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Friday, January 24, 2014

News AAP / Arvind ArKejriwal : आम आदमी पार्टी सोमनाथ भारती को बचाने में खुद ही न डूब जाये

News AAP / Arvind ArKejriwal : आम आदमी पार्टी सोमनाथ भारती को बचाने में खुद ही न डूब जाये 

सोमनाथ भारती कानून मंत्री हैं , लेकिन क्या वह खुद भी कानून की इज्जत करते हैं
जब महिला आयोग ने उनको बुलाया तो वह क्यूँ नहीं आए ?????
आम आदमी पार्टी कि छवि दिन बा दिन अयोग्य मंत्रीयों की वजह से ख़राब होती जा रही है ,
सोमनाथ भारती प्रकरण ने तो सबसे ज्यादा  आम आदमी पार्टी की छवि को धक्का पहुँचाया ,
और केजरीवाल अहंकार वश अपने मंत्रीयों को बचाने व मनमानी करना पर उतारू हैं

केजरीवाल मुख्य मुद्दों से हटकर इधर उधर के काम में व्यस्त हो गए हैं
मुझे याद है कि एक बार केजरीवाल ने कहा था कि जनलोकपाल कानून बनने पर वह खुद उसके दायरे में आयेंगे ,
देश में करोड़ों  लोग हैं कुछ भ्रष्ट लोगो को सत्ता से हटाना पड़े तो देश में करोड़ों ईमानदार  नोजवान उन लोगों की भरपाई कर देंगे ,

पर आज सोमनाथ भारती को हटाने व उसकी जगह किसी दूसरे ईमानदार आम आदमी पार्टी के कार्यकर्त्ता को थमाने  की जगह सत्ता के लोभी बन बैठे  हैं , आखिर क्या फर्क रह गया आम आदमी पार्टी और अन्य पार्टीयों में



34 comments:

  1. SP ne to gazab kar diya!
    .
    20 Nov k poore aadesh ko hi chunouti de daali.
    .
    Aasha k anurup Kapil maharaj ji ki slp SP ki slp k sath connect ho chuki hai.
    .
    SP ki slp 3 volume me 797 pejon me hai aur Kapil maharaj ji ki 2 me.

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  2. टेट मित्रो नमस्कार ...
    सरकार की SLP की प्रति श्री आलोक
    गुप्ता, अधिवक्ता, के जरिये हमें प्राप्त
    हो चुकी है जिसके कुल 797 पृष्ठ 3
    वॉल्यूम हैं। जिसके मुख्य बिंदु निम्न हैं:
    1. SLP के द्वारा माननीय इलाहाबाद
    उच्च न्यायालय की खंडपीठ के 20
    नवम्बर 2013 के समूचे आदेश
    को चुनौती दी गई है।

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  3. 2. SLP के द्वारा खंडपीठ में दाखिल हुई
    सभी स्पेशल अपीलों को चुनौती दी गई
    है।

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  4. 3. इस SLP में सरकार द्वारा उच्च
    न्यायालय में बार-बार दोहराई गए
    कुतर्कों को दोहराया गया है जिन्हे
    खंडपीठ और एकल पीठ द्वारा सिरे से
    ख़ारिज किया जा चुका है।

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  5. 4. NCTE दिशानिर्देश में वेटेज के
    उल्लेख के आधार पर सरकार द्वारा 12
    संशोधन में टेट-मेरिट को गलत
    बताया गया है।

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  6. 5. 30 नवम्बर 2011 की ट्रेनी टीचर
    की विज्ञप्ति को उस तिथि तक
    नियमावली में ट्रेनी टीचर का कैडर न होने
    के आधार पर गलत बताया गया है।

    ReplyDelete
  7. 6. टेट 2011 में धांधली के
    आरोपों को जोरदार ढंग से दोहराते हुए
    टेट परीक्षा को सरकार द्वारा मात्र
    पात्रता परीक्षा बनाये जाने के निर्णय
    को सही ठहराने की वकालत की गई है।

    ReplyDelete
  8. 7. सरकार द्वारा 7 दिसंबर 2012
    की विज्ञप्ति को यह कहकर सही ठहराने
    की वकालत की गई है कि विज्ञापन
    तिथि के पूर्व हुए 15वें संशोधन के जरिये
    NCTE के नियमानुसार टेट को मात्र
    पात्रता परीक्षा माना गया है और 16वें
    संशोधन के जरिये बेसिक
    नियमावली 1981 में ट्रेनी टीचर का पद
    शामिल किया गया और इन संशोधनों के
    उपरांत आया नया विज्ञापन
    पूर्णतया सही है।

    ReplyDelete
  9. 8. खंडपीठ द्वारा 15वें संशोधन
    को संविधान के अनुच्छेद 14 के उल्लंघन
    के आधार पर असंवैधानिक ठहराए जाने
    पर यह कहकर सवाल उठाया है
    कि इसी नियम के आधार पर
    नियुक्ति पा चुके अभ्यर्थियों के भाग्य
    का निर्णय किये
    बिना ऐसा करना कहाँ तक सही है?

    ReplyDelete
  10. 9. सरकार ने पुराने विज्ञापन के माध्यम
    से भर्ती किये जाने के खंडपीठ के आदेश
    को अव्यवहारिक बताया है क्यूंकि पुराने
    विज्ञापन के अभ्यर्थियों को पहले
    ही शुल्क वापसी हो चुकी है, उनके
    आवेदन नष्ट हो चुके हैं और उनका कोई
    विवरण सरकार या विभाग के पास
    उपलब्ध नहीं है।

    ReplyDelete
  11. 10. सरकार ने उपरोक्त तर्कों के आधार
    पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय से उच्च
    न्यायालय के 20 नवम्बर 2013 के
    आदेश के विरद्ध विशेष
    अनुमति याचिका (SLP) को स्वीकृत
    करने की प्रार्थना की है, इसके साथ
    ही सरकार ने 20 नवम्बर के आदेश के
    क्रियान्वयन और अनुपालन पर अंतरिम
    रोक लगाये जाने की याचना की है।

    ReplyDelete
  12. 11. कपिल देव लाल बहादुर यादव
    द्वारा उनकी SLP के डिफेक्ट दूर कर
    दिया गया है और उनकी SLP
    (1465/2014) भी हमारे मामले से
    आधिकारिक रूप से कनेक्ट हो चुकी है
    जिसे सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पे
    देखा जा सकता है।

    ReplyDelete
  13. सुनवाई की डेट अभी नहीं मिली है ,
    अगले 2 , 3 दिन में यह पता चल
    जायेगा की डेट कब
    लगेगी ..............संभवतः प्रथम डेट
    फरवरी के प्रथम सप्ताह या आस पास
    मिल सकती है ........ लेकिन
    यदि गवरमेंट argency शो करके डेट
    लेती है तो भी इसकी सूचना हमें
    मिलेगी और इस परिस्थिति में डेट एक
    सप्ताह बाद भी मिल
    सकती है ..........

    ReplyDelete
  14. हम लोगो को कही से
    भी घबराने या परेशान होने की जरुरत
    नहीं है....... गवरमेंट ने अपनी slp में
    कोई नई बात नहीं कही है ....
    बल्कि सिंगल एवम डबल बेंच में ख़ारिज
    हो चुके विभिन्न विन्दुओं
    को ही दोहराया है ।

    ReplyDelete
  15. अंत में यही कहंगे की हम
    अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में अपने योग्य
    अवम अनुभवी वकीलों के माध्यम से
    अच्छे अवम बेहतर ढंग से रखेंगे ,,,,,
    और हम इस बात का भरोसा दिलाते है
    कि जीत अंततः हमारी ही होगी ,,,,टेट
    मेरिट की ही जीत होगे ..........
    ........हम समय समय पर सुप्रीम
    कोर्ट की गतिविधियों से आपको अवगत
    करते रहेंगे.........
    .......जय टेट ,जय हिन्द ...

    ReplyDelete
  16. मुझे समझ में नही आ रहा है की सपा सरकार में मूर्खता का तत्व ज्यादा है या कमीनेपन का.......... खैर,,, कुछ भी हो सरकार इस बार पहुँची बिलकुल सही जगह है ।

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  17. सर्वोच्च न्यायालय,अर्थातदुष्ट राजनेताओं के नीचतायुक्त अरमानों की कब्रगाह...... SC के विद्वान जज अब दो सवालों पर अपना निर्णय देंगे जिनके विरुद्ध कोई अपील नहीं की जा सकेगी...
    1-क्या सरकार को यह अधिकार है कि किसी चयन प्रक्रिया मे retrospective effect से परिवर्तन कर सके..
    2-15वें संशोधन को अपना अस्तित्व बचाने के लिए पहले तो अनु.14 से अपना बचाव करना होगा,,,अगर उससे बच गया तो NCTE के government should give weightage to tet marks से बचकर कहाँ जाएगा....

    ReplyDelete
  18. पूर्ण बहुमत सरकार के विरुद्ध सत्य और न्याय की इस जंग में अब तक हमारे तीन ही मित्र रहे हैं....धैर्य,साहस और एकता... निर्णायक जंग में भी इन्हें मित्र ही बनाए रखें,,,,यकीनन आने वाला कल हमारा होगा....

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  19. दोस्तों मैंने पहले ही बताया था की SLP कब ठीक होगी और क्या होगा ‪# पिल्ला ‬की याचिका का ।
    आपको याद होगा उसने कहा था की उसकी गुप्त योजना है वो यह है
    1.की उसने 55000/- रूपये का वकील किया ।
    2.क्योकि वो जानता था की केस बंच होगा ये बात तो मैंने पहले ही बता दिया था।
    3.दो कौड़ी का कानून विशेषज्ञ भी जानता है की एक से मामले की सुनवाई एक साथ होगी।
    फिर उसने ऐसा क्यों किया ?
    हा हा हा हा अब मैं क्या कहु ?
    अब जानिये क्या होगा आगे ।
    ‪ पिल्ला ‬को को उसकी हैसियत बता दी जायेगी।
    15 वा संसोधन रद्द रहेगा।
    पूर्व में हुई नियुक्ति पर सरकार को राहत ।
    आगामी भर्ती ख़त्म यानी नया विज्ञापन ।
    72825 की भर्ती पूर्व विज्ञापन पर यानि टेट मेरिट जिंदाबाद ।
    और पिल्ला के लिए
    अशुभ संकेत बोरीबली में भजिया बेचने का पैतृक काम करने का विकल्प।
    2 माह के भीतर भर्ती पूरा करने का सख्त निर्देश।
    आवेदकों के पैसे भी होगे वापस।
    जय टेट मेरिट।
    सारकार ने इस SLP में 200 पेज का धांधली वाला कूड़ा भी डाला है।
    हा हा हा हा मजा आ गया कूड़ा पात्र का कूड़ा देखकर।

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  20. Usmani ji ko ab jail jaane se koi nhi bcha paayega. SP ne SC me bhi apna dhandhli ka raag alapa hai. Saath hi kha hai ki old advt k form nasht ho gye hain.

    ReplyDelete
  21. मे
    री
    .
    .
    .
    वा
    ली
    .
    .
    .
    .
    Bekhudi ki zindagi hum jiya nahi karte,
    Yun kisi ka jaam hum piya nahi karte,
    .
    Un say keh do mohabbat ka izhaar aa ker khud karain,
    Youn kisi ka peecha hum kiya nahin karte...

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  22. आने वाली है कोई आफत नई।
    क्यूँ सियासत आ गई घुटनो के बल॥

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  23. एक कुत्ता एक मन्दिर के पास बैठा रहता था!
    मन्दिर में लोग रोज जाते थे उन्हें देखकर
    कुत्ता भी भगवान की भक्ति करने लगा!
    भगवान कुत्ते की भक्ति से प्रसन्न हुऐ और
    पूछा कि तुम्हे क्या चाहिऐ ??
    कुत्ते ने कहा-मैं अगले जनम में फिर कुत्ता बनना चाहता हूँ!
    भगवान:-हम दो बार तुम्हे कुत्ता नहीं बना सकते!
    कुछ और माँगो!
    कुत्ता:- कुछ देर सोचने के बाद तो फिर मुझे अगले जन्म में एक पुरानी पार्टी बना देना!
    भगवान:- तुम फिर हमें धर्म संकट में डाल रहे हो... हमने कहा ना कि हम तुम्हे दो बार
    कुत्ता नहीं बना सकते .....!!

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  24. फरवरी महीने में महिलाएँ कम बोलती है... क्यूँकि
    .
    .
    .
    .
    .
    .
    .
    .
    महीना 28 दिन का होता है.

    ReplyDelete
  25. M
    E
    R
    I
    .
    .
    .
    W
    A
    L
    I
    .
    .
    .
    .
    अपना तो चाहतों में यही उसूल है कि,
    जब तू कबूल है तो तेरा सब कुछ कबूल है.........

    ReplyDelete
  26. एक लड़की को कौई लड़का बार-बार
    फ़ोन करके परेशान कर रहा था,
    .
    उस लड़की ने तंग आकर वो 'सिम कार्ड
    तोड़ दी और नई खरीद ली, और
    नए नंबर से उस लड़के को फ़ोन करके
    बोली:-"मैंने वो सिम-कार्ड ही तोड़ दी है अगर
    'दम है तो अब परेशान करके दिखा कमीने?

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  27. एक औरत बेटे को जन्म देने के लिये
    अपनी सुन्दरता त्याग देती है...
    और .........
    वही बेटा एक सुन्दर बीवी के लिए
    अपनी माँ को त्याग देता है .

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  28. जब पिछवाड़े लात पड़ेगी सब याद आ जायेगा सर्कार को ...एस.सी.में क्या बोला ओल्ड ad का रिकॉर्ड नहीं है ...पैसा वापिस कर दिया ...हमने तो नहीं लिया वापस ....90% लोग afidavite दे देंगे की पैसा वापिस नहीं लिया....अरे इस तरह से केस नहीं जीता जाता ..ये तो जेल का सीधा रास्ता है ।

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  29. ७२८२५ पद सेंट्रल गवर्नमेंट यानि मानव संसाधन मंत्रालय से अनुमति से निकाले गये हैँ नए विज्ञापन के आवेदक कोई नए पदों के नहीं वर न पुराने विज्ञापन के पदों के ही आवेदन थे ....भला सर्कार नए पदों को कब hrd से ले आई जो चयन का आधार बदलने का अधिकार रखती है ..?टेट मेरिट ही रहेगा चयन का आधार ....नियोक्ता बेईमान है ।

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  30. Dosto,SLP ke points padker ghabrane ki jarurat nahi,jo baate ye HC me alapte rahe wo hi SC me alapne hue akal per nakal ko jeet dilana chahte hai ye apne ghar me nahi ukhad paye toh esse waha kya ukhad jayega sc me keval kanun check hota hai . basss aur kuchh nahi.

    ReplyDelete
  31. कुछ बातें:
    १. टीईटी में धांधली ,
    २. संशोधन १५ रद्द ,
    ३. संशोधन १६ रद्द ,
    ४. पुराने विज्ञापन का दस्तावेज सुरक्षित नहीं है।
    जवाब-
    १. एकलपीठ के अनुसार धांधली के भाग
    को निकालकर अच्छे हिस्से से भर्ती की जाये।
    खंडपीठ ने धांधली के आरोप को ही पूर्णतया ख़ारिज कर दिया।
    २. क्या विधायिका को ऐसा नीतिगत फैसला लेने का अधिकार है जो कि आर्टिकल १४ का उलंघन करती हो?
    सुप्रीम कोर्ट में एक मात्र कारण यही है कि जिस वजह से मुकदमा स्वीकार
    हो सकता है एवं सुप्रीम कोर्ट को इस विषय पर नजीर देना होगा।
    ३. इस संशोधन के द्वारा नियमावली में प्रशिक्षु शिक्षक का पद सृजित किया गया जिसे खंडपीठ ने रद्द कर दिया क्योंकि बीएड
    वालों की प्राइमरी में
    नियुक्ति की अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद यह संशोधन वेवजह विवाद
    का विषय बनता।
    ४. इस सरकार ने DIET प्राचार्य को चिंता में डाल दिया है।
    दस्तावेज रद्द नहीं किया जा सकता है इसलिए यह जोखिम भरा कदम है।
    बिहार शिक्षक भर्ती मामले में वहां के परियोजना निदेशक ने भी दस्तावेज गायब होने की बात
    कही थी लेकिन कोर्ट ने ४२ दिन के अन्दर नियुक्ति देने का आदेश दे दिया था।
    इस प्रकार यह विचारणीय विन्दु है।
    धन्यवाद।

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  32. वक़्त नहीं.
    .
    .

    हर ख़ुशी है लोगों के दामन में,
    पर एक हंसी के लिए वक़्त नहीं .
    दिन रात दौड़ती दुनिया में ,
    ज़िन्दगी के लिए ही वक़्त नहीं .
    माँ की लोरी का एहसास तो है,
    पर माँ को माँ कहने का वक़्त नहीं .
    सारे रिश्तों को तो हम मार चुके,
    अब उन्हें दफ़नाने का भी वक़्त नहीं .
    सारे नाम मोबाइल में हैं ,
    पर दोस्ती के लए वक़्त नहीं .
    गैरों की क्या बात करें ,
    जब अपनों के लिए ही वक़्त नहीं .
    आँखों में है नींद बड़ी ,
    पर सोने का वक़्त नहीं.
    दिल है ग़मों से भरा हुआ ,
    पर रोने का भी वक़्त नहीं .
    पैसों की दौड़ में ऐसे दौड़े,
    की थकने का भी वक़्त नहीं .
    पराये एहसासों की क्या कदर करें ,
    जब अपने सपनो के लिए ही वक़्त नहीं .
    तू ही बता ए ज़िन्दगी,
    इस ज़िन्दगी का क्या होगा,
    की हर पल मरने वालों को,
    जीने के लिए भी वक़्त नहीं.....

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  33. क्या आप जानते है चिट्ठी पर क्यों जरूरी होता है पिनकोड ?
    -------------------*----------------*-----------------
    क्या आप जानते है कि पिनकोड क्या है और इसका उपयोग किसलिए होता है।
    डाक से भेजे जाने वाले लिफाफे ,अंतर्देशीय या पोस्टकार्ड्स आदि में पते के स्थान पर एक छोटा आयताकार बॉक्स बना होता है। यह बॉक्स छः हिस्सो में बटा होता है ,जिसमे अंक भरे जाते है। डाक विभाग के लिए ये छः नंबर अहम् होते है,जिन्हे पिन कोड कहते है।
    पिनकोड,विशेष कोड़ होता है, जो डाक वितरण करने वाले डाक घरो को आवंटित किये जाते है। अगर पत्र या डाक में पते के साथ पिनकोड लिखा होता है ,जिससे पत्र जल्दी पहुचना निश्चित हो जाता है।
    पिनकोड का पहला अंक एक खास क्षेत्र या राज्य को दर्शाता है।
    दूसरा और तीसरा मिलकर उस क्षेत्र को दर्शाता है,जहाँ वितरण करने वाला डाक घर स्थित है।
    बाद के तीन अंक उस डाकघर को दर्शाते है,जहाँ डाक का वितरण होना है।
    पिनकोड से पहले वितरण क्षेत्र प्रणाली थी। इसके तहत हर वितरण डाकघर को एक विशिष्ट संख्या दी गयी थी। इसे कई बड़े में लागु किया गया था।
    १ अप्रैल,१७७४ को जब डाक की सुबिधाये जनता को उपलब्ध करायी गई, उस समय तीन डाक cercle थे - बंगाल,मुम्बई और मद्रास।
    भारत में १५ अगस्त,१९७२ में वर्तमान पिनकोड सिस्टम कि शुरुआत हुई। इस समय देश में ९ पिन कोड रीज़न है। इससे पहले रीसनल सिस्टम लागु था,जिसे १९४६ में शुरु किया गया। इसे वितरण क्षेत्र संख्या प्रणाली कहा जाता है।

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