाते ???
ReplyDeleteसमायोजन का लालीपॉप नहीं चाहिए, भड़के शिक्षामित्र Wed, 29 Jan 2014 07:10 PM (IST) समायोजन का लालीपॉप नहीं चाहिए, भड़के शिक्षामित्र फतेहपुर, जागरण संवाददाता: शिक्षा उत्तर प्रदेशीय आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन मुख्यमंत्री की घोषणा कोसंदेह की निगाह सेदेख रहा है। एसोसिएशन ने बैठक कर सीएमसे मांग रखी है कि समायोजन की पूरी नीति जारी करें। अन्यथासरकार को मुंहतोड़ जवाबदिया जाएगा। प्रांतीयमंशा पर सांसद को ज्ञापन सौंप कर विरोध दर्ज कराया। उत्तर प्रदेशीय आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक बुधवार को नार्मल स्कूल में हुई। जिलाध्यक्ष विजय सिंह गौर ने अध्यक्षता करतेहुए कहाकि प्रदेश के मुख्यमंत्री नेशिक्षामित्रों को समायोजित करनेकी बात कही है। समायोजन का आधार क्या होगा। यह स्पष्ट नहींकिया है। एसोसिएशन कीनिगाह में मंजूरी लालीपॉप है। सरकार बताए किशिक्षामित्रों को पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा मिलेगा कि नहीं, अध्यापक का वेतन मिलेगा या नहीं, बिना टीईटी के सहायक अध्यापक केपद पर समायोजन होगा कि नहीं। जैसेबिंदुओंपर सरकार की नीति स्पष्ट नहींहै। सरकार जान ले कि लखनऊ में चल रहा धरना तभी समाप्त होगा जब बिना टीईटीके शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बना दिया जाएगा। जिला मंत्री शिव कुमार सिंह यादव नेकहाकि शिक्षामित्र हक कीलड़ाई मेंपूरेमनोयोग सेकूद चुकाहै। वह अपना हक लेकर ही रहेगा। महामंत्री श्री यादव ने सभीब्लाक अध्यक्षों को शक्तिप्रदर्शन मेंपूरी तैयारी सेभागलेने के निर्देश दिए। इस मौके पर जमाहुए शिक्षामित्रों नेसपा सांसद राकेश सचान को ज्ञापन भेजा। बैठक मेंगजेंद्र सिंह, संतोष शर्मा, सुरेश सिंह, चंद्र भूषण, अजय सिंह, अवधेश सिंह, सुशील तिवारी, विमल कुशवाहा, चंद्र पाल, सुनील पाल, मोहम्मद हसन, विनोद सिंह, आदिमौजूद रहे।
ReplyDelete-टीईटी अभ्यर्थियों की सुप्रीम कोर्ट मेंएसएलपी मंजूर
ReplyDelete•अमर उजाला ब्यूरो औरैया। दो माह दिल्ली तक दौड़लगाने केबाद टीईटी अभ्यर्थियों कोराहतकी उम्मीद नजर आई है। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयोंमें 72,825 सहायक टीचरोंके भर्ती मामलेमेंहाईकोर्ट के निर्णयके खिलाफ टीईटी अभ्यर्थियोंकी ओर सेसुप्रीम कोर्ट में दायर की गईविशेष अनुज्ञापी याचिका कोमंजूरीमिल गईहै। सुप्रीम कोर्ट नेहाई कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध सरकार की अपील अभ्यर्थियों की याचिका केसंग सुनवाईकरने का निर्णय लिया है। अभ्यर्थियों केमुताबिक सुनवाईफरवरी केप्रथमसप्ताह में हो सकती है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने 20 नवंबर 13 को 72,825 सहायक टीचरोंकीभर्ती केमामलेमें वर्ष2011 केमाया सरकार के विज्ञापन को मान्य करतेहुए मेरिट को आधार बनानेका फैसला सुनाया था। फैसलेके खिलाफ टीईटी अभ्यर्थियों ने शैक्षिक मेरिट उत्थान समिति का गठन कर सुप्रीमकोर्ट में विशेष अनुज्ञापी याचिका दायर की थी। इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से भी एसएलपी दायर की गईहै। सुप्रीम कोर्ट मेंटीईटी अभ्यर्थियोंकी ओर से शैक्षिक मैरिट उत्थान समिति केअध्यक्ष अंशुलमिश्रा, सचिव यादवकपिल देव, लालबहादुर नेयाचिकादायर कीहै। याचिका में सपा सरकार केटीचर नियुक्ति नियमावली 1981 के15वेंसंशोधन मेेंसमानता के अधिकार के उल्लंघन की दलील देते हुए उसे खारिज करनेके आदेश कोचुनौती दीहै। राज्यसरकार की अपील मेंटीचर नियुक्ति नियमावली केसंशोधन कोखारिज करनेके अधिकार को चुनौती देते हुए कहा है कि यह कार्य सरकार का है, हाईकोर्ट कानही
डायट प्रवक्ता के पदोंपर भर्ती जल्द इलाहाबाद (ब्यूरो)। जिलाशिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट)प्रवक्ता पद पर भर्तीका इंतजार कर रहे प्रतियोगी अबतैयार हो जाएं। एक हजार सेअधिक पदोंकेलिए जल्द भर्तीप्रक्रिया शुरूहोनेजा रही है। शासन की ओर से अनुमति मिलनेकेबाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग मेंभी इसके लिए प्रक्रिया शुरूकर दी गई है। भर्ती स्क्रीनिंगपरीक्षा तथा साक्षात्कार केआधार पर होगी।
ReplyDeleteकंपनी खुद मानती है कि वे अपनी चाकलेट
ReplyDeletekitkat मे बछड़े के मांस का रस
मिलाती है ! और सबका धर्म भ्रष्ट कर
रही है _______________
______________ media ने कभी ये
बताया ??? की मद्रास high cout मे
fair and lovely कंपनी पर जब
case किया गया था ! तब कंपनी ने खुद
माना था ! हम cream मे सूअर
की चर्बी का तेल मिलाते है !!
_______________________________
media ने कभी ये बताया ???? की ये
colgate कंपनी जब अपने देश
america मे colgate बेचती है तो उस
पर warning लिखती है !!
अमेरिका और यूरोप में जब कोलगेट
बेचा जाता है तो उसपर
चेतावनी (Warning) लिखी होती है |
लिखते अंग्रेजी में हैं, मैं आपको हिंदी में
बताता हूँ, उस पर लिखते हैं "please
keep out this Colgate from
the reach of the children
below 6 years " मतलब "छः साल
से छोटे बच्चों के पहुँच से इसको दूर
रखिये/उसको मत दीजिये", क्यों?
क्योंकि बच्चे उसको चाट लेते हैं, और
उसमे कैंसर करने वाला केमिकल है,
इसलिए कहते हैं कि बच्चों को मत देना ये
पेस्ट | और आगे लिखते हैं " In case
of accidental ingestion ,
please contact nearest
poison control center
immediately , मतलब "अगर बच्चे
ने गलती से चाट लिया तो जल्दी से
डॉक्टर के पास ले के जाइए"
इतना खतरनाक है, और तीसरी बात
वो लिखते हैं "If you are an adult
then take this paste on your
brush in pea size " मतलब
क्या है कि " अगर आप व्यस्क हैं /उम्र
में बड़े हैं तो इस पेस्ट को अपने ब्रश पर
मटर के दाने के बराबर की मात्रा में
लीजिये" | और आपने
देखा होगा कि हमारे यहाँ जो प्रचार
टेलीविजन पर आता है उसमे ब्रश भर के
इस्तेमाल करते दिखाते हैं | हमारे देश में
बिकने वाले पेस्ट पर ये "warning"
नहीं होती ! ______________________
media ने कभी बताया कि ये vicks
नाम कि दवा यूरोप के कितने देशो मे
ban है ! वहाँ इसे जहर घोषित
किया गया है !पर भारत मे सारा दिन tv
पर इसका विज्ञापन आता है !!
_____________________________
media ने कभी बताया ?? कि life
bouy न bath soap है न toilet
soap ! ये जानवरो को नहलाने
वाला cabolic soap है ! यूरोप मे
life bouy से कुत्ते है !और भारत मे
9 करोड़ लोग इससे रगड़ रगड़ कर नहाते
हैं !! _______________________
media ने कभी बताया ! ???????????
की ये coke pepsi सच मे toilet
cleaner है ! और ये साबित हो गया है
इसमे 21 तरह के अलग अलग जहर है !
और तो और संसद की कंटीन मे coke
pepsi बेचना ban है ! पर पूरे देश मे
बिक रही है !! ____________________
media ने कभी बताया ???? कि ये
health tonic बेचने
वाली विदेशी कंपनिया boost ,complan ,horlics,maltov
a ,protinx , इन सबका delhi के
all india institute (जहां भारत
की सबसे बड़ी लैब है ) वहाँ इन
सबका test किया गया ! और
पता लगा ये सिर्फ मुगफली के खली से
बनते है ! मतलब मूँगफली का तेल
निकालने के बाद जो उसका waste
बचता है !जिसे गाँव मे जानवर खाते है !
उससे ये health tonic बनाते है !!
__________________________
media ने कभी बताया ??????
अमिताभ बच्चन का जब आपरेशन हुआ
था और 10 घंटे चला था ! तब डाक्टर ने
उसकी बड़ी आंत काटकर निकली थी !!
और डाक्टर मे कहा था ये coke pepsi
पीने के कारण सड़ी है ! और अगले
ही दिन से अमिताभ बच्चन ने
इसका विज्ञापन करना बंद कर
दिया था और आजतक coke pepsi
का विज्ञापन नहीं करता नहीं करता !
______________________________
____ तो दोस्तो ये media अगर
ईमानदार है ! तो सबका सच एक साथ
दिखाये !! विदेशी कंपनिया को expose
करने की बात पर मुंह मे रुमाल डाल
लेता है !! और बेचारे गरीब मिठाई
वालों का धंधा चोपट करने के लिए
कुत्तों की तरह mkभोंकने लग
जाता है !! पूरी post आपने पढ़ी बहुत
बहुत धन्यवाद !!
लोगों को भी बताएँ !
M
ReplyDeleteE
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हम याद रहे तो ठीक
वरना भुला देना ,
हुई हो कोई खता तो
सज़ा देना
हम तो है ही
खाली कागज़ कि तरह
लिखा जाये तो ठीक
वरना जला देना !..
ब्रेकिंग न्यूज -
ReplyDeleteसब सत्यानाश हो गया ! गजब हो गया भइया ! सरकार ने SLP की ड्राफ्टिंग (अरे वही जिसके आधार पर केस लडा जाता है) सी०बी० यादव जी से करवा ली ........बाकी आप समझदार हैं कि कैसे उन्होने हाई कोर्ट में जिरह की थी..........अब लियो नौकरी..............अरे ! मैं कहता हूँ कि अपनी लडाई खुद लडो नहीं तो ये सरकार तो चाहती ही है कि फैसला टेट मेरिट पर आये और मुझे इस झंझट से मुक्ति मिले .............अबतो राम मालिक हैं !
M
ReplyDeleteE
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प्यार कर के तुझे दिल से मिटाना मुश्किल है ..
यह तूफान अब पलकों पर रोक पाना मुश्किल है ,
आसान लग रहा है तुझे याद कर के मर जाना
क्यू के तुझे भूल कर तो जी पाना मुस्किल है …
उत्तर प्रदेश के नौजवानों के नाम:
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश में शिक्षा के अधिकार के साथ जो खिलवाड़ हुआ है, 72825 काबिल बेरोजगार नौजवानों को उनका हक़ देने के बजाय जिस तरह उन्हें कोर्ट के चक्कर लगाने को मजबूर किया गया है, और उसके बावजूद जिस ज़ज्बे, लगन और काबिलियत के साथ प्रदेश के नौजवानों ने सरकार सरकार की मनमानी का विरोध किया, उसके इरादों पर नकेल डाली और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सरकार को पूरी तरह गलत साबित किया, उसको लेकर प्रदेश के इन नौजवानों और इनके नेताओं को दाद देनी पड़ेगी।
चलते हुए सिलेक्शन-प्रोसेस के बीच में किसी भी तरह चयन का आधार बदलने की सरकारी कोशिश पूरी तरह एक राजनैतिक कवायद थी, जिसे हाई कोर्ट ने गलत ठहरा दिया पर लेकिन सरकार के सुप्रीम कोर्ट का रुख करने से एक और लड़ाई, अंतिम लड़ाई की शुरुआत हो गई है।
झाँसी-ललितपुर के संसद और केंद्रीय मंत्री श्री प्रदीप कुमार जैन "आदित्य" के मार्फ़त मेरे पास आये RTE कार्यकर्ता श्याम देव मिश्रा और इन नौजवानो के लीडर सुजीत सिंह ने मुझे जब इस मामले को विस्तार से समझाया तो साफ़ हो गया कि यह मामला केवल 72825 लोगों के अधिकार और भविष्य के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा की हालत से, लाखों प्राइमरी स्कूलों से, करोड़ो बच्चों की पढ़ाई लिखाई से, उनके भविष्य से बहुत गहरे जुड़ा है. यह भी समझ में आया कि भले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21-ए में प्राथमिक शिक्षा को बच्चों का क़ानूनी हक़ बताया गया है, पर इसे हकीकत में बदलने के लिए जमीन पर बहुत काम करने की जरुरत है और अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे इन लड़ाकों की कामयाबी मौजूदा बदहाल तस्वीर को काफी हद तक सुधारने की उम्मीद जगाती है.
इन नौजवानो ने मेरे साथ दिल्ली से मेरे क्षेत्र मुज़फ्फरनगर चलकर सपने स्थानीय संगठन के साथियों, फारुख हसन और बलकेश चौधरी वगैरह से भी मुझे मिलवाया। जाहिर है कि पूरे सूबे के नौजवान दो साल से सरकारी मनमानी को केवल अपने इरादों के दम पर झेल रहे हैं.
मैं अपनी छोटी सी हस्ती के साथ अपने क्षेत्र में पिछले काफी समय से समाज और जनहित के मामलों सक्रिय हूँ और हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में हकदारों के हक़ की लड़ाई में अपनी क्षमता-भर सहयोग करता आया हूँ. मैं इसे उपरवाले की ही मर्ज़ी मानता हूँ कि समूचे सूबे से जुड़ा इतना बड़ा मामला मेरे पास आया और मुझे करोड़ों मासूमों और हजारों नौजवानो के बुनियादी हक़ की लड़ाई में साथ देने का मौका मिला।आपके साथियों के साथ इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की SLP को लेकर लम्बी बातचीत हुई है और सरकार की चुनौती का मुकाबला करने की तैयारी हो रही है।आपके साथियों श्यामदेव मिश्रा, सुजीत सिंह, देवेन्द्र सिंह और फारुख हसन के साथ बातचीत के बाद हमने इरादा किया है कि इस लड़ाई में जीत के बाद हम सूबे में प्राथमिक शिक्षा की बेहतरी के लिए एक क़ानूनी लड़ाई की शुरुआत करेंगे और कोशिश करेंगे कि जल्द से जल्द दो से ढाई लाख टीचरों की नियुक्ति की जाये ताकि न सिर्फ टीचरों कि कमी पूरी हो, बल्कि सूबे के पढ़े-लिखे बेरोजगारों का भविष्य संवर सके. आपसे सिर्फ इतनी उम्मीद है कि इस लड़ाई में तयशुदा जीत के बाद आप में से हर नौजवान जिंदगी भर गलत कामों की मुख़ालफ़त करता रहे और मजलूमों का साथ देता रहे। आपका अपना विपुल माहेश्वरी
टैक्सी वाले से पूंछा : ” भाई साहब लाल किले का कितना लोगे ?”
ReplyDeleteजवाब मिला: ” बेचना नही है .” टैक्सी छोड़ , मैंने बस पकड़ ली ,
कंडक्टर से पूंछा: “जी , क्या मैं सिगरेट पी सकता हूँ ?”
वो गुर्र्रा कर बोला : “हरगिज़ नही , यहाँ सिगरेट पीना मन है.”
मैंने कहा: “पर वो जनाब तो पी रहे है!” फिर से गुर्र्र्राया : “उसने मुझसे पूंछा नही है.”
लाल किले पंहुचा , होटल गया . मेनेजर से कहा: “मुझे रूम चाहिए , सातवी मंजिल पे .”
मेनेजर ने कहा: “रहने के लिए या कूदने के लिए ?”
रूम पंहुचा , वेटर से कहा:
” एक पानी का गिलास मिलेगा ?”
उसने जवाब दिया: “नही साहब , यहाँ तो सारे कांच के मिलते हैं.”
होटल से निकला , दोस्त के घर जाने के लिए , रास्ते में एक साहब से पूंछा: ” जनाब , ये सड़क कहाँ को जाती है ?”
जनाब हंस कर बोले: “पिछले बीस साल से देख रहा हूँ , यही पड़ी ह"
मै स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूँ कि मै स्वतंत्र
ReplyDeleteविचारधारा का व्यक्ति हूँ ,
मुझे किसी से जोड़कर आप नहीं देख सकते हो , आज
आप किसी बात को लेकर मेरी निंदा कर रहे हो तो मै
उसका कारण तलाशने का प्रयास करता हूँ।
मै सदैव निष्पक्ष रहना चाहता हूँ ।
मित्र-शत्रु का बनना और लक्ष्मी का आना-
जाना लगेगा लेकिन अपने व्यक्तित्व में सद्गुण
जरुरी है।
मै पिछले दो वर्षों से सियासत से संघर्ष कर रहे एक
लोकतान्त्रिक संगठन से जुड़ा हूँ , जिसका पवित्र नाम
है UPTET संघर्ष मोर्चा उत्तर प्रदेश ।
संगठन में मेरी आँखों के सामने कितने आते-जाते रहे हैं
लेकिन संगठन सदैव मजबूत होता गया है।
संगठन में जिलाध्यक्ष का पद ही सबसे बड़ा पद है
लेकिन न्यायालय में संघर्ष करने के लिए प्रदेश स्तर
की लीगल टीम और वित्तीय टीम बनी है।
यहाँ पर संगठन के सदस्य अपना विचार रखने के लिए
पूर्ण स्वतंत्र होते हैं।
हमारा संघर्ष सर्वोच्च अदालत पहुँच गया है सियासत
ने हमारी लड़ाई न्याय के सबसे बड़े मंदिर तक
पहुंचा दी है।
मै लीगल टीम के कर्ताधर्ताओं Sujeet भाई साहब ,
शिवकुमार पाठक भाई साहब, अनिल कुमार भाई साहब
एवं अन्य लोगों के क्रियाकलाप से संतुष्ट हूँ।
मुझे पूरा भरोसा है कि हमारी लीगल टीम हाई कोर्ट के
फैसले की रक्षा करने में कामयाब होगी।
एक्ट २००९ के कारण बने NCTE के नये नियम हमारे
प्रदेश में २७ जुलाई २०११ से लागू हो गये थे।
इसलिए ३० नवम्बर को जारी और २० दिसम्बर २०११
को जारी संशोधित विज्ञापन न्युक्ति का विज्ञापन
था।
एक्ट २००९ , NCTE के नियमों और बेसिक रूल
१४(३) में हुए १२वें संशोधन के आधार पर
हमारा विज्ञापन था।
खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि हमारे विज्ञापन के लिए
संशोधन १६ की कोई जरुरत नहीं थी।
एक नियुक्ति के विज्ञापन के जारी हो जाने के बाद
एवं उसी आधार पर आवेदन लेने के उपरांत
उसको वापस तो लिया जा सकता है लेकिन
उसका चयन का आधार और आवेदकों का हित
नहीं प्रभावित किया जा सकता है।
इस प्रकार नया चयन का आधार त्रुटि पूर्ण
हो गया और पुराना विज्ञापन सिर्फ नाम गलत होने
के कारण निष्प्रभावी पाया गया तो खंडपीठ ने नाम
त्रुटि को वजूद नहीं दिया और पुराना विज्ञापन बहाल
कर दिया।
पुराना विज्ञापन एकलपीठ ने जब
नियुक्ति का समझा तो सरकार को ख़राब
हिस्सा फेंककर भर्ती करने को कहा और जब प्रशिक्षु
का समझा तो एक्ट के अधीन विज्ञापन
नियुक्ति का लाने को कहा और नियमावली परिवर्तन
को जरुरी नहीं बताया था।
खंडपीठ ने धांधली के आरोप को भी ख़ारिज कर
दिया और पुराना विज्ञापन एक्ट के अधीन बताया ।
इस प्रकार नये विज्ञापन पर अंतरिम स्थगन लगाते
समय जब सरकारी वकील ने बचाव
करना चाहा तो खंडपीठ ने कहा कि उन लोगों को अगर
वजीफा पर भी रखते तब भी उनकी रिक्ति सुनिश्चित
थी अतः उनका हित नहीं मारा जा सकता है।
एकल बेंच ने भी एक्ट प्रभावी होने के कारण आये
विज्ञापन को वापस लेकर नये में उनके हित
की रक्षा की बात कही थी ।
अगर इन बातों से हम आदेश का बचाव करने में सफल
रहे तो हाई कोर्ट के फैसले पर स्थगन नहीं लगेगा।
एक्ट २००९ हमारी पूर्ण रक्षा करेगा।
कपिल देव ने पुराने विज्ञापन को कुछ कारणों से
ख़ारिज करने की अपील सर्वोच्च अदालत से की है
जिन कारणों का जिक्र कपिल ने किया है अगर वह
विधिक त्रुटि है एवं किसी नियुक्ति के विज्ञापन में
लागू नहीं हो सकती हैं तो खंडपीठ के फैसले से वह
कमी स्वतः समाप्त हो गयी है अतः उसका अनुपालन
करना सरकार का काम है।
जब विज्ञापन नियुक्ति का है यह खंडपीठ ने साबित
कर दिया तो फिर उसमे त्रुटि भी स्वतः रद्द
हो गयी बशर्ते की वह त्रुटि हो क्योंकि उस विषय
का हाई कोर्ट में विधिक परीक्षण नहीं हुआ
तो खंडपीठ ने व्यापक आदेश दे दिया है।
इसलिए कपिल की याचिका भी वजूद नहीं रखती है।
मुझे विश्वास है कि हमारा मामला शीघ्र निपट
ReplyDeleteजायेगा अन्यथा
भगवान ऐसा न करे लेकिन मुकदमे की तीसरी तारीख के
बाद एक नयी योजना पर काम किया जायेगा।
उसके लिए निम्न लोग तैयार रहें।
१. जो कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में
वादी या प्रतिवादी न हों।
२. वे ३८०० बेरोजगार जो कि एकल बेंच में जीत गये
थे और डिवीज़न बेंच में पुराना विज्ञापन बहाल होने के
बाद उनकी जीत हुयी। ओवर ऐज और अंडर ऐज के
बेरोजगार जो नये विज्ञापन में आवेदक नहीं हैं।
३. जिनकी शिक्षक बनने की योग्यता १०
जनवरी २०१२ के पूर्व की हो।
४. जिनके UPTET में न्यूनतम अंक निम्नलिखित हों।
सामान्य पुरुष कला-११०
सामान्य पुरुष विज्ञान - १०८
सामान्य महिला कला -१०७
सामान्य महिला विज्ञान - १०२
पिछड़ा पुरुष कला - १०९
पिछड़ा पुरुष विज्ञान - १०५
पिछड़ा महिला कला - १०२
पिछड़ा महिला विज्ञान- ९६
एससी पुरुष कला - १०५
एससी पुरुष विज्ञान- ९८
एससी महिला कला - ९१
एससी महिला- विज्ञान ८६
एसटी - समस्त
शिक्षामित्र कोटा - समस्त।
यह कोई चयन की संभावित सूची नहीं है , सिर्फ इनके
मानसिक और शारीरिक सहयोग की बात है।
भगवान ने चाहा तो यह नौबत नहीं आयेगी।
आप अगर यह पात्रता रखते हैं तो !
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"मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन है लेकिन,
टूट के चाहना सिर्फ एक बार होता है ..."
(1.) जिसका जन्म 1,10,19,28 तिथि को हुआ हो, उसका मूलांक एक होता है। ऐसे लोगों का स्वभाव राजा महाराजाओं की तरह होता है। ऐसे लोगों को गुस्सा जल्दी आता है।। ऐसे लोगों की छोटे-मोटे कामों में रुचि नहीं होती है।
ReplyDelete(2.) जिसका जन्म 2,11,20, 29 तिथि को होता है, उसका मूलांक दो होता है। ये लोग सौम्य और संवेदनशील होते हैं। ऐसे लोग ख्याली पुलाव पकाते हैं और दिन में ही सपने देखते हैं। ये चंचल स्वभाव के होते हैं, स्थिर नहीं रहते । इनका मन एक स्थान पर स्थिर नहीं रहता।
ReplyDelete(3.) जिसका जन्म 3,12,21,30 तिथि को होता है, उसका मूलांक तीन होता है। ऐसे लोग ज्ञानी और स्पष्टवादी होते हैं। जो मन में आता है, बिना किसी लाग-लपेट के बोल देते हैं। इनका कला के प्रति रुझान होता है।
ReplyDelete(4.) जिसका जन्म 4,13,22,31 तिथि को होता है, उसका मूलांक चार होता है। ये लोग मेहनती (परिश्रमी) होते हैं। ये अनुशासनप्रिय होते हैं और एक जगह शान्त नहीं बैठते।
ReplyDelete(5.) जिसका जन्म 5,14,23 तिथि को होता है, उसका मूलांक पाँच होता है। ऐसे लोग स्वभाव के भोले-भाले होते हैं। इनकी अभिव्यक्ति सर्वथा सुदृढ होती हैं। ये लोग मिल-जुलकर रहना पसन्द करते हैं।
ReplyDelete(6.) जिसका जन्म 6,15,24 तिथि को होता है, उसका मूलांक छः होता है। ऐसे लोग अपना काम दूसरों से करवाना जानते हैं। इसके लिए ये लोग छल-बल से भी काम ले लेते हैं। इनकी सौन्दर्य के प्रति गहरी रुचि होती हैं।
ReplyDelete(7.) जिसका जन्म 7,16,25 तिथि को होता है, उसका मूलांक सात होता है। ऐसे लोगों को अपने जीवन में दूसरे लोगों के धोखों का सामना करना पडता है। ये स्वभाव से मिलनसार और अच्छे होते हैं।
ReplyDelete(8.) जिसका जन्म 8,17,26 तिथि को होता है, उसका मूलांक आठ होता है। ये लोग रहस्मयवादी प्रवृत्ति के होते हैं। इन्हें समझना आसान नहीं होता।गलत तरीके से कमाया धन ऐसे लोगों के पास नहीं टिकता।
ReplyDelete(9.) जिसका जन्म 9,18,27 तिथि को होता है, उसका मूलांक नौ होता है। ये लोग समाज-कल्याण की भावना से ओत-प्रोत होते हैं, किन्तु ये बहुत जल्दी उत्तेजित भी हो जाते हैं।
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मेरी रूह तरसती रहती है तेरी खुशबू के लिए ,
तुम कहीं और जो महको तो बुरा तो लगता ही है...
निरहुआ क्रांतिकारी 'विद्रोही'uptetsupporters
ReplyDeleteसभी भाइयों को निरहुआ का प्रणाम।
लो जी भाइयों शिक्षामित्रों को 'ख्वाब बेचने का छलावा पत्र' जारी हो गया। अरे नितीश्वर कुमार जी जितना जल्द हो सके उतना जल्द अब सैफई की रंगीन यादों से बाहर आ जाइये और किसी भी G. O. पर हस्ताक्षर करने से पहले एक बार 'तिहाड़' को याद कर लिया कीजिये जनाब। क्या आपके कानों में अभी तक सैफई में आयोजित राक्षसों की प्रेतलीला का संगीत ही गूँज रहा है अथवा हाई कोर्ट के आदेश और NCTE की गाइड लाइन की चेतावनी पर आपने ध्यान देना उचित नहीं समझा। किस मुगालते में जी रहे हो भाई, आज जिस प्रकार स्वामिभक्ति में कुत्ते को भी पछाड़ते हुए आप अपने आका के हर कुकर्म में सहयोग कर रहे हैं उसे देखकर पूरी श्वान जाति आपसे इर्ष्या कर रही है किन्तु जब न्यायालय में तलब किये जाओगे तब आपकी निगाहों से चमचागिरी का रंगीन चश्मा भी उतर जायेगा और आपको 'पलटुआ' का वास्तविक अर्थ भी समझ आयेगा। तब यही पलटुआ आपके बारे में पूछे जाने पर कहेगा कि कौन नितीश्वर।
मेरे बहादुर टेटवीरों ! पलटुआ और नितीश्वर की मिलीजुली कुटिल चाल से घबराने की एकदम जरुरत नहीं है क्योंकि उर्दू शिक्षकों का हाल आप भली भांति जान चुके हैं। अरे पलटू भाई हम टेटवीरों के सीने फौलादी हैं फौलादी, तेरे इन 'तिनकों' से हमारा कुछ बिगड़ने वाला नहीं है लेकिन जब हम तेरी बखिया उधेड़ेंगे तब तुझे कहीं पनाह नहीं मिलेगी, तूने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि- "सौ सुनार की एक टेट की"।
जय टेट।
हिंदुओं की लाशों को चील कव्वे खाते हुए...ये चित्र भारत का ही है...ध्यान से देखे...गोबर का छेना..दीवार मे चिपका हुआ है...
ReplyDeleteमित्रों बहुत विचलित करनेवाला चित्र है..ये नौआखाली बंगाल का चित्र ...
14 अगस्त 1947 की आधी रात जिस दिन भारत को स्वतंत्रता मिली थी..उसके ठीक एक दिन पहले ...नेहरू ने अपने सेक्युलर मित्रों को आदेश दिया की नौआखाली जाओ और पूरे शहर के हिंदुओं को वहाँ के मुसलमानों के मदद से मार डालो और रात तक गाँधी के सामने सारी घटना बता दो...
ऐसा ही हुआ..all 8000 हिंदुओं का कत्ल हुआ..बेचारे गाँधी नौआखाली निकल गये...लाश उठाने वाला भी कोई बचा ना था
और उसी रात साजिश के अनुसार नेहरू ने माउंट बेटन के साथ "पॉवर ऑफ ट्रांसफर अग्रिमेंट" मे साइन कर दिया...और भारत ज़बरदस्ती स्वतंत्र हो गया..और तुरंत नेहरू प्रधानमंत्री(बिना चुनाव के) बन गया...
ये दृश्य इस घटना के 15 दिन के बाद का है...तब तक इन लाशों को चील कावे खा चुके थे...?
शिक्षा मित्रों को समायोजित करने का जो फैसला इस समाजवादी सरकार ने लिया है वो वाकई में इस सरकार की घटिया सोच को दर्शाता है ! एक तरफ जहा प्रशिक्षित टेट पास युवा बेरोजगार है तथा जिनमे गुणवत्ता है ,उनको प्राथमिक विद्यालयों से दूर रखा जा रहा है और दूसरी ओर अपेक्षाकृत कम गुणवत्ता वाले लोगों को बढ़ावा दिया जा रहा है !
ReplyDeleteमैं शिक्षा मित्रों का विरोधी नहीं हूँ ,उनके भी अरमान है और रोजगार पाने का हक़ उनका भी है पर मुझे अत्यंत प्रशन्नता जब होती जब एक न्यायप्रिय राजा के तौर पर य़े सरकार 72825 भर्ती को करने के बाद शिक्षा मित्रों को समायोजित करती !
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मेरी रूह तरसती रहती है तेरी खुशबू के लिए ,
तुम कहीं और जो महको तो बुरा तो लगता है...
अगर कोई साथी मेरे ब्लाग नही पढ़ पा रहा है तो अपने मोबाइल मे यु सी ब्राउजर लोड कर ले उसके बाद NEWER & NEWEST में से NEWEST CLICK कर दें क्योँकि 200 COMMENT के बाद इसकी जरूरत पड़ेगी !
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