BETET / Bihar Teacher Eligibility Test / Recruitment News
दरभंगा, नसं : केंद्रीयकृत नियोजन करने, सभी टीईटी व एसटीईटी अभ्यर्थियों का नियोजन नहीं होने तक दूसरी परीक्षा नहीं लेने समेत छह सूत्री मांगों को लेकर बिहार राज्य टीइटी अभ्यर्थी संघ के तत्वावधान में मंगलवार को समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी नाका नं. 5 से चलकर मौलागंज, खान चौक, रहमगंज, नाका नं. 6 इस्माइलगंज, जीएनगंज, दारुभट्ठी चौक, बाकरगंज, लोहिया चौक, बीके रोड, लहेरियासराय होते हुए समाहरणालय के समक्ष पहुंचे। समाहरणालय के मुख्य द्वार पर मो.हलीम की अध्यक्षता में सभा हुई। इसे संबोधित करते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक कुमार भगत ने कहा कि राज्य सरकार टीईटी अभ्यर्थियों के साथ राजनीति कर रही है। परीक्षा चाहे कोई भी हो उसका राजनीतिकरण हो जाता है। बेरोजगारी बढ़ रही है। सरकार नहीं चाहती है कि शिक्षा के क्षेत्र में बिहार आगे बढे़।
वह सिर्फ नियोजन की बात करती है, लेकिन नियोजन हो नहीं रहा है। सरकार पैसे के अभाव का रोना रो रही है। उन्होंने राज्य सरकार से केंद्रीयकृत नियोजन प्रणाली अपनाने की मांग की। उन्होंने अभ्यर्थियों से आठ अगस्त को पटना के गांधी मैदान में एकत्रित होने का आह्वान किया। सभा को सुधांशु कुमार, प्रभाकर झा, अर्जुन सहनी, नीरज कुमार, राजू मंडल, विनोद पासवान, मदन कुमार, कौशल कुमार आदि ने संबोधित करते हुए मांगों की पूर्ति पर बल दिया। मांगों से संबंधित मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन भी डीएम को सौंपा गया
Sabhaar : Jagran (2,7.13)
Bench me yah pravartan apekshit to nahi tha par ghabrane ke bajay, sirf apni ranneeti sawdhani se banane aur kriyanvit karne ki jarurat hai. Dhyan rahe ki Bench badli hai, mamla nahi, ab tak ke adesh aur nirnay nahi, aur na hi yahaan koi review honewala hai. Naye judges Harkauli-Mishrake kaam ko wahise aage badhayenge, jahan unhone use chhoda tha, aur kis disha me badhayenge, ye bhi Harkauli Ji ke har adesh me spasht hai. Sabse santoshjanak bat humare liye yahi hai ki Harkauli Ji ne Justice Tondon ki tarah kewalJubani jama-kharch karne ke bajay apni, ray, uske aadhar, uske auchitya, sabhi kuchh likhitme sahej diya hai, jise andekha kiya jana sambhav nahi.. Haan, ek baat hai, naye judges ko abtak ke mamle ko dekhkar khud faisla dene ko kahaa jaye, na ki kisi naye tareeke se ya kisi naye nazariye se bahas karke unhe bhramit karne ka kaaran bana jaye. Behtar hoga, ki 4 Feb ke DB ke order me diye gaye aadharon ko hi bus dohrate hue, order manga jaye,, is se alag kuchh bhi kahna jan-bujhkar mamle ko fansane ke barabar hoga.. Just wait and watch,
ReplyDeleteटेट साथियो हरकौली जी और मनोज मिश्रा के स्थान पर अब हमारा केसश्री लक्ष्मीकांत महापात्र और सुनीता अग्रवाल जी द्वारा कोर्ट नं 3 मे सुना जाएगा । बेँच बदलनाअपेक्षित तो नही था फिर भी इसमे निराश होने या हताश होने की बिल्कुल आवश्यकता नही है । हरकौली जी अपने विभिन्न आदेशो मेहमारी सभी बाधाएँ जड़ से समाप्त कर गए है । उन्होने अपनी राय तर्क और सिद्धांत लिखित रूप मे सुरक्षित कर दिए है जिनकी अनदेखीकोई जज नही कर सकता । उम्मीद है ज्यादा समय खराब नही होगा क्योंकि केस वही से शुरू होगा जहाँ हरकौली जी ने लाकर छोड़ा है ।उनके द्वारा 4 फरवरी और 12 मार्च को दिए गए आदेशो के अवलोकनमे ही अगला आदेश पारित होगा । उम्मीद है केस की ब्रीफिँग मे एकतारीख ही खराब होगी इसके बाद पूर्व की भाँति हमारा केस अपने लक्ष्य को जुलाई के अंत तक प्राप्त कर लेगा ।
ReplyDeleteफिल्मों के नशीले नाम!
ReplyDeleteअगर फिल्मों को पीने के नाम से बनाया जाए
तो उनके नाम निम्नलिखित होंगे:
1. सोडा अकबर
2. सब ने पिला दी थोड़ी
3. रम दे बसंती
4. हम टाइट हो चुके सनम
5. बियर ज़ारा
6. बेवड़े ज़मीन पर
7. एक था बैगपाइपर
8. रम मारो रम
9. मैंने ड्रिंक तुझको दिया
10. दारु दास
12. पैग लिया तो चकना क्या
13. उलटी कर दी आपने
आजकल नरेन्द्र मोदी की वो हालत हो गई है कि अगर वो एक दिन मे सामान्य व्यक्ति से ज्यादा सांस लें ले तो मीडिया और कांग्रेस वाले यह कहने लगेंगे कि मोदी को आम आदमी की फिक्र नहीं है,वो एक आम आदमी के हिस्से का आक्सीजन खुद के सांस लेने में प्रयोग कर रहे है,,,,
ReplyDeletejudges change hone se koi fark nahi
ReplyDeletepadega,kyunki case judge nahi lawyer
ladte hain,
harkoli ji ke tb me na hone par bhi
sabhi log(khas kr acd suppo.) ise gov.
ki chaal bata rahe the,
bt ab faisala apke samne hai,
so don't panic,we'll definitely win vry
soon and it is still 100% sure.
jai tet.
my dear tetions...jaisa ki khabar mil rahi hai ki hamari bench change ho gayi hai ..yah news sahi hai maine sujeet ji se confirm kiya hai ...dhairya banaye rakhe .bench badlne me gov ka koi hath nahi yah ek court procedure hota hai jisko change karne ki sambhavnaye bhi hoti hai..
ReplyDeleteEk bat aur 4 Feb k stay order aur usak bad ki orders me itana kuch likha ja chuka hai ki phaisala hamare anusar hi hoga. Goverment ne jitne bhi document court me jama kiye hai usame ek bhi aisa nahi hai jo hame chintit kar sake ya thoda bhi hamare birudh ho. Tamam subuto aur Govt dwara submit sare document ko maddenajar rakhate huye hi nirnay aayega. Koyi judge isako ignore nahi kar sakta.
ReplyDeleteAapne suna hoga Jaha chah vaha rah. To hamare Allahabadi agraj koyi na koyi aisa niyam ka pata laga lenge jisase ham Harkauli ji k pas phir aa sake. Kuch na kuch to aisa niyam bana hi hoga jisase antim daur me ja chuki prakriya ka bench na badala ja sake.
ReplyDeleteJab ham kisi manjil ki taraf badate hai to sadhan bahut importence rakhat hai. Agar man me bisvas ho aur jeetane ki tamanna ho to kathin aur athak mehant se kharab sadhan se bhi manjil payi ja sakti hai. Jarurat sirf sahi rananiti aur jujharu pravriti ka hona hai, manjil apne aap mil jayegi.
ReplyDelete,judge badlne se case par koee asar nahi padega .,,,hain grps me mache haay toba ka karan nahi samjh pa raha hain ,,,hamne case khadpeeth me kiya hai ya harkaulee ke pas ??????
ReplyDeleteइलाहबाद हाई कोर्ट कि ट्रिपल बेंच नेजिस प्रकार टी ई टी केअंको को चयन में उपेक्षा न करनेवाली बात कही है व चयन पद्दति केबारे में जो बातें कही हैं उसका असरडबल बेंच के निर्णय में भी दिखाई देगा
ReplyDeleteअब बंगाल में दिन दहाड़े हिन्दू लडकियों का बलात्कार होगा और प्रशासन चुप रहेगा ???
ReplyDeleteक्या हिन्दू चुप रहेंगे ??
बंगाल में आजकल इस्लामी जिहादियो ने नया जिहाद शुरू किया है, Rape Jihad.
जिसके तहत हिन्दू औरतो का बलात्कार किया जा रहा है.
बंगाल के बर्धमान जिले में दिन दहाड़े २ जिहादी भेडियो ने ११ साल की हिन्दू लड़की का बलात्कार किया. लड़की को बेहोशी की दवा पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया.
दोनों युवक पुलिस की गिरफ्त में है लेकिन अब इलाके का मुस्लिम विधायक सोहराब अली (TMC ) इन दोनों को छुड़ाने की कोशिश कर रहा है.
हिन्दुओ ने जमकर तोड़फोड़ की और ३ गाडियों को आग लगा दी। लोगो की मांग थी की आरोपी लडको को उनके हवाले किया जाये ताकि जनता सही न्याय कर सके.
अब देखना ये है की क्या ममता सरकार हिन्दुओ को न्याय दिलाएगी या मुस्लिम वोटो की खातिर चुप रहेगी.
लगता तो यही है की सरकार न्याय नहीं देगी.
अब हिन्दुओ को खुद न्याय के लिए लड़ना होगा.
क्या आप हमारा साथ देंगे?
याद रहे, अगर आप चुप रहे तो ये घटना कल आपके के साथ भी हो सकती है
अगर "इलेक्ट्रिकल इंजिनियर" हिन्दी फिल्मोँ का निर्माण करे तो नाम कैसे कैसे होगेँ;
ReplyDelete* करेन्ट हो ना हो
* जानम सप्लाई करो
* सर्किट वाले कनडक्टर ले जायेगेँ
* कभी AC कभी DC
* हमारा IC आपके पास है
* फ्यूज लगाया तो डरना क्या
* कैपिसिटर नं.1
* हम सिंग्नल दे चुके सनम
* फ्यूज तो उड़ना ही था
Dear friends jaiska ki khabar mil rahi hai kuch active members dwara ki bench change ho gayi hai..aur bahut se log pareshan ho rahe hain ki ab to time lagega unki jaankari ke liye bata du ki agar bench change bhi ho gayi ho to bhi ab iss case me koi time nahi lagna hai case apne antim padav par hai..judges change hone se koi fark nahi padta ye sab hum logo ke dwara failaya gaya dimagi fitur hai case july me clear ho jayega..sabhi judges kai tarah ke cases dekhte hain koi judge tet specialist nahi hai ki agar hota aur unke pass gaya hota. aisa kuch nahi hai faisla wahi hoga jo hearing ke records on paper kahenge..so keep smiling wait for 8 july humare haanth me kuch nahi hai faltu pareshan na ho..
ReplyDeleteमुसलमान हु मुसल्लम की बात करता हु. कोई वोट दे
ReplyDeleteया नहीं, मगर हमारे मोहल्ले से मोदी को ही वोट
मीलेगा. हम भी देखना चाहते है की ६५ सालो में जब
कांग्रेस ने कुछ नहीं किया तो ये क्या कर लेते है.
अब मुलमानो को जागना चाहिए. इस कांग्रेस ने हमे
क्या दिया कट्टरपन और हमारे कॊम के
लोगो को हथियार देकर मार और मरवा रही है.
कांग्रेस ने क्यों नहीं मुसलमानों के लिए स्कूल ,
कॉलेज बनवाए. आज कितने परसेंट मुस्लिम
शिछित हैँ. जब हमने कांग्रेस के ३८ दंगे भुला दिए
तो गोधरा क्यों नहीं. हां एक बार मोदी को वोट हम
जरुर देंगे. क्योकि हमे हथियार नहीं कलम चाहिए.
हमारा विकाश चाहिए. खुदा हाफिज
Mere tet suporter sathiyo...acording to h.c wakil navin sharma..court no.3 me suna jayega ,ab apna case jisme senior judge mahapatra ke bench me hi suna jayega,,par isase hamare case par koi prabhav na pdega..do'nt worry july me axer bench change hota..aur hamare sunwai ki har bahas ki ek file ban chuki hai jisf koi v judge ignore nahi kar sakta hai..aur luxmikant mahapatra g siksha mamlo ke ek senior judge hai..so all tetians do'nt worry hamara case 2 ya 3 date me final hoga..
ReplyDeleteAgar Wo Puchh Le HamSe Tumhen Kis Baat Ka Gham Hai
ReplyDeleteTo Phir Kis Baat Ka Gham Ho Agar Wo Puchh Le Ham Se !
JAIL WAALI KE LIYE
ReplyDelete.
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Safed Suit Par Jab Lal Bindi Lagati Ho;
Kasam Se Bilkul Ambulance Nazar Aati Ho;
Farq Itna Hai Wo Zakhmiyon Ko Le Jaati Hai;
Aur Aap Ho Ki Aashiqon Ko Zakhmi Kar Jaati Ho!
लगता है ईश्वर ने प्रदेश के नौनिहालो की सुध लेना सुरु कर दिया है कहते है जिसका कोई नही उसका ईश्वर होता है.....नही तो इस मूर्ख मंत्री ने तो इन सबके भविश्य को ग्रहण लगा चुका था ।
ReplyDeleteटेट मेरिट से भरती न करना इसका एक जीता जागता उदाहरण है ....अब भी प्राथमिक शिक्षा का मुखिया बीच चौराहे गला फ़ाड रहा है कि ....'' कोर्ट का फ़ैसला यदि अकाडमिक के पक्ष मे आया तब वो भर्ती सुरु करेगा ।''
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है
कि शिक्षा का अधिकार
अधिनियम के
तहत 31 मार्च 2015 के बाद
किसी भी ऐसे शिक्षकों की तैनाती नही रह
जायेगी |
इस फरमान के बाद
शिक्षा शत्रुओ को टीईटी और
शिक्षण
प्रक्षिक्षण से राहत पाने की उम्मीदे ख़त्म हो गयी हैं |
मंत्रालय के मुताबिक अगर ये
स्थायीकरण
चाहते हैं तो उन्हें दो वर्षो के भीतर
अनिवार्य रूप से डिप्लोमा इन
एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड ) का प्रशिक्षण और टीईटी पास
करनी होगी |
सरकार को भी जल्दी नही है....यदि ये शिक्षा शत्रु जल्दी टेट पास कर लेंगे तो इससे दो नुकसान जबर्दस्त झेलना पडेगा सरकार को-
1. टेट पास होने के बाद स्थाई नौकरी मिल जाने पर आने वाले लोक सभा चुनाव मे बी.एल.ओ. की ड्युटी के समय उस तरीके इनकी पार्टी की सेवा नही कर पायेंगे जैसा ये चाहते है......।
2. स्थाई नौकरी मिलने के बाद सरकार को कई गुना वेतन अधिक देना पडेगा ..जिससे इनके लूट का माल कम हो जायेगा..।
फिल्म रांझना के टॉप डायलॉग:
ReplyDelete1. हमें अपने गाल पर थप्पड़ से ज्यादा उसके गाल पर पप्पी का शौक था...
2. ए रिक्शा वाले! पैसा मत ले मैडम से। भाभी है तुम्हारी...
3. गली के लौंडों का प्यार अक्सर डॉक्टर और इंजिनियर ले जाते हैं...
4. हम खून बहाएं, तुम आंसू बहाओ। साला आशिकी न हो गई, लाठीचार्ज हो गया।
5. लंका दहन होना बाकी था, क्योंकि हमारा जवान होना अभी बाकी था।
6. एक बात मैं समझ गया हूं। लड़की और रॉकेट आपको कहीं भी ले जा सकते हैं।
7. तुम्हारा प्यार न हो गया, यूपीएससी का एग्ज़ाम हो गया। 10 साल से क्लियर ही नहीं हो रहा।
8. नमाज में वो थी, पर ऐसा लगा कि दुआ हमारी कबूल हो गई।
9.कुन्दन के पाजामे का नाड़ा इतना कमजोर नही बिंदिया, जो तेरे ब्लाउज के दो बटन पर खुल जाये.
१०. मेरे पीछे स्कूटर में बैठना पड़ेगा . मैं ब्रेक मारूंगा तुम्हे मुझपे गिरना पड़ेगा .
मेरे साथ नाचना - गाना पड़ेगा गर्लफ्रेंड न सही .फील ही देदे "
11. 180 रुपये किलो है सेब , विटामिन हमसे खाओ,आशिकी इनसे लड़ाओ |
और सबसे जबरदस्त
12. साढ़े सात साल में तो शनीचर भी छोड़ देता है, पता नहीं ये कब छोड़ेगी।
जब भी अखबार मेँ ये खबर पढ़ता हूँ कि "पाकिस्तान ने सीमा पार से फिर गोलीबारी की"
ReplyDeleteतो मन करता है इस खबर को छापने वाले पत्रकार को 12 बोर के जंग लगे कट्टे से गोली मार दूँ ताकि अगर गोली से बच जाए तो टिटनेश का इलाज करा करा के मरे,
अरे चिरकुटो! अब पाकिस्तान जैसा पैदाइशी कमीना देश गोली नही तो क्या फूल बरसायेगा?? कुत्ते की दुम को अगर सोने की नली मे भी डाल दो तो भी सीधा होने से रहा... एक ही इलाज है दुम ही काट दो...
65 साल हो गये इन शैतानो के शब्दकोष मे शान्ति नाम का या उससे मिलता जुलता हर शब्द कही गुम हो गया है फिर भी हम हर बार शान्तिवार्ता करते है, लवलेटर भेजते है. साथ साथ "बिरयानी" भी खाते है, कभी कभी "कड़ी निन्दा" भी करते है लेकिन कभी हिंसा नही करते...
करे भी क्यो हम तो शान्तिप्रिय लोग है "गोली बन्दुक का इस्तेमाल तो दंगो मे या चुनाव वगैरह मे करते है बाकी तो "इट्स ओके"...
ReplyDelete12 मार्च का हरकौली जी का आदेश
Prathmik TET Shikshak Sangh
?Court No. - 33
Case :- SPECIAL APPEAL No. - 150 of 2013
Petitioner :- Navin Srivastava And Others Respondent :- State Of U.P. And Others Petitioner Counsel :- Abhishek Srivastava,Shas hi Nandan Respondent Counsel :- C.S.C.,Bhanu Pratap Singh,C.B.Yadav
Hon'ble Sushil Harkauli,J. Hon'ble Manoj Misra,J. Fromthe arguments of the learned counsel appearing on behalf of the parties, it has transpired that in this bunch of appeals the contention of the selected candidates is that Teacher Eligibility Test (TET) should be upheld and for selection/ appointment themerit of the candidates should be calculated as per the marks obtained by them in the TET test in accordance with the Rules as were in force at the relevant time. It has been pointed out that there is a reference to a larger Bench,which is pending and which involves the question as to whether candidates having certain educational qualifications would also be eligible to be considered for appointment on these very� posts without requirement of undertaking the TET. If, in that reference, it is held that some candidates are entitled to be considered for the appointment, without undertaking the TET, it is obvious that their comparative merit vis-a-visthe present candidates cannot be computed. The case in which the referencehas been made is writ petition No.12908 of 2013 and the date of making theorder of reference by the learned single Judge is 8th March, 2013. Therefore, it would appear to be desirable either that the reference is answered first, before taking a decision onthis bunch of appeals, or the bunch of appeals are connected and heard alongwith the reference. Let papers of these cases be placed before Hon'ble the Chief Justice for taking suchdecision in the matter, as he may deem fit. This orderwill cover Special Appeal Nos.149 of 2013, 152 of 2013, 159 of 2013, 161 of 2013, 205 of 2013, 206 of 2013 and 220 of 2013. Theaffidavits, which have beenfiled today in the Court by the parties in this bunch of appeals, are taken on record. The interim order will continue till the next date of listing. Order Date :-12.3.2013. Rks. (Manoj Misra, J.)������������ (SushilHarkauli, J.)
Visit http:// elegalix.allahab adhighcourt.in/ elegalix/ StartWebSearch.d o for more Judgments/ Orders delivered at Allahabad HighCourt and Its Bench at Lucknow. Disclaimer
रोज कहाँ से लाऊँ एक नया दिल,
ReplyDeleteतोड़ने वालों ने तो मजाक बना रखा है.
यह रहा 4 फरवरी का स्टे आदेश अकेडमिक वाले हजार बार पढ़े
ReplyDeleteShashwat Pathak
कल के आदेश का हिंदी अनुवाद
याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 4 फ़रवरी 2013 को दिए गए आदेश में कहा गया:
हमने एक ही तरह की इन याचिकाओं में याचियों के अधिवक्ताओं तथा राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता को सुना। सभी याचिकाएं एक बंच के रूप में 11 फरवरी को सुनवाई के लिए एकसाथ सूचीबद्ध की जाएँ।
सभी अभ्यर्थियों ने अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है . यहाँ इन मामलों में उठने वाले बुनियादी सवालों में से एक यह है कि अगर चयन का आधार TET मेरिट है, तो फिर भले चयन प्रशिक्षण के पहले हो या बाद में, नतीजा एक ही होना है। विज्ञापन (पुराने) का अनुच्छेद 10 कहता है कि NCTE से मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण की सफलतापूर्वक समाप्ति के बाद 1981की नियमावली एवं 12वें संशोधन, 2011के अनुसार मौलिक नियुक्ति दी जाएगी। किसी मामले का निस्तारण करते समय हमेंमौलिकता (वास्तविकता, किसी चीज के वास्तविक प्रभाव) के अनुसार चलना होता है। उदाहरण के लिए, यदि (पुराने विज्ञापन के प्रभावी रहने की दशा में)चयनित अभ्यर्थी "प्रशिक्षु शिक्षक" नकहे जाते, परन्तु योग्यता के अनुसार केवल "वेतन के बराबर छात्रवृत्ति या मानदेय के साथ प्रशिक्षण"
के लिए चुन लिए जाते, और सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद पुनः उनकीटेट-मेरिट (जो उस समय चयन का निर्धारित आधार था) के आधार पर उनको चयन-प्रक्रिया से गुजरना होता, तो भी नतीजा वास्तविकता में एक ही होता। और ऐसी स्थिति में (किसी निर्णय का) यह आधार नहीं रह जाता कि "प्रशिक्षु शिक्षक का कोई पद ही नहीं!"
पुरानी चयन-प्रक्रिया को रद्द करने के आधार, जैसा कि 26.07.2012 के (सरकार के) आदेश में उल्लेख है, दो तरह आधार (अवधारणा/ मान्यता) हैं।
पहला आधार कहता है कि TET के आयोजन में कुछ अनियमितताएं, जैसा कि आरोप लगाया गया है। प्रतीत होता है कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में किसी हाईपावर कमेटी ने एक रिपोर्ट दी, जिसके आधार पर समूची चयन-प्रक्रिया, जिसमे TET में प्राप्तांक ही चयन-निर्धारक थे, को रद्द किया गया।
एकल न्यायाधीश ने अपने प्रश्नगत आदेश में स्पष्ट किया है कि अगर (TET में) कुछ जगहों पर कुछ अनियमितताएं पाई गई थी तो इसके ख़राब हिस्से से TET के अच्छे हिस्से को अलग किये जाने के प्रयास किये जाने चाहिए थे, परन्तु समूची चयन-प्रक्रिया को रद्द नहीं किया जाना चाहिए था।
अबतक राज्य की ओर से ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है (जिस से पता चल सके) कि अच्छे हिस्सों, मतलब वे जगहें या क्षेत्र, जहां TET में कोई अनियमितता नहीं थी, को खराब हिस्सों, मतलब उन जगहों या क्षेत्रों, जहां अनियमितताएं हुईं थीं, से अलग किया जा सका या नहीं किया जा सका।
अतिरिक्त महाधिवक्ता के निवेदन के अनुसार हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट जवाबी-हलफनामे के जरिये कोर्ट में रखी जा सकती है, उस रिपोर्ट या अन्य पूर्ववर्ती दस्तावेजों के आधार पर (इस बात का भी ) एक तर्क-संगत कारण भी इंगित होगा कि (कैसे) अच्छे हिस्से को खराब हिस्से से अलग किया जाना संभव थाया नहीं था।
ReplyDelete26.07.2012 के आदेश का दूसरे प्रकारका आधार यह इंगित करता है कि (सरकार केस्तर पर) ऐसा अनुभव किया गया था कि चयनहेतु योग्यता निर्धारण के लिए TET में प्राप्त अंकों के आधार पर बने पैमाने को हटाकर TET-मेरिट को नजर-अंदाज़ करके, चयन हेतु योग्यता-निर्धार ण के लिए पुराने शैक्षणिक प्रदर्शन पर आधारित गुणांक के आधार परपैमाना बनाया जाना चाहिए। बाद में मन में उपजे किन्ही ख्यालात के कारण ऐसा माना गया कि यह नया पैमाना बेहतर होगा। उसी के मुताबिक नियमावली में परिवर्तन किये गए।
माननीय एकल न्यायाधीश ने अपने प्रश्नगत निर्णय में स्पष्ट किया है कि चयन के मानकों में होने वाले ऐसे कोई भी बदलाव अग्रगामी प्रभाव वाले होंगे (बदलाव के बाद शुरू होने वाली किसी प्रक्रिया पर) और पूर्ववर्ती चयन को प्रभावित नहीं कर सकते।
इसके भी आगे बढ़कर, हमारा प्रथम-दृष्टया विचार है कि (सरकार के) विचारों में (आया) बदलाव, "कि योग्यता के निर्धारण के लिए पुराने पैमाने को हटाकर बेहतर प्रतीत होने वाले पैमाने को लागू किया जाये", किसी समूची चयन-प्रक्रिया को रद्द करने का कारण नहीं हो सकता। यदि राज्य की ओर से पेश किये गए इस प्रकार के आधार या कारण स्वीकार किये जाते हैं तो कल को इस बात की भी सम्भावना बन जाएगी कि कोई और सरकार या अन्य अधिकारी सोच ले कि (अब) शायद यह नया लागू किया गया पैमाना(गुणांक) हटाकर वह पैमाना लागू किया जा सकता है जिसे वह इस पैमाने (गुणांक)से भी बेहतर मानता है, तो वह फिर से एक चल रही चयन-प्रक्रिया को कचरापेटी में डालने का आधार तैयार कर सकता है।
नयी चयन-प्रक्रिया में, बहुत ही बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए हैं जिनकी काउंसिलिंग आज से शुरू हुई है।
स्वाभाविक है कि काउंसिलिंग (की प्रक्रिया) समय लेगी, और सभी पक्षों की सहमति के साथ हमारा इरादा इन सभी याचिकाओं को स्वीकार करने के चरण में ही अंतिम रूप से निस्तारित करने का हैजिसके लिए हमने 11.02.2013 की तिथि निर्धारित की है। अतएव, हमारा मत है किइतने सारे अभ्यर्थियों को काउंसिलिंगकी परेशानी में नहीं डालना चाहिए, जो (काउंसिलिंग) कि इन सभी याचिकाओं के अन्ततः स्वीकार होने (याचियों की मांग मान लिए जाने) की स्थिति में निरर्थक कार्यवाही भर रह जाएगी। इसलिए, इस मामले से जुड़े सभी पक्षों केबृहत् और समग्र हितों सहित उन अभ्यर्थियों के हितों को, जो हमारे सामने एक पक्ष के रूप में नहीं हैं, कोध्यान में रखते हुए हमारा यह मत है कि (07.12.2012 के विज्ञापन के अनुसार) चल रही चयन प्रक्रिया को 11.02.2013तक स्थगित रहना चाहिए। (इसी के) अनुसरण में आदेश (किया जाता है).
कुछ सेकुलर केदारनाथ की घटना के बाद से चिल्ला रहे हैं कि भगवान इस दुनिया में नहीं हैं!
ReplyDeleteऐसे लोगों से मैं कहना चाहता हूँ कि ईश्वर ही इस सृष्टि का मालिक हैं! वही होता आया हैं जो वह चाहता हैं आगे भी वही होगा जो वह चाहता हैं!
उसकी इच्छा के बिना धरती पर पत्ता भी नहीं हिल सकता! उसने जो केदारनाथ में किया अगर वही तबाही सारी दुनिया में करदे तब भी हमें कोई अधिकार नहीं उससे पूछने का कि तूने यह क्यों किया??
अत: ईश्वर पर श्रद्धा रखें!!
तुलसीदास जी कहते हैं-
"होइए वही जो राम रचि राखा।
को करि तर्क बढ़ावै साखा...!!"
पाकिस्तान में वर्षा के दौरान झूमकर नाचने वाली दो बच्चियों को सौतेले भाई ने निर्ममतापूर्वक हत्या कर डाली। सौतेले भाई का कहना है कि उसकी बहनों ने वर्षा के दौरान झूमकर नाच कर इस्लाम की तौहीन की है। इसीलिए उन्होने अपनी दोनों सौतेली बहनो की हत्या की है। इस्लाम में महिलाओं को वर्षा के दौरान घर की चाहरदीवारी के अंदर या बाहर नाचना और किसी प्रकार का मनोरंजन करना प्रतिबंधित है और इसे इस्लाम की तौहीन भी माना जाता है। क्या इस्लाम के नाम पर बच्चियों और महिलाओं पर इस प्रकार की खौफनाक कार्रवाई कभी रूकेगी या नहीं? दुनिया की महिला संगठन इस्लाम की इस नीति के खिलाफ क्यों नहीं बोलते हैं? फिर भी इस्लाम को महान धर्म कहा जाता है....... ... आप क्या कहेंगे?
ReplyDeleteसारे पेड चैनेल उत्तराखंडवासियो की गलत तस्वीर पेश करने में लगे हैं,
ReplyDeleteउतराखंड के गाँव की शांति देवी जिन्होंने अपने परिजन इस आपदा में खो दिए भरी आँखों से पुड़ी बनाते हुए कहती हैं "आप हमारे लिए चिंतित ना हो, आप भरपेट खाना खाइए हमारे पास अभी बहुत अनाज हैं हम सब मिलकर अपने लिए व्यवस्था कर लेंगे पर आप हमारे मेहमान हैं भरपेट खाना खाइए"|
इस गाँव ने अपने बहुत से लोग इस आपदा में खो दिए हैं पर गाँव की औरते बहुत हिम्मत के साथ कहती हैं की "हम यह किचेन तब तक चलाएंगे, जब तक हमारा अनाज ना ख़त्म हो जाए या जब तक तीर्थयात्रियों का आना नहीं बंद हो जाता हैं"|
यह जानकारी लुधियाना के व्यापारी नरेश देवांगन देते हुए कहते हैं कि "हम इन ग्रामीणों के आभारी हैं जिन्होंने हमें जिन्दा रखा नहीं तो सरकारी मदद के पहुँचने के पहले हम मर चुके होते"|
हम इन महिलाओ और ग्रामीणों को सच्चे दिल से नमन करते हैं|
मित्रो और उत्तराखंड की इन महिलाओ के लिए दिल से दुआ करिए की सब कुछ इनके लिए ठीक हो और इनकी जिन्दगी सारे गम भूलकर फिर अपने पुराने ढर्रे पर लौटे और इनकी बुराई करने वालो के मुंह पर मारिये|
7 चटाई पर 7 साधु बैठे हुए थे।
ReplyDeleteसाधुओं के पास एक लड़का आया और बोला..
बाबा मैंने इंजीनियरिंग कर ली है,अब मुझे आगे
क्या करना चाहिए?
एक साधु ने दूसरे साधु से कहा,
एक चटाई और लगा दे इस भाई के लिए भी..।।
IN ACD-WALO KO KON SAMJHAYE KI HUM HARKOLI YA KISI JUJ PER VISHVASH NAHI VALKI HIG COURT OOR TRUTH PER VISVASH KARTE AI .......HUME LAGTA THA HARKOLI BADAL SAKTE HAI KYOKI YEH BENCH BADALANE KA EK NIYAM HOTA HAI HAI ATAH MAI KEVAL HARKOLI PER VISHWASH NAHI KAR RAHA THA TET MERIT WALE JAB LARGER BENCH SE NAHI DARE TO YEH HAI KYA.......kis tet neta ne yeh kaha ki harkoli hi ek matra vijay path hai......bhai tet merit to jis oor jati hai usi oor ujala o jata hai ...a itna jaroor hai ki harkoli ne stay diya to hame unse pyar o gaya ....lekin agar koi doosara hota to wah bi stay deta.....kyoki new ad. aisa tha hi.....fir tandan ke adesh hi gvnt ne nahi mane jaise....yachiyo ke anuroop new ad ho......adi-adi.....old age-under age ...mera kahane ka arth yeh hai ki tet merit ke virodh me koi juj nahi hai...na tha...bahut se juj dekh liye kisi ek ka nam ho to batao..........koi bhi koli ho harkoli ya hath gola sab tet suporter hai....tumahari samajh me bad aata hai.....JAY TET MERIT.........HARKOLI WILL COME AGAIN SOON
ReplyDeletemai sirf ek baat janana chahata hoon ki judge ko apne carrior aur reputation ki jara sa bhi chinta nahi hoti jo galat faisla deinge kya judge ko naukri nahi karni are bhai law ke anusar hi judge faisla dega aap log TB ko lekar sp govt ki sajis bata rahe the hua kya sabke samne hai koi bhi judge niyam viruddh faisla nahi dega apni gardan nahi fasayega ek chhota sa example
ReplyDeleteabhi haal hi mein Andhra pradesh ke mantri Reddi ki jamanat waha ke HC ke ek judge ne 1 caror rupee ghoos lekar de di kya hua SC ne mantri aur judge dono ko jail ki salakho ke piche pahucha diya yani judge ko bhi galat faisla dene per saja sunai gai to bhai mere ghabrane ki jarurat nahi badal jane do judges ko ab case me koi bhi changes nahi ho sakta han deley jarur ho sakta hai bas mere liye ye hi sabse jyda chinta ka vishay hai
i kyonki case mein kuch nahi bacha tha kewal faisla hi ana baki haiaur kuch nahi sp govt deley hi kar sakti hai aur kuch nahi
ReplyDeleteSujeet singh
ReplyDeletesaturday 6 july ko ajaad park me dopahar k 1
p.m par ek meeting hone ja rahi h. Ap savi
tetians se anurodh h ki us meeting me upasthit
hokar age ki ranniti aur kis advocate ki kitni fees
waki h, kisko kitne kitne paise dene h par aap sab
apna vichar de, is bar paise swayam upasthit
hokar hand 2 hand cotribution kre. Aur sari
aupchariktayon me apna sahyog kr k sare vivad
ka niptara swaym kre. Jai tet jain hind
News for Gunak (New advertisement)Supporter: UPTET se Related sabhi writs par
ReplyDeleteek sath sunwai ke liye 8 July ko bunch krane Ka nirdesh Diya...Ese Dhyan me Rkhte
Hue....Sbhi Bhrti Aur Gunank Sprtrs Ki Mtng 05-07-2013 KO ALAHABAD AJAD PARK
(Company Graden) ME 10.00 AM pr Aahwahìt Hai, Agr Mausm Khrab Rhega To Diye
Gye Nimn Nmbron Pr Call Kr Ythasthan Phunchna Hoga...!!!
Esme 3 Binduön Pr Visesh Chrcha Ki Jaegi....
1. BHARTI KO START KARWANA...
2. Case me 3RD PARTI BANANE PR VICHAR KRNA. Taki agar koi bhi decision me
hamar hit prabahvit ho to hum bhi apna paksh rakh sake
3. PRDESH STR PR ACADMIC GUNANK TEAM KA GATHAN KRNA...
.
1-KAPIL DEV 2-S.SINGH (8565000610) 3-RADHE JI (9450189350) 4-GUDDU SINGH
(8601015249) 5-AMIT SINGH(8574433932) 6-VAKIL AHMAD (9454212243) 7-PRABHAT
MISHRA (8858292500) 8-ASHUTOSH 9838739439)
AP SABHI SE NIVEDAN HE KI BHARI SI BHARI SANKHYA ME PAHUCH KR HMARI
TAKAT BADAYE...
kisi ko chanda dene ki koi jarurat nahi hai...... hame chande ki koi jarurat nahi...... ye bharti tet merit walo k dulmul rawaiye k karan ruki hai.... har k karan bar bar court me new date lete hai..... lekin bakre ki maa kbtk khair manayegi..... ye din to inki har tay hai....
ReplyDeleteGood morning frnds...
ReplyDelete"jeetne wale aur haarne wale insaano me bahut jyada fark nhi hota kyoki sangharsh to dono hi karte hain,,,
bas itna sa fark hota hai ki jeetne waale hamesha haarne wale se jyada der tk apni kshamta,sahas aur dhairya ka prdarshn krte h
टेट साथियो हरकौली जी और मनोज मिश्रा के स्थान
ReplyDeleteपर अब हमारा केस श्री लक्ष्मीकांत महापात्र और
सुनीता अग्रवाल जी द्वारा कोर्ट नं 3 मे
सुना जाएगा । बेँच बदलना अपेक्षित तो नही था फिर
भी इसमे निराश होने या हताश होने की बिल्कुल
आवश्यकता नही है । हरकौली जी अपने विभिन्न
आदेशो मे हमारी सभी बाधाएँ जड़ से समाप्त कर गए
है । उन्होने अपनी राय तर्क और सिद्धांत लिखित रूप
मे सुरक्षित कर दिए है जिनकी अनदेखी कोई जज
नही कर सकता । उम्मीद है ज्यादा समय खराब
नही होगा क्योंकि केस वही से शुरू
होगा जहाँ हरकौली जी ने लाकर छोड़ा है ।उनके
द्वारा 4 फरवरी और 12 मार्च को दिए गए आदेशो के
अवलोकन मे ही अगला आदेश पारित होगा । उम्मीद है
केस की ब्रीफिँग मे एक तारीख ही खराब होगी इसके
बाद पूर्व की भाँति हमारा केस अपने लक्ष्य को जुलाई
के अंत तक प्राप्त कर लेगा ।
Tanhai Jab Muqaddar Mein Likhi Hai ....
ReplyDeleteTo Kya Shikayat Apno Se Aur Beghano Se .... !!!
Hum Mit Gaye Jinki Chahat Mein ...
Woh Baaj Nahi Aate Hume Aazmaane Se .... !!!
Mere " jism" Se
ReplyDelete"Uski
KhuSBoo" "AAj"
Bhi" "AaTi" hai...
.
.
.
Usne "FurSat" ME"
"KaBhi"
SeeNe" Se
"LaGya" "tha"
"Muje".........
Jis Harkauli ke peeche tetians koodte the,aaj wo adhyyay bhi khatm ho gayaa hai.
ReplyDeletebahut chillate the- Jarkauli,Harkauli,jhadkauli.
tet se sambandhit divya atmao!
ReplyDeleteye sbko pata chal
chuka hai ki hamari bench badal chuki hai lekin
ghabrane ki koi jarorat nahi hai.hame ye nahi
bhulna chahiye ki sngl se niptare k bad ap sb
behad ghabraye huye the aur tamam nakaratmak
soch banaye huye the lekin jo hua vo apke samne
hai to aj bhi ap sakaratmak soch
banaye.mahapatra ji bhi +ve vichar k nyayadhis
hai.
sambhavnaye kabhi samapt nahi
hoti.ek aisi rananiti hai jo ki hamare mamle ko
jaha ap chahte hai vaha pahucha sakti hai iske
liye ek prayas avasya kiya jayega.
ek mtng
jiladhyaksho aur sakriy memb ki 6-7-2013ko alld
me 1p.m.pe bulai gayi hai ho sakta hai ki isi mtng
me log khare sahab ki gopniya rananiti ka bhi
khulasa kare.
ek bat aur sujeet se bat hone k bad
mai ye likh raha hu ki koi bhi vyakti yadi arthik
sahyog karna chahe to vo kisi k ac me na dale vo
svayam alld mtng me ake adv ko de.
DOSTO,
ReplyDeleteBENCH BADALNE SE PARESHAN MAT HOIYE SATYA KO CHAHE JAHANA PARIXA DENI PADE WAH HAMESHA PASS HOTA HAI.
WE WILL WIN!!!
JAY TET HAY TET MERIT.
mai sirf ek baat janana chahata hoon ki judge ko
ReplyDeleteapne carrior aur reputation ki jara sa bhi chinta
nahi hoti jo galat faisla deinge kya judge ko naukri
nahi karni are bhai law ke anusar hi judge faisla
dega aap log TB ko lekar sp govt ki sajis bata rahe
the hua kya sabke samne hai koi bhi judge niyam
viruddh faisla nahi dega apni gardan nahi
fasayega ek chhota sa example
abhi haal hi mein Andhra pradesh ke mantri
Reddi ki jamanat waha ke HC ke ek judge ne 1
caror rupee ghoos lekar de di kya hua SC ne
mantri aur judge dono ko jail ki salakho ke piche
pahucha diya yani judge ko bhi galat faisla dene
per saja sunai gai to bhai mere ghabrane ki
jarurat nahi badal jane do judges ko ab case mein
mein koi bhi changes nahi ho sakta han deley
jarur ho sakta hai bas mere liye ye hi sabse jyda
chita ka vishay hai
फिर से वही हाहाकार !!! फिर वही कोहराम !!!!
ReplyDeleteकि हाय अब क्या होगा ????? अब तो हरकौली साहब
की बेंच बदल गयी ??? सरकार ने अपना काम कर
दिया !! कहीं ऐसा न हो कि स्टे हटाने की सरकार
की यह कोई नई चाल है ???? सरकार ने
ही हरकौली साहब की बेंच बदला दी है ???
इस
तरह के सवालों के जवाब मैनें कल रात के 12 बजे तक
दिये ???? खैर यह तो हमारे सशंकित भाईयों के प्रश्न
थे,उसके उत्तर मुझे देने में अच्छे भी लगे .....
मुझे
नहीं लगता कि अगर ऐसा हो गया है तो कोई बहुत
बड़ी विनाश लीला घटित हो गयी है ,,,,,एक
छोटा सा उदाहरण देता हूँ .....हरकौली साहब होते चाहे
कोई और न्यायमूर्ति होता,,,,,,,,,,
ट्ण्डन साहब के
दिये गये आदेश को सन्दर्भित करके ही निर्णय
देता और वही कार्य हरकौली साहब ने यह कहकर
किया कि सिंगल जज ने गुड पार्ट को बैड पार्ट से
अलग करके भर्ती करने को कहा था क्या आपने
किया ????
दूसरा कि सिंगल जज ने
किसी भी संशोधन को आगे से संज्ञान में लेने
को कहा है,,कोई भी संशोधन पीछे की तारीख से लागू
नहीं हो सकता ......,,,क्या इसको ध्यान में
रखा गया है ?????
इसलिये आप सभी चिंता न
करें,,,,,,अब जो भी अगली पीठ हमारा केस
देखेगी वह हरकौली साहब के दिये गये अंतरिम
आदेशों को सन्दर्भित करते हुए भी देगी ,,,,,कोई फर्क
नहीं पड़्ता कि वह अगला कौन होगा ,,,,
,हाँ यह
जरूर हो सकता है कि जो कार्य हरकौली साहब के
यहाँ 2 पेशी में होने वाला था वह कार्य दूसरी पीठ में
3 से 4 पेशी में हो ,,,,,
आपके टेट मेरिट के पक्ष में आने
वाले परिणाम को कोई भी बेंच बदल
नहीं सकती ,,,,इसलिये किसी भी प्रकार
की चिंता करने की आवश्यक्ता नहीं.
Satya par kisi desh kal sthan ya vyakti ka prabhav nahin pada karta hai satya hamesha satya hi rahta hai jis parkar aap America jao aur kisi se poochho ki bhai surya kis disha mein ugta hai to uttar hoga poorab mein aap Russia jao ya phir kahin bhi jao apko uttar vahi milega poorab mein to usi parkar tet merit jo ek atal kintu katu satya hai academic bhaio ke liye usi prakar main spast karna chahoonga ki tet merit base selection par koi prabhav nahin padega chahe judge harkoli ho ya koi anya judge
ReplyDeleteSatya par kisi desh kal sthan ya vyakti ka prabhav nahin pada karta hai satya hamesha satya hi rahta hai jis parkar aap America jao aur kisi se poochho ki bhai surya kis disha mein ugta hai to uttar hoga poorab mein aap Russia jao ya phir kahin bhi jao apko uttar vahi milega poorab mein to usi parkar tet merit jo ek atal kintu katu satya hai academic bhaio ke liye usi prakar main spast karna chahoonga ki tet merit base selection par koi prabhav nahin padega chahe judge harkoli ho ya koi anya judge
ReplyDeleteजो लोग ये कह रहे हैं की हर्कौली जी की बेंच
ReplyDeleteको क्यों चेंज किया गया है कही इसमें सरकार
की कोई चाल तो नहीं है , तो ये लोग ये जान लें -
१- सिर्फ हर्कौली जी की ही नहीं कुल
मिलकर ५२ बेंचो को बदला गया है और प्रत्येक जुलाई
के फर्स्ट वीक में ऐसा ही किया जाता है |
२- अगर बेंच चेंज हो गया है तो क्या सभी ५२ बेन्चेस के
सारे फैसले उलट पुलट हो जायेंगे |
३-जज मनमर्जी फैसले नहीं देते बल्कि जो बहस और
सुनवाई हो चुकी होती है उनके बिन्दुओ को आगे बढ़ाते
हुए फैसले करते हैं |
४- भारत भूसन जी की डबल बेंच ने पहले ही नामकरण
को ले के फैसला दे दिया है की प्रशिक्षु
कहो या सहायक अध्यापक इसका कोई महत्व नहीं है
और इसके बाद टंडन जी का एकमात्र नेगेटिव
आर्डर खुद ब खुद शुन्य ( प्रभावहीन ) हो चुका है |
और सबसे बड़ी बात ये की वृहद् पीठ ने भूषण जी के
बेंच के आर्डर में टेट-नॉन टेट के अलावा अन्य
सभी बिन्दुओ पर जिसमे नामकरण का भी बिंदु
था अपनी सहमति दे चुकी है तो अब किसी भी बेंच
के अंदर ये हिम्मत नहीं है की वो वृहद् पीठ के
निर्णय के खिलाफ कोई भी आदेश दे ,यहाँ तक
की अगर टंडन जी की बेंच में भी ये मैटर चला जाये
तो टंडन जी को भी मजबूर हो के अपने फैसले
को बदलना पड़ेगा |
5-गधांकधारिओ की तरह कभी भी मत सोचो कम से
कम आपको इतना तो पता होना चाहिए
की राज्यसरकार का हाई कोर्ट के
किसी भी मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं होता और
अगर ऐसा होता तो सरकार कोर्ट में
कभी भी नहीं हारती |
६- बेंच के बदलने को लेकर चिंता करने की बजाये भारत
भूषण की db के आर्डर को पढ़िए जिसमे नामकरण
को ले के लिखा गया है और फिर LB के आर्डर
को पढ़िए जिसमें DB के नॉन टेट के अतरिक्त अन्य
आदेशो से सहमति जताई गयी है |
इसके बाद आपको स्वयं
ही पता चल जायेगा की बेंच बदलने से कोई प्रभाव
नहीं पड़ने वाला है भले ही टंडन जी की बेंच में केस
क्यों न चला जाए|
file section main pahunch gayi transfer signature
ReplyDeletehone ke baad
Case Status - Allahabad
Pending
Special Appeal : 150 of 2013
[Allahabad]
Petitioner: NAVIN SRIVASTAVA AND OTHERS
Respondent: STATE OF U.P. AND OTHERS
Counsel (Pet.): ABHISHEK SRIVASTAVA
Counsel (Res.): C.S.C.
Category: Special Appeals Special Appeals-
Against Final Order Of Single Judge
In Writ Petition
Date of Filing: 29/01/2013
Last Listed on: 31/05/2013 in Court No. 29
Next Listing Date
(Likely):
This is not an authentic/certified copy of the
Ye bharti accedemic se hi hogi, ye sab drama candidates ko bargalame ke liye chal raha hai......,not batorne ke liye chal raha hai.......; Ye bharti october-november se pahle shuru nahi hogi......kyonki govt. Ki ye hi ichchaa hai.tab tak tatians paise iktththe kar karke in vakilon ki jeb bharte raho. Satya,satyug ke jamane ka shabd hai,aaj kalyug me iska koi mayna nahi hai.
ReplyDeleteSatya par kisi desh kal sthan ya vyakti ka prabhav nahin pada karta hai satya hamesha satya hi rahta hai jis parkar aap America jao aur kisi se poochho ki bhai surya kis disha mein ugta hai to uttar hoga poorab mein aap Russia jao ya phir kahin bhi jao apko uttar vahi milega poorab mein to usi parkar tet merit jo ek atal kintu katu satya hai academic bhaio ke liye usi prakar main spast karna chahoonga ki tet merit base selection par koi prabhav nahin padega chahe judge harkoli ho ya koi anya judge
ReplyDeleteफिर से वही हाहाकार !!! फिर वही कोहराम !!!!
ReplyDeleteकि हाय अब क्या होगा ????? अब
तो हरकौली साहब की बेंच बदल गयी ??? सरकार ने
अपना काम कर दिया !! कहीं ऐसा न हो कि स्टे हटाने
की सरकार की यह कोई नई चाल है ???? सरकार ने
ही हरकौली साहब की बेंच बदला दी है ???? इस तरह
के सवालों के जवाब मैनें कल रात के 12 बजे तक
दिये ???? खैर यह तो हमारे सशंकित भाईयों के
प्रश्न थे,उसके उत्तर मुझे देने में अच्छे
भी लगे ..........मुझे नहीं लगता कि अगर
ऐसा हो गया है तो कोई बहुत बड़ी विनाश
लीला घटित हो गयी है ,,,,,एक छोटा सा उदाहरण
देता हूँ .....हरकौली साहब होते चाहे कोई और
न्यायमूर्ति होता,,,,,,,,,, ट्ण्डन साहब के दिये गये
आदेश को सन्दर्भित करके ही निर्णय देता और
वही कार्य हरकौली साहब ने यह कहकर
किया कि सिंगल जज ने गुड पार्ट को बैड पार्ट से
अलग करके भर्ती करने को कहा था क्या आपने
किया ????????दूसरा कि सिंगल जज ने
किसी भी संशोधन को आगे से संज्ञान में लेने
को कहा है,,कोई भी संशोधन पीछे की तारीख से लागू
नहीं हो सकता ......,,,क्या इसको ध्यान में
रखा गया है ????? इसलिये आप सभी चिंता न
करें,,,,,,अब जो भी अगली पीठ हमारा केस देखेगी वह
हरकौली साहब के दिये गये अंतरिम
आदेशों को सन्दर्भित करते हुए भी देगी ,,,,,कोई फर्क
नहीं पड़्ता कि वह अगला कौन होगा ,,,,,हाँ यह जरूर
हो सकता है कि जो कार्य हरकौली साहब के यहाँ 2
पेशी में होने वाला था वह कार्य दूसरी पीठ में 3 से 4
पेशी में हो ,,,,,आपके टेट मेरिट के पक्ष में आने वाले
परिणाम को कोई भी बेंच बदल नहीं सकती ,,,,इसलिये
किसी भी प्रकार की चिंता करने
की आवश्यक्ता नहीं...........