News Source: Social media
Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com
/* remove this */ Blogger Widgets /* remove this */
सरकारी नौकरी शिक्षक भर्ती/नियुक्ति परिणाम / टीईटी Sarkari Naukri Recruitment/Appointment Result. Latest/Updated News - UPTET, CTET, BETET, RTET, APTET, TET (Teacher Eligibility Test) Merit/Counselling for Primary Teacher(PRT) of various state government including UP, Bihar
Please do not use abusive/gali comment to hurt anybody OR to any authority. You can use moderated way to express your openion/anger. Express your views Intelligenly, So that Other can take it Seriously.
कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय अभद्र शब्द या भाषा का प्रयोग न करें। अभद्र शब्दों या भाषा का इस्तेमाल आपको इस साइट पर राय देने से प्रतिबंधित किए जाने का कारण बन सकता है। टिप्पणी लेखक का व्यक्तिगत विचार है और इसका संपादकीय नीति से कोई संबंध नहीं है। प्रासंगिक टिप्पणियां प्रकाशित की जाएंगी।
सुप्रभातम् दोस्तों
ReplyDeleteसामान्यतः यदि कोई बहुत बुरा है तो तुम उनसे दूर हट जाते हो। पर यदि तुम उनसे घृणा करने लगते हो तो इसका अर्थ है कि कोई गहरा सम्बन्ध है जिससे तुम दूर नहीं हट पा रहे हो। तुम उनके साथ रहना चाहते हो, उन्हें अपने मन में रखना चाहते हो और इसलिए उन्हें नापसंद करते हो। जो मन के भंवर में फंस गया हो वह करुणा का पात्र है, क्रोध का नहीं।
SHRI SHRI RAVISHANKAR
एक माली के घर मेहमान आये , वो मेहमानोँ के
ReplyDeleteलिये निँबु पानी बनाने के लिये निँबु के एक बङे
बगीचे की तरफ गया ,
निंबु के बगीचे के अंदर जाने के लिये बगीचे के
तीन गेट से गुजरना पङता है ,
बगीचे के तीनोँ गेट पर एक एक चौकीदार खङे
हैँ ,
पहले गेट पर जाते ही चौकीदार ने
माली को रोका और बगीचे मेँ जाने के लिये शर्त
रखी कि तुम जितने निंबु तोङकर लाओगे उसमेँ
से
आधे मुझे देने होँगे ,
तो माली ने कहा कि एक शर्त मेरी भी है कि मैँ
तुम्हे आधे निम्बु दुँगा उसमेँ से एक निँबु तुम
मुझे
वापस करोगे ,
यही शर्तेँ बाकी के दो चौकीदार के साथ
भी माली से हुई ।
.
तो आप बताईये कि माली बगीचे मेँ से कितने
निंबु तोङे जिससे कि चौकीदारोँ से की हुई शर्तेँ
भी पूरी हो जाये और जितने निंबु बगीचे से तोङे
वो पूरे घर भी ले जाये
Two
DeleteOne
DeleteOne
Deleteमन की बात:-
ReplyDeleteआज मै आपसे कुछ मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखना चाहता हूँ ।
ऐसा भी संभव है कि मै भी इसके बाद अज्ञातवास में चला जाऊं।
क्योंकि जितने नेतागण को आप रहनुमा मानते हैं सबको मेरिट का अंदाज़ था और जो अंदाज था गाहे-बगाहे उन्होंने कहा भी ।
मजदूर यूनियन में नेता मजदूरों को उकसाकर फिर अपना लाभ लेकर आन्दोलन शांत करा देता है।
यह एक पुरानी परंपरा रही है इसमें नया कुछ नहीं है।
कुछ विषय/प्रश्न आपके लिए छोड़ रहा हूँ।
ReplyDelete1. उम्र, और टीईटी अंक इस भर्ती में चयन का आधार है यदि अनारक्षित रिक्ति पर जब जनरल 40 से अधिक उम्र का बाहर है तो फिर
आरक्षित वर्ग के व्यक्ति द्वारा उम्र की छूट लेकर जनरल से प्रतिस्पर्द्धा करना क्या उचित है??
जब टीईटी एक अनिवार्य योग्यता है तथा NCTE ने इसे 11-2-11 को स्पष्ट किया तथा जस्टिस अम्बवानी की बृहदपीठ ने इसे परिभाषित किया तो फिर इसके उत्तीर्ण अंक में छूट कैसे संभव है??
82-89 अंक लेकर आरक्षित जनरल से मुकाबला करता है जबकि जनरल उस अंक पर फेल है तो यह कहाँ का न्याय है??
स्नातक का प्रतिशत भी प्राइमरी शिक्षक बनने की योग्यता है तो फिर उसमे भी इसका ध्यान रखना जरुरी क्यों नहीं है??
इस विषय पर ऐतिहासिक फैसला आएगा तथा जिसका असर पूरे देश पर पड़ेगा लेकिन सरकार सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाएगी क्योंकि आरक्षण का मामला है तथा क्लास अ की सभी नौकरियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा।
2. इस काउंसिलिंग में आरक्षण के नियमों की अवमानना हुयी है नियुक्ति प्रक्रिया में कभी भी आरक्षित रिक्ति को गुणज में नहीं बुलाया जाता है।
उदाहरण के तौर पर प्रतापगढ़ में कला पुरुष की 112 सीट है ।
जिसमे 56 अनारक्षित है तथा 30 ओबीसी और 23 एससी/एसटी की है।
दस गुना बुलाने पर नियमानुसार
112 सीट का दस गुना 1120 लोगों को बुलाना चाहिए था जनरल कटऑफ़ के हिसाब से जिसमे जो टॉप 56 होता चाहे जिस वर्ग का होता वह
सीट लेता तथा बाकी जो अनारक्षित न शामिल हो पाता तो बाहर जाता तथा जो आरक्षित न शामिल हो पाता तो अपने कोटे में जाता तथा यदि आरक्षित सीट बच जाती तो उनका कट ऑफ़ गिराकर उनकी सीट भरी जाती तथा यदि अनारक्षित सीट खाली जाती तो सामान्य कटऑफ़ से फिर बुलाया जाता जिसमे हर वर्ग के लोग शामिल रहते ।
जबकि जो काउंसिलिंग हुयी है इसमें अनारक्षित सीट 56 का दस गुना 560 लोगों को बुलाया गया ।
ओबीसी की 30 सीट के दस गुना 300 लोगों को बुलाया गया तथा एससी/एसटी की 23 सीट के दस गुना 230 लोगों को बुलाया गया था।
आरक्षित के जो 300+230 लोग बुलाये गये यदि उनका कटऑफ़ अनारक्षित की 560 सीटों में था तो उन्होंने अनारक्षित में काउंसिलिंग करायी बाकी जो उसमे नहीं जा सके वो अपनी आरक्षित सीट पर चले गये।
इस प्रकार से इस 112 की रिक्ति में जनरल 56 सीट कवर कर रहा था, ओबीसी 86 सीट कवर कर रहा था तथा दलित 79 सीट कवर कर रहा था।
ऐसी स्थिति में 86 सीट के लिए ओबीसी के 300 लोग आये तथा 79 सीट के लिए दलित के 230 लोग आये तो क्या यह 112 सीट में 50 फीसद से अधिक आरक्षण देने का प्रयास नहीं हुआ ??
मात्र 112 सीट में सरकार ने 530 आरक्षितों को ही बुलाकर असंवैधानिक कार्य किया है।
3. इस नियुक्ति के विज्ञापन में वर्गीकरण हुआ है यह वर्गीकरण पांच भागों में हुआ है जो कि नियुक्ति नियमों में आरक्षण का उलंघन है इससे आरक्षित वर्ग के पुरुषों को आरक्षण नियमों की हानि है।
अनारक्षित की 36413 सीट पांच भागों में बंटी है।
ReplyDeleteशिक्षामित्र अनारक्षित 3641
महिला अनारक्षित कला 8192
महिला अनारक्षित विज्ञान 8192
पुरुष अनारक्षित कला 8192
पुरुष अनारक्षित विज्ञान 8192
इस प्रकार से अनारक्षित की रिक्ति पांच भाग में बांटे जाने के कारण आरक्षित वर्ग पुरुष अनारक्षित की सीट पर नहीं पहुँच पा रहा है और 107 से कम अंक पाने वाला ओबीसी पुरुस कला और 105 से कम अंक पाने वाला ओबीसी पुरुष विज्ञान इस भर्ती से दूर हटता जा रहा है।
जबकि दलितों के साथ भी ऐसा है लेकिन महिलाओं की उसके कोटे में रिक्ति बचने के कारण उसकी 40 फीसदी तो भरपाई संभव भी है।
इसके बावजूद भी यदि यह वर्गीकरण न होता तो 90 वाला एससी भी जॉब पाता परन्तु अब 95 से नीचे वाले कदापि उम्मीद न करें।
जबकि ये लोग चाहें तो यह वर्गीकरण
3 सितम्बर 2001 की बेसिक नियुक्ति नियमावली, 1981 की बेसिक नियमावली , 2008 तैनाती नियमावली , 2010 अद्यतन संशोधित, RTE एक्ट , संविधान के आर्टिकल 14 का हवाला , यूपी रिजर्वेशन एक्ट की नियुक्ति में भूमिका का हवाला देते ही रद्द हो जायेगा। इसके साथ जस्टिस ए. भूषण का निर्णायक आदेश तथा श्री दत्तू साहब का अंतरिम आदेश भी संलग्न कर सकते हैं क्योंकि भूषण साहब ने हमारी भर्ती को नियुक्ति की प्रक्रिया बताया है।
इस स्थिति में तब संभव है कि सामान्य की मेरिट 100-105, ओबीसी 95-97 और एससी की 91-93 और एसटी की आल का चयन हो पाये।
4. धांधली का सबूत
नरेन्द्र प्रताप यादव
टीईटी अनुक्रमांक 08013265 को चेक करें जिसने की काउंसिलिंग करा ली है। जिसका पता भी मिल जायेगा।
5. अनिल संत के जिस शासनादेश पर भर्ती हो रही है उसकी भी अवमानना हो रही है निवास प्रमाण पत्र , शैक्षिक दस्तावेज आवेदन के पूर्व के ही होने चाहिए। जो उस समय आवेदक नहीं था अब आवेदक नही माना जा सकता है।
कुछ लोगों ने अवैध फॉर्म भेजकर अभ्यर्थन हथिया लिया है।
6. व्यावसायिक वर्ग के लोग कहाँ /कैसे /क्यों काउंसिलिंग करा रहे हैं इसका कुछ अता-पता नहीं है।
इस प्रकार से मुझे चाहे जो कुछ कहे लेकिन मै निष्पक्ष हूँ।
जाति, वर्ग का विरोध अथवा समर्थन मेरा मकसद नहीं है।
जिनको मेरा यह पोस्ट परेशान करे तो वह मुझे अपनी मित्र सूची से हटाने का एक बार विचार अवश्य करे।
धन्यवाद।
The more you squeeze the sugarcane, sweeter is the juice that comes. The more you cut the diamond, the more it shines. Nature puts you though many different tasks and tests, and you come out shining from it all. You just remember nature will not give you a burden which you cannot carry.
ReplyDeleteThe more you squeeze the sugarcane, sweeter is the juice that comes. The more you cut the diamond, the more it shines. Nature puts you though many different tasks and tests, and you come out shining from it all. You just remember nature will not give you a burden which you cannot carry.
SHRI SHRI
हाँ यदि आप रैँक भी आन लाइन करवा देँगे तब भी आप वास्तविक रैँक से 1000-500 अधिक होँगे, कारण कुछ अराजक तत्वोँ का शामिल हो जाना किन्तु ध्यान रहे कि एक भी अराजक तत्व इस प्रकृया मेँ शामिल नहीँ हो सकता बल्कि आपके चयन मेँ थोड़ा अनावश्यक अवरोध उत्पन्न कर देगा ।
ReplyDeleteये बात सत्य है कुछ जगह अधिक अभ्यर्थियोँ के पहुँच जाने से जनाधिक्य की स्थिति उत्पन्न हो गयी, किन्तु इसका आशय ये बिल्कुल भी न लगाया जाए कि समस्त सीटेँ पूर्ण हो गयी ।
उपर्युक्त विवेचन से उन अभ्यर्थियोँ को अधिक लाभ होने वाला है, जिसने आवेदन करने मेँ कंजूसी न की हो ।
नोट- कोई भाई मुझसे ये न पूछे कि मेरा इतने नं पर होगा कि नहीँ, हाँ स्वत: मेरे आकड़े का अवलोकन करे और चयनोपरान्त मिष्ठान का प्रबन्ध कराए क्योँकि आपका चयन आपके विवेक पर निर्भर करता है, और दूसरी सबसे महत्व पूर्ण बात- किसी भी संदिग्ध अभ्यर्थी का आपके पास प्रमाण हो तो इसकी सूचना मोर्चे को दे, आपके चयन का अवरोध समाप्त होगा ।।
ReplyDelete"आवाज दो हम एक हैँ ।"
एक आकड़े पर नज़र डाला जाए तो वर्तमान प्रकृया मेँ औसत एक सीट पर तीन दावेदार हैँ ।
ReplyDeleteअब 83 से 99 अंको के के बीच का अवलोकन करते जाइए तो ये दावेदारी आपको घटते क्रम मेँ मिलेगी और अन्तत: 100 अंको पर यह सीटोँ के सापेक्ष आ जाती है ।
मेरे एक मित्र जो कि कम्प्यूटर एक्सपर्ट हैँ, ने एक आकड़ा तैयार किया था जिसमेँ सम्पूर्ण रिक्तियोँ के सापेक्ष अवरोही क्रम मेँ (बिना किसी विभाजन के) मेरिट तैयार की गयी थी, जिसमेँ अन्तिम अभ्यर्थी जिसकी जन्मतिथि 20/08/79 थी और नाम अंग्रेजी अक्षर के 'C' से था, उसके अंक 102 थे ।
आज कुछ लोग कम मेरिट वालों को लुटने से
ReplyDeleteबचा रहे हैं । जब कम मेरिट वाले इनको चन्दा दे रहे
थे तो वो लूटना नहीं था। उस वक्त उनको अपने
बाप से पैसा लेकर केस
लड़ना चाहिए था। आज कम मेरिट वाले जब खून के
आंसू रो रहे हैं तो तो ये शीर्ष नेता लोग
काउंसिलिंग कराकर सुप्रीम कोर्ट से अतिशीघ्र
नियुक्ति पत्र लेने हेतु अवमानना निकाल रहे हैं।
जबकि भर्ती में जालसाजी व्यापक स्तर पर है।
आज तो कम मेरिट वाले जिन्होंने लाठियां खाई
उनको कोर्ट की लड़ाई लड़ने का अवसर आ गया है।
आज वे सहयोग करेंगे तो अपने लिए करेंगे। अब
तो उनकी ऐसी हालत है कि मरता क्या न करता!!
सबसे प्रमुख बात यह है कि जो काउंसिलिंग चल
रही है यह श्री अशोक भूषण के निर्णायक आदेश
और उसी आधार पर आये श्री दत्तू साहब के अंतरिम
आदेश का भी अनुपालन नहीं कर रही है।
स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि इस
भर्ती की प्रकृति बेशक ट्रेनी (प्रशिक्षु)
जैसी हो लेकिन सभी शर्ते नियुक्ति जैसी हों/हैं
और सेंट्रल के रूल स्टेट के रूल पर RTE के तहत
आरोपित भी हों। अब जिनके लिए यह संघर्ष
करो या मरो का हो वे आगे आयें और अपने हक
के लिए लड़ें। आप को कुचलकर लोग आगे बढ़ चुके हैं।
बहुत लोगों को मेरी बात बुरी लगेगी क्योंकि मै
निःस्वार्थ भाव से बोलता/लिखता हूँ।
वस्तुतः अब सामान्य वर्ग कला 110-111 अंक से
कम वालों का तो किसी हाल पर चयन होते
नहीं दिख रहा है। उनके लिए वर्गीकरण रद्द
होना ही एकमात्र विकल्प है । वस्तुतः मुझे पता है
कि साइंस वर्ग , शिक्षामित्र , महिला एवं
काउंसिलिंग करा चुके लोग कभी वर्गीकरण
समाप्त देखना नहीं चाहेंगे। उम्र के आधार पर छूट
चयन के आधार पर छूट की गारंटी नहीं है।
अतः यह छूट भी रद्द करायी जा सकती है लेकिन
इसका लाभ सिर्फ कला पुरुष सामान्य के 111-114
अंक तक वालों को ही नौकरी दिला सकती है।
स्नातक/परास्नातक के आधार पर बीएड में
भी विवाद की स्थिति है। अतः इन सब विवाद
का निपटना जरुरी है। इसी के साथ मै
किसको क्या सहायता दी जाये मै इस पर कोई
सुझाव नहीं दे रहा हूँ। रैंक और टेट सीडी का डिटेल
मिलना बहुत जरुरी है। यदि आप सुप्रीम कोर्ट में
पार्टी हैं और आपकी अभी काउंसिलिंग
नहीं हुयी है तो आप सुप्रीम कोर्ट में सम्पूर्ण चयन
(72825पदों पर ) के बाद नियुक्ति की बात कह
सकते हैं।
ये story बहुत पुरानी है, almost 80 years from now. newyork शहर की बात है.
ReplyDeleteएक बार एक छोटा सा लड़का, करीब दस साल का अपनी मनपसंद icecream खाने के लिए एक अच्छे से होटल में गया. उसके पास कुछ पैसे तो the ही.
वो table पर जाकर आराम से बेठ गया. एक waitress आई और उससे प्यार से पूछा, “ आप क्या लेगे sir ? ”
बच्चा बड़ी उत्सुकता से उससे पूछ बैठा की sundae icecream के कितने दाम होंगे?
waitress ने उसे बताया 45 cent.
लड़के ने अपनी जेब को टटोला और पैसे गिनने लगा. वो बहुत देर कर रहा था.
waitress अपना धैर्य खोते जा रही थी, क्योंकि दुसरे सभी customers अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे the.
बच्चा पैसे गिनने के बाद फिर पूछने लगा. प्लेन icecream के कितने दाम है?
waitress ने उससे थोड़ी गर्म आवाज में बोला की 35 cent.
बच्चे ने कहा- “ हा मुझे वही चाहिये”
फिर waitress ने उसे उसकी पसंद की icecream लाकर दे दी. और बच्चा मजे से खाकर, counter पर पैसे देकर चला गया.
waitress जब table साफ करने आई. तो वो वो बहुत दुखी हुई, और रोनी से हो गयी.
table साफ करते वक्त उसे टिप के रूप में 10 cent दिखाई दिए.
बच्चा उसकी पसंद की icecream इसलिए नहीं माँगा सका था क्योंकि उसे इतनी देर से उसकी खातिर करने वाली waitress के लिए tip भी देनी थी.
बात छोटी सी थी, बच्चा अपने प्रति सेवा रखने वाली waitress के लिय कुछ करना चाहता था. वो ज्यादा कुछ नहीं कर सकता था. उसकी उम्र तो बहुत कम थी ही. और पैसे भी ज्यादा नहीं the. पर फिर भी उसने अपनी तरफ से कोशिश की. और खुद को खुश करने के साथ साथ waitress का भी ध्यान रखा.
क्या हम भी हमारे जीवन में अपने सबसे प्रिय जनों का ख्याल रखते है. We do have lots of work, yes we are busy, but we shouldn’t turn our work into excuses. हम चाहे तो सभी को उतना ही प्यार और आदर और importance दे सकते है. दे सकते है, अगर अहम चाहे. यदि हम ही अपने तरफ से सोच ले की मेरे पास बहुत काम है, और मैं नहीं कर सकता. तो आप कभी नहीं कर पाएंगे. यह मैं बात समय की कर रहा हूँ.
कभी भी किसी पर पूरी दुनिया लुटाने की ज़रूरत नहीं होती है, ये तो नामुमकिन ही है. But the point is, all that you have, आपके पास जितना भी है. थोडा सा भी है. तो क्या आप उसे अपने प्यारे दोस्तों और परिवार के साथ बाटेंगे. चाहे वो खुशिया हो, मस्ती मजाक हो, छोटे छोटे जोक्स हो, या आपका धन.
और आपको असल जिंदगी में ज्यादातर प्यार और समय , और अपनी खुशिया ही दुसरो से बाटनी है. पैसे नहीं.
पर क्या आप उस छोटे बच्चे की तरह ये कर पायेगे.
जी हाँ, कर पाएंगे.
यदि आप सोचे और चाहे.
Heart touching. ...story. .
Deleteअनारक्षित एव आरक्षित वर्ग (कम मेरिट) के लोग जो आज धाधली-२ चिल्ला रहै मै उनसे यह पूछ रहा हू कि जब अवनीश यादव ने हरदोई मे धाधली पकडी थी और अन्य डायट मे भी टी. ई. टी सन्षर्स मोर्चा के सदस्य धाधली रोक रहे थे तो उस समय आप लोग कहा थे घर पर बैठ कर बिधवा बिलाप करने से कोई लाभ नही है अगर ऐसा हो रहा है तो घर से निकल कर आगे आये आप को रोका किसने है??
ReplyDelete"तो क्या हुआ क्या हम इसलिये पाप करें, कि हम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हैं? कदापि नहीं। क्या तुम नहीं जानते, कि जिस की आज्ञा मानने के लिये तुम अपने आप को दासों की नाईं सौंप देते हो, उसी के दास हो: और जिस की मानते हो, चाहे पाप के, जिस का अन्त मृत्यु है, चाहे आज्ञा मानने के, जिस का अन्त धामिर्कता है परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि तुम जो पाप के दास थे तौभी मन से उस उपदेश के मानने वाले हो गए, जिस के सांचे में ढाले गए थे। और पाप से छुड़ाए जाकर धर्म के दास हो गए।'' ____________________________________________________________________ रोमियो 6:15-18 )
ReplyDeleteFriends are better than Lovers
ReplyDeletebecause
Love says I will give everything
but
friends says when i am there you wont need anything...
#From :: AVI
आज का ज्ञान-
ReplyDelete"सिर्फ लड़के ही अपने अन्दर के रावण
को क्यों मारें...?
लड़कियों को भी चाहिये
कि वो भी अपने अन्दर की केकई, ताड़का,
मंथरा और शूर्पनखा को मारें !!!"
दोस्तों, कुछ लोग आरक्षित और अनारक्षित के चक्कर में लोगो में भ्रम फैला रहे है मै ये जानना चाहता हूँ की जब भर्ती 2011 के अनुसार हो रही है और आरक्षण तब भी था और ये resuffling भी पहले होती ही थी तो अब इतनी हाय तौबा मचाने से क्या फायदा है??
ReplyDeleteमुझे ये लगता है की ये सिर्फ 90 से 105 तक के लोगो से चन्दा वसूलने का जरिया है ।
आप लोग खुद सोंचो लगभग 270000 लोग टेट पास है और पद शिक्षामित्र के हटाकर सिर्फ 65000 बचते है तो इसका मतलब सिर्फ 4 में से 1 की नौकरी लगनी है ये condition पहले भी थी और तीन साल बाद अब भी अतः ये तो तय है की जिन 200000 लोगो की नौकरी नहीं लगेगी वो ज्यादातर अनारक्षित वर्ग के low मेरिट वाले होंगे।
अतः मेरा मानना है की अगर मिल कर फर्जीवाडे पर धयान दिया जाये तो हो सकता है low मेरिट वालो का ज्यादा भला हो सके न की जाति के आधार पर लड़ने से वरना दो बिल्लियों की लड़ाई में बन्दर ही( फर्जी वाले) ही फायदा उठाते है ।
टेट मोर्चा व सभी को फर्जीवाड़े और रिजल्ट को ऑनलाइन कराने में दिमाग लगाने की जरूरत है व् इस भर्ती के बाद नए विज्ञापन से नए पदों का सृजन करवाने की लड़ाई लड़ी जाये तभी कुछ भला हो सकता है low मेरिट वालो का।।।
ये सिर्फ मेरी राय है!!!
खाने को ग़म, पीने को आंसू, बिछाने को चाहें, ढकने को आहें ..
ReplyDeleteशायर की झोपडी में किस चीज़ की कमी है ?
यूपी की नौ यूनिवर्सिटी फर्जी
ReplyDeleteयूजीसी ने जारी की देश की
21 फर्जी विश्वविद्यालय की सूची।
कानपुर।
विश्वद्यिालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर में अवैध रूप से संचालित 21 फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी है। 18 सितंबर को यूजीसी की वेबसाइट पर अपलोड की इस सूची में इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद इंस्स्टीट्यूशंस एरिया, खोड़ा माकनपुर, नोएडा समेत यूपी के नौ विश्वविद्यालयों को अवैध बताया गया है। खास बात यह है कि इस सूची में सर्वाधिक नाम यूपी से हैं।
समय-समय पर छात्र हित को ध्यान में रखकर यूजीसी देश में अवैध रूप से संचालित हो रहे विश्वविद्यालयाें के नाम सार्वजनिक करती है। इस सूची में उन संस्थानों/ यूनिवर्सिटी के नाम को अवैध करार दिया जाता है तो यूजीसी एक्ट 1956 के खिलाफ बिना अनुमति के संचालित होते हैं। इन संस्थानों से ली गई डिग्री अथवा डिप्लोमा को यूजीसी से मान्यता प्राप्त नहीं होती है। इसके चलते ही यहां से पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की डिग्री को सरकारी और प्राइवेट नौकरी में फर्जी करार दिया जाता है। वेबसाइट पर डाली गई सूची में यूजीसी ने साफ लिखा है कि इन सभी संस्थानों/ यूनिवर्सिटी को डिग्री देने का कोई अधिकार नहीं है। यूपी के अलावा बिहार की एक, दिल्ली की पांच, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की एक -एकयूनिवर्सिटी शामिल है।
सूबे की
फर्जी यूनिवर्सिटी
•वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणासी, यूपी
•महिला ग्राम विद्यापीठ यूनिवर्सिटी (वीमेंस यूनिवर्सिटी) प्रयाग इलाहाबाद यूपी
•गांधी हिंदी विद्यापीठ, प्रयाग, इलाहाबाद,यूपी
•नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी (ओपन यूनिवर्सिटी) अलीगढ़, यूपी
•उत्तर प्रदेश यूनिवर्सिटी कोशी कला मथुरा, यूपी
•महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन यूनिवर्सिटी, प्रतापगढ़, यूपी
•इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद इंस्स्टीट्यूशंस एरिया, खोड़ा माकनपुर, नोएडा
•गुरुकुल विश्वविद्यालय, वृंदावन, यूपी
•नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी, कानपुर
मित्रो मेरिट निचे जाने की संभावना बनी हुई है समय का इन्तजार करे
ReplyDeleteसबसे महत्वपूर्ण बात यदि हम अध्यापक नही बन पाते है तो क्या जीवन के सारे
रास्ते बंद हो गये
नही मित्रो भविष्य के लिए कोइ और
रास्ता खोज लेगे
और प्रसन्नतापूर्वक
जीवन जियेगे
अतः मित्रो मेरिट की चिंता त्यागकर खुश और प्रसन्न रहे
धन्यवाद
एक लड़का एक लड़की को बहुत प्यार
ReplyDeleteकरताथा.
लड़के ने लड़की को प्रपोज़ किया..
लड़की :- जितनी तेरी एक महीने की कमाई
है,
उतना मेरा हफ्ते का खर्चा है, इसलिए मैँ
तुमसे मोहब्बत
नहीं कर सकती..
फिर भी वो लड़का मन ही मन
उसी लड़की कोचाहता है...
20 साल बाद वो दोनों संयोग से एक मॉल
(दुकान) में मिलते
है,
बातो ही बातो में लड़की ने
कहा मेरा पति आज एक बहुत बड़ी
कंपनी में नौकरी करता है.
उसकी सेलरी एक 80 हजार रुपये
प्रति महिना है.
वो बहुत होशियार है, अब तुम ही बताओ,..
मैंने उस दिन तुम से शादी न कर के कोई
गलती की क्या...?
.
लड़के की आँखे नम हो जाती हैं,...
और उसके बाद दोनों अपने काम के लिए
जाने
लगे..
.
थोड़ी देर में लड़की का पति उसे लेने
आया और लङकी के
पति की नजर उस लड़के पर पड़ी और कहा -
सर, आप
यहाँ ?,
बाद में अपनी पत्नी से मिलते हुए
कहा कि :- ये मेरी कंपनी के
मालिक है
और एक साल का 500 करोड़ का टर्नओवर
है,
और सर एक लड़की को चाहते है, इसलिए
आज
तक सर ने
शादी नही की...लङकी Emotional
हो गयी यहहै
जिन्दगी बस एक पल की मोहताज़
नहीं होती,बस
वक़्त उसे मोहताज बना देता है....
"प्यार को समझे और उसे महत्व दे,
उसे तोले नहीं... क्योकि प्यार अनमोल है"
मिट्टी फसल उगाए, पूछे धर्म न किसी किसान का,
ReplyDeleteबेमानी हर ढ़ंग पुराना इंसानी पहचान का,
माँ की ममता, फूल की खुश्बू, बच्चे की मुस्कान का,
सिर्फ मौहब्बत ही मज़हब है, हर सच्चे इंसान का
दोस्तों
ReplyDeleteकुछ तुच्छ मानसिकता और स्वार्थी लोग
आपको भड़काने का काम कर रहे है क्योकि उनकी कॉउंसलिंग
हो चुकी है अब इनको इसमें कोई फर्जीवाड़ा नहीं लग रहा है
बस आपको झूठी दिलासा देंगे की पहली कॉउंसलिंग में 800 लोग
फ़र्ज़ी पकडे गए और दूसरी कॉउंसलिंग में 8000 से 10000 लोग
फ़र्ज़ी निकलेंगे अगर पहली कॉउंसलिंग में 800 लोग फ़र्ज़ी पकडे
गए तो उसका कोई आधिकारिक बयान क्यों नहीं आया उन
लोगो के ऊपर ऍफ़ आई आर क्यों नहीं दर्ज़
हुई ,क्योकि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं फर्जीवाड़ा तो हुआ है
लेकिन कोई बहार नहीं हुआ है ऐसा इसलिए नहीं हुआ की ये सब
सरकार के द्वारा ही किया जा रहा है और हमारे नेता इसलिए
कुछ नहीं कह रहे है क्योकि इनकी कॉउंसलिंग हो चुकी है
इनका जो उद्देश्य था वो पूरा हो चूका है इनका उद्देश्य केवल
ReplyDeleteटेट मेरिट और अपना चयन मात्र था अरे नेता तो वह होता है
जो सबको साथ लेकर चले और तब तक उन साथियो का साथ दे
जिन्होंने कंधे पे कन्धा मिलकर आपका साथ दिया आपके एक
आहवाहन हर एक आंदोलन पे शरीक हुए जब तक एक एक
साथी को न्याय न मिल जाये।
दोस्तों सौ दोषियों को सजा मिले या न मिले लेकिन गलती से
ReplyDeleteभी एक निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए लेकिन
दोस्तों यहाँ तो एक नहीं हज़ारो निर्दोष
लोगो को सजा दी जा रही है उनको इस फर्ज़ीवाड़े के चलते
अपने हक़ से वंचित किया जा रहा है और हमारे नेता हाथ पे हाथ
रक्खे बैठे हुए है दोस्तों कुछ मानसिकता और स्वार्थी लोग
जिनका चयन हो चूका है वो लम्बी-२ पोस्ट डालकर ये कह रहे
है की इस भर्ती का कुछ नहीं होगा ये भर्ती ऐसे
ही चलती रहेगी क्योकि ये भर्ती माननीय सुप्रीम कोर्ट
की अधीन है तो वो लोग कान खोलकर सुन ले माननीय दत्तू
सर ने इस भर्ती को पूर्ण करने को कहा है ये नहीं कहा है
की चाहे जैसे भी हो इस भर्ती को करो चाहे
कितना फर्जीवाड़ा करो इसको पूरा करके लाओ
अगर दोस्तों ऐसे ही फर्जीवाड़ा होता रहा और ऐसे ही नेताओ
की झूठी दिलासा में जीते रहे तो बस इस नौकरी भूल जाये
नहीं तो आगे आइये और हिमांशु राणा भाई का साथ दीजिये
नहीं तो आपका हक़ कोई और ले जायेगा क्या ३ साल से संघर्ष
इन फर्जीवाड़ों के लिए किया था हम लोगो ने
मिला क्या ??????
बाबा जी का ........
!
!
!
!
!
!
!
!
!
!
!
!
!
!
!
!
फर्जीवाडा।
ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा भी कितना अजीब है,
ReplyDeleteशामें कटती नहीं, और साल गुज़रते चले जा रहे हैं....!!
एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी,
जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं,
और हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं।.
बिपिन
पढ़ेगा भारत तभी तो बढेगा भारत।
ReplyDeleteइश्वर से आप सब को निकट भविष्य की शुभकामनाये मांगते हुए अपन बात को समाप्त कर रहl हूँ ।।।।।
अब विदा लेता हूँ भाइयों आपका दिन शुभ हो l
Sir kafi kuchh apne bata diya .kya abhi bhi hamare vanvas ke din aur badhane vale hai? Plz reply jaroor kare.
ReplyDeletemaine B.A second year ki marksheet m sanshodhan kraya tha mujhe nyi marksheet mil gyi par purani jma nhi hui university m counciling m f.e.david lga diya pr diet valo ne meri nyi aur purani dono marksheet jma krva li h to kya verification me koi problm hogi
ReplyDeletecall me 9451725540
Deletepls anyone sortout my problm l m very worried
ReplyDeleteaap neeche diye gaye link par bana kuch search kiye meri news ko padh sakte hain.
ReplyDelete.
.
.
bas only click karna hai ya fir copy karke usko new tab bar me paste karke GO karna hai.
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=3371722033237220291&isPopup=true#form
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=6280140201996631208&isPopup=true#form
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=6786342689778432325&isPopup=true#form
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=2934184809849629150&isPopup=true
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=5546627176449341048&isPopup=true
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=1599777686212782388&isPopup=true#form
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=2385370158967699789&isPopup=true#form
https://www.blogger.com/comment.g?blogID=8638804517928235385&postID=7557103686527361657&isPopup=true#form
pls meri problm ka koi ti ans dijiy
DeletePlease muje batay ki Obc female art ki seats abi tak kitne bher chuki hai aur kaha kaha Khali hai subse jyada kaha Khali hai please batay
ReplyDelete