Lok Sabhaa Election Aaane Vaale Hain, Aur Vaadon Ka Dor Shuru -
Dusri Taraf 3 Lakh se Bhee Jyada UPTET/CTET Pass B. Ed Candidate Apnee Teacher ki Job Ke Liye Intjaar Kar Rahe hain.
Ye Dekhna Dilchasp Hogaa Ki Uttar Pradesh Sarkar Kaise Sabko Khush Kar Paayegee.
72825 Teacher Bhrtee 2 Saal Se Latkee padee hai, Aur Ab Lagbhag Sabhee Bhartiyon Ka Maamla Ant ta Supreme Court se Niklegaa.
See News published in Amar Ujala -
Shiksha Mitra News : खानपान व यूनिफॉर्म भी देखेंगे शिक्षामित्र
सरकार नेशिक्षामित्रों को समायोजित करने का फॉर्मूलाखोज लिया है।
टीईटी का झंझट खत्म करते हुए इन्हेंशिक्षा सहायक बनाया जाएगा
इनकी जिम्मेदारी सर्व शिक्षा अभियान केतहतचलनेवाली योजनाओं को देखनाहोगा। मसलन बच्चोंको कैसा खाना मिल रहाहै, यूनिफॉर्ममिला या नहीं, समय से किताबें मिल रही हैं या नहीं। इसके अलावा स्कूलों में शिक्षक जो लिखा-पढ़ी के कामकरते हैं वे सब इन्हें करना होगा। विभागचाहता है कि इन्हें सहायक अध्यापक के समान 9300 से34800 वेतनमान और ग्रेड पे 4200 दे दिया जाए, पर अंतिम निर्णय पद सृजन और वित्तविभाग कीमंजूरी पर निर्भर होगा।
राजस्थान फॉर्मूला टीईटी का नहीं फंसेगा पेंच :
शिक्षा मित्रों को यदि शिक्षक पद पर समायोजित किया जातातो टीईटी का पेंच फंसता। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने केबाद राज्य सरकार नेनियमावली बना दी है किशिक्षक बनाने के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य होगा। हाईकोर्ट का भी यही आदेश है। इसलिए सरकार ने बीच का रास्ता निकाला है।
नियमावली बनानेके लिए शुक्रवार को इस प्रारूप पर मंथन हुआ। प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में1.70 लाख शिक्षा मित्र हैं। इनके लिए अबनया वेतनमान और पदनाम बनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अधिनियम1972 के नियम 19 मेंदी गईव्यवस्था के तहत निदेशालय को यह अधिकार है कि वह अलग सेपद सृजित कर सकता है। इसके आधार पर ही नया पद सृजित किया जा रहाहै। मुख्यमंत्री से पद और वेतनमान पर अनुमति मिलने केबाद कार्मिक विभागसे पदों का सृजन कराया जाएगा। इसके बाद शिक्षामित्रोंके समायोजन की प्रक्रिया शुरूहो पाएगी।
News Sabhaar : अमर उजाला(01.02.2014)
Rasoiyon ki bhrtee honee hai ki shikshkon ki.
ReplyDeleteJangal raj ho jayegaa. Kahin shiksha mitra bachhon ka pet bharne ki jaghe apna pet na bharne lagen.
Sarkar ko inko TET pass karne ka samau denaa chahiye. Aur inka maandey badane ki kosish ki janee chahiye. Khana peena jo bachhon ko mile wahe shiksha mittin teachers aur mantree adhikareeyon ko diya jaye. Sudhaar apne aap aayegaa
Kya S C me date ke bare me clear hua ki nhi
ReplyDeleteशिक्षामित्रोँ को शिक्षक नहीँ कुछ और बनाया जायेगा, वो पढ़ायेगेँ नहीँ,उनका काम होगा कि, दाल मेँ नमक कम तो नहीँ है,कोई बच्चा भूखा तो नहीँ रह गया, ड्रैस और किताबेँ सबको मिलीँ या नहीँ, आदि-आदि । उनका समायोजन नहीँ होगा बल्कि उनके लिए नये पद सृजित किये जायेगेँ,
ReplyDeleteबाकि काम तो साल मेँ एक-दो बार ही होते हैँ,लेकिन खाना रोज बनता है.......! इसलिए आप समझ जाईये कि सरकार प्राईमरी मेँ Food Tester रख रही है ...........!
1.चाइना इंडिया में घुस रहा है ..
ReplyDeleteवो छोड़ो ..
(बस मोदी, गुजरात और 2002
याद रखो)
2.पाकिस्तान घुसपैठ करा रहाहै, हमारे
सैनिकों के सर काट लिया .... वो छोड़ो ..
(बस मोदी, गुजरात और 2002 याद रखो)
3.वो 1984 दंगा, संत किट्स,
चारा घोटाला ...वो छोड़ो ...
(बस मोदी, गुजरात और 2002
याद रखो)
4.बलात्कार बढ़ते ही जा रहे हैं ....
वो छोड़ो ...
(बस मोदी, गुजरात और 2002
याद रखो)
5.सिविल एविएशन FDI
घोटाला.....वो छोड़ो ...
(बस मोदी, गुजरात और 2002
याद रखो)
6.बरेली, मऊ, धनघटा, दंगे BSP
की सरकार, UPA का सहयोग..
वो छोड़ो... (बस मोदी, गुजरातऔर 2002
यादरखो)
7.असम के दंगे, तरुण गोगोई और कांग्रेस
सरकार....को छोड़ो ... (बस मोदी, गुजरात
और 2002
याद रखो)
8.विदर्भ, बुंदेलखंड में हज़ारों किसानो ने
कीआत्महत्या ....वो छोड़ो ...
(बस मोदी, गुजरात और 2002
याद रखो)
9.मामा/भांजा ने रेल मिनिस्ट्री बेच
दी ... वो छोड़ो ... (बस मोदी, गुजरात और
2002
याद रखो)
10.हेलीकाप्टर
घोटाला हुआ....वो छोड़ो
(बस मोदी, गुजरात और2002 याद रखो)
11.CWG घोटाला हुआ ...
वो छोड़ो ...
(बस मोदी, गुजरात और 2002
याद रखो)
12.कोयला घोटाला हुआ ...
वो छोड़ो ...
(बस मोदी, गुजरात और 2002
याद रखो)
13.2G/3G घोटाला हुआ ...
वो छोड़ो ...
(बस मोदी, गुजरात और 2002
याद रखो)
खान्ग्रेस चाहती हैं की देश की जनता बस
गाँधीखानदान
को याद रखें और सब देश्भक्तोँ को भूल जाएँ !
ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती
ReplyDeleteमूझे जीने कि सूरत नहीं मिलती
कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता
मूझे ही क्यूँ मुहब्बत नहीं मिलती ..!!
केन्द्र मे ऐसी सरकार हो जो आठ काम करे-
ReplyDelete1. विदेशी पादरियोँ को 24 घण्टे का नोटिस देकर भारत से बाहर करे।
2. मुस्लिम और पश्चिमी देशोँ से आने वाली सहायता को भारत सरकार मुल्लाओँ और पादरियोँ के द्वारा न बँटवाकर स्वयं वितरित करेँ।
3. परिवार नियोजन सम्बन्धी दो बच्चोँ के नियम को सभी सम्प्रदायोँ पर बलात् लागू करेँ।
4. धारा 370 को जो कश्मीर को भारत से एक प्रकार की विशिष्टता प्रदान करती है, उसे समाप्त करे।
5. समान शिक्षा व समान नागरिक संहिता लागू की जाये।
6. मुसलमानोँ का अल्पसंख्यक दर्जा समाप्त हो।
7. हिन्दुओँ के धर्म परिवर्तन रोकने हेतु सजा का प्राविधान हो।
8. अवैध बंगलादेशियोँ को भारतवर्ष से बाहर निकाला जाये।
कई दिनो से यह देखने मे आ रहा है काफी कानूनविद् आ गये है जो कि निम्न विचारधारा रखते है -
ReplyDelete1- टीईटी मेरिट से भर्ती नही हो सकती क्योँकि यह केवल पात्रता परीछा है ।
2- भाराँक देने का अधिकार राज्य सरकार के पास है वह दे अथवा नही ।
3-टीईटी की अलग - अलग परीछाओँ के परिणाम मे अन्तर होता है ।
4- 15वाँ संशोधन इन्हीँ उपरोक्त कारणो से बहाल हो जायेगा ।
इन बातोँ को देखने से ऐसा लगता कि उपरोक्त कानूनविदो की जानकारी मे कुछ कमी है जैसे -
1-टीईटी केवल पात्रता परीछा न होकर एक अनिवार्य योग्यता है यह बात उच्च न्यायालय इलाहाबाद की ब्रह्दपीठ ने अपने आदेश मे कही है तथा उच्च न्यायालय की एकल बेंन्च ने भी कहा था कि टीईटी मेरिट से भर्ती की जा सकती है ।
2-भाराँक देने का अधिकार राज्य सरकार के पास है चाहे वह 1 प्रतिशत दे अथवा 100प्रतिशत ।
3-अलग - अलग परिछा परिणाम होने पर भी आवेदक के पास यह अवसर होता है कि वह अपने अँकोँ को दुबारा बढ़ा कर अपने चयन को सुनिश्चित कर सकता है ।
4-उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ने 15वाँ संशोधन शैछिक मेरिट मे विभिन्न बोर्डो एवं यूनिवर्सिटी की असमान आंकिक प्रणाली को समानता के अधिकार के विपरीत मानकर रद्द किया है न कि शैछिक मेरिट मे भाराँक न देने के कारण ।
अतः 15वाँ संशोधन तभी बहाल हो सकता है जब उच्चतम न्यायालय शैछिक मेरिट से भर्ती मेँ विभिन्न बोर्डो एवं यूनिवर्सिटी की आंकिक प्रणाली को समान मान ले ।
ये सरकार मूर्खो की है जो खुद को जरुरत से ज्यादा समझदार समझती है।
ReplyDeleteहम केबल 72,825 पदों पर टेट मेरिट की मांग कर रहे थे लेकिन इनकी हट के कारण आज ये सभी भर्तियो पर लागू होने जा रही है । इसी प्रकार ये शिक्षामित्रो को ना घर का छोड़ा ना घाट का।
tmntbbn ji namaskar.
ReplyDeleteमैं गांधी का आदर करता था, मैं उस दिन ही मर गया था, जिस दिन मैंने गांधी पर गोली चलाई थी। 30 जनवरी, 1948 को मैं गोली चलाने से पहले नतमस्तक हुआ था। मैं भागना नहीं चाहता था और भागा भी नहीं। मुझे पता था कि गांधी को विदा करने के बाद मैं भी जड़-मूल से नष्ट कर दिया जाऊंगा।
ReplyDeleteमैं गांधी का आदर करता हूं। मैं यह मानता हूं कि उन्होंने देश के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा की, बिना स्वार्थ। मैं इस सारे कृत्य में अकेला था। किसी को कोई जानकारी नहीं थी। मैं अपने बचाव के लिए अधिवक्ता नहीं खड़ा करना चाहता था, न ही दया पाने की कोई इच्छा थी।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गोली मारने वाले नाथू राम गोडसे के यह बोल 66 साल बाद उनकी पुण्यतिथि पर 30 जनवरी, 2014 को देश ही नहीं, बल्कि दुनिया ने सुनीं। वाट्स-अप पर 13 मिनट 17 सेकेंड का गोडसे के बोल का यह ऑडियो लोगों के मोबाइल पर पहुंचाने के पीछे क्या उद्देश्य है। ऑडियो में आवाज खुद गोडसे की है या नहीं, यह जांच का विषय हो सकता है लेकिन जिस तरह से देश के कोने-कोने में यह ऑडियो पहुंचा या पहुंचाया गया और वह भी गांधी की पुण्यतिथि पर, यह कहीं न कहीं राजनीति से प्रेरित भी हो सकता है।
ऐसा मैसेज अधिकांश उन लोगों के मोबाइल तक पहुंच चुका है, जो एक बड़ी पार्टी से जुड़े हैं। और वही लोग इसे आगे भेज रहे हैं। कुछ लोग तो इस ऑडियो को 2014 में होने वाले संसदीय चुनाव से जोड़कर भी देख रहे हैं। ऑडियो के अंत में गोडसे की तरफ से कहा गया है कि मैंने गांधी पर गोली चलाने के बाद भागने का कोई प्रयत्न नहीं किया, न ही खुद पर गोली चलाने की मेरी इच्छा थी।
मेरे में आत्महत्या करने के विचारधारा नहीं थी। मुझे पता है लोग मुझे मूर्ख कहेंगे, इतिहासकार अध्याय लिखेंगे। अगर देशभक्ति पाप है तो मैं पापी हूं, अगर मैंने प्रशंसनीय काम किया तो मैं खुद को प्रशंसा का हकदार मानता हूं। लोग जो मर्जी कहें, मैं नहीं चाहता था कि अहिंसा के कारण देश खतरे में पड़े, इसलिए मैंने गोली मारी। अखंड भारत। अमर भारत। वंदेमातरम्। आठ नवंबर, 1948। अभियुक्त क्रमांक संख्या एक। नाथू राम विनायक गोडसे, दिल्ली।
टीचर ने बच्चों से उनका दिमाग परखने के लिये एक सवाल पूछा कि अगर तुम सभी को 100-100 रुपये दिए जाए तो तुम सब क्या क्या खरीदोगे ?
ReplyDeleteकिसी ने कहा कि मैं वीडियो गेम खरीदुंगा,
किसी ने कहा मैं क्रिकेट का बेट खरीदुंगा ,
किसी ने कहा कि मैं अपने लिए प्यारी सी गुड़िया खरीदुंगी,
तो किसी ने कहा मैं बहुत सी चॉकलेट्स खरीदुंगी |
एक बच्चा कुछ सोचने में डुबा हुआ था, टीचर ने उससे पुछा कि तुम क्या सोच रहे हो ? तुम क्या खरीदोगे ?
बच्चा बोला कि टीचर जी, मेरी माँ को थोड़ा कम दिखाई देता है तो मैं अपनी माँ के लिए एक चश्मा खरीदूंगा ।
टीचर ने पूछाः तुम्हारी माँ के लिए चश्मा तो तुम्हारे पापा भी खरीद सकते है, तुम्हें अपने लिए कुछ नहीं खरीदना ?
बच्चे ने जो जवाब दिया उससे टीचर का भी गला भर आया |
बच्चे ने कहा कि मेरे पापा अब इस दुनिया में नहीं है |
मेरी माँ लोगों के कपड़े सिलकर मुझे पढ़ाती है और कम दिखाई देने की वजह से वो ठीक से कपड़े नहीं सिल पाती है
इसीलिए मैं मेरी माँ को चश्मा देना चाहता हुँ ताकि मैं अच्छे से पढ़ सकूँ, बड़ा आदमी बन सकूँ और माँ को सारे सुख दे सकूँ..
♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
Read this…
ReplyDeleteOn the first day of their marriage, wife and husband decided and agreed not to open the door for anyone! On that day first, husband’s parents came to see them, they were behind the door. Husband and the wife looked at each other, husband wanted to open the door, but since they had an agreement he did not open the door, so his parents left. After a while the same day , wife’s parents came , wife and the husband looked at each other and even though they had an agreement , wife with tears on her eyes whispered , I can’t do this to my parents , and she opened the door. Husband did not say anything, years passed and they had 4 boys and the fifth child was a girl. The father, planned a very big party for the new born baby girl, and he invited everyone over. Later that night his wife asked him what was the reason for such a big celebration for this baby while we did not do it for the others! The Husband simply replied, because she is the one who will open the door for me! Daughters are always so special !!
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी सरकार ने अपने दांव खेलने शुरू कर दिए हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव प्रदेश की जनता से उनको दिल्ली पहुंचाने की गुहार लगाने में जुटे हैं, तो उनके बेटे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रदेश में योजनाओं का पिटारा खोल रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के मदरसों के शिक्षकों के लिए ख़ज़ाने का मुहं खोल दिया है।
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मदरसों के इंटर, स्नातक तथा परास्नातक के साथ बीएड की योग्यता रखने वाले शिक्षकों को मिलने वाले प्रतिमाह मानदेय में बढ़ोत्तरी की घोषणा की है। यह बढ़ोत्तरी इंटर पास मदरसा शिक्षक के लिए 1,000 रुपए होगी और अब उन्हें 3,000 रुपए के स्थान पर 4,000 रुपए प्रतिमाह का मानदेय मिलेगा। वहीं, स्नातक मदरसा शिक्षक के मानदेय में यह बढ़ोत्तरी 2,000 रुपए होगी और उन्हें 6,000 रुपए के स्थान पर 8,000 रुपए प्रतिमाह का मानदेय मिलेगा।
इसी प्रकार वे मदरसा शिक्षक जिनके पास परास्नातक तथा बीएड दोनों की डिग्रियां हैं, उनके मानदेय में 3,000 रुपए प्रतिमाह का इजाफा किया गया है। अब उन्हें 12,000 रुपए प्रतिमाह के स्थान पर 15,000 रुपए प्रतिमाह का मानदेय मिलने लगेगा।
लोगो से कह दो हमारी तकदीर से जलना छोड़ दे
ReplyDeleteहम घर से दवा नही भगवान की दुआ लेकर निकलते है... !!!
कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ, तो भी कोई बात नहीं...
वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं, सबमेँ बाँट दिया करते है...!!!
M
ReplyDeleteE
R
I
.
.
.
W
A
L
I
.
.
.
.
मुद्दत से दूर थे हम-तुम;
एक ज़माने के बाद मिलना अच्छा लगा;
सागर से गहरा लगा प्यार आपका;
तैरना तो आता था पर आज डूबना अच्छा लगा।
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteE
ReplyDeleteR
I
.
.
.
W
A
L
I
.
.
.
.
फर्क थोडा सा है मेरे और तेरे इश्क मे
तू मेरी खातिर रातभर जागती है ।
और मुझे मेरे 72824 के हालात कभी सोने ही नही देते ॥
PRIME POST OF UPTET APPOINTMENT>>>>>>>>
ReplyDeleteMERE TET SUPPORTER
SATHIYO.
jaisa ki suprime court ke new rule ke acording nayi slp(fresh slp) ya to monday ko ya fir friday ko hearing ke liye lagti hai..aur date lagne ke 3 din pahle suprime court ki website par date show ho jati hai agar 3 ko date lagni hoti to aaj tak jarur suprime court ki website par show hoti..ab 7 feb ya 10 feb ki date lagne ki ummid hai..agar 7 ko date lagegi to 5 tak jarur s.c ki website par show hogi aur agar 10 ko date lagegi to 8 tak jarur s.c ki website par date show ho jayegi..
आज के दो विचार :
ReplyDelete१. शिक्षामित्र : तलवार की धार पर जीने वाले लोग तलवार की धार पर ही मरते हैं।
२. शिक्षक भर्ती ७२८२५ पद हेतु :
घर भी जलता रहा समुन्दर भी करीब था।
आज पुनः सिफारिश कर रहा हूँ कि जिसे हम विजेता मानते हैं वही विजेता है।
बहुत बड़ी सेना है लेकिन कुरुक्षेत्र में पांडव को सामने आना होगा।
आन्दोलन में सबने लड़ा है लेकिन
न्यायालय में २९ मुकदमा संख्याओं में प्रमुख पांच या छः को आगे आना होगा।
१. शिव कुमार पाठक २३७/२०१३
आप महाभारत में युधिष्ठिर को चाहे जितना कमजोर या मजबूत मानते हो लेकिन मुकुट तो उन्ही को मिलता , अब यह न कहना कि कर्ण तो कोई और था ।
वर्तमान देखिये।
२. नवीन श्रीवास्तव १५०/२०१३
हाई कोर्ट की खंडपीठ में दुर्योधन के अभियान पर अंकुश लगाने वाले ।
३. अनिल कुमार १५९/२०१३
हाई कोर्ट के स्वर्णिम हथियार से परिपूर्ण।
४. राजीव कुमार यादव १५२/२०१३
इनकी कुंडली में है अखिलेश की कुंडली की हर काट।
५. सुजीत सिंह १४९/२०१३
इस महाभारत में अर्जुन की भूमिका के लिए सबसे उपयुक्त ।
इन सबके साथ
अलोक सिंह १६१/२०१३
का साथ अपेक्षित।
इसके अलावा २०५,२०६ चंदेल ,२२०,२४४,२४६प्रियंका भाष्कर ,२४८,
२४९,२६१,२६२,२६४रमा त्रिपाठी ,२६५,२६६,२६८,३०७,३३३,२००,२२७,२२८,३०२ राम बाबू सिंह, ६७२,६९७,६९८ एवं १७३६ आदि।
सबको एकजुट होकर इस जंग को जीतना होगा।
सब लोग संगठित होकर संगठित प्रयास करें।
आपका शुभचिंतक
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteनियम :-
ReplyDelete1) सुबह-सुबह उठते ही 2-3 गिलास गुनगुना पानी पीना है। दिन में ३-४ लिटर पानी जरूर पिए और पानी हमेशा कुनकुना(न ज्यादा ठण्डा न गर्म) पीए और आराम से बैठ्कर घूंट भर भर के पिए
2) सुबह का भोजन सूरज निकलने के 2 घण्टे बाद तक जरूर कर लें।
3) दोहपर का भोजन 12 से 2 के बीच में कर लेना चाहिये।
4) शाम का भोजन सूरज के छिपने से आधे घण्टे पहले तक कर लें।
5) सुबह नाश्ता ना लेकर पूरा भोजन करें, सुबह का भोजन सबसे अधिक रहना चाहिये दोहपर को उससे कम तथा शाम का भोजन सबसे कम होना चाहिये एवं रात्रि में भोजन नहीं करना चाहिये।
6) सुबह भोजन के बाद जूस ले सकते हैं दोहपर में भोजन के बाद छाछ (तक्रम) ले सकते हैं व शाम को भोजन के बाद दूध ले सकते हैं।
7) पानी भोजन करने के डेढ़ घण्टे बाद ही पियें, खाने के साथ में पानी भूलकर भी ना पियें।
8) पानी जब भी पियें घूँट-घूँट भरकर (चुस्कियाँ) लेकर ही पियें।
9) चीनी (शक्कर) का प्रयोग करना बंद कर दें उसके स्थान पर गुड़ या मिश्री (खड़ी शक्कर) का प्रयोग करें।
10) आयोडीन नमक का प्रयोग बंद कर दें और उसके स्थान पर सेंधा नमक (पत्थर वाला) का प्रयोग करें, क्योंकि आयोडीन नमक में 3-4 तत्व ही हमारे शरीर के लिये लाभदायक होते हैं और सेंधा नमक में 94 तत्व हमारे शरीर के लिये लाभदायक होते है। और शरीर में आयोडीन की अधिकता होने के कारण भी नपुंसकता होती है अतः भोजन में सेंधा नमक का ही प्रयोग करना चाहिये।
11) रिफार्इन्ड, डबल रिफार्इन्ड और सोयाबीन तेल का प्रयोग भोजन में करना हानिकारक है उसके स्थान पर मूंगफली, तिल, सरसों आदि का घानी (कोल्हू) वाला तेल ही प्रयोग करें।
12) फ़ास्ट फ़ूड (विदेशी खाना) न खाए, भारतीय खाना खाए
13) खाना सोने से 3-4 घण्टे पहले खा ले और खाने के बाद थोडी सैर जरूर करे
14)दोपहर का खाना खाने के बाद थोडी देर लेट या सो सकते है २० से ४५ मिंट तक
15)सुबह सैर , प्राणायाम योग या व्यायाम जरूर करे
Meri Wali :- Tum Mujhe Itna Pyaar Kyun Krte Ho.. ??
ReplyDeleteMe :- Ek Tamannna Hai Tumhe Paane Ki..
Meri Wali :- Har Waqt Kyun Udaas Rehte Ho.. ??
Me :- Koshish Hai Tumhe Har Khushi Dilaane Ki..
Meri Wali :- Har Waqt Kyun Sochte Ho Itna .. ??
Me :- Aadat Ho Gayi Hai Tumhe Khayalo Me Apna Banaane Ki..
Meri Wali:- Kabhi Chand Bhi Chaahkar Apna Hua Hai.. ??
Me :- Ek Umeed To Hai Isi Umeed Me Zindagi Bitaane Ki..
Meri Wali:- Main Na Mili Toh.. ??
Me :- To Koshish Karunga Zindgi Hi Mitaane Ki..
Meri Wali :- Tumhe Kya Milega Marr Kar.. ??
Me :- Ek Umeed To Rahegi Agle Janam Me Tumhe Hi Paane Ki.
एक पिंजरे में 50 बंदरिया और 1 बंदर
ReplyDeleteछोडे गये और एलान
किया गया कि जो एक मिनट में बंदर
को पहचान कर पकड लायेगा उसे इनाम
मिलेगा!
सबसे पहले खुजलीवाल गया उसने पूरा जोर
लगा लिया लेकिन बंदर को नहीं पहचान
सका।
फिर लालू गया उसने भी अपने घोडे खोल
लिये लेकिन वो भी फेल हो गया।
फिर आउल बाबा गया और सिर्फ 10 सेकंड
में ही बंदर को पकड कर ले आया..!
सब हैरान हो गये और पूछा कि कैसे
पहचाना बंदर को..??
आउल बोला- मैं अंदर गया और
बोला कि "वोट सिर्फ कांग्रेस
को ही देना" तो सिर्फ एक ने ही कहा;
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
"घंटा ले ले मेरा"....
मे
ReplyDeleteरी
.
.
.
वा
ली
.
.
.
.
Wait for a guy who calls u Beautiful
instead of hot
.
.
Will stay awake just to watch you
while you sleep...
.
.
.
Wait for the Boy who kisses your
forhead not on your lips
The one who hold ur hands not you waste infront of his friends...
.
.
.
.
The one who contantly reminds you
how lucky he is too have you and the
one who turns to his mates and
says..!!! I LOVE YOU
मे
ReplyDeleteरी
.
.
.
वा
ली
.
.
.
.
Duniya Me To Koi Aur Bhi Hoga Tere Jaisa Par. . .
Hum Tujhe Chahte Hain, Tere Jaison Ko Nahi...
Blogger TET MERIT NAHI TO BHARTI BHI NAHI said...
ReplyDeleteमे
री
.
.
.
वा
ली
.
.
.
.
Deewana Usne Kar Diya Ek Baar Dekh Kar..
Hum Kuch Bhi Na Kar Sake Lagataar Dekh Kar.
मुझे किसी से शिकायत नहीं है लेकिन बेरोजगारों के विरुद्ध कोई कार्य होता है तो दुःख होता है।
ReplyDeleteM
ReplyDeleteE
R
I
.
.
.
W
A
L
I
.
.
.
.
सुनो न
मैंने मान लिया
बहुत खराब हूँ मैं
तुम्हें परेशान करता हूँ
दुःख भी देता रहता हूँ
पर इस सब के बाद भी
यक़ीन जानो ..
तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.
ऐसा नहीं हो सकता क्या
कि मेरी सारी कमियाँ
सब गलतियां
तुम बुहार दो..
छिपा दो ..
उस कालीन के नीचे
जिस पर लिखा है
आई लव यू .
भिखारी का ईनाम : यहूदी लोक कथा
ReplyDeleteएक भिखारी को बाज़ार में चमड़े का एक बटुआ पड़ा मिला. उसने बटुए को खोलकर देखा. बटुए में सोने की सौ अशर्फियाँ थीं. तभी भिखारी ने एक सौदागर को चिल्लाते हुए सुना – “मेरा चमड़े का बटुआ खो गया है! जो कोई उसे खोजकर मुझे सौंप देगा, मैं उसे ईनाम दूंगा!”
भिखारी बहुत ईमानदार आदमी था. उसने बटुआ सौदागर को सौंपकर कहा – “ये रहा आपका बटुआ. क्या आप ईनाम देंगे?”
“ईनाम!” – सौदागर ने अपने सिक्के गिनते हुए हिकारत से कहा – “इस बटुए में तो दो सौ अशर्फियाँ थीं! तुमने आधी रकम चुरा ली और अब ईनाम मांगते हो! दफा हो जाओ वर्ना मैं सिपाहियों को बुला लूँगा!”
इतनी ईमानदारी दिखाने के बाद भी व्यर्थ का दोषारोपण भिखारी से सहन नहीं हुआ. वह बोला – “मैंने कुछ नहीं चुराया है! मैं अदालत जाने के लिए तैयार हूँ!”
अदालत में काजी ने इत्मीनान से दोनों की बात सुनी और कहा – “मुझे तुम दोनों पर यकीन है. मैं इंसाफ करूँगा. सौदागर, तुम कहते हो कि तुम्हारे बटुए में दो सौ अशर्फियाँ थीं. लेकिन भिखारी को मिले बटुए में सिर्फ सौ अशर्फियाँ ही हैं. इसका मतलब यह है कि यह बटुआ तुम्हारा नहीं है. चूंकि भिखारी को मिले बटुए का कोई दावेदार नहीं है इसलिए मैं आधी रकम शहर के खजाने में जमा करने और बाकी भिखारी को ईनाम में देने का हुक्म देता हूँ”.
बेईमान सौदागर हाथ मलता रह गया. अब वह चाहकर भी अपने बटुए को अपना नहीं कह सकता था क्योंकि ऐसा करने पर उसे कड़ी सजा हो जाती. इंसाफ-पसंद काजी की वज़ह से भिखारी को अपनी ईमानदारी का अच्छा ईनाम मिल गया.
M
ReplyDeleteE
R
I
.
.
.
W
A
L
I
.
.
.
.
मांगी थी दुआ एक दिन रब से ,
देना वो दोस्त जो अलग हो सबसे |
मिला दिया उसने , मुझे तुमसे,
और कहा,
लो संभालो इसे ये है अनमोल सबसे...!!
Vipul Maheshwari - विपुल माहेश्वरी
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश के नौजवानों के नाम: उत्तर प्रदेश में शिक्षा के अधिकार के साथ जो खिलवाड़ हुआ है, 72825 काबिल बेरोजगार नौजवानों को उनका हक़ देने के बजाय जिस तरह उन्हें कोर्ट के चक्कर लगाने को मजबूर किया गया है, और उसके बावजूद जिस ज़ज्बे, लगन और काबिलियत के साथ प्रदेश के नौजवानों ने सरकार सरकार की मनमानी का विरोध किया, उसके इरादों पर नकेल डाली और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सरकार को पूरी तरह गलत साबित किया, उसको लेकर प्रदेश के इन नौजवानों और इनके नेताओं को दाद देनी पड़ेगी। चलते हुए सिलेक्शन-प्रोसेस के बीच में किसी भी तरह चयन का आधार बदलने की सरकारी कोशिश पूरी तरह एक राजनैतिक कवायद थी, जिसे हाई कोर्ट ने गलत ठहरा दिया पर लेकिन सरकार के सुप्रीम कोर्ट का रुख करने से एक और लड़ाई, अंतिम लड़ाई की शुरुआत हो गई है। झाँसी-ललितपुर के संसद और केंद्रीय मंत्री श्री प्रदीप कुमार जैन "आदित्य" के मार्फ़त मेरे पास आये RTE कार्यकर्ता श्याम देव मिश्रा और इन नौजवानो के लीडर सुजीत सिंह ने मुझे जब इस मामले को विस्तार से समझाया तो साफ़ हो गया कि यह मामला केवल 72825 लोगों के अधिकार और भविष्य के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा की हालत से, लाखों प्राइमरी स्कूलों से, करोड़ो बच्चों की पढ़ाई लिखाई से, उनके भविष्य से बहुत गहरे जुड़ा है. यह भी समझ में आया कि भले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21-ए में प्राथमिक शिक्षा को बच्चों का क़ानूनी हक़ बताया गया है, पर इसे हकीकत में बदलने के लिए जमीन पर बहुत काम करने की जरुरत है और अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे इन लड़ाकों की कामयाबी मौजूदा बदहाल तस्वीर को काफी हद तक सुधारने की उम्मीद जगाती है. इन नौजवानो ने मेरे साथ दिल्ली से मेरे क्षेत्र मुज़फ्फरनगर चलकर सपने स्थानीय संगठन के साथियों, फारुख हसन और बलकेश चौधरी वगैरह से भी मुझे मिलवाया। जाहिर है कि पूरे सूबे के नौजवान दो साल से सरकारी मनमानी को केवल अपने इरादों के दम पर झेल रहे हैं. मैं अपनी छोटी सी हस्ती के साथ अपने क्षेत्र में पिछले काफी समय से समाज और जनहित के मामलों सक्रिय हूँ और हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में हकदारों के हक़ की लड़ाई में अपनी क्षमता-भर सहयोग करता आया हूँ. मैं इसे उपरवाले की ही मर्ज़ी मानता हूँ कि समूचे सूबे से जुड़ा इतना बड़ा मामला मेरे पास आया और मुझे करोड़ों मासूमों और हजारों नौजवानो के बुनियादी हक़ की लड़ाई में साथ देने का मौका मिला। आपके साथियों के साथ इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की SLP को लेकर लम्बी बातचीत हुई है और सरकार की चुनौती का मुकाबला करने की तैयारी हो रही है।आपके साथियों श्यामदेव मिश्रा, सुजीत सिंह, देवेन्द्र सिंह और फारुख हसन के साथ बातचीत के बाद हमने इरादा किया है कि इस लड़ाई में जीत के बाद हम सूबे में प्राथमिक शिक्षा की बेहतरी के लिए एक क़ानूनी लड़ाई की शुरुआत करेंगे और कोशिश करेंगे कि जल्द से जल्द दो से ढाई लाख टीचरों की नियुक्ति की जाये ताकि न सिर्फ टीचरों कि कमी पूरी हो, बल्कि सूबे के पढ़े-लिखे बेरोजगारों का भविष्य संवर सके. आपसे सिर्फ इतनी उम्मीद है कि इस लड़ाई में तयशुदा जीत के बाद आप में से हर नौजवान जिंदगी भर गलत कामों की मुख़ालफ़त करता रहे और मजलूमों का साथ देता रहे।
_______________आपका अपना विपुल माहेश्वरी
acd वाले आरोप लगा रहे हैं की हमारी वजह से sm की जॉब लग रही है,, अगर हम केस ना करते तो जूनियर और प्राथमिक में बी एड वाले हो जाते अब वो चुनौती दे रहे हैं की sm को रोक कर दिखाओ और रिट करो ,,,लेकिन हमने ठेका नहीं ले रखा है उनकी जॉब लगवाने का जिनकी वजह से हम बेगुनाह होने के बावजूद दो साल से संघर्ष कर रहे है जब मैं कह रहा था कि अगर acd वाले अपने लिए पदों के सृजन की मांग सरकार से करें तो हमारे बाद उनकी भी भर्ती हो सकती है तब acd वाले मुझे बेवकफ और 91 नंबरधारी को महाज्ञानी समझ रह थे े अब भुगतो ,हमारी जॉब तो लगेगी ही वरना विशिष्ट बी टी सी ,बी टी सी और उर्दू वाले नौकरी से हाथ धो बैठेगे और सरकार बरबाद हो जायेगी ,,,
ReplyDeleteSC की पहली सुनवाई के बाद acd वालों के पैरों तले ठीक वैसे ही जमीन खिसक जायेगी जैे पिछले साल 4 फरवरी को हरकौली साहब की दहाड़ के बाद खिसकी थी
शिक्षामंत्रों को पद विहीन समायोजन के नाम पर खुश होते देखकर बहुत दुख होता है । क्या टेट पास किए बिना भारत मे कोई शिक्षक बन सकता है ?? यदि हाँ तो बहुत भोले है आप लोग । काश शिक्षामित्र अकेडमिक वालों की तरह सरकार को सर्वशक्तिमान समझकर न चलते । काश ये लोग समझ पाते कि भारत मे समाजवादी पार्टी का नही संविधान का शासन है और उससे बड़ा कोई नही । शिक्षक पद पर समायोजन के लिए शिक्षक नियमावली 1972 की धारा 19 मे प्राप्त शक्तियों का प्रयोग कर नई नियमावली बनाने की आवश्यकता नही थी बल्कि एक संशोधन मात्र करना था । इन शक्तियो के प्रयोग का सीधा अर्थ जूनियर मे अनुदेशक स्तर जैसे कैडर का गठन कर गुरुजन जैसे किसी पद पर प्राथमिक मे कार्यरत शिक्षामित्रो का समायोजित होना है और टेट से मुक्ति मिल जाएगी । सरकार भी क्या करे जब शिक्षामित्र टेट न देने की जिद पर अड गए ? शिक्षामित्र का नए पद पर मानदेय अधिकतम 10 हजार होगा और यह पद शिक्षक नही होगा । टेट न देने की जिद से शिक्षा मित्रों ने शिक्षक बनने का स्वर्णिम अवसर खो दिया । अगर टेट स्वीकार कर लेते तो शायद 80% लोग अगले 5 वर्ष मे टेट पास कर लेते और कभी न कभी शिक्षक भी बन सकते थे । जब तुलसी तुलसीदास और काली कालिदास बन सकते है तो क्या शिक्षामित्र टेट पास नही कर पाते ??? मगर अफसोस शिक्षा मित्रों के नेताओँ की 60 हजार का चंदा कर 12 हजार की बस करने की नीति योग्य शिक्षा मित्रो का भविष्य भी खा गई ।
ReplyDeleteचीजें उतनी सरल नहीं थी जितना आप लोग समझ रहे थे,,,
ReplyDeleteकल ये असंभव प्रतीत होता था और आज इसके सिवाय कुछ संभव नहीं है......
रिकार्ड नष्ट हो जाने की बात कहना तो एक बहाना है,,,,,,,,असल मकसद तो माया मैडम के विज्ञापन से मुक्ति पाना है....ठीक है मिल जायेगी..... लेकिन हमारी भी एक शर्त है,,,,,समाजवादी कैबिनेट को जय टेट मेरिट का नारा लगाना होगा और SC में ये prayer करनी होगी कि टेट मेरिट से 72825 पदों की चयन प्रक्रिया अविराम जारी रखने का आदेश जारी किया जाए जिससे चुनाव आचार संहिता और 31 मार्च की समयसीमा हमारी जॉब के बीच ना आ सके....
ReplyDeleteजय टेट मेरिट
सरकार की SLP के बारे में टिप्पणी करने से पहले मुझे पेट पकड़करहँसना आवश्यक महसूस हुआ,,,,
ReplyDeleteअगर बसपा सरकार नेअपनी मूर्खता और दुष्टता का परिचय देते हुए सहायक अध्यापकको ट्रेनी टीचर नाम दे दिया तो क्या सपा सरकार उस आधार पर चयनप्रक्रिया बदलने के लिए अधिकृत हो जाती है????
टंडन साहब के जिसआदेश का सरकार हवाला दे रही है उसे पूरा पढना भी शायद उसने मुनासिब नहीं समझा,,,,,,,
सरकार द्वारा SLP में दर्जसभी आपत्तियों को टंडन साहब ने खारिज करते हुए टेट के बैड पार्टको हटाकर टेट मेरिट से नियुक्ति का आदेश दिया था,,,,
रही बात उस्मानी कमेटी की तो न्यायमूर्ति सुशील हरकौली साहब ने उसकी रिपोर्ट की धज्जियाँ उड़ाने में कौन सी कसर छोड़ दी थी जो अब सरकार उस्मानी को बुढौती में जेल भिजवाने SC पहुँच गई!!!!!!
टेटमेरिट से नियुक्ति करने से मना करने की औकात NCTE की तो है नहीं,,,,
फिर उसकी गाइडलाइन का बहाना क्यों बनाया जा रहा है????
मेरे ख्याल से टेट संघर्ष मोर्चे में हजारों कार्यकर्ता इस लायककानूनी जानकारी हासिल कर चुके हैं कि सरकार के हर सवाल का जवाबदे सकें,,,,, महंगे वकील तो इसलिए किये जायेंगे कि हम टेट मेरिट वाले किसी का रोजगार छीनने में विश्वास नहीं करते,,,,,,,
कानून की जानकारी तो मुझे बहुत ज्यादा नही है लेकिन 72,825 शिक्षको की भर्ती के सम्बन्ध में एक बात तय है कि "भर्ती जब भी पूरी होगी 20नवम्बर2013 के माननीय उच्च न्यायलय के अदेशानुशार ही टेट की मेरिट से होगी।"
ReplyDeleteइस बीच सरकार केबल अपना और हमारा समय बरबाद कर रही है, जिसका परिणाम भी उसको भुगतना पड़ेगा।
जय हिन्द जय टेट जय भारत
33 करोड नहीँ 33 कोटि देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मेँ।
ReplyDeleteकोटि = प्रकार।
देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है, कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता। हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं........
कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मेँ:
12 प्रकार हैँ आदित्य: ,धाता, मित,आर्यमा, शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष, सविता, तवास्था, और विष्णु...!
8 प्रकार हैँ वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।
11 प्रकार हैँ- रुद्र: ,हर, बहुरुप,त्रयँबक,अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी, रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।
एवँ दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार।
कुल: 12+8+11+2=33
अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है तो इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगो तक पहुचाएं।
अपनी भारत की संस्कृति को पहचाने
ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुचाये
यही है हमारी संस्कृति की पहेचान
( ०१ ) दो पक्ष-
कृष्ण पक्ष , शुक्ल पक्ष !
( ०२ ) तीन ऋण -
देव ऋण , पितृ ऋण , ऋषि ऋण !
( ०३ ) चार युग -
सतयुग , त्रेतायुग ,द्वापरयुग , कलियुग !
( ०४ ) चार धाम -
द्वारिका , बद्रीनाथ ,
जगन्नाथ पूरी , रामेश्वरम धाम !
( ०५ ) चारपीठ -
शारदा पीठ ( द्वारिका )
, ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम ) , गोवर्धन पीठ
( जगन्नाथपुरी ) , श्रन्गेरिपीठ !
( ०६ ) चार वेद-
ऋग्वेद , अथर्वेद , यजुर्वेद , सामवेद !
( ०७ ) चार आश्रम -
ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , वानप्रस्थ , संन्यास !
( ०८ ) चार अंतःकरण -
मन , बुद्धि , चित्त , अहंकार !
( ०९ ) पञ्च गव्य -
गाय का घी , दूध , दही ,गोमूत्र , गोबर !
( १० ) पञ्च देव -
गणेश , विष्णु , शिव , देवी ,सूर्य !
( ११ ) पंच तत्त्व -
पृथ्वी , जल , अग्नि , वायु , आकाश !
( १२ ) छह दर्शन -
वैशेषिक , न्याय , सांख्य ,योग , पूर्व मिसांसा , दक्षिण मिसांसा !
( १३ ) सप्त ऋषि -
विश्वामित्र , जमदाग्नि ,भरद्वाज , गौतम , अत्री , वशिष्ठ और कश्यप !
( १४ ) सप्त पूरी -अयोध्यापूरी ,मथुरा पूरी , माया पूरी ( हरिद्वार ) , काशी ,
कांची ( शिन कांची - विष्णु कांची ) , अवंतिका और द्वारिका पूरी !
( १५ ) आठ योग -
यम , नियम , आसन ,प्राणायाम , प्रत्याहार , धारणा , ध्यान एवं समाधी !
( १६ ) आठ लक्ष्मी -
आग्घ , विद्या , सौभाग्य ,अमृत , काम , सत्य , भोग एवं योग लक्ष्मी !
( १७ ) नव दुर्गा --
शैल पुत्री , ब्रह्मचारिणी ,चंद्रघंटा , कुष्मांडा , स्कंदमाता , कात्यायिनी ,कालरात्रि , महागौरी एवं सिद्धिदात्री !
( १८ ) दस दिशाएं -
पूर्व , पश्चिम , उत्तर , दक्षिण , इशान , नेऋत्य , वायव्य , अग्नि , आकाश एवं पाताल !
( १९ ) मुख्य ११ अवतार -
मत्स्य , कच्छप , वराह ,नरसिंह , वामन , परशुराम ,श्री राम , कृष्ण , बलराम , बुद्ध , एवं कल्कि !
( २० ) बारह मास -
चेत्र , वैशाख , ज्येष्ठ , अषाढ , श्रावण , भाद्रपद , अश्विन , कार्तिक ,मार्गशीर्ष , पौष , माघ , फागुन !
( २१ ) बारह राशी -
मेष , वृषभ , मिथुन , कर्क , सिंह , कन्या , तुला , वृश्चिक , धनु , मकर , कुंभ , कन्या !
( २२ ) बारह ज्योतिर्लिंग -
सोमनाथ , मल्लिकार्जुन ,महाकाल , ओमकारेश्वर , बैजनाथ , रामेश्वरम ,विश्वनाथ , त्र्यंबकेश्वर , केदारनाथ , घुष्नेश्वर ,भीमाशंकर ,नागेश्वर !
( २३ ) पंद्रह तिथियाँ -
प्रतिपदा ,द्वितीय , तृतीय ,
चतुर्थी , पंचमी , षष्ठी , सप्तमी , अष्टमी , नवमी ,दशमी , एकादशी , द्वादशी , त्रयोदशी , चतुर्दशी , पूर्णिमा , अमावष्या !
( २४ ) स्मृतियां -
मनु , विष्णु , अत्री , हारीत ,
याज्ञवल्क्य , उशना , अंगीरा , यम , आपस्तम्ब , सर्वत ,कात्यायन , ब्रहस्पति , पराशर , व्यास , शांख्य ,
लिखित , दक्ष , शातातप , वशिष्ठ !
ॐ
आओ सभी भारतीय भाई बहन मिलके नया स्वच्छ भारत बनाये
ॐ शाति ।।
जय हिन्दी ।। जय संस्कृत ।।
जय भारत ।। वंदे मातरम् ।।
S
ReplyDeleteH
U
B
H
8
9
2
3
0
0
3
8
0
3
ना
इ
ट