लखनऊ। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 21 सितंबर को हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी-2014) की ओएमआर शीट जारी कर दी है। अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट बोर्ड की वेबसाइट
http://cbse.nic.in
or http://ctet.nic.in
पर उपलब्ध हैं। साथ ही बोर्ड ने आंसर की भी जारी की है। अभ्यर्थियों को सलाह दी गई है कि वो अपनी ओमएआर शीट देखकर उत्तरों का मिलान कर लें। अगर किसी प्रकार की गड़बड़ी है तो इसकी सूचना सीटीईटी अनुभाग में ई-मेल आईडी ctet@cbse.gov.in पर सात अक्तूबर शाम पांच बजे तक भेज सकते हैं। ऑफलाइन आपत्तियां स्वीकार नहीं की जाएंगी। 21 सितंबर को हुई सीटीईटी में करीब 6.98 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इनमें लखनऊ में परीक्षार्थियों की उपस्थिति करीब 95 प्रतिशत थी। रिजल्ट 30 अक्तूबर को जारी किया जाएगा।
aap neeche diye gaye link par bana kuch search kiye meri news ko padh sakte hain.
ReplyDelete.
.
.
bas only click karna hai ya fir copy karke usko new tab bar me paste karke GO karna hai.
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=3371722033237220291&isPopup=true#form
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=6280140201996631208&isPopup=true#form
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=6786342689778432325&isPopup=true#form
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=2934184809849629150&isPopup=true
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=5546627176449341048&isPopup=true
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=1599777686212782388&isPopup=true#form
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=2385370158967699789&isPopup=true#form
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=7557103686527361657&isPopup=true#form
यदि बसपा सरकार ने टेट कराने में अनावश्यक देरी ना की होती तथा 30-11-11 के विज्ञापन में मात्र 5 जिलों में फ़ार्म भरने,वि.बीटीसी और बीटीसी ट्रेंड को इसमें शामिल करने तथा बीएसए द्वारा जिला स्तर पर विज्ञापन निकालने के स्थान पर सचिव द्वारा निकालने की कारीगरी ना दिखाई होती यह भर्ती ncte द्वारा तय 1 जनवरी 2012 की समय सीमा में पूरी हो गयी होती
ReplyDeleteयदि सपा सरकार ने बसपा सरकार के अच्छे काम (टेट मेरिट से चयन प्रक्रिया) को स्वीकार करके विज्ञापन सम्बन्धी त्रुटियाँ दूर कर दी होतीं तो जुलाई 2012 तक 72825 की नियुक्ति प्रक्रिया समाप्त हो जाती
ReplyDeleteयदि पूर्व सरकार द्वारा टेट 2011 का पूरा रिजल्ट pdf फ़ाइल के रूप में अपलोड किया गया होता तो टेट मोर्चे का नेतृत्व कम टेट मेरिट वालों को 100 तक टेट मेरिट आने का ख़्वाब दिखाकर 2 साल तक उनका आर्थिक शोषण ना कर पाते और ना ही अपनी नेतागिरी चमका पाते
ReplyDeleteटेट विवाद में जो कुछ भी हुआ वह कुछ और नहीं हमारी नियति थी ,,, कम टेट मेरिट वाले आज टेट नेताओं पर संभावित टेट मेरिट के बारे में झूठ बोलने और धोखादड़ी का आरोप लगा रहे हैं लेकिन आरोप लगाते हुए उन्हें यह भी तो सोचना चाहिए कि मोर्चे के नेताओं पर भरोसा करना आपका निजी फैसला था ,किसी ने आपको बाध्य नहीं किया था ,,,जब मोर्चे के तीनों गुट सुप्रीम कोर्ट में वकीलों का जखीरा खड़ा करने के नाम पर लूटमार कर रहे थे और मैं उसका विरोध कर रहा था तब सबसे ज्यादा गालियाँ मुझे उन लोगों ने दी थीं जिनका आज चयन नहीं हो रहा है,,,कुछ स्वयंभू नेता टाइप के लोगों के द्वारा बात-बात पर आन्दोलन का आह्वाहन करने का विरोध करने पर कम टेट मेरिट वाले ही मुझे गालियाँ देते थे,,
ReplyDeleteटेट मेरिट का अनुमान मुझे टेट का रिजल्ट आने के समय से ही था ,, सीधे सच बोलकर इतनी बड़ी संख्या का दिल तोड़ने की मुझमे हिम्मत नहीं थी लेकिन इशारा तो बार -बार किया था ,,, आज भले ही आप मोर्चे के नेताओं को दोष दे रहे हो लेकिन नेता तो वही कह रहे थे जो आप सुनना चाहते थे ,,नेताओं का तो धन्धा ही ही झूठ के बल पर चलता है चाहे वो एकेडमिक वालों के हों,शिक्षा मित्रों के हों या टेट मेरिट के ,,, सबसे पहला काम अपनी गलती के लिए दूसरों को दोषी ठहराना बंद कीजिये और भविष्य की योजना बनाइये
ReplyDeleteजिंदगी 72825 पर ख़त्म नहीं हो जाती ,,, वर्तमान में जारी सत्र के बाद बीटीसी बंद हो रही है और प्रस्तावित 4 वर्षीय बीएलएड का पहला बैच 2020 में आ पायेगा ,, अन्य राज्यो के समान u.p. को भी 2016 तक बीएड डिग्रीधारकों को prt में नियुक्त करने की छूट मिल जायेगी ,,,, 72825 की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद बीएड वालों के लिए प्राथमिक का एक और टेट कराकर उसके प्राप्तांकों से चयन की सम्भावना बन सकती है बशर्ते कि सही रणनीति के साथ इसकी माँग की जाए ,,,इसका मतलब यह भी नहीं है कि सिर्फ इसी माँग के पूरा होने के भरोसे रहा जाए ,,,,टेट और prt के अलावा दुनियाँ में और भी बहुत कुछ है,,,जो लोग 72825 में चयनित ना होने पर टूटकर बिखरेंगे वो धूल में मिल जायेंगे ,जो लोग हिम्मत जुटाकर फिर से संघर्ष प्रारंभ करेंगे उन्हें एक दिन सफलता अवश्य मिलेगी ,,, सबसे ज्यादा ख़ुशी मुझे उस दिन होगी जिस दिन 72825 की चयन सूची से बाहर हुआ टेट मोर्चे का कोई कार्यकर्ता मेरे जिले का बीएसए बनकर आएगा .....
ReplyDeleteमोहब्बत भी अजीब चीज बनायीं खुदा तूने,
ReplyDeleteतेरे ही मंदिर में,
तेरी ही मस्जिद में,
तेरे ही बंदे,
तेरे ही सामने रोते हैं,
तुझे नहीं, किसी और को पाने के लिए.
Wow
Delete"और फरीसी और शास्त्री कुड़कुड़ा कर कहने लगे, कि यह तो पापियों से मिलता है और उन के साथ खाता भी है॥ तब उस ने उन से यह दृष्टान्त कहा। तुम में से कौन है जिस की सौ भेड़ें हों, और उन में से एक खो जाए तो निन्नानवे को जंगल में छोड़कर, उस खोई हुई को जब तक मिल न जाए खोजता न रहे? और जब मिल जाती है, तब वह बड़े आनन्द से उसे कांधे पर उठा लेता है। और घर में आकर मित्रों और पड़ोसियों को इकट्ठे करके कहता है, मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई है। मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिरानेवाले पापी के विषय में भी स्वर्ग में इतना ही आनन्द होगा, जितना कि निन्नानवे ऐसे धमिर्यों के विषय नहीं होता, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं॥''
ReplyDelete_
______________________________________________________________ लूका 15:2-7 )
अब समय आ गया है कि मोर्चे के सभी गुटो को एक साथ एक मंच पर आ जाना चाहिए .....और मिल कर भर्ती के दुश्मनों को मुह तोड जबाब देना चाहिए ।
ReplyDeleteसाथ ही साथ जिन लोगो की काउसिंलिंग हो गयी है वो लोग भी अपनी निद्रा छोडे और मोर्चे का साथ दे । आर्थिक हो या शारिरिक क्योकि अभी तो केवल शुध्द अटेडमिक समर्थक ही दुश्मन थे लेकिन अभी टेट समर्थक की खाल ओढे गधाक भी अपना चयन होते न देख किसी का भी होते नही देखना चाहते है ।
धाधली हो रही है ये सभी चिल्ला रहे है लेकिन सबूत मागने के नाम पर मौसी मर जाती है ....!!!! आन्दोलन मे आने के नाम पर जिनको दस्त शूरू हो जाते थे वो आज लाठियो के घाव दिखाकर , अपने मानसिक बीमार होने का सबूत दे रहे है ।
ReplyDeleteचंन्दे के नाम पर 400-500 देकर नौकरी को पाने का सर्टिफिकेट मान रहे है ।
चंन्दा , लाठी भर्ती की पात्रता नही अपने से ऊचे नम्बर वाले इन्हे सब फर्जी ही लग रहे है । जय टेट जय टेट नारा लगाने वालो के अब धर्म और जमीर बदल रहे है
अगर वास्तव मे धांधली हो रही है तो सब के साथ मिलकर उसको उजागर करके
ReplyDeleteऐसे लोगो के खिलाफ कार्यवाही करवाने के लिए आगे आये न कि नेताओ को कोसो । ये केवल भर्ती मे विघ्न डालने की एक चाल मात्र है ओर कुछ नही ।
मोर्चे को ऐसे लोगो के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने पर गम्भीरता से सोचना चाहिए ।
क्योकि दिन प्रतिदिन ऐसे पागलो का पागलपन बढता जा रहा है ।
ReplyDeleteऔर मोर्चे की चुप्पी को उसकी कमी और कमजोरी समझा जा रहा है ।
ये भर्ती तीन साल के संघर्ष का नतीजा है । सभी चाहते है कि भर्ती साफ सुथरी और पारदर्शी हो ,पर कैसे इस पर एक साथ विचार होना चाहिए सभी को मिलकर इसके लिए प्रयास करना चाहिए लेकिन ऐसा न करके बार बार भर्ती रूकवाने और रद्ध करवाने की बात की गयी तो सिर्फ गाली और जूतो के सिवा कुछ नही मिलेगा ।
टेट मोर्चा जवाब दे
ReplyDelete1. रिजल्ट 2011 आँनलाईन क्यो ऩही करवाया ?
2. 800 लोग बाहर गणेश के अनुसार ?
उनका नाम बताये बूता हो तो ?
3. अगर 31 डायट का डाटा गलत था ॥जैसा की पहली काउन्सलिँग के बाद गणेश जी ने कहा था॥ तो काउन्सलिँग क्यो शुरु करवायी ?
4. जिन फर्जी लोगो को पकड़ा गया कुछ जिलो मे उसका सँज्ञान लेकर क्यो नही उच्च स्तरीय जाँच की माँग की गयी ?
अब आप जवाब ना दे तो क्यो ना आपको भी भर्ती मे हो रहे फर्जीवाड़े मे शामिल माना जाय ?
एक 12-13 साल के लड़के को बहुत क्रोध आता था।
ReplyDeleteउसके पिता ने उसे ढेर सारी कीलें दीं और कहा कि जब भी उसे क्रोध आए
वो घर के सामने लगे पेड़ में वह कीलें ठोंक दे। पहले दिन लड़के ने पेड़ में
30 कीलें ठोंकी। अगले कुछ हफ्तों में उसे अपने क्रोध पर धीरे-धीरे नियंत्रण
करना आ गया। अब वह पेड़ में प्रतिदिन इक्का-दुक्का कीलें ही ठोंकता था।
उसे यह समझ में आ गया था कि पेड़ में कीलें ठोंकने के बजाय क्रोध पर
नियंत्रण करना आसान था। एक दिन ऐसा भी आया जब उसने पेड़ में एक
भी कील नहीं ठोंकी। जब उसने अपने पिता को यह बताया तो पिता ने उससे
कहा कि वह सारी कीलों को पेड़ से निकाल दे। लड़के ने बड़ी मेहनत करके
जैसे-तैसे पेड़ से सारी कीलें खींचकर निकाल दीं। जब उसने अपने पिता को काम
पूरा हो जाने के बारे में बताया तो पिता बेटे का हाथ थामकर उसे पेड़ के पास
लेकर गया। पिता ने पेड़ को देखते हुए बेटे से कहा – “तुमने बहुत अच्छा काम
किया, मेरे बेटे, लेकिन पेड़ के तने पर बने सैकडों कीलों के इन निशानों को देखो।
अब यह पेड़ इतना खूबसूरत नहीं रहा। हर बार जब तुम क्रोध किया करते थे तब
इसी तरह के निशान दूसरों के मन पर बन जाते थे। अगर तुम किसी के पेट में
छुरा घोंपकर बाद में हजारों बार माफी मांग भी लो तब भी घाव का निशान वहां
हमेशा बना रहेगा। अपने मन-वचन-कर्म से कभी भी ऐसा कृत्य न करो
जिसके लिए तुम्हें सदैव पछताना पड़े…!!
कभी सुना नही था कि 100 नम्बर से उपर 72825 लोग है
ReplyDeleteलेकिन िजस िहसाब के काउंसिलिग आैर शायद फर्जीवाडा हो रह है
उससे तो लगता है कि 110 से उपर ही सारी सीटे फूल हो जाएगी ।समझ नही आता इतने लोग आ कहा से गये 2011 में तो सुना यही जाता था कि 100 से उपर करीब 30,000 ही लोग है ।
माँ बाप के २० कॉमन डायलॉग
ReplyDeleteजो हम लोगोँ को डराते हैँ.
1. पैसे पेड़ पे नहीं उगते।
2. बेटा: माँ मैं पार्टी के लिए जाऊं?
माँ: पिता जी से पूछ लो।
पिता जी: माँ से पूछ लो।
3. अगर 8 बजे तक घर नहीं आये
तो वापस आने की ज़रूरत नहीं है।
4. अगर पढ़-लिख कर कुछ अच्छा नहीं करोगे
तो उसकी तरह बन जाओगे। (किसी बेरोज़गार,
बेघर की
उदाहरण देकर)
5. बेटे अभी पढ़ लो बाद में तो ऐश ही ऐश है।
6. ज़रा तुम्हारे अपने बच्चे होने दो।
8. अंकल-आंटी के पैर छुओ,
चलो आशीर्वाद लो।
9. बेटा: माँ मेरे गणित में 100 में से
90 नंबर आये।
माँ: क्लास में सबसे ज्यादा नंबर
किसके आये हैं।
10. जाओ और जाकर पढाई करो।
ये दोस्त नही आने वाले तुम्हारे
एग्जाम देने।
11. तुमको ही सब पता है, हमने
तो दुनिया देखी ही नहीं है न।
12. हमारी बात सुनना कब शुरू करोगे?
13. कहाँ थे लाट साहब?
ये कोई टाइम है घर आने का।
14. घुस जा टीवी के अंदर,
जीतने के बाद कप तुझे ही मिलने वाला है।
15. हमारे टाइम में तो ऐसे नहीं होता था।
16. जब खुद कमाओगे तब पता चलेगा।
17. क्या तुम्हारे दोस्त भी अपने माँ-बाप से
ऐसे ही बात करते हैं।
18. इसके तो पर निकल आये हैं।
19. दोपहर में भी लाइट क्यों जलाते हो?
20. क्या सोचा है तुमने आगे के बारे में?
72825 शिक्षक भरती ....क्या कभी विवादों से निकल पायेगी ,जब से ये भर्ती शुरू हुई है तब से इस में कोई ना कोई समस्या आती ही रही है | अब जब की सारे विवादों का अंत हो गया था , sc के आदेशानुसार भर्ती शुरू हुई है , तो लोग आपस में ही एक दुसरे का गला कटाने को तैयार बैठे है | आज कल नयी समस्या ने इसे घेर लिया है रिशफलिंग , और इस पर उठने वाले विवाद चरम पर है ,सारे रिश्तों भावनाओ को ताक पर रखकर कोई सामान्य वर्ग का हिमायत कर रहा है कोई आरक्षित वर्ग का | पर क्या ये आरक्षण इस भरती से शुरू हुआ है जो इतना हो हल्ला मचा हुआ है , ये प्रक्रिया वर्षो से चली आ रही है , कोई नई बात तो नही है , फिर इतना नाटक क्यों | अब इस भर्ती में वो लोग भी , सरकार के चाल में फंस रहे है जो आज तक सभी को जोड़कर , सरकार से उनकी गलत नीतियों के कारण लड़ते आये है |
ReplyDeleteमुझे लगता है इस भर्ती में जो योग्य है उनका चयन जरुर होगा , हा एक बात और 270000 में से केवल 72825 की ही भर्ती होगी चाहे कुछ भी कर लिया जाये , इसलिए अच्छा है संगठित हो कर ही कार्य किया जाये ,अगर बिखरे तो दुश्मन जरुर जीत जायेगा , और किसी को कुछ नही मिलेगा , एक नये नेता जागृत हुए है 103 no है जो संविधान बदलवाने चले है , वो भी कोशिश कर ले , होगा वही जो सच है , और सही है |
ReplyDeleteअच्छा है सभी एक मंच पर आये और , संगठित रहे , क्यों की अब टेट ग्रुप्स भी जातिवाद से ग्रस्त है बहार निकले इस भावना से , नही तो ईश्वर ही जाने की क्या होगा ......जय टेट ...जय भारत
एक माँ का इकलौता बेटा सीमा पर
ReplyDeleteदुश्मनों से लड़ रहा होता है..उसे गोली लग
जाती है..उसकी आँखें मुंदने लगती है..
तभी उसे अपनी बूढ़ी,अकेली माँ का ख्याल
आता है..
वो माँ को ख़त लिखता है..
क्या लिखता है जरा गौर करें-
ऐ माँ किस मुंह से तुझको मैं,अपनी हालत
को बतलाऊं,,
इतनी भी सांस नहीं बाकी,की तुझे
अलविदा कह पाऊं,,
भारत माँ पर हथियार उठे,तो बेटा चुप न
रह पाया,,
जब तक थी सांस नहीं आगे,कोई भी दुश्मन टिक पाया,,
जाते जाते इक बात मेरे,दिल में थोड़ी सी चुभती हैं,,
की देश का कर्ज किया पूरा,पर दूध का कर्ज
न भर पाया,,
इक माँ की लाज बचाने में,इक माँ को दर्द न
दे जाऊं,,
इतनी भी सांस नहीं बाकी,की तुझे
अलविदा कह पाऊं,,
ख़त माँ को मिलता है..वो उसे पढ़ती है पर
एक आंसू आँख में नहीं लाती..
माँ क्या कहती है
आप पढ़िए..और उस महान,बलिदानी माँ के लिए एक share जरूर करिए..
माँ के लफ्ज-
मेरे लल्ला तेरे जैसे,बेटों पे माँ बलिहारी है,,
अपनी ममता से भी ज्यादा,मुझे देश
की इज्जत प्यारी है,,
मैं खुश हूँ की तेरे कारन,कितने ही घर
गुलजार हुए,,
जिस ममता से पाला तुझको,अब ख़त्म वो सब उपकार हुए,,
तकलीफ ये है भारत माँ पर,न्योछावर करने की खातिर,,
क्यों एक हुआ बेटा मेरा,क्यों ना बेटे दो-
चार हुए,,
अब तेरी जीत का जश्न करूँ,तेरी माँ की ये
तैयारी है,,
अपनी ममता से भी ज्यादा,मुझे देश
की इज्जत प्यारी है,,,,,,,,,,,,,,,,जय हिन्द
गँजे सिर पर बाल उगाने, बालों को झड़ने से बचाने तथा बालों की लंबाई बढ़ाने के सरल एवं घरेलू उपाय:
ReplyDeleteरूपरेखा:-
[A] गँजे सिर पर बाल उगाने का घरेलू प्रयोग |
[B] बालों को झड़ने से बचाने का घरेलू प्रयोग |
[C] बालों की लंबाई बढ़ाने का घरेलू प्रयोग |
[A] गँजे सिर पर बाल उगाने का घरेलू प्रयोग:-
(ध्यान रखें यह प्रयोग सिर्फ गँजेपन को दूर करने के लिए ही किया जाता है| बालों को घना करने के लिए इस प्रयोग का उपयोग ना करें|)
'औषधि'... नाम? कैसी? और कितनी?
-----------------------------------------
१/. किसी भी जड़ी-बूटी विक्रेता से 250 ग्राम 'चिरमिटी' ले लें। यह सभी जड़ी-बूटी वालों के यहाँ आसानी से मिल जाती है।
२/. चिरमिटी या रत्ती को अँग्रेजी में Coral Bead कहते हैं| यह देखने में माला के मनके के समान सफ़ेद, लाल एवं काले रंग की होती है|
३/. प्रयोग के लिए सफ़ेद रंग की ही लेवें, अगर सफ़ेद रंग की न मिले तो लाल रंग की लेवें।
४/. इस औषधि के अलग-अलग भाषाओँ में अलग-अलग नाम होते हैं:
a) अँग्रेजी में इसे Coral Bead कहते हैं|
b) हिन्दी में इसे चौंटली, घुंघुची एवं रत्ती के नाम से भी जाना जाता है|
c) संस्कृत में इसे सफेद केउच्चटा, कृष्णला तथा रक्तकाकचिंची कहते हैं|
d) बंगाली में श्वेतकुच या लालकुच कहा जाता है|
e) मराठी में इसे गुँचा कहते हैं|
f) गुजराती में धोलीचणोरी, राती व चणोरी कहा जाता है|
g) तेलगू भाषा में इसे गुलुविदे कहा जाता है|
h) फारसी में चश्मेंखरुस तथा
i) अरबी में हबसुफेद कहा जाता है|
बनाने का तरीका:
------------------
१/. 250 ग्राम 'चिरमिटी' को बारीक पीसकर पाऊडर बना लें। इसे छानकर, लगभग 50 ग्राम छने हुए पाऊडर को अलग निकाल लें व बाकी बचे हुए 200 ग्राम पाऊडर को लगभग 1.5 लीटर पानी में धीमी आग पर इतना उबालें कि लगभग आधा लीटर पानी बच जाए। इस पानी को भी छानकर रख लें।
२/. एक लौहे की कड़ाही में लगभग 200 ग्राम तिल का तेल ले लें। (तिल का तेल न मिले तो सरसों का तेल भी ले सकते हैं परंतु तिल का तेल और वो भी अगर काले तिल का हो तो अत्यधिक गुणकारी होता है।) इसमें आधा लीटर पूर्व में उबालकर रखा हुआ चिरमटी का पानी व पूर्व में ही बचाकर रखे हुए 50
ग्राम चिरमटी के पाऊडर को कड़ाही के ठंडे तेल में डाल दें|
(ध्यान रखें इन वस्तुओं को गरम तेल में कतई न डालें, ऐसा करना आपके लिए घातक एवं नुकसानदायक हो सकता है।)
३/. अब इसे धीमी आग पर तब तक पकाएँ जब तक कि तेल में से पानी पूरी तरह जल न जाए| सुनिश्चित करने के लिए लौहे की टार के टुकड़े पर या माचिस की सींख अथवा झाड़ू की सींख पर रुई लपेटें। इस रुई को तेल में भिगोकर इसमें आग लगाएँ। यदि चटर-चटर की आवाज आए तो समझें कि अभी तेल में से पानी पूरी तरह नहीं निकला है। यदि तेल लगी रूई तत्काल जल जाए तो समझें तेल पक गया है।
४/. तेल पकने पर इसे उतारकर ठंडा होने दें। तेल ठंडा होने पर ध्यान से किसी सूखे स्टील के बर्तन में निकाल लें ताकि नीचे का काला अंश बर्तन में न आए। पूरी तरह ठंडा होने पर सावधानी से काँच या प्लास्टिक की शीशी मे डालकर रख लें।
प्रयोग करने की विधि:-
१/. सिर पर कोई भी साबुन या शैंपू न लगाए। सर्वप्रथम सिर को खट्टे दही, खट्टी लस्सी या नींबू युक्त पानी एवह सादे पानी से अच्छी तरह धो लें| तत्पश्चात सुबह शाम 2 समय इस औषधीय तेल को सिर पर लगाकर, लगभग 5 मिनट तक सिर की अच्छी तरह मालिश करें|
२/. यह प्रयोग अनेक वर्षों से कई वैद्यों द्वारा आजमाया हुआ बहुत ही सफल प्रयोग है। एक महीने में परिणाम नजर आने लग जाएँगे|
[B] बालों को झड़ने से बचाने का घरेलू प्रयोग:-
त्रिफला के 2 से 6 ग्राम चूर्ण में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लौह भस्म मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
[C] बालों की लंबाई बढ़ाने का घरेलू प्रयोग:
250 ग्राम अमरबेल को लगभग 3 लीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाये तो इसे उतार लें। सुबह इससे बालों को धोयें। इससे बाल लंबे होते हैं।
----------------------------------------------------------------------------------
आठ ओक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट
ReplyDeleteमें 72,825
शिक्षकों की भर्ती में
अवमानना पर सुनवाई है .........
.
.
इसी में tet २०११ के रिजल्ट
को ऑनलाइन करने की मांग
की जानी चाहिए और
रैंक जारी न करने
का मुद्दा उठाया जाना चाहिए .......क्योकि इसी की आड़
में
धांधली की जा रही है .........
.
.
साथ ही मांग
की की जानी चाहिए
प्रत्यावेदन के बहाने कितने अभ्यर्थियों को इस
भर्ती में
फर्जी तरीके से
घुसाया गया है .....उनकी डिटेल
मांगी जानी चाहिए..
abhi hum is news par bhi hain!
ReplyDelete!
!
!
!
!
!
!
!
!
!
!
https://draft.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=6595792776388133531&page=1&token=1412508913266&isPopup=true#form
इस बार ८ को ग्रहण होने के कारण शरद पूर्णिमा पर खीर आदि का कार्यक्रम ७ को ही मनाये | ८ को दोपहर बाद से ग्रहण होने के कारण जप तप , दान पुन्य का बहुत लाभ होगा | हो सके तो ८ को उपवास रखे | दुसरे का अन्न न खाए अन्यथा १२ साल का पुन्य नष्ट होता है |
ReplyDelete9 जनवरी २०१२ के बाद की तिथि का प्रमाण पत्र(जाति व निवास छोड़कर) लगाने वालों को भर्ती से हटाया जा रहा है। ऐसे लोगों की संख्या 5-10% ,है।
ReplyDelete12 तक सभी जिलों की लिस्ट आ जाएगी
If Relation Is not Exam..!! So, Why people cheat???
ReplyDeletea p r t ji mai aapke sare blog padta hu. aap bahut hi motivational blog likhte hai. mai aapke sabhi bato se sahmat hu. bus ek request hai tet marksheet ki jaach hue bina kisi ko appoint na kiya jaye.
ReplyDeleteएक छोटी सी प्रेम कथा जो इतिहास के पन्नो में अमर है !
ReplyDelete|
पृथ्वीराज चौहान (सन् 1166-1192) चौहान वंश के हिंदू क्षत्रिय राजा थे जो उत्तरी भारत में 12 वीं सदी के उत्तरार्ध के दौरान अजमेर और दिल्ली पर राज्य करते थे। पृथ्वीराज चौहान जो कि वीर राजपूत योधा थे बचपन से ही तीर और तलवारबाजी के शौकिन थे।उन्होँने बाल अव्सथा मेँ ही शेर से लड़ाई कर उसका जबड़ा फार डाला। पृथ्वी के जन्म के वक्त ही महाराजा को एक अनाथ बालक मिला जिसका नाम चन्दबरदाई रखा गया। जिन्हेँ आगे चलकर कविताओँ का शौक हो गया। चन्दबरदाई और पृथ्वीराज चौहान बचपन से ही अच्छे मित्र और भाई समान थे।
प्रेम कथा :
पृथ्वीराज चौहान और संयोगिता की प्रेमकथा राजस्थान के इतिहास में स्वर्ण से अंकित है। पृथ्वीराज को कन्नौज के महाराज जयचंद की पुत्री संयोगिता भा गई। पहली ही नजर में संयोगिता ने भी अपना सर्वस्व पृथ्वीराज को दे दिया, परन्तु दोनों का मिलन इतना सहज न था। महाराज जयचंद और पृथ्वीराज चौहान में कट्टर दुश्मनी थी।
महाराज जयचंद ने पृथ्वीराज को नीचा दिखने के लिए अपनी बेटी संयोगिता के स्वयंबर का आयोजन किया और उसमे राजा पृथ्वीराज को छोड़कर देश के सभी राजाओ को आमंत्रित किया! लेकिन राजकुमारी तो सिर्फ राज पृथ्वीराज चौहान के ही गले में वरमाला डालना चाहती थी ! उसी स्वयंबर में से राजा पृथ्वीराज राजकुमारी संयोगिता को उठा कर ले गया और मीलो का सफ़र अपने घोड़े पर ही तय किया ! और अपनी राजधानी पहुँच कर विवाह किया! राज जयचंद के सिपाही उनका बाल भी बांका ना कर सके!
वीरता :
इस घृणा से राजा जयचंद ने मुहम्मद गौरी से हाथ मिला लिया !उसे पृथ्वीराज पर आक्रमण का न्योता दिया। पृथ्वीराज ने 17 बार मुहम्मद गोरी को परास्त किया तथा दरियादिल होकर छोड़ दिया।
18 वीं बार धोखे से मुहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज को कैद कर लिया तथा अपने मुल्क ले गया। वहाँ पृथ्वीराज के साथ अत्यन्त ही बुरा सलूक किया गया। उसकी आँखें गरम सलाखों से जला दी गईं। लेकिन पृथ्वीराज चौहान एक वीर ने हार नहीं मानी ! अंत में पृथ्वीराज के अभिन्न सखा चंद बरदाई ने योजना बनाई। पृथ्वीराज शब्द भेदी बाण ( बंद आँखों से सिर्फ आवाज़ सुनकर निशाना लगाना) छोड़ने में माहिर सूरमा था। चंद बरदाई ने गोरी को इस कला के बारे में बताया और गौरी से पृथ्वी राज चौहान की इस कला का प्रदर्शन करने को कहा गया! गोरी ने मंजूरी दे दी। प्रदर्शन के दौरान गोरी के शाबास लफ्ज के उद्घोष के साथ ही भरी महफिल में अंधे पृथ्वीराज ने मुहम्मद गोरी को शब्दभेदी बाण से मार गिराया तथा इसके पश्चात दुश्मन के हाथ दुर्गति से बचने के लिए दोनों ने एक-दूसरे का वध कर दिया।
अमर प्रेमिका संयोगिता को जब इसकी जानकारी मिली तो वह भी वीरांगना की भाँति सती हो गई। दोनों की दास्तान प्रेमग्रंथ में अमिट अक्षरों से लिखी गई।
साथियों!!
ReplyDeletescert द्वारा सभी डाईट को दिया गया ४ तारीख की समय सीमा समाप्त हो गयी और हमेशा की तरह लगभग आधी डाईट का डाटा अभी तक scert नहीं पहुंचा है..अब दीपावली के पूर्व तीसरी काउंसलिंग असंभव है अतः आप लोग अफवाहों से बचें..
दूसरी महत्वपूर्ण बात "reshuffling" को लेकर आजकल बहुत शोर हो रहा है.. भाई लोग रिट की भी तैयारी कर रहे हैं.. मैं बस इतना कहना चाहता हूँ कि reshuffling रिजर्वेशन पालिसी का ही हिस्सा है परन्तु prt एवं jrt में जिस तरह से reshuffling का प्रयोग हो रहा है वो विधिसम्मत नहीं है..
veero ke sath humesha aisa hi kyo hota hai?
ReplyDeleteअनारक्षित वर्ग की योग्यता न रखने वाला व्यक्ति आखिर कैसे reshuffle होकर अनारक्षित वर्ग में आ सकता है. (मान लो अगर किसी आरक्षित वर्ग के आवेदक के ८३ मार्क्स हैं और उसका अकादमिक है ७० फीसदी है तो वो अनारक्षित वर्ग में शामिल होने की पात्रता नहीं रखता ठीक वैसे ही जैसे कोई आरक्षित वर्ग का आवेदक ४४ फीसदी मार्क्स और १२० टेट मार्क्स के साथ अनारक्षित वर्ग में शामिल नहीं हो सकता है. ). reservation और relaxation दो अलग विषय हैं और मुझे लगता है कि अगर कोर्ट में relaxation के मुद्दे पर लड़ा जाए तो बहुत कुछ हासिल हो सकता है खासकर jrt के अनारक्षित वर्ग के आवेदकों को.. बाकी लोग स्वयं ही समझदार हैं..
ReplyDeleteधन्यवाद!!
Sir bus ye bata dijiye ye vanvas kab khatm hoga.isi per mere bachcho ka bhavishya tika hai.
ReplyDeleteKapilandu paise ke liye Logo ko gumrah kr rha h ki bharti rok dega lekin aap log iske bahkawe me n aaye bharti rokna ab iske baap k bus ki v baat nhi h
ReplyDeleteSwroopo ko badal lena to theek h.pr vicharo ko badlna.kaha se seekha h.manyver
ReplyDeleteVstutah bhasha aur saili to ab aap ki un bharsht aur gande kroor rajnetawo wali lagne lagi h.jinke bhashad aur snvad prtek dusre mnch pr ja k badl jate h.
Susant ji vstutah ye sabd kiske h.ye jante huye hm aaj sirf aur sirf intna hi likh rahe h.aur o smbondhn bhi nahi laga rhe jo lagate the.
Fir bhi vicharo me sntulan n aaya to pahala virodhi ghar ka vibhishad hi bn n jaye.
well said singham ji
ReplyDelete