UPTET / टीईटी / TET - Teacher Eligibility Test Updates / Teacher Recruitment News
लखनऊ। उर्दू शिक्षक भर्ती में अदीब व मुंशी मौलवी को हाईस्कूल के समकक्ष मानने से इन्कार किए जाने से उलमा नाराज हैं। उनका कहना है कि उर्दू शिक्षक भर्ती में टीईटी पास अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया से बाहर किया जा रहा है। जबकि उनके पास यूपी मदरसा शिक्षा परिषद से जारी मुंशी मौलवी व आलिम का प्रमाण पत्र है। उनसे हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का प्रमाण पत्र यूपी बोर्ड का मांगा जा रहा है। ये बातें रविवार को गुफरानमॉब इमामबाड़े में मौलाना सैयद मुस्तफा हुसैन नकवी असीफ जायसी ने कहीं। उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री आदि से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक इंसाफ नहीं मिला है। जल्द ही प्रदेशभर के मुंशी मौलवी आलिम व अदीब माहिर एकजुट होकर राजधानी में प्रदर्शन करेंगे। इसकी जल्द घोषणा की जाएगी।
News Sabhaar : Amar Ujala (03.02.2014)
TMNBN sir aap ka bahut dhanyavad . Aap ke dvara di gai jankariya hamare liye bahut labha dayak hoti h.
ReplyDeleteSir humai date kab tak milegi.
Shri mulayam singh yadav ko 72825 ki satyeta ko swikar karna hi hoga.
ReplyDeleteMaurya ji namaskar!
ReplyDeleteAisa kuchh bhi nhi mila jo hm logo ne suna hai.So aap maje se supper lijiye aur samosa bda swadist tha.
Spreme court ki detail h mere pass kisi ko jarurat ho to call kare.
ReplyDeleteSLP में उठाये मुद्दों से यह स्पष्ट दिख रहा है कि सरकार SC में 15th संशोधन की बहाली के लिए ना लड़कर वेटेज के लिए लड़ेगी और DB के 30-11-11 के विज्ञापन को 31 मार्च 2014 तक तार्किक परिणति तक पहुँचाने के आदेश पर स्थगन लेने का प्रयास करेगी.........
ReplyDeleteटेट संघर्ष मोर्चा सरकार को स्थगन ना लेने देने के लिए लडेगा,,,
ReplyDeleteयदि सरकार को स्टे नहीं मिलता है तो उसे 12वें संशोधन के रद्दीकरण के आदेश को वापस लेना होगा जिसके साथ ही टेट मेरिट से नियुक्ति का नियम बेसिक शिक्षा नियमावली में पुनर्स्थापित हो जाएगा और old ad बहाल हो जाएगा लेकिन उसकी फीस वापसी के बाद फार्मों का डाटा नष्ट हो जाने की समस्या (जो कि सचिव द्वारा बी एस ए की ओर से जारी विज्ञप्ति की समस्या से बचने के लिए एक बहाना मात्र है) के निदान के लिए 30-11-11 की निरंतरता में एक और विज्ञापन आयेगा,,,यदि उस विज्ञापन को पूर्व की भांति सचिव द्वारा ही जारी किया जाना होगा तो नियमावली में संशोधन करके प्रावधान करना होगा कि सचिव द्वारा समस्त BSA की ओर से जारी केंद्रीयकृत विज्ञापन का विधिक प्रभाव BSA द्वारा जारी विज्ञापन के समान ही होगा......
और मैं भी लडूंगा निम्न उद्देश्यों के लिए...
ReplyDelete1-टेट मोर्चे के उद्देश्य पूर्ति में आ रही किसी प्रकार की विधिक अड़चन(जिसका जिक्र कुछ जिम्मेदार साथियों से कल की मीटिंग में किया था) के निदान के लिए......
2- अचार संहिता और समय सीमा की अड़चन हमारी नियुक्ति में बाधा ना बने इसका इंतजाम करने के लिए SC के संरक्षण में भर्ती कराने की अपील करूँगा !
ReplyDelete3-भर्ती में हुई देरी के दोषियों की तलाश और उनको दण्डित करवाकर उनका घर नीलाम करवाना.....
ReplyDelete4-NCTE की गाइडलाइन को BTC ट्रेनिंग में चयन में भी लागू करवाना जिससे उसमे भी टेट मेरिट से ही चयन हो,,,इसके लिए टेट देने की योग्यता स्नातक करनी होगी या BTC में भी प्रतियोगी परीक्षा के आधार पर चयन हो......
ReplyDelete5- retrospective effect से चयन प्रक्रिया बदलने के असंवैधानिक प्रयास के कारण तनख्वाह के हर्जाने के रूप में तत्कालीन बेसिक शिक्षा सचिव अनिल संत, जावेद उस्मानी और कपिलदेव यादव पर हुए जुर्माने की राशि उन साथियों के परिवारों के परिवारों में वितरित कर दी जाए जो आज हमारे बीच नहीं रहे.....
ReplyDeleteईश्वर ने चाहा तो आपकी चयन प्रक्रिया इसी माह में शुरू हो जायेगी.......
_____________धन्यवाद
असली या नकली? नोट के बारे में जानें 8 बातें
ReplyDelete22 जनवरी 2014 को रिजर्व बैंक की जारी विज्ञप्ति ने हलचल मचा दी है। इसके अनुसार, साल 2005 से पहले के नोटों को चलन से बाहर करने की योजना है। इस कदम को लोग अलग-अलग तरह से देख रहे हैं, लेकिन आरबीआई 2005 के बाद जोड़े गए सेफ्टी स्टैंडर्ड को ध्यान में रख कर ही इस कदम को उठाने की बात कर रही है। पूर्व बैंक अधिकारी सुरेश कुमार चावला बता रहे हैं इन मानकों के मायने :
1-वॉटर मार्क
ReplyDeleteमौजूदा सीरीज के नोटों के लेफ्ट साइड पर महात्मा गांधी का हल्का शेडेड वॉटर मार्क है। इस वॉटर मार्क में अलग-अलग दिशाओं में जाने वाली लाइनें हैं और अंकों में नोट का मूल्य लिखा है।
2-रजिस्ट्रेशन
ReplyDeleteवॉटर मार्क के बिल्कुल लेफ्ट में फ्लोरल प्रिंट है। नोट में बैक-टु-बैक दो फूल हैं। यह सामने से खाली और पीछे से भरा हुआ है। इस डिजाइन को रोशनी के सामने रख कर देखा जा सकता है।
3-पहचान चिह्न
ReplyDelete20 रुपये और उससे अधिक मूल्य के नोटों पर फ्लोरल प्रिंट के ठीक नीचे एक पहचान चिह्न होता है। 20 रुपये में सीधा रेक्टैंगल, 50 रुपये में एक स्क्वायर, 100 रुपये में एक ट्राएंगल, 500 रुपये पर गोल और 1000 रुपये के नोट पर डायमंड की शक्ल में होता है।
4-उभरा हुआ प्रिंट
ReplyDelete20 रुपये और उससे अधिक मूल्य के नोटों पर फ्लोरल प्रिंट, अशोक स्तंभ, पहचान चिह्न, रिजर्व बैंक की गारंटी, मूल्य अदा करने का वचन, रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर, नोट का मूल्य, महात्मा गांधी का चित्र और रिजर्व बैंक की सील उभरे प्रिंट में हैं।
5-रंग बदलने वाली इंक
ReplyDelete500 रुपये और 1000 रुपये के मूल्य के नोटों पर मूल्य रंग बदले वाली इंक (ऑप्टिकल वैरिएबल इंक) से लिखा है। जब नोट को सीधा पकड़ते हैं तो हरा और थोड़ा तिरछा करने पर देखा जाए तो नीला रंग नजर आता है।
6-पढ़ा जाने वाला सिक्युरिटी थ्रेड
ReplyDeleteअक्टूबर 2000 से 1000 रुपये के नोटों पर विंडो सिक्युरिटी तार है, जिस पर बारी-बारी से भारत-आरबीआई-1000 पढ़ा जा सकता है। यह शब्द पूरी तरह से खुदे (एंबेडेड) हुए हैं। ऐसा ही तार 500 और 100 रुपये के नोटों में भी है और इन पर भारत और आरबीआई छपा है, जबकि 5 से 50 रुपये के नोटों के तार पर केवल भारत छपा है। ये तार ठीक महात्मा गांधी के चित्र के लेफ्ट साइड में होता है।
7-लेटेंट इमेज या निहित चित्र
ReplyDelete20 रुपये से 1000 रुपये तक के नोटों में महात्मा गांधी के चित्र के ठीक पीछे नोटों को सीधा पकड़ने पर मूल्य का चित्र बना दिखता है।
8-माइक्रोलेटरिंग या बारीक अक्षर
ReplyDeleteये फीचर नोट के उल्टी तरफ महात्मा गांधी के चित्र के वर्टिकल बैंड के बीच है। 5 रुपये और 10 रुपये में आरबीआई लिखा है और 20 रुपये से अधिक मूल्य के नोटों पर बारीक अक्षरों में उनका मूल्य लिखा है। इसे केवल मैग्नीफाइंग ग्लास से ही देखा जा सकता है।
नोट: इन तथ्यों के आधार पर हम असली और नकली नोटों की पहचान कर सकते हैं। हालांकि रिजर्व बैंक की तरफ से कोई गाइडलाइन तो नहीं है लेकिन इतना ध्यान रखें कि जिन नोटों में न पढ़ी जा सकने वाली सुरक्षा तार और पिछली साइड के ठीक नीचे सन न लिखा हो, उनको 1 जुलाई 2014 से पहले जरूर बदल लें। घबराएं नहीं, ऐसे नोटों की वैल्यू खत्म नहीं होने वाली। यह कदम भले ही आरबीआई ने उठाया हो, लेकिन इसमे सेफ्टी आपकी की ही है।
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किसी की दुआ भी दिल में नश्तर चुभा जाती है, ये मुझे तब पता चला__!!
जब उन्होंने अपनी दुआओं में,
मेरे लिए ,
खुद से बेहतर ही
कोई मांग लिया__!!
प्रिय टेट मेरिट सपोर्टर साथियोँ को मेरा सादर प्रणाम् ।
ReplyDeleteप्रिय टेट साथियोँ हमारे वकीलोँ का चयन तथा उनकी सँख्या अन्तिम चरण मेँ पहुँच चुकी है और इस सप्ताह हमारे केस की सुनवाई की तारीख भी निर्धारित होने की पूरी सम्भावना है । तारीख निश्चित होते ही हमेँ अपने वकीलोँ की फीस देनी होगी ।
आप भगवान से क्या माँगते हैं, और ईश्वर आपको क्या देता है!
ReplyDelete.
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(i) यदि आप भगवान से शक्ति माँगते हैं, तो वह आपको कठिनाई में
डाल देता है, ताकि आपकी हिम्मत बढ़े और आप
शक्तिशाली बनें।
(ii) यदि आप भगवान से बुद्धि माँगते हैं, तो वह आपको उलझन मे
डाल देता है, ताकि आप उसे सुलझा सकें और बुद्धिमान हो सकें।
(iii) यदि आप भगवान से समृद्धि माँगते हैं, तो वह आपको समझ प्रदान करता है, ताकि आप श्रम करें, और
आपकी समृद्धि हो सकें।
(iv) यदि आप भगवान से प्यार माँगते हैं, तो वह
आपको दुखी लोगों के बीच खड़ा कर देता है, ताकि आपके हाथ मदद के लिए आगे बढ़े, और आप प्यार करना सीख सकेँ।
> भगवान आपको वह नहीं देता जो आप माँगते हैं, बल्कि वह वो देता है , जिसकी आपको जरूरत है !
यानी जो आपको चाहिए।
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इसलिए ईश्वर की रज़ा में खुश रहें
वो कभी हमारा बुरा नही करेगा,
वशर्ते हम भी किसी का बुरा ना चाहेँ न करेँ ।
नमस्कार
ReplyDeleteभर्ती सपोर्टरों ,
अकैडमिक सपोर्टरों व टेट मेरिट सपोर्टरों ----
31 मार्च 2014 के मनहूश डेड लाइन से डरने वाले कान खोलकर सुन लो कि ये 72825 PRT. भर्ती 31 मार्च 2014 के बाद पुरे शान से पूरी होगी ॥ NCTE. में इतनी कहाँ औकात जो इसे रोक दे ॥ ये 72825 लोगों के आखिरी भविष्य का सवाल है नाकि सिर्फ 2000-4000 लोगों का ॥
अकैडमिक मेरिट का समूचा सर्वनाश तय है जिस पर हाई कोर्ट के बाद अंतिम मुहर सुप्रीम कोर्ट मारेगा ॥ अकैडमिक वाले भाईलोग इससे अच्छा मौका नहीं पाएंगे चंदे इकठ्ठा करके लूटने का और अपने बैंक बैलेंस को सुधारने का ,, तो लूट लो अकैडमिक वालों चंदे अपने अकैडमिक भाइयों से ,,, गांव - गांव , गली-गली ,,खेत-खेत ,,खलिहान - खलिहान ढूँढ - ढूँढ कर अपने अकैडमिक भाइयों से अकैडमिक मेरिट के नाम पर रसीद काट लो 500-1000 रुपयों के ,, क्यूंकि सुप्रीम कोर्ट तुमलोगों के लिए ये आखिरी मौका दे रही है ?? लूट सके तो लूट वर्ना मौका जायेगा छूट ॥
ReplyDeleteराम नाम की लुट है लुट सके तो .........
nakalchio high school aur inter mediate me bahut nakal kia ho ..tet ko bhee badnam kia ho..
ReplyDeletenakalchio high school aur inter mediate me bahut nakal kia ho ..tet ko bhee badnam kia ho..
ReplyDeleteटेट मेरिट की जीत 10000 % सुनिश्चित व सर्वविदित है ,, और ये भर्ती सरकार के सीने को रौंदकर टेट मेरिट से पूरे शान और जश्न के साथ पूरी होगी जिसे देखकर असत्य रूपी अकैडमिक भाई लोगों के प्राण निकल जायेंगे और कुछ ऐसे - तैसे बच भी गए तो उनका स्थान मेंटल हॉस्पिटल होगा जहाँ वो अपनी बाकी की जिंदगी सुख चैन से गुजार सकते हैं ॥ और हाँ अपनी सरकार से मदद जरुर मांग लें ताकि हॉस्पिटल का खर्च आसानी से निकाल सके ॥
ReplyDeleteभर्ती टेट मेरिट से पूरी होने के साथ ही सरकार की भी मनोदशा उस छोटे बच्चे जैसी हो जायेगी जो क्रोध में नंगे होकर लोटने लगता है ,ठीक उसी तरह ये सरकार भी नाचेगी ताता थैया , नाच ॥
ReplyDeleteऔर टेट मेरिट वाले बीन बजायेंगे और सरकार उसकी धुन पे नंगी नाचेगी ॥
ये अकैडमिक मेरिट जीतेगी तो कैसे ,,कोई कारण ही नहीं है क्यूंकि मायावती ने ऐसा प्रबंध कर दिया है कि इनका सर्वनाश उस खूंखार नागिन के जैसा होगा जिसके फन को लोग थुर थुर कर कुचल देते हैं ताकि अपने अस्तित्व को वह दुबारा पहचान ही ना पाये और सदा सदा के लिए अमर हो जाये ॥
ReplyDeleteठीक उसी तरह अकैडमिक मेरिट सरकार के साथ सदा-सदा के लिए जा रही है --टेट मेरिट के उदय से ॥ बड़े बेवकूफ हैं ये अकैडमिक वाले जो बोलते हैं गला फाड़ फाड़ कर कि चंदे दो हम SC. से जीत जायेंगे भाई कैसे जीतोगे ,,कैसे ??
सिर्फ इस बात के कहने से कि टेट एक "पात्रता परीक्षा" है ,,, हा हा हा ,,अरे मूर्खों यदि टेट सिर्फ पात्रता ही होती तो फिर NCTE. ये क्यूँ बोलती कि अपने "टेट स्कोर" को दुबारा ,तिबारा जितने चाहो उतने बार टेट की परीक्षा में बैठकर सुधारा जा सकता है ॥ जब पात्रता ही है तो फिर इतनी बार सुधारने की क्या जरुरत है सिर्फ एक ही टेट परीक्षा काफी नहीं है अगले 5 सालों के लिए ॥ NCTE. की यही बात बोलती है कि टेट एक "आवश्यक अर्हता परीक्षा है " ,, जिसके मार्क्स को चयन में जरुर जोड़ा जाना चाहिए ॥ मीन्स वेटेज देना चाहिए ॥ अब 100 % देदो वेटेज तो इसमें कोई मना कैसे कर सकता है ,,, तुम्हारी सुप्रीम कोर्ट मना करेगी ??
ReplyDeleteअकैडमिक वालों इसीलिए टेट मेरिट और 12 वाँ संशोधन अजेय है और दलाल सरकार का 15 वाँ संसोधन रद्द है ,, और इस 15 वें संसोधन को सुप्रीम कोर्ट भी पूर्णतया रद्द कर देगी ॥
ReplyDeleteऔर इस 15 वें संशोधन द्वारा पूर्ण और चल रही भर्तियों का क्या करेगी ,,, हे हे हे हे ,,,ऊपर वाला ही जाने ॥
_____________ बोले तो अकैडमिक मेरिट फुल्ली सफाचट विथ सपा ॥
tet virodhio..aisa karo apni tet ki marks sheet..ko..barbad kar do ..tabhi tumhari bharti acd se ho paygi..jab tak tum tet ki marks sheet rakhoge..tab tak harte rahoge..sc me dikha do ki tum tet pariccha per viswas nahi karte ho eslia tet marks sheet ko dust me fek dia hai
ReplyDeleteश्बाबा . . . . . . जी
ReplyDeleteठीक
कहा
आपने
समुद्री आओडीन युक्त नमक कभी ना खाये ! पूरी post जरूर पढ़ें !
ReplyDelete_____________________________________________________
पहले तो आप ये जान लीजिये कि नमक के मुख्य कितने प्रकार होते हैं !!
एक होता है समुद्री नमक दूसरा होता है सेंधा नमक (rock slat) !!
ये जो समुद्री नमक है आयुर्वेद के अनुसार ये तो अपने आप मे ही बहुत खतरनाक है ! आज से कुछ वर्ष पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था सब सेंधा नमक ही खाते थे ! मात्र 2,3 रूपये किलो मे सब जगह मिल जाया करता था !
फिर अचानक से ऐसा क्या हुआ की लोग आओडीन युक्त समुद्री नमक खाने लगे ??
हुआ ये कि जब ग्लोबलाईसेशन के बाद बहुत सी विदेशी कंपनियो(अनपूर्णा,कैपटन कुक ) ने नमक बेचना शुरू किया तब ये सारा खेल शुरू हुआ ! अब समझिए खेल क्या था ?? खेल ये था कि विदेशी कंपनियो को नमक बेचना है और बहुत मोटा लाभ कमाना है और लूट मचानी है तो पूरे भारत मे एक नई बात फैलाई गई कि आओडीन युक्त नामक खाओ ,आओडीन युक्त नमक खाओ ! आप सबको आओडीन की कमी हो गई है ! ये सेहत के लिए बहुत अच्छा है आदि आदि बातें पूरे देश मे प्रायोजित ढंग से फैलाई गई !! और जो नमक किसी जमाने मे 2 से 3 रूपये किलो मे बिकता था ! उसकी जगह आओडीन नमक के नाम पर सीधा भाव पहुँच गया 8 रूपये प्रति किलो ! और आज तो 12 रूपये को भी पार कर गया है !
ReplyDeleteएक बार राजीव भाई ने किसी MP के माध्यम से संसद मे सवाल पुछवाया कि पूरे देश मे आओडीन की कमी से जितनी बीमारियाँ आती है जैसे घेंघा ! उसके मरीज कितने है ? पूरे देश मे ! तो सरकार की तरफ से उत्तर आया कि भारत मे कुल जितनी बीमारियो के कुल मरीज है उसमे से सिर्फ 0.3 % घेंघा के मरीज है ! और वो भी कहाँ है भारत मे पर्वतीय इलाके मे जहां भारत की सबसे कम आबादी रहती है ! ऐसे ही राजीव भाई ने एक बार सरकार को पत्र लिखा की मुझे उन मरीजो की सूची चाहिए जिनको आओडीन की कमी से घेंगा हुआ ! सूची कभी नहीं आई !!
ReplyDeleteअब जो सबसे अजीब बात है वो ये कि आओडीन हर नमक मे होता है बिना आओडीन का कोई नमक नहीं होता है !! अब आप कहेंगे फिर इस समुद्री नमक से क्या परेशानी है ??
ReplyDeleteएक तो जैसा हमने ऊपर बताया कि आयुर्वेद के अनुसार समुद्री नमक अपने आप मे ही बहुत खतरनाक है इसके अतिरिक्त कंपनियाँ इसमे अतिरिक्त आओडीन डाल रही है !! अब आओडीन भी दो तरह का होता है एक तो भगवान का बनाया हुआ जो पहले से नमक मे होता है ! दूसरा होता है industrial iodine ! ये बहुत ही खतरनाक है ! तो समुद्री नमक जो पहले से ही खतरनाक है उसमे कंपनिया अतिरिक्त industrial iodine डाल को पूरे देश को बेच रही है ! जिससे बहुत सी गंभीर बीमरिया हम लोगो को आ रही है ! ये नमक मानव द्वारा फ़ैक्टरियों मे निर्मित है !
ReplyDeleteआम तौर से उपयोग मे लाये जाने वाले समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप (high BP ) ,डाइबिटीज़,आदि गंभीर बीमारियो का भी कारण बनता है । इसका एक कारण ये है कि ये नमक अम्लीय (acidic) होता है ! जिससे रक्त अम्लता बढ़ती है और रक्त अमलता बढ्ने से ये सब 48 रोग आते है ! ये नमक पानी कभी पूरी तरह नहीं घुलता हीरे (diamond ) की तरह चमकता रहता है इसी प्रकार शरीर के अंदर जाकर भी नहीं घुलता और अंत इसी प्रकार किडनी से भी नहीं निकल पाता और पथरी का भी कारण बनता है ! और ये नमक नपुंसकता और लकवा (paralysis ) का बहुत बड़ा कारण है ! श्री राजीव बताते है कि उन्होने कितने मरीज जो नपुंसक थे उनको समुद्री नमक छोड़ने को कहा और सेंधा नमक का प्रयोग करने को कहा मात्र 1 वर्ष मे उनकी समस्या का हल हो गया !
ReplyDeleteऐसे ही एक बार राजीव भाई के गुरु थे जिनका नाम था प्रोफेसर धर्मपाल जी ! उनको एक बार लकवे (paralysis) का अटैक आ गया !! उनकी आवाज तक चली गई और हाथ पैर एक जगह रुक गए उनके बाकी शिष्य धर्मपाल जी को अस्पताल ले गए वहाँ डाक्टरों से भी कुछ नहीं हुआ तो डाक्टरों उनके हाथ पैर बांध दिये ! राजीव भाई को जैसे ही खबर मिली राजीव वहाँ पहुंचे और उनको वहाँ से उठा कर घर ले आए ! और उनकी दो होमेओपेथी दवाइयाँ देना शुरू की ! मात्र 3 दिन मे उनकी आवाज वापिस आ गई ! और एक सप्ताह बाद वो ऐसे दिखने लगे कि मानो कभी अटैक ही ना आया हो !
ReplyDeleteतो राजीव भाई बताते है कि मैंने होमेओपेथी मे उस दवा को दिया जो सेंधा नमक ना खाने से शरीर मे आने वाली कमियो को पूरा करती है !! इसकी जगह अगर सेंधा नमक वाला भी पिलाता तो वो ठीक हो जाते लेकिन उनकी हालत ऐसे थी की मात्र दवा की बूंध ही अंदर जा सकती थी तो राजीव भाई ने वो पिलाया और धर्मपाल जी ठीक हुये !!
कुल मिलकर कहने का अर्थ यही है कि आप इस अतिरिक्त आओडीन युक्त समुद्री नमक खाना छोड़िए और उसकी जगह सेंधा नमक खाइये !! सिर्फ आयोडीन के चक्कर में समुद्री नमक खाना समझदारी नहीं है, क्योंकि जैसा हमने ऊपर बताया आओडीन हर नमक मे होता है सेंधा नमक मे भी आओडीन होता है बस फर्क इतना है इस सेंधा नमक मे प्राकृतिक के द्वारा भगवान द्वारा बनाया आओडीन होता है इसके इलावा आओडीन हमें आलू, अरवी के साथ-साथ हरी सब्जियों से भी मिल जाता है।
ReplyDeleteसेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप और बहुत ही गंभीर बीमारियों पर नियन्त्रण रहता है ।! क्योंकि ये अम्लीय नहीं ये क्षारीय है (alkaline ) !! क्षारीय चीज जब अमल मे मिलती है तो वो न्यूटल हो जाता है ! और रक्त अमलता खत्म होते ही शरीर के 48 रोग ठीक हो जाते हैं ! ये नामक शरीर मे पूरी तरह से घुलनशील है ! और सेंधा नमक की शुद्धता के कारण आप एक और बात से पहचान सकते हैं कि उपवास ,व्रत मे सब सेंधा नमक ही खाते है ! तो आप सोचिए जो समुंदरी नमक आपके उपवास को अपवित्र कर सकता है वो आपके शरीर के लिए कैसे लाभकारी हो सकता है ??
ReplyDeleteइसके अतिरिक्त सेंधा नमक शरीर मे 97 पोषक तत्वो की कमी को पूरा करता है ! इन पोषक तत्वो की कमी ना पूरी होने के कारण ही लकवे (paralysis ) का अटैक आने का सबसे बढ़ा जोखिम होता है ! जबकि समुद्री नमक से सिर्फ शरीर को 4 पोषक तत्व मिलते है ! और बीमारिया जरूर साथ मे मिल जाती है ! राजीव भाई तो यहाँ तक कहते है कि अगर आपके 2 बच्चे है तो एक बच्चे को 11 साल तक समुद्री नमक पर पाल के देखो और दूसरे को सेंधा नमक पर !! उनके शारीरिक और मानसिक परिवर्तन देख आपको खुद पर खुद अंदाजा हो जाएगा ! कि ये समुद्री नमक कितना हानिकारक है और सेंधा कितना फायदेमंद !
ReplyDeleteदुनिया के 56 देशों ने अतिरिक्त आओडीन युक्त नमक 40 साल पहले ban कर दिया अमेरिका मे नहीं है जर्मनी मे नहीं है फ्रांस मे नहीं ,डेन्मार्क मे नहीं , यही बेचा जा रहा है डेन्मार्क की सरकार ने 1956 मे आओडीन युक्त नमक बैन कर दिया क्यों ?? उनकी सरकार ने कहा हमने मे आओडीन युक्त नमक खिलाया !(1940 से 1956 तक ) अधिकांश लोग नपुंसक हो गए ! जनसंख्या इतनी कम हो गई कि देश के खत्म होने का खतरा हो गया ! उनके वैज्ञानिको ने कहा कि आओडीन युक्त नमक बंद करवाओ तो उन्होने बैन लगाया !
ReplyDeleteऔर शुरू के दिनो मे जब हमारे देश मे ये आयोडीन का खेल शुरू हुआ इस देश के बेशर्म नेताओ ने कानून बना दिया कि बिना आओडीन युक्त नमक बिक नहीं सकता भारत मे !! वो कुछ समय पूर्व किसी ने कोर्ट मे मुकदमा दाखिल किया और ये बैन हटाया गया !
ReplyDeleteअंत आपके मन मे एक और सवाल आ सकता है कि ये सेंधा नमक बनता कैसे है ??
ReplyDeleteतो उत्तर ये है कि सेंधा नमक बनता नहीं है पहले से ही बना बनाया है !! पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को 'सेंधा नमक' या 'सैन्धव नमक' ,लाहोरी नमक आदि आदि नाम से जाना जाता है ! जिसका मतलब है 'सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ'। वहाँ नमक के बड़े बड़े पहाड़ है सुरंगे है !! वहाँ से ये नमक आता है ! मोटे मोटे टुकड़ो मे होता है आजकल पीसा हुआ भी आने लगा है यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है । इससे पाचक रस बढ़्ते हैं।
तों अंत आप ये समुद्री नमक के चक्कर से बाहर निकले ! काला नमक ,सेंधा नमक प्रयोग करे !! क्यूंकि ये प्रकर्ति का बनाया है ईश्वर का बनाया हुआ है !! और सदैव याद रखे इंसान जरूर शैतान हो सकता है लेकिन भगवान कभी शैतान नहीं होता !!
ReplyDelete7 Feb Rose Day
ReplyDelete8 Feb Propose Day
9 Feb Chocolate Day
10 Feb Teddy Day
11 Feb Promise Day
12 Feb Kiss Day
13 Feb Hug Day
14 Feb VALENTINES DAY
15 Feb Slap Day
16 Feb Kick Day
17 Feb Perfume Day
18 Feb Flirting Day
19 Feb Confession Day
20 Feb Missing Day
21 Feb Break Up —
143+ I +LOVE+ YOU
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if u ignored, next 5 years badluck..!